बुधवार, 28 अप्रैल 2021

कोरोना का प्रभाव हुआ कम ,,,

 





रायपुर  कोरोना के कहर से अब राजधानी रायपुर में बाहर निकलने की स्थिति में आने लगी है। एक समय ऐसा था, जब यहां पर रोज पांच हजार तक मरीज मिल रहे थे, अब इनकी संख्या जहां दो हजार से भी नीचे आ गई है, वहीं अब ऑक्सीजन वाले बेड और ऑक्सीजन वाली पोर्टेबल मशीनों की मारा-मारी समाप्त हो गई है। अब वेटिंग जैसी स्थिति नहीं रह गई है। मरीजों को आसानी से सब मिल जा रहा है। आने वाले समय में स्थिति में और भी सुधार होगा और वेंटिलेटरों की भी कमी बहुत जल्द समाप्त हो जाएगी। अब निजी डॉक्टरों की ओपीडी में मरीजों का आना पहले की तुलना में बहुत कम हो गया है। डॉक्टरों की मानें तो रायपुर में पीक अब ढलान पर है।

कोरोना की इस लहर में प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब स्थिति में रायपुर रहा है। सबसे ज्यादा मरीज मिलने का सिलसिला यहां ज्यादा रहा है, लेकिन अब इस सप्ताह से स्थिति में बहुत सुधर नजर आने लगा है। जहां एक तरफ नए मरीजों के आने का आंकड़ा बहुत नीचे चले गया है, वहीं ठीक होने वाले मरीज भी ज्यादा हो गए हैं। डॉक्टर शैलेश खंडेलवाल का कहना है, हमारा

सोमवार, 26 अप्रैल 2021

जनसंपर्क विभाग वेबपोर्टल की जानकारी देने में कर रहा हीला हवाला,,,पत्रकार ने अपील में निशुल्क जानकारी देने की मांग की

 जनसंपर्क विभाग वेबपोर्टल की जानकारी देने में कर रहा हीला हवाला,,,पत्रकार ने अपील में निशुल्क जानकारी देने की मांग की 




रायपुर वरिष्ठ पत्रकार एव आर टी आई एक्टिविस्ट भरत योगी ने जन संपर्क विभाग से वेब पोर्टल के जारी किए गए विज्ञापन की सूची सहित अन्य विषय को लेकर मांगे गए जानकारी उपलब्ध न कराने पर  जन संपर्क विभाग के अपीलीय अधिकारी सन्तोष मौर्या पर संबंधित अधिकारियों  पर जन सूचना अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही करने की मांग की है 



   बताते चले कि श्री योगी ने जनसंपर्क विभाग में विज्ञापनों के बन्दरबांट  विषय को लेकर सूचना के अधिकार 2005 अधिनियमन के तहत जानकारी चाही थी परन्तु निर्धारित तिथि व्यतीत होने के बावजूद जन संपर्क विभाग के जन सूचना अधिकारी द्वारा सूचना प्रदान नही किया जिसको लेकर श्री योगी ने अपीलीय अधिकारी श्री संतोष मौर्या को सोशल मीडिया के माध्यम से दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही कर दण्डित करने पत्र प्रेषित किया है श्री योगी ने आशंका व्यक्त करते हुए पत्र लिखा है कि जन संपर्क विभाग में कुछ अस्थायी फर्जी टाइप के वेबपोर्टल जो प्रदेश के बाहर के है उन्हें जन संपर्क कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते लाखों रुपये के विज्ञापन जारी किए जा रहे है तथा स्थानीय वेब पोर्टलों को केवल नियम कानून में उलझा कर रख दिया गया है  ऐसे ही वेबपोर्टल न्यूज़ साइड के डिटेल,,मालिक के नाम मोबाइल नम्बर, माह में जारी  होने वाले विज्ञापन एवं जारी की गई राशि का संपूर्ण ब्यौरा जन संपर्क  विभाग के जन सूचना अधिकारी से माह फरवरी में  मांगी  थी परन्तु निर्धारित अवधि समाप्त होने के बावजूद उन्हें अब तक जानकारी उपलब्ध नही कराई गई जिस विषय को लेकर ही श्री योगी ने प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपना पक्ष सोशल मीडिया के माध्यम से पत्र लिखा तथा शीघ्र जानकारी उपलब्ध कराने की अपील की गई  उल्लेखनीय है कि जिला जन संपर्क विभाग में कमीशन खोरी के ऐसे मामले समय समय पर जन मानस के समक्ष आते रहे है जिसमे  यह बात भी सामने आई है कि कुछ चाटुकारिता करने वाले पत्रकारों को विभाग की ओर से  जारी बड़ी राशि  प्रदर्शित विज्ञापन जारी किए जाते है  तथा विगत कई वर्षों से निकलने वाली पत्र पत्रिकाओं को एक निर्धारित शुल्क प्रदान किया जाता है जिनकी राशि मे कटौती कर अपने कृपा पात्र लोगों को दिया जाता है  जबकि ऐसे चाटूकार कमीशनखोरी करने वाले पत्रकार हजारो लाखों में विज्ञापन प्राप्त कर लेते है तो नियमित प्रकाशन करने वालों को नियम कानून में उलझा दिया जाता है वही पत्रकारों में यह भी चर्चा आम हो चुका है कि जन संपर्क विभाग में अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते केवल कमीशनखोरी में ज्यादा ध्यान दिया जाता है जबकि पात्र पत्रकारों को उनका अधिकार नही मिल पाता और वे अपने पत्र पत्रिकाओं के प्रिंटिंग राशि भी नही निकाल पाते है जिसकी वजह से उनके समक्ष विकराल आर्थिक समस्या खड़ी रहती है जबकि कई ऐसे भी समाचार पत्र पत्रिकाएं है जो जन संपर्क विभाग के निर्दिष्ट समस्त गाइड लाइनों को पूरा करते है फिर भी उन्हें विज्ञापन जारी नही किया जाता इससे अनेक पत्र पत्रिकाओं के मालिकों में रोष व्याप्त है वही दूसरी ओर पत्रकारिता की आड़ में राजनितिक एप्रोच से छुटभैय्या नेताओं ने अपनी दुकानदारी चालू कर दी वहीं वर्षों से पत्रकारिता करने वाले तपस्वी पत्रकार अपना अधिकारों से वंचित है ज्ञात हुआ है कि शहर में ऐसा भी स्थान है जहां ओर चन्द रुपये देकर वेबपोर्टल साइड तथा आर एन आई से नाम मंगाने का धंधा भी बड़े पैमाने पर फलफूल रहा है जिसकी वजह से भी पत्रकारिता कलंकित हो रही है 

इस संदर्भ में भी पारदर्शिता लाए जाने की आवश्यकता मानी जा रही है वही कुछ पत्रकारों ने यह भी कहा है कि जिस पत्र पत्रिका को पांच वर्ष अवधि से अनवरत नियमित प्रकाशन हो रहा है ऐसे पत्र पत्रिकाओं को ही जन संपर्क विभाग विज्ञापन जारी करे,

शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021

जोन 4 नगर निगम की अनुबंधित महिलाओं द्वारा मास्क के नाम पर अवैध वसूली...निगम संज्ञान लेकर इन्हें हटाए

 जोन 4  नगर निगम की अनुबंधित महिलाओं द्वारा मास्क के नाम पर अवैध वसूली...निगम संज्ञान लेकर इन्हें हटाए



रायपुर कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में जहां लोग अपने बचाव का जतन कर रहे है तो वही इसकी आड़ में कुछ  लोगों के लिए पैसे कमाने का एक सशक्त माध्यम भी बन चुका है विशेष कर नगर निगम  अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के लिए  वहां के अस्थायी निगम कर्मचारी महिलाएं जिनके बारे में बताया जाता है कि संभवतः ये आंगन बाड़ी  महिला सदस्य होती है कोरोना मास्क की आड़ में अब उनकी चांदी कट रही है तथा वे आम जनता को मास्क पहनने एव लगाए गए रुमाल गमछा  चेहरा कव्हर गिरने  के नाम पर जमकर अवैध वसूली कर रही है जिससे हर खास ओ आम  हलाकान हो चुके है तथा अब लोगों के बीच से  विरोध के स्वर भी मुखर हो रहे है और ऐसे तथाकथित  आंगनबाड़ी  निगम महिला कर्मचारीयों को तत्काल मास्क की आड़ में किए जा रहे अवैध वसूली से हटाये जाने की मांग की जा रही है क्योंकि देखा यह जा रहा है कि मास्क गिरने या हटने पर दण्डात्मक राशि न देने पर  विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है और मारपीट की नौबत सामने आ रही है



  ऐसा ही एक ताज़ातरीन मामला जोन क्रमांक 4 के अतर्गत गोलबाजार थाना के हबीब होटल के समीप देखने को मिला जहां पर एक मीडिया कर्मी जिसने गमछे से फेस कव्हर किया हुआ था परन्तु संयोग से वह नाक के नीचे हो गया तब वहां उपस्थित   आंगन बाड़ी महिला जिन्हें निगम द्वारा अनुबंध में रखा जाता है जो स्वयं को निगम कर्मचारी बताकर मीडिया कर्मी से नाक के नीचे गमछा बंधे होने के कारण दण्डात्मक राशि 500 रुपये की मांग करने लगी जबकि मीडिया कर्मी ने अपना परिचय भी दिया तथा एक अन्य मीडिया कर्मी थाने में जब मोबाइल से वीडियो बनाने लगा तब वह उल्टे एक अन्य मीडिया कर्मी को धमकाने लगी कि तू मेरा क्या वीडियो बना रहा है मैं तेरा वीडियो बनाती हूं .इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अवैध वसूली करने में ये महिलाएं किसी को झेप भी नही रही थी जबकि पीड़ित मीडिया कर्मी ने बताया कि      उसके दो पहिया वाहन की चाबी बलात निकालकर दण्डात्मक राशि पटाने की मांग करने लगी उनके द्वारा बलात व्यवहार से क्षुब्ध मीडिया कर्मी ने अपने वरिष्ठ को इसकी सूचना दी मगर वह उनसे भी बहस,मुबाहिसा  करने लगी तब मामला गोलबाजार थाना पहुंचा जहां पर तकरार होने की स्थिति पर थाना प्रभारी द्वारा  मामला किसी तरह शांत किया गया तथा मीडिया कर्मी को जाने दिया गया जबकि इनके उक्त आम जन से दुर्व्यवहार को लेकर स्वयं पुलिस कर्मी भी विरोध करते नज़र आए उनका कथन है कि किसी प्रकार से भी आम जनता को परेशान नही किया जाना चाहिए तथा लोगो को जो फेस कव्हर पहने हुए है या किसी कारण वश फेस कव्हर गिरने या हटने पर उन्हें एक बार समझाइश देकर छोड़ा जाना चाहिए मगर ऐसे तथाकथित आंगन बाड़ी की अनुबंधित निगम कर्मचारी जो केवल फेस कव्हर की आड़ में जिनका अवैध वसूली लक्ष्य होता है  वे बलात लोगो से पांच सौ रुपये चलानी कार्यवाही भरने की बात करती है


 तथा किसी के पास पांच सौ रुपये न होने की स्थिति पर उनसे सौ दो तीन सौ रुपये नगद लेकर उन्हें छोड़ देती है ज्ञात तो यह भी हुआ है कि रसीद काटने वक्त न डुप्लीकेट रसीद होती है और न ही कार्बन कॉपी लगाई जाती है जिससे इनकी अवैध वसूली की आशंका को बल मिलता है तथा  सौ दो सौ तीन सौ रुपये जो बगैर रसीद काटे लिया जाता है वह अवैध उगाही की राशि इनके जेब मे पहुंच जाती है ऐसा अवैध राशि वसूली का  माहौल केवल जोन क्रमांक चार ही नही बल्कि राजधानी के विभिन्न आउटरों में देखने सुनने और पढ़ने को मिल रहा है एक  स्थान में घटना के बारे में यह भी जानकारी मिली है कि अवैध वसूली को लेकर जूते,पैजर, लाठी भांजने के समाचार भी जन मानस के समक्ष आ चुके है  एक प्रकार से आम जनता से अवैध राशि वसूली को लेकर सभी आम लोग रोष व्यक्त कर रहे है क्योंकि कहा जा रहा है कि महिला होने का लाभ उठाते हुए ये दस के ग्रुप की महिलाएं किसी से भी उलझ जाती है तथा आम जनता से दुर्व्यवहार भी करती है लोगों का कथन है  कि जब निगम इन्हें अनुबन्ध के आधार पर रखी है तो उनके द्वारा क्यों किसी से भी बगैर मनी रसीद काटे सौ दो सौ और तीन सौ की वसूली की जा रही उस वक्त निगम का कोई जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी की नियुक्ति क्यों नही की जा रही है ? ताकि व्यवस्था को संभाला जा सके कथित महिला कर्मचारियों  द्वारा  लगातार सामने आ रहे अवैध वसूली और दुर्व्यवहार से निगम और महापौर की छबि धूमिल हो रही है मास्क चेकर  महिलाओं द्वारा आम जनता की दो पहिया वाहन से बलात चाबी निकालना और दण्डात्मक राशि लेकर छोड़ना  जिसका इन्हें अधिकार नही है यह सब किसकी शाह पर  किया जा रहा है यह सवाल अब  आम जनता के मध्य उठाया जा रहा है