गुरुवार, 6 मई 2021

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दीपक दुबे के परिवार पर कोरोना का कहर

 वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दीपक दुबे के परिवार पर कोरोना का कहर



सतत 50 वर्षों से कांग्रेस को समर्पित श्री दीपक दुबे (पंडरी, रायपुर) पर कोरोना मानों कहर बन कर टूटा है। बीते माह भर में दुबे परिवार के छः सात लोगों को कोरोना संक्रमण ने अपनी चपेट में लिया। यहीं रायपुर में ही निवासरत छोटे दामाद इंजीनियर लीलाधर शुक्ल, साले उमाशंकर दुबे और उनसे छोटे रवि शंकर दुबे की क्रूर कोरोना ने इसी हफ्ते इहलीला समाप्त कर दी। दीपक दुबे की तीनों बेटियों को कोरोना संक्रमण ने अपनी गिरफ्त में लिया। सघन और सतत उपचार के बाद बेटियों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ तो उनके एक भतीजे (छोटे साले के बेटे) को संक्रमण से बचाने में लगे रहे दुबे जी। बहत्तर (72) वर्ष की आयु में भी अपनी धर्मपत्नी श्रीमती आशा दुबे और बहु श्रेया दुबे, बेटे आकाश दुबे के साथ सबकी देखभाल में लगे दीपक दुबे के हौसले-हिम्मत और धीरज ने एक छत और एक छत्रछाया के नीचे सबको सम्हालने का प्रयास किया। उन्होंने अपने तीन नहीं बल्कि चार प्रियजनों को खो दिया। कुछ ही दिनों पहले श्री दुबे ने अपने चाचा कृष्ण कांत दुबे (संचालक-सुख सागर) को खो दिया था। 

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं में, संगठन के अग्रणी नेताओं में जिनकी गिनती होती है, वह दीपक दुबे जिन्होंने हर समय कांग्रेस में सेवारत रहना ही अपने जीवन का ध्येय माना, आज मानों टूटने से लगे हैं। 

यहां हम सभी को यह जानना जरूरी हो जाता है कि श्री दीपक दुबे कौन हैं? श्री दुबे पंडित श्यामा चरण शुक्ल के निकटतम लोगों में से एक माने जाते हैं। अपने आखिरी दिनों में पंडित श्यामा चरण जी शुक्ल ने रायपुर के एक निजी अस्पताल में उनसे मिलने आए कांग्रेस के शीर्ष नेता मोतीलाल वोरा के हाथों में दीपक दुबे का हाथ थमाते हुए कहा था कि  इनका ध्यान रखना। इन्होंने कांग्रेस को अपने जीवन का स्वर्णिम समय दिया है, हम इन्हें कुछ भी नहीं दे पाए।  1972 में बिलासपुर पहुंच वहां तीन महीने रुक कर श्री श्रीधर मिश्र (चतुरू बाबू) पूर्व केबिनेट मंत्री मध्यप्रदेश शासन का चुनाव सम्हाला, 1994 में तरुण चटर्जी जैसे दिग्गज और कद्दावर नेता को उन्हीं के वार्ड में पार्षद का चुनाव हरवाया था। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से प्रदेश कांग्रेस कमेटी में लगातार महामंत्री, उपाध्यक्ष जैसे जिम्मेदारी के पद पर कार्यरत रहते हुए, मोतीलाल वोरा,चरण दास महंत, नंद कुमार पटेल, भूपेश बघेल सभी के अध्यक्षीय कार्यकाल में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की। कांग्रेस को सत्तारूढ़ करने वाली चुनावी टीम के सदस्य भी रहे हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में श्री दीपक दुबे के लिए उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी यदि आज एक संबल बन कर साथ खड़ी दिखती, तो यह उनके टूटते हौसलौं को सहारा होता।

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