रविवार, 30 जनवरी 2022

संत सांई नौशाह संचियार सरकार का उर्स पाक धूमधाम से मनाया गया

 सूफ़ी संत सांई नौशाह संचियार सरकार का उर्स पाक धूमधाम से मनाया गया

रायपुर छग में इस्लामी सूफी संत की एक अलग ही परंपरा रही है जिसमे अपने (गुरु)पीर की स्मृति में प्रति माह और वार्षिकी स्तर पर महफिले रंग ए महफ़िल होती है  जिसमे उनके बताए सत मार्ग में चलने अपने अनुयायियों को प्रेरित किया जाता है जिन्हें गुरु (पीर) के द्वारा प्रदत्त प्रतिनिधित्व मिलता है वही उनके बताए सत मार्ग के प्रवचन से लोगों में जागरूकता लाकर एकात्म ईश्वर की ओर चलने का मार्ग प्रशस्त करते है तथा लोगों के सुख दुख को अपने आशीर्वाद के माध्यम से हरने की प्राथना सर्व विधमान ईश्वर से करते है इस्लाम धर्म मे गुरु शिष्य की बेहतरीन परंपरा का निर्वहन संत सांई नौशेरा  संचियार नौशाह गंज सरकार के प्रतिनिधित्व छग में केवल संत सांई डॉ. एम.ए. गनी  साहब को प्राप्त हुआ है उन्ही गुरु का वार्षिकी उर्स पाक बड़ी ही  शान ओ शौकत के साथ रायपुर शहर के स्थानीय  कचहरी चौक में स्थित निवास स्थल पर बड़ी धूमधाम से मनाया गया श्री सांई गनी ने आगे कहा कि क्षमा और प्रायश्चित ये दोनों ऐसे मन्त्र है जिसे अंगीकार करने पर  मानव का जीवन सार्थक हो जाता है  दोनों ही मंत्र का नियमित उच्चारण करने पर मानव जीवन समस्त मुसीबत से बचता है और सारे परेशानियों से भी बच जाता हॉर्स के अवसर पर  छग प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र से भी बडी संख्या में श्रद्धालु एवं अनुयायी उपस्थित हुए तथा संत सांई गुरु डॉ. एम.ए. गनी साहब के अमृत वाणी का लाभ उठाया संत सांई  डॉ.गनी ने अपने संक्षिप्त प्रवचन में अपने  गुरु (पीर)नौशाह संचियार जी के संदर्भ में प्रकाश डालते हुए बताया 

कि सांची का अर्थ सत्य एवं यार का अर्थ दोस्त होता है जिनका संपूर्ण जीवन गुजरात एवं पाकिस्तान बॉर्डर से लगा हुआ है आपने सदैव मानव सेवा को अपना कर्म समझा तथा लोगों को सत्मार्ग में चलने प्रोत्साहित कर ईश्वर मार्ग से संलिप्त करने का प्रयास किया ऐसे अनेक चमत्कारिक घटनाएं भी हुई जिनसे प्रभावित होकर श्रद्धालुओं ने उनका साथ पकड़ा और आज तक उस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है अपने अंतिम देवलोक गमन पूर्व उनकी मंशा अनुरूप उन्हें गुजरात पाकिस्तान से लगे चिनाब नदी के तट के समीप गुरुवर नौशाह गंज बक्श सरकार की समाधि बनाई गई तथा उनके समाधि को तीन मर्तबा नदी के कछार से हटाया गया और तीनों मर्तबा ही उनका शव यथावत था न किसी प्रकार का उनके शरीर मे चोट था और न ही  शव क्षत विक्षप्त था और न ही उनका कफ़न मैला था  यही नही उक्त चमत्कारिक घटना की भविष्यवाणी स्वयं सचियर सरकार ने चार सौ वर्ष पूर्व कर दी थी कि उनके श्री मुख के दर्शन उनके अनुयायी तीन मर्तबा करेंगे जो अक्षरशः सत्य साबित हुई संत सांई डॉ. गनी सरकार ने आगे बताया कि श्री सांचियार सरकार का शिजरा और सिलसिला  पिराने पीर दस्तगीर हुजूर गौसे आज़म सरकार से मिलता है यही नही सांचियार सरकार के पूरे विश्व मे करोड़ों अनुयायी है तथा उन्हें भी उनके निवास स्थल में जाने का अवसर मिला जिनके सत मार्ग में चल कर ही उन्हें भी छग प्रदेश में प्रतिनिधित्व (खिलाफत)प्राप्त हुआ तथा गुरु शिष्य परंपरा को उनके दिखाए मार्ग में चल कर ही वे आगे बड़ा रहे है उन्होंने आगे बताया कि मनुष्य उपभोगी,स्वार्थी,एवं लालची होता है वह प्रत्येक क्षण पाप करता है यदि अपने पापों का प्रायश्चित वह प्रति दिन रात्रि के सोने के पूर्व कर ले तो ईश्वर उसे अवश्य क्षमा करता है वही उसे प्रतिदिन  मिलने वाले नवजीवन के लिए भी अपने आराध्य ईश्वर  का ऋणी होना चाहिए कि उसे शुक्र एवं क्षमा का अवसर प्रदान कर उसे अपने अज्ञान स्वभाव से हुए पाप को क्षमा करने का सु अवसर प्रदान कर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है सूफी संत सांई डॉ गनी ने आगे कहा कि मनुष्य को जीवन केवल धन ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए नही मिला है बल्कि अच्छे संस्कार, ईश्वरीय आराधना,सद्कर्म,के लिए प्राप्त होता है उसे छल कपट स्वार्थ सिद्धि का साधन मत बनाओ बल्कि सदविचार, सद्गुणों से दूसरों की सहायता से सत्मार्ग पर चल कर जीवन को सार्थक बनाओ तभी ईश्वर की प्राप्ति सुनिश्चित होगी उर्स के अवसर पर दरबारी कव्वाल उस्ताद सलाम हुसैन आज़ाद ने अपने बेहतरीन तरन्नुम में नाते पाक और कलाम  पढ़ा जिसे सुनकर उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे पश्चात प्रसाद लंगर का वितरण किया गया कार्यक्रम में कोरोना गाइड लाइन का पूरा ख्याल रखा गया और देर रात तक कव्वाली का कार्यक्रम चलता रहा और श्रद्धालु गण सांचियार सरकार से सन्दर्भित अलौकिक दिव्य प्रवचन से मालामाल होते रहे

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