रविवार, 22 सितंबर 2024

आरंग नदी तट रोपण से पर्यावरण व्यवस्था मे सुधार

 आरंग नदी तट रोपण से पर्यावरण व्यवस्था मे सुधार 


अलताफ़ हुसैन द्वारा

(छत्तीसगढ़ वनोदय)  छत्तीसगढ़ के प्रमुख नदियों मे से एक महानदी जो किसी भाग्य रेखा के समान खींची हुई जल रेखा से कम नही दिखती है यह जब अनेक स्थलों से होते हुए किसी सर्पिणी के समान घुमाव दार अविरल जल धारा  के रूप में चलती है तब ऐसा प्रतीत होता है कि  प्रदेश की प्रकृति, पर्यावरण,एवं वन्य प्राणियों सहित आम जन  जीवन के लिए उनका भविष्य तय कर रही है आसपास एवं वन क्षेत्रों,की नमी,बनाए रखने मानव और प्रत्येक वन्य प्राणियों जलीय पशु पक्षी, के पेयजल की निजात के अलावा भी यह महानदी प्राकृतिक, सौंदर्यता, पर्यावरण व्यवस्था सहित अनेक  संसाधनों की आपूर्ति प्रदान करते हुए सदाबहार वरदान साबित हुई है अनेक प्रकार के लौह, ताम्र, स्वर्ण कण से मिश्रित महीन गौण खनिज के रेतीली एवं कठोर चट्टानी  क्षेत्र मे वर्षा ऋतु पश्चात  यह कल-कल करती हुई  इठलाते हुए जब किसी असमतलीय उबड़ खाबड़ क्षेत्र से गुजरती है 


तब  धूप के चमकते, दमकते, दैदिप्यमान  ओजस्वी जल धारा किसी नव यौवना के अल्हड़पन के समान  मद मस्त  होकर प्रकृति सरगम के सप्त सुर ताल की अदृश्य नाद संपूर्ण वायु मंडल में अलौकिक उदघृत लय को परिभाषित करते हुए शांत वातावरण मे जैसे प्रेम गीत को गुनगुनाते हुए अपने  गंतव्य की ओर अठखेली करते हुए निकली जा रही हो  तो अनायास अवागमन करते लोगों का मन उस ओर स्वतः आकर्षित कर  नदी के ऊँचे पुल के मुहाने मे खड़े होकर प्रकृति की बेजोड़ कृति को अपलक घंटों निहारते स्वयं की जिज्ञासा को रोक नही पाता ईश्वर की ऐसी बे मिसाल मनोहारी अविस्मरणीय कृति  लाभ  से कोई भी वंचित रहना नही चाहता और आधुनिक मोबाइल मे सेल्फी लेकर उस अविस्मरणीय प्राकृतिक पल को कैद कर लेना चाहता है 


    रायपुर वन वृत अंतर्गत आरंग परिवृत् के महानदी तट पर ऐसा नयनाभिराम दृश्य प्रायः देखने मिल जाता है हरियाली और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से वन विभाग द्वारा आरंग से लगभग  आठ से दस किलोमीटर की दूरी  पर स्थित ग्राम पंचायत अमेठी के आश्रित ग्राम गुदगुदा मे दो अलग अलग भू भागों में क्रमशः 08 हेक्टेयर मे 8800 पौधों तथा दूसरे क्षेत्र में 13 हेक्टेयर भू भाग मे 14 हजार 300 पौधों का वर्ष 2022 मे मिश्रित  प्रजाति का सफल रोपण कर प्लांटेशन  किया गया था जिसमे शिशु नीम, काला सिरसा, पीला बांस, अर्जुन, अकेशिया, बोहार, केजुरीना, पीपल, सहित भिन्न भिन्न प्रजाति के पौधे किए गए जो लगभग आज वर्ष 2024 मे शत प्रतिशत सफल देखा गया है


 इस संदर्भ मे आरंग परिवृत् के डिप्टी प्रभारी संतोष कुमार सामंत राय  से उनके साथ ग्राम पंचायत अमेठी के कथित आश्रित  क्षेत्र  ग्राम गुदगुदा प्लांटेशन पहुँच कर रूबरू प्लांटेशन क्षेत्र का अवलोकान किया गया जहाँ द्वितीय वर्ष मे पौधे आठ से दस फीट ऊँचाई मे ग्रोथ कर रहे थे आरंग डिप्टी प्रभारी  संतोष सामंत राय बताते है कि वन सदृश्य परिलक्षित होने वाला कथित प्लांटेशन का श्रेय रायपुर वृत के वरिष्ठ वन मंडलाधिकारी अधिकारी लोकनाथ पटेल के कुशल निर्देशन मे 


उप वनमंडलाधिकारी विश्व नाथ मुखर्जी के मार्ग दर्शन तथा परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू  के सफल नेतृत्व मे द्वितीय वर्ष का केजयुवल्टी निंदाई गूढाई, उपचार आदि कार्य संपादित किए गए लगातार रोपण क्षेत्र की मॉनिटरिंग स्वयं डिप्टी संतोष सामंत राय एवं उनके मैदानी अमले की टीम पूरी तरह से चाक चौबंद तरीके से कर रही है तथा इसके लिए प्लांटेशन क्षेत्र मे चौकीदारों की नियुक्त किए गए है सुरक्षा की दृष्टि कोण से रोपण क्षेत्र मे चारो और से बारबेट कटिले तारों की फेंसिंग किया गया है ताकि गाय गरुवा मवेशी चराई  से रोपण क्षेत्र की सुरक्षा की जा सके आरंग परिवृत् के डिप्टी प्रभारी संतोष सामंत राय से नदी तट रोपण ही क्यों पूछे जाने पर वे बताते है कि नदी की प्रबल जल प्रवाह की वजह से तट क्षेत्र का लगातार भूस्खलन, क्षरण और मिट्टी का कटाव होते रहता है जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र मे भावी विकट परिस्थिति निर्मित हो सकती है इसके रोकथाम और सुरक्षा के मद्दे नज़र रखते हुए वन जलवायु एवं परिवर्तन विभाग  तट रोपण कार्यों को प्रमुखता से संपादित करता है वही प्राकृतिक रूप से भी वन निर्मित होते रहता है जिससे  नदी का बहाव संतुलित तो रहता ही है साथ ही पेड़ पौधे की वजह से जल के स्त्रोत भी बना रहता है और पर्यावरण संतुलन जलवायु मे वृद्धि बनी रहती है


उन्होंने आगे बताया कि ग्राम गुदगुदा के सरपंच और वहाँ के समस्त ग्रामीणों द्वारा प्लांटेशन क्षेत्र की सुरक्षा और सहयोग करते है आरंग डिप्टी सामंत राय ने आगे बताया कि क्षेत्र के सुप्रसिद्ध समाजसेवी  विनय गुप्ता जो पर्यावरण प्रेमी है ग्रीष्म कालीन मे जल अभाव सूखे एवं जल स्तर कम होने की परिस्थिति मे उनके द्वारा स्वयं की राशि वहन कर टैंकर से सिंचाई व्यवस्था कर सहयोग किया जाता है इसकि वजह यह बताया जाता है कि नदी तट पर रोपण होने की वजह से उसको माकुल सिचाई प्राप्त होती है जबकि अल्प बजट के अभाव मे सिंचाई व्यवस्था तनिक दुरूह हो जाता है तब ऐसे भीषण ग्रीष्म मे नदी नाले पोखर सब सुख जाते है ऐसी परिस्थिति मे विनय गुप्ता जैसे समाज सेवी, एवं ग्रामीणों के सहयोग से प्लांटेशन  के अस्तित्व बचाने विभाग के मैदानी अमला स्वयं को तपा कर देड से दो तीन, माह अपने को झोंक देता है  जिसका परिणाम है कि आरंग तट रोपण क्षेत्र का शत प्रतिशत रिजल्ट सामने आया है


 आरंग परिवृत् डिप्टी संतोष सामंत राय बताते है कि दो भाग मे रोपित ग्राम गुदगुदा का प्लांटेशन को शत प्रतिशत सफल करने मे आरंग परिवृत  के सभी मैदानी अमले का पूर्ण सहयोग मिला है विशेष रूप से (बीएफओ) पंकज वर्मा ने पूरी लगन से द्वितीय वर्ष की निंदाई, गूढाई, संपूर्ण पौधों मे गोल आकार् का गाला थाला,निर्मित कर डी.ए. वी.पी. और जैविक खाद , काली मिट्टी, से उपचार, व्यवस्था, केजयुवल्टी  इत्यादि को बड़ी तन्मयता से संपादित करवाया  जिसकी वजह से असमतलीय ऊँची नीची पहाडी क्षेत्र मे रोपे गए प्लांटेशन  आज वन सदृश्य नज़र आ रहा है 

शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

मातृत्व की छाँव मे पनपता एक पेड़ माँ के नाम

 मातृत्व की छाँव मे पनपता एक पेड़ माँ के नाम 

अलताफ़ हुसैन की कलम से

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय)  मां अर्थात जनक जननी होती है लाखों दुख,विपदा, आफत, कष्ट सहने के बाद भी वह अपने पूत को अपने स्नेह के आँचल मे समेट कर रखती है यह आदर्श मात्र मानव  समाज मे ही  देखने नहीं मिलता बल्कि धरती मां भी अपने असंख्य सपूतों के लिए भी सदैव वरदान साबित होते आई है जब से नभ, थल, जल की उत्पति ब्रह्मांड मे हुई है तब से ही वसुंधरा को मां स्वरूपा का स्थान प्राप्त हुआ है और मानव जब भी किसी पुण्य कर्म का शुभारंभ करता है तब वह धरती मां के चरणों मे पूजा अर्चना कर नत मस्तक श्रद्धानवत हो कर उसका आशीर्वाद प्राप्त करता है धरती मां को अनेक रूप मे पूजा जाता रहा है अब चाहे हलषष्ठी पूजा जो इसी धरती मां की कोख से संपूर्ण मानव जीवन को अन्न जल देता है या फिर मकान भवन, इमारत की नीव का निर्माण हो सब धरती मां अपने गर्भ मे ही सब को निवास स्थान प्रदान करती है यही नही हरे भरे पेड़ पौधों, की विशाल श्रृंखला का प्राकृतिक निर्माण कर जल जंगल जमीन की, वैभवत मे चार चांद लगा देती है प्राकृतिक के इस मनोहरी दृश्य को सहेजने के उद्देश्य से 5 जून 2024 को भारत देश के यशस्वी प्रधान मंत्री माननीय  श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक पेड़ मां के नाम की देश व्यापी अभियान योजना का प्रारंभ किया 


जो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश मे हर खास व आम लोगों ने हर्षोल्लास के साथ मनाया छत्तीसगढ़ प्रदेश सहित राजधानी रायपुर मे 11 जुलाई 2024 को प्रमुखता के साथ एक पेड़ मां के नाम से लाखों की संख्या मे मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण किया गया जो इतिहास के सुनहरे पन्ने मे यह संख्या दर्ज की गई छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्य मंत्री माननीय विष्णु देव साय वन मंत्री केदार कश्यप सहित वरिष्ठ अधिकारी, स्कूली बच्चे, सेना के जवान एवं गणमान्य नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति मे एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम का शुभारंभ नवा रायपुर अटल नगर स्थित जैव विविधता पार्क मे किया गया और पूरे प्रदेश मे अब तक करोड़ों की संख्या मे पौधा रोपण कार्यक्रम मे आमजन ने स्वस्फुर्त होकर सहभागिता सुनिश्चित की रायपुर वन मंडल के अंतर्गत एक  पेड़ मां के नाम की योजना से सफल रोपण से फलीभूत हो कर नवा रायपुर वन मंडल के अधिकारी,कर्मचारी,और मैदानी अमला खासे उत्साहित और गदगद है इस संदर्भ मे  वन मंडलाधिकारी लोकनाथ पटेल बताते है कि इस महा वृक्षा रोपण कार्यक्रम मे रायपुर डिविजन मे ही वन महोत्सव अंतर्गत छ लाख से अधिक पौधों का वृक्षा  रोपण महा अभियान कार्यक्रम संपादित  किया गया जिसमे फलदार, सायादर्, फुलदार, औषधि युक्त पौधों का रोपण किया गया नवा रायपुर जैव विविधता पार्क मे संपूर्ण पौधे 20 हेक्टेयर भू भाग  मे 22 हजार पौधे रोपे गए 


रायपुर वन मंडलाधिकारी  लोकनाथ पटेल आगे बताते है कि वृक्षारोपण महा अभियान संपूर्ण राष्ट्र व्यापी अभियान है जिसमे देश सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश मे हरित क्रांति युग का  सूत्रपात प्रारंभ हुआ है इस हरित महा अभियान के रोपण से प्रदेश के बंजर पड़त भाटा भूमि क्षेत्र मे वन सदृश्य स्थिति भविष्य मे निर्मित होगी साथ ही प्रदूषण मुक्त स्वस्थ्य वातावरण से मानव जीवन सहित पशु, पक्षियों, वन्य प्राणियों जैसे गिलहरी, वानर,सरीसृप इत्यादि को इसका लाभ प्राप्त होगा नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू जो पीसीसीजी (पी.एस.सी) 2019 से हल्दवानी में वन सेवा मे ट्रेनिंग पश्चात विगत पांच वर्षों से  छ्ग प्रदेश के विभिन्न वन क्षेत्र मे अपनी सेवाएं दे रहे है उन्हे व्यापक वन एवं वानिकी का अनुभव प्राप्त हो रहा है नवा रायपुर स्थित जैव विविधता पार्क उनके ही मार्ग दर्शन मे संपादित हुआ है उन्होंने एक पेड़ मां के नाम महाअभियान वृक्षारोपण कार्यक्रम के विस्तार एवं उसके संदर्भ मे पूछने पर बताया कि उक्त अभियान से जलवायु हरियाली मे वृद्धि तो होगी ही साथ ही वन क्षेत्रों का रकबा बढ़ेगा क्योंकि लगातार ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहे ऋतु परिवर्तन एवं फसल चक्र मे भी आंशिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है


जो संपूर्ण मानव जगत के लिए अच्छे संकेत नही है वन विभाग भिन्न भिन्न योजनाओं के मध्यम से अनेक पडत भाटा भूमि मैदानी क्षेत्र पथ रोपण मार्ग मे पेड़ पौधे, प्लांटेशन कर पर्यावरण और जलवायु को संतुलित करने का यथा संभव प्रयास कर रहा है नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी तीरथ साहू आगे बताते है कि एक पेड़ मां के नाम से वृक्षारोपण महाअभियान राष्ट्र व्यापी अभियान है जिसमे देश के प्रधान मंत्री  माननीय श्री नरेंद्र मोदी  ने धरती मां और प्रत्येक देश वासीयों की मां का भावनात्मक संदेश दिया है कि वृक्षों और पेड़ पौधों का विदोहन मत करो क्योंकि धरती मे उगा हुआ एक पेड़ मां के सम तुल्य है हमे हरियाली की चादर के साथ, सुकून की ठंडी छाँव की आँचल पसार कर देती है वह हम मानव जगत एवं समस्त प्राणियों की जीवन दायिनी है वह वायु मंडल मे अदृश्य महिन धूल धुसरित, लौह कण को अवशोषित कर शुद्ध वायु ऑक्सिजन प्रदाय करती ही है साथ ही  प्रदूषण मुक्त वातावरण निर्मित करने में कारगर साबित हुई है एक पेड़ मां के नाम यही संदेश देने का प्रयास है


 नवा रायपुर वन मंडल परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू आगे बताते है कि उक्त योजना मे किसी प्रकार की कोताही नही बरती जा रही है क्योंकि कार्यक्रम विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी मे संपादित किया गया था जिनमे मुख्यतः प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, श्री केदार कश्यप, वन मंत्री,विशिष्ट अतिथि अरुण साव जी, विजय शर्मा जी, उप मुख्य मंत्री छ्ग शासन, श्री राम विचार नेताम जी दयाल दास बघेल जी,श्री ओ.पी.चौधरी जी, वित्त मंत्री, श्री टंक राम वर्मा, इंद्र कुमार साहू विधायक अभनपुर वन बल प्रमुख श्री निवास राव सहित सभी वन अधिकारी कर्मचारियों एन. आर.डी.ए. चेयरमैन श्री बजाज, भारतीय सेना के जवान, स्कूली छात्राओं, की उपस्थिति मे भिन्न भिन्न प्रजाति के मिश्रित पौधों का सफल रोपण संपन्न हुआ था जिसकी देख रेखा सुरक्षा व्यवस्था हेतु रात दिन प्लांटेशन  क्षेत्र जैव विविधता पार्क मे  चौकीदारी की नियुक्ति की गई है वही नवा रायपुर वन मण्डल के उप परिक्षेत्राधिकारी  मैडम लीना कश्यप बताती है कि प्रति दिन स्थानीय ग्राम क्षेत्र के महिला पुरुष ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है जिन्हे जैव विविधता पार्क क्षेत्र में पौधे रोपण कार्य के अलावा उसकी सुरक्षा के उपाय, गाला, घाला , दवा खाद उपचार के अलावा प्राकृतिक वर्षा न होने की स्थिति मे नियमित सिंचाई  खरपतवार इत्यादि की सफाई, लगातार की जा रही है डिप्टी रेंजर लीना कश्यप आगे बताती है कि संपूर्ण जैव विविधता पार्क मे आस्थावान धार्मिक पौधों के साथ ही फल दार, सायादार औषधि युक्त, लुप्त प्रायः वानिकी पौधों का रोपण किया गया है जिनमे मुख्यतः बरगद, पीपल, सागौन, कदंब, नीम, हर्रा, बेहड़ा, करंज, आम, जाम,नींबू, जामुन,चार, कटहल, शिशु, आँवला, तथा पेल्टाफार्म जैसे आधुनिक पौधों का सफल रोपण किया गया है डिप्टी लीना मैडम बताती है कि संपूर्ण रोपण क्षेत्र की व्यवस्था और सुरक्षा हेतु चाक चौबंद तरीके से की जा रही है गाय गरुआ मवेशी की सुरक्षा की दृष्टि कोण से चारो ओर तारो की वॉल फैसींग, और मुख्य मार्ग मे गेट लगाया गया है ताकि रोपण क्षेत्र सुरक्षित रह सके नवा रायपुर डिप्टी रेंजर लीना कश्यप बताती है कि रोपण एक पेड़ मां के नाम से किया गया है उसकी यह उक्ति यथा नाम  तथा गुण को चरितार्थ करते हुए एक मां के समान ही लालन पालन करने का संपूर्ण प्रयास किया जा रहा है


 जैसे मानव अपनी एक मां की सुरक्षा देखरेख उनके सपूतों द्वारा की जाती है रोपित किए गए एक एक पेड़ की पूरी सुरक्षा देखरेख उपचार पूरी तंमयता सतर्कता पूर्वक की जा रही है क्योंकि  एक पेड़ मां नाम के लिए संपूर्ण अधिकारी, डीएफओ साहब से लेकर उप वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी साहब, परिक्षेत्राधिकारी तीरथ साहू साहब सहित मैदानी अमला, लगातार मॉनिटरिंग, सुरक्षा, की दृष्टि से दिशा निर्देश देते रहते है जिसका प्रतिसाद निकट भविष्य मे देखने मिलेगा क्योंकि जो क्षेत्र कभी हरियाली के बिना उजडा हुआ निरस नज़र आता था वहाँ हरा भरा एक पेड़ मां के रूप मे  लहलहाता हुआ प्राकृतिक पर्यावर्णीय ईश्वरीय वरदान हर मानव को मिली सौगात किसी स्वर्ग से कम  साबित नही होगा


 ऐसी हरीतिमा मनमोहक जन्नत  या स्वर्ग जैसी प्रकृति संरचना को देख कर भला कोई कवि या शायर अपने कलम को विराम कैसे दे सकता है वह भी जब एक पेड़ का स्वरूप मां के रूप मे हों तब मुनव्वर राणा की चन्द पंक्तिया याद आ रही है जो  कहते है -चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है

मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

मंगलवार, 3 सितंबर 2024

नवा रायपुर पी. जामगाँव के मुरुमी क्षेत्र मे मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण

 नवा रायपुर पी. जामगाँव के

मुरुमी क्षेत्र मे मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण


रायपुर वन मंडल अंतर्गत नवापारा परिवृत के ग्राम (पी.) जामगाँव  मे वित्तीय वर्ष 2022-2023 मे हरियार छ्ग योजना के तहत 6.5 हेक्टेयर भू भाग राजस्व भूमि मे 7150 , पौधों का मिश्रित प्रजाति का सफल प्लांटेशन विभाग द्वारा किया गया है जिससे क्षेत्र की अलग हरीतिमा युक्त फ़िज़ा परिलक्षित हो रही है तथा आम जन की गुजर जब वहां से करते है तब हरे  भरे शुद्ध वातावरण स्वतः लोगो को आकर्षित करता है क्षेत्र को हरा भरा बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य लगातार परिवर्तित होते ऋतु वातावरण, प्रदूषण और लगातार बढ़ती गर्मी  की अधिकता को संतुलित करना है रायपुर वन मंडल के डी. एफ. ओ. विश्वेश झा साहब का कसा हुआ प्रशासनिक व्यवस्था का दूरगामी परिणाम है कि रायपुर वन मंडल के भिन्न भिन्न क्षेत्रों मे कई वर्षो से उजड़ा चमन क्षेत्र  नज़र आ रहा था अपने सेवा काल मे आते ही उन्होंने लगातार पेड पौधों और प्लांटेशन को अधिक तरजीह दिया यही कारण है कि अब रायपुर के बहुत से असमतलीय भूमि उजाड़ दिखने वाले क्षेत्र  हरियाली से हरा भरा  दिखाई दे रहे है 


तत्कालिक वन मंडलाधिकारी विश्वेश झा के संदर्भ मे अधिनस्थ वन कर्मचारियों का कथन है कि उनके रायपुर वन मंडल क्षेत्र मे सेवा देने और  कार्यों की विशेष अलहदा शैली है जो उनके व्यक्तित्व मे निखार लाता है कनिष्ठ से लेकर वरिष्ठ कर्मचारियों उनके कार्य शैली से खासे प्रभावित रहते है वे कार्यों मे तनिक भी कोताही बर्दाश्त नही करते तथा समय समय पर स्वयं मॉनिटरिंग और उप वन मंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी से करवाते रहते है इससे कार्यों मे पारदर्शित बनी रहती है तथा कार्य भी सुचारु और नियमित ढंग से पूर्ण होता है


एस.डी. ओ.विश्वनाथ मुखर्जी साहब भी एक परिपक्व,अनुभवी अधिकारी के रूप मे जाने जाते है प्लांटेशन और रोपण का अच्छा लंबा अनुभव रहा है गड्ढो से लेकर खाद तथा रोपे जाने वाले पौधों की ऊँचाई, लंबाई, से भली भाँति परिचित है इसके पश्चात होने वाले देखरेख, सुरक्षा पर वन कर्मियों से विशेष ध्यान देने आदेशित करते है परिणामतः साल भर के अंतराल मे ही पौधे ग्रोथ करने लगते है यही कारण है कि पी. जामगांव अपने द्वितीय वर्ष की आयु मे ही सघन वन क्षेत्र के रूप मे परिलक्षित हो रहा है रायपुर वन मंडल के ग्राम पी. जामगांव को जो मुख्य सड़क मार्ग मे सटा हुआ प्लांटेशन है सही मायनों मे उक्त क्षेत्र मे प्लांटेशन साकार और आकार देने का कार्य तत्कालिक नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा को जाता है जिन्होंने मुरुमी लैट्रेचर पथरीली क्षेत्र  मे हरियाली की परिकल्पना को साकार करने का बीडा उठाया और अपने मार्ग दर्शन मे संपूर्ण कार्यों को पूर्ण करवाया वर्ष 2022-2023 मे 08 हेक्टेयर भू भाग मे  मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण पश्चात सर्व प्रथम सुरक्षात्मक दृष्टि कोण से चैन लिंक कार्य करवाये गए ताकि गाय, गरुव, मवेशी, और आम उपद्रवियों से प्लांटेशन की सुरक्षा के मद्दे नज़र रखते हुए गेट निर्माण करवाया  गया ताकि प्लांटेशन सुरक्षित रह सके


यही नही तत्कालिक परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि प्लांटेशन मे बाकायदा चौकीदारों की नियुक्ति भी की गई जिसका परिणाम है कि रोपण क्षेत्र शत प्रतिशत सफल हुआ है 


वही नवा रायपुर वन मंडल के नवापारा परीवृत के वर्तमान परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू बताते है कि ग्राम क्षेत्र पी. जामगांव का उक्त प्लांटेशन बहुत तेजी से ग्रोथ कर रहा है और शनैः शनैः युवा अवस्था को पहुँच चुका है प्लांटेशन पश्चात छ माह और वर्ष मे बकायदा निंदाई, गुड़ाई, उपचार किया जाता है जो तीन वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक के लिए किया जाता है  इसके लिए पौधों के जड़ पर गाला थाला बना कर डी.ए.वी.पी. या जैविक खाद इत्यादि डालकर् संपूर्ण पौधों का उपचार किया जाता है इस प्रक्रिया के लिए किश्तों मे राशि विभाग द्वारा जारी की जाती है जिसमे द्वितीय निंदाई गुड़ाई, मे आधी राशि शेष उपचार मे पाव हिस्सा राशि वहन विभाग द्वारा आपूर्ति की जाती है इसके अलावा ग्रीष्म  ऋतु मे पानी की व्यवस्था टैंकर, अन्य संसाधनों के माध्यम से किया जाता है जिससे इसकी हरियाली बरकरार बनी रहती है तथा पौधे लगातार सर्वाईव करते हुए स्वस्थयता  बनाए रखे हुए है मैदानी क्षेत्र मे अपना पसीना से सींचने वाले वन कर्मियों की महत्व पूर्ण भूमिका रहती है जिनमे फॉरेस्टर (वनपाल) से लेकर फॉरेस्ट गार्ड की भूमिका महती रहती है



नावापरा परिवृत के फॉरेस्टर  गिरीश रजक ने अल्हादित् होते हुए बताते है कि पी. जामगाँव का यह पलांटेशन आसपास के ग्रामीणों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है इसमें पीछे की मेहनत वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर तत्कालिक परिक्षेत्राधिकारी, फॉरेस्ट गार्ड से लेकर वन चौकीदार तक की मेहनत रहती है तभी तो अधिकारियों के मार्ग दर्शन मे हरियाली पूर्ण वातावरण संपादित हो पाता है तत्कालिक नवापारा  परिवृत् के फॉरेस्टार गिरीश रजक आगे बताते है कि वहाँ आज फलदार, फुलदार, सायादार्, औषधि युक्त पौधों का रोपण किया गया है जिनमे मुख्यतः कटहल,आम, जाम, जामुन, अमरुद्, बेल, बादाम, शहतूत, औषधि युक्त पौधों मे हर्रा,बेहड़ा,अशोका,आँवला महुआ, कुसुम, जोहार, कदम, जैसे अनेक प्रजाति के पौधे युवा अवस्था मे पहुँच कर लहलहा रहे है अब यह क्षेत्र वन सदृश्य नज़र आता है वर्तमान नवापारा परिवृत् के डिप्टी झुमुक् लाल देवांगन् बताते है कि पी. जामगांव की स्थिति बेहतर है और पौधे लगभग पांच फीट से उपर पहुँच चुके है वे बताते है कि ग्रीष्म ऋतु लगते ही  लगातार सिंचाई और पानी की व्यवस्था की जाती है इसके लिए  ग्रीषम ऋतु मे पानी की माकुल व्यवस्था की जाती है


नवापारा परिवृत् के डिप्टी झुमुक् देवांगन् बताते है कि कुछ वर्ष देख रेख सुरक्षा,व्यवस्था की दरकार है जिसे विभागीय कर्मचारी पूरी निष्ठा पूर्वक ईमान दरी से निर्वहन कर रहे है यह क्षेत्र स्वतः किसी वन क्षेत्र से इतर  नज़र आएगा हमारी और से सभी व्यवस्था सुरक्षा देखरेख उपचार मे कोई कमी नही की जा रही है नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू  बताते है कि पी. जामगाँव मुरुमी क्षेत्र के बावजूद भी वहां पलांटेशन करना एक बहुत बड़ी चुनौती थी मगर हमारे मैदानी अमले के कर्मचारियों  ने उसे सार्थक कर दिखाया जिसकी वजह से क्षेत्र मे हरियाली नज़र आ रही है

सोमवार, 2 सितंबर 2024

चट्टानी गौण खनिज संपदा,के बीच हरियली की सौगात

 चट्टानी गौण खनिज संपदा,के बीच हरियली की सौगात






रायपुर छत्तीसगढ़ की रत्न गर्भा धरती में आकृत खजाना जिनमे लौह अयस्क, चूना,मैग्नेशियम,सहित अनेक संपदा का भंडार अटा पड़ा हुआ है यही नही  प्राकृतिक की हरियाली युक्त वन संपदा भी इन क्षेत्रों के वैभवशाली मनोहारी परिदृश्य भी  प्रदेश की पृथक पहचान को स्वर्ग  सा महौल निर्मित कर  संपूर्ण वातावरण को खुशनुमा,रमणीक मनमोहक, आकर्षक  निर्मित करता है जिससे चहुओर एक प्राकृतिक नैसर्गिक  वातावरण निर्मित होता है ऐसे स्थिति निर्मित करने के पीछे वन विभाग और उस से संबंधित अनुषागिक धड़ा छ्ग वन विकास निगम अपने कार्य कर्तव्यों के प्रति सदैव कटिबद्ध रहते है जहां छग वन  एवं जल वायु परिवर्तन विभाग अन्य  राष्ट्रीय,कैंपा मद से राजकीय आर्थिकी मद  संसाधनों और योजनाओं के माध्यम से संरचनाओ से बहुत सी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन करता है जबकि इसके इतर छग राज्य वन विकास निगम ऐसी योजनाएं जिनमें वन ग्राम समितियों के माध्यम से वन क्षेत्रों में तालाब ,सड़क,फायर वॉच वनोपज, संधारण,इत्यादि जैसे सामाजिक रोज़गार मूलक योजनाओं का कभी भी सफल  क्रियान्वयन नही करता और न ही राज्य शासन से छ्ग वन विकास निगम को पृथक बजट अथवा कैम्पा मद से कार्य नहीं करता केवल छग वन विकास निगम  औद्योगिक घरानों के द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से  आईपीडी योजना के तहत रिक्त पड़त भाटा भूमि के चयनित स्थलों शहरी क्षेत्रों में रिक्त भूभाग मे प्लांटेंशन पथ रोपण या शासन से वन क्षेत्रों में प्रदत लीज में प्रदाय भूभाग में हजारों लाखों की संख्या में सागौन और इमारती कष्ठों का सफल रोपण करता  है जिसके पश्चात दस,बीस,तीस,चालीस, पचास परिपक्व सालाना वर्षीय सागौन का थिनिंग, विदोहान कर  वन विकास निगम अपनी कंपनी का सुचारू ढंग से क्रियान्वयन करता है एक प्रकार से यह स्व पोषित संस्था के रूप में कार्य करता है प्रशासनिक विभागीय व्यवस्था के साथ राज्य सरकार को भी लीज के रूप में रोपे गए सागौन की आय से प्रति वर्ष लाभांश राशि भी प्रदान करता है छग राज्य वन विकास निगम केवल इंडस्ट्रियल संस्थानों रेल्वे की भूमि सहित शासकीय विभाग नगर निगम सहित अन्य क्षेत्रों में  (एम ओ यू) के आधार पर अनुबंध कर पड़त भाटा मैदानी भूमि में प्लांटेशन कर हरियाली प्रसार करता है जिसके एवज में इंडस्ट्रेलियल(कंपनी ) आई पी डी योजना के तहत छग राज्य वन विकास निगम को राशि प्राप्त करती है तथा मूल कार्य प्रति वर्ष परिपक्व सागौन थिनिंग,जो फरवरी पश्चात कटाई कर काष्ठागार डिपो के माध्यम संचय कर  नीलामी की जाती है जो मूल स्त्रोत का माध्यम होता है  छ्ग वन विकास निगम के लिए यह रीढ़ की हड्डी मानी जाती है इसे अपना मुख्य आय का श्रोत बनाया हुआ है वन क्षेत्रों के रख रखाव, व्यवस्था, वन विकास निगम करती है वन क्षेत्रों मे सागौन प्लांटेशन कर कम से कम तीन अथवा पांच वर्षों की सतत निगरानी में केज्युवलटी, दवा,खाद,उपचार और  सुरक्षा कर उसकी व्यवस्था की जाती है  तथा काष्ठागार मे वार्षिकी नीलामी निविदा प्रकाशन कर आम उपभोगताओं को प्रदाय कर आर्थिक संसाधन संकलित कर छग राज्य वन विकास निगम का सूचारु रूप से क्रियनवयन किया जाता है



    इसी  परिपेक्षा मे वित्तीय वर्ष 2021व 22 को मोहला मानपुर के छ ग. राज्य मे नए जिला के अस्तित्व मे आते ही आयरन युक्त क्षेत्र मोहला, मानपुर, के भिन्न भिन्न ग्राम क्षेत्रों मे सागौन पौधों का सफल प्लांटेशन ग्राम बोदाल, तारमटोल, हिदद्ड, मे किया गया था इस संदर्भ मे राजनांद गाँव पाना बरस परियोजना मंडल के डीविजनल मैनेजर(डी एफ ओ) होम लाल साहू बताते है कि देववाणवी परिक्षेत्र स्थित बोदाल क्षेत्र मे वित्तीय वर्ष 2021-22 मे  सागौन प्लांटेशन का सफल रोपण 16 हेक्टेयर भूभाग मे किया गया था पानाबरस परि योजना मंडल के डी.एम.  होमलाल साहू का कथन है कि ऊँची पहाड़ी चट्टानी क्षेत्र होने के साथ ही लौह अयस्क मैग्निशायम जैसे गौण खनिज प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है जहाँ की जलवायु, मिट्टी प्रकृति रूप से पेड़ पौधे शीघ्र ग्रोथ  करने मे वर्षों बरस लग जाता है परंतु हमारे निगम अधिकारी  कर्मचारीयों ने चट्टानी खनिज युक्त क्षेत्र मे तीन वर्ष के लगतार  मॉनिटरिंग देखरेख उपचार इत्यादि कर सफल सागौन प्लांटेशन रोपण कर अविश्वसनिय कार्य कर दिखाया जो बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है वही मोहला परिक्षेत्रा अधिकारी जागेश गौड़  सागौन प्लांटेशन के  शत प्रतिशत सफल होने से अल्हादित और काफी हर्षित है मोहला मुख्यालय से बारह किलो मीटर की दूरी स्थित ग्राम बोदाल, ग्राम तारमटोला, ग्राम हिददड, मे दो स्थलों पर सागौन प्लांटेशन ग्राम बोदाल मे क्रमशः 16 हेक्टेयर पौधे जिसकी संख्या 40 हजार टी. पी. वर्ष 2021-22 मे रोपित किया गया जिसकी तीन वर्ष मे ऊंचाई लगभग दस से बारह फिट हो चुकी है वही तारमटोला मे 18 हेकटेयर भूभाग मे 45 हजार पौधे वर्ष 2023 मे रोपित किए गए



 रेन्जर जगेश गौड़ बताते है कि उक्त प्लांटेशन तीन वर्ष के लिए किया गया है प्लांटेशन क्षेत्र मे मौका स्थल पर जाकर जब इसका अवलोकन किया गया तब वहाँ सभी पौधे स्वस्थ्य और सर्वाईव करते दिखे इस संदर्भ मे मोहला परिक्षेत्राधिकरी जागेश गौड़ बताते है कि ग्राम बोदाल जो वित्तीय वर्ष 2021-22 मे रोपण किया गया था तीन वर्ष मार्च माह मे इसकी अवधि समाप्त हो जाएगी उन्होंने बताया कक्ष क्रमाँक 472 मे विगत तीन वर्षों के कार्य आवधि मे इसके उपचार सहित निंदाई, गुडाई, दवा खाद, जो वर्ष मे दो बार दवा खाद उपचार, लगभग 15 ग्राम प्रथम बीटिंग मे किया जाता है इनकी सुरक्षा देख रेख हेतु बकायदा स्थानीय चौकीदार की नियुक्ती की जाती है इसके अलावा सिंगलिका कार्य किया गया जिसमे सागौन पौधे मे दो शाखा या दो कॉपी निकल आए अतिरिक्त शाखा निकाल दिया जाता है  जिससे सागौन पौधे सीधी अवस्था मे ग्रोथ करते है  समीपस्थ ही ग्राम तारमटोला के संदर्भ मे मोहला परिक्षेत्राधिकरी जागेश गौड़ आगे बताते है कि वर्ष 2023 मे क्षेत्र मे सागौन प्लांटेशन 18 हेकाटेयर भू भाग मे 45 हजार सागौन प्रजाति के पौधे रोपण किया गया है यह दो भू भाग पहाड़ी और ढलानी क्षेत्र मे रोपण किया गया है ताकि वर्षा ऋतु के जल से रोपण क्षेत्र को भरपूर पानी प्राप्त हो सके तथा लंबे समय तक नमी बरकरार रहे उन्होंनेआगे बताया द्वितिय वर्ष मे केज्युव्लटी किया गया है सभी पौधे स्वस्थ्य और ग्रोथ कर रहे है चराई की रोकथाम के लिए स्थानीय चौकीदार नियुक्त किया गया है


 छग राज्य वन विकास निगम के पानाबरस परियोजना मंडल के अन्तर्गत मोहला परिक्षेत्राधिकरी जागेश गौड़ आगे बताते है कि बहुत सी वन भूमि क्षेत्र अतिक्रमण की भेंट चढ़ जाती है जिसके रोकथाम के लिए रिक्त भूमि को वन का स्वरूप बनाए रखने और सुरक्षा अति अवश्यक हो गया है इसके लिए वन विकास निगम के वरिष्ठ पी.सी.सी.एफ.तपेश झा ने ऐसे चयनित वन क्षेत्र मे सागौन रोपण कराने की जो पहल की है वह काबिले तारिफ है प्रशंसनीय है आखिर वन विकास निगम के जल जमीन जंगल को चीर स्थाई बचने मे अपनी महती भूमिका का निर्वाहन पूरी ईमानदारी तन्मयता से कर रहा है