सोमवार, 19 अगस्त 2024

वसुंधरा की हरित श्रृंगार करता वन विकास निगम

 वसुंधरा की हरित श्रृंगार करता वन विकास निगम

   

(अलताफ़ हुसैन की कलम से) 

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय)  प्रदेश भर मे हरियाली की सौगात लाने के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और उसका अनुषांगिक धडा छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम प्रा. लि. द्वारा प्रदेश के विभिन्न परियोजना मंडलों मे रिक्त अनेक पड़त भाटा भूमि मे प्लांटेशन कर एक नया ऐतिहासिक इबारत सुनहरे पन्ने मे अंकित कर चुका है क्योंकि ऐसे अनेक पथरीले भूमि पर आज जो हरियाली दृष्टि गोचर हो रही है सही मायनों मे छ्ग राज्य वन विकास निगम के मेहनती, कर्तव्य निष्ठ अधिकारी कर्मचारियों और मैदानी अमलों की कड़ी मेहनत,और लगन का परिणाम कहा जा सकता है विगत वर्ष 2022-2023 एवं 2024 मे रोपण किए गए प्लांटेशन की स्थिति को देख कर कथित क्षेत्र से अवागमन करते राहगीरो का मन अनायास रोपण क्षेत्र की ओर आकर्षित करता है


और अंतरमन से वन सदृश्य प्लांटेशन की हरियाली देख कर मन ही मन मुक्त कंठ से उसकी प्रशंसा किए बगैर नही थकता  रीजनल कार्यालय राजधानी रायपुर  बारनवापारा परियोजना मंडल से मात्र तीस किलो मीटर की दूरी पर स्थित नवीन जिला बेमेतरा के पूर्व  पर स्थित ग्राम पिरदा एवं ग्राम खमतराई मे क्रमशः दस हेक्टेयर पड़त भाटा भूमि मे वर्ष 2023-24 मे लगभग 11000 तथा नौ हेक्टेयर भूमि मे 10,000 के करीब मिश्रित प्रजाति के अधिकृत पौधों का सफल रोपण किया गया  छ्ग वन विकास निगम के मुखिया एवं वरिष्ठ पी सी सी एफ.अधिकारी, प्रबन्ध संचालक तपेश झा के दिशा निर्देश अनुसार ऐसे रिक्त पड़त, भाटा भूभाग मे आई पी डी.योजना के तहत प्रदेश के बहुत से परियोजना मंडलों के क्षेत्रों मे प्लांटेशन संपादित किए गए  इसके अंतर्गत बार परियोजना मंडल के अनुभवी दक्ष कर्मठ  तत्कालिक परिक्षेत्राधिकारी ऋषि शर्मा के कुशला मार्ग दर्शन और नेतृत्व मे रायपुर से तीस किलोमीटर के तहत ग्राम पिरदा, एवं ग्राम खमतराई मे ऐसे दो क्षेत्रों मे प्लांटेशन छ्ग राज्य वन विकास निगम  के बार परियोजना मंडल के तहत  कराए गए है जो द्वितीय वर्ष मे युवा अवस्था मे पहुँच कर लगातार ग्रोथ कर रहे है 


इस संदर्भ मे बार नवापारा परियोजना मंडल के आर.जी.एम. मर्सीबेला मैडम जो आई.एफ.एस. अधिकारी है वर्तमान मे मूलतः वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मे सी.एफ. पद का दायित्व का निर्वहन कर रही है  जबकि इसके पूर्व वे सी. सी. एफ. पद मे रहते हुए मानव निर्मित जंगल सफारी मे संचालक डायरेक्टर के पद पर रही तथा लंबे अवधि तक उक्त पद का बखूबी निर्वहन किया एक प्रकार से मानव निर्मित जंगल सफारी की वैश्विक पहचान और आज उसकी जो चकाचौंध परिलक्षित हो रही है वह सब उनके ही कार्यकाल और दिशा निर्देशन में किए जाने वाली देन है सफेद बंगाल टायगर से लेकर स्नैक पार्क, रंग बिरंगी  तितली पार्क, से लेकर विदेशी डॉग,यहाँ तक वन भैंसा लाए जाने का श्रेय भी उन्ही के कार्य काल मे संपादित किए गए है जिनका लाभ और उनके लंबे सेवा काल का अनुभव अब छ्ग राज्य वन विकास निगम को मिल रहा है

तथा वे  वर्तमान मे वे बार नवापारा परियोजना मंडल, पाना बरस परियोजना मंडल,सहित कवर्धा जैसे अन्य परियोजना मंडल मे आर जी एम. के महती दायित्व पद मे रहते हुए नियमित उपरोक्त क्षेत्रों का सघन दौरा कर प्लांटेशन, काष्ठागार  कार्यों मे पारदर्शित और कसावट लाते हुए वन विकास निगम मे आर्थिक सुदृढ़ता को बल दे रही है उल्लेखनीय है कि छ्ग राज्य वन विकास निगम का मूल कार्यों स्व पोषित संस्था के रूप में प्लांटेशन करना बहुत महत्व पूर्ण कार्य है जिसका शुभारंभ वित्तीय वर्ष मई, जून में प्रारंभ कर लिया जाता है जहां मृदा भूमि परीक्षण सहित उपजाऊ, पथरीली भूमि मे किस प्रकार का प्लांटेशन किया जाना उसका प्राकल्लन की रूप रेखा प्रायोजन किया जाता है पश्चात उसकी तैयारी की जाती है इसके लिए जिससे पड़त भाटा मैदानी भूमि मे व्यवस्था कर दो बाई दो से लेकर तीन बाई तीन के गड्ढे उत्खनन कर पॉलिथिन बेग के पौधों का सफल रोपण किया जाता है जिससे प्रदेश भर के वसुंधरा मे भिन्न भिन्न प्रजाति के हरे भरे रोपित पौधों का हरित श्रृंगार कर हरियाली प्रसार किया जाता है वहीं उक्त ग्राम क्षेत्र पिरदा, एवं ग्राम खमतराई प्लांटेशन के संदर्भ मे बार नवापारा अभ्यारण के वर्तमान अधीक्षक आनंद कुदरिया जो वन विकास निगम बार नवापारा  परियोजना मंडल के डी. एम. (डी.एफ.ओ.) पद का दोहरा प्रभार दायित्व का निर्वहन कर रहे है उनका कथन है कि  छ्ग प्रदेश के अधिकांश प्लांटेशन आई पी डी योजना के तहत किए जाते है जिसमे औद्योगिक घराने के द्वारा (सी एस आर) कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कंपनियां अपने व्यापार संचालन और अपने हितधारकों के साथ सामाजिक समरस्ता और पर्यावरणीय चिंताओं को एकीकृत करती हैं ताकि प्रदूषण मुक्त स्वच्छ वातावरण निर्मित किया जा सके इसके तहत ही बहुत से  क्षेत्रों मे प्लांटेशन छ्ग राज्य वन निगम से अनुबंध के आधार पर किए जाते है जिसका अवधि तीन वर्ष तक अनुबंधित होता है उपरोक्त अनुबंधित वर्ष तक उसकी, केज्युवल्टी, निंदाई गुड़ाई,देखरेख, सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी का व्यय छ्ग वन विकास निगम के द्वारा वहन करना पड़ता है 


बार परियोजना मंडल के डी.एम.आनंद कुदरिया इसके आगे बताते है कि   प्रति वर्ष केज्युवल्टी निंदाई गुड़ाई के संपादित कार्यों के लिए अनुबंधित किश्तों मे राशि जारी की जाती है जो प्रथम वर्ष रोपण काल अवधि मे साठ प्रतिशत राशि जारी होता है पश्चात द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष मे क्रमशः पच्चीस एवं पंद्रह प्रतिशत, राशि जारी होता है श्री आनंद कुदरिया आगे बताते है कि अनुबंधित अंतिम वर्ष की अवधि मे कॉर्पेरेट धराने कंपनी और वन विकास निगम तीन वर्ष से अधिक वर्ष के लिए अतिरिक्त अवधि के लिए अनुबंध बढ़ा सकती है 

बार नवापारा परियोजना मंडल के वर्तमान डिप्टी डिवीजनल मैनेजर (एस.डी.ओ.) ऋषि शर्मा जो पूर्व मे उक्त योजना के परिक्षेत्राधिकारी थे उनके ही कार्यकाल मे दोनों स्थानों पर प्लांटेशन  किया गया था उनसे पूछने पर वे बताते है कि  ग्राम पिरदा एवं खमतराई ग्राम के आसपास क्षेत्र मे काफी कल कारखाने मौजूद है तथा एक बड़ा भू भाग की रिक्त भूमि पड़ी थी जिसे अनुबंध के आधार पर मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण किया गया है तथा रोपण क्षेत्र एक वर्ष मे ही वन सदृश्य गोचर हो रहा है रोपण होने से आसपास का वातवरण स्वच्छ सुंदर प्रदूषण मुक्त हो गया है बार नवापारा परियोजना मंडल के एस. डी.ओ. ऋषि शर्म  बताते है कि लगातार वरिष्ठ अधिकारी मॉनिटरिंग कर समय समय पर उसका अवलोकन  कर दिशा निर्देश देते है उसके अनुसार इस वर्ष 2024 मे केज्युवल्टी एवं निंदाई गुड़ाई  संपादित किए गए है और उनकी स्थित स्वस्थ्य एवं बेहतर है साथ ही लगातार बढ़त बनाए हुए है वर्तमान मे इनकी ऊँचाई आठ से दस फीट हो चुकी है तथा वर्षा ऋतु मे प्राकृतिक जल स्त्रोत और वर्षा के महीन बारीक बूंदों के जल से चहुंओर हरियाली बिखेर रही है जो अनायास लोगों के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है छ्ग राज्य वन विकास निगम बारनवापारा परियोजना मंडल के एस. डी. ओ. ऋषि शर्म आगे बताते है कि दस हेक्टेयर और नौ हेक्टेयर  भूभाग मे भिन्न भिन्न प्रजाति के पौधों का  सफल रोपण किया गया जिनमे मुख्यतः करंज, शिशु नीम, पेल्टाफाम, गुलमोहर, सहित अनेक सायादार फलदार, औषधि युक्त प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है उक्त रोपण कार्य हेतु स्थानीय ग्राम वासियों को रोजगार मूलक कार्य उपलब्ध कराए गए सभी पौधे जोरा नर्सरी, और बिलासपुर नर्सरी से मंगाएं गए थे  वन विकास निगम बार परियोजना मंडल द्वारा दोनों क्षेत्रों  मे कराए गए प्लांटेशन की सुरक्षा के सवाल पर डिप्टी डी एम. ऋषि शर्मा बताते है कि रोपण क्षेत्र मे फैन्सिंग लगाई गई है तथा गाय गरुआ मवेशी चराई,तथा उपद्रवी तत्वों से सुरक्षा हेतु चौकीदार नियुक्त किए गए  है जो लगातार निगरानी रखे हुए रहते है उन्होंने आगे बताया कि समय समय पर केज्युवल्टी, कर पुनः रोपण किया जा रहा है निंदाई, गुड़ाई, दवा खाद से उपचारित किया गया है जो वर्तमान  मे स्वस्थ्य पूर्ण और बढ़त बनाएं हुए है दो वर्ष पश्चात शत प्रतिशत पौधे जीवित स्थिति मे आनुबंधित फर्म, संस्था, कंपनी, को हस्तांतरित किया जाने की बात भी कही है बार प्रोजेक्ट के डिप्टी, डी.एम.ऋषि शर्मा कहते है कि मानव जीवन को बचाना है तो पेड़,पौधों और वनों की सुरक्षा करना सभी मानव जाती का धर्म और कर्म कर्तव्य है तभी मानव समाज का कल्याण संभव होगा.




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें