सोमवार, 27 अक्टूबर 2025

भारत माला की हरियाली कोमा खान में बिखरी

 भारत माला की हरियाली कोमा खान में बिखरी

अलताफ़ हुसैन 

रायपुर, (छत्तीसगढ़ वनोदय) महासमुंद वन मंडल मुख्यालय से  लगभग 32 किलोमीटर दूर स्थित बागबाहरा परिक्षेत्र से महज पन्द्रह किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोमाखान परिवृत क्षेत्र में वैसे तो गगन चुंबी पर्वत माला के मध्य छोटी,बड़ी कल-कल  करते नदी,नाले, के प्रवाहित होती जल धाराएं  वर्षों से हरियाली युक्त सघन वन क्षेत्र मे दूरस्थ प्रकृतिक वातावारण  की एकअलग छटा बिखेर रही है जो अनायास आम लोगों का चित आकर्षित करती है जिसकी वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग समुचित देखरेखा व्यवस्था तथा बिगड़े वनों के सुधार हेतु समय समय पर पुनरुत्पादन कर प्राकृतिक वनों का स्वरूप यथावत स्थापित करने कटिबद्धता प्रदर्शित करती है इसी श्रृखला में कोमाखान परिवृत से मात्र चार किलोमीटर के फासले पर  दरबेकेरा वन ग्राम के समीप स्थित कक्ष क्रमंक 469 के रिक्त पड़त भाटा वन भूमि  जिसका क्षेत्रफल 14. 270 हेक्टेयर है जिसमें कुल रोपण क्षेत्रफल 5.534.हेक्टेयर में वर्ष, 2025 जुलाई को 5534 नग भिन्न भिन्न प्रजाति के फलदार, फूलदार, सायादार, औषधि गुण वाले पौधों का सफल रोपण किया गया जो मात्र चार माह की अल्प अवधि में  जबरदस्त ग्रोथ कर रहा  है प्लांटेशन के संदर्भ में बागबाहरा के कर्मयोगी, समर्पित,निष्ठावान,

लगनशील, कर्तव्यपरायण, व्यक्तित्व के धनी परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यहॉं ग्राम दरबेकेरा में किए गए मिश्रित प्रजाति के प्लांटेशन ओरेंज भूमि में कराया गया है यह वन भूमि क्षेत्र है रिक्त पड़त नारंगी भूमि होनें की वजह से अतिक्रमणकरियों की इस क्षेत्र पर बहुत दिनों से नज़र गड़ी हुई थी गत वर्ष कार्य योजना बना कर प्लांटेशन् हेतु विभाग को दिया गया परिणामतः राज्य कैंपा मद से क्षति पूर्ति सिंचित  मिश्रित वृक्षारोपण कार्य संपादित कराया गया जिसके लिए कठोर बंजर भूमि में  वर्षा ऋतु के पूर्व गड्ढे इत्यादि कार्य करवाए गए  उक्त कार्य हेतु आस पास  ग्राम क्षेत्र से श्रमिकों को मंगवाया गया इसकी एक वजह यह भी थी कि दरबेकेरा वन ग्राम की जनसंख्या बहुत कम थी जिसकी वजह से दस बीस किलोमीटर दूर स्थित श्रमिकों को बुलवाया गया इसके अलावा दरबेकेरा में पखडंडी  रूपी सड़क मार्ग उपर से वर्ष ऋतु एवं जलभराव की स्थिति में आवागमन दुर्लभ होना ही था साथ में अन्य रोपण एवं निर्माण सामाग्री लाने ले जाने अत्यंत जर्जर पखडंडी मार्ग में चलना दुरूह अवस्था में  पहुँच जाता था फिर भी परिस्थिकीय अनुसार प्लांटेशन कराना अत्यंत आवश्यक था जिसे प्रकृति आपदा सहित व्यवस्था से लड़ते हुए कार्य संपादित कराया गया  इसके बावजुद हमारे वन सहकर्मियों ने रात दिन एक कर  औरेंज भूमि में कार्य को संपादित किया बागबाहरा परिक्षेत्राधिकारी श्री लोकनाथ ध्रुव आगे बताते है कि प्लांटेशन् कार्य भारत माला सड़क परियोजना के निर्माण अंतर्गत क्षतिपूर्ति प्लांटेशन के रूप में तत्कालीन महासमुंद के डी.एफ.ओ.पंकज राजपूत एवं  वर्तमान महासमुंद वन मंडलाधिकारी  मयंक पांडे के मार्ग दर्शन एवं नेतृत्व में संपादित कराया गया गौर तलब है महासमुंद वन मंडलाधिकारी आई.एफ. एस.श्री मयंक पांडे एक प्रशासनिक अनुभवी, एवं गंभीर अधिकारी के रूप में पहचाने जाते है वे मैदानी कार्यों से किसी प्रकार का समझौता नही करते यही वजह है कि उन्होंने धमतरी वन मंडल सहित अनेक वन मंडल कार्यालयों में अपनी सफल सेवाएं देकर एक पृथक पह्चान निर्मित की है 


जिसकी वजह से आज भी अधिकारी कर्मचारी उन्हे सम्मान के साथ याद करते है उनके यहाँ आने से महासमुंद वन मंडल क्षेत्रों में एक अलग उत्साह देखा जा रहा है स्थानीय अधिकारी कर्मचरियों में नवीन परियोजनाओं पर उल्लेखनीय कार्य किये जाएंगे ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है वही कार्यों की संपूर्ण व्यवस्था एवं मॉनिटरिंग वर्तमान उप वन मंडलाधिकारी गोविंद सिंह साहेब बेहतर जानते है क्योंकि अपने पूर्व सेवा काल में रेंजर सहित अन्य पदों में कार्य करते हुए उन्हे बलौदा बाजार वन मंडल अंतर्गत कसडोल के सोनाखान परिक्षेत्र का  अच्छा लंबा अनुभव  प्राप्त है उनके द्वारा पलांटेशन सहित फेंसिंग, एवं अनेक वन क्षेत्रों में संपन्न कराए गए निर्माण कार्यों की पूर्ण जानकारी है यही वजह है कि महासमुंद वन मण्डल कार्यालय में आते ही संपूर्ण कार्यों का अवलोकन कर वे दिशा निर्देश देते रहते है जिससे कोमाखान दरबेकेरा के कक्ष क्रमांक 469 का कथित प्लांटेशन  बड़ी तेजी से ग्रोथ कर रहा है जिसकी ऊँचाई लगभग चार से दस फीट पहूच गई है  परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव की जीवट कार्य शैली की बात की जाएं तो वे कार्यों के प्रति काफी संवेदनशील रहे है वे कार्यों के प्रति समर्पित सेवा भाव से सौंपे गए विभागीय दायित्वों का जब तक निर्वहन नही कर लेते  तब तक उन्हे संतुष्टि नही मिलती उनके संदर्भ में यह भी बताया जाता है कि कार्य अवधि समाप्त होने के बावजूद वे अपने सहयोगी (स्टाफ) वन कर्मियों के साथ बैठ कर समस्त कार्यों का निष्पादन  पूर्ण करा कर ही दम लेते है इसके लिए भले रात्रि दस बजे या बारह क्यों न बज जाए उनकी कार्य करने की क्षमता, जुझारूपान उनके विभागीय कार्य शैली को अलहदा बनाता है 


दरबेकेरा पलांटेशन का पुरा श्रेय वे अपने सहयोगी वन कर्मी कोमाखान  डिप्टी रेंजर दुलार सिन्हा जी एवं फॉरेस्ट बीट गार्ड खेमराज साहू एवं समस्त वन सहकर्मी सहयोगीयों को  देते है उनका कथन है कि मै तो केवल जाकर मॉनिटरिंग कर रहा था परंतु सही मायनों में ये जमीनी योद्धा है जो रात दिन एक कर श्रमिकों से कार्य संपादित करवाते है जमीन व्यवस्था से लेकर पौधा रोपण, तक कार्य धूप, गर्मी, वर्षा मे संपन्न कराते है इस संदर्भ में जब कोमखान स्थित डिप्टी साहेब दुलार सिन्हा जी से चर्चा की गई तो उन्होंने प्लांटेशन क्षेत्र में ले जाकर अवलोकन कराया जहाँ आज की तिथि में पौधे लगातार ग्रोथ कर रहे है उन्होंने बताया कि  वन्य प्राणियों एवं पालतू मवेशी चराई रोकने के लिए प्लांटेशन को चारो ओर से मजबूत मोटे तारों से घेरा बंदी की गई है ताकि प्लांटेशन  शत प्रतिशत सुरक्षित, एवं ग्रोथ करता रहे  सिंचित प्लांटेशन के संदर्भ में डिप्टी कोमाखान दुलार सिंह सिन्हा बताते है कि इसके लिए पाइप इत्यादि बिछाए गए है क्योंकि वर्तमान में  वर्षा ऋतु चल रहा है उसके पश्चात,शीत ऋतु में भी सिंचाई की आवश्यकता लगभग होती है फरवरी मार्च आगामी सत्र से ही सिंचाई प्रारंभ होगा इसके लिए बहुत से चयनित स्थान पर बोर खनन कराए गए है जिनमें पंप, वाल्व, पाइप इत्यादि से स्प्रिंकलर से  सिंचाई का उपयोग किया जाएगा यह विधि अमुमन आवासीय, औद्योगिक और कृषि कार्यों के लिए किया  जाता है जो प्लांटेशन क्षेत्र के लिए बहुत लाभकारी एवं कारगर साबित होगा डिप्टी दुलार सिन्हा आगे बताते है कि दरबेकेरा के 14270 वन भूमि क्षेत्र में लगभग साढ़े पांच हजार मिश्रित प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है जिनमे मुख्यतः सागौन दो हजार पौधे, नीम एक हजार, बेल, सात सौ, आँवला पंद्रह सौ, महुआ सात सौ, जामुन दो सौ, शिशु एक सौ चौबीस, करंज एक सौ पचास नग शामिल किए गए है जो चार माह में तेजी से बढ़त बनाए हुए है फलदार फूल दार औषधि युक्त पौधों की प्रचुरता के संदर्भ में पूछे जाने पर कोमाखान  फॉरेस्ट के युवा साहसी बीट गार्ड खेमराज साहू बताते है कि क्षेत्र में भालू की मात्रा लगभग पंद्रह से आधिक होने के कारण वे खाद्य वस्तुएँ प्राप्ति हेतु यत्र तत्र भटकते है फलदार, फुलदार,पौधों के रोपण से उन्हे भविष्य में खाद्य वस्तुएँ फल फूल बड़ी सहजता से प्राप्त होगा

वही जोंक नदी की सहायक कांदाजड़ी नाला के वन क्षेत्र से प्रवाहित होते पानी भी उन्हे बड़ी सुलभता से प्राप्त होगा जिसकी वजह से वे ग्रामीण क्षेत्र की ओर पलायन भी नही करेंगे उन्होंने आगे बताया कि दरबेकेरा वन ग्राम प्रबन्ध समिति द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जाती है वही प्लांटेशन क्षेत्र में चौकीदार नियुक्त किया गया है ताकि सुरक्षा बनी रहे बीट गार्ड खेमराज साहू ने बताया 


कि प्लांटेशन क्षेत्र में प्रारंभिक् स्तर पर गाला थाला निर्माण कर डी. ए. पी. दवा खाद,यूरिया, से उपचार किया जा चुका है वहीं केज्युवल्टी निंदाई गुड़ाई भी किया गया है अब वहाँ प्लांटेशनन क्षेत्र में प्रतिदिन सुरक्षा देखरेख की जा रही है उल्लेखनीय है कि यह प्लांटेशन कार्य भारत माला सड़क निर्माण परियोजना के तहत मार्ग मे अवरोधित  क्षतिग्रस्त पेड़ पौधों की क्षति पूर्ति के रूप में कैंपा मद से वर्ष 2024-2025- से लेकर वर्ष 2033-2034 तक आठ से दस वर्षों के लिए समान्य वन मंडल महासमुंद  अंतर्गत बागबाहरा परिक्षेत्र के कोमाखान परिवृत क्षेत्र मे प्लांटेशन का रोपण किया गया है जो राष्ट्रीय राज मार्ग भारत माला सड़क उन्नयन योजना के साथ वन विभाग से अनुबंध कर कैंपा मद से क्षति पूर्ति राशि प्रदान कर रिक्त वन भूमि में रोपण कार्य संपादित कर  वनों के स्वरूप को सुधार किया जा रहा है जो आने वाले आठ दस वर्षों पश्चात कोमाखान का उक्त क्षेत्र हरियाली के मामले मे एक  अलग ही छटा बिखेरेगी  जिससे वन का रकबा भी बढ़ेगा. 

सोमवार, 13 अक्टूबर 2025

किशोर द के सुपर हिट प्रेम विरह, तकरार, रुमानी, गीतों को सुन कर श्रोता भी कह उठे...गाता रहे मेरा दिल

 किशोर द के सुपर हिट प्रेम विरह, तकरार, रुमानी, गीतों को सुन कर श्रोता भी कह उठे...गाता रहे मेरा दिल



  अलताफ़ हुसैन 

  समीक्षक/ विश्लेषण

एक रास्ता है जिंदगी,,,सांसों मे गर्मी है ,,कल की हंसी मुलाकात के लिए,,,,, और खातून की खिदमत मे सलाम अपुन का... अरे दिवानों मुझे पहचानो,,,,मै हूँ डॉन ,,,जैसे सदाबहार गीतों के गुल दस्तों के साथ रविवार 12 अक्टुबर की शाम छ बजे से मायाराम सुरजन हॉल गुलज़ार हुआ जिसमे किशोर कुमार की पुण्य तिथि पर विशेष रूप से ...गाता रहे मेरा दिल...म्युजिकल् ग्रुप ने उनके द्वारा गाए सदा बहार नग़्मों की प्रस्तुति देकर उन्हे श्रद्धा सुमन अर्पित किया रायपुर सहित बाहर से पधारे स्थानीय कलाकारों ने अपनी बेहतरीन  आवाज़ और अंदाज़ के साथ एक शनदार प्रस्तुति दिया  जिसमे एक से बढ़कर एक आवाज़ के जादूगरो ने ऐसा गीतो का समां बांधा की खचाखच भरे हॉल किशोर मय हो गया तथा प्रत्येक  गीतो पर श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट की आवाज़ से गायक कलाकर दुगने उत्साह के साथ अपने परफॉरमेंस देते गए पचास गीतों के इस फेहरिस्त से लबरेज़ गुलदस्ते में श्रोता  अपनी सीट से टस से मस नही हुए मुंबई से पधारे राजेश पटेल यहाँ आकर माहौल को ऐसा खुशनुमा निर्मित कर दिया कि उनके प्रत्येक गीत पर श्रोताओं ने दिल खोल कर स्वागत किया इसके बाद लगातार...आँखों मे काजल है,,, लावरिस का गीत,,अपनी तो जैसे तैसे जनाबे आली,,,,अब चाहे मां रूठे या बाबा मैंने,,,,, तुमसे बड़ कर दुनिया में,,,,जैसे गीतों का यह कारवां धीरे धीरे बढ़ता चला गया इस दरमियान लगभग बारह गीतों की विशेष प्रस्तुति गाता रहे मेरा दिल के डायरेक्टर नवाब कादिर ने प्रत्येक प्रस्तुत  गीतो में ऐसा ऊर्जा का संचार भर दिया कि सभी प्रस्तोता गायक दोगुना उत्साह से अपनी प्रस्तुति देने लगे...गाता रहे मेरा दिल के डायरेक्टर नवाब कादिर का गीतों का चयन इतना लाजवाब होता है कि वे लीक से हट कर कुछ नया परफॉर्मेंस देनें का प्रयास करते है यही नही डेढ़ से दो माह तक सभी गायकों से भरपूर अभ्यास करवाते है एवं स्वयं गीतों का रिहर्सल भी करते है तभी तो अपने गीतों में जीवन जीने की अद्भुत विशेषता झलकती है ठंडे या सुस्त वातावरण प्रोग्राम में अपनी अद्भुत गायन शैली एवं अंदाज़ से प्रस्तुति दे कर धूमधाम, ताबड़तोड़, खुशनुमा माहौल निर्मित कर देते है उनके इसी गीत संगीत प्रेम की वजह से उनके स्वस्थ मन और काया को ऊर्जावित करती है उन्हे ही नही बल्कि श्रोता गण  भी तीन से चार घंटे के लिए दुनिया के समस्त झंझावत से किनारा करके गीत संगीत में ऐसे तल्लीन हो जाते है जैसे दुनिया मे अन्य कार्य की कोई आवश्यकता ही नही रह गई हो इसलिए सब की संतुष्ट देनें के पुण्य कार्यो के लिए वे पूरी गीत संगीत के तप की साधना कर अपने प्रतिभागी चयनित गायक और गीत की प्रस्तुति मंच पर दिलवाते है यही वजह है कि....गाता रहे मेरा दिल... कार्यक्रम का श्रोता बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करते  है इस बार के कार्यक्रम में उन्होंने सहयोगी गायकों से प्रेम, विरह, तकरार, रूमान, फास्ट सॉन्ग सहित सोलो गीतों को क्रमशः प्रस्तुत करवाया लगभग चार  घंटे अवधि  वाले कार्यक्रम में कोई भी ऐसा श्रोता नही था जिसने उठ कर घर जाने का विचार किया हो वे  सीट में जड़वत हो कर सभी गीत को मंत्र मुग्ध हो कर आनंद उठाते रहे वहीं...गाता रहे मेरा दिल...के संरक्षक तिलक पटेल की आवाज़ और सुर में बहुत अधिक सुधार आ चुका है  या ये कह लें कि प्रस्तुत गीतों के पीछे उन्होंने कसरत से मेहनत किया और प्रत्येक शब्दों को रटने का भरपूर प्रयास किया फिर भी उर्दू शब्द में उनकी कुछ कमी नज़र आती है  वरिष्ठ गायिकाओं में अनुभा जी एवं पूजा मैडम को बेहतर परफॉर्मेंस देने के लिए उन्हे स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया वही निलिमा मैडम एवं उर्मिला मैडम ने अपनी सुमधुर  सुरीले गीतों से ऐसा ताल मेल बिठाया जिसे सुनकर श्रोता झूमने लग गए  गायको में विश्वजीत जी एवं विनोद देवांगन की आवाज़ में संजीदगी के साथ ऐसा अल्हड़ पन था कि हर गीत पर श्रोता वाह वाह कह उठे   शहज़ाद खान ने सोलो एवं फास्ट गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को झूमने विवश कर दिया वही विशन पटेल अख्तर शरीफ ने अपनी आवाज से न्याय किया और वे पूरी मेहनत कर श्रोताओं की  अपेक्षा में खरे उतरने मे कामयाब रहे 

     गाता रहे मेरा दिल म्युजिकल् ग्रुप की इस  किशोर द की पुण्य तिथि पर विशेष पेशकश का आयोजन किया जाना वाकई में बेहद सुखद एवं अविस्मरणीय पल रहा जो  कार्यक्रम के सफल होने की ओर इंगित करता है  इसकी खास वजह यह भी है कि एक ही ढर्रे पर केंद्रित गीतों की प्रस्तुति श्रोताओं में उबाऊपन ला देता है इस वजह से चयन कर्ताओं ने उन गीतों का ही चयन किया जो श्रोताओं की अपेक्षा में नयापन ला सके जबकि अमूमन देखा यही जाता है कि गीत संगीत के कार्यक्रम में उन्ही गीतों को समाहित किया जाता है जो लोगो की जुबान में रचे बसे हो जिसकी वजह से सुर ताल आवाज़ की निरसता श्रोताओं को बोझिल बना देती है तथा श्रोता भी औपचारिकता निभा कर कार्यक्रम की इति श्री मान लेते है परंतु...गाता रहे मेरा दिल...के डायरेक्टर नवाब कादिर गीत संगीत के मामले में कोई समझौता नही करते वे प्रस्तुत गीतों की जम कर कलाकारों से रियाज़ तो करवाते ही है उसके साथ ही संगीत ट्रैक पर भी पैनी नज़र रखते है यही कारण इस दफा स्पेशल ट्रैक बनवाये ताकि श्रोता और गायक दोनों सुन कर झूम जाए और इस प्रयोग पर वे कहीं हद तक सफल भी हुए इसका उदाहरण यह है कि जितने भी श्रोताओं ने उक्त कार्यक्रम को सुना देख उसकी भूरि भूरि प्रशंसा किये बगैर नही थक रहे है .जो उनकी सफलता का माप दंड माना जा सकता है जिसके लिए वे इस का श्रेय अपने म्युजिकल् ग्रुप....गाता रहे मेरा दिल...की पूरी टीम को देते है.सबसे बड़ी बात यह है कि पचास गानों कि लंबी फेहरिस्त को अंजाम तक पहुँचने मे मंच के खेवैया, सेतु साहू का विशेष योगदान रहा जिन्होंने एक या दो सारगर्भित् शेरों शायरी बोलकर सीधे गायकों को मंच पर आमंत्रित करते गए जो समय से आधे घंटे पूर्व तक कार्यक्रम समापन की ओर पहुँच गया था.. 

गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

बिहार चुनाव सब के लिए चुनौती बड़ी

 

              बिहार चुनाव  सब के लिए चुनौती बड़ी



अर्जुन तिवारी

 रायपुर (मिशन पॉलिटिक्स न्यूज़) बिहार चुनाव में इस बार सीट शेयरिंग में सभी मुख्य राजनीतिक पार्टियों का पसीना छूटने लगा है एक ओर भाजपा इस बार भी नीतीश कुमार के चेहरे को सामने रख कर चुनाव पिच में कूदने की घोषणा कर चुके है वही दूसरी ओर संगठन में शामिल चिराग पासवान को मनाने में खूब पसीना बहाने मजबूर दिखाई दे रहा है चिराग पासवान की पहले 4 से 5 सीट देकर लाली पाप थमाने वाले भाजपा को इस समय अपने पार्टी को अधिक से अधिक टिकट मांग रखकर सबको चौका दिया है पिछले चुनाव में पासवान की पार्टी जितने भी सीट मिले थे उसमें सभी सीटों में जीत कर आया था उसी के चलते पासवान अधिक सीट की मांग कर रहे है ताकि पार्टी में बिहार के लिए सर्वाधिक दबाव बना सके वहीं दूसरी ओर कल की टी वी डीवीडी में बीजेपी प्रवक्ता नीतीश कुमार ही संगठन में अगले मुख्य मंत्री होने की बात करके सबको चौका दिया है जबकि केंद्रीय स्तर पर ऐसा सर्वाधिक घोषणा अभी नहीं किया गया है वही हाल कांग्रेस पार्टी की है लालू के लाल तेजस्वी यादव न अपने आपको बिहार के अगले मुख्य मंत्री खुद को घोषणा करके कांग्रेस पार्टी को बेकपुट में लाकर खड़ा कर दिया है जब की कांग्रेस पार्टी जीत के आधार पर मुख्य मंत्री बनाए जाने की बात करते आ रहे है मजेदार बात ये भी है कि इस बार के बिहार चुनाव में लालू पुत्र अलग अलग चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है तेजप्रताप के द्वारा अलग पार्टी बना लेने के बाद तेजस्वी यादव को पसीना पहने में कोई कसर नहीं छोड़ा है अब देखना ये है कि इस बार की बिहार चुनाव में किसका पताका फहराता है और कौन मुख्य मंत्री के आसान में बिराजमान होते है भाजपा इस बार महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए दस दस हजार अपनी रोजगार शुरू करने के लिए रकम देकर चाणक्य नीति खेल जरूर खेल है पर विजय श्री मिल जाए ये कहना परिस्थिति को देखते  हुए कठिन ही लगता है वही बिहार चुनाव घोषणा होते ही राहुल गांधी का बाहर रहना किसी के गले नहीं उतर रहा है

रविवार, 5 अक्टूबर 2025

स्व. श्री मांगे राम शर्मा की पुण्यतिथि पर "निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा शिविर" का आयोजन



स्व. श्री मांगे राम शर्मा की पुण्यतिथि पर "निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा शिविर" का आयोजन  



रायपुर, आज रविवार दिनांक 5 अक्टूबर, 2025 को प्रांतीय कार्यालय, प्रोफेसर कालोनी, रायपुर में वर्ल्ड ब्राह्मण फ़ेडरेशन एवं सर्व युवा ब्राह्मण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द ओझा और महिला अध्यक्ष नमिता शर्मा की अध्यक्षता में प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी जिसमें सर्वसम्मति से वर्ल्ड ब्राह्मण फ़ेडरेशन के संस्थापक एवं पूर्व चेयरमैन स्व. श्री मांगे राम शर्मा जी की पुण्यतिथि पर "निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा शिविर" का आयोजन 6 अक्टूबर, 2025 को एस.के. केयर हास्पिटल, पचपेड़ी नाका, रायपुर में  प्रातः 9 से 3 बजे तक एवं 12 अक्टूबर, 2025 को छत्रपति शिवाजी उ.मा. विद्यालय, प्रोफेसर कालोनी, रायपुर में प्रातः 9 से 12 बजे तक "निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा शिविर" आयोजित करने का निर्णय किया गया. इस शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा परामर्श एवं ब्लडप्रेशर, शुगर, हिमोग्लोबिन, फैटी लिवर आदि की जांच निशुल्क की जाएगी. चिकित्सा जांच एस.के. केयर हास्पिटल के सहयोग से संपन्न की जाएगी.

इस बैठक में प्रमुख रूप प्रदेश महासचिव डाॅ सुनील ओझा, प्रदेश सलाहकार द्वय रज्जन अग्निहोत्री, त्रिभुवन तिवारी, संभागीय अध्यक्ष नितिन झा, महिला महासचिव सुमन मिश्रा, उपाध्यक्ष बबीता मिश्रा, प्रदेश सचिव द्वय वीणा मिश्रा, रामब्रत तिवारी, सांस्कृतिक प्रभारी प्रीति मिश्रा, मीडिया प्रभारी सुमन पाण्डेय, संभीगीय सह सचिव उमेश शर्मा आदि पदाधिकारी उपस्थित थे. बैठक का संचालन नमिता शर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन रज्जन अग्निहोत्री ने किया.


गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025

जंगल का शेर सफारी में बीमार और भी वन्य प्राणियों की हो चुकी मौत

 जंगल का शेर सफारी में बीमार और भी वन्य प्राणियों की हो चुकी मौत


अलताफ़ हुसैन

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) छ्ग प्रदेश के नवा रायपुर मे मानव निर्मित जंगल सफारी वैसे तो पूरे भारत देश, सहित विदेश में  काफी लोकप्रिय हो चुका है लगातार विलुप्त होते वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन कार्य हेतु छ्ग वन विभाग रात दिन जुटा रहता है इश्वरी संरचना की बे मिसाल सजीव तस्वीर से रूबरू होने इनके दर्शन मात्र हेतु जन मानस विशेष रूप से यहाँ पहुँचते है तथा भिन्न भिन्न जीव जंतु वन्य प्राणियों की छ सौ प्रजाति से साक्षात्कर होकर ईश्वरी संरचना की भूरि भूरि प्रशंसा व्यक्त करते है परंतु जब से वन्य प्राणियों का  संपर्क मानव से लगातार होने लगा तब से इनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ने लग गया है  वन क्षेत्रों मे मुक्त एवं स्वच्छ वातावरण में रहने वाले वन्य प्राणियों की स्थिति बड़ी दयनीय अवस्था में पहुँचते जा रही है इनके दाना पानी जो नैसर्गिक हुआ करती थी अब वह रसायनिक,हाई ब्रिड के रुप में परिवर्तित हो चुका है प्राकृतिक रूप से मिलने वाले फल,फूल बीज, माँस सब वहीं से प्राप्त हो जाता था परंतु  जंगल सफारी एवं अन्य मानव निर्मित क्षेत्र में वन कर्मचारी उनके स्वस्थ्य की चिंता करते हुए एंटीबायटिक दवाओं एवं अन्य वस्तुओं का मिश्रण कर उन्हे धीमा जहर दे रहे है जिसकी वजह से अनेक वन्य प्राणी असमय काल के गाल में समा चुके है इसका जीता जागता उदाहरण नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी में देखने मिल रहा है जहां  बंगाल टाईगर विगम कुछ दिनों से गंभीर रूप से अस्वस्थ है तथा उसकी इह लीला कभी भी समाप्त हो सकती है ऐसा बताया जाता हौ



      जंगल सफारी जू के अति विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि बंगाल टायगर जो सफारी का प्रमुख आकर्षण का केंद्र बिंदु है विगत कुछ दिनों से बुरी तरह से अस्वस्थ चल रहा है प्रत्यक्षदर्शीयों का कथन है कि उसने कुछ दिनों से खाना पीना सब छोड़ चुका है उसे ग्लुकोज  ड्रीप्  लगा कर  उसे क्वारनटाईन मे रख कर उसे बचाने की जद्दोजहद की जा रही है तथा वह अचेतन, मरणासन्न स्थिति में पड़ा हुआ है लगातार डॉक्टर उसका इलाज कर रहे है परंतु  स्थानीय कर्मियों का कथन है कि वह कभी भी दम तोड़ सकता है जबकि यह भी ज्ञात हुआ है की  वन्य प्राणियों के खान पान में भारी लापरवाही बरती जाती है किस समय कौन से हिंसक प्राणियों को कौन सा माँस दिया जान है कोई ध्यान नही दिया जाता सफारी में दो  डॉ रहने के बाट उनके द्वारा सप्ताह या महीने में कोई परीक्षण नही किया जाता  इसका खामियाज़ा यह हुआ कि  शेर के ईलाज हेतु  गुजरात के जाम नगर स्थित अंबानी के वनतारा सफारी मे भेजा गया है  ईश्वर की कृपा रही तो वह भविष्य में  व्यधि। ग्रस्त  शेर के दर्शन स्थानीय जंगल सफारी में होंगे  नहीं तो फिर नया शेर आयातित   कर उसकी भरपाई करने योजना बनाई जाएगी   यही वजह है कि वर्ष भर पूर्व में  शेर के शावक सहित अन्य वन्य प्राणियो की मौत हो चुकी है  ज्ञात तो यह भी हुआ है कुछ दिन पूर्व एक काला हिरण की मौत होना  भी बताया गया जिसे जग जाहिर नही किया गया इस संदर्भ में सच्चाई ज्ञात करने जब जंगल सफारी के एस डी ओ शिव डहरिया से पूछा गया तो उन्होंने  किसी भी काला हिरण की मौत न होने की बात कही पश्चात   उन्होंने  किसी भी वन्य प्राणी की मृत्यु होना स्वभाविक,प्रकृति के अनुकूल होने की बात भी कही जबकि करोड़ों का राजस्व देने वाले वन्य प्राणियों को कारावास की स्थिति में पहुंचाने वाले मानव समाज ही है एवं उनकी सेवा सुश्रुषा करने का बीडा वन कर्मियों की ही बनती है फिर उनके खान पान से लेकर वन्य प्राणियों के स्वस्थ्य की चिंता कैसे नही होनी चाहिए परंतु यहाँ ठीक विपरीत स्थिति चल रहा है  ..यहाँ वन्य प्राणियों को चारा नसीब नही...एवं वन्य कर्मी मटन और मछली खा रहे है....ये वही खुराक है जिसे वन्य प्राणियों को परोसा जाता है प्रति वर्ष निकाली गई निविदा के मुताबिक वन्य प्राणियों को दी जाने वाली मटन की मात्रा कम दी जाती है वही  विजय पाटिल डिप्टी द्वारा यहाँ हर चार दिन में मछली मारा जाता है बताते चले की कुछ वर्ष पूर्व शेर के शावक को मछली खिला  दिया गया था जिसकी गले मे कांटा  फंसने  की वजह से बाद  में उसकी मृत्यु भी हो गई थी वही उद बिलाव घड़ियाल, मगर इत्यादि  के लिए मछली मंगवाई जाती है  लेकिन  निविदा कारों से  न लेकर  किस व्यवस्था के तहत  मछली स्थानीय  खंडवा जलाशय से निकाल कर लाखों का खेल कर लिया जाता है विश्वस्त सूत्र यह भी बताते है कि  यदि मछली का टेंडर कुछ लोग से किया गया  तो उन्हे स्थानीय  मछली मारने  का भुगतान किस मद से किया जाता है?  वही जंगल सफारी क्षेत्र में स्थित खंडवा जलाशय से मछली निकालने का फरमान डी एफ ओ द्वारा जारी किया गया वही सी सी एफ वन्य प्राणी के आफिस से मिले सूचना के अधिकार पत्र के अनुसार मछली मारने जैसा   कोई लेटर जारी नही किया गया इस प्रकार के अलग अलग विरोधाभासी पत्र प्राप्त होने  से  यह ज्ञात होता है कि वास्तविकता पर पर्दा डाल कर गड़बड़ी  कर भ्रष्टाचार  का नया इतिहास रचा जा रहा है  इस संदर्भ में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत। किसी भी प्रतिबंधित क्षेत्र, जैसे कि जू या सफारी, में मछली पकड़ना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के उल्लंघन के तहत एक दंडनीय अपराध है। यह गतिविधि जलीय,एवं वन्यजीवों के प्रजनन और उनके आवास को बाधित कर सकती है, और ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।  इन क्षेत्रों में मछली पकड़ने की अनुमति आमतौर पर विभाग को भी नहीं होती है, और ऐसा करने पर कार्रवाई की जा सकती है। 


 उल्लेखनीय है कि जंगल सफारी के सर्वाधिक चर्चित वन कर्मी कन्नौजे का आता है जिनके द्वारा वन प्राणियों के रसद आबंटन की महती जिम्मेदारी है परंतु वे उस पर भी कांटा मार देते है इनके संदर्भ में यह भी बताया जाता है कि गरियाबंद  डिविजन के धवल पूर रेंज के कक्ष क्रमांक 85*  में बहुत से भ्रष्ट कार्यों को अंजाम दिया था जहाँ प्लांटेशन न करते हुए पूरी की पूरी राशि हजम कर दिया गया जिसकी चर्चा आज भी चटकारे लेकर बताई जाती है वही एक अन्य सफारी वन कर्मी तो  बकायदा मछली जो टनों से निकाली गई थी जंगल सफारी के  वन  चौकीदार  चंद्रिका  सिन्हा के  सहयोग से पिछले  रास्ते निकाल कर किसे कब और कहाँ दी गई यह अब भी अबूझ पहेली बनी हुई है  इसकी संपूर्ण जांच की आवश्यकता है यही नही  श्रमिकों के भुगतान,निर्माण एवं अन्य मदों के बिल बाउचर की राशि में गड़बड़ी निकलेगी वह भी जांच का विषय है क्योंकि अब तो सीधे ऑन लाइन कार्य संपादित किया जाता है जिसमें ओवर राईटिंग करने का कोई खेल नही  कर सकता अब सारा खेल ठेकेदार उनसे लेकर भुगतान किये जाने वाले श्रमिकों के आधार कार्ड का सुक्षमता से निरीक्षण से सारा सच सामने आ जाएगा यही नही ठेकेदारों, एवं समिति, एन.जी.ओ.द्वारा संपादित कार्यों की समीक्षा भी मुख्य जांच का विषय है यदि ऐसा किया जाता है तो एक बहुत बड़े फर्जीवाड़ा होने का खुलासा होने की संभावना बताई जाती है