सोमवार, 22 अप्रैल 2024

जंगल सफारी मे शेर और चीते के खुराक मे वन कर्मियों का डाका तोंद के साथ जेब भी बड़ा रहे

 जंगल सफारी मे शेर और चीते के खुराक मे वन कर्मियों का डाका तोंद के साथ जेब भी बड़ा रहे 

   


अलताफ़ हुसैन

  रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) एशिया का सबसे बडा मानव निर्मित जंगल सफारी अपने प्रारंभिक् निर्माण कार्य से ही लेकर सदा भ्रष्टाचार के साथ उसका नाता विवादों से जुड़ाव रहा है अब चाहे चारो ओर दीवार निर्माण कार्य से लेकर वानिकी कार्य हो या फिर लोहे की जालीनुमा फैसिंग कार्य हो मुरुम उत्खनन हो या पृथक शौचालय कक्ष निर्माण से लेकर वन्य प्राणियों के बाड़ा आहता निर्माण ही क्यों न हो करोडों अरबों की राशि केवल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा कर ही उसका बंटाधार होता रहा फिर भी यह सिलसिला अभी भी थमने का नाम नही ले रहा है आए दिन भ्रष्टाचार के नए नए किस्से सामने आते रहे है अब ताजा भ्रष्टाचार, गड़बड़ घोटाला का मामला जो सामने आ रहा है वह काफी हैरान करने वाला है क्योंकि यह भ्रष्ट कृत्य निर्माण या वानिकी कार्य को लेजर नही बल्कि शेर चीता और अन्य मांसाहारी प्राणियों को जंगल सफारी प्रबंधन से मिलने वाले बकरे का ताजा मटन और मुर्गी मटन के खुराक को लेकर  संपूर्ण आसपास क्षेत्र मे खासा चर्चा बना हुआ है जिसमे उन्हे दिए जाने वाले खुराक मे बड़े स्तर पर डाका डाला जा रहा है वह भी हजारो रुपये मे नही बल्कि लाखों का खेल हो रहा है      


गौरतलब हो कि पूर्व मे जंगल सफारी से छन कर गाहे- बगाहे  बाहर समाचार   मिलते रहे है कि शेर चीते, और मांसहारी वन्य प्राणियों को दी जाने वाली माँस मटन मुर्गी मछली के खुराक मे स्थानीय वन कर्मी, कांटा मार कर अपने पेट की क्षुधा शांत कर अपनी तोंद बड़ा रहे है साथ ही अपने जेब के खीसे का वजन भी बढ़ा रहे है परंतु इससे उपर जाकर भ्रष्टाचार का खेल-खेल कर लाखों का वारा न्यारा किया जा रहा है वताया जाता है कि बकरे के मांस के अन्य अवशेष का खाद्य समाग्री प्रतिदिन सफारी प्रागण के हिस्से मे निर्माण कर संध्या पश्चात  पार्टी  के साथ ही शाराब, माँस का कबाब  सेवन करते हुए सदैव आम चर्चा होती रही है परंतु कांटा मारने तक बात सही है लेकिन लाखों का खेल होने की जानकारी बाहर निकली तब जिसने भी सुना आश्चर्य चकित हो गया इस डाका जनी मे हजार दो हजार का गाला नही बल्कि लाखों का खेल हो रहा है अति विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है की इस भ्रष्टाचार के कार्यक्रम मे डॉ राकेश वर्मा और रेंजर के सहयोग से बहुत बड़ा खेल प्रायोजित हो रहा है ये वही राकेश वर्मा है जिनके कुछ दिन पूर्व कार्यालयीन समय मे विदेश भ्रमण मे रहते हुए सफारी के दो से  तीन  चौसिंगा वन्य प्राणी मृत हुए थे लेकिन उन पर आज तक विधिवत विभागीय कोई कार्यवाही नही हुई बहरहाल जंगल सफारी के सभी मांसाहारी वन्य प्राणियों के लिए प्रति वर्ष निविदा अनुसार बकरे का ताजा मटन लगभग ढाई सौ किलो प्रतिदिन वन्य प्राणियों को खुराक के रूप मे दिया जाना सुनिश्चित है  परंतु प्रतिदिन जंगल सफारी मे दोपहर पश्चात स्वस्थ तंदरुस्त बकरा के स्थान पर निःशक्त, बीमारू, झकडी बकरी काट कर उन्हे परोस दिया जाता है जिससे शेर चीता, एवं अन्य मांसाहार वन्य प्राणियों के स्वस्थ्य पर विपरीत प्रभाव पढ़ सकता है जिसका उदाहरण पिछले बहुत से वन्य प्राणियों की अकाल मृत्यु को लिया जा सकता है मगर फिर भी डाइट के मामले मे जंगल सफारी कर्मियों द्वारा दिए जाने वाले खुराक मे कटौती कर केवल अपनी जेब गरम करने का अवसर तलाश करते रहते है


अब जो जानकारी बाहर आ रही है कि पूरे सफारी मे सात नग शेर है जिनमे प्रत्येक शेर कि खुराक लगभग पांच किलो मटन देने का नियम है जिनमे चार से पांच शेर तथा दो सफेद बंगाल टायगर जिन्हे चिकन दिया जाता है परंतु संध्या पश्चात एक ही टाइम उन्हे कम मात्रा मे माँस की खुराक दी जाती है वही चीता को एक से दो किलो और विदेशी कुत्तों को एक पाव से आधा किलो किमा दिया जाता है मगर मच्छ को एक किलो मछली तथा अन्य वन्य प्राणियों को इसी प्रकार  कम मात्रा मे खुराक दी जा रही है 

 उस हिसाब से समस्त खुराक  सौ किलो मटन मे निपटा दिया जाता है जबकि ज्ञात हुआ है कि जंगल सफारी के रख रखाव सुरक्षा, खानपान के लिए राज्य शासन द्वारा पृथक बजट जारी करता है जबकि यह भी बताया जाता है की सेंट्रल जू अथारीटी नई दिल्ली से भी करोड़ों  का बजट जारी होता है मगर कहते है दीया तले अंधेरा वाली उक्ति यहाँ चरितार्थ होते दिखाई बढ़ती है इतना बड़ा राशि होने के बावजूद समस्त राशि निर्माण एवं अन्य कार्यों मे वहन कर दिया जाता है पूर्व तत्कालिक जंगल सफारी (अधीक्षक) डायरेक्टर और बहुत से रेंजर वन कर्मी यदि पारदर्शी से कार्यों का निष्पादन करते तो आम लोगों का यह कथन है कि जंगल सफारी मे चांदी की पतली दीवार खड़ी हो सकती थी इस बात का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि छोटे से फॉरेस्ट गार्ड वन कर्मी भी नवा रायपुर के पॉश इलाके मे लाखों का मकाम ले  कर रखे है और चार पहिया गाड़ी मे चलते है 



  उसके बावजूद वर्तमान मे सफारी प्रबन्धन के डॉ राकेश वर्मा एवं तत्कालिक रेंजर ठाकुर की मिलीभगत  के चलते लगभग देड सौ किलो मटन की लाखों की राशि का खेल हो जाता है जानकार बताते है कि उन्हे मोबाइल स्क्रीन पर फोटो के स्वस्थ बकरे की फोटो दिखाई जाती है जिसकी कीमत एक बकरे की कीमत ही बीस से पच्चीस हजार रूपए  बताया जाता है जब उन्हे सफारी मे लाया जाता है तब दिखाए गए स्वस्थ बकरे के फोटो के स्थान पर बीमारू, मरियल बकरी काट कर शेर,सिंह,चीता,को खुराक दे दी जाती है जिसमे ए पी एस (अमानत राशि) की राशि सहित कम वजन होने की बात कह कर बैंक ड्राफ्ट सह वन मंडल अधिकारी के मध्यम से लाखों की राशि ले ली जाती है अब यह राशि कमीशन खोरी या भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती है या परस्पर बंदर बांट हो जाती है यह तो ज्ञात नही परंतु यह सिलसिला  वर्षों से जंगल सफारी मे यह खेल- खेला जा रहा है जंगल सफारी मे गड़बड़ घोटाला, भ्रष्टाचार, और  अनीयमिताएं हर कदम पर विधमान है



 टिकट काउंटर मे टिकट ब्लेक से लेकर दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की फर्जी ऑन लाइन तक की सैकडों पेमेंट जिन्हे विश्वासनीय  व्यक्तियों को कुछ राशि दे कर और आधार कार्ड के मध्यम से उगाही की जाती है यही वजह है कि चार पहिया वाहन से आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर चले जाते है जिनमे एक मनीष यादव नामक दैवेभो. कर्मी वर्षों से उसका लाभ उठा रहा है इसी प्रकार ऐसे बहुत से दैनिक वेतन भोगी अनियमित कर्मचारी वन कर्मियों की मिली भगत के चलते लाखों की राशि आहरण कर रहे है यही नही कुछ कर्मियों को देर सबेरा कार्य मे उपस्थित होने के बावजूद अनुपस्थिति दर्शा कर  उनकी राशि भी काट ली जाती है जिसकी वजह से कई बार सफारी कर्मचारी आंदोलम कर चुके है वर्तमान डी एफ ओ ने जब जंगल सफारी के नवा रायपुर से संचालन की बात कही तब बहुत से वन कर्मी उसका विरोध कर रहे थे उन्हे मालूम था कि नंदन वन, जंगल सफारी के यहाँ संचालन से काला पिला करने मे बहुत कठिनाई होगी इस लिए सफारी का संचालन पूर्व निर्धारित स्थान रायपुर से करने पर अड़े हुए थे. 

सोमवार, 15 अप्रैल 2024

रवान मे फिर शेर ने एक भैंस का शिकार किया

 रवान मे फिर शेर ने एक भैंस का शिकार किया



अल्ताफ हुसैन

रायपुर बार नवापारा  अभ्यारणय के रवान क्षेत्र मे इन दिनों प्रवासी बाघ ने अपना डेरा जमाया हुआ है तथा लगातार पालतू मवेशियों का शिकार कर रहा है ज्ञात हुआ है कि कल रवान क्षेत्र मे एक भैंस का शिकार कर दिया जिससे आस पास क्षेत्र मे दहशत व्याप्त है इसके रोकथाम के लिए वन अमला और वन विकास निगम द्वारा लगातार बैठक का दौर कर रहा है




     घटना कल की बताई जा रही है जहाँ शेर ने रवान क्षेत्र मे एक पालतू मवेशी भैंस का शिकार करना बताया जा रहा है प्रत्यक्ष दर्शियों का मत है कि शेर इतने बड़े मवेशी का अकेले शिकार नही कर सकता मगर दो से अधिक अन्य चीता मिल कर उसका शिकार किए जाने की अशंका व्यक्त की जा रही है  मगर जिस तरह शेर क्षेत्र मे सक्रिय है वहाँ चीते की बात नगण्य मानी जा रही है 

      जबकि लगातार एक माह से प्रवासी बाघ क्षेत्र मे शिकार कर रहा है उसके ट्रैक के लिए प्रशिक्षित कुमकी हाथी भी मंगवाया गया है जो सघन वन क्षेत्र मे उसकी टोह लिया जाएगा वही वन विकास निगम के डी एम. बच्चन साहब पूरे अमले के साथ रवान रेस्ट हाउस मे बैठक ले कर दिशा निर्देश दिए है तथा आसपास ग्राम मे मुनादी कराई गई है वही बार नवापारा अभ्यारणय के अधीक्षक आनंद कुदरिया ने लोगो से वनों की तरफ न जाने अपील की है वही प्रशिक्षित कुमकी हाथी भी रवान के लिए रवाना किया गया है जहाँ वन अमला और निगम कर्मचारी बाघ पर नज़र रखेगे  जब की यह भी ज्ञात हुआ है कि एक और जंगली हाथी क्षेत्र मे पहुंच चुका है उसकी टोह् भी ली जा रही है 

     

मंगलवार, 9 अप्रैल 2024

माना परिवृत् मे कृष्ण कुंज निर्माण से प्रकृति का विस्तार

 माना परिवृत् मे कृष्ण कुंज निर्माण से प्रकृति का विस्तार 


अलताफ़ हुसैन द्वारा

रायपुर   प्रभु श्री कृष्ण भगवान अर्थात नटखट नंद बाल गोपाल का बाल्य काल  प्राकृतिक की गोद मे व्यतीत हुआ है बांसुरी की धुन पर गौ माता के चराई  का समय हो या बाल सखा के साथ अमोद प्रमोद या दही खाने की प्रबल लालसा मे नटखट नंद किशोर की सभी माताओं द्वारा की जाने वाली शिकायर पर डांट खाने की चंचल चपल लीलाएं सभी बृज वासियों का मन  मोह लेती थी फिर यमुना तीर के कानन मे कदम के पेड़ मे गोपियों संग   हंसी ठिठोली  क्यों न हो उनकी बांसुरी की धुन पर सभी प्राणियों को मंत्र मुग्ध कर सम्मोहित कर देती थी यहाँ तक प्राकृतिक भी उनके बांसुरी की धुन पर वायु के तरंगित ताल मे पेड़,पौधे,और पत्ते झूम उठती थी मानो उनके लय पर नृत्य कर रही हो परंतु बदलते काल चक्र के साथ वर्तमान  मे लगातार हरे भरे पेड़ पौधों और नैसर्गिक प्रकृति का हास हुआ है हरे भरे पेड़ पौधों की अनवरत कटाई से अब सारा प्रकृति वातावरण सपाट चटीयल मैदानी क्षेत्र मे परिवर्तित हो चुका है





 इसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी संपूर्ण मानव समाज की बनती है जिनके लगातार वनों के विदोहन् से पृथ्वी आज संकट के कागार पर खड़ा हो चुका है यही वजह है कि छ्ग प्रदेश का वन जलवायु परिवर्तन  विभाग ऐसे क्षेत्रों में हरियाली प्रसार  के उद्देश्य से नए नए अविष्कार कर  प्रकृति एवं हरियाली के अस्तित्व को अक्षुण्य बनाए रखने नित नए प्रयोग के साथ कवायद कर रहा है ताकि सर्वहारा वर्ग के जान माल, और प्रदूषण से लड़ा जा सके इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रभु श्री राम के अवतारित स्वरूप मे प्रभु श्री कृष्ण भगवान के नाम पर आस्था व्यक्त करते हुए संपूर्ण प्रदेश मे कृष्ण कुंज (वाटिका) का निर्माण किया गया है ताकि संपूर्ण मानव पशु पक्षी को कुछ पल राहत और सुकून का क्षण मिल सके पेड़ पौधों के मध्य हरे भरे वातावरण निर्मित करने के लिए वन विभाग ने एक एकड से लेकर अधिकतम पांच एकड़ राजस्व भूभाग मे कृष्ण कुंज को सुव्यवस्थित कर फलदार, फूलदार सायादार,औषधि युक्त धार्मिक आस्था से जुड़े रहने वाले पौधों का रोपण कर संपूर्ण प्रदेश भर मे हरित क्रांति ला दी है 


छग के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की उक्त महत्वांकाक्षी योजना के तहत ग्राम पंचायत माना के निकट माना बस्ती इंदिरा निकुंज में वन विभाग रायपुर रेंज के तहत कृष्ण कुंज का निर्माण किया गया यह माना रोपणी के समीप लगभग 1.50 एकड़ भूमि पर निर्माण कराया गया है जिसकी अलग ही छटा क्षेत्र मे बिखेर रही है माना स्थित रोपाणी के समक्ष  कृष्ण कुंज में कुल 35 प्रकार से उपर फलदार औषधियुक्त पौधे जिनमे आंवला,अंजीर,जामुन,बेल, संतरा,आम,चीकू,कटहल,नींबू,करौंदा,सीताफल,अमरूद,बेर, हर्र, बेहड़ा,महुआ,इमली,तेंदू,

काजू, रबर, सहित शहतूत,रामफल,बरगद,

पीपल,नीम,कदम,प्लाश,चंदन,गुलर,चार,अशोक,अनार, बादाम, चंपा, आदि को सम्मिलित किया गया यह पहला अवसर था कि रबर के पौधे भी लगाय गाए है इस संदर्भ मे नर्सरी प्रभारी तेजा साहू बताते है कि रबर के पौधों से ऑक्सिजन प्रचुर मात्र मे निकलता है साथ ही सर्वाधिक प्रदूषण को अवशोषित करता है ताकि आम जन के स्वस्थ्य की सुरक्षा हो सके इसी प्रकार के बहुत से फलदार, औषधि युक्त पौधे जो ऑक्सिजन सहित स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहु उपयोगी है जिसे प्रमुखता से रोपण किया गया है श्री तेजा साहू ने बताया कि इंदिरा निकुंज स्थित कृष्ण कुंज मे लगभग 720 से उपर पौधे रोपित कर कृष्ण कुंज वाटिका का रोपण निर्माण किया गया जो सभी दृष्टि कोण से महत्व पूर्ण है


इसमें फलदार  औषधि युक्त पौधों को तरजीह दिया गया है जो फल देने के साथ स्वस्थ्य के दृष्टि से बहुत उपयोगी माना जा रहा है माना नर्सरी और कृष्ण कुंज के प्रभारी श्री तेजा साहू ने आगे बताया कि सभी पौधे भिन्न भिन्न बाहरी प्रदेश से आयात किए गए है इसके लिए अन्य नर्सरी के मध्यम से काँटेक्ट कर चयनित पौधे मंगाए गए है और बाहरी प्रदेश से उच्च क्वालिटी के पौधों को मंगाया गया है इसकी वजह यह है कि सभी फलदार फुल्दार पौधों के टेक्निकल उपज कि जानकारी और मिट्टी मृदा कि गुणवत्ता खाद देने कि प्रक्रिया सहित नियमित सिचाई जैसे कृत्य की संपूर्ण जानकारी हासिल किया गया है जिसके नियमित देखरेखा व्यवस्था, उपचार से सभी पौधे स्वस्थ हो कर ग्रोथ कर रहे है  


 कृष्णकुंज, वाटिका के रोपण निर्माण के उद्देश्य और विस्तार के संबंध में रायपुर रेंज के परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा बताते है कि  विलूप्त होते फलदार,औषधियुक्त पौधों को संरक्षण,संवर्धन कर उसके अस्तित्व को अक्षुण्य बनाए रखना विभाग की प्राथमिकता है यही वजह है कि नगर निगम,ग्राम जनपद पंचायतों के माध्यम से कृष्णकूंज का निर्माण किया जा रहा है इसकी वजह से प्रदेश भर में बड़ी संख्या में हरियाली प्रसार किया गया है रेंजर सतीश मिश्रा ने आगे बताया कि कृष्णकुंज स्थापना से बढ़ते प्रदूषण के विरुद्ध एक अभियान है जिससे स्वच्छ वातावरण निर्मित कर परस्पर सामाजिक स्वस्थ्य समरसता स्थापित करना मुख्य उद्देश्य  है ताकि मुक्त स्वच्छ वातावरण में आम जन को स्वास्थ्य वर्धक वातावरण सहजता से कृष्णकूंज वाटिका के रूप में इसका लाभ आम जन को मिल सके रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि पौधों का रोपण करना कोई मायने नही रखता बल्कि उसकी सुरक्षा, देखभाल और उपचार करना सबसे बड़ा मायने रखता है जो तीन वर्षों की अवधि मे लगातार वन कर्मी इस पर नज़र जमाए हुए है और नियमित पौधों पर ,निंदाई,गूडाई,सिंचाई उपचार किया जा रहा है  जिनके पौधे सतत बढ़त बनाए हुए है श्री सतीश मिश्रा आगे बताते है कि सुरक्षा के दृष्टि से चारों ओर आकर्षक तार फैसिंग की गई है ताकि मवेशी जानवरों के चराई से कृष्ण कुंज सुरक्षित रखा जा सके उन्होंने आगे बताया कि मुख्य मार्ग के समक्ष बाउंड्री वॉल और आकर्षक पारंपरिक आदिवासी वाद्य यंत्र (साज) तुरही की आकृति मुख्य प्रवेश द्वार पर अंकित किया गया है जो बेहद आकर्षक दृष्टि गोचर होता है वही दीवार पर प्रभू श्री कृष्ण की विभिन्न भावभंगिमा युक्त जीवंत शैल चित्र उकेरे गए है जो कृष्ण कुंज को आकर्षण के साथ ही श्रद्धा और आस्था के भाव जागृत करता है


परिक्षेत्राधिकारी श्री सतीश मिश्रा योजना के क्रियानव्यन के बारे मे जानकारी देते हुए बताते है कि रायपुर वन मंडल के तत्कालिक वरिष्ठ डीएफओ तथा वर्तमान सी सी एफ उदंती सीतानदी प्रभारी श्री विश्वेश कुमार झा का कृष्ण कुंज निर्माण के पीछे बहुत बड़ा योगदान रहा जिनके मार्ग दर्शन मे रायपुर वन मंडल क्षेत्र के अंतर्गत मे लगभग एक दर्जन कृष्ण कुंज का निर्माण रोपण बहुत ही सफलता पूर्वक किया गया जो एक वर्ष मे ग्रोथ कर बढ़त बनाए हुए है तथा हरीतिमा युक्त वातावरण निर्मित कर रहे है रायपुर वन मंडल के उप वन मंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी इस संदर्भ मे बताते है कि छोटे छोटे भुभाग मे कृष्ण कुंज निर्माण से वनों का विस्तार हुआ है तथा प्रदूषण से लड़ने ऐसे हरियाली क्षेत्र ऑक्सीजन का काम कर रहे है इसके लिए चयनित पेड़ पौधों का रोपण प्रमुखता है साथ ही विलुप्त प्रजाति के पौधे का संरक्षित करना है अतएव अन्य प्रदेश से पौधे मंगाए गए है जिनके रोपण से उपरार्ध अक्षांश से सीधे पढ़ने वाली भूमध्य सूर्य रेखा की किरणें से  वार्मिंग ग्लोबल से लड़ने मे सहायक सिद्ध होगा ही 


साथ ही आम जन पशु पक्षियों के स्वास्थय वातावरण के लिए भी लाभ प्रद होगा वही इंदिरा निकुंज नर्सरी एवं कृष्ण कुंज के सहायक प्रभारी भूपेंद्र यादव पूरी सक्रियता से एक एक पौधों की देखरेख उपचार पर नियंत्रित किए हुए है उनका कथन है कि कृष्ण कुंज वाटिका मे पौधे लगातार बढ़ रहे है अब दूर से ही कृष्ण कुंज क्षेत्र वन सदृश्य दिखाई पड़ रहा है नर्सरी एवं कृष्ण कुंज को विशाल लोहे की जाली नुमा सुरक्षा घेरा लगाया गया है यही नही कृष्ण कुंज के मुख्य द्वार के मध्य मे प्रभु श्री कृष्ण भगवान की मूर्ति स्थापित की गई है जो कृष्ण कुंज की वैभवत मे चार चाँद लगा रही है 

माना नर्सरी एवं कृष्ण कुंज के सहायक प्रभारी भूपेंद्र यादव आगे बताते है कि संभवतः यह प्रथम अवसर कृष्ण कुंज होगा जहां भगवान श्री कृष्ण की साक्षात मूर्ति स्थापित किया गया है इसके पीछे भविष्य मे आने वाले पर्यटक क्षेत्र को स्वच्छता बनाने मे सहयोग रखेगे साथ ही किसी भी पेड़ पौधों की क्षति न पहुंचाएंगे क्योंकि बहुत से पेड़ पौधे धार्मिक आस्था से जुड़ी हुई है जिसका उल्लेख धार्मिक ग्रंथों मे मिलता है ताकि कोई भी व्यक्ति कृष्ण कुंज की पवित्रता को पानी की बोतल शीशी एवं पाउच फेक कर मंदिर् नुमा कृष्ण कुंज को अपवित्रता करने का दुस्साहस न कर सके

 कृष्ण कुंज के उक्त प्रारंभिक कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित बिसौहा सिन्हा,श्रीमती किरण सिन्हा, विनय गेंद्रे,प्रकाश बांधे,दीपक देवांगन,श्रीमती उषा सोनी, रमेश सोनी,सहित  वन विभाग के आला वन मंडलाधिकारी विश्वेश कुमार झा,संयुक्त वन मंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी, परिक्षेत्राधिकारी सतीश कुमार मिश्रा,सहायक परिक्षेत्राधिकारी तेजा सिंह साहू, सहायक प्रभारी भूपेंद्र यादव सहित बहुत से वन कर्मचारी स्थानीय गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित हुए थे

मंगलवार, 2 अप्रैल 2024

वन विकास निगम के रवान परिक्षेत्र दावानाल की चपेट मे

 वन विकास निगम के रवान परिक्षेत्र दावानाल की चपेट मे 



रायपुर  छ्ग राज्य वन विकास निगम के बार नवापारा परियोजना मंडल स्थित रवान परिक्षेत्र मे कक्ष क्रमांक 117/118 मे सघन वन क्षेत्र मे दावानाल लगने से कई छोटे बड़े पेड़ आग की चपेट मे आ गए और लगभग दो सौ मीटर अधिक क्षेत्र मे दूर से क्षेत्र मे आग की लपट उठती दिखाई पड़ रही थी जिस वक्त दावानाल की लपटे दूर से दिखा रही थी तब तक कोई वन विकास निगम कर्मचारी  नही था जब फॉरेस्ट क्राईम समाचार पत्र के पत्रकार वीडियो ले रहे थे उसके पश्चात चौकीदार पहुंचा तब तक भीषण आग तेजी से फैल चुकी थी चौकीदार से पूछने पर बताया की तेंदुपत्ता और महुआ बिनने वाले लोग प्रायः बीड़ी का शुट्टा मारते है और सुखे पत्तों मे फेक देते है जिसकी वजह से क्षेत्र के वनों मे बड़ी हानि होती है इसके पश्चात आनन फानन मे कुछ वन विकास निगम वन कर्मी पहुंचे और आग के इर्द गिर्द लाइनिंग खीच कर बनाए 

   गौर तलब है कि कक्ष क्रमांक 117/ एवं 118 में वर्षिकि विरलन कार्य संपादित हुआ है जिसमे बहुत से क्षेत्र में सगौन  काष्ठ की थप्पी लगी हुई है आशंका व्यक्त की जा रही है की कुछ  जलाऊ चट्टे दावानाल  की चपेट मे आकर भस्म हो गए है सागौन थप्पी मे आग लगी या नही यह ज्ञात नही हो पाया है