*सांगली नर्सरी* 
रोजगार के साथ हरियाली प्रसार में दे रही वर्षों से योगदान 
श्री गोपाल यादव 
प्रभारी रेंजर अंबागढ़ चौकी सांगली रोपणी
(छत्तीसगढ़ वनोदय) धरती को ऐसे ही मां नही कहा जाता क्योंकि वह अपने विशाल गोद मे मानव को सुलाती भी है सीना चीर कर अन्न पैदा कर  खिलाती भी है और पानी का चश्मा (झरना) फुट कर हमे पानी भी पिलाती है यही नही जीवन समाप्त होने पर हमारे अवशेष को अपने रजकण में मिला भी लेती है एक प्रकार से जीवन के आरंभ से लेकर मृत्यु तक यह धरती हमे पोसती है न जाने कब से यह धरती मानव जीवन के लिए वरदान बनी हुई है और अनन्त काल तक कितने आघात सहने के बाद भी इसके द्वारा पोषण का काम अनवरत जारी रहेगा जिसकी केवल कल्पना मात्र की जा सकती है इसके बावजूद धरती मां की मानव जाति से केवल एक ही अपेक्षा है और वह है पेड़ पौधों  के संरक्षण के साथ वीरान पड़त भाटा बंजर भूमि में रोपण कर उसका हरित श्रृंगार किया जाए ताकि फिर वह मानव जीवन के लिए अमृत धाराओं के साथ फल फूल जैसे  सर्वस्व उपहार से हम सब को नवाज सके परन्तु जीवन दायिनी धरती मां के  हरित श्रृंगार एवं पर्यावरण सुरक्षा करने की किसी को भी कोई चिंता नही बस, मानव धरती और प्राकृतिक उपहार का उपभोग करना जनता है उंसके संरक्षण संवर्धन कर धरती और स्वयं का अस्तित्व बचाने, उसके द्वारा कोई सार्थक पहल नही की जाती है इसके बावजूद छग प्रदेश का वन विभाग अपने स्तर पर वनों को बचाने कवायद करता रहता है समय समय पर  प्लांटेशन एवं रोपण कर रिक्त स्थान की भरपाई भी करता है परन्तु आम जन में जब तक वन एवं पेड़ पौधों के प्रति संरक्षण कर स्वतः जिम्मेदारी का अहसास नही होगा तब तक  ये धरती भी हरित श्रृंगार के बगैर सुनी-सुनी सी दिखाई देती रहेगी हालांकि कुछ अपवाद छोड़ दिया जाए तो प्रदेश का वन विभाग वर्षों से हरियाली प्रसार क़रने मैदानी अमले के द्वारा हाड़ तोड़ मेहनत कर अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वाहन कर रहा है ऐसे क्षेत्र जहां प्लांटेशन हेतु रोपण और पौधों की आवश्यकता पड़ती है उंसके लिए पौधे, बीज,रूट सूट,एवं रायजोम, से उनके जन्म स्थली रोपणी अथवा नर्सरी  के माध्यम से जीवनदायिनी पौधों का जन्म एवं उत्पाद कर उसकी आपूर्ति कर रहा है ऐसे रोपणी के उदाहरण तो बहुत है परन्तु राजनांदगांव वन मंडल अतर्गत सब डिवीजन अंबागढ़ चौकी के एक छोटे से ग्राम सांगली का नाम आज अग्रिम पंक्ति में आता है जहां लगभग 40 वर्ष लंबे समय से रोपणी में पेड़ पौधों की पैदावार व उत्पाद  कर हरियाली प्रसार में सहभागी बन आसपास ग्रामीणों के रोजी रोजगार का सशक्त माध्यम भी बना हुआ है 

श्री सुनील शर्मा 
रोपणी प्रभारी सांगली
   राजनांदगांव  वन मंडल कार्यकाल से लगभग चालीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित परिसीमन पश्चात सब डिवीजन बने अंबागढ़ चौकी परीक्षेत्र के समीप स्थित सांगली रोपणी की पृथक पहचान बन चुकी है लगभग चालीस वर्ष पूर्व सामाजिक वानिकी के रूप में प्रारंभ हुई रोपणी वर्षों से स्थानीय,एवं  आसपास के ग्राम वासियों के रोजगार का साधन बना हुआ है लगभग 1.276 हेक्टेयर में साढ़े पांच सौ बेड में संचालित नर्सरी में सभी प्रकार के पौधों का उत्पाद किया जाता है जहां वर्तमान में मनरेगा के तहत मांग अनुसार पौधों का रोपण किया जा रहा है जिसमें लगभग डेढ़ लाख , मूनगा और अनार  रोपण की तैयारी की जा रही है इस संदर्भ में अनुभवी,कर्मठ,एवं जुझरु  परिक्षेत्र प्रभारी श्री गोपाल यादव ने बताया  रोजगार गारंटी के अंतर्गत दो लाख दस हजार मिश्रित प्रजाति के पौधों का उत्पाद किया जा रहा है जिनमे एक लाख मुनगा के पौधे तैयार किए जाएंगे जो इसी वर्ष2022 में जून जुलाई वर्षा पूर्व ग्राम पंचायतों को वितरित किए जाएंगे जिनमे मुख्यतः चौकी ब्लॉक,मोहला,छुरिया,में ग्राम पंचायतों के मांग अनुसार पौधे वितरित क़रने का लक्ष्य है उन्होंने बताया कि जनपद द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए जाते है उंनके मांग अनुसार पौधों का वितरण कर स्कूल,हाट बाजार,खाली पड़त  बंजर भाटा भूमि सहित चयनित भूभाग में रोपण कार्य संपादित होते है परिक्षेत्र प्रभारी श्री गोपाल यादव ने आगे बताया कि राष्ट्रीय रोजगार ग्यारंटी के तहत स्थानीय एवं आसपास के ग्रामीणों को लगातार वर्षों से रोजगार दिया जा रहा है जो इनके आर्थिक सुदृढ़ता का सशक्त माध्यम बना हुआ है श्रमिकों का पारिश्रमिक  उनके खाता में सीधे पहुंचता है इसके लिए बाकायदा  जॉब कार्ड के माध्यम से ग्राम पंचायतों में डाटा एंट्री की जाती है राशि आने के पश्चात साठ प्रतिशत राशि श्रमिकों को जाता है तथा चालीस प्रतिशत मटेरियल इत्यादि में व्यय हो जाता है  सब डिवीजन अंबागढ़ चौकी के सांगली नर्सरी में खुर्सीपार,ढाढतोला,एवं सांगली के श्रमिक रोपणी में कार्य संपादित करते है जिसमे एक जॉब कार्ड से परिवार के एक व्यक्ति को ही जॉब प्रदान किया जाता है इसके पीछे सब को रोजगार उपलब्ध कराने की मंशा है तथा समय समय पर कार्य के अनुसार श्रमिकों की संख्या को कम ज्यादा भी किया जाता है यही नही एक कार्ड पर डेढ़ सौ मानव दिवस पर कार्य दिया जाता है श्री यादव ने आगे बताया कि  वर्तमान में प्रति दिन लगभग पचहत्तर श्रमिक नर्सरी में कार्यरत 
सांगली रोपणी 
है आगामी वित्त वर्ष 2022 हेतु पौधा रोपण की तैयारी के संदर्भ में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पॉलीथिन बैग में काली मिट्टी रेत, वर्मी कम्पोस्ट खाद,गोबर खाद, का मिश्रण कर बीजारोपण कर दिया जाता है तथा नियमित सिंचाई की जाती है बीज अंकुरित होने पर क्लोरो प्राईरीपास डाला जाता है ताकि कीट प्रकोप से पौधों को बचाया जा सके रेंज प्रभारी श्री गोपाल यादव ने आगे बताया कि हाई ब्रीड मुनगा की फसल से कृषक धान से अधिक लाभ प्राप्त कर  सकते है उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि आज हाट बाजार में  मुनगा प्रति किलो बीस रुपये का प्राप्त होता है तथा एक पेड़ में लगभग चार से पांच क्विंटल मुनगा फलता है जिसकी उपज से कृषकों को अतिरिक्त आय के साथ अधिक लाभ अर्जित कर सकते है उन्होंने  मुनगा फसल के लाभ के बारे में आगे बताया कि मुनगा एक औषधि खाद्य पदार्थ है तथा यह शरीर को गर्मी देने के साथ शरीर मे विषैले रसायनिक तत्वों को बाहर कर देता है जो स्वस्थ्य की दृष्टिकोण से लाभकारी है श्री यादव आगे बताते है कि मुनगा के अलावा रोपणी में
 
 कटहल,बांस,अनार,काजू,बादाम,जामुन,अर्जुन,नींबू,शीशम,मौलश्री, आंवला,जैसे फलदार,सायादार, मिश्रित प्रजाति के पौधे भी लगाए गए है जिसका विक्रय भी किया जाता है  सब डिवीजन अंबागढ़ चौकी के ग्राम सांगली रोपणी के प्रभारी श्री सुनील शर्मा बताते है कि वर्षों से सांगली रोपणी आसपास के ग्रामीणों के रोजगार का प्रमुख साधन बन हुआ है रोपणी से श्रमिकों की आर्थिक सुदृढ़ता के साथ सामाजिक मुख्यधारा से जोड़ने और  सशक्तिकरण का माध्यम भी बना हुआ है एक प्रकार से उनका पूरा व्यय सेंट्रल गवर्नमेंट के तहत होता है जिसका अधिकांश लाभांश राशि श्रमिकों के खातों में पहुंचती है शेष राशि से नर्सरी में पौधे उत्पाद,उसकी सुरक्षा,एवं रख रखाव में व्यय होता है सांगली नर्सरी प्रभारी सुनील शर्मा ने आगे बताया कि  एसडीओ शिवेंद्र कुमार साहू तथा अंबागढ़ चौकी प्रभारी रेंजर गोपाल यादव साहब के कुशल निर्देश एवं मार्ग दर्शन में पौधे,बीज, एवं अन्य सामग्रियों का चयन  मनरेगा के तहत जिन दुकानों का रजिस्ट्रेशन होता है उसी दुकान से  सामग्री क्रय की जाती है जिसका भुगतान भी ऑन लाइन होता है  नर्सरी प्रभारी सुनील शर्मा ने आगे बताया कि रोपणी में पौधों की सिंचाई हेतु पांच एचपी का एक बोर खनन किया हुआ है जो पाइप लाइन से जोड़ा गया है उंसके माध्यम से सिंचाई होती है साथ ही ग्रीष्म ऋतु में टैंकर के माध्यम से जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाती है  यहां के पौधे आसपास जिलों में आज भी हरियाली बिखेरते दिख जाएंगे राजनांदगांव डिवीजन की चालीस वर्ष पुरानी ग्राम सांगली रोपणी  की अपनी पृथक पहचान बनी हुई है  यहां समय समय पर  उच्च वरिष्ठ अधिकारियों का आगमन होता है उनके प्रवास के दौरान यहां  पहुंचने पर सांगली रोपणी की व्यवस्था एवं उपज,उत्पाद इत्यादि देखकर वे प्रसन्न हो जाते है तथा रोपणी की भूरि भूरि प्रशंसा किए बगैर नही रहते वनों के लगातार विदोहन एवं पेड़ पौधों के अनवरत कटाई के संदर्भ में पूछे जाने पर  सांगली नर्सरी प्रभारी सुनील शर्मा तनिक व्यथित होते हुए कहते है कि पौधों को बीज अथवा रूटसूट या रायजोम के माध्यम से इनका जन्म हमारे द्वारा  किया जाता है तथा शासकीय योजनांतर्गत  मानव जीवन के हितार्थ इसका निशुल्क वितरण कर उन्हें स्वच्छ, स्वस्थपूर्ण वातावरण देने का प्रयास विभाग वर्षों से नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करता रहा है  फिर भी मुफ्त में मिलने वाले पेड़,पौधों की देखरेख,सुरक्षा एवं  व्यवस्था मानव के द्वारा लेशमात्र नही किया जाता जिसके कोरोना जैसे दुष्परिणाम सामने आते है उन्होंने कहा कि  विभाग द्वारा निशुल्क वितरित पौधों का कोई मूल्य नही होता इस वजह से मानव उसकी सुरक्षा,देखरेख नही करते तथा नियमित पानी,सुरक्षा,देखरेख के आभव में जब यह मृत होता है तब मन बहुत ज्यादा आहत होता है क्योंकि जो नन्हे नन्हे शिशु पौधों का जनक होता है उसे ही इसके अस्तित्व के समाप्त होने पर  सर्वाधिक दुख होता है इसके।लिए उन्होंने शासन,प्रशासन,एवं विभाग के समक्ष मांग की है कि निशुल्क पौधा वितरण को  जॉब कार्ड से जोड़ दिया जाए तथा प्रत्येक कार्डधारी व्यक्ति को कम से कम पांच पौधे लगाने प्रोत्साहित किया जाए साथ ही उसकी सुरक्षा,देखरेख की नैतिक जिम्मेदारी भी सौंपी जाए जिसकी मॉनिटरिंग विभागीय कर्मचारियों द्वारा समय समय पर किया जाए यदि कोई भी जॉब कार्डधारी व्यक्ति निशुल्क प्रदत पौधों की सुरक्षा देखरेख में असफल होता है या पौधे मृत होते है तो इस दशा में उसका जॉब कार्ड रद्द कर दिया जाए  इससे  लोगों में पेड़ पौधों को सुरक्षित रखने में जागरूकता आएगी तथा एक बड़ा क्षेत्र हरियाली से भी सराबोर होगा

 
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