गायक,कवि, पुरातत्व संग्रहण के साथ छह सौ मंचों के सफल संचालन का अनूठा विश्व कीर्तिमान
अलताफ हुसैन
रायपुर ,उन्नत ललाट,ऊंचा कद काठी, सफेद लकदक वस्त्र, चश्मे के पीछे आत्म विश्वास और स्वाभिमान से चमकती आंखे, सूर्य सा दमकता मुख मंडल, प्रभावशाली व्यक्तित्व और सदैव संवेदनशील मानव हित एकता के लिए तत्पर,समाजिक उत्थान एवं महिला सशक्तिकरण का जज़्बा,आर्थिक प्रगति के खेवनहार, कवि,गायक,सहित स्वदेशी विरासत,संस्कृति,लोक कला के साझेदार, ऐसे सर्वगुण सम्पन्न व्यक्तित्व का नाम लक्ष्मी नारायण लाहोटी है जो राजधानी रायपुर के आन बान और शान बन चुके है कवि गायक,एवं मंच में अपनी जादुई आवाज़ से लोगो को बांधने वाले जादूगर एवं अद्भुत प्रतिभा के धनी लक्ष्मी नारायण लाहोटी जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्व का कम से कम आज के इस अवसरवादी काल मे मिलना तनिक कठिन है फिर भी ऐसे आकर्षक,अद्भुत प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी जिनमे उपरोक्त समस्त विधाएं कूट कूट कर रची बसी है ऐसे व्यक्तित्व आज बगैर किसी लोभ और अपेक्षाओं से लगभग पच्चीस वर्षों से ऊपर अपने सामाजिक नैतिक दायित्वों का निर्वहन अनवरत कर अपनी एक पृथक छबि रायपुर शहर मे बना चुके है जिनकी पहचान विरले व्यक्तित्व के रूप में लक्ष्मी नारायण लाहोटी के नाम से अंकित हो चुका है जिन्होंने सामाजिक,आर्थिक,एवं साहित्य,कला क्षेत्र में अपनी पृथक पहचान बनाई है आज शहर के किसी भी स्थल में अब चाहे वह कवि सम्मेलन,मुशायरा, हो अथवा गीत संगीत का कार्यक्रम हो या विधवा विधुर विवाह हो या फिर आर्थिकी प्रगति का समायोजित मंच हो जब तक श्री लाहोटी जी की उपस्थिति वहां न हो ऐसे प्रायोजित होने वाले कार्यक्रम के मंच फीके और नीरस से प्रतीत होते है यही वजह है कि इस प्रकार के आयोजनों में उन्होंने 25 वर्षों से लगभग 600 से ऊपर मंचीय सूत्रधार का सफल भूमिका का निर्वहन करते हुए एक अटूट विश्व कीर्तिमान अपने नाम स्थापित कर लिया है
रायपुर शहर के पुरानी बस्ती महामाया मंदिर के पृष्ठ क्षेत्र में निवासरत 63 वर्षीय लक्ष्मी नारायण लाहोटी की एक पृथक पहचान समाजिक आर्थिक उत्थान,गीत संगीत,साहित्य,कला, क्षेत्र में बन चुकी है श्री लक्ष्मी नारायण लाहोटी से जब मिल कर इस विषय को लेकर चर्चा की तब उन्होंने खुले किताब की भांति अपने जीवन के पन्ने पृष्ठ दर पृष्ठ पलटते चले गए उन्होंने बताया कि पुरातत्व वस्तुओं का संकलन उनका शौक रहा है यही वजह है कि 70 वर्षों से प्राचीन टेलीफोन आज उनके घर की शोभा बढ़ा रहा है मजे की बात यह है कि 1950 से लगाए गए यह टेलीफोन आज भी चालू हालात में है तथा लैड लाइन नम्बर आज भी चालू स्थिति में है प्रारंभिक टेलीफोन बिल 19 रुपये आना बताया लगाए गए टेलीफोन के बिल कोरोना काल को छोड़ कर आज तक उनके पास है जो सबसे बड़ी उपलब्धि है इसके अलावा बहुत से 786 सीरीज नम्बर के नोट का संकलन उन्होंने किया हुआ है जिसे वे सहज के रखे हुए है लक्ष्मी नारायण लाहोटी आगे बताते है कि उन्होंने लगभग 20 वर्षों से कौमी एकता के नाम पर मदार बाडा पुरानी बस्ती में होने वाले कव्वाली का आयोजन में अपनी सहभागिता निभाई है इसके अलावा उर्दू और हिंदी कवि सम्मेलन,मुशायरों, में बकायदा रचना प्रस्तुति के साथ मंच साझा किया है मुनव्वर राणा से लेकर जानी बाबू ललकार जैसे कई बड़े शायर और कव्वालों के साथ उनकी यादे आज भी जुड़ी है यही वजह है कि बहुत से सेलिब्रिटीज के जन्म दिवस के साथ प्रमुख तिथि को एक डायरी में संकलित कर रखा है तथा आज भी पुराने से लेकर नए शायर,कवि के मध्य उनकी अच्छी पकड़ बनी हुई है लक्ष्मी नारायण लाहोटी से जब कला संस्कृति से जुड़ने के संदर्भ में पूछा गया तब उन्होंने बताया कि बचपन से ही सामाजिक मुख्य धारा में कुछ नया करने के एक जुनून के चलते वे युवा अवस्था से ही भिन्न भिन्न कला साहित्य,गीत संगीत और सामाजिक क्षेत्रों में लगातार संलिप्त रहे परिणामतः "जहां चाह वहां राह" की स्थिति निर्मित होती चली गई और शनैः शनैः उनकी यशस्वी प्रतिभागी उपरोक्त क्षेत्र में बढ़ती चली गई यही नही महिलाओं के सम्मान एवं उनके सशक्तिकरण के लिए प्रति वर्ष मार्च में होने वाले महिला दिवस के उपलक्ष पर अब तक 108 ऐसे चयनित महिलाओं का सम्मान भी कर चूक है जिससे ऐसी महिलाओं का आत्म सम्मान बढ़ा है वृद्ध, युवाओं, के एकांकी जीवन में तनिक क्षण तनाव मुक्त जीवन से रूबरू कराने के उद्देश्य से समय समय पर विविध कार्यक्रम जैसे कवि सम्मेलन,मुशायरे,एवं कवि गोष्ठी,नशिस्त, गीत संगीत इत्यादि का आयोजन कर इस माध्यम से उनमें ऊर्जा का संचार करने का सामाजिक महती दायित्व भी वे निभाते रहे है जिसके कारण उन्हें स्थानीय कवि संघ का महासचिव नियुक्त किया गया उनकी बहुत सी रचनाओं का प्रकाशन स्थानीय एवं देश के भिन्न भिन्न समाचार पत्रों, पुस्तकों में किया जा चुका है स्थानीय उर्दू अकादमी में भी उनकी रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है इसके अलावा व्यवसायिक संगठन चेम्बर ऑफ कॉमर्स में भी विभिन्न पदों पर रहते हुए अपना अमूल्य वैचारिक योगदान देते रहे है व्यवसाय क्षेत्र से जुड़े लाहोटी जी का जीवन काल मे गीत संगीत के क्षेत्र में विशेष रुचि रही हैं उनके लगातार सक्रियता एवं उपस्थिति से आज यह क्षेत्र अपने अविश्वसनीय शिखर पर पहुंच चुका है कराओके व्ही एम डब्ल्यू म्यूज़िकल ग्रुप के माध्यम से की गई एक छोटी सी शुरुआत आज शहर के गायकों के लिए जोश,जुनून,और ऊर्जा का संचार कर रही है राजधानी रायपुर में ही लगभग 30 से 35 म्यूज़िकल ग्रुप संस्थाएं आज अस्तित्व में आ चुकी है तथा गीत संगीत कार्यक्रम के श्रोताओं में भी भारी इजाफा हुआ है अब राजधानी में म्यूज़िकल ग्रुप के द्वारा दी जाने वाले कार्यक्रम की स्थित यह निर्मित हो गई है कि सप्ताह में चार कार्यक्रम होने लग गए तथा लगातार प्रतिभाएं निखर कर सामने आ रही है गीत संगीत से जुड़े लगाव के संदर्भ में लाहोटी जी का कथन है कि गीत संगीत बचपन से ही वे आत्मसात किए हुए है गीत संगीत मानव जीवन में ऑक्सीजन का कार्य करती है यह ईश्वरी संरचना का बेहतरीन शाहकार है जो एक तरफ अध्यात्म से जोड़ने में सहायक होता है तो दूसरी ओर दुखी और मृतप्रायः व्यक्ति के मन को तनाव मुक्त,प्राण वायु भर देता है उन्होंने लोगो से अपील की है कि एक बार जीवन के तनाव से जूझ रहे व्यक्ति गीत संगीत कार्यक्रम में आए तो वह स्वयं को शांत चित्त महसूस करने लगेगा वही आश्चर्य का विषय यह भी है कि अधिकांश प्रायोजित फिल्मी गीत संगीत कार्यक्रम में उनकी गायकी के साथ सफल मंच संचालन का दोहरा रूप भी परिलक्षित होता है एक प्रकार से कार्यक्रम का संपूर्ण भार लाहोटी जी के कंधों पर टिका हुआ होता है फिर भी वे इस सहजता से उसे निभाते है कि लोग कभी बोरियत महसूस नही करते इस बारे में वे कहते है कि कम शब्दों में मनोरंजन के साथ गायकों को श्रोताओं के हवाले करना तथा उन्हें और श्रोताओं के मध्य परस्पर समन्वय स्थापित करने की कला ज्ञाता ही एक सफल मंच संचालक बन सकता है लाहोटी जी के सफल मंच संचालन के संदर्भ मे जब गाता रहे मेरा दिल म्यूज़िकल ग्रुप के डायरेक्टर एवं आयोजक नवाब कादिर से जानना चाहा तब उन्होंने लाहोटी जी के संदर्भ में बताया कि वे एक सादगी पसंद व्यक्ति के साथ मृदु भाषी एवं कम शब्दों में प्रस्तुतिकरण उनकी सबसे बड़ी विशेषता है छोटा हो या बड़ा सबका सम्मान उनके महान व्यक्तित्व को परिभाषित करता है यही वजह है कि म्यूज़िकल कार्यक्रम के अलावा अन्य प्रायोजित कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति, एवं सहभागिता सुनिश्चित रहती है समाचार पत्र यूथ क्रांति के संपादक एवं पत्रकार तथा "गाता रहे मेरा दिल" म्यूज़िकल ग्रुप के डायरेक्टर श्री नवाब कादिर ने आगे बताया कि लाहोटी जी मेरे बाल सखा होने के साथ विद्या काल से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहे है आज उनके द्वारा गीत संगीत,साहित्य कला क्षेत्र के कार्यक्रमों में दी जाने वाली प्रस्तुति,समाजिक,व्यवसायिक,दायित्वों का निर्वहन उनके व्यक्तित्व पर चार चांद लगा रहा है जिसके पीछे उनकी लगातार,परिश्रम,त्याग नैतिक दायित्वों का पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा पूर्वक की गई तपस्या का परिणाम है जिसका प्रतिफल उन्हें अब प्राप्त हो रहा है श्री नवाब कादिर ने उनके उत्तरोत्तर सफल,स्वस्थपूर्ण जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की है यहां यह कथन अतिशयोक्ति नही होगा कि लक्ष्मी नारायण लाहोटी तो व्यक्ति एक है परन्तु अनेक प्रतिभाओं को स्वतः में समेटे हुए है एक प्रकार से वे चलते फिरते,जीते जागते संपूर्ण प्रतिभा के विद्यालय है जिनसे जितना प्रतिभा प्राप्त करना है वह उनसे प्राप्त कर सकता है

 
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