जोन 4 नगर निगम की अनुबंधित महिलाओं द्वारा मास्क के नाम पर अवैध वसूली...निगम संज्ञान लेकर इन्हें हटाए
रायपुर कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में जहां लोग अपने बचाव का जतन कर रहे है तो वही इसकी आड़ में कुछ लोगों के लिए पैसे कमाने का एक सशक्त माध्यम भी बन चुका है विशेष कर नगर निगम अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के लिए वहां के अस्थायी निगम कर्मचारी महिलाएं जिनके बारे में बताया जाता है कि संभवतः ये आंगन बाड़ी महिला सदस्य होती है कोरोना मास्क की आड़ में अब उनकी चांदी कट रही है तथा वे आम जनता को मास्क पहनने एव लगाए गए रुमाल गमछा चेहरा कव्हर गिरने के नाम पर जमकर अवैध वसूली कर रही है जिससे हर खास ओ आम हलाकान हो चुके है तथा अब लोगों के बीच से विरोध के स्वर भी मुखर हो रहे है और ऐसे तथाकथित आंगनबाड़ी निगम महिला कर्मचारीयों को तत्काल मास्क की आड़ में किए जा रहे अवैध वसूली से हटाये जाने की मांग की जा रही है क्योंकि देखा यह जा रहा है कि मास्क गिरने या हटने पर दण्डात्मक राशि न देने पर विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है और मारपीट की नौबत सामने आ रही है
ऐसा ही एक ताज़ातरीन मामला जोन क्रमांक 4 के अतर्गत गोलबाजार थाना के हबीब होटल के समीप देखने को मिला जहां पर एक मीडिया कर्मी जिसने गमछे से फेस कव्हर किया हुआ था परन्तु संयोग से वह नाक के नीचे हो गया तब वहां उपस्थित आंगन बाड़ी महिला जिन्हें निगम द्वारा अनुबंध में रखा जाता है जो स्वयं को निगम कर्मचारी बताकर मीडिया कर्मी से नाक के नीचे गमछा बंधे होने के कारण दण्डात्मक राशि 500 रुपये की मांग करने लगी जबकि मीडिया कर्मी ने अपना परिचय भी दिया तथा एक अन्य मीडिया कर्मी थाने में जब मोबाइल से वीडियो बनाने लगा तब वह उल्टे एक अन्य मीडिया कर्मी को धमकाने लगी कि तू मेरा क्या वीडियो बना रहा है मैं तेरा वीडियो बनाती हूं .इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अवैध वसूली करने में ये महिलाएं किसी को झेप भी नही रही थी जबकि पीड़ित मीडिया कर्मी ने बताया कि उसके दो पहिया वाहन की चाबी बलात निकालकर दण्डात्मक राशि पटाने की मांग करने लगी उनके द्वारा बलात व्यवहार से क्षुब्ध मीडिया कर्मी ने अपने वरिष्ठ को इसकी सूचना दी मगर वह उनसे भी बहस,मुबाहिसा करने लगी तब मामला गोलबाजार थाना पहुंचा जहां पर तकरार होने की स्थिति पर थाना प्रभारी द्वारा मामला किसी तरह शांत किया गया तथा मीडिया कर्मी को जाने दिया गया जबकि इनके उक्त आम जन से दुर्व्यवहार को लेकर स्वयं पुलिस कर्मी भी विरोध करते नज़र आए उनका कथन है कि किसी प्रकार से भी आम जनता को परेशान नही किया जाना चाहिए तथा लोगो को जो फेस कव्हर पहने हुए है या किसी कारण वश फेस कव्हर गिरने या हटने पर उन्हें एक बार समझाइश देकर छोड़ा जाना चाहिए मगर ऐसे तथाकथित आंगन बाड़ी की अनुबंधित निगम कर्मचारी जो केवल फेस कव्हर की आड़ में जिनका अवैध वसूली लक्ष्य होता है वे बलात लोगो से पांच सौ रुपये चलानी कार्यवाही भरने की बात करती है
तथा किसी के पास पांच सौ रुपये न होने की स्थिति पर उनसे सौ दो तीन सौ रुपये नगद लेकर उन्हें छोड़ देती है ज्ञात तो यह भी हुआ है कि रसीद काटने वक्त न डुप्लीकेट रसीद होती है और न ही कार्बन कॉपी लगाई जाती है जिससे इनकी अवैध वसूली की आशंका को बल मिलता है तथा सौ दो सौ तीन सौ रुपये जो बगैर रसीद काटे लिया जाता है वह अवैध उगाही की राशि इनके जेब मे पहुंच जाती है ऐसा अवैध राशि वसूली का माहौल केवल जोन क्रमांक चार ही नही बल्कि राजधानी के विभिन्न आउटरों में देखने सुनने और पढ़ने को मिल रहा है एक स्थान में घटना के बारे में यह भी जानकारी मिली है कि अवैध वसूली को लेकर जूते,पैजर, लाठी भांजने के समाचार भी जन मानस के समक्ष आ चुके है एक प्रकार से आम जनता से अवैध राशि वसूली को लेकर सभी आम लोग रोष व्यक्त कर रहे है क्योंकि कहा जा रहा है कि महिला होने का लाभ उठाते हुए ये दस के ग्रुप की महिलाएं किसी से भी उलझ जाती है तथा आम जनता से दुर्व्यवहार भी करती है लोगों का कथन है कि जब निगम इन्हें अनुबन्ध के आधार पर रखी है तो उनके द्वारा क्यों किसी से भी बगैर मनी रसीद काटे सौ दो सौ और तीन सौ की वसूली की जा रही उस वक्त निगम का कोई जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी की नियुक्ति क्यों नही की जा रही है ? ताकि व्यवस्था को संभाला जा सके कथित महिला कर्मचारियों द्वारा लगातार सामने आ रहे अवैध वसूली और दुर्व्यवहार से निगम और महापौर की छबि धूमिल हो रही है मास्क चेकर महिलाओं द्वारा आम जनता की दो पहिया वाहन से बलात चाबी निकालना और दण्डात्मक राशि लेकर छोड़ना जिसका इन्हें अधिकार नही है यह सब किसकी शाह पर किया जा रहा है यह सवाल अब आम जनता के मध्य उठाया जा रहा है


 
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