रायपुर कोरोना के कहर से अब राजधानी रायपुर में बाहर निकलने की स्थिति में आने लगी है। एक समय ऐसा था, जब यहां पर रोज पांच हजार तक मरीज मिल रहे थे, अब इनकी संख्या जहां दो हजार से भी नीचे आ गई है, वहीं अब ऑक्सीजन वाले बेड और ऑक्सीजन वाली पोर्टेबल मशीनों की मारा-मारी समाप्त हो गई है। अब वेटिंग जैसी स्थिति नहीं रह गई है। मरीजों को आसानी से सब मिल जा रहा है। आने वाले समय में स्थिति में और भी सुधार होगा और वेंटिलेटरों की भी कमी बहुत जल्द समाप्त हो जाएगी। अब निजी डॉक्टरों की ओपीडी में मरीजों का आना पहले की तुलना में बहुत कम हो गया है। डॉक्टरों की मानें तो रायपुर में पीक अब ढलान पर है।
कोरोना की इस लहर में प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब स्थिति में रायपुर रहा है। सबसे ज्यादा मरीज मिलने का सिलसिला यहां ज्यादा रहा है, लेकिन अब इस सप्ताह से स्थिति में बहुत सुधर नजर आने लगा है। जहां एक तरफ नए मरीजों के आने का आंकड़ा बहुत नीचे चले गया है, वहीं ठीक होने वाले मरीज भी ज्यादा हो गए हैं। डॉक्टर शैलेश खंडेलवाल का कहना है, हमारा

 
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