रविवार, 16 अप्रैल 2023

राजेश के रंग..किशोर के संग ने अपना जलवा बचा लिया परन्तु आगे क्या कराओके अपना अस्तित्व बचा पाएगा ?

 राजेश के रंग..किशोर के संग ने अपना जलवा बचा लिया परन्तु आगे क्या कराओके अपना अस्तित्व बचा पाएगा ?


अलताफ हुसैन

रायपुर मी.यु.एंड मैलोडी   राजेश के रंग किशोर के संग कार्यक्रम का रंगारंग आगाज़ शनिवार मायाराम सुरजन हॉल  में संपन्न हुआ जिसमें स्थानीय गायकों ने राजेश खन्ना के सुनहरे दौर के एक से बढ़कर एक गीत हुए जिसमे सभी  मंझे हुए गायकों ने अपनी प्रस्तुति दी ,,,, ओ मेरे दिल के चैन ,,, जैसे रूमानी गीत जो धड़कते दिलों में उस दौर की यादें ताज़ा करते चली गई और श्रोता राजेश खन्ना साहब के एक एक अंदाज़ की परिकल्पना में खोते चले गए वही सिंगर दुर्गेश पुल्ली ने गीत... आते जाते खूब सूरत आवारा सड़कों पे...इसे उन्होंने अपने ही अंदाज़ में प्रस्तुत किया क्योंकि दुर्गेश जहां हाई रेंज गीत को गाने के लिए पहचाने जाते है वही उन्होंने स्लो गीत सुनाकर श्रोताओ को मन्त्र मुग्ध कर दिया और यह बता दिया कि गीतों के भाव को पकड़ा जाए तो एक कलाकार सभी गीतों के साथ पूरा न्याय कर सकता है जो उन्होंने किया   राजेश खन्ना के सुपर हिट दौर में पहुंच कर कल्पना के सागर में गोते लगाते हुए जब  .हेमंत दा और चेतना जैन ने. अच्छा तो हम चलते है जैसे रूमानी  गीत की धुन छेडा तो श्रोता गण साथ मे गुनगुनाते हुए अपने आप को रोक न सके  आज के मंझे हुए और अपने गीतों के साथ पूरा न्याय करने वाले हरदिल अजीज गायक,,,सुजीत यादव ने सुप्रसिद्ध एकल गीत ,,,दीवाना लेके आया है दिल का तराना,,, को बड़ी संजीदगी के साथ प्रस्तुत किया,,, और श्रोता भी उस गीत में खो गए वही डायरेक्टर शेष गिरी राव  और कृष्णा राव,,, दिल मे आग लगाऐ सावन का महीना,,  जैसे बहुत से गीतों की प्रस्तुति दी और श्रोता प्रत्येक गीतों पर ताली की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत अभिनंदन किया वही परिपक्व गायक ज़ाहिद पाशा ने ,,,अकेले है चले आओ...  मो.रफ़ी साहब के गीत को अपने बेहतरीन सधे हुए अंदाज़ मे प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी वही मल्ली राव ने अलग अलग फ़िल्म का गीत और ग़ज़ल का मिलाजुला स्वरूप (मिक्स वर्ज़न)  ...कभी बेकसी ने मारा ,,,,हो कभी बेबसी ने मारा गीत की शानदार प्रस्तुति देकर माहौल को खुशनुमा बना दिया और श्रोता एक एक बोल पर वाह वाह करने लगे और गीतों का लुत्फ उठाते रहे राजेश के रंग किशोर के संग कार्यक्रम को लेकर जी. शेषगिरी राव काफी दिनों से मेहनत कर रहे थे उनका ये मेहनत मायाराम सुरजन हॉल के मंच से दिखा जहां सभी गायको ने अपने गीतों के साथ पूरी ईमानदारी बरती  राजेश खन्ना के लगभग बहुत से फिल्मो के सुपर हिट गीतों की फेहरिस्त उन्होंने तैयार की थी और लगातार सुपर हिट गीतों को सुपर गायको ने मंचीय आसंदी से साकार कर के दिखाया इसके अलावा सुजीत यादव ने... शायद मेरी शादी का ख्याल दिल मे आया है ...जैसे गीतों की प्रस्तुति भी दी तो वही मनोहर ठाकुर जो मो.रफी साहब को जीते है जिनके आदर्श ही रफी साहब है उन्होंने ...नफरत की दुनिया को छोड़ कर प्यार.... उनकी गायकी रफ़ी के गीतों  में एक अलग ही छाप छोडती नज़र आती है जी भूषण राव की गायकी में परिपक्वता है और सभी गीतों के साथ वे न्याय करते है सिंगर जयेश,संजय सिंह, पंचमी,शेन्द्रे,चेतना जैन और नन्ही गायिका जी अनुश्री की प्रस्तुति भी सराहनीय रहा वही अपने अलग अंदाज की एंकरिंग और गायकी के लिए चिन्हे जाने वाले आदरणीय लक्ष्मी नारायण लाहोटी जी ने ...छुप गए सारे नज़ारे ...गीत प्रस्तुत कर  अपनी  गायकी का प्रदर्शन किया जिसका उपस्थित श्रोताओं ने ताली बजा कर स्वागत किया मंच का संचालन जी शेषगिरी राव ने अपने बेहतरीन दबंग आवाज़ में किया और क्रमशः गीतों की लंबी फेहरिस्त के साथ चलते हुए कार्यक्रम में उन्होंने एक एक गायको को मंच सौंपते चले गए और सभी गायको ने अपनी बेहतरीन किशोर दा अंदाज़ वाली गायकी से श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा विगत माह तीज त्योहार,नवरात्रि रमज़ान से गुजरते हुए यह पहला अवसर आया जब बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित होकर राजेश के रंग किशोर के संग कार्यक्रम में उत्साह और गर्मजोशी के साथ उपस्थित होकर चुनिंदा  गीतों का लुत्फ उठाया जी.शेष गिरी राव एकलौते ऐसे अलहदा डायरेक्टर है जो अलग थीम पर अलग टायटल के साथ कार्यक्रम की प्रस्तुति देते है और उनका कार्यक्रम सफल भी होता है नही तो आज खरपतवार की भांति चालीस से ऊपर की संख्या में डायरेक्टरों की भरमार हो गई है अपवाद स्वरूप कुछ म्यूजिकल ग्रुप को छोड दिया जाए तो अधिकांश डायरेक्टरो को खुद ही नही पता कि वह क्या गा रहा है या अन्य गायकों से क्या गीत गवा रहा है बस, हमे गायन का शौक है पन्द्रह बीस हजार में कार्यक्रम देना है यही विकृत मानसिकता के चलते अब श्रोता भी वही   राग ढेंचू,,, और राग भैंसे,,, वाले सुर सुनकर लगातार वही चेहरे और वही उबासी गीतों को सुन सुनकर सब ऊब से गए है और निरंतर श्रोताओं की उपस्थिति में गिरावट का ग्राफ दर्ज किया जा रहा है अब तो प्रायोजक भी नए नए हथकंडे अपनाते हुए कभी भारी विधुत सजावट,कभी कार्यक्रम में गायक गायिकाओं के द्वारा   डांस तो कभी किसी जन्मदिन,सालगिरह,इत्यादि कार्यक्रम का आयोजन कर खान पान की व्यवस्था करके श्रोता जुटाने का जतन करते है ऐसी व्यवस्था न करने वाले आयोजक केवल सर पर हाथ धर कर बैठ जाते है क्योंकि श्रोताओं के भारी टोटा हो जाता है वही एक कमी यह भी है कि दर्शक और श्रोता के रूप में कोई बाहरी श्रोता नही होता केवल वही गायक डायरेक्टर होते है जो मात्र औपचारिकता निभाने के उद्देश्य से आधा घण्टा अपनी शक्ल दिखा कर और अपने कार्यक्रम की घोषणा,स्वागत करवा कर चले जाते है रह जाते है गिने चुने पारिवारिक मित्र और साथी जो कार्यक्रम के असफल होने का मुख्य कारण है इसमें आंगतुकों को नही बल्कि  कार्यक्रम के समय सीमा डेढ़ से दो घण्टे मात्र हो और कम गीत के साथ अच्छे परिपक्व गायकी होना चाहिए यह नही कि नाना प्रकार के भाव भंगिमा प्रस्तुति से डांस दिखा कर कार्यक्रम सफल होने की कोई ग्यारंटी नही और इस प्रकार की प्रस्तुति पर हमारी गायकी और उसका स्तर सुधर पाएगा ?यह सवाल सुरसा की भांति  हमारे सामने मुंह फाडे खड़ा है जिसका समाधान भी सभी कराओके परिवार को मिल कर निकलना होगा गायकी के स्तर को सुधारना होगा ताकि लोग स्लोगन बैनर आने के पूर्व ही श्रोता उत्साहित रहे और कहे कि हमे फलां के कार्यक्रम में जाना है बहुत अच्छा कार्यक्रम होता है जैसे विचार आना चहिए तभी कराओके का अस्तित्व मर्यादा और सम्मान शेष रह सकता है नही तो वह दिन दूर नही जब शनैः शनैः कराओके का सूर्य भी अस्त हो जाएगा ,,

शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023

26 वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद महाकुंभ में छत्तीसगढ़ बना सिरमौर

 26 वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद महाकुंभ में छत्तीसगढ़ बना सिरमौर

रायपुर  अखिल भातीय वन खेल कूद प्रतियोगिता का 26 वां खेलकूद महाकुंभ प्रतियोगिता का आगाज 10 से 14 मार्च 2023 को हरियाण के समीप स्थित पंचकूला मेआयोजन किया गया था जहां देश के अधिकांश 26 राज्य के हजारों खिलाड़ियों ने हरियाणा पंचकूला के मैदान,कोर्ट,स्टेडियम के खेल प्रतियोगिता में अपने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन करते हुए पसीना बहाया जिसमे   छत्तीसगढ़ प्रदेश वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से भी सैकड़ों की संख्या में भिन्न भिन्न खेलों के 215 प्रतिभागी खिलाड़ियों ने जिनमे भावसे वन अधिकारी से लेकर छोटे बड़े सभी कर्मचारीयों ने अपने अपने खेल का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया तथा सर्वाधिक 68 गोल्ड पदक छग वन विभाग के लिए लाने सफल हुए तथा संपूर्ण भारत मे 26 वीं अखिल भारतीय खेलकूद प्रतियोगिता के इस महाकुंभ में  छत्तीसगढ़ वन विभाग दूसरी बार अप्रत्याशित रूप से  अद्वितीय विजयी पताका लहराते हुए ''जो जीता वही सिकन्दर'' की तर्ज पर एक कीर्तिमान  स्थापित करते हुए संपूर्ण भारत देश मे प्रथम स्थान पाने सफल रहा यह सब टीम भावना और विभाग की अस्मिता बचाने तीन माह की कठोर हाड़ तोड़ अभ्यास और लगन परिश्रम का ही परिणाम कहा जा सकता है 



कि 67 चमकदार गोल्ड के साथ कुल 129 सिल्वर ब्राउज की बड़ी संख्या में तमगा पाकर संपूर्ण छग वन विभाग कामयाबी के मद में अभिभूत हो गया अभी तक सोने और चांदी,ताम्र पदक की खुमारी उतरी नही है क्योंकि 80 प्रकार के भिन्न भिन्न खेलों के बीच मे अलग अलग प्रतिभागी खिलाड़ियों का चयन करना किसी चुनौतियों से कम नही है मगर संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य वन विभाग में हजारों की संख्या में  कार्यरत अधिकारी,कर्मचारियों में ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन कैसे किया जाए यह सब से बड़ा सवाल था परंतु प्रदेश वन विभाग के मुखिया और वन बल प्रमुख पीसीसीएफ संजय शुक्ला साहब की दूर दर्शी सोच ने औपचारिक बीस,तीस सवर्ण,गोल्ड,ब्रॉन्ज,पदक  जीत कर लाए जाने और संतुष्टि का भाव प्रदर्शित करने वाले मिथ्या भ्रामक विचार पर  प्रहार करते हुए ऐसे रणनीतिकार के हाथों में खेलकूद प्रतियोगिता की महती जिम्मेदारी सौंपने का विचार किया जो औपचारिक विजय नही बल्कि खेल कोटा से लिए गए अधिकारी, कर्मचारी   संपूर्ण देश भर में प्रथम स्थान पाने वाले विजयी छत्तीसगढ़ राज्य के रूप में चिन्हित कर छग राज्य वन विभाग का मस्तक गर्व से ऊंचा कर सके

इसके पीछे पीसीसीएफ, वन बल प्रमुख संजय शुक्ला साहब की कुशल प्रशासनिक रणनीति रही है क्योंकि अखिल भारतीय वन खेल कूद प्रतियोगिता के प्रथम आयोजन अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य से लेकर छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण पश्चात तक  वर्ष 1992- से लेकर 2023 के  तक के लगभग समस्त आयोजन में उनकी  प्रतिभागिता कुछ अपवाद स्वास्थ्य संबधी रहने के बावजूद  सुनिश्चित रही भारतीय वन सेवा के अधिकारी  वन बल प्रमुख,पीसीसीएग  संजय शुक्ला साहब,और टेबल टेनिस खिलाडी आलोक तिवारी साहब जो वर्तमान वर्ष 2023 पंचकूला में संपन्न हुए प्रतियोगिता आयोजन का हिस्सा बन कर सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी होने का खिताब अपने नाम दर्ज करवा लिया जबकि वन बल प्रमुख संजय शुक्ला साहब इस वर्ष 2023 खेलकूद प्रतियोगिता में शारीरिक  अस्वस्थता के चलते इस महाकुंभ खेल का हिस्सा नही बन सके फिर भी  26 वी अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन तक खेलकूद प्रतियोगिता के सबसे अधिक खेल आयोजनों का हिस्सा बनकर  वरिष्ठ प्रतिभागी के रूप अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा दिया है बताते चले कि छग वन विभाग में खेलकूद कोटे से भी बहुत सी भर्तियां होती है तथा समय समय अर्थात वर्ष में एक बार ऐसे आयोजन देश के किसी राज्य में  किया जाता है ताकि खेल कोटे से आए  खिलाड़ी अधिकारी,कर्मचारी  के खेल प्रतिभा पर समय के नमी से जंग न पड़ जाए इसलिए ऐसे खिलाड़ियों को वर्ष में एक बार ऐसे खेल 



प्रतियोगिता का आयोजन कर उन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को घिस मांज कर चमकदार बनाया जाता है जिसका परिणाम पंचकूला के इस आयोजन में 67 गोल्ड सहित कुल  129 गोल्ड सिल्वर ब्रॉन्ज लेकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कर्नाटक राज्य को पछाड़ते हुए अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता के इस महाकुंभ में 509.अंक प्राप्ति के साथ संपूर्ण भारत देश मे अभूतपूर्व विजय प्राप्त कर छग प्रदेश वन विभाग का नाम का डंका चारो दिशा में बजवा दिया इस संपूर्ण महती विजयी अभियान का दायित्व वन बल प्रमुख पीसीसीएफ संजय शुक्ला साहब ने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील मिश्रा साहब जैसे अनुभवी,दूरदर्शी सोच के साथ कुशल प्रशासनिक क्षमता वाले अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया क्योंकि तात्कालिक पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी साहब के कार्यकाल में 






 गत वर्ष ओडिसा में 25 वीं आयोजित अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में भी  नोडल अधिकारी के रूप में सुनील मिश्रा साहब को ही दायित्व सौंपा गया था  जिनके कुशल प्रशासनिक नेतृत्व,चाक चौबंद व्यवस्था एवं दूरदर्शी सोच का ही परिणाम कहा जाए जो उनके सफल दो बार नोडल अधिकारी रहते हुए दोनों ही बार अखिल भारतीय खेल आयोजनों में छत्तीसगढ़ वन विभाग ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए संपूर्ण भारत देश मे प्रथम स्थान प्राप्त किया एपीसीसीएफ सुनील मिश्र साहब के पूर्व अनुभव का लाभ उठाते हुए इस वर्ष 2023 के 26 वीं अखिल भारतीय वन खेल कूद प्रतियोगिता में भी उन्हें ही कमान सौंपी गई जिस पर वे  जताए गए विश्वास पर खरा उतरे इस संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि जंग में जब तक कोई सेनापति के रणनीति के साथ कुशल नेतृत्व,मार्गदर्शन, तथा अपने सिपाहियों में ऊर्जा साहस का संचार नही कर देता तब तक कोई भी जंग जितना असंभव होता है ठीक वैसे ही खेल में भी यही रणनीति अपनाई जाती है जिसका एपीसीसीएफ सुनील मिश्रा साहब ने  अनुपालन किया तथा सर्व प्रथम अपने सहयोगी अधिकारी आलोक तिवारी,विश्वेश झा भावसे को पूरा मार्ग दर्शन देते हुए ऐसे खिलाड़ियों का चयन प्रक्रिया अपनाई गई जिसमे उत्कृष्ट खेल भावना के साथ पूरी ऊर्जा के साथ विभाग के लिए मैडल लाने की क्षमता हो चयन प्रक्रिया के प्रथम पड़ाव दिसंबर 2022 में संपूर्ण प्रदेश वन विभाग से इच्छुक खिलाड़ियों का ट्रायल राज्य स्तरीय प्रतियोगिता प्रशिक्षण हुआ जिसमें साढ़े चार सौ खिलाड़ियों ने चयन  प्रक्रिया के दौर से गुजरना पड़ा इसके पश्चात 280 चयनित खिलाड़ी का प्रशिक्षण शिविर वर्ष 2023 जनवरी माह में किया गया 



तथा अनेक प्रशिक्षित कोच मास्टर के सान्निध्य में खेल की बारीकियों से रूबरू कराया गया इसके पश्चात फरवरी माह में अंतिम दौर के225 खिलाड़ियों के प्रशिक्षण में छटनी के पश्चात कुल 215 चयनित खिलाड़ी मय कोच मैनेजर के 10 से 14 मार्च 2023 में चंडीगढ़ के पंचकूला में भिन्न भिन्न 80 खेलो में अपनी प्रतिभागी देते हुए खेलो का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ वन विभाग ने  उत्साह पूर्ण  विजय दिलाई उसके पीछे का संपूर्ण चयन प्रक्रिया से लेकर व्यवस्था तक मे रणनीति के साथ कुशल खिलाड़ी के चयन में महती भूमिका निभाने वाले वन विभाग के ऊर्जावान,  एपीसीसीएफ श्री सुनील मिश्रा साहब,आलोक तिवारी साहब,और युवा ऊर्जावान रायपुर वन मण्डलाधिकारी भावसे अधिकारी विश्वेश झा साहब की भूमिका सराहनीय बताई गई है



 एपीसीसीएफ़ सुनील मिश्रा साहब के कार्यशैली के संदर्भ में उपस्थित अनेक खिलाड़ियों का यह कथन रहा है कि मिश्रा साहब बकायदा मॉनिटरिंग कर खिलाड़ियों से रूबरू होकर होने वाली बहुत से  असुविधा को दूर करते रहे तथा इस संदर्भ में कोच मैनेजर खिलाड़ियों से बकायदा मीटिंग कर कमियों पर पूरा फोकस किया खानपान,डाइट से लेकर खेल उपकरण,मैदान, और ठहरने की व्यवस्था दो से तीन समय पर लगातार दक्ष कोच की निगरानी में कसरत के साथ लगातार प्रशिक्षण जारी रखा यही नही प्रशिक्षण के दौरान प्रदर्शन के अनुसार 215 खिलाड़ियों का चयन,प्रक्रिया भी अपने हाथ रखा और सही प्रतिभावान खिलाड़ियों को अवसर दिया गया दिसंबर 2022 से लेकर हरियाणा पंचकूला खेल प्रतियोगिता होने 15 मार्च 2023 तक आने जाने से लेकर लगातार तीन माह का चयन प्रक्रिया, प्रशिक्षण ठहरने रुकने ,खानपान,डाइट, उपकरण खरीदी से लेकर खेलकूद परिसर के जीर्णोद्धार  जिमखाना व्यवस्था में विभागीय मद से अनुमानित व्यय होने की बात कही जा रही है  जो कोई आश्चर्य का विषय नहीं हैं क्योंकि लगातार तीन माह की आवागमन  व्यवस्था खेल उपकरण की लगातार कवायद करना कोई चुनौती से कम नहीं है जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में सफल निष्पादन करना और संपूर्ण देश में सिरमौर  बनना किसी मेहनत लगन,और परिणाम का ही सफल  कहा जा सकता है

 





 

रविवार, 9 अप्रैल 2023

पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ जिले का प्रभार रमीजा परवीन अध्यक्ष सीमा दुबे मनोनीत

 पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ जिले का प्रभार रमीजा परवीन को अध्यक्ष सीमा दुबे मनोनीत

रायपुर  पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ की एक बैठक राजधानी रायपुर में आहूत की गई जिसमें रायपुर जिला की महिला पत्रकारों की सहभागिता  सुनिश्चित करते हुए पत्रकार महासंघ के प्रदेश संरक्षक सुनील यादव प्रदेश उपाध्यक्ष अब्दुल हमीद एवं सचिव प्रताप नारायण बेहरा की गरिमामयी उपस्थिति में संघठन का विस्तार करते हुए पदाधिकारियों का चयन कर मनोनीत किया गया जिस में रायपुर जिला के  प्रभारी के रूप में रमीजा परवीन एवं रायपुर शहर अध्यक्ष के रूप में सीमा दुबे को मनोनीत किया गया इस अवसर पर कोषाध्यक्ष श्रीमती निहारिका श्रीवास्तव, सदस्य नवनीत श्रीवास्तव, रानी कन्नौजे,ललित यादव मनीष मिश्रा एवं अन्य सदस्य गण उपस्थित थे

गुरुवार, 6 अप्रैल 2023

प्रभु श्री राम के ननिहाल में कृष्ण कुंज (वाटिका)का निर्माण

 प्रभु श्री राम के ननिहाल में कृष्ण कुंज (वाटिका)का निर्माण 

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय) छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभु श्री राम का ननिहाल माना जाता है उन्होंने अपने चौदह वर्ष का वनवास काल का बड़ा समय यही छग के वनक्षेत्रों में गमन करते हुए व्यतीत किया है इसी छत्तीसगढ़ प्रदेश में शबरी के झूठे बेर भी खाए है यही चंदखुरी में माता कौशल्या का भव्य मंदिर भी विकसित किया गया है प्रदेश के जिस वन क्षेत्रों से  प्रभु श्री राम का गमन हुआ था उन रास्तों में छग शासन ने राम वन गमन पथ पर वृक्षारोपण करके उन्हें आकर्षक स्वरूप प्रदान किया  है यह सब छग शासन वन विभाग के द्वारा राम वन गमन पथ रोपण कार्य संपादित कर हरियाली की सौगात राम भक्तों सहित प्रदेश भर के निवासियों को दिया गया जहां रोपित पौधे अब हरे भरे वृक्ष का आकार लेकर अपनी बढ़त बनाकर क्षेत्र में हरियाली आभा प्रसार कर रहे है अब छग प्रदेश में जहां प्रभु श्री राम वन गमन पथ रोपण,तथा  चंदखुरी में माता कौशल्या का आकर्षक मंदिर की बात किया जाए वहां प्रभु श्री कृष्ण का उल्लेख न हो यह असंभव है क्योंकि दोनों भगवान का अवतरित स्वरूप भी तो एक ही है फर्क केवल यह है कि प्रभु श्री राम  काल खंड में रामायण लिखी गई और प्रभु श्री कृष्ण काल खंड में महाभारत की रचना हुई परंतु कलयुग के आज  में किसी अन्याय,अधर्म के विरुद्ध कोई इतिहास बनाना नही बल्कि  कलयुग में पृथ्वी पर प्रकृति और पर्यावरण का जो लगातार हास्,विदोहन हुआ है वह भी प्रकृति पर किसी अन्याय अत्याचार  से कमतर नही है जो पर्यावरण प्रकृति के अस्तित्व के संरक्षण संवर्धन कर एक इतिहास लिखना है


यह पुनीत कार्य छग वन विभाग नित नई नई योजनाओं के माध्यम से कर रहा है क्योंकि देखा यह जा रहा है कि लगातार हरे भरे वृक्षों का विदोहन कर मानव स्वयं के जीवन को धर्म संकट में डालता जा रहा है  लगातार घटते वन क्षेत्र के मध्य बढ़ते प्रदूषण और मानव का लगातार जहरीली हवाओं से संपर्क के कारण मानव का जीवन शनैः शनैः असमय मृत्यु की ओर बढ़ रहा है   केवल ईश्वरीय रूपी पेड़ पौधों, प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण संवर्धन के साथ ही मानव जीवन की सुरक्षा की जा सकती है असंतुलित जलवायु एवं परिवर्तित होते  वातावरण को नई दिशा देने के उद्देश्य से धार्मिक आस्था और भगवान के नाम का सहारा लेते हुए पेड़ पौधों का रोपण करना वन विभाग का मुख्य लक्ष्य बन चुका है 



इससे धार्मिक आस्था के साथ भगवान के लीला काल से जुड़ी पेड़ पौधों का संरक्षण के साथ ही उजड़े पड़त बंजर भाटा भूमि में हरियाली की बयार बहा कर मानव जीवन और परिवर्तित होते जलवायु को संतुलित किया जा सके तथा संपूर्ण पृथ्वी के प्रकृति,पर्यावरण, जलवायु,जीव जंतु और समूल मानव जीवन की सुरक्षा की जा सके इसके लिए प्रदेश की कॉग्रेस सरकार वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ मिलकर पेड़ पौधों से आच्छादित प्रकृति,पर्यावरण के सुरक्षा हेतु ईश्वरीय धर्म आस्था का सहारा लेते हुए जन जागरूकता सहित जन भागीदारी के साथ अनेक योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कर यथार्थ की धरा पर उतारा है जिसके दूरगामी परिणाम अब शनैः शनैः परिलक्षित हो रहे है इसी क्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेश के भिन्न भिन्न क्षेत्रों में जो प्रभु श्री राम का ननिहाल के रूप में जाना जाता है वहां के पूर्व काल के वृन्दावन सदृश्य क्षेत्र जो अब पठारी,बंजर स्थल के स्वरूप में पहुंच चुके है जहां लगातार पेड़ पौधों के विदोहन के कारण बहुत से क्षेत्र चटियल भूभाग बन चुके है ऐसे क्षेत्रों का चयन कर उक्त स्थल मे प्रभु श्री कृष्ण के बाल रास लीला जैसे प्रतीकात्मक पेड़ पौधों का रोपण कर कृष्ण कुंज  (वाटिका)का निर्माण द्रुत गति से किया जा रहा है जो प्रदेश भर के ग्राम पंचायतों,नगरीय,शहरी क्षेत्र  में पड़त भाटा भूमि को चिन्हित कर दो,तीन और पांच एकड़ के वृहद भूभाग में धार्मिक एवं संस्कृति से जुड़े पेड़ पौधों का  सफल रोपण किया गया है जो हरियाली प्रसार में क्रांतिकारी पहल के रूप में देखा जा रहा है वन विभाग को छोटे स्तर पर किए गए रोपण और उसके मिल रहे  



  सफलता और परिणाम ने महत्वाकांक्षी योजना कृष्ण कुंज(वाटिका) अब आम जन के लिए धार्मिक आस्था के साथ द्वापर युग का अहसास करा रहा है तथा अब आम जन भी उन पौधों की सुरक्षा के साथ स्कूल मजविद्यालय के छात्र छात्राओं के शोध करने का क्षेत्र भी निर्मित हो रहा है यही नही बढ़त बनाए पैदुओं के हरियाली क्षेत्र ऊवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है तथा लोग हरित प्रकृति वातावरण में सेल्फी लेकर यादगार पल को अपने कैमरे में कैद कर रहे है ऐसे मनोहारी दृश्य  का साक्षात उदाहरण नवा रायपुर वन परिक्षेत्र के आरंग के समोदा,चंदखुरी, अभनपुर,के बड़े उरला क्षेत्र  में दिख रहा है अभनपुर के बड़े उरला क्षेत्र में लगभग पांच एकड़ भूभाग में बारह सौ आस्थावान  पौधों का सफल रोपण किया गया है जो एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है इस संदर्भ में जब रायपुर वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा साहब से चर्चा की गई तब उन्होंने बताया कि कृष्ण कुंज का रोपण करने के पीछे मुख्य उद्देश्य पारंपरिक धार्मिक विरासत को सहेजना है तात्कालिक युग में प्रभु श्री कृष्ण कदम के पेड़ पर चढ़कर बंसूरी वादन किया करते थे जिससे गोपियाँ सहित गाय भी उनकी बांसुरी की लय पर मदमस्त हो जाते थे इसलिए प्रमुखता के साथ कदम,आंवला,नीम,पीपल बेल,जामुन,आम,जाम जैसे फलदार छायादार पौधों का रोपण किया गया है जो प्रदेश के बहुत से क्षेत्र से विलुप्त हो रहे थे ऐसे पौधों का संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से दो से पांच, हेक्टेयर तक छोटे छोटे स्थलों का चयन कर रोपण किया गया है जो सफल रोपण माना जा रहा है  


रायपुर डीएफओ विश्वेश झा ने आगे बताया रायपुर वन मंडल अंतर्गत लगभग दस चयनित स्थल क्षेत्र में कृष्णकुंज

(वाटिका) का निर्माण किया गया है वे अच्छी दशा में ग्रोथ कर रहे है जिनमे अभनपुर का बड़ा उरला क्षेत्र के ऑरेंज भूमि जो ड्राई एरिया कहलाता है वहां का कृष्ण कुंज की हरियाली इस तपती गर्मी में भी देखते ही बनती है बताते चले कि रायपुर वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा 2007 बैच के अधिकारी है तथा भावसे की नई जमात में वे सर्वाधिक सफल,झुझारू, कर्तव्यनिष्ठ,ईमानदार,कार्यों के प्रति निष्ठावान,प्रतिभाशाली अधिकारी के रूप में पहचाने जाते है छोटे से बड़े कर्मियों के प्रति बगैर दुर्भावना एवं समान भावना के साथ कार्यों को अंजाम देते है अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के सौंपे गए दायित्वों में किसी प्रकार का समझौता नही करते निर्माण कार्य हो अथवा रोपण कार्य हो बीच बीच मे स्वयं मॉनिटरिंग करने के अलावा अनुभवी एसडीओ विश्वनाथ मुखर्जी सहित परिक्षेत्राधिकारी  सतीश मिश्रा की निगरानी एवं उपस्थित में संपादित किया जाता है लगातार कार्यों की समीक्षा अवलोकन से कार्य मे भी कसावट एवं परिणाम गुणवत्ता युक्त आते है जो   मैदानी कर्मियों के प्रशंसा एवम, पीठ थपथपा कर, उन्हें प्रोत्साहित करने का सबब भी बनता है रायपुर वृत के अभनपुर सहित दस स्थलों में  कृष्ण कुंज योजना के सफल क्रियान्वयन विगत वर्षों में राम वन गमन पथ के रोपण सहित नरवा परियोजनाओं सुरक्षा की दृष्टिकोण से वन क्षेत्रों में तार फेंसिंग के साथ उनके संरक्षण ने वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा का कद और बढ़ाया है  रायपुर वन मंडल कार्यालय में अपने सेवा काल मे अनेक लोकहित, जन कल्याणकारी वनों के संरक्षण,संवर्धन में अनेक  कार्यों की फेहरिस्त उनके नाम दर्ज हो चुकी है  जिससे रायपुर वृत की दशा और दिशा में काफी परिवर्तन देखा जा रहा है मैदानी अमला भी उनके कार्यशैली,कुशाल,कसावट  प्रशासनिक व्यवस्था  से काफी प्रभावित है तथा  मुक्त कंठ से उनकी प्रशंसा किए बगैर नही थकते वही  अनुभवी एस.डी.ओ. विश्वनाथ मुखर्जी भी उनके सहयोगी के रुप में जाने जाते है जिनके लंबे अनुभव का लाभ उन्हें और मैदानी कर्मचारियों को समय समय पर  मिलता रहता है जबकि वे भी कार्यों की गुणवत्ता,व्यवस्था,की बराबर मॉनिटरिंग हेतु  


वन क्षेत्रों का भ्रमण करते रहते है तथा सही दिशा निर्देश और मार्गदर्शन देकर कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते है योजना के रोपण अथवा निर्माण कार्यों के सफल क्रियान्वयन हेतु मुख्य सूत्रधार क्षेत्र का परिक्षेत्राधिकारी होता है जो अपने लंबे अनुभव तथा कार्यशैली से अपनी छवि,व्यक्तित्व, विकसित करता है वैसे भी नवा रायपुर रेंजर सतीश मिश्रा एक सुलझे हुए, परिपक्व,सदैव सहकर्मियों के हितार्थ खड़े रहने वाले अनुभवी अधिकारी के रूप में जाने जाते है तथा लगातार छग प्रदेश कर्मचारी संघ, के अलावा अखिल भारतीय वन अधिकारी संघ में पांच वर्षों से राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व निभा रहे है रायपुर रेंजर सतीश मिश्रा की राष्ट्रीय स्तर की  राजनीति में उनकी अच्छी खासी दखल है 
मजेदार बात यह है कि छग प्रदेश कर्मचारी संघ के छ बार अध्यक्ष लगातार निर्विरोध चुने गए तथा 18 वर्षों तक कार्य करते रहे वन रक्षक पद से कांकेर वन मंडल से वर्ष 1984 उत्पादन से दैनिक वेतन भोगी कर्मी के रूप में अपनी सेवा प्रारंभ करने वाले श्री सतीश मिश्रा का वर्ष 1989 में स्थायीकरण हुआ वे लगातार अपने सहयोगी,वन कर्मियों की मांग के लिए सदैव आवाज़ उठाते रहे है जहां एक ओर सहयोगी वन कर्मियों के अधिकार के लिए आवाज़ बुलंद करते रहे है वही दूसर ओर मैदानी क्षेत्र में संपादित  रोपण,निर्माण, अथवा योजनान्तर्गत  कार्यों के प्रति सदैव कठोर रहते है







 यही वजह है कि अभनपुर के प्रभारी गिरीश रजक, चंदखुरी के प्रभारी शिव चन्द्राकर, आरंग के डिप्टी लोकनाथ ध्रुव,अपने अपने क्षेत्र में सदैव क्रियाशील रहते है तथा वे भी मोबाइल के अलावा कार्य स्थल कृष्णकुज वृक्षारोपण  निर्माण में पूरी तत्परता से कार्यों को अंजाम दिया है उपरोक्त विभागीय कर्मचारियों की वजह से रायपुर वन मंडल परिक्षेत्र में लगभग दस कृष्णकूंज वृक्षारोपण कार्य संपादित हुआ है आज भी वे सदैव उन्हें मॉनिटरिंग कर जायजा लेते देखा जा सकता है  जिसके परिणाम स्वरूप सभी स्थलों के कृष्ण कुंज आज आम जन के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हुए है नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा ने बताया कि तीनो ही स्थलों में  लोहे और तारों की फेंसिंग कराई गई है ताकि गाय गरुआ,जानवरो की चराई से रोपण क्षेत्र सुरक्षित रह सके उन्होंने बताया कृष्ण कुंज प्रभु श्री कृष्ण के बाल्य काल के नटखट बाल क्रीड़ा, से संलग्न अवस्था,एवं पारंपरिक,पेड़ पौधों से जोड़ा गया है तथा उन्ही पेड़,पौधों का रोपण किया गया जिनका उल्लेख धार्मिक ग्रंथों में मिलता है  जिनमे,कदम,बेल,पीपल,जाम आम,जामुन के नाम उल्लेखित है


कृष्णकुंज को आकर्षक स्वरूप बनाने के उद्देश्य से श्री कृष्ण भगवान की  विभिन्न मुद्राओं के चित्र उकेरे गए है जो चित्ताकर्षक लगते है तथा आस्था से शीश नवाने देखा जा सकता है  नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी  सतीश मिश्रा आगे बताते है कि पांच स्थल के कृष्ण कुंज निर्माण में लगभग पन्द्रह लाख से ऊपर लागत लग गया है  जो नवा रायपुर अटल नगर में उनके कार्यकाल में जितने भी,उल्लेखित पथ रोपण,ब्लॉक रोपण, कार्य संपादित हुए है उनमे अभनपुर,आरंग,एवं, चंदखुरी का कृष्ण कुंज (वाटिका)भी एक है वही रायपुर परिक्षेत्र में तेली बांधा चौक के समीप निर्मित  कृष्ण कुंज में लगभग 1200 से उपर मिश्रित प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है इस संदर्भ में रायपुर के परिक्षेत्राधिकारी साधे लाल बंजारे ने बताया कि राजधानी रायपुर  शहर के मध्य एक मात्र कृष्णकुंज तेलीबांधा चौक के रिक्त भूमि पर माननीय मुख्य मंत्री एवं शासन के विधायक मंत्री सहित वन विभाग के उच्च अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ था वही प्रभारी डिप्टी दीपक तिवारी ने बताया कि शहर के मध्य निर्मित कृष्ण कुंज शहर वासियों को सौगात है इसके निर्माण से आसपास उठते धूल और प्रदूषण से लड़ने प्रकृति रूप से एक हथियार मिल गया है  और समस्त मानव के स्वास्थ्य गत दृष्टिकोण से भी यह शुद्ध ऑक्सीजन देने कारगर साबित होगा प्रारंभिक चरण में इसकी संपूर्ण देखरेख,सुरक्षा के उपाय किए गए है चारों ओर तार फेंसिंग से कव्हर किए गए है ताकि पेड़ पौधों को किसी भी हानि से बचाया जा सके प्रभारी दीपक तिवारी ने आगे बताया है कि इस प्रकार के कृष्ण कुंज (वाटिका) खरोरा सहित अन्य स्थलों में निर्माण किए गए है जिसके रोपण से भविष्य में हरियाली की ओर क्रन्तिकारी परिवर्तन दिखाई देगा और समस्त मानव जीवन के लिए हितकारी साबित होगा वही डीएफओ विश्वेश झा साहब का कथन है कि कृष्ण कुंज निर्माण दो एकड़ भुभाग से लेकर पांच हेक्टेयर ऑरेंज, पड़त भाटा, बंजर भूमि का चयन कर  रोपण करने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है जिससे दो प्रकार के लाभ होंगे एक ऐसे पड़त बंजर भूमि स्थलों को अतिक्रमण से बचाया जा सकेगा वही दूसरी ओर लगातार घट रहे वन और हरियाली से बढ़ते प्रदूषण की मार सीधे मानव जीवन पर असर छोड़ रही है लगातार प्रदूषण से ओजोन परत का छिद्र बढ़ रहा है गैलिशियर पिघल रहे है जलवायु परिवर्तन हो रही है हमारा उद्देश्य ऐसे छोटे छोटे कृष्ण कुंज निर्माण कर भावी पीढ़ी को शुद्ध ऑक्सीजन, स्वच्छ वातावरण देकर उन्हें हरियाली का सुखद अनुभव करवाना है ताकि आम जन बेहतर माहौल में परिवार के स्वस्थ्यपूर्ण जीवन की परिकल्पना को साकार कर सके 

हनुमान जन्मोत्सव के पावन पर्व पर लाहोटी निवास में विशाल भंडारा भजन कार्यक्रम

 हनुमान जन्मोत्सव के पावन पर्व पर लाहोटी निवास में विशाल भंडारा भजन कार्यक्रम



रायपुर आज राजधानी रायपुर में प्रभु श्री राम भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया चारो ओर हनुमान चालीसा के 

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर

जय कपीस तहूँ लोक उजागर

राम दूत अतुलित बल धामा

अंजनी पूत्र पवनसुत नामा 

जाप साउंड में गूंज रहे थे तथा महावीर हनुमान जी के भक्त और श्रद्धालु उनके  जन्म दिवस को हर्षोउल्लास के साथ मनाते हुए जगह जगह आम भंडारा प्रसादी का आयोजन किया था जहां सभी स्थलों में हनुमान भक्तों ने लाइन लगकर प्रसादी भंडारे का लाभ उठाया वही सुप्रसिद्ध समाज सेवी एवं हनुमान भक्त लक्ष्मी नारायण लाहोटी ने महामाया मंदिर के समीप स्थित अपने निवास स्थल के समक्ष विशाल भंडारे का आयोजन किया जिसमें प्रातःकाल ईश्वरीय आराधना और पूजा कर्मकांड के पश्चात बारह बजे से भंडारे प्रसादी वितरण का कार्य प्रारंभ हुआ देखते ही देखते लंबी लाइन लग गई तथा हनुमान भक्तो ने श्रद्धा पूर्वक भंडारे प्रसाद को ग्रहण किया इस अवसर पर समाजसेवी लक्ष्मी नारायण लाहोटी ने बताया कि वे एवं उनका परिवार विगत तीन वर्षों से लगातार हनुमान जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मना रहे है तथा पांच हजार से ऊपर श्रद्धालु भंडारा प्रसादी का लाभ उठा रहे है उन्होंने बताया यह आयोजन उनकी धर्म पत्नी  श्रीमती कृष्णा लाहोटी के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन में स्व. बाला राम.लाहोटी एवं माता स्व.जिया बाई लाहोटी के स्मृति को अक्षुण्य बनाए रखने आयोजन किया जाता है



 इस विशेष अवसर पर पुरानी बस्ती महामाया मंदिर के समक्ष लाहोटी निवास में कराओके जगत से जुड़ी बहुत सी प्रतिभाएं गायक डायरेक्टर,  उपस्थित होकर कराओके सिस्टम में भजन की प्रस्तुति दी जिसे सुनकर हनुमान भक्त लगातार झूमते रहे इधर समाजसेवी लक्ष्मी नारायण लाहोटी मुख्य द्वार पर आगन्तुकों का स्वागत तिलक लगाकर बूंदी प्रसाद देकर करते रहे इस अवसर पर बहुत से गणमान्य नागरिक,कला साहित्य जगत से जुड़ी हस्तियां अपनी गरिमामयी उपस्थिति देकर प्रसादी,भजन आयोजन को प्रभु श्री राम और श्री हनुमान मय से सराबोर कर दिया कार्यक्रम अनवरत संध्या सात बजे तक चलता रहा