मंगलवार, 22 अगस्त 2023

वन विभाग की पत्रिका छत्तीसगढ़ वनोदय का प्रकाशन


वन विभाग की पत्रिका छत्तीसगढ़ वनोदय  का प्रकाशन


रयपुर छग वन विभाग एवं वन विकास निगम  की सर्वाधिक पढ़े जाने वाली  हिंदी त्रैमासिक पत्रिका छत्तीसगढ़ वनोदय का प्रकाशन हो गया  शीघ्र ही  छत्तीसगढ़ वनोदय पत्रिका का प्रकाशित अंक की प्रति पाठकों के हाथों में होगा बता दे कि वन विभाग,वन विकास निगम की तथ्य परक विकास पूर्ण योजनाओं पर सामग्री प्रकाशित की जाती है अतएव इस अंक में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा हरित क्रांति के उद्देश्य से जनकल्याण कारी विकास परक योजनाओं पर केंद्र बिंदु बनाया गया है जिसमे कृष्ण कुंज, मुख्यमंत्री वन संपदा योजना, जिसका लाभ कृषक सहित सभी वर्ग के हितग्राही इसका लाभ भविष्य में उठाएंगे वही कृषि और जल संरक्षण के उद्देश्य से  नरवा योजना,बंजर पड़त भाटा भूमि में हरियाली प्रसार हेतु बहुत से अतिक्रमणकारियों से संरक्षित कर राजस्व भूमि सुरक्षित करने के उद्देश्य से चयनित स्थलों में लाखों असंख्य पौधों का सफल रोपण,  प्रभु श्री राम वन गमन मार्ग में पथ रोपण सहित 26 वीं वन खेलकूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ वन विभाग के साहसी खिलाड़ियों द्वारा प्रदेश को सिरमौर बनाने जैसे रोचक  लेख प्रकाशन किया गया है  विभागीय कार्यों के अलावा वन्य प्राणियों के चारागाह निर्माण जैसी उपलब्धि भी प्रस्तुत की गई है यही नही  इस अंक में बहुत से रोमांचक लेख जैसे निगम कर्मियों से हाथियों से समना जैसे लेख प्रकाशित किया गया है ज्ञातव्य हो कि कि छत्तीसगढ़ वनोदय पत्रिका का प्रकाशन विभाग के कर्मठ अधिकारी,मैदानी अमले के जाबांज वन कर्मियों के ईमानदारी से संपादित कराए गए  कर्तव्य दायित्वों का निर्वहन जैसे कार्यों का छग वनोदय पत्रिका के संपादक मंडल द्वारा रूबरू होकर साक्षातकार लेकर प्रतिसाद स्वरूप संकलित किया जाता रहा है जिसे वन विभाग,वन विकास निगम के विगत  दो वर्षों से कार्य को संकलित कर पत्रिका के रूप में लगातार प्रकाशित  किया जा रहा है  छत्तीसगढ़ वनोदय त्रैमासिक पत्रिका का यह द्वितीय वर्ष है इस के स्वामी  प्रकाशक एवं संपादक अलताफ हुसैन तथा सह संपादक मजहर इकबाल है छत्तीसगढ़ वनोदय पत्रिका के संपादक मंडल के सभी मित्रों ने  नवीन ताजा अंक के प्रकाशन पर सभी वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारी,मैदानी अमले द्वारा प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से समाचार संकलन में   सहयोग दिए जाने पर उनका हृदय से आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया है

मंगलवार, 15 अगस्त 2023

बदहाली स्थिति में काष्ठागार था कैम्पा मद से क्वार्टर,कार्यालय का निर्माण

 बदहाली स्थिति में काष्ठागार था कैम्पा मद से  क्वार्टर,कार्यालय का निर्माण 


विगत कई वर्षों से वन विभाग के  रायपुर वन मंडल कार्यालय के अधीन बहुत से  निस्तारी काष्ठागार डिपो की स्थिति जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी थी उनका कोई भी पुरसाने हाल नही था यथावत स्थिति में टीन टप्पर और कवेलू की झोपड़ी नुमा स्थान पर बहुत से काष्ठागार संचालित हो रहे थे इन्हें देख कर कोई भी दया की कतार दृष्टि से अवश्य देखता था 


परंतु रायपुर वन मंडल कार्यालय के संवेदन शील वन मंडल अधिकारी विश्वेश कुमार झा ने कष्ठागार डिपो की दयनीय स्थिति देखी तो उनके पुनरुद्धार की पहल की तथा तब कार्य योजना निर्माण कर समस्त काष्ठागार में आमूलचूल परिवर्तन और नव निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजा गया  जिसकी स्वीकृति कैम्पा मद से दी गई तथा रायपुर वन मंडल के अधीन समस्त काष्ठागार निस्ता़री डिपो का नव निर्माण प्रारंभ हुआ उन्ही जर्जर निस्तारी डिपो में  विधान सभा के समीप स्थित बरौंदा डिपो भी एक था जहां एक झोपड़ी नुमा स्थल में दशकों से कार्य संचालित हो रहा था  


जिसके नव निर्माण कार्यालय सहित वन रक्षक आवासी परिसर भवन कर काया कल्प किया गया तथा वर्तमान नव निर्मित भवन की स्थिति  लगभग पंचांनबे (95%) प्रतिशत कार्य का संपादन पूर्ण करा लिया गया रायपुर वन मंडल के रायपुर तिल्दा परिक्षेत्र में विधान सभा के समीप स्थित बरौंद काष्ठागार निस्तारी डिपो स्थित वन रक्षक क्वार्टर के निर्माण संदर्भ  में एस. डी.ओ.विश्वनाथ मुखर्जी साहब से चर्चा किए जाने पर बताया कि वन मंडल रायपुर के अधीन काष्ठागार डिपो काफी प्राचीन और जर्जर अवस्था में पहुंच चुका था वन कर्मी बड़ी विकट परिस्थिति में कार्य संपादन करते थे सभी ऋतुओं का  प्रभाव कार्य और वन कर्मी झेलते थे जिसे डी.एफ.ओ. विश्वेश कुमार झा ने महसूस किया इसके नव निर्माण में पहल करते हुए कैम्पा मद से सभी काष्ठागार का निर्माण की अनुमति दी एस.डी.ओ. विश्वनाथ मुखर्जी ने आगे बताया कि रायपुर वन मंडल के अधीन सभी काष्ठागार स्थल में चौगद्दी दीवार के साथ बाउंड्री वॉल निर्माण करने के आदेश दिए  साथ ही मुख्य गेट का निर्माण करवाया गया ताकि डिपो के काष्ठ और निस्तारी सामग्री सुरक्षित रखा जा सके रायपुर तिल्दा परिक्षेत्र के पूर्व रेंजर साधे लाल बंजारे ने बताया कि बरौंदा काष्ठागार डिपो में वन कर्मियों को बैठने का समुचित स्थान नहीं था पूर्व में निर्मित झोपड़ी में इसका संचालन होता था सर्व प्रथम गेट के समीप कार्यालय का निर्माण किया गया जहां से कार्य सुचारू ढंग से जारी हुआ 



वही रायपुर तिल्दा परिक्षेत्र के वर्तमान रेंजर सतीश मिश्रा बताते है कि भवन क्वार्टर न होने से वन कर्मी भी संध्या पश्चात पलायन कर जाते थे जिससे डिपो चौकीदार के भरोसे रहता था अब यह स्थिति नही होगी रायपुर रेंजर सतीश मिश्रा कहते है कि काष्ठागार के दिन बहुरेंगे यह तो तय था परंतु  रायपुर वन मंडल के वन मंडलाधिकारी विश्वेश झा साहब की दूर दर्शी सोच ने संपूर्ण क्षेत्र की कायाकल्प कर रख दी जिसकी वजह से सभी वन कर्मी गदगद है तथा दोगुने उत्साह से कार्य संचालित कर रहे है साथ ही काष्ठ सामग्री भी अब पूरी तरह सुरक्षित हो गया है 


   रायपुर परिक्षेत्र के बसोड़  डिपो प्रभारी एस.के.सामंतराय ने बताया कि बसोड़  उपभोक्ता डिपो में समस्त वीआईपी बेरीकटिंग कार्य एवं बसोड  को रियायत दर पर बांस दिया जाता है उन्होंने बताया कि कोरोना काल के भयावह  स्थिति में जिस समय लोग घर से पर निकलने से डरते थे उस समय हमारे मार्गदर्शक वन मंडला अधिकारी श्री विश्वेश कुमार झा साहब के मार्गदर्शन में  रायपुर नगर निगम के सारे जोन में लगभग 20 लाख का लकड़ी दाह संस्कार हेतु बसोड़ डिपो से ही प्रदाय किया गया था यही नही वे आगे बताते है कि भविष्य में आसपास के समस्त ग्रामीणों को मनरेगा के तहत  रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डिपो में रिक्त स्थल पर शीघ्र नर्सरी कार्य प्रारंभ किया जाएगा जिससे आसपास क्षेत्रों के लिए पेड़ पौधे  सहजता से उपलब्ध हो सकेगा 
बसौड काष्ठागार डिपो के फॉरेस्ट और प्रभारी  एस.के.सामंत राय से चर्चा करने पर बताया कि वन रक्षक क्वार्टर को वर्तमान आधुनिक स्तर पर निर्माण किया गया है  जिसमे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है दो  बड़ा कमरा, बड़ा हॉल  सहित खुले खिड़की दरवाजे निर्माण किया गया उसके पीछे की तरफ आधुनिक किचन स्थल निर्माण कराया गया जिसमे हवादार खिड़की लगाई गई है ताकि मुक्त वातावरण में खाद्य सामग्री,भोजन निर्माण किया जा सके बारौंदा डिपो प्रभारी सामंत राय बताते है कि किसी भी निर्माण में किसी प्रकार का कोई समझौता नही किया गया है  समस्त कमरों में हॉल किचन में उत्तम क्वालिटी के आकर्षिक टाइल्स लगाए गए  है प्रवेश  दरवाजे सहित सभी कमरों में लकड़ी के दरवाजे लगाए गए है सभी कमरे सहित किचन जगह में खिड़की लगी है ताकि स्वच्छ शुद्ध हवा का झोका भीतर तक पहुंच सके बारौंद डिपो प्रभारी एस.के.सामंतराय आगे बताते है कि लेट बॉथ को बाहरी हिस्से में निर्माण किया गया है उसी के बगल में रिक्त भूमि है जहां खुला हिस्सा में आंगन है वहां सूर्य की किरणे की तेज से वातावरण को खुशनुमा  बनाएगा वही मुख्य दरवाजे पर पोर्च भी निर्माण किया गया है जहां गाड़ी,मोटर सायकल रखा जा सके डिपो प्रभारी एस.के.सामंत राय आगे बताते है कि संपूर्ण क्वार्टर को आधुनिकता के साथ निर्माण किया गया हैं लगभग छ लाख से ऊपर राशि लगाई गई है कोई भी वन कर्मी सपरिवार वहां जब भी निवास करेगा तो उन्हे सुखद अनुभूति होने का लाभ प्राप्त होगा उनका कथन है कि जीवन में प्रत्येक व्यक्ति का मकान का एक सपना जरूर रहता है भले ही सेवा काल में स्वयं का निजी मकान    निर्माण नही कर सकता है  मगर शासकीय सेवा में निवास करते हुए आवासीय मकान का यह सपना बरौंदा कष्ठागार परिसर में पूरा जरूर हो सकता है जिसके लिए रायपुर वन मंडल के डी एफ ओ विश्वेश कुमार झा सहित समस्त अधिकारी गण बधाई के पात्र है

शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

आरंग हरदीडीह में फलदार वृक्षारोपण से ग्रामीणों को मिलेगा आर्थिक लाभ

 आरंग हरदीडीह में फलदार वृक्षारोपण से ग्रामीणों को मिलेगा आर्थिक लाभ


अलताफ हुसैन

छग शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वन मंत्री मोहम्मद अकबर की मंशा अनुरूप प्रदेश में हरित क्रांति लाने के लिए बहुत सी योजनाओं का वन विभाग का मैदानी अमला द्वारा सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है जिससे प्रदेश की पड़त भाटा भूमि और राजस्व भूमि में लगातार प्लांटेंशन किया जा रहा है ऐसी कोई भी अब पड़त भाटा भूमि मैदानी क्षेत्र का राजस्व भूमि रिक्त दिखाई नही दे रहा है जिससे चहुंओर हरियाली परिलक्षित न हो रही हो इसी क्रम में रायपुर वन मंडल के तहत आरंग परिवृत समोदा नगर पंचायत के हरदीडीह ग्राम के राजस्व भूमि में लगभग बीस हेक्टेयर पड़त राजस्व भूभाग में  22000 फलदार पौधों का सफल रोपण किया गया जो अपने आप में एक मिसाल मानी जा रही है चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि उक्त क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत  फलदार पौधे लगाए गए है कारण यह माना जा रहा है कि बहुत से वन्य प्राणीयों जिनमे वानरो की संख्या अत्यधिक है उनके द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के घरों को क्षतिग्रस्त करते है तथा भालू सहित शाकाहारी वन्य प्राणियों का लगातार आवागमन बना रहता है जिनके भावी फल फूल खाद्यान्न चारे की व्यवस्था  सुनिश्चित करने के उद्देश्य की मंशा नजर आ रही है इस संदर्भ में


 वरिष्ठ रायपुर वन मंडल अधिकारी विश्वेश झा का कथन है कि ग्राम हरदीडीह  में अस्सी प्रतिशत फलदार रोपण का उद्देश्य वन्य प्राणियों को भविष्य में बड़ी सहजता के साथ सुचारू रूप से फलदार पौधे उपलब्ध हो सकेंगे वही स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा डी.एफ.ओ. विश्वेश झा आगे बताते है कि रिक्त भूमि पर लगातार अतिक्रमण सहित समीप स्थित नदी से रेत उत्खनन किया जा रहा था जिसकी वजह से नदी का कटाव का दायरा भी बड़ रहा था इससे समीप ग्राम वासियों और क्षेत्र को भगौलिक स्थिति में व्यापक असर पढ़ता उन्होंने आगे कहा कि रोपण से बीस हेक्टेयर भूमि सुरक्षित हो गई है 


रायपुर वन मंगल के उप वन मंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी का कथन है कि रोपण क्षेत्र में लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है प्रथम निंदाई गुड़ाई और उपचार हेतु खाद इत्यादि डाली जा रही हैं सुरक्षात्मन दृष्टिकोण से पोल फेंसिंग की गई है तथा मुख्य मार्ग में गेट लगाया गया है ताकि मवेशियों चराई से सुरक्षित रखा जा सके  एस डी ओ विश्वनाथ मुखर्जी आगे बताते है कि स्थानीय कर्मियों को चौकीदारी नियुक्त की गई है जो रोपण क्षेत्र में निगरानी कर रहे है   वही रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा इस संदर्भ में बताते है कि बहुत से ग्रामीण राजस्व भूमि पर साग सब्जी एवं अन्य काश्तकारी किया जाता था जिससे अतिक्रमण की आशंका बढ़ गई थी परिक्षेत्र अधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि 22 हजार पौधों का सफल रोपण काम समय में कड़ी मेहनत से किया गया है और अल्प समय में ही बड़ी तेजी से पौधे बढ़त बनाए हुए है 


नवा रायपुर रेंजर श्री सतीश मिश्रा आगे बताते है कि आरंग परिवृत क्षेत्र अंतर्गत अन्य ग्रामों में रोपित किए गए वृक्षारोपण में अधिकांश फलदार,फूलदार पौधे लगाए गए है ताकि क्षेत्र  प्रदूषण मुक्त होने के साथ साथ  स्थानीय ग्रामीणों को भावी रोजगार मुहैया उपलब्ध हो सके रायपुर वन मंडल अंतर्गत आरंग परिवृत के अनुभवी कार्यों के प्रति जुझारू समर्पित निष्ठावान डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव जो फील्ड में सदेव तत्पर नजर आते है उन्होंने बताया कि हरियाली प्रसार के तहत खमतराई,6 हेक्टेयर, परसदा मु.,3 हेक्टेयर,तुलसी से परसदा मार्ग दो किलोमीटर, ग्राम तुलसी 6हेक्टेयर,ग्राम हरदीडीह 20 हेक्टेयर, गुल्लू भाग दो में 8 हेक्टेयर में  लगभग छ  पृथक स्थानों पर राजस्व भूमि एवं सड़क मार्ग में  पचहत्तर हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया है जिसकी वर्तमान स्थिति बेहतर और बढ़त बनाए हुए है


आरंग परिवृत के डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव आगे बताते है कि इसके लिए वरिष्ठ वन मंडल अधिकारी विश्वेश झा अनुभवी रायपुर वन मंडल के एस डी ओ. विश्वनाथ मुखर्जी, रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा के मार्गदर्शन और दिशा निर्देश पर संपूर्ण रोपण कार्य संपादित हुआ है अब क्षेत्र में चहुओर हरियाली बढ़ गई है डिप्टी रेंजर ध्रुव आगे बताते है कि 22000 रोपण पौधे तीन बाई तीन के  अंतराल में लगाएं गए है जिसमे अस्सी प्रतिशत से अधिक फलदार पौधे रोपित किए गए है जिनमे,जामुन,अमरूद, हर्रा, बेहडा,आंवला,सीताफल,

बोहार,शिशु,नीम,इमली, खम्हार,पीपल,बांस,चारु,

बेल, इत्यादि पौधे लगाए गए है आरंग डिप्टी लोकनाथ ध्रुव बताते है कि अधिक फलदार पौधे लगाने की मंशा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अनुरूप किया गया है जो तेजी से बढ़ने वाले पौधे है इसका लाभ वन्य प्राणियों सहित  स्थानीय ग्राम वासीयों को प्राप्त होगा छ वर्ष तक इसकी सुरक्षा,व्यवस्था, निंदई,गुड़ाई, वृद्धि,,ग्रोथ,उपचार,

केज्यूवल्टी  विभाग द्वारा निष्पादन किया जाएगा पश्चात नगर पंचायत के अधीन ग्राम को हैंडवर्क कर दिया जाएगा 


श्री ध्रुव आगे बताते है कि ऐसे फलदार पौधों से प्राप्त कृषि फल उत्पादन पश्चात ग्राम सरपंच द्वारा स्थानीय ग्रामीणों को भविष्य में रोजगार उपलब्ध कराकर फल विक्रय कर लाभ उठाया जाएगा जिससे अतिरिक्त आय का साधन निर्मित होगा आरंग डिप्टी लोकनाथ ध्रुव ने आगे बताया यह योजना मुख्यमंत्री वृक्ष वन संपदा योजना के समान है जिसका आर्थिक लाभ चार से पांच वर्ष पश्चात भविष्य में स्थानीय ग्राम वासियों को प्रारंभ हो जाएगा आरंग डिप्टी लोकनाथ ध्रुव आगे कहते है कि मैदानी क्षेत्र के सभी वन कर्मी पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहे है इस संदर्भ में ग्राम हरदीडीह वृक्षारोपण क्षेत्र अवलोकन हेतु जब वहां पहुंचा गया तब


 रोपण क्षेत्र में आरंग वन रक्षक सावन कुमार साहू रोपण क्षेत्र में खाद,दावा छिड़काव करवा रहे थे उनसे बात करने पर बताया कि छ माह तक थाला निर्माण कर निंदाई गुड़ाई,उपचार कार्य कर लिया जाएगा अभी सभी पौधे स्वस्थ्य है और पूरी बढ़त बनाए हुए है कीट प्रकोप से बचाव के लिए दवा खाद छिड़काव जारी है वन रक्षक सावन कुमार साहू ने बताया कि सावन का मौसमी वर्षा होने से सिंचाई नही की जा रही है परंतु सिंचाई उत्खनन हेतु बोरिंग लगाया जाएगा चार,पांच वर्ष पश्चात रोपण में फल लगना प्रारंभ हो जाएंगे जिसका लाभ स्थानीय ग्रामीणों को प्राप्त होगा इनकी आर्थिक सुदृढता बढ़ जाएगी