बदहाली स्थिति में काष्ठागार था कैम्पा मद से क्वार्टर,कार्यालय का निर्माण
विगत कई वर्षों से वन विभाग के रायपुर वन मंडल कार्यालय के अधीन बहुत से निस्तारी काष्ठागार डिपो की स्थिति जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी थी उनका कोई भी पुरसाने हाल नही था यथावत स्थिति में टीन टप्पर और कवेलू की झोपड़ी नुमा स्थान पर बहुत से काष्ठागार संचालित हो रहे थे इन्हें देख कर कोई भी दया की कतार दृष्टि से अवश्य देखता था
परंतु रायपुर वन मंडल कार्यालय के संवेदन शील वन मंडल अधिकारी विश्वेश कुमार झा ने कष्ठागार डिपो की दयनीय स्थिति देखी तो उनके पुनरुद्धार की पहल की तथा तब कार्य योजना निर्माण कर समस्त काष्ठागार में आमूलचूल परिवर्तन और नव निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजा गया जिसकी स्वीकृति कैम्पा मद से दी गई तथा रायपुर वन मंडल के अधीन समस्त काष्ठागार निस्ता़री डिपो का नव निर्माण प्रारंभ हुआ उन्ही जर्जर निस्तारी डिपो में विधान सभा के समीप स्थित बरौंदा डिपो भी एक था जहां एक झोपड़ी नुमा स्थल में दशकों से कार्य संचालित हो रहा था
जिसके नव निर्माण कार्यालय सहित वन रक्षक आवासी परिसर भवन कर काया कल्प किया गया तथा वर्तमान नव निर्मित भवन की स्थिति लगभग पंचांनबे (95%) प्रतिशत कार्य का संपादन पूर्ण करा लिया गया रायपुर वन मंडल के रायपुर तिल्दा परिक्षेत्र में विधान सभा के समीप स्थित बरौंद काष्ठागार निस्तारी डिपो स्थित वन रक्षक क्वार्टर के निर्माण संदर्भ में एस. डी.ओ.विश्वनाथ मुखर्जी साहब से चर्चा किए जाने पर बताया कि वन मंडल रायपुर के अधीन काष्ठागार डिपो काफी प्राचीन और जर्जर अवस्था में पहुंच चुका था वन कर्मी बड़ी विकट परिस्थिति में कार्य संपादन करते थे सभी ऋतुओं का प्रभाव कार्य और वन कर्मी झेलते थे जिसे डी.एफ.ओ. विश्वेश कुमार झा ने महसूस किया इसके नव निर्माण में पहल करते हुए कैम्पा मद से सभी काष्ठागार का निर्माण की अनुमति दी एस.डी.ओ. विश्वनाथ मुखर्जी ने आगे बताया कि रायपुर वन मंडल के अधीन सभी काष्ठागार स्थल में चौगद्दी दीवार के साथ बाउंड्री वॉल निर्माण करने के आदेश दिए साथ ही मुख्य गेट का निर्माण करवाया गया ताकि डिपो के काष्ठ और निस्तारी सामग्री सुरक्षित रखा जा सके रायपुर तिल्दा परिक्षेत्र के पूर्व रेंजर साधे लाल बंजारे ने बताया कि बरौंदा काष्ठागार डिपो में वन कर्मियों को बैठने का समुचित स्थान नहीं था पूर्व में निर्मित झोपड़ी में इसका संचालन होता था सर्व प्रथम गेट के समीप कार्यालय का निर्माण किया गया जहां से कार्य सुचारू ढंग से जारी हुआ
वही रायपुर तिल्दा परिक्षेत्र के वर्तमान रेंजर सतीश मिश्रा बताते है कि भवन क्वार्टर न होने से वन कर्मी भी संध्या पश्चात पलायन कर जाते थे जिससे डिपो चौकीदार के भरोसे रहता था अब यह स्थिति नही होगी रायपुर रेंजर सतीश मिश्रा कहते है कि काष्ठागार के दिन बहुरेंगे यह तो तय था परंतु  रायपुर वन मंडल के वन मंडलाधिकारी विश्वेश झा साहब की दूर दर्शी सोच ने संपूर्ण क्षेत्र की कायाकल्प कर रख दी जिसकी वजह से सभी वन कर्मी गदगद है तथा दोगुने उत्साह से कार्य संचालित कर रहे है साथ ही काष्ठ सामग्री भी अब पूरी तरह सुरक्षित हो गया है 
   रायपुर परिक्षेत्र के बसोड़  डिपो प्रभारी एस.के.सामंतराय ने बताया कि बसोड़  उपभोक्ता डिपो में समस्त वीआईपी बेरीकटिंग कार्य एवं बसोड  को रियायत दर पर बांस दिया जाता है उन्होंने बताया कि कोरोना काल के भयावह  स्थिति में जिस समय लोग घर से पर निकलने से डरते थे उस समय हमारे मार्गदर्शक वन मंडला अधिकारी श्री विश्वेश कुमार झा साहब के मार्गदर्शन में  रायपुर नगर निगम के सारे जोन में लगभग 20 लाख का लकड़ी दाह संस्कार हेतु बसोड़ डिपो से ही प्रदाय किया गया था यही नही वे आगे बताते है कि भविष्य में आसपास के समस्त ग्रामीणों को मनरेगा के तहत  रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डिपो में रिक्त स्थल पर शीघ्र नर्सरी कार्य प्रारंभ किया जाएगा जिससे आसपास क्षेत्रों के लिए पेड़ पौधे  सहजता से उपलब्ध हो सकेगा 
बसौड काष्ठागार डिपो के फॉरेस्ट और प्रभारी  एस.के.सामंत राय से चर्चा करने पर बताया कि वन रक्षक क्वार्टर को वर्तमान आधुनिक स्तर पर निर्माण किया गया है  जिसमे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है दो  बड़ा कमरा, बड़ा हॉल  सहित खुले खिड़की दरवाजे निर्माण किया गया उसके पीछे की तरफ आधुनिक किचन स्थल निर्माण कराया गया जिसमे हवादार खिड़की लगाई गई है ताकि मुक्त वातावरण में खाद्य सामग्री,भोजन निर्माण किया जा सके बारौंदा डिपो प्रभारी सामंत राय बताते है कि किसी भी निर्माण में किसी प्रकार का कोई समझौता नही किया गया है  समस्त कमरों में हॉल किचन में उत्तम क्वालिटी के आकर्षिक टाइल्स लगाए गए  है प्रवेश  दरवाजे सहित सभी कमरों में लकड़ी के दरवाजे लगाए गए है सभी कमरे सहित किचन जगह में खिड़की लगी है ताकि स्वच्छ शुद्ध हवा का झोका भीतर तक पहुंच सके बारौंद डिपो प्रभारी एस.के.सामंतराय आगे बताते है कि लेट बॉथ को बाहरी हिस्से में निर्माण किया गया है उसी के बगल में रिक्त भूमि है जहां खुला हिस्सा में आंगन है वहां सूर्य की किरणे की तेज से वातावरण को खुशनुमा  बनाएगा वही मुख्य दरवाजे पर पोर्च भी निर्माण किया गया है जहां गाड़ी,मोटर सायकल रखा जा सके डिपो प्रभारी एस.के.सामंत राय आगे बताते है कि संपूर्ण क्वार्टर को आधुनिकता के साथ निर्माण किया गया हैं लगभग छ लाख से ऊपर राशि लगाई गई है कोई भी वन कर्मी सपरिवार वहां जब भी निवास करेगा तो उन्हे सुखद अनुभूति होने का लाभ प्राप्त होगा उनका कथन है कि जीवन में प्रत्येक व्यक्ति का मकान का एक सपना जरूर रहता है भले ही सेवा काल में स्वयं का निजी मकान    निर्माण नही कर सकता है  मगर शासकीय सेवा में निवास करते हुए आवासीय मकान का यह सपना बरौंदा कष्ठागार परिसर में पूरा जरूर हो सकता है जिसके लिए रायपुर वन मंडल के डी एफ ओ विश्वेश कुमार झा सहित समस्त अधिकारी गण बधाई के पात्र है





 
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