सैटेलाइट ड्रोन कैमरा एप के मध्यम से मुख्यालय मे देख सकेंगे वनों और वन्य प्राणियों की स्थिति(
अल्ताफ हुसैन द्वारा(छ्ग वनोदय) आधुनिक राष्ट्र का निर्माण तभी संभव है जब उन्नत तकनीक  विकसित विचार धारा के साथ नई उमंग को अंगीकार कर नवीनतम तकनीक का सही मूल्यांकन करते हुए उसका उपयोग कर एक नई इबारत के साथ नया इतिहास भी लिखा जा सकता है जिसकी शुरुआत  फोर जी फाइव जी  इंटरनेट ऑन लाइन जैसे संसाधन का आधूनिक  तकनिक का उपयोग अब आम व खास व्यक्ति से लेकर प्रत्येक शासकीय अर्द्ध शासकीय स्वायत सेवा संस्थान से  लेकर हर क्षेत्र मे बड़े जोर शोर से उपयोग किया जा रहा है जो मानव जगत के लिए बहुउपयोगी है इंटरनेट का आधुनिकीकरण उपयोग टी वी कमप्युटर्,लेपटॉप के स्क्रीन और मोबाइल के,  मध्यम से विश्व के किसी भी कोने मे परस्पर एक दूसरे व्यक्ति से आचार विचार, बातचीत कर, उन्हे देखा सुना एवं पढ़ा जा सकता है तब भला ऐसे इंटरनेट, आधुनिक संसाधन के उपयोग से छग प्रदेश का वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अछुता कैसे कैसे रह सकता है जिसकी शुरुआत विगत कुछ वर्षों से ही सही मगर उक्त संसाधनों का उपयोग बड़ी तेजी से विकसित हो रहा है जिसका परिणाम यह आने लगा है कि वर्तमान मे अब यहाँ मुख्यालय मे बैठे वरिष्ठ उच्च अधिकारी से लेकर बहुत से वन मंडल कार्यालय मे बैठे बैठे मीलों दूर संपादित होने वाले समस्त विकास कार्यों से लेकर प्रदेश के वन क्षेत्रों मे  विचरण एवं आवागमन करते  हाथी जैसे वन्य प्राणियों की लोकेशन के हिसाब से सटीक स्थिति, वनों मे लगने वाले दावनाल  की स्थिति जो जीपीएस  सहित ड्रोन कैमरा एवं अन्य इंटरनेट टीवी लेपटॉप, मोबाइल स्क्रीन के मध्यम से ही देख और बता सकेंगे जिससे बहुत सी भावी भयावह स्थिति की रोकथाम मे भी त्वरित कार्यवाही हो सकेगी साथ ही वन क्षेत्रों के वनों मे सुधार आएगी 

       यह अद्भुत, एवं अविश्वसनीय एप के निर्माण मे सहयोग किया है उत्साहित युवा, कर्मठ शील, जुझारू प्रवृत्ति सामाजिक समरस्ता के पैकर, कर्तव्य निष्ठ, कर्म को धर्म मानने वाले योगी, वन विभाग को नई दशा और दिशा देने वाले अथक प्रयास करने वाले जुझारू, साहसी अधिकारी वरुण जैन है जो 2017बैच के आई एफ एस  अधिकारी है रेंज ट्रेनिंग उनका परसगाँव मे हुआ 23 फरवरी 2023 मे वे गरियाबंद उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व प्रोजेक्ट मे उप निदेशक के पद पर विगत दो वर्षों से  गरियाबंद क्षेत्र मे अपनी सेवाए दे रहे है उनसे वन विभाग पर केंद्रित छत्तीसगढ़ वनोदय पत्रिका से विशेष चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि हम आधुनिक सैटेलाइट एवं ड्रोन कैमरा के मध्यम से वन्य प्राणी विशेष कर हाथी की निगरानी के लिए आटोमैटिक इंफोर्मेशन (A I) एवं एफएसआई.एस.तथा नोएडा बेस्ड स्टार्टअप कंपनी कल्पतरु के साथ साझेदारी कर यह हाथी मूवमेंट एप लॉन्च किया गया है जो ऑन लाइन अपडेट किया जाएगा इस एप के मध्यम से पूर्व अनुमान हो जाएगा कि क्षेत्र मे किस दिशा मे हाथी विचरण कर रहे है यही नही गरियाबंद उदंती सीतानादी के उप निदेशक वरुण जैन ने आगे बताया कि हाथी दल के लगातार कॉरिडोर क्षेत्र से हट कर किस विपरीत दिशा मे उनका मूवमेंट होगा वह भी जानकारी हमे  मिलती रहेगी इस हाथी ऐप के मध्यम से दस किलोमीटर पूर्व से हाथी दल की जानकारी मिल जाएगी तथा सभी हाथी मित्र दल के ग्रामीणों को मोबाइल नंबर से कॉल से या फिर एस.एम.एस. व्हाट्सएप के मध्यम से त्वरित जानकारी प्राप्त हो जाएगी ताकि समस्त मित्र दल आसपास के ग्रामीणों को अलर्ट कर सकेंगे गरियाबंद उदंती सीतानदी  अभ्यारण्य के उप निदेशक वरुण जैन आगे बताते है कि डेढ़ वर्षों से इस एप के मध्यम से अब तक गरियाबाद जिले मे किसी प्रकार की जान माल की क्षति नही हुई है उन्होंने आगे बताया कि इस हाथी मूवमेंट एप मे तीन माह अर्थात 90 दिन की जानकारी ज्ञात हो पाएगी उन्होंने आगे बताया चन्दा हाथी दल क्षेत्र मे विचरण कर रहा है या अन्य दल यहाँ सक्रिय है वह समय पर जनकारी प्राप्त होते रहती है श्री वरुण जैन आगे बताते है कि प्रदेश मे लगभग बीस दल सक्रिय है जिनकी संख्या  चार सौ से उपर बताई जा रही है हाथी दल का आगमन के संदर्भ मे उप निदेशक श्री जैन का कथन है कि हाथी दल का मूवमेंट तभी रहता है जब क्षेत्र मे खानपान,पेयजल,एवं आहार की माकूल व्यवस्था रहती है तभी वे प्रदेश के वन क्षेत्रों मे विचरण करते है उनके आहार के संदर्भ मे वे बताते है कि वृक्षों की कोमल पत्तियाँ, फल, फूल, तेंदु, कडली,दाल,बांस, माहुल पत्ता,इनके प्रिय भोजन है जिसकी तलाश मे वे संपूर्ण प्रदेश के वन क्षेत्रों का भ्रमण करते रहते है उपरोक्त सुविधा न मिलने पर अपनी क्षुधा शांति के लिए वे वन ग्राम क्षेत्र मे उपज फसल धान, घरों मे संग्रहित अनाज को चट करने आते है तब ऐसी परिस्थितियों मे  जान माल का खतरा बढ़ जाता है श्री जैन आगे बताते है कि ग्रामीण क्षेत्र मे हाथी मूवमेंट होने की स्थिति मे वन कर्मचरियों तथा मित्र दल के द्वारा गज वाहन से पूर्व मे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों मे मुनादी कर सचेत किया जाता है यही नही ग्रामीणों मे हाथी सुरक्षा बचाव के लिए जन जगरूकता लाने भिन्न भिन्न आयोजन, नाटक, टीवी,फीचर्स, पोस्टर, खेल प्रतियोगीता के मध्यम से सचेत होने निर्देशित किया जाता है  उप निदेशक वरुण जैन आगे बताते है कि आधुनिक एप 13 जिलों मे हाथी एलर्ट एप बनाया गया है जहाँ  जिस क्षेत्र मे हाथियों की लगातार धमक बराबर बनी रहती है इसके लिए खानपान, हेतु कदली वन, बांस के वन, हरे भरे पेड़ पौधे भविष्य मे तालाब  विचरण क्षेत्र मे कॉरिडोर बनाया जाएगा ताकि उनके विचरण क्षेत्र मे कोई असुविधा न हो हाथी अलर्ट एप को तैयार करने मे लगभग डेढ़ वर्ष का समय लग गया है उसे प्रदेश भर मे इसी माह मे लॉन्च किया जाएगा हाथी अलर्ट एप के अलावा उदंती सीतानदी उप निदेशक वरुण जैन यही पर नही रुके बल्कि उन्होंने अन्य पोर्टल रिमोर्ट फेंसिंग पोर्टल भी विभागीय स्तर पर बनाए गए है जिसमे प्रदेश के वन क्षेत्रों की वस्तविक  स्थिति पर भी लगातार निगरानी की जा सकती है जहाँ हरियाली के अलावा मैदानी पड़त भाटा बंजर भूमि की स्थिति से अवगत हुआ जा सकता है मैदानी पडत भाटा बंजर भूमि को चयनित कर वहाँ भिन्न भिन्न प्रजाति के पेड़ पौधों का प्लांटेशन् किया जा सकता है  या वन ग्राम क्षेत्रों के आसपास भूमि पर सहजता से प्लांटेशन किया जा सकता है जहाँ वन कर्मी या मैदानी अमला द्वारा कार्यों मे किसी प्रकार की कोई भी कोताही नही बरत सबता है यदि बीस हजार पौधे रोपे गए है तो मुख्यालय या वन मंडल कार्यालय मे यहाँ बैठे बैठे एप, मॉनिटरिंग मध्यम से उसकी संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी कि कितने लक्षित पौधों का रोपण किया गया है या नही.  यहाँ तक सैटेलाइट के मध्यम से कितने प्लांटेशन  क्षेत्र मे कितने गड्ढे खोदे गए है उसकी भी सटीक जानकारी यहाँ बैठे बैठे गिन लिया  जा सकेगा  श्री जैन बताते है कि इस प्रकार के सैटेलाइट एप निर्माण के पीछे की एक वजह यह भी जरूरी है कि काष्ठ तस्करों द्वारा वनों के चोरी छिपे विदोहन, कार्यों मे पारदर्शिता एवं अवैध अतिक्रमण मे यह एप कारगर साबित होगा उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि इसी प्रकार की घटना मे गरियाबंद वन मंडल अंतर्गत साढ़े छ सौ हेक्टेयर वन भूमि मे पांच अवैध बस्ती निर्माण कर अतिक्रमण किया गया था जहाँ बेशकीमती इमारती काष्ठ का दोहन कर वन क्षेत्र के भीतर बस्ती निर्माण कर लिया गया था जिसे पुलिस प्रशासन और वन विभाग के सहयोग से मुक्त कराया गया  जहाँ काफी विरोध और विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी जिसे हमने लाठी डंडे खाकर भी उसे मुक्त कराया गया आज साढ़े छ सौ हेक्टेयर वन भूमि पर खनकी निर्माण, साथ ही हरे भरे पौधे भी रोपण किया गया है ताकि हरियाली सहित क्षेत्र मे जल संरक्षण किया जा सके ताकि क्षेत्र के वनों का जल स्तर बराबर बना रहे और हरियाली भी बनी रहे उप निदेशक वरुण जैन से जब सामाजिक समरसता और सौहाद्रता के संदर्भ मे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हाथी मित्र दल मे अधिकांश वन ग्रामों के ग्रामीणों सरपंच उप सरपंच को लिया गया है जो वनों के मूल निवासी है हाथियों के आगमन से लेकर आसपास ग्राम क्षेत्रों मे मुनादी से लेकर सुरक्षा मे इनका पूर्ण सहयोग रहता है विभाग भी तीज त्योहार मे इनके साथ मिल कर मनाते है सांस्कृतिक, आयोजनों और समय समय पर खेल आयोजन कर उन्हे प्रोत्साहन राशि दी जाती है इसी माह जुन मे उदंती सीतानदी सेंचुरी प्रबन्धन द्वारा क्रिकेट ट्राफी प्रतियोगीता का आयोजन किया गया जिसमे आसपास ग्रामीणों के खिलाडियों को लिया गया है ताकि परस्पर  समरसता, सौहाद्रता, स्थापित कर वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा मे उनकी सहभागिता स्थापित कर सुनिश्चित किया जा सके