जेल में निरुद्ध मुस्लिम कैदियों की कोरोना काल की वजह से रोजे फीके,,अब तक कोई संस्था ने नही लिया सुध,
रायपुर रमज़ान के रोज़े का जुमातुल विदा हो गया यानी रोज़े अब अपने अंतिम सप्ताह के अंतिम पायदान में है वहीं कुछ मुस्लिम भाई बहन ईद त्योहार की छुटपुट तैयारी भी प्रारंभ कर दिए होंगें लेकिन राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेलों में निरुद्ध विचाराधीन कैदियों को इस पवित्र माह रमज़ान में कोई सुध लेने वाला नही आया प्रायः देखा तो यह जाता रहा है कि सरकारी आयोग, निगम मंडल,बोर्ड, संस्था द्वारा पूर्व से ही जेल विभाग के उच्च अधिकारी को पत्र लिख कर निर्देशित किया जाता था कि मुस्लिम बंदियों के रोजदारी अफ्तारी का व्यवस्था किया जाए परन्तु कोरोना काल के भीषण महामारी मे सरकारी निगम मंडल आयोग ने पत्र लिख कर व्यवस्था करना भी मुनासिब नही समझा जेल सूत्रों से ज्ञात यह हुआ है कि मुस्लिम रोजदार कैदियों को सुबह मिलने वाला भोजन को शाम की अफ्तारी बना कर रोजे खोले जा रहे है और रात के भोजन को ही सेहरी के लिए उठा कर रख दिया जा रहा है इसमें जेल प्रशासन का कोई दोष नही वह तो अपने नियम अनुसार कार्य कर रही है परंतु राज्य सरकार से संबंधित निगम आयोग बोर्ड जैसी कई अल्पसंख्यक विभाग से संबंधित संस्थाए कार्य कर रही है परंतु एक भी ऐसी निगम मंडल,आयोग संस्थाओं ने जेल विभाग को एक पत्र लिख कर रोजदारों के रोजे व्यवस्था हेतु दिशा निर्देश पत्र जारी नही किया हालांकि इसकी वजह कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भी मानी जा रही है बावजूद गत वर्ष अल्पसंख्यक आयोग द्वारा कम से कम जेल प्रशासन को पत्र लिख कर जेल में निरुद्ध विचाराधीन कैदियों के रोजे की समुचित व्यवस्था के लिए पत्र लिखा था वही कुछ समाजिक संस्थाओं द्वारा भी जेल में रोजा अफ्तारी की व्यवस्था की जाती थी परन्तु कोरोना काल मे ऐसी सामाजिक संस्थाओं ने भी अपने हाथ पिछे खींच लिए है और मुस्लिम रोजेदार कैदी बगैर खजूर मुंह मे रखे पानी पी कर रोजे खोल रहे है

 
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