प्रदूषण के विरुद्ध हरियाली का ब्रह्मास्त्र ,
रायपुर वन मंडल ने मिश्रित प्रजाति के सवा लाख  पौधे रोपे
रायपुर छत्तीसगढ़ वनोदय 
अलताफ हुसैन
 सृजन सृष्टि का श्रृंगार है  जब सावन ऋतु में जब हरियाली आभा के साथ  स्वतः करती है जो पेड़ पौधे अन्य ऋतु  काल में अपना परिवर्तित नैसर्गिक वातावरण, रंग,स्वरूप,आकार प्रकार सब छोड़ देते है परंतु वही वर्षा ऋतु आगमन के साथ ही रिमझिम फुहार में सर्द सांय सांय खनकती वायु मंडल के हिलोर से यह हरे भरे प्रकृति किसी नव यौवना की भांति अटखेलियां करती हुई नजर आती है तब संपूर्ण वातावरण तरंगित खुशनुमा माहौल में सराबोर हो उठता है  पेड़ों के नव कपोल कोमल पत्तो पर यही वर्षा जल की बारीक गिरते  शबनम की बूंदों में  किसी हीरे की हार की माला की तरह   प्रकाशमान तुल्य दृष्टिगोचर होता है तो ऐसा प्रतीत होता है कि प्रकृति हरियाली के इस ऋतु में भांति भांति  के सृष्टि सृजन चमकदार हीरे मोती के मानिंद श्रृंगार के साथ में पेड़ पौधे और हरियाली को सुसज्जित कर रहा है यह प्रकृति का नियम वर्षों से होता आ रहा है परंतु वर्षों से सृष्टि कर्ता नैसर्गिक वातावरण निर्मित करने अपने नियमावली से उसी धुरी पर आदि काल से गतिमान है तो वहीं कुछ  ऐसे मानव निर्माता भी है जो प्रकृति के इस सृष्टि रचयता के निर्माण में अपना तन मन धन सर्वत्र जीवन व्यतीत कर प्रकृति के इस संरचना के भागीदार बनते है और अदृश्य रूप से ईश्वर की उपासना और पूजा करते है ऐसे मानव एक प्रकार से प्रकृति के पुजारी कहलाते है जिन्हे हम वर्तमान में वन विभाग के वन कर्मियों के नाम से जानते पहचानते है छत्तीसगढ़ वन विभाग में हजारों की संख्या में ऐसे प्रकृति के मानव पुजारी है जो नित नए प्रयोजन  के माध्यम से हरे भरे पेड़ पौधों का रोपण और निर्माण कर सूखे धरती में हरियाली आभा का विस्तार करते है और संपूर्ण मानव जीवन सहित समस्त जीव जंतु और सृष्टि,संरक्षण में अपनी महती भूमिका का निर्वहन करते है प्रदेश की छग सरकार ने इस साढ़े चार साल के कार्यकाल में वन विभाग के माध्यम से बहुत से हरियाली विस्तार कार्यक्रम के माध्यम से लेकर जनहित जन कल्याणकारी योजनाओं का  सफल कार्य संपादन कर हरित क्रांति  ला दिया है पूरे प्रदेश में हरियाली की बयार बह रही है इसी हरियाली विस्तार कार्यक्रम योजना  के तहत  कैंपा मद एवं आईपीडी योजना अंतर्गत  सामाजिक उत्तर दायित्व का निर्वहन करते हुए बहुत से पौधों का रोपण किया गया है जिसमे पुराना रायपुर वन मंडल तिल्दा के तहत लगभग सवा लाख पौधों का सफल रोपण और अन्य रोपण कार्य मिला कर सवा लाख पौधों का रोपण कार्य किया गया जो भावी पांच वर्षों में पुराना रायपुर वन  मंडल तिल्दा क्षेत्र की अलग ही फिजा देखते नजर आएगी इस संदर्भ में पुराना रायपुर वन मंडल तिल्दा  के ऊर्जावान, कर्तव्य परायण बहु मुखी प्रतिभा शाली व्यक्तित्व के धनी आई.एफ. एस.अधिकारी डी.एफ.ओ.विश्वेश कुमार झा से बात करने पर बताते है कि संपूर्ण योजना का क्रियान्वयन हरियाली प्रसार के तहत किया जा रहा है यहां सवा लाख से ऊपर पौधों का सफल रोपण  किया गया है जिसमे राजस्व भूमि के अलावा पथ रोपण क्षेत्र में किए गए है जिसकी हरियाली अब देखते बन रही है बताते चलें कि 2007 बैच के आई एफ एस अधिकारी विश्वेष झा बिहार के दरभंगा जिले से  मूल निवासी है तथा अपना कर्म क्षेत्र छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से प्रारंभ किया था

 छग प्रदेश की सादगी,बोलचाल,भाषा ने उन्हें बहुत ज्यादा प्रभावित किया और यहां बलौदा बाजार सहित बहुत से क्षेत्र में कार्य किया रायपुर वन मंडल अधिकारी विश्वेश झा साहब आगे बताते है कि  हमारे प्रदेश की राजधानी के हिसाब से बहुत सी विसंगतियों रही है मेरे कार्यकाल में उसे दूर किया गया है ऑरेंज भूमि अब हरियाली के रूप में परिवर्तित हो चुका है इसका मुख्य कारण राजस्व भूमि पर अतिक्रमण बढ़ जाता है जिसके लिए स्थानीय कलेक्टर महोदय से मिलकर ऐसे चयनित राजस्व भूमि क्षेत्र का संरक्षण के साथ पड़त भाटा भूमि के साथ मिश्रित प्रजाति के पेड़ पौधों का  रोपण किया गया और अल्प समय में हरियाली प्रसार किया गया रायपुर डी एफ ओ विश्वेश झा आगे बताते है कि खरोरा सहित आसपास के बहुत से चयनित ग्राम क्षेत्र में लगभग 90 हेक्टेयर से ऊपर क्षेत्र में सवा लाख पौधों का सफल रोपण करवाया गया है जो बहुत बड़ी उपलब्धि है श्री विश्वेध झा साहब आगे बताते है कि सरकार चाहती है कि प्रदेश का कोई भी चटियाल मैदानी हिस्सा ऑरेंज भूमि ना रहे प्रत्येक भूमि क्षेत्र में हरियाली दिखाई दे 

यहां तक ग्राम पंचायतों की रिक्त भूमि में भी हरियाली रोपण किया जाए उदाहरण स्वरूप कृष्ण कुंज जो छोटे छोटे भू भाग में निर्माण किया गया जिसके आशातीत परिणाम परिलक्षित हो रहे है भविष्य में यही कृष्ण कुंज वाटिका स्वरूप नजर आएंगे और यहां के स्थानीय निवासी मय परिवार उसका प्रदूषण मुक्त क्षेत्र के साथ स्वास्थ्य लाभ उठाएंगे रायपुर वन मंडल के परिपक्व,अनुभवी,कार्यों के प्रति समर्पित एस डी ओ और उप वन मंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी साहब का वानिकी क्षेत्र में लंबा अनुभव रहा है तथा वे बताते है कि पुराना रायपुर परिक्षेत्र में बहुत से रिक्त भूमि पड़ी थी जिसके भिन्न भिन्न भूभाग में मिश्रित प्रजाति के सवा लाख से ऊपर पौधों का रोपण किया गया यही नहीं रोपण के अलावा उसकी सुरक्षा के माकूल व्यवस्था भी की गई है प्रत्येक रोपण क्षेत्र में लोहे की फेंसिंग,तार से घेरा गया है ताकि मवेशी चराई से रोपण को सुरक्षित किया जा सके 

रायपुर एस डी ओ. उप वन मंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी आगे बताते है कि शराबी,उपद्रियों और लोहा चोरी करने वाले तथा पौधों को क्षति  पहुंचाने वाले आम जन से सुरक्षा हेतु प्रत्येक क्षेत्र में चौकीदार नियुक्त किए गए है जो उनकी सुरक्षा में लगातार तैनात रहेंगे उन्होंने सख्त लहजे में कहा कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने वाले चौकीदारों के ऊपर विभागीय कार्यवाही की जाएगी रायपुर एस डी ओ विश्वनाथ मुखर्जी बीच बीच। में बकायदा दौरा का निरक्षण कर रोपण क्षेत्र का अवलोकन करते है और बताते है कि अभी रोपण क्षेत्र की स्थिति बहुत बेहतर है वर्षा ऋतु के फुहारों में हरियाली की चादर दिखाई दे रही है वे आगे बताते है कि संपूर्ण रोपण का दायित्व नवा रायपुर अटल नगर के पूर्व  रोपण कार्यों के जानकार,रहे रायपुर परिक्षेत्राधिकारी रेंजर साधे लाल बंजारे ने इसका बखूबी निर्वहन किया है तथा स्वयं कार्य स्थल में उपस्थित रहकर रोपण कार्य संपादित करवाया है 

परिक्षेत्राधिकारी  साधेलाल बंजारे से इस संदर्भ में पूछने पर वे आगे बताते है कि क्षेत्र में बहुत से मुरुमी स्थल था जहां रोपण करना दुरूह कार्य था फिर भी श्रमिको से लाखों गड्ढा करवा कर पॉलीथिन बैग में रखे गए पौधों का रोपण किया गया रोपण का यह कार्य पांच वर्षों के लिए अनुबंधित है जिसमे कैज्युवाल्ट भी समाहित है रेंजर साधेलाल बंजारे आगे बताते है कि संपूर्ण कार्य कैंपा मद,आईपीडी मद से संपादित किया गया है जिसमे औद्योगिक क्षेत्रों के समीप ग्राम क्षेत्र की रिक्त राजस्व भूमि,सड़क मार्ग पथ रोपण के कार्य द्रुत गति से किए गए है जिससे छेत्र की हरियाली देखते ही बनती है रायपुर रेंजर साधेलाल बंजारे बताते है कि संपूर्ण रोपण कार्य वरिष्ठ अधिकारियों डी एफ ओ विश्वेश झा साहब, एस डी ओ विश्वनाथ मुखर्जी साहब के नेतृत्व और मार्गदर्शन में किया गया है इसके लिए रात दिन की मेहनत रायपुर वन मंडल तिल्दा परिवृत के डिप्टी प्रभारी दीपक तिवारी का कार्य सराहनीय रहा है वे इकलौते ऐसे कर्मयोगी व्यक्तित्व के स्वामी है जिनके डीशनरी में कार्य न हो सकने जैसा कोई शब्द ही नहीं मिलता कर्मठ,जुझारू, आत्मविश्वास  से लबरेज व्यक्तित्व के धनी बिरले ही मिलते है 

जिनमे एक नाम रायपुर वन मंडल के डिप्टी प्रभारी दीपक तिवारी का आता है जिनकी अनुकंगा नियुक्ति बिट गार्ड  के रूप में गरियाबंद वन मंडल से सेवा प्रारंभ की पश्चात  वर्ष 2004 में अनुसंधान में रहे तात्कालिक पी सी सी एफ  बोआज साहब ने कर्मचारियों की कमी देखते हुए उस समय नवा रायपुर अटल नगर स्थित नव निर्मित जंगल सफारी में वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक उनकी सेवाएं ली गई तथा मानव निर्मित जंगल सफारी का दायित्व सौंपा गया उनके कार्यों के प्रति समर्पित सेवा भाव और अधिकारियों के साथ मृदु व्यवहार,बेहतर समन्वय और तालमेल ने उन्हें सब का चहेता वन कर्मी बना दिया जिसका प्रतिसाद यह मिला की पुराना वन मंडल  के तहत तिल्दा प्रभारी में उनकी नियुक्ति हुई तथा पांच वर्षों के तहत जंगल सफारी में लंबा अनुभव कार्यों का लाभ उन्हे मिला और इंदिरा गांधी प्रिय दर्शिनी नेचर सफारी मोहरेंगा जंगल  निर्माण का कार्य संपादित किया जो उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट बन गया आज मोहरेंगा सफारी उनके ही कार्य काल की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है यही नही बिलाडी, सरोरा जैसे बहुत से वन क्षेत्र की गहनता  में रोपे गए पौधे आज भी उसके कार्यों के गवाह दे रहे है उनसे जब पर्यावरण के विरुद्ध हरियाली का ब्रह्मास्त्र के संदर्भ में पूछा गया तो अपने कार्यों के प्रति गदगद और अल्हदित होते हुए उन्होंने बताया कि  रायपुर तिल्दा के संपूर्ण क्षेत्र बथरीले मुरूमी और चट्टानी क्षेत्र है जहां बहुत से  स्थल हरियाली विहीन है मैने अधिकारियों के दिशा निर्देश पर उस चुनौती को स्वीकार किया और क्षेत्र के भिन्न भिन्न स्थल का चयन कर कुल मिलाकर छियानबे हेक्टेयर भू भाग में वर्ष 2023 में  सवा लाख मिश्रित पौधों का  सफल रोपण कराया जो इस वर्षा में ग्रोथ कर रहे है रायपुर तिल्दा परिक्षेत्र के डिप्टी प्रभारी  दीपक तिवारी ने आगे बताया कि जिस ग्राम क्षेत्र के राजस्व भूमि पर चयन कर रोपण किया गया उनमें ग्राम तुलसी में दस हेक्टेयर में बारह हजार पौधे ग्राम असैंदा के अठारह हेक्टेयर में उन्नीस हजार आठ सौ पौधे ग्राम मुड़पार में सात हजार पौधे स्त्राह हजार पौधे ग्राम छडिया में तेरह हजार पौधे ग्राम निलजा छ हेक्टेयर भूभाग में तेरह हजार पौधे इस प्रकार कुल छियानवे हजार कुल हेक्टेयर भूभाग में सवा लाख पौधों का रोपण किया गया है जिनमे चांपा, सरोरा, बिलाड़ी में 17हेक्टेयर 9  हजार पौधे  में कैज्युल्टी भी  शामिल है यही नही सड़क मार्ग पिरदा,तुलसी,ग्राम के बारह किलोमीटर लंबाई तक इसी वित्त वर्ष 2023 में रोपण कार्य किया गया है जिसकी संख्या सवा करोड़ से ऊपर तक पहुंचने अनुमानित है  डिप्टी प्रभारी दीपक तिवारी आगे बताते है कि रोपण क्षेत्र में फलदार,फूलदार,और सायादार पौधे लगाए गए है जिनमे सीताफल,आम,जाम,जामुन,आंवला,गुलमुहर, बेहड़ा,शिशु,करंज, पेल्टाफार्म,सहित अन्य प्रजाति शामिल है डिप्टी प्रभारी दीपक तिवारी आगे बताते है कि सभी रोपण क्षेत्र में सुरक्षा की माकूल व्यवस्था की गई है इसके लिए रोपण क्षेत्र के आसपास पोल फेंसिंग किया गया है ताकि गाय गरूआ,मवेशी के चराई से बचाया जा सके यही नही प्रत्येक क्षेत्र में  सुरक्षा श्रमिक को लगाया गया है जिसकी निगरानी उनके द्वारा की जा रही है साथ साथ निंदाई गुड़ाई,उपचार पर विशेष ध्यान देने की बात कही है उन्होंने आगे बताया कि किसी भी कार्य व्यवस्था में कोई कमी नहीं आने दिया जा रहा है श्रमिकों पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है 

मोहरेगा उपलब्धि के संदर्भ पर चर्चा करने पर उन्होंने बताया की हर्बाबोर शाकाहारी वन्य प्राणियों को केवल प्राकृतिक दूब घास पर निर्भर नहीं रहना पढ़ता इसके लिए  गत वर्ष मोहरेंग नेचर जंगल में विभिन्न भिन्न भिन्न प्रजाति के सुपाच्य घास का रोपण बड़े क्षेत्र में लगाया गया अब निर्भीक होकर वन्य प्राणी हिरण इत्यादि ग्रास का सेवन करते है अब इनकी संख्या में भी इजाफा हुआ है डिप्टी दीपक तिवारी बताते है कि वर्तमान सरकार ने बहुत से जन कल्याणकारी योजना का सफल क्रियान्वयन किया है जिसका लाभ कृषक,स्वयंसेवी संस्था,निजी भूमि के हितग्राही लाभान्वित हो रहे है जिनमे मुख्य मंत्री वन संपदा योजना का लाभ स्थानीय तिल्दा रायपुर परिक्षेत्र के बहुत से हितग्राहियों ने लाभ लिए है जिनमे असौंदा ग्राम निवासी  जितेंद्र चंद्राकर ने  दस एकड़  बड़े भूभाग में नीलगिरी का पौधा रोपण किया है माठ ग्राम  निवासी सुरेंद्र वर्मा ने 200सागौन रोपण किया नलिनी  मढ़ीरिया ने 5 हेक्टेयर में  12 सौ सागौन पौधे लगाए गए जो कृषि क्षेत्र के अलावा।कृषकों के आर्थिक सुदृढ़ता हेतु रीढ़ की हड्डी साबित होगा उन्होंने आगे बताया कि इसके लिए कृषि निजी भूमि,हेतु राज्य वन विभाग निशुल्क पौधों के अलावा आर्थिक सहयोग उपलब्ध करवाया है यही नही समय समय पर मुख्य मंत्री वृक्ष वन संपदा हितग्राहियों के निंदई,गुड़ाई,उमर हेतु प्रशिक्षित विभागीय कर्मचारी द्वारा प्रशिक्षित करता है जिसके आशातीत परिणाम सामने आ रहे है था पांच वर्षों बाद इसके परिणाम सामने आने शुरू हो आएंगे इसके विक्रय हेतु  विभागीय स्तर पर बाजार तैयार किया जाएगा रायपुर वन मंडल के वरिष्ठ डी एफ ओ विश्वेश झा की माने तो वे बताते है की  कृषकों के तैयार काष्ठ के कटाई की कोई बाधा नहीं रहेगा इसके साथ ही अभी से देश के नामी गिरामी कुछ कंपनी के साथ विभाग ने ओ एम ओ कर अनुबंधित कर लिया गया है जिससे सभी प्रकार के बेशकीमती पौधों के काष्ठो,वस्तुओं का बाजार तैयार होगा और कृषक आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगे  डिप्टी प्रभारी दीपक तिवारी बताते है कि मुख्य मंत्री वृक्ष वन संपदा  योजना एक बहुत लाभकारी योजना है जो कृषकों के भविष्य निधि के रूप में देखा जा रहा है उक्त योजना का शुभारंभ तात्कालिक पी सी सी एफ वन बल प्रमुख संजय शुक्ला साहब की दूर दृष्टि सोच का परिणाम है तथा उसको धरातल में सफल करने में वर्तमान पी सी सी एफ वन बल प्रमुख श्री निवास राव की महती भूमिका मानी जा रही है उक्त वन संपदा योजना कार्यों को सफल पूर्वक ईमानदारी से करने आई एफ एस और रायपुर दुर्ग के सी सी एफ दिलराज प्रभाकर ने सख्त निर्देश दिए जिसका परिणाम सामने आ रहा है अब देखा यह जा रहा है कि बहुत से कृषक हितग्राही मुख्य मंत्री वृक्ष वन संपदा योजना का लाभ लेने स्व स्फूर्त विभाग से संपर्क कर रहे है रायपुर वन मंडल तिल्दा के डिप्टी प्रभारी दीपक तिवारी आगे बताते है कि जितनी भी योजनाएं और रोपण किए जा रहे है वह हरियाली विस्तार कर हरे भरे पेड़ पौधों को सारक्षण संवर्धन किया जा रहा है ताकि पर्यावन को संतुलित किया जा सके इसमें हमारी,तुम्हारी और हम सब की भूमिका अनिवार्य होना चाहिए