माना परिवृत् मे कृष्ण कुंज निर्माण से प्रकृति का विस्तार
अलताफ़ हुसैन द्वारा
रायपुर प्रभु श्री कृष्ण भगवान अर्थात नटखट नंद बाल गोपाल का बाल्य काल प्राकृतिक की गोद मे व्यतीत हुआ है बांसुरी की धुन पर गौ माता के चराई का समय हो या बाल सखा के साथ अमोद प्रमोद या दही खाने की प्रबल लालसा मे नटखट नंद किशोर की सभी माताओं द्वारा की जाने वाली शिकायर पर डांट खाने की चंचल चपल लीलाएं सभी बृज वासियों का मन मोह लेती थी फिर यमुना तीर के कानन मे कदम के पेड़ मे गोपियों संग हंसी ठिठोली क्यों न हो उनकी बांसुरी की धुन पर सभी प्राणियों को मंत्र मुग्ध कर सम्मोहित कर देती थी यहाँ तक प्राकृतिक भी उनके बांसुरी की धुन पर वायु के तरंगित ताल मे पेड़,पौधे,और पत्ते झूम उठती थी मानो उनके लय पर नृत्य कर रही हो परंतु बदलते काल चक्र के साथ वर्तमान मे लगातार हरे भरे पेड़ पौधों और नैसर्गिक प्रकृति का हास हुआ है हरे भरे पेड़ पौधों की अनवरत कटाई से अब सारा प्रकृति वातावरण सपाट चटीयल मैदानी क्षेत्र मे परिवर्तित हो चुका है
इसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी संपूर्ण मानव समाज की बनती है जिनके लगातार वनों के विदोहन् से पृथ्वी आज संकट के कागार पर खड़ा हो चुका है यही वजह है कि छ्ग प्रदेश का वन जलवायु परिवर्तन विभाग ऐसे क्षेत्रों में हरियाली प्रसार के उद्देश्य से नए नए अविष्कार कर प्रकृति एवं हरियाली के अस्तित्व को अक्षुण्य बनाए रखने नित नए प्रयोग के साथ कवायद कर रहा है ताकि सर्वहारा वर्ग के जान माल, और प्रदूषण से लड़ा जा सके इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रभु श्री राम के अवतारित स्वरूप मे प्रभु श्री कृष्ण भगवान के नाम पर आस्था व्यक्त करते हुए संपूर्ण प्रदेश मे कृष्ण कुंज (वाटिका) का निर्माण किया गया है ताकि संपूर्ण मानव पशु पक्षी को कुछ पल राहत और सुकून का क्षण मिल सके पेड़ पौधों के मध्य हरे भरे वातावरण निर्मित करने के लिए वन विभाग ने एक एकड से लेकर अधिकतम पांच एकड़ राजस्व भूभाग मे कृष्ण कुंज को सुव्यवस्थित कर फलदार, फूलदार सायादार,औषधि युक्त धार्मिक आस्था से जुड़े रहने वाले पौधों का रोपण कर संपूर्ण प्रदेश भर मे हरित क्रांति ला दी है
छग के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की उक्त महत्वांकाक्षी योजना के तहत ग्राम पंचायत माना के निकट माना बस्ती इंदिरा निकुंज में वन विभाग रायपुर रेंज के तहत कृष्ण कुंज का निर्माण किया गया यह माना रोपणी के समीप लगभग 1.50 एकड़ भूमि पर निर्माण कराया गया है जिसकी अलग ही छटा क्षेत्र मे बिखेर रही है माना स्थित रोपाणी के समक्ष कृष्ण कुंज में कुल 35 प्रकार से उपर फलदार औषधियुक्त पौधे जिनमे आंवला,अंजीर,जामुन,बेल, संतरा,आम,चीकू,कटहल,नींबू,करौंदा,सीताफल,अमरूद,बेर, हर्र, बेहड़ा,महुआ,इमली,तेंदू,
काजू, रबर, सहित शहतूत,रामफल,बरगद,
पीपल,नीम,कदम,प्लाश,चंदन,गुलर,चार,अशोक,अनार, बादाम, चंपा, आदि को सम्मिलित किया गया यह पहला अवसर था कि रबर के पौधे भी लगाय गाए है इस संदर्भ मे नर्सरी प्रभारी तेजा साहू बताते है कि रबर के पौधों से ऑक्सिजन प्रचुर मात्र मे निकलता है साथ ही सर्वाधिक प्रदूषण को अवशोषित करता है ताकि आम जन के स्वस्थ्य की सुरक्षा हो सके इसी प्रकार के बहुत से फलदार, औषधि युक्त पौधे जो ऑक्सिजन सहित स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहु उपयोगी है जिसे प्रमुखता से रोपण किया गया है श्री तेजा साहू ने बताया कि इंदिरा निकुंज स्थित कृष्ण कुंज मे लगभग 720 से उपर पौधे रोपित कर कृष्ण कुंज वाटिका का रोपण निर्माण किया गया जो सभी दृष्टि कोण से महत्व पूर्ण है
इसमें फलदार औषधि युक्त पौधों को तरजीह दिया गया है जो फल देने के साथ स्वस्थ्य के दृष्टि से बहुत उपयोगी माना जा रहा है माना नर्सरी और कृष्ण कुंज के प्रभारी श्री तेजा साहू ने आगे बताया कि सभी पौधे भिन्न भिन्न बाहरी प्रदेश से आयात किए गए है इसके लिए अन्य नर्सरी के मध्यम से काँटेक्ट कर चयनित पौधे मंगाए गए है और बाहरी प्रदेश से उच्च क्वालिटी के पौधों को मंगाया गया है इसकी वजह यह है कि सभी फलदार फुल्दार पौधों के टेक्निकल उपज कि जानकारी और मिट्टी मृदा कि गुणवत्ता खाद देने कि प्रक्रिया सहित नियमित सिचाई जैसे कृत्य की संपूर्ण जानकारी हासिल किया गया है जिसके नियमित देखरेखा व्यवस्था, उपचार से सभी पौधे स्वस्थ हो कर ग्रोथ कर रहे है
कृष्णकुंज, वाटिका के रोपण निर्माण के उद्देश्य और विस्तार के संबंध में रायपुर रेंज के परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा बताते है कि विलूप्त होते फलदार,औषधियुक्त पौधों को संरक्षण,संवर्धन कर उसके अस्तित्व को अक्षुण्य बनाए रखना विभाग की प्राथमिकता है यही वजह है कि नगर निगम,ग्राम जनपद पंचायतों के माध्यम से कृष्णकूंज का निर्माण किया जा रहा है इसकी वजह से प्रदेश भर में बड़ी संख्या में हरियाली प्रसार किया गया है रेंजर सतीश मिश्रा ने आगे बताया कि कृष्णकुंज स्थापना से बढ़ते प्रदूषण के विरुद्ध एक अभियान है जिससे स्वच्छ वातावरण निर्मित कर परस्पर सामाजिक स्वस्थ्य समरसता स्थापित करना मुख्य उद्देश्य है ताकि मुक्त स्वच्छ वातावरण में आम जन को स्वास्थ्य वर्धक वातावरण सहजता से कृष्णकूंज वाटिका के रूप में इसका लाभ आम जन को मिल सके रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि पौधों का रोपण करना कोई मायने नही रखता बल्कि उसकी सुरक्षा, देखभाल और उपचार करना सबसे बड़ा मायने रखता है जो तीन वर्षों की अवधि मे लगातार वन कर्मी इस पर नज़र जमाए हुए है और नियमित पौधों पर ,निंदाई,गूडाई,सिंचाई उपचार किया जा रहा है जिनके पौधे सतत बढ़त बनाए हुए है श्री सतीश मिश्रा आगे बताते है कि सुरक्षा के दृष्टि से चारों ओर आकर्षक तार फैसिंग की गई है ताकि मवेशी जानवरों के चराई से कृष्ण कुंज सुरक्षित रखा जा सके उन्होंने आगे बताया कि मुख्य मार्ग के समक्ष बाउंड्री वॉल और आकर्षक पारंपरिक आदिवासी वाद्य यंत्र (साज) तुरही की आकृति मुख्य प्रवेश द्वार पर अंकित किया गया है जो बेहद आकर्षक दृष्टि गोचर होता है वही दीवार पर प्रभू श्री कृष्ण की विभिन्न भावभंगिमा युक्त जीवंत शैल चित्र उकेरे गए है जो कृष्ण कुंज को आकर्षण के साथ ही श्रद्धा और आस्था के भाव जागृत करता है
परिक्षेत्राधिकारी श्री सतीश मिश्रा योजना के क्रियानव्यन के बारे मे जानकारी देते हुए बताते है कि रायपुर वन मंडल के तत्कालिक वरिष्ठ डीएफओ तथा वर्तमान सी सी एफ उदंती सीतानदी प्रभारी श्री विश्वेश कुमार झा का कृष्ण कुंज निर्माण के पीछे बहुत बड़ा योगदान रहा जिनके मार्ग दर्शन मे रायपुर वन मंडल क्षेत्र के अंतर्गत मे लगभग एक दर्जन कृष्ण कुंज का निर्माण रोपण बहुत ही सफलता पूर्वक किया गया जो एक वर्ष मे ग्रोथ कर बढ़त बनाए हुए है तथा हरीतिमा युक्त वातावरण निर्मित कर रहे है रायपुर वन मंडल के उप वन मंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी इस संदर्भ मे बताते है कि छोटे छोटे भुभाग मे कृष्ण कुंज निर्माण से वनों का विस्तार हुआ है तथा प्रदूषण से लड़ने ऐसे हरियाली क्षेत्र ऑक्सीजन का काम कर रहे है इसके लिए चयनित पेड़ पौधों का रोपण प्रमुखता है साथ ही विलुप्त प्रजाति के पौधे का संरक्षित करना है अतएव अन्य प्रदेश से पौधे मंगाए गए है जिनके रोपण से उपरार्ध अक्षांश से सीधे पढ़ने वाली भूमध्य सूर्य रेखा की किरणें से वार्मिंग ग्लोबल से लड़ने मे सहायक सिद्ध होगा ही
साथ ही आम जन पशु पक्षियों के स्वास्थय वातावरण के लिए भी लाभ प्रद होगा वही इंदिरा निकुंज नर्सरी एवं कृष्ण कुंज के सहायक प्रभारी भूपेंद्र यादव पूरी सक्रियता से एक एक पौधों की देखरेख उपचार पर नियंत्रित किए हुए है उनका कथन है कि कृष्ण कुंज वाटिका मे पौधे लगातार बढ़ रहे है अब दूर से ही कृष्ण कुंज क्षेत्र वन सदृश्य दिखाई पड़ रहा है नर्सरी एवं कृष्ण कुंज को विशाल लोहे की जाली नुमा सुरक्षा घेरा लगाया गया है यही नही कृष्ण कुंज के मुख्य द्वार के मध्य मे प्रभु श्री कृष्ण भगवान की मूर्ति स्थापित की गई है जो कृष्ण कुंज की वैभवत मे चार चाँद लगा रही है
कृष्ण कुंज के उक्त प्रारंभिक कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित बिसौहा सिन्हा,श्रीमती किरण सिन्हा, विनय गेंद्रे,प्रकाश बांधे,दीपक देवांगन,श्रीमती उषा सोनी, रमेश सोनी,सहित वन विभाग के आला वन मंडलाधिकारी विश्वेश कुमार झा,संयुक्त वन मंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी, परिक्षेत्राधिकारी सतीश कुमार मिश्रा,सहायक परिक्षेत्राधिकारी तेजा सिंह साहू, सहायक प्रभारी भूपेंद्र यादव सहित बहुत से वन कर्मचारी स्थानीय गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित हुए थे








 
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