वन विकास निगम में नौकरी का झांसा देकर अधिकारी कर रहा था युवती का दैहिक शोषण - मामले की शिकायत हुई
रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़ )छग राज्य वन विकास निगम में पहले तो भ्रष्टाचार के खेल का ही बोलबाला था परन्तु अब इसके साथ ही महिला कर्मियों के दैहिक शोषण के मामले भी धीरे धीरे सामने आने लगे है जिसकी वजह से विभाग की महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही है और वविनि की किरकिरी भी हो रही है पूरी घटना कोटा पंडरिया परियोजना मंडल बिलासपुर का बताया जा रहा है जहां पर एक वविनि कर्मी विगत छ माह से एक महिला को वविनि में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसका दैहिक और आर्थिक शोषण करते आ रहा है जिसकी लिखित शिकायत स्वयं पीड़िता ने पुलिस एवं विभागीय स्तर पर की है
संपूर्ण मामला छग राज्य वन विकास निगम के बिलासपुर स्थित कोटा पंडरिया परियोजना मण्डल का बताया जा रहा है जहाँ ग्राम कुंवारीगढ़ तहसील कोटा जिला बिलासपुर की पीड़िता को बिलासपुर परियोजना मंडल कार्यालय में सहायक प्रबंधक लेखा पद में कार्यरत टी.श्री हरि के द्वारा अपने छल्लेदार बातों से उसे स्थायी नौकरी दिलाने का झांसा देकर विगत छ माह से उसका लगातार शारीरिक और आर्थिक शोषण करते आ रहा है जिसकी शिकायत पीड़िता ने एसपी बिलासपुर सहित थाना प्रभारी एवं परियोजना मंडल बिलासपुर के मंडल प्रबंधक ,आरजीएम, को की है बताया जा रहा है कि ग्रामीण पीड़िता नौकरी की तलाश में थी तथा टी.श्री हरि सहायक प्रबंधक लेखा द्वारा उसे वन विकास निगम में कार्य दिलाने एवं स्थायी नौकरी का झांसा देकर उसका दैहिक, आर्थिक शोषण करते आ रहा था जब वह नौकरी नही लगा पाया और अपने कथन पर खरा नही उतरा तब पीड़िता ने उसकी शिकायत ऊपर की जो अब संपूर्ण वन विकास निगम में चर्चा का विषय बन गया है बताते चले कि सहायक प्रबंधक लेखा बिलासपुर में पदस्थ टी.श्री हरि के द्वारा इसके पूर्व भी वर्ष 2015-16 में एक अन्य महिला सहकर्मी के साथ वर्षों तक उसका दैहिक शोषण करने की बात सामने आई थी जिसकी शिकायत पर काफी समय तक टी.श्री हरि पर कानूनी कार्यवाही किया गया था फिर भी विभाग के जिम्मेदारों की ओर से उस पर कोई नैतिक विधिवत कार्यवाही न करते हुए उसे विभाग में ही रखा गया जिसकी परिणीति के रूप में कथित श्री टी.हरि के द्वारा पुनः यह दूसरी शर्मनाक घटना को अंजाम दिया गया इसके अलावा वसूली के मामले में सहायक लेखा प्रबंधक टी.श्री हरि के द्वारा एक अन्य दीन निर्धन श्रमिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को भी जो विगत तीस वर्षों से वविनि में अपनी सेवाएं दे रहा था उससे भी अस्सी हजार रुपये की मांग श्री हरि के द्वारा इस कथन के साथ किया गया था कि पैसे वित्त प्रबंधक लेखा भोजराज जैन साहब को देना है तब नियमिति करण में नाम जोड़ा जाएगा तब हताश होकर कथित दैवेभो श्रमिक रामनारायण साहू ने इसकी शिकायत ऊपर तक की थी यही नही कोरोना संक्रमण से मृत अधिकारी सेवतकर साहब के ग्रेच्युटी फंड सहित अन्य कर्मियों की नियुक्ति, क्रमोन्नति,पदस्थी में बड़े लेनदेन के मामले सहित अनेक अनैतिक कृत्य कथित सहायक लेखा कर्मी टी श्री हरि द्वारा किया जा चुका है तथा यह सब ऊपर बैठे भोजराज जैन के दिशा निर्देश पर किया जाता रहा है उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी बार नवापारा परियोजना मंडल कार्यालय रायपुर में कार्यरत एक अनुकंपा नियुक्त कर्मी जागृत देवांगन के द्वारा गत वर्ष 2021 में एक होटल में लड़कियों की दलाली,एवं अय्याशी करते हुए पाए जाने पर स्थानीय महासमुंद पुलिस द्वारा उस पर कार्यवाही की गई जिसकी वजह से उसे जेल भी हुई परन्तु इसका परिणाम यह हुआ कि ऐसे दागदार कर्मियों पर ऊपर बैठे अधिकारियों की कृपा बरसती रही और अब ज्ञात यह हो रहा है कि जागृत देवांगन जैसे अय्याश प्रवृति के कर्मी को पुनः कोडार डिपो में बहाल कर दिया गया बताया तो यह भी जा रहा है कि बहाली कराने के एवज में अय्याश जेल की हवा खाने वाले दागी कर्मचारी जागृत देवांगन के द्वारा लगभग साढ़े तीन लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक की राशि ऊपर दिए जाने के समाचार मिल रहे है जिसमे छग राज्य मुख्यालय में संविदा नियुक्त वित्त प्रबंधक लेखा भोजराज जैन का नाम उक्त प्रकरण में भी प्रमुखता से बताई जा रही है दागी जगृत देवांगन के बहाली में उनकी संपूर्ण भूमिका बताई जा रही है ये वही भोजराज जैन है जो अपनी संविदा नियुक्ति सेवानिवृत्त होने के पूर्व ही छग राज्य वन विकास निगम मुख्यालय में वित्त प्रबंधक लेखा के पद पर बड़ी चालाकी से करवा लिया तथा राज्य भर के समस्त वन विकास निगम के परियोजना मंडल कार्यालयों से प्रति माह ऑडिट,स्थानांतरण,नियुक्ति,पदस्थी,एवं नौकरी, लगाने के नाम पर लाखों की राशि वसूल करते आ रहे है तथा कर्मियों का भयादोहन कर राशि सो अलग करते रहे है जिनके ही छत्र छाया में ऐसे परियोजना मंडल कार्यालयों में उन्होंने अपने मोहरे बैठा रखे है जो इनके ही दिशा निर्देश पर कार्य करते हुए राशि एकत्रित कर इन्हें पहुंचाते है अब यह पैसा जाता कहां है ये तो वही बता सकते है परन्तु संकलित किए गए राधि का बीस प्रतिशत राशि ऐसे संकलन कर्ता कर्मी स्वयं रख लेते है जिनमे टी.हरि जैसे सहायक लेखा बिलासपुर कोटा पंडरिया परियोजना मंडल में कार्यरत कर्मी की सहभागिता से इंकार नही किया जा सकता ...जो सैय्या भयो कोतवाल.. तो अब डर काहे का ...की उक्ति को चरितार्थ कर रहे है तथा बे खौफ होकर समस्त अनैतिक कृत्यों को अंजाम दे रहे है ऐसे मुंह लग्गे कर्मियों को न नौकरी जाने का डर और न ही कोई विभागीय कार्यवाही होने का भय जिसकी वजह से इनके हौसले बुलंद है तथा भ्रष्टाचार, गड़बड़ घोटाला, सहित समस्त अनैतिक कर्म को बे खौफ हो कर कर रहे है जिसका साक्षात उदाहरण ग्राम कुंवारीगढ़ तहसील कोटा की पीड़िता के साथ हुए कृत्य के रूप में अब समने आया है यही नही पूर्व में वविनि में कार्यरत अय्याश प्रवृति के जागृत देवांगन जो लाल बंगले की सैर कर के आया हो ऐसे दागी कर्मी के बहाली के पीछे भी वित्त प्रबंधक लेखा भोजराज जैन का हाथ ही बताया जा रहा है जिसके जेल निरुद्ध एवं न्यायालयीन विधिक कार्यवाही होने के बावजूद उसे नौकरी से पृथक करने के बजाय उसकी बहाली वन विकास निगम के कोडार डिपो में कर दिया गया जो विस्मयकारी ही नही बल्कि हतप्रभ करने वाला है अब निगम कर्मियों एवं आम लोगों के बीच में यह सवाल बड़ी शिद्दत से उठ रहा है कि क्या छग राज्य वन विकास निगम ऐसे अधर्मी और कुकर्मियों का शरण स्थल बनता जा रहा है ? या फिर एक प्रकार से उन्हें शरण देकर अपने भावी विलासता के संसाधन जुटाए जा रहे है ? यदि नही तो फिर उन्हें किस अच्छे सद्कर्म एवं प्रतिभा को देखकर उनकी बहाली की गई है या भविष्य में की जाएगी यह यक्ष प्रश्न है ? चर्चा तो इस बात को लेकर भी हो रही है कि बिलासपुर सहायक प्रबंधक टी.श्री हरि पर भी विभागीय कार्यवाही नाममात्र होगी क्योंकि जब तक वित्त प्रबंधक लेखा पद पर भोजराज जैन जैसे अधिकारी रहेंगे वे गुरु शिष्य की परंपरा को कायम रखते हुए सारे हथकंडे अपनाते रहेंगे तथा तब तक छग राज्य वन विकास निगम में अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का खेल यूं ही चलता रहेगा.
 
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं