शनिवार, 24 अगस्त 2024

शहीदे आज़म इमाम हुसैन के चालिसवें का जुलूस कल

 शहीदे आज़म इमाम हुसैन के चालिसवें का जुलूस कल



सफदर हुसैन की रिपोर्ट 

रायपुर इराक करबाला की तपती ज़मीन मे तीन दिन के भूखे प्यासे शहीद हुए हज़रत इमाम हुसैन और उनके बहत्तर  साथियों के साथ  छ माह के नन्हे मुजाहिद अली असगर की शहादत की याद मे  चालीसवे का जुलूस हज़रत बाकर्  इमाम बारगाह पंडरी से निकाला जाएगा यह जानकरी अंजुमन के  सदर यावर अली ने बताया कि प्रति वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी इमाम हुसैन की याद मे अंजुमने अलमदारे हुसैनी ईरानी जमात रायपुर द्वारा कल दिनाक 26/8/2024 सोमवार को जुलूस निकाला जाएगा  जो पंडरी बस स्टैंड ,खालसा स्कूल ,शास्त्री चौक ,बंजारी बाबा औलिया चौक, नल घर चौक ,से होता हुआ बैरन बाजार स्थित बारगाहे अलविया मे पहुंचेगा जहाँ ईरानी जमात के महिलाएं,बच्चे युवा और बुजुर्ग अंजुमन द्वारा मातमदारी और नौहाख्वानी पेश की जाएगी  जिसमे शायर अहलेबैत जनाब मरहूम हाजी सुलेमान अली ईरानी,अली सज्जाद रुस्वा, फरमान अली , डॉक्टर हाजी मोहसिन अली सुहैल  ,और युवा शायर सरफराज़ अली फ़राज़ का हृदय स्पर्शी नौहा, मरसीया कलाम पेश किए जाएंगे 

जिसे उस्ताद ए नौहा खवां सर्व श्री सलाम हुसैन ,गुलाम अब्बास ,सफदर हुसैन, ज़हीर अब्बास,सरफ़राज़ अली ,समीर हुसैन ,इरफान अली, अज़मत अली, ज़ुबैर अली और दीगर        नौहा ख्वां अपनी दिलसोज़ आवाज़ में कलाम पेश कर शोहदाए करबला को पुरनम आँखों से   श्रद्धांजलि प्रस्तुत करेंगे जुलूस  ए हुसैनी का नेतृत्व जनाब बाबर अली, यावर अली, सरताज अली, नासिर अली करेंगे

सोमवार, 19 अगस्त 2024

वसुंधरा की हरित श्रृंगार करता वन विकास निगम

 वसुंधरा की हरित श्रृंगार करता वन विकास निगम

   

(अलताफ़ हुसैन की कलम से) 

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय)  प्रदेश भर मे हरियाली की सौगात लाने के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और उसका अनुषांगिक धडा छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम प्रा. लि. द्वारा प्रदेश के विभिन्न परियोजना मंडलों मे रिक्त अनेक पड़त भाटा भूमि मे प्लांटेशन कर एक नया ऐतिहासिक इबारत सुनहरे पन्ने मे अंकित कर चुका है क्योंकि ऐसे अनेक पथरीले भूमि पर आज जो हरियाली दृष्टि गोचर हो रही है सही मायनों मे छ्ग राज्य वन विकास निगम के मेहनती, कर्तव्य निष्ठ अधिकारी कर्मचारियों और मैदानी अमलों की कड़ी मेहनत,और लगन का परिणाम कहा जा सकता है विगत वर्ष 2022-2023 एवं 2024 मे रोपण किए गए प्लांटेशन की स्थिति को देख कर कथित क्षेत्र से अवागमन करते राहगीरो का मन अनायास रोपण क्षेत्र की ओर आकर्षित करता है


और अंतरमन से वन सदृश्य प्लांटेशन की हरियाली देख कर मन ही मन मुक्त कंठ से उसकी प्रशंसा किए बगैर नही थकता  रीजनल कार्यालय राजधानी रायपुर  बारनवापारा परियोजना मंडल से मात्र तीस किलो मीटर की दूरी पर स्थित नवीन जिला बेमेतरा के पूर्व  पर स्थित ग्राम पिरदा एवं ग्राम खमतराई मे क्रमशः दस हेक्टेयर पड़त भाटा भूमि मे वर्ष 2023-24 मे लगभग 11000 तथा नौ हेक्टेयर भूमि मे 10,000 के करीब मिश्रित प्रजाति के अधिकृत पौधों का सफल रोपण किया गया  छ्ग वन विकास निगम के मुखिया एवं वरिष्ठ पी सी सी एफ.अधिकारी, प्रबन्ध संचालक तपेश झा के दिशा निर्देश अनुसार ऐसे रिक्त पड़त, भाटा भूभाग मे आई पी डी.योजना के तहत प्रदेश के बहुत से परियोजना मंडलों के क्षेत्रों मे प्लांटेशन संपादित किए गए  इसके अंतर्गत बार परियोजना मंडल के अनुभवी दक्ष कर्मठ  तत्कालिक परिक्षेत्राधिकारी ऋषि शर्मा के कुशला मार्ग दर्शन और नेतृत्व मे रायपुर से तीस किलोमीटर के तहत ग्राम पिरदा, एवं ग्राम खमतराई मे ऐसे दो क्षेत्रों मे प्लांटेशन छ्ग राज्य वन विकास निगम  के बार परियोजना मंडल के तहत  कराए गए है जो द्वितीय वर्ष मे युवा अवस्था मे पहुँच कर लगातार ग्रोथ कर रहे है 


इस संदर्भ मे बार नवापारा परियोजना मंडल के आर.जी.एम. मर्सीबेला मैडम जो आई.एफ.एस. अधिकारी है वर्तमान मे मूलतः वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मे सी.एफ. पद का दायित्व का निर्वहन कर रही है  जबकि इसके पूर्व वे सी. सी. एफ. पद मे रहते हुए मानव निर्मित जंगल सफारी मे संचालक डायरेक्टर के पद पर रही तथा लंबे अवधि तक उक्त पद का बखूबी निर्वहन किया एक प्रकार से मानव निर्मित जंगल सफारी की वैश्विक पहचान और आज उसकी जो चकाचौंध परिलक्षित हो रही है वह सब उनके ही कार्यकाल और दिशा निर्देशन में किए जाने वाली देन है सफेद बंगाल टायगर से लेकर स्नैक पार्क, रंग बिरंगी  तितली पार्क, से लेकर विदेशी डॉग,यहाँ तक वन भैंसा लाए जाने का श्रेय भी उन्ही के कार्य काल मे संपादित किए गए है जिनका लाभ और उनके लंबे सेवा काल का अनुभव अब छ्ग राज्य वन विकास निगम को मिल रहा है

तथा वे  वर्तमान मे वे बार नवापारा परियोजना मंडल, पाना बरस परियोजना मंडल,सहित कवर्धा जैसे अन्य परियोजना मंडल मे आर जी एम. के महती दायित्व पद मे रहते हुए नियमित उपरोक्त क्षेत्रों का सघन दौरा कर प्लांटेशन, काष्ठागार  कार्यों मे पारदर्शित और कसावट लाते हुए वन विकास निगम मे आर्थिक सुदृढ़ता को बल दे रही है उल्लेखनीय है कि छ्ग राज्य वन विकास निगम का मूल कार्यों स्व पोषित संस्था के रूप में प्लांटेशन करना बहुत महत्व पूर्ण कार्य है जिसका शुभारंभ वित्तीय वर्ष मई, जून में प्रारंभ कर लिया जाता है जहां मृदा भूमि परीक्षण सहित उपजाऊ, पथरीली भूमि मे किस प्रकार का प्लांटेशन किया जाना उसका प्राकल्लन की रूप रेखा प्रायोजन किया जाता है पश्चात उसकी तैयारी की जाती है इसके लिए जिससे पड़त भाटा मैदानी भूमि मे व्यवस्था कर दो बाई दो से लेकर तीन बाई तीन के गड्ढे उत्खनन कर पॉलिथिन बेग के पौधों का सफल रोपण किया जाता है जिससे प्रदेश भर के वसुंधरा मे भिन्न भिन्न प्रजाति के हरे भरे रोपित पौधों का हरित श्रृंगार कर हरियाली प्रसार किया जाता है वहीं उक्त ग्राम क्षेत्र पिरदा, एवं ग्राम खमतराई प्लांटेशन के संदर्भ मे बार नवापारा अभ्यारण के वर्तमान अधीक्षक आनंद कुदरिया जो वन विकास निगम बार नवापारा  परियोजना मंडल के डी. एम. (डी.एफ.ओ.) पद का दोहरा प्रभार दायित्व का निर्वहन कर रहे है उनका कथन है कि  छ्ग प्रदेश के अधिकांश प्लांटेशन आई पी डी योजना के तहत किए जाते है जिसमे औद्योगिक घराने के द्वारा (सी एस आर) कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कंपनियां अपने व्यापार संचालन और अपने हितधारकों के साथ सामाजिक समरस्ता और पर्यावरणीय चिंताओं को एकीकृत करती हैं ताकि प्रदूषण मुक्त स्वच्छ वातावरण निर्मित किया जा सके इसके तहत ही बहुत से  क्षेत्रों मे प्लांटेशन छ्ग राज्य वन निगम से अनुबंध के आधार पर किए जाते है जिसका अवधि तीन वर्ष तक अनुबंधित होता है उपरोक्त अनुबंधित वर्ष तक उसकी, केज्युवल्टी, निंदाई गुड़ाई,देखरेख, सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी का व्यय छ्ग वन विकास निगम के द्वारा वहन करना पड़ता है 


बार परियोजना मंडल के डी.एम.आनंद कुदरिया इसके आगे बताते है कि   प्रति वर्ष केज्युवल्टी निंदाई गुड़ाई के संपादित कार्यों के लिए अनुबंधित किश्तों मे राशि जारी की जाती है जो प्रथम वर्ष रोपण काल अवधि मे साठ प्रतिशत राशि जारी होता है पश्चात द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष मे क्रमशः पच्चीस एवं पंद्रह प्रतिशत, राशि जारी होता है श्री आनंद कुदरिया आगे बताते है कि अनुबंधित अंतिम वर्ष की अवधि मे कॉर्पेरेट धराने कंपनी और वन विकास निगम तीन वर्ष से अधिक वर्ष के लिए अतिरिक्त अवधि के लिए अनुबंध बढ़ा सकती है 

बार नवापारा परियोजना मंडल के वर्तमान डिप्टी डिवीजनल मैनेजर (एस.डी.ओ.) ऋषि शर्मा जो पूर्व मे उक्त योजना के परिक्षेत्राधिकारी थे उनके ही कार्यकाल मे दोनों स्थानों पर प्लांटेशन  किया गया था उनसे पूछने पर वे बताते है कि  ग्राम पिरदा एवं खमतराई ग्राम के आसपास क्षेत्र मे काफी कल कारखाने मौजूद है तथा एक बड़ा भू भाग की रिक्त भूमि पड़ी थी जिसे अनुबंध के आधार पर मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण किया गया है तथा रोपण क्षेत्र एक वर्ष मे ही वन सदृश्य गोचर हो रहा है रोपण होने से आसपास का वातवरण स्वच्छ सुंदर प्रदूषण मुक्त हो गया है बार नवापारा परियोजना मंडल के एस. डी.ओ. ऋषि शर्म  बताते है कि लगातार वरिष्ठ अधिकारी मॉनिटरिंग कर समय समय पर उसका अवलोकन  कर दिशा निर्देश देते है उसके अनुसार इस वर्ष 2024 मे केज्युवल्टी एवं निंदाई गुड़ाई  संपादित किए गए है और उनकी स्थित स्वस्थ्य एवं बेहतर है साथ ही लगातार बढ़त बनाए हुए है वर्तमान मे इनकी ऊँचाई आठ से दस फीट हो चुकी है तथा वर्षा ऋतु मे प्राकृतिक जल स्त्रोत और वर्षा के महीन बारीक बूंदों के जल से चहुंओर हरियाली बिखेर रही है जो अनायास लोगों के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है छ्ग राज्य वन विकास निगम बारनवापारा परियोजना मंडल के एस. डी. ओ. ऋषि शर्म आगे बताते है कि दस हेक्टेयर और नौ हेक्टेयर  भूभाग मे भिन्न भिन्न प्रजाति के पौधों का  सफल रोपण किया गया जिनमे मुख्यतः करंज, शिशु नीम, पेल्टाफाम, गुलमोहर, सहित अनेक सायादार फलदार, औषधि युक्त प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है उक्त रोपण कार्य हेतु स्थानीय ग्राम वासियों को रोजगार मूलक कार्य उपलब्ध कराए गए सभी पौधे जोरा नर्सरी, और बिलासपुर नर्सरी से मंगाएं गए थे  वन विकास निगम बार परियोजना मंडल द्वारा दोनों क्षेत्रों  मे कराए गए प्लांटेशन की सुरक्षा के सवाल पर डिप्टी डी एम. ऋषि शर्मा बताते है कि रोपण क्षेत्र मे फैन्सिंग लगाई गई है तथा गाय गरुआ मवेशी चराई,तथा उपद्रवी तत्वों से सुरक्षा हेतु चौकीदार नियुक्त किए गए  है जो लगातार निगरानी रखे हुए रहते है उन्होंने आगे बताया कि समय समय पर केज्युवल्टी, कर पुनः रोपण किया जा रहा है निंदाई, गुड़ाई, दवा खाद से उपचारित किया गया है जो वर्तमान  मे स्वस्थ्य पूर्ण और बढ़त बनाएं हुए है दो वर्ष पश्चात शत प्रतिशत पौधे जीवित स्थिति मे आनुबंधित फर्म, संस्था, कंपनी, को हस्तांतरित किया जाने की बात भी कही है बार प्रोजेक्ट के डिप्टी, डी.एम.ऋषि शर्मा कहते है कि मानव जीवन को बचाना है तो पेड़,पौधों और वनों की सुरक्षा करना सभी मानव जाती का धर्म और कर्म कर्तव्य है तभी मानव समाज का कल्याण संभव होगा.




सोमवार, 12 अगस्त 2024

छ्ग शासकीय वाहन चालक/ यांत्रिकी कर्मचारी संघ का गठन

 छ्ग शासकीय वाहन चालक/ यांत्रिकी कर्मचारी संघ का गठन 

रायपुर छ्ग शासकीय वाहन चालक/ यांत्रिकी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनवर  अली ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला शाखा रायपुर वाहन चालक संघ  हेतु कार्यकारिणी  का गठन किया 


जिसमे संभागीय अध्यक्ष सेवा राम उईके  तथा देवानंद सिंह,एवं शशि सपहा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया 


प्रवीण  बडवाईक को कोषाध्यक्ष पद पर चयन किया गया इनके अलावा संतोष लहरे सहायक कोषाध्यक्ष रूपेश कुमार, निर्मल सिंह कोर्राम, राधे श्याम गोयल, को संयुक्त,सचिव तथा अमृत यादव कार्यालय सचिव, सी. एच. रामू संगठन सचिव, दुर्गेश श्रीवास प्रचार सचिव, संतोष बाघे, उप सचिव, दुर्गा यादव वरिष्ठ सदस्य, विनोद त्रिपाठी प्रवक्ता, मुकेश वैष्णव वरिष्ठ सदस्यों का गठन किया गया छ्ग शासकीय वाहन चालक/यंत्रिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनवर् अली ने सभी पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए संघ को मजबूत बनाने हितों की रक्षा हेतु एकजुट कार्य करने हेतु अपील करते हुए   उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है

शुक्रवार, 9 अगस्त 2024

वर्ल्ड एलिफेन्ट डे पर हुआ व्याख्यान हाथियों,वन्य प्राणियों के आचार व्यवहार पर बनेगी योजनाएं - सी.सी.एफ.विश्वेश झा

वर्ल्ड एलिफेन्ट डे पर हुआ व्याख्यान हाथियों,वन्य प्राणियों के आचार व्यवहार पर बनेगी योजनाएं - सी.सी.एफ.विश्वेश झा 


अल्ताफ हुसैन की कलम से

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय) वनों का श्रृंगार वन्य प्राणी  होते है उनकी उपस्थिति मात्र से ही वनों की शोभा बढ़ जाती है आम जन वनों की प्रकृति छटा और सुंदर दृश्य देखने अभ्यारणय पहुँचते है सघन वन क्षेत्रों मे लाखों अनेक प्रजाति के पेड़ पौधे की विहंगम हरीतिमा  परिदृश्य गोचर मात्र के अहसास से संपूर्ण प्रकृति, पर्यावरण के साथ स्वमेव लीन हो जाते है  उनके वायु मंडल की भीनी भीनी  वातावरण पुष्प गमक के स्पर्शता से सर्वस्य हृदय को पुलकित और मनभावन बना देता है उनके देखने से ऐसा आभास होता है जैसे प्राकृतिक के विस्तारित कैंनवास मे ईश्वर रूपी कलाकार ने वनों के पेड़ पौधों की पत्तियों,शाखाएं,उसकी टहनी,रूपी कुची से सप्त रंग बिरंगे  परिकल्पना के आकार पर फल, फूल, और मनोहारी दृश्य को आकर्षक रंग से उकेर कर साकार कर दिया हो उस पर कीट पतंग, झींगुर की सिटी सी निकालने वाली तिक्षण आवाज जैसे गहन सन्नाटे की चिर खामोशी की तंद्रा भंग कर वातावरण को अल्हादित और मद मस्त कर देते हुए दूर किसी क्षेत्र से सुरही वाद्य यंत्र की शहनाई के कर्णप्रिय संगीत की धुन  और भाँति भाँति वन्य प्राणियों की नांद से मानों सुमधुर सुर ताल का संगम होने का अहसास करा रही हो उस पर चहकते  चिड़ियों की,,चीं चीं और कोयल, की कु हु कु हु,,,पपीहा,,,की पी हु पी,,हु ,, की संयुक्त चहक महक सरगम की मधुर लहरी मे  मनोहारी संगीत के मध्य वनों के मूल रहवासी  वन्य प्राणियों के द्वारा प्रकृति के रूप मे ईश्वरीय अनमोल वरदान का वन उत्सव के रूप मे मुक्त वातावरण के अभ्यारणय  क्षेत्र मे अल्हादित,आनंदित  की अनुभूति प्राप्त कर दोगुना उत्सव मना रहे हो उस पर पर्यटको द्वारा आवागमन करते समय  रंग बिरंगे भिन्न भिन्न प्रजाति की तितलियाँ पंख पसारे इधर से उधर यहां वहाँ इठलाती हुई उड़ उड़ कर नृत्य कर उत्सव मे रंग जमाने अपनी उपस्थिति और सहभागिता निभा रही हो पहले तो छ्ग प्रदेश के वन क्षेत्रों मे हिंसक शेर चीता की दहाड़, समूचे क्षेत्र मे गरजती थी अब कुछ वर्षों मे इसकी दहाड़ कुछ कम हो गई है उनके स्थान पर स्वच्छन्द विचरण करते हाथियों की चिंघाड़ की गर्जंन भी ऐसे मनोहारी वन क्षेत्र मे सुनाई देने लगी है मानों वन क्षेत्रों मे सदा दिन होने वाले महोत्सव मे प्रकृति ने उन्हे न्यौता दिया गया हो और वे भी विशाल काया के साथ वन क्षेत्र मे हो रहे वन उत्सव मे चिंघाड़ के साथ स्वछंद  रूप से कदम ताल मिला नृत्य कर रहे हो वैसे तो र्तमान  मे प्रदेश भर में छोटे बड़े हाथियों की  जनसंख्या लगभग तीन सौ पचहत्तर होना बताया गया है लेकिन लगातार उनके मूवमेंट से इस बार छ्ग का वन एवं परिवर्तन विभाग वर्ल्ड  एलीफेंट डे के रूप मे वृहद स्तर पर 12 अगस्त को मनाया गया है उक्त आयोजन  वर्ल्ड एलिफेन्ट डे भारत की किसी एक राज्य मे प्रति वर्ष 12 अगस्त को मनाया जाता है यह प्रथम अवसर है जब यह दायित्व छत्तीसगढ़ राज्य वन जलवायु एवं परिवर्तन विभाग को प्राप्त हुआ है  जिसमे केंद्रीय वन, जलवायु एवं परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव मुख्य अतिथ्य मे वक्ता के रूप मे   उपस्थित हुए इनके अलावा छ्ग प्रदेश के मुख्य मंत्री,विष्णु देव साय वन मंत्री केदार कश्यप सहित बहुत से गणमान्य मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी गण  शिरकत की जिसमे प्रदेश भर के हाथियों के मूवमेंट, उनके रहवास पर विशेष विचार एवं चर्चा की गई


इस संदर्भ मे छ्ग प्रदेश उदंती सीतानदी  वाइल्ड लाइफ सी सी एफ विश्वेश कुमार झा से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि वर्ल्ड एलिफेन्ट डे छत्तीसगढ़ राज्य मे प्रथम बार , 12, अगस्त को नवा रायपुर अटल नगर मे आयोजित किया गया   जिसमे वन्य प्राणी हाथियों की लगातार  प्रदेश भर मे मूवमेंट,पर परिचर्च एवं विचार साझा करते हुए उनके रहवास,सुरक्षा, गत वर्ष की गतिविधियों पर भी चर्चा एवं विचार व्यक्त किए गए सी सी एफ विश्वेश कुमार झा बताते है कि गत वर्ष हाथियों के लगातार गतिविधियों पर राज्य वन विभाग ने क्या कदम उठाए गए है इस पर भी विस्तृत चर्चा की गई जबकि उन्होंने बताया कि बीते वर्ष कुछ अपवाद छोड़ दिया जाए तो हाथी मानव संघर्ष मे बहुत ही कम मौते हुई है इसका मूल कारण वे बताते है कि वन विभाग ने आधुनिक संसाधन सेटेलाइट, इंटरनेट,जीपीएस के मध्यम से उसका उपयोग करते हुए हाथी एप बनाया गया है जिससे उनके गतिविधियों की पल पल की जानकारी मिलते रहती है जिसे ग्रामीण क्षेत्र के सरपंच, जन प्रतिनिधि, पत्रकारों को मोबाइल से जोड़ दिया गया है जिसकी जानकारी समय के पूर्व मिलने से ग्राम वासी सजग हो जाते है इसके अलावा भी सीसीएफ विश्वेश झा आगे बताते है 12 अगस्त 2024 को आयोजित होने वाले  वर्ल्ड एलिफेंट डे के अवसर पर उपस्थित अतिथियों के समक्ष मूवी, ब्रोशर, एवं जन जागरूकता  लाने वाले योजनाओं को बताई जाएगी इसके अलावा विशेष अतिथियों ,हाथी मित्र, वन कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हे स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित किया गया उन्हों ने हाथियों के रहवास के संदर्भ मे बताया कि दक्षिण भारत केरल जो छ्ग राज्य से भी छोटा राज्य है वहां हजारों की संख्या मे हाथी विचरण करते है परंतु वहां पर हाथियों से मौत न के बराबर होती है इसका मुख्य कारण  हाथी प्रभावित क्षेत्र मे जा कर मानव द्वारा विध्न नही डाला जाता और ना ही हाथी मानव आबादी क्षेत्र मे विचरण करते है वही हाथियों को कथित क्षेत्र मे मित्रवत व्यवहार किया जाता है उनके साथ छेड़ छाड़, या अन्य संसाधनों, फटाके, ढोल,बाजा,अग्नि, लाठी, शोर गुल आवाज़, इत्यादि से उन्हे उत्तेजित नही करते बल्कि उनके व्यवहार के अनुरूप आम जन दूरी बना कर रखते है वहीं दक्ष महावत के मध्यम से उन्हे प्रशिक्षित कर बहुत से रोजगार मूलक कार्य एवं आवागमन के लिए भी उपयोग लिए जाते है जिससे मानव एवं वन्य प्राणी हाथी संयुक्त रूप से परस्पर व्यवहार करते है छ्ग प्रदेश मे अनुमानित लगभग चार सौ हाथी विचरण कर रहे है जिनमे रायगढ़,अंबिकापुर, धरामजय गढ़, बिलासपुर, कोरबा, रायपुर के बलौदा बाजार, महासमुंद से लेकर महाराष्ट्र के गढ़चिरोली तक उनका मूवमेंट रहता है इसी वर्ष नया ठिकाना कांकेर जिला क्षेत्र मे भी हाथियों ने प्रवेश किया है कथन आशय यह है कि जहाँ इन्हे माकुल खान पान अनुकूल वातावरण  मिलने पर यह डेरा डाल देते है लोमरु प्रोजेक्ट मे हाथियों के संरक्षण, संवर्धन हेतु व्यापक कार्य किए गए जो आज भी वहाँ के हाथी सुरक्षित है वैसे ही मुक्त विचरण से छ्ग राज्य की आब ओ हवा उन्हे पसंद आ गई है तथा तीन सौ पचहत्तर हाथी अब भी यहाँ की मुक्त फ़िज़ा मे विचरण कर रहे है  सी सी एफ, विश्वेश कुमार झा आगे बताते है कि प्रदेश भर मे विचरण कर रहे हाथियों के संरक्षण, रहवास, चारागाह,पेयजल की समस्या, आम जन मे सुरक्षा, जैसे जगरूकता, विषयक बिंदु को लेकर एक वर्ष की कार्य योजना बनाई जाएगी और उनके खान पान वाले क्षेत्र जहाँ इनका प्रिय भोजन बांस के कोमल पत्ते, गन्ना, कदली वन, धान की पैदावार उपज कर के उन क्षेत्र को चिंहित कर चयनित स्थलों मे रहवास बनाने की योजना है  जिसका निराकरण आवश्यक है इस विषय पर भी वर्ल्ड एलीफेंट डे पर विशेष चर्चा इसका मुख्य बिंदु रखा गया है सी सी एफ.विश्वेश कुमार झा से आगे चर्चा करने पर वे बताते है कि छग प्रदेश में हाथियों के अलावा वन्य प्राणी शेर पर भी विचार किया जा रहा है बार नवापारा के रवान क्षेत्र मे छ माह से अधिक प्रवासी शेर उसी डायरेक्शन मे विचरण कर रहा है जिस पर विभाग कैमरे लगा कर पूरी नज़र रखे हुए है अब तक उस ने आम जन पर हमला कर जान माल की क्षति नही पहुंचाई है इसके लिए मध्य प्रदेश के सेवानिवृत अधिकारी के मार्ग दर्शन मे उसके मूवमेंट पर अध्यन किया गया है उनका कथन है कि शेर कथित रवान क्षेत्र को अपना रहवास बना लिया है आस पास के ग्रामीणों से भी चर्चा की गई और उन्हे आश्वस्त किया गया है  शेर के लिए शीघ्र अन्य राज्यों से शेरनी लाने की कवायद जारी है  छ्ग राज्य के वातावरण अनुरूप समीप राज्य मध्य प्रदेश, या महाराष्ट्र से शेरनी लाने की बात कही  है जो यहां के वातावरण मे ढल सकती है सी सी एफ. विश्वेश कुमार झा आगे बताते है कि जंगल सफारी मे आगंतुक विशेष  अतिथियों को भ्रमण कराया जाएगा जहाँ की समस्याओं से भी उन्हे अवगत कराया जाएगा उन्होंने बताया कि जंगल सफारी मे वन्य प्राणियों के उपचार गृह बनाना अति आवश्यक हो गया है जहाँ प्रदेश भर के घायल वन्य प्राणियों का सुचारु रूप से उपचार कर संचालन किया जा सके सभी इसके लिए अलग अलग प्रशिक्षित डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी साथ ही आधुनिक एक्स रे मशीन, अन्य उपकरण, लाने की बात कही गई है जहाँ सभी घायल वन्य प्राणियों का सही समय पर उपचार किया जा सके 12 अगस्त को वर्ल्ड एलिफेन्ट डे पर प्रदेश के मुख्य मंत्री, विष्णु देव साय, केंद्रीय मंत्री  भूपेंद्र यादव छ्ग के वन मंत्री केदार कश्यप, वन बल प्रमुख श्री निवास राव सहित उच्च  स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति मे बहुत सी योजनाओं पर अमली जामा पहनाया जाएगा