शनिवार, 26 जुलाई 2025

छत्तीसगढ़ में पहली बार 72 महिला गायिकाओं द्वारा ऐतिहासिक युगल गीत गायन 'नवगीतिका' का आयोजन

 


छत्तीसगढ़ में पहली बार 72 महिला गायिकाओं द्वारा ऐतिहासिक युगल गीत गायन 'नवगीतिका' का आयोजन


रायपुर, (मिशन पॉलिटिक्स न्यूज़) कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत करते हुए, तराना ग्रुप द्वारा 'नवगीतिका' नामक एक अद्वितीय गायन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम 27 जुलाई, 2025 को अग्रसेन भवन, पुरानी बस्ती, रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित होगा।

'नवगीतिका' छत्तीसगढ़ के संगीत इतिहास में पहली बार एक ऐसा मंच प्रस्तुत करेगा जहाँ 72 महिला गायिकाएं विभिन्न भाषाओं में 36 युगल गीत प्रस्तुत करेंगी। यह आयोजन न केवल संगीतमय प्रतिभा का प्रदर्शन होगा, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगा।

इस भव्य कार्यक्रम के निर्देशक कैलाश छाबड़ा हैं, जबकि कार्यक्रम के सफल संचालन की जिम्मेदारी मनीषा नटाल संभाल  रही हैं। मंच संचालन की भूमिका सुभाषिनी जॉर्ज निभाएंगी, जो अपनी ओजस्वी वाणी से कार्यक्रम में चार चांद लगाएंगी।

तराना ग्रुप का 'नवगीतिका' कार्यक्रम महिला कलाकारों को एक साथ लाकर उनकी प्रतिभा को सम्मानित करने और उन्हें सशक्त बनाने का एक अनूठा प्रयास है। यह निश्चित रूप से दर्शकों के लिए एक अविस्मरणीय संगीतमय अनुभव होगा और छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।

  निर्देशक कैलाश छाबड़ा ने समस्त मीडिया बंधुओं से निवेदन किया हैं कि वे इस ऐतिहासिक आयोजन को कवर कर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाएं।

कार्यक्रम विवरण:

 * नाम: 72 नवगीतिकाओं का युगल संगम

 * आज दिनांक: 27 जुलाई, 2025

 * स्थान: अग्रसेन भवन, पुरानी बस्ती, रायपुर, छत्तीसगढ़

*समय - शाम 6 बजे से 11 बजे तक

 * विशेषता: छत्तीसगढ़ में पहली बार 72 महिला गायिकाओं द्वारा विभिन्न भाषाओं में 36 युगल गीत।

 * निर्देशक: कैलाश छाबड़ा

 * आयोजक: मनीषा नटाल

 * एंकर: सुभाषिनी जॉर्ज

सोमवार, 21 जुलाई 2025

रायपुर में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का बैठक संपन्न,

  रायपुर में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का बैठक संपन्न,

रायपुर (मिशन पॉलिटिक्स न्यूज़) छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ का प्रदेश स्तरीय बैठक पंडरी रायपुर में संपन्न हुआ,जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए सरकार की वादा खिलाफी को लेकर जमकर विरोध दर्ज किया गया उपस्थित कर्मचारियों ने  कहा छ्ग प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता में आने के पूर्व मोदी की गारंटी में 100 दिन के भीतर में समिति बनाकर नियमितीकरण करने का वादा किया गया था


परंतु त्तासीन सरकार कुर्सी में बैठते ही दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण,एवं स्थायीकरण के वादा को भूल गया है, जिसके कारण अनियमित,दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों में रोष व्याप्त होते जा रहा हैं। 

वर्तमान के वित्त मंत्री व सांसद विजय बघेल जी ने विडियों जारी कर दैनिक वेतनभोगियों का नियमितीकरण, स्थायीकरण किये जाने की बाते कहकर विडियों जारी किया गया था! 



छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ ने आगे बताया दिनांक 11.08.2024 से 27.09.2024 तक 48 दिनों तक अनिश्चित कालीन हड़ताल में रहे, वन मंत्री जी द्वारा अकास्मिक्ता कार्यभारित सेवा नियम लागू  किये जाने तथा स्थायीकरण किये जाने का आश्वासन दिया गया था। किन्तु आज दिवस तक पूरा नही हो पाया है जिसके कारण दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों पुन: हड़ताल में जाने की रूप रेखा तैयार कर रहे है। 

वर्तमान में वन मंत्री वित्त विभाग में जो प्रस्ताव भेजा गया है,उसे वित्त मंत्री द्वारा स्वीकृति प्रदान नही किया गया, फाईल वित्त विभाग में अटका पड़ा है जिसके कारण दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारियों ने रायपुर में प्रदेश व्यापी बैठक रखकर रणनीति बनाया गया है। अगर सरकार समय रहते मांगों को पूरा नहीं करती है तो वित्त मंत्री के  रायपुर व रायगढ़ निवास का घेराव किया जायेगा। कर्मचारी नेताओ ने आगे बताया कि



सरकार के मंत्रियों की मंशा है कि लास्ट में स्थायिकारण करेंगें तब हमें वोट मिलेगा ऐसा विचार बनाकर चला जा रहा है,किन्तु याद रहे कि देर से किया हुआ न्याय भी अन्याय के समान है। उन्होंने बताया कि पूर्व में रमन सरकार के कार्यकाल में ऐसा ही किया गया था,शिक्षा कर्मियों को लास्ट में नियमित किया फिर क्या हुआ सब जानते है! 

ननेताओं ने आगे कहा- हर राजनीति पार्टी अब झुठ बोलकर सत्ता हासिल करते है पर जो कहते है उसे करते नही है यहीं  सब से बड़ी चिंता का विषय है, लेकिन अब वोटर समझदार हो चुके है!

सरकार की दोहरी नीति के संदर्भ मे नेताओं ने कहा-  सरकार नियमितीकरण करेंगें तो सुप्रिम कोर्ट का अवहेलना होगा यही सोंचकर निर्णय नही लिया जा रहा है! हमें स्वीकृत रिक्त पदों में नियमितीकरण न करते हुए हम दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी व श्रमिकों के लिये कैबिनेट में निर्णय लेकर सांख्येत्तर पद स्वीकृत कर नियमितीकरण कर सकते है जिसके लिये सरकार सक्षम हैं। 

लेकिन जिस भी पार्टी की सरकार बनती है,सब अपना रटा रटाया राग अलापकर किनारे हो जाते है!

अब पूरे छत्तीसगढ़ में न्याय की गुहार में जंगी प्रदर्शन की तैयारी में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ की मंशा है,उपस्थित नेता गण ने आगे कहा यदि यहाँ बात नही बनी तो दिल्ली के रामलीला मैदान में हड़ताल में बैठने की तैयारी की जाएगी अब लड़ाई आर पार की रहेगी,लोगों का उम्र निकलते जा रहा है जब 62 वर्ष किया जायेगा तब नियमितीकरण करने से  किसका लाभ मिलेगा? 

शासन का ढ़ेड़ साल बिता चुके है आज तक निर्मित कमेटी  कोई निर्णय नही ले पाई है, हताश दैनिक वेतनभोगी लंबी लड़ाई लड़ने के मुड में  है। 

उपस्थित नेताओं ने कहा प्रदेश के वित्त मंत्री  जो प्रस्ताव वन विभाग की ओर भेजा गया उसे जल्द पारित किया जाए ताकि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को उनका अधिकार मिल सकें और मोदी की गारंटी का मान बना रहे!


छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ के रायपुर जिलाध्यक्ष अरविंद वर्मा को संघ के प्राथमिक सदस्यता से पृथक कर दिया गया है, उनके स्थान अजय गुप्ता को रायपुर जिला का जिलाध्यक्ष, अशोक विश्वकर्मा जिला उपाध्यक्ष, सनत भतपहरी जिला उपाध्यक्ष, कोमल साहु जिला सचिव,खगेश साहु जिला संगठन मंत्री,नरोत्तम सिन्हा जिला संगठन मंत्री, खुबीलाल वर्मा अध्यक्ष राजीव स्मृतिवन,आजूराम पटेल अध्यक्ष माना नर्सरी,राधेश्याम वर्मा अध्यक्ष तिल्दा नेवरा एवं जिला कार्यकारिणी सदस्य मनहरण साहु ,सूर्य प्रकाश,केशर बंजारे,छबिराम,जितेन्द्र साहु,घनश्याम जांगड़े, रायपुर जिला पदाधिकारियों को सर्व सहमती से बनाया गया !

शुक्रवार, 4 जुलाई 2025

वन विभाग में ड्रायवरों की सीधी भर्ती के प्रश्न पत्र लिक होने का अंदेशा

 वन विभाग में ड्रायवरों की सीधी भर्ती के  प्रश्न पत्र लिक होने का अंदेशा 


अलताफ़ हुसैन 

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) छ्ग वन विभाग के  वो दिन लद गए जब कुछ वर्ष पूर्व कोई भी मैदानी अमला के फॉरेस्ट गार्ड, फॉरेस्टर एवं डिप्टी रेंजर स्तर के वन अधिकारी,कर्म चारी छोटी बड़ी गड़बड़ घोटाला,अनियमितताएं, एवं भ्रष्टाचार कर उच्च स्तर के अधिकारियों के लिए कामधेनु बन कर उनकी इच्छाएं पूर्ण कर  दुधारू गाय की भूमिका का निर्वहन करते थे और सभी प्रकार के मैनेजमेंट कर बड़ी शान शौकत और ठाठ बाठ से रहते थे परंतु अब वह दिन बहुर गए न वो आन बान रही और न ही वो शान रह गई क्योंकि जब से आधुनिक तकनिक ई कुबेर,का भुगतान होनें से  विभागीय कार्य प्रणाली मे अमूलचूल परिवर्तन होने लगा और जो निचले मैदानी अमले के कर्मचारियों से लेकर रेंजर स्तर के अधिकारी तक समस्त काला पीला कर उच्च अधिकारियों की जेब गर्म कर उनके नयन तारा बनते थे अब उनकी पूछ परख नगण्य हो चुकी है सिर्फ वे बिल बाउचर, जैसे कार्य में हस्ताक्षर, करने जैसे आर्थिक व्यवस्थापन की कुंजी बन चुके है जिसकी वजह से वे बहुत सी विकट परिस्थितियों से गुजर रहे है क्योंकि समस्त कार्यों का उच्च स्तरीय केंद्रीय करण कर मुख्यतः डी. एफ.ओ.  उप वन मंडलाधिकारी, एवं तनिक  व्यवस्था का पॉवर रेंजर तक सीमित कर दिया गया है क्योंकि संपूर्ण विभागीय कार्य कम्प्युटर इंटरनेट पर होने लग गया कोई भी कर्मचारी अपनी कलम फसाना नही चाहता और विभागीय कानूनी दांव पेज व्यवस्था की वजह से बहुत से कार्यों से वे दूरी बनाए रखे हुए है यही वजह है कि लगभग राज्य के सभी वन मण्डलाधिकारी और इनके उपर बैठे आला अधिकारी के हाथों मे समस्त, लेन देन, भुगतान, जैसी अर्थ व्यवस्था की संपूर्ण बागडोर ले ली गई है तब से, ही गड़बड़ घोटाला, अनीयमितता, भ्रष्टाचार, का ग्राफ छोटे मोटे लाख दो लाख के नही बल्कि  दसों बीसों लाखों से लेकर करोड़ों का ऊँचा खेल खेला जाने लगा है तथा शासन प्रशासन और आम जन की  नज़र इन निचले स्तर के कर्मचरियों तक महदुद्।रह गई है और ख्वामखाह अधिनस्थ कर्मचारी को बलि का बकरा बना दिया जाता है अब इसी कड़ी में धमाकेदार,ताजा उदाहरण विगत कुछ माह पूर्व रायपुर जिले अंतर्गत  हल्के और भारी वाहन चालकों की सीधी भर्ती प्रकरण का मामला सामने आया है जिसमें लिखित परीक्षा में पेपर लिक होने की बात सामने आ रही है सवाल उठाया जा रहा है कि जब वाहन चालक भर्ती के प्रयोगिक लिखित पेपर लिक हो सकती है तो शंका व्यक्त की जा रही है कि बहुत से प्रति चयनित  अभ्यर्थियों से  लाखों रुपये लेन देन कर  उन्हे चालक पद पर सुशोभित किया जा सकता है  जिसमे गणित का गुण भाग करने वाले गणितज्ञ यह अनुमान लगा रहे है कि प्रति व्यक्ति आठ से दस लाख रुपये लेने वाले ने  लाखों का नही बल्कि करोड़ों का खेल कर दिया है 


                  हमारे विश्वसनीय सूत्रों से यह ज्ञात हुआ है कि रायपुर वन मंडल अंतर्गत 14 भारी और 4 हल्के  वाहन चालकों की चयनित अभ्यर्थी के रूप में चयन किया गया जिसमे    उनके परीक्षा से लेकर चयन प्रक्रिया तक सवाल उठाया जा रहा है हमें प्राप्त दस्तावेज से इस बात का अभास हुआ है कि जब  गोपनीय प्रश्न पत्र हमे मिल सकता है तो अनुमान लगाया जा सकता है कि कितने अन्य अभ्यर्थियों तक उक्त प्रश्न पत्र पहुँच गया होगा इसका अनुमान लगाया जा सकता जबकि ज्ञात हुआ है कि प्रश्न पत्र  कोई विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों ने सैट नही किया बल्कि उपर बैठे वरिष्ठ अधिकारियों ने आर टी ओ या यातायात पुलिस विभाग के सहयोग से प्रश्न पत्र को बड़ी गोपनीय तरीके से सेट कर बनाया गया था तथा यह वन मंडल स्तर के अधिकारियों की निगरानी एवं सुरक्षा में कंम्यूटर अथवा लेपटॉप में रखा गया था उसके बावजूद भी प्रश्न पत्र लीक कैसे हो गया ? यह बहुत बड़ा सवाल है जबकि नियम अनुसार परिक्षा हॉल मे किसी भी प्रकार की अनुचित सामाग्री  जैसे मोबाइल, लेपटॉप इलेक्ट्रानिक, उपकरण इत्यादि ले जाना सख्त वर्जित था तथा समय अवधि में उसे तत्काल जमा कराना था उसके बावजूद फिर भी पेपर कैसे लीक हुआ और बाहर आया कैसे और आज हम तक भी पहुँच गया यह बहुत बड़ा विचारणीय पक्ष है बताया जाता है बहुत से परिक्षार्थि सही उत्तर देकर शत प्रतिशत सभी प्रश्नों का हल सांकेतिक चिन्ह के मध्यम से बगैर काट छाट के पूर्ण कर लिए और वे चयनित भी हो गए  इसका ताजातरीन उदाहरण यह भी माना जा रहा है कि हाल ही बलौदाबाजार वन मण्डल कार्यालय के हलका,भारी वाहन चालकों की सीधी भर्ती में वाहन चालन कौशल परीक्षा  वाहन मशीन ज्ञान, की प्रायोगिक परीक्षा ली गई थी जिन्हे बहुत से अभ्यर्थियों को पूर्णांक से अधिक नम्बर दे दिए गए अब यह कैसे हो गया यह वही बात हुई कि अल्लाह मेहरबान, तो गधा पहलवान.... अर्थात बगैर व्यवस्था और 

सहयोग के यह सब असंभव नही है इसके लिए तत्कालीन डी एफ ओ या उप वन  मण्डल अधिकारी से निचले स्तर के किसी लिंक मध्यम से जोड़ तोड़ कर सेटिंग कार्यक्रम किया गया तथा इसकी भनक तक नही लगी परंतु बाद में इसका खुलासा हुआ  कुछ इसी प्रकार की लिंक और जोडतोड गुणा भाग रायपुर डिविजन में भी हुआ है विभाग के बहुत से कर्मचारियों के मध्य इस बात को लेकर चर्चा गरम है कि हलके भारी वाहन चालकों की सीधी भर्ती चयन प्रक्रिया में बहुत बड़ा खेल दिख रहा है इस संदर्भ में अरण्य भवन के कुछ विभागीय कर्मचारियों ने सूचना के अधिकार के तहत सीधी भर्ती के संदर्भ मे जानकारी मांगी थी परंतु उन्हे गोल मोल जवाब देकर मामले को शांत कर दिया गया परंतु हमें जिस प्रकार विभागीय प्रश्न पत्र की गोपनीय कॉपी प्राप्त हुई है साथ ही चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी मिली है उसमें बहुत बड़ा खेल दिखाई दे रहा है जिसका सूक्ष्मता से अवलोकन किया जा रहा है तथा बहुत से संदिग्ध नाम लग रहे है जिसकी पुष्टि पश्चात ही उस नाम को प्रकाशित किया जाएगा गौर तलब है कि वन विभाग मे बहुत से वाहन चालक कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी के रूप में अनेक वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे है परंतु वन विभाग उनकी सेवाएं को दर किनारा कर नई सीधी भर्ती के पीछे उनकी क्या मंशा है यह समझ से परे है इस संदर्भ में कुछ विभागीय वाहन चालक कर्मचारी का मत है कि सीधी भर्ती के पीछे उपर बैठे अधिकारियों की मंशा अर्थ व्यवस्था सुदृढ करना है और यदि इमानदारी से प्रक्रिया किया गया था तो हमें सूचना के अधिकार,2005 के तहत जवाब प्रस्तुत क्यों नही दिया गया यह बात भी कही जा रही है कि प्रदेश भर में सेकडों अभ्यर्थियों के बीच यदि कुछ अभ्यर्थियों से प्रति आवेदक से आठ से दस लाख रुपये लिया गया होगा तब भी करोड़ दो करोड़ का गड़बड़ी, और फर्जीवाड़ा तो कर ही दिया गया है