गीत गुंजन के गीतों को सुनकर गर्मी बढ़ी लोग प्यास से इधर उधर भटकने लगे
गीत गुंजन म्यूज़िकल ग्रुप द्वारा मायाराम सुरजन हॉल में नए पुराने सुपरहिट गीत की श्रृंखला में एक से बढ़कर एक गीत की प्रस्तुति दी गई गीतों में प्रेम,विरह,जज़्बात,सौंदर्य, जैसे केंद्रित विषय पर गीतों की भरमार रही ...हम को हमी से चुरा लो ,,मैं शायर बदनाम... तुम क्या मिले जाने जां....प्यार हमारा अमर रहेगा...परदेसिया ये सच है पिया ...जिसे देख मेरा दिल धड़का...(.देवेश शर्मा)सह संचालक सिंगर ने पूरा माहौल बना दिया श्रोता अपने सीट पर नाचने लगे तेरे मेरे बीच मे कैसा है ये बंधन अंजाना....
राजेन्द्र शर्मा (संरक्षक सिंगर)और नीतू लहरे ने युगल गीत ....हम तुम से मुहब्बत कर के दिन रात सनम रोते है....बादल यूं गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है....जहां में कोई प्यार का दीवाना हो गया जहां...(ग़ज़ल) स्व.भूपेंद्र जी,बप्पी दा को श्रद्धांजलि स्वरूप अशोक जी नीतू लहरे ने युगल गीत ... किसी नज़र को तेरा इंतजार आज भी है.....प्रस्तुति पर श्रोताओं का दिल जीत लिया और प्रत्येक अंतरे में श्रोताओं ने खड़े होकर ताली बजाकर दोनों कलाकारो का स्वागत किया पश्चात ज्योति और प्रभात जी ने... तुझ संग प्रीत लगाई सजना....गीत से ...लुटे कोई मन का नज़र ..दिल जाने जिगर तुझपे निसार किया है....मदहोश दिल की धड़कन... तू जब जब मुझको पुकारे मैं दौड़ी चली आई नदिया किनारे..... तेरी इसी अदा पे सनम प्यार आया....मैं न भूलूंगा... कह दूं तुम्हे या चुप रहूं...जैसे सुपर हिट गीत की प्रस्तुति
क्रमशः संगीता अजीत,प्रभात जी पांडे,नीतू लहरे,थापस कांति बोस, अशोक जी,अनामिका गुप्ता,देवेश शर्मा जी,राजेन्द्र शर्मा जी, डायरेक्टर डी. आर.साहू ने बहुत सुंदर अंदाज़ में अपने गीतों की प्रस्तुति दी समस्त कलाकारों में परिपक्वता नज़र आई सब ने अपनी प्रस्तुति और गाए जाने वाले गीत के साथ पूरा न्याय किया नवंबर की ठंड और हॉल में लगे ए सी.ने बहुत से श्रोताओं को चाय की तलब बड़ा दी तो वे प्रोग्राम छोड़ कर नव भारत प्रेस की ओर बढ़ गए जिससे कार्यक्रम हॉल में श्रोताओं की कमी दिखी वही मंचीय आसंदी से कलाकारों के जबरदस्त परफॉर्मेंस और गीतों को सुनकर श्रोताओं ने जोरदार तरीके से ताली बजा बजा कर उनका स्वागत किया लगातार ताली बजाने से श्रोताओं की हथेली पॉइंट पर एक्यूप्रेशर हुआ जिसकी वजह से बहुत से श्रोताओं का शरीर का खून गर्म होकर रगों में दौड़ने लगा और उनकी प्यास बढ़ गई और दोनों ही वस्तुओं चाय और पानी का अभाव कार्यक्रम स्थल में दिखा और श्रोता गण चाय की तलब,और प्यास की शिद्दत मिटाने यत्रतत्र भटकने लगे और कई श्रोता प्यास,चाय की तलब मिटाने हॉल से बाहर चले गए इतना सुंदर ढंग से गीत गुंजन कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुति तब नगण्य सी हो गई जब पानी के अभाव में श्रोता प्यासे भटकते दिखे बेहतरीन कार्यक्रम के साथ नई व्यवस्था प्रारंभ करने के लिए गीत गुंजन म्यूज़िकल ग्रुप बधाई की पात्र है



 
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