रविवार, 22 सितंबर 2024

आरंग नदी तट रोपण से पर्यावरण व्यवस्था मे सुधार

 आरंग नदी तट रोपण से पर्यावरण व्यवस्था मे सुधार 


अलताफ़ हुसैन द्वारा

(छत्तीसगढ़ वनोदय)  छत्तीसगढ़ के प्रमुख नदियों मे से एक महानदी जो किसी भाग्य रेखा के समान खींची हुई जल रेखा से कम नही दिखती है यह जब अनेक स्थलों से होते हुए किसी सर्पिणी के समान घुमाव दार अविरल जल धारा  के रूप में चलती है तब ऐसा प्रतीत होता है कि  प्रदेश की प्रकृति, पर्यावरण,एवं वन्य प्राणियों सहित आम जन  जीवन के लिए उनका भविष्य तय कर रही है आसपास एवं वन क्षेत्रों,की नमी,बनाए रखने मानव और प्रत्येक वन्य प्राणियों जलीय पशु पक्षी, के पेयजल की निजात के अलावा भी यह महानदी प्राकृतिक, सौंदर्यता, पर्यावरण व्यवस्था सहित अनेक  संसाधनों की आपूर्ति प्रदान करते हुए सदाबहार वरदान साबित हुई है अनेक प्रकार के लौह, ताम्र, स्वर्ण कण से मिश्रित महीन गौण खनिज के रेतीली एवं कठोर चट्टानी  क्षेत्र मे वर्षा ऋतु पश्चात  यह कल-कल करती हुई  इठलाते हुए जब किसी असमतलीय उबड़ खाबड़ क्षेत्र से गुजरती है 


तब  धूप के चमकते, दमकते, दैदिप्यमान  ओजस्वी जल धारा किसी नव यौवना के अल्हड़पन के समान  मद मस्त  होकर प्रकृति सरगम के सप्त सुर ताल की अदृश्य नाद संपूर्ण वायु मंडल में अलौकिक उदघृत लय को परिभाषित करते हुए शांत वातावरण मे जैसे प्रेम गीत को गुनगुनाते हुए अपने  गंतव्य की ओर अठखेली करते हुए निकली जा रही हो  तो अनायास अवागमन करते लोगों का मन उस ओर स्वतः आकर्षित कर  नदी के ऊँचे पुल के मुहाने मे खड़े होकर प्रकृति की बेजोड़ कृति को अपलक घंटों निहारते स्वयं की जिज्ञासा को रोक नही पाता ईश्वर की ऐसी बे मिसाल मनोहारी अविस्मरणीय कृति  लाभ  से कोई भी वंचित रहना नही चाहता और आधुनिक मोबाइल मे सेल्फी लेकर उस अविस्मरणीय प्राकृतिक पल को कैद कर लेना चाहता है 


    रायपुर वन वृत अंतर्गत आरंग परिवृत् के महानदी तट पर ऐसा नयनाभिराम दृश्य प्रायः देखने मिल जाता है हरियाली और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से वन विभाग द्वारा आरंग से लगभग  आठ से दस किलोमीटर की दूरी  पर स्थित ग्राम पंचायत अमेठी के आश्रित ग्राम गुदगुदा मे दो अलग अलग भू भागों में क्रमशः 08 हेक्टेयर मे 8800 पौधों तथा दूसरे क्षेत्र में 13 हेक्टेयर भू भाग मे 14 हजार 300 पौधों का वर्ष 2022 मे मिश्रित  प्रजाति का सफल रोपण कर प्लांटेशन  किया गया था जिसमे शिशु नीम, काला सिरसा, पीला बांस, अर्जुन, अकेशिया, बोहार, केजुरीना, पीपल, सहित भिन्न भिन्न प्रजाति के पौधे किए गए जो लगभग आज वर्ष 2024 मे शत प्रतिशत सफल देखा गया है


 इस संदर्भ मे आरंग परिवृत् के डिप्टी प्रभारी संतोष कुमार सामंत राय  से उनके साथ ग्राम पंचायत अमेठी के कथित आश्रित  क्षेत्र  ग्राम गुदगुदा प्लांटेशन पहुँच कर रूबरू प्लांटेशन क्षेत्र का अवलोकान किया गया जहाँ द्वितीय वर्ष मे पौधे आठ से दस फीट ऊँचाई मे ग्रोथ कर रहे थे आरंग डिप्टी प्रभारी  संतोष सामंत राय बताते है कि वन सदृश्य परिलक्षित होने वाला कथित प्लांटेशन का श्रेय रायपुर वृत के वरिष्ठ वन मंडलाधिकारी अधिकारी लोकनाथ पटेल के कुशल निर्देशन मे 


उप वनमंडलाधिकारी विश्व नाथ मुखर्जी के मार्ग दर्शन तथा परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू  के सफल नेतृत्व मे द्वितीय वर्ष का केजयुवल्टी निंदाई गूढाई, उपचार आदि कार्य संपादित किए गए लगातार रोपण क्षेत्र की मॉनिटरिंग स्वयं डिप्टी संतोष सामंत राय एवं उनके मैदानी अमले की टीम पूरी तरह से चाक चौबंद तरीके से कर रही है तथा इसके लिए प्लांटेशन क्षेत्र मे चौकीदारों की नियुक्त किए गए है सुरक्षा की दृष्टि कोण से रोपण क्षेत्र मे चारो और से बारबेट कटिले तारों की फेंसिंग किया गया है ताकि गाय गरुवा मवेशी चराई  से रोपण क्षेत्र की सुरक्षा की जा सके आरंग परिवृत् के डिप्टी प्रभारी संतोष सामंत राय से नदी तट रोपण ही क्यों पूछे जाने पर वे बताते है कि नदी की प्रबल जल प्रवाह की वजह से तट क्षेत्र का लगातार भूस्खलन, क्षरण और मिट्टी का कटाव होते रहता है जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र मे भावी विकट परिस्थिति निर्मित हो सकती है इसके रोकथाम और सुरक्षा के मद्दे नज़र रखते हुए वन जलवायु एवं परिवर्तन विभाग  तट रोपण कार्यों को प्रमुखता से संपादित करता है वही प्राकृतिक रूप से भी वन निर्मित होते रहता है जिससे  नदी का बहाव संतुलित तो रहता ही है साथ ही पेड़ पौधे की वजह से जल के स्त्रोत भी बना रहता है और पर्यावरण संतुलन जलवायु मे वृद्धि बनी रहती है


उन्होंने आगे बताया कि ग्राम गुदगुदा के सरपंच और वहाँ के समस्त ग्रामीणों द्वारा प्लांटेशन क्षेत्र की सुरक्षा और सहयोग करते है आरंग डिप्टी सामंत राय ने आगे बताया कि क्षेत्र के सुप्रसिद्ध समाजसेवी  विनय गुप्ता जो पर्यावरण प्रेमी है ग्रीष्म कालीन मे जल अभाव सूखे एवं जल स्तर कम होने की परिस्थिति मे उनके द्वारा स्वयं की राशि वहन कर टैंकर से सिंचाई व्यवस्था कर सहयोग किया जाता है इसकि वजह यह बताया जाता है कि नदी तट पर रोपण होने की वजह से उसको माकुल सिचाई प्राप्त होती है जबकि अल्प बजट के अभाव मे सिंचाई व्यवस्था तनिक दुरूह हो जाता है तब ऐसे भीषण ग्रीष्म मे नदी नाले पोखर सब सुख जाते है ऐसी परिस्थिति मे विनय गुप्ता जैसे समाज सेवी, एवं ग्रामीणों के सहयोग से प्लांटेशन  के अस्तित्व बचाने विभाग के मैदानी अमला स्वयं को तपा कर देड से दो तीन, माह अपने को झोंक देता है  जिसका परिणाम है कि आरंग तट रोपण क्षेत्र का शत प्रतिशत रिजल्ट सामने आया है


 आरंग परिवृत् डिप्टी संतोष सामंत राय बताते है कि दो भाग मे रोपित ग्राम गुदगुदा का प्लांटेशन को शत प्रतिशत सफल करने मे आरंग परिवृत  के सभी मैदानी अमले का पूर्ण सहयोग मिला है विशेष रूप से (बीएफओ) पंकज वर्मा ने पूरी लगन से द्वितीय वर्ष की निंदाई, गूढाई, संपूर्ण पौधों मे गोल आकार् का गाला थाला,निर्मित कर डी.ए. वी.पी. और जैविक खाद , काली मिट्टी, से उपचार, व्यवस्था, केजयुवल्टी  इत्यादि को बड़ी तन्मयता से संपादित करवाया  जिसकी वजह से असमतलीय ऊँची नीची पहाडी क्षेत्र मे रोपे गए प्लांटेशन  आज वन सदृश्य नज़र आ रहा है 

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