बुधवार, 28 जून 2023

लाल टमाटर को आम के अमचूर ने पछाड़ा

लाल टमाटर को आम के अमचूर ने पछाड़ा 




रायपुर टमाटर अगर लाल हो गया तो घबराने की जरूरत नहीं हमारे इर्द गिर्द ईश्वर ने इतने गुणकारी वस्तुएं दी है जिसका हम विकल्प का उपयोग कर सकते है अभी मौसम की मार झेल रहे टमाटर ने शतक यानी सौ रुपए तक दम मार दी जिसकी वजह से किचन का जायका बदल गया है और आम लोग टमाटर खरीदने अक्षम हो गए है अब चिंता की बात नही गर्मी सीजन में बहुत से लोगों ने कच्चे खट्टा आम का बहुत उपयोग किए है और नमक मिर्च लगाकर खूब जायका लिए है पर क्या आप को मालूम है 






कि यदि  टमाटर नही हो तो उसके सारे गुण और तत्व अमचूर (खटाई आमाकुला) में मिल सकता है वह भी बहुत सस्ता और पहूंच के अंदर किसी भी किराना या बाजार में गर्मियों में सुखाए गए अमचूर (खटाई,अमाकुला)विकल्प के रूप में मिल जाता है वह सस्ता और सहज प्राप्त हो जाता है एक पाव या आधा किलो अमचूर सब्जी, दाल इत्यादि में मात्र दो से तीन कड़ी अमचूर (खटाई) डालने पर  काफी समय तक चलता है और खाने का जायका भी डबल हो जाता है तो चिंता छोड़ कर टमाटर का विकल्प आम का अमचूर जिसे खटाई अमाकूला नाम से भी जानते है और पुरानी पद्धति का उपयोग कर सकते है वही कुछ लोग इमली का उपयोग भी करते है जो इसका विकल्प है तो देर न करे और इस वैकल्पिक आम का अमचूर का उपयोग कर टमाटर को लाल होने दो और सस्ता सुलभ आम का अमचूर का उपयोग कर किचन के स्वाद में जायका बदाइये,,, गोलबाजारा सहित बहुत से मुहल्ले की किराना दुकान सस्ता और कम दाम   में आसानी से मिल जाता है

सोमवार, 26 जून 2023

मुख्यमंत्री वन संपदा योजना का लाभ भविष्य निधि का विकल्प

 मुख्यमंत्री वन संपदा योजना  का लाभ भविष्य निधि का विकल्प


रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय)प्रदेश की सरकार ने कृषकों स्वायत्त संस्थाओं निजी क्षेत्र में अनेक जन कल्याणकारी रोजगार मूलक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कृषकों को विभिन्न  सफल क्रियान्वयन करते हुए  भविष्य के नए नए द्वार खोल दिए है जिनमे एक मुख्यमंत्री वन संपदा योजना भी मुख्य है उक्त योजना अंतर्गत हितग्राहियों के निजी भूमि क्षेत्र में पांच एकड़ भूमि में लगभग सौ पेड़ों का रोपण निर्धारित सुनिश्चित किया गया है जिसमे उन्हे अनुदान,आर्थिक, सहायता भी प्रदान किया जाएगा मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ उठाने प्रदेश भर के कृषक,स्व सहायता समूह,निजी संस्थाएं,पंचायतों के हितग्राहियों में लाभान्वित होने स्वस्फूर्त वन कार्यालयों में पंजीयन करवा रहे है 


  महासमुंद वन मंडल अंतर्गत अंतर्गत  धार्मिक नगरी खल्लारी परिवृत के डिप्टी रेंजर एवं डिपो प्रभारी नरेंद्र चंद्राकर से उक्त मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के संदर्भ  में चर्चा करने पर बताया कि पूर्व में कृषकों को अपने वाणिज्यिक उत्पाद,का समुचित मूल्य प्राप्त नही हो पाता था तथा वृक्ष, पेड़,पौधे, की कटाई प्रक्रिया भी जटिल होती थी छग शासन ने कृषकों एवं स्व सहायता संस्थाओं,निजी  क्षेत्र के भूमि स्वामियों को रोपण उत्पादन,एवं वाणिज्यिक उपयोग के सरलीकरण करते हुए  उक्त मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को प्रारंभ किया गया जिसके सार्थक परिणाम परिलक्षित हो रहे है डिप्टी रेंजर नरेंद्र चंद्राकर ने आगे बताया महासमुंद वन मंडल अंतर्गत खल्लारी परिवृत में अस्सी प्रतिशत हितग्राहियों द्वारा मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ उठाते हुए पंजीकृत किया जा चुका है उन्होंने आगे बताया कि इसके तहत बहुत से टेशू कल्चर पौधों का वितरण विभाग के माध्यम से किया गया है जिसमे सागौन,नीलगिरी,नीम,बांस, मिलिया डुबिया,वृक्षों का वितरण किया जा चुका है जिसके भविष्य में दूरगामी परिणाम परिलक्षित होंगे खल्लारी परिवृत डिप्टी श्री चंद्राकर आगे बताते है कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ हितग्राही अपने खेतों मेढ़ो में रोपण कर दिया गया है इसके लिए वन विभाग द्वारा टेशू कल्शर पौधों सागौन,बांस,नीलगिरी,चंदन,सहित अन्य पौधे रोपण हेतु वितरण किए जा चुके है


हितग्राहियों को प्रोत्साहन स्वरूप शासन के आदेशानुसार वित्तीय लाभ भी उनके खातों में प्रेषित की जाएगी यही नही विदोहन पश्चात उत्पादन के अलावा समर्थन मूल्य की व्यवस्था शासन द्वारा  सुनिश्चित की जाएगी उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ प्रदत हेतु विभाग के दक्ष अनुभवी द्वारा समय समय पर रोपण संबंधी कार्यों हेतु मार्गदर्शन दिया जाएगा ताकि हितग्राही शत प्रतिशत लाभान्वित हो सके उन्होंने आगे बताया कि रोपण पश्चात कीटनाशक प्रकोप एवं समूचीत फसल उपज हेतु मार्गदर्शन दिया जाएगा ताकि शत प्रतिशत लाभ कृषकों को प्राप्त हो सके महासमुंद वन मंडल के खल्लारी परिवृत के डिप्टी कष्ठागार प्रभारी नरेंद्र चंद्राकर आगे बताते है कि  मुख्यमंत्री वन संपदा योजना का लाभ भविष्य निधि के रूप में देखा जा रहा है जिसका लाभ पंद्रह वर्ष पश्चात कृषकों को प्राप्त होगा इस संदर्भ में खल्लारी पारिवृत के हड़बंद ग्राम के प्रभा साहू सहित कुछ ग्रामीणों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सही मायनों में जन हितैषी कार्य कर रहे है जिसके दूरगामी परिणाम हमारे और परिवार को प्राप्त होगा प्रभा साहू कृषक बताती है कि खेतों और मेढ़ो पर लगाए गए  टिशू कल्चर सागौन बढ़त बनाने में सहायक होता है तथा पंद्रह वर्षों तक उसके उपड़ उत्पाद का लाभ प्राप्त होगा वही कुछ कृषक उत्साहित होते हुए बताते है कि पंद्रह वर्षों पश्चात मिलने वाली राशि से बहुत से कार्य करेंगे संभवत बिटिया की शादी ब्याह में उक्त राशि मिल सकता है जो हमारे भविष्य निधि में जमा हो रहा है आगे बताती है वन विभाग के द्वारा नंदाई गुड़ाई,रोपण,उपचार,सही का लाभ समय समय पर प्राप्त हो रहा है तथा मिलने वाले अनुदान राशि भी खाते से प्राप्त हो रहा है खल्लारी परिवृत के कृषक दुर्गेश साहू बताते है कि  अपने खेतों में लगभग मेढ़ो में सागौन रोपण किया है


जो तीन से चार फीट ऊंचाई में बढ़त बना चुका है इसके लिए लगातार नियमित सिंचाई उपचार,निंदय गुड़ाई किया जाता है समय पर दक्ष अनुभवी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिल रहा है खेतों के मेढ़ो पर बहले तार फेंसिंग लगाए जाते थे परंतु अब ऐसे वन संपदा योजना का लाभ का रोपण से सुरक्षा और आय का अतिरिक्त लाभ भविष्य में मिलेगा महासमुंद वन मंडल  डी एफ़ ओ  पंकज   राजपूत का कथन है कि मुख्यमंत्री वन संपदा योजना  एक बेहतर पहल है यह कृषकों,आम जन के हित के लिए बनाए गई है जो भी हितग्राही इसका लाभ आज उठाते है उसके दूरगामी परिणाम पंद्रह वर्षों बाद मिलेगा उन्होंने बताया नीलगिरी जो कागज और प्लाईवुड के निर्माण में काम आता है उसके दोहरा फसल प्राप्त होगा तीन बाई तीन के अंतराल में उत्पाद फसल को एक वर्ष में एक एक पौधे के अंतराल में कटाई की जा सकेगी वही दूसरे वर्ष की कटाई में पूर्व में किए गए कटाई किया गए पौधे में एक वर्ष तक काफी ग्रोथ होगा यानी शीघ्र ही दूसरी निलगिरी पौधा फसल तैयार हो जाएगा जिसका लाभ हितग्राहियों को शीघ्र मिलने की संभावना होगी



 वही महासमुंद एस डी ओ वाहिद खान साहब बताते है कि मुख्यमंत्री वन संपदा योजना आर्थिक समन्वय लाने का सशक्त माध्यम है इससे भावी पीढ़ी के हितग्राहियों को आर्थिक लाभ सुदृढ़ होगा यदि यह योजना का सफल ईमानदारी पूर्वक क्रियान्वयन किया जाए तो प्रत्येक हितग्राही लखपति बन जाएंगे क्योंकि कृषकों,हितग्राहियों को शासन द्वारा योजना का लाभ समस्त चयनित रोपित पौधों का प्रदाय किया जा रहा है जिसके राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय  बाजार में अच्छा उत्पाद फसल मूल्य की मांग है और भविष्य भी उज्ज्वल है एस डी ओ वाहिद खान आगे बताते है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल   की दूरदर्शी सोच, और जन हितैषी कार्यों का परिणाम है कि आने वाली नस्लें गरीब विपन्नता के दौर में न व्यतीत करे जिसकी फसल के रूप में ऐसे चयनित कीमती पौधों का रोपण करवाने शासन के माध्यम से आर्थिक सहायता देते हुए उन्हे आत्मनिर्भर बनाने कटिबद्ध है


वही बागबाहरा के तात्कालिक रेंजर वर्तमान एस डी ओ विकास चंद्राकर का कहना है कि जो भाटा पड़त भूमि,खेतों के मेढ़ बंजर खाली पड़े थे उसे उपयोगी बनाने का कार्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन संपदा योजना के माध्यम से किया है अब बहुत से हितग्राही खाली पड़त भाटा भूमि में रोपण कर रहे है इससे बहुत से दूरगामी परिणाम सामने आएंगे,पूर्व बागबाहरा के तात्कालिक रेंजर एस डी ओ महासमुंद,विद्यालय में पदस्थ विकास चंद्राकर बताते है कि एक प्रकार से उक्त वन संपदा योजना का दोहरा लाभ मिलेगा ...आम के आम गुठलियों के दाम...वाली उक्ति एक प्रकार से सटीक बैठती है पूरे प्रदेश में कृषकों,हितग्राहियों,स्व सहायता संस्थाओं,निजी भूमि स्वामियों को द्वारा वन संपदा योजना का सफल क्रियान्वयन से वृक्षारोपण कार्यों में जनभागीदारी सुनिश्चित होगी तथा पर्यावरण में सुधार आएगा,वही राज्य भर में क्षेत्र हरियाली बढ़ेगी और राज्य हराभरा दिखेगा वही बेशकीमती काष्ठों के वाणिज्यिक उपयोग से आम जन को आर्थिक लाभ भी मिलेगा जो आमलोगो के लिए मील का पत्थर साबित होगा



जंगल में एक और जंगल


महासमुंद वनमण्डल के प्रभारी रेंजर तोषराम सिन्हा इस संदर्भ में चर्चा करने पर बताया कि मुख्यमंत्री वन संपदा योजना कृषकों संबंधित हितग्राहियों को लाभकारी एक बेहतर पहल है जिसके दूरगामी परिणाम आएंगे उक्त योजना के संदर्भ में उनका कथन है कि पहले जंगल में वन होता था जिसे देखने आम व्यक्ति देखने जाते थे परंतु अब ग्राम और आसपास बढ़त भाटा भूमि,मेढ़, में चहुओर हरियाली की वजह से जंगल सदृश्य नजर आएगा चारो तरफ टिशू कलशर से रोपित सागौन,नीरगिरी,बांस,नीम,इत्यादि पौधे बहुतायात संख्या में नजर आएंगे महासमुंद रेंज के प्रभारी रेंजर तोषराम सिन्हा आगे बताते है कि आज का रोपित पौधे भविष्य के 15 वर्ष पश्चात हितग्राहियों को करोड़ों का आसामी बनाएगा क्योंकि वन विभाग की यह योजना जनहितैषी लाभकारी है केवल हितग्राही रोपित पौधों की सुरक्षा,देखरेख,एवं नियमित सिंचाई पर कार्य करना है यहां तक निंदाई,गुड़ाई,उपचार तक की व्यवस्था हेतु वित्तीय सहायता विभाग के माध्यम से हितग्राहियों के बैंक खाते में डाल दी जाएगी महासमुंद रेंजर तोषराम सिन्हा आगे बताते है कि मुख्यमंत्री वन संपदा योजना का प्रतिफल दस से पंद्रह वर्ष पश्चात लाभान्वित होगा इसके लिए उत्पाद पश्चात निर्धारित समर्थन मूल्य,सुनिश्चित होगी जिसका अधिकांश लाभ हितग्राहियों को प्राप्त होगा महासमुंद रेंज में लगभग अस्सी प्रतिशत हितग्राही लाभान्वित हो चुके है तथा उन्हें पौधे वितरित किए जा चुके है जिसमे वाणिज्यिक उपयोग किया जा सकेगा केवल हितग्राहियों को रोपित पौधों की सुरक्षा, निंदाई गुड़ाई,उपचार,इत्यादि आवश्यक है इसलिए भी विभाग ने वित्तीय लाभ उनके खातों में कार्य पश्चात डाली जा रही है गत 2022 अगस्त पश्चात रोपे गए पौधों की मॉनिटरिंग विभाग के कुशल दक्ष विशेषज्ञ द्वारा उपचार, निंदई गुड़ाई, प्रशिक्षण किया जाता है प्रभारी रेंजर महासमुंद तोषाराम सिन्हा ने आगे बताया एक वर्ष तक सभी स्थल में रोपित पौधों में अच्छा ग्रोथ है था शत प्रतिशत अच्छी अवस्था में बढ़त बनाए हुए है 

बुधवार, 21 जून 2023

21साल बाद वन विकास निगम के वनवृद्धि कार्य से नया जिला मोहला,मानपुर का भाग खुला

 21साल बाद वन विकास निगम के वनवृद्धि कार्य से नया जिला मोहला,मानपुर का भाग खुला


अलताफ हुसैन

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय) प्रदेश के चालीस प्रतिशत आकूत वन्य संपदा फैला हुआ है जिसमे हरियाली प्रसार के साथ ही बेशकीमती इमारती काष्ठ,जीवनदायनी  जड़ी बूटी की प्रचुर मात्रा में साथ ही जनोपयोगी स्वास्थ्य हेतु  वातावरण प्रदेश के फिजाओं में घूला मिला हुआ है जिसके वजह से छत्तीसगढ़ प्रदेश का मनमोहक वातावरण की अलग पहचान पूरे भारत देश में बनी हुई है वन संपदा के नाना प्रकार के विभिन्न उपयोग से वनोपज से निर्मित शहद से लेकर  जन उपयोगी वन औषधि का आयात भी बाहरी प्रदेशों में हो रहा है परंतु उन्नतिशील विकसित छत्तीसगढ़ प्रदेश के बहुत से ऐसे सघन वन क्षेत्र अब भी मुख्यधारा से कटे हुए है जिसके समुचित उपयोग एवं मूल्यांकन  व्यवस्था, मूल्यवान विदोहन  नही हो पाने की वजह से वन संपदा नही हो पा रहा था  जिसकी वजह से वन विभाग का अनुषांगिक धड़ा छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम का बहुत सा क्षेत्र वाला हिस्सा अब भी उपेक्षित पड़ा हुआ है जिसकी वजह से वन विकास निगम को राजस्व की बहुत बड़ी हानि झेलनी पड़ती रही है ज्ञातव्य हो की वन विकास निगम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एक स्वयं पोषित संस्था है तथा शासन से प्रदत लीज वन भूमि  क्षेत्र में वर्षों से पोषण कर रहा है उसके बदले के प्रति वर्ष शासन को लीज में बड़ी राशि प्रदाय करता है परंतु उसके परिधि में बहुत से वन क्षेत्र का वर्षों से सीमांकन मूल्यांकन नही होने के कारण बहुत बड़े राजस्व की क्षति हो रही थी नए जिला मोहला मानपुर  क्षेत्र के अस्तित्व में आते ही बहुत से भूभाग वन विकास निगम क्षेत्र में आते ही ऊर्जावान अधिकारियों ने  वन विकास निगम  क्षेत्र में बड़े भूभाग का सीमांकन किया गया तथा लगभग 21वर्षों से उपेक्षित पड़े सागौन एवं अन्य इमारती बेशकीमती काष्ठों सहित वनोपज की प्रचुर मात्रा का आकुत खजारा का विदोहन किया गया  इसके लिए वन विकास निगम के अधिकारी ग्रीष्म की तप़ती  गर्म हवा में खरपत वार की साफ सफाई,निंदई इत्यादि कर मोहला क्षेत्र के कथित निगम वन क्षेत्र के अधिकारी कर्मचारी अस्तित्व बचाने रात दिन प्रयासरत है हालांकि सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला बार नवापारा परियोजना मंडल का अस्सी प्रतिशत से ऊपर देने का रिकार्ड अंकित है जिसमे रवान के सबसे अनुभवी,परिपक्व रायकेरा नर्सरी के भीष्म पितामह परिक्षेत्राधिकारी  एंब्रोस एक्का का नाम ससम्मान लिया जाता है जिन्होंने वर्ष 2022.2223 में कोडार काष्ठगार में सर्वाधिक वन विकास निगम में ऐतिहासिक राजस्व देने का रिकार्ड दर्ज किया है जिसकी सभी कर्मचारी प्रशंसा व्यक्त कर रहे है 



इस संदर्भ में मोहला मानपुर  जिला के नवनिर्मित पानाबरस वन मंडल के परिक्षेत्राधिकारी जागेश गौड़ ने बताया कि कक्ष क्रमांक 512 के जो ऊंचे पहाड़ी टीला नुमा क्षेत्र में लगभग 21 वर्ष पूर्व 50 हेक्टेयर क्षेत्र में 40 हेक्टेयर क्षेत्र में थिनिंग का कार्य किया जा रहा है उक्त क्षेत्र मोहला से बारह किलोमीटर की दूरी पर ततोडा सुर का जंगल में स्थित है  जिसमे बहुत से गगन चुंबी सागौन काष्ठ,  इमारती काष्ठ की प्रचुरता सघन क्षेत्र में माना जाता है परिक्षेत्राधिकारी जागेश गौड़ आगे बताते है कि 21 वर्षों तक क्षेत्र में न पहुचने की एक वजह यह भी है रहा कि दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र,खूंखार,वन्य प्राणी,एवं विभिन्न पेड़ पौधों के  

खरपतवार से कोई भी 



आने का साहस नहीं दिखाता था जिससे यह क्षेत्र सदैव उपेक्षित रहा और संपूर्ण 50 हेक्टेयर क्षेत्र छोटी बड़ी झाड़ झाड़ियों पेड़ पैधों से पट गया, परिणामता 21वर्ष तक बगैर विभागीय थिनिंग के खरपतवार की साफ सफाई नहीं हो पाई और क्षेत्र सघन वन क्षेत्र में परिवर्तित होता गया जहां बड़ी संख्या में वन्य प्राणियों का रहवास भी बढ़ने लगा जिनमे मुख्यत,खरगोश,जंगली मुर्गी, कोठरी,हिरण,तेदुआ, नीलगाय,भालू,आदि जानवर बहुतायत अवस्था में वास होने लगा इस संदर्भ में परिक्षेत्राधिकारी जागेश गौड़ आगे बताते है कि वन्य प्राणियों की लगातार उपस्थिति के कारण पहाड़ी क्षेत्र सुरक्षित बना  हुआ है शिकारी एवं अन्य काष्ठ माफिया वन्य प्राणियों के भय से थरथर कांपते है तथा पहाड़ी क्षेत्र में भय मात्र खाते है वन विकास निगम के मोहला मानपुर के नवनिर्मित जिला  पानाबरस परियोजना मंडल के युवा जुझारू और कर्तव्य निष्ठ प्रभारी  डिविजन मैनेजर (डी.एम.)   होमलाल साहू का कथन है कि पहाड़ी क्षेत्र में स्थित वन विकास निगम का यह क्षेत्र कभी वर्षों से उपेक्षित रहा था जिसे 21 वर्षों पश्चात कटाई छ्टाई,कर थिनिंग कार्य किया जा रहा है इससे क्षेत्र की अलग छटा बिखर रही है बहुत से खरपतवार की कटाई छटाई किया गया इससे सागौन सहित बहुत से इमारती कष्ठों की ऊंचाई वन क्षेत्र की भाव भंगिमा में अलग निखार  आया है प्रभारी डी.एम. पानाबरस होमलाल साहू आगे बताते है कि वनक्षेत्र में थिनिंग,कटाई छटाई से वन्य प्राणी निश्छल स्वतंत्र मुक्त रूप से विचरण कर रहे है उनके सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है इसके लिए सैकड़ों की संख्या में श्रमिक लगाए गए थे ताकि आसन्न वर्षा ऋतु में रिक्त भूमि पर प्लांटेशन कर क्षेत्र को अधिक रूप से हरा भरा बनाया जा सके उक्त कार्य में मोहला रेंज के अन्य परिक्षेत्राधिकारी दीपिका सोनवानी को पूरा सहयोग लिया जा रहा है बताते चले कि रेंजर दीपिका सोनवानी युवा के साथ एक साहसी रेंजर के रूप में जानी जाती है इसी विगत वर्ष बालौद के काष्ठ माफिया के द्वारा कीमती इमारती काष्ठ को पकड़ने में बहुत बड़ा सराहनीय कार्य किया था जिनकी सर्वत्र चर्चा विभाग में की गई थी वे भी उक्त 50हेक्टेयर भूभाग के वन क्षेत्र में होने वाले थिनिग कार्य में सराहनीय योगदान देते दिखाई दी रेंजर दीपिका सोनवानी का कथन है कि प्रदेश में बहुत से ऐसे क्षेत्र है जो वन विकास निगम के अधीन है जिसमे बहुत से क्षेत्र में कटाई छटाई के अलावा थिनिंग कार्य किया जा रहा है नवा जिला होने के कारण मोहला का 50 हेक्टेयर भूभाग में लगभग 40 हेक्टेयर क्षेत्र में थिनिंग कार्य कर सुव्यवस्थित किया गया है शेष भूभाग को वन्य प्राणियों को सुरक्षित रहवास हेतु रखा गया है ताकि स्वछंद विचरण कर सके अब अलग से पहाड़ी वन क्षेत्र के गगनचुंबी पेड़,पौधे अलग छटा बिखेर रहे है मोहला मानपुर के नव निर्मित जिले के कथित क्षेत्र में थिनिंग कर कटाई छटाई करने के कारण पूछने पर परिक्षेत्राधिकारी जागेश गौड़ आगे बताते है कि लगातार बढ़ते खरपतवार के कारण 21वर्ष पूर्व कराए गए सागौन प्लांटेशन का ग्रोथ नही हो पाता था जिससे वन विकास निगम के राजस्व की बड़ी क्षति हो रही थी पहाड़ी इलाके में कई वर्ष पश्चात थिनिंग कार्य होने से सुव्यवस्थित पेड़ पौधों हुए है और उनका ग्रोथ भी इस वर्षा में बढ़ा है  खुला मुक्त वातावरण मिलने 


तथा उष्ण,हवा,पानी जैसे  पोषक तत्व आहार उन्हे बराबर  प्राप्त मिलने से दुगनी  बढ़ोत्तरी प्राप्त होनी तय है वही  उन्होंने आगे बताया कि ऐसे क्षेत्र के प्लांटेशन पेड़ पौधे उपज ढलाने पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वहां की मिट्टी उपजाऊ और अच्छा होता है रेंजर जागेश गौड़ आगे बताते है कि वन क्षेत्र में प्राय ऐसे कीट पतंग जो क्षेत्र में अलग प्रकार की सिटी नुमा आवाज  निकालते है जिनके विशेष आवाज की सिटी प्रक्रिया साथ ही ,प्रजनन क्षमता, तथा अल्प समय में मृत होने के पश्चात मिलने वाले जैविक खाद का लाभ सघन वन क्षेत्र के पेड़ पौधों को प्रचुर मात्रा में  प्राप्त  होता है और इन कीट पतंगों की आयु मात्र 14 सप्ताह तक जीवित रहते है मृत होने पर नाइट्रोजन की मात्रा मिट्टी में मिलकर घुलनशील अवस्था को प्राप्त होता है जो वन्य क्षेत्र के पेड़ पौधों के लिए संजीवनी प्रदान करता है तथा वनों की सघनता बड़ जाती है जो मोहला,मानपुर,में वर्तमान स्थिति में परिलक्षित हो रहा है  ऐसे उपेक्षित हुए वन क्षेत्र के विस्तार उन्नयन हेतु  कार्यों में गति बढ़ाने का श्रेय नए वर्तमान पी.सी.सी.एफ. श्री तपेश झा साहब प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम को जाता है जिनकी लंबा कुशल प्रशासनिक सेवा का लाभ,दूरदर्शी सोच,कर्तव्यों के प्रति समर्पित भाव, उनका मूल मंत्र माना जाता है वन विकास निगम में वे अपनी महती सेवा का लाभ देने लगभग दो वर्षों की लंबी पारी खेल रहे है उनके छग वन विकास निगम में आते ही ऐसे रुके कार्यों को तरजीह देते हुए उसका विस्तार प्रारंभ कर दिया था प्रदेश वन विकास निगम के बहुत से वन क्षेत्र में थिनिंग कार्यों को गति देने आदेशित किया जिसका अक्षरश पालन किया गया ऐसे बहुत से कार्य भविष्य में देखने सुनने मिलेंगे ऐसी अपेक्षाएं वन विकास निगम  वन कर्मी लगाए बैठे है उल्लेखनीय है कि वन विकास निगम एक ही ढर्रे पर चलते हुए लकीर पर लकड़ी मांजता वर्षों से सांप समझ रहा है परंतु अब तक वही पुरानी स्थिति वर्षों से निर्मित बनी हुई है वही  प्लांटेशन,,कटाई आय,और नर्सरी तक कार्य सीमित रह चुका है अधिक होने पर औद्योगिक वृक्षारोपण,, आईपीडी योजना का क्रियान्वयन कर कार्यों की इति श्री मान ली जाती है जबकि कुछ निगम वन कर्मचारियों पर चर्चा करने पर बताया की बहुत से वन विकास निगम के कार्य क्षेत्रों के समीप। ग्राम उपस्थित है जहां पर सामाजिक स्तर के कार्य, तालाब,नलजल योजनाएं,सड़क,एवं प्लांटेशन,वृक्षारोपण सहित सामाजिक उन्नयन जैसे कई वन वाइस निगम में कार्यों को समाहित किया जा सकता है परंतु वन विकास निगम आज भी पूर्व कार्यों के ढर्रे पर चलते हुए... लाकिर का फकीर ..बना हुआ बैठा है युवा उत्साही वन विकास निगम कर्मचारी कुछ नया प्रयास करने दृढ़ संकल्पित है उन सब की अपेक्षा वर्तमान वन विकास निगम के मुखिया तपेश झा साहब पर निर्भर और अपेक्षाएं उन पर टिकी हुई है ऐसी अपेक्षा भविष्य में कब खरा उतरते है अब यह देखना होगा.

खिलाड़ियों को तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती . डी.एफ.ओ.विश्वेश झा

 खिलाड़ियों को तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती . डी.एफ.ओ.विश्वेश झा 

रायपुर  हरियाणा पंचकुला के26वीं अखिल भारतीय वन खेल कूद प्रतियोगिता में पूरे देश में छग प्रदेश वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने प्रधान स्थान प्राप्त किया जो सब से बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है इसका श्रेय जहां मुख्य खेल प्रभारी श्री सुनील मिश्रा साहब ए सी सी एफ  को जाता है वही मैदानी तौर पर युवा ऊर्जावान कार्यों के प्रति समर्पित निष्ठावान, रायपुर वन मंडल आई एफ एस.अधिकारी विश्वेश कुमार झा भी पूरी ऊर्जा से खिलाड़ियों को मार्गदर्शन करते रहे इस संदर्भ में जब 26वीं अखिल भारतीय वन खेल कूद प्रतियोगिता के अविस्मरणीय पल पर चर्चा किया गया तो उन्होंने बताया की यह दूसरा अवसर है जब संपूर्ण भारत में छग प्रदेश वन विभाग ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त

 करने का अवसर प्राप्त किया है इसका श्रेय सभी वन विभाग के खिलाड़ियों को जाता है इसमें लगातार तीन माह तक नियमित अभ्यास का परिणाम माना जा रहा है सैकड़ों वन कर्मचारियों में चयनित प्रतिभागियों का चयन करना सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है उन्होंने आगे बताया कि क्योंकि प्रदेश भर से आए खिलाड़ी प्रतिभागियों के समक्ष बहुत सी परेशानी खड़ी रहती है जैसे उनके विभागीय ड्यूटी के दौरान कार्य और खेल के मध्य समन्वय स्थापित करना अवकाश के अलावा रहने एवं खेल ग्राउंड का चयन उनके लगातार सुबह दोपहर शाम में नियमित अभ्यास करना ऐसे विसंगतियों से दो चार होना जूझना पड़ता है इसकी व्यवस्था लगातार खेल प्रभारियों के ऊपर निर्भर करता है बैडमिंटन खिलाड़ी तथा गोल्ड मैडल लाए  रायपुर वन मंडलाधिकारी आई एफ एस अधिकारी विश्वेष कुमार झा आगे बताते है कि लगभग 350के लगभग चयनित खिलाड़ी प्रतिभागियों के लगातार नियमित अभ्यास हेतु अनुकूल वातावरण हेतू नियमित अभ्यास के लिए प्ले ग्राउंड जहां सभी उपकरण व्यवस्था का अनुकूल वातावरण सब से बड़ा मायने रखता है जिसकी लगातार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जाती रही तथा उन कमियों को दूर की जाती रही है यदि किसी खिलाड़ी के ड्रेस कोड सहित उपकरण,प्ले ग्राउंड,समतली कारण जैसी व्यवस्था पर नियमित निगरानी की जाती रही खिलाड़ियों में चाहे जिस वर्ग क्षेत्र का खिलाड़ी अब चाहे बैडमिंटन,हो, पग बाधा दौड़,स्विमिंग,जंप,जैसे भिन्न भिन्न खिलाड़ियों के भाला फेंक,भारोत्तोलन, उपकरण में कोई समस्या न आने पाई इसके लिए हम स्वयं खिलाड़ियों से चर्चा कर उसका निराकरण करते रहे  है,डी एफ ओ विश्वेश झा साहब आगे बताते है कि यही नहीं खिलाड़ियों के डाईट खान पान पर विशेष ध्यान व्यवस्था रखा गया था खिलाड़ियों को रुचिकर भोजन,वेज नॉनवेज ,की व्यवस्था लगातार जारी रही प्रतिभागियों के खेल ग्राउंड तक पहुंचने हेतु वाहन बस की व्यवस्था रखी गई थी जिनको निर्धारित प्रेक्टिस में उपलब्ध रह सके लगातार तीन माह के अभ्यास कार्य में पारिवारिक माहौल में रहते हुए कसरत किया यहां चयन प्रक्रिया में किसी सर भाई भतीजावाद नही किया गया  बल्कि उत्कृष्टता के आधार पर जीत का जज्बा लिए उत्साही युवा एवं सभी वर्ग आयु के खिलाड़ियों को चयन किया गया डी एफ ओ विश्वेश झा साहब आगे बताए है कि हमने तीन केटोगिरी आयु वर्ग में खिलाड़ियों को चयन किया   गया जिसमे 55 से 62वर्ष तक आयु जो सीनियर वर्ग के खिलाड़ी थे दूसरे केटीगिरी में 40 से 55 वर्ग आयु इसके पश्चात 30से 40 वर्ग  एवं अन्य जूनियर केटोगिरी में 22से 30 वर्ष आयु को रखा गया था  इस  प्रक्रिया में 187 खिलाड़ियों का चयन किया गया जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए हरियाणा पंचकुला के खेल महाकुंभ  में बहुत से प्रदेशों के खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा करते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया तथा छग वन विभाग के नाम को रौशन किया जो हमारे विभाग के लिए मील का पत्थर साबित हुआ

शुक्रवार, 16 जून 2023

वनरक्षक भर्ती हेतु रकम की मांग करने वाली महिला श्वेता देवांगन गिरफ्तार*

  वनरक्षक भर्ती हेतु रकम की मांग करने वाली महिला श्वेता देवांगन गिरफ्तार*


रायपुर   नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी साधेलाल बंजारे ने विभागीय कर्तव्यों का नैतिक निर्वहन का दायित्व करते हुए  थाना तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया  छ.ग. राज्य में वन विभाग में शासन द्वारा सीधी भर्ती के तहत वन रक्षको की भर्ती प्रकिया से सबंधित शारीरिक परीक्षण का क्रियान्वयन किया जा रहा है वन विभाग के द्वारा नियमानुसार अधिकृत तटस्थ (Neutral) एजेंसी के द्वारा वर्तमान में शारीरिक परीक्षण लिया जा रहा है। दिनांक 15.06.2023 को सोशल मिडिया के माध्यम से एक महिला द्वारा भ्रामक स्टींग ऑपरेशन के नाम से अफवाहें फैल रही थी तथा  कि मंगलम सर्विसेस रूम नंबर 506 शुभम कॉर्पोरेट तेलीबांधा रायपुर के संचालिका द्वारा वन विभाग में भर्ती कराने के लिये 1,50,000 रूपये एडवांस व नियुक्ति सूची में लाने के लिये 5,00,000 रूपये मांगे जाने की एवं मुझे 17 लोगो का टारगेट मिला है जिसमें से 13 लोगो से बातचीत कर सेटल हो गया कहते हुये एक लडकी की विडियो वायरल हुआ था। इस घटना से वन विभाग मे हो रही भर्ती प्रकिया के सबंध में लोगो में तरह तरह की भ्रांतियां हो रही है विभाग की बदनामी हो रही थी। जिस पर महिला आरोपी के विरूद्ध थाना तेलीबांधा में अपराध क्रमांक 358/2023 धारा 420 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।


घटना को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय श्री प्रशांत अग्रवाल द्वारा गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर/अपराध श्री अभिषेक माहेश्वरी, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन श्री मनोज धु्रव, प्रभारी एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना प्रभारी तेलीबांधा को महिला आरोपी की पतसाजी कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु निर्देशित किया गया। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना तेलीबांधा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थी से विस्तृत पूछताछ करते हुए प्रकरण में महिला आरोपी श्वेता देवांगन की पतासाजी कर पकड़ा गया।

पूछताछ में महिला आरोपी श्वेता देवांगन ने बताया कि वह बेरोजगारों को प्रायवेट नौकरी दिलवाती है तथा उसका वन विभाग के किसी भी अधिकारी या अन्य किसी भी उच्चाधिकारी से कोई सम्पर्क नहीं है उसने वन विभाग में वन रक्षक के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर 03 लोगों से कुल 4,50,000/- रूपये लिया था तथा रकम को अपने पास रखी थी यदि आवेदकों का नौकरी लग जाता तो वह रूपयों को स्वयं रख लेती और नौकरी नही लगता तो वह उन रूपयों को संबंधित व्यक्तियों को वापस कर देती। वर्तमान में छ.ग. शासन द्वारा विभिन्न विभागों के विभिन्न पदो पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया है जिसमें महिला आरोपी लोगों को नौकरी लगाने का झांसा देते हुए अपना शिकार बना रही थी।


रिपोर्ट कर्ता. साधे लाल बंजारे रेंजर नवा रायपुर

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                      वीडियो देखें

 आरोपी श्वेता देवांगन को गिरफ्तार कर उसके *कब्जे से घटना से संबंधित लैपटॉप, कम्प्यूटर, वनरक्षक भर्ती संबंधित आवेदन एवं फॉर्म, 01 नग मोबाईल फोन, 01 नग रजिस्टर जिसमें अलग-अलग नौकरी के संबंध में मिलने वालों की जानकारी, विभिन्न विभागों के फॉर्म एवं आवेदन तथा अन्य दस्तावेज जप्त* कर महिला आरोपी श्वेता देवांगन के विरूद्ध कार्यवाही किया गया।

गिरफ्तार महिला का विवरण

*गिरफ्तार महिला आरोपी- श्वेता देवांगन पिता स्व. मदन लाल देवांगन उम्र 24 साल निवासी अमलीडीह थाना न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर।*

शुक्रवार, 9 जून 2023

बार अभ्यारण्य के 50 हेक्टेयर चारागाह विस्तार से वन प्राणियों के लिए बना स्वर्ग

 बार अभ्यारण्य के 50 हेक्टेयर चारागाह विस्तार से वन प्राणियों के लिए बना स्वर्ग



छत्तीसगढ़ वनोदय पत्रिका 

में प्रकाशित)

अलताफ हुसैन

 पर्यटक के रूप में आप हम जब वन परिक्षेत्रों से गमन करते है तब  प्रायः अनेक क्षेत्रों में आयताकार वाले हरे बोर्ड  दृष्टिगोचर हो जाते है जिसमे लिखा होता है.. वन्य प्राणी वनों का श्रृंगार है कृपया उनकी रक्षा करिए..परन्तु उनके जान माल सुरक्षा में कहीं न कहीं चूक हो ही जाती है अब चाहे कभी प्राकृतिक रूप से तो कभी शिकारियों के शिकार से गाड़ी मोटर परिचालन से घटना दुर्घटना हताहत या वनग्रामों के आवारा कुत्तों से शिकार हो कर बहुत से हिरण, कोटरी, बारहसिंघा जैसे  वन्य प्राणी असमय ही कालग्रास बन जाते है तथा इसका दोष किसी पर नही मढ़ा जा सकता क्योंकि यह प्राकृतिक नियति का उप संहार प्रक्रिया भी हो सकता है  इसलिए भी वन विभाग उनके स्वच्छंद मुक्त वातावरण में विचरण करने और उनके जीवन को प्रकृति के हाल पर छोड़ देता है यही कारण है कि यदाकदा समुचित सुरक्षा के अभाव में मृत वन्यप्राणियों के  शव क्षत विक्षप्त हो कर आवारा कुत्तों,हिंसक वन्य प्राणियों के निवाला भी बन जाते है जो चिंतनीय है इन सब के इतर ऐसे वन अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद  है जो अपने नैतिक कर्तव्यों दायित्वों का निर्वहन बड़ी ईमानदारी से कर वन्य प्राणियों के सुरक्षा के प्रति किसी ईश दूत से कम नही जो  प्रकृति के नियम के मध्य घूम रहे काल चक्र के बीच छग प्रदेश के सिमटे वन क्षेत्रों में बसे वन्यप्राणियों के संरक्षण, संवर्धन में अपनी महती भूमिका निभा रहे है उनके रहवास,सुरक्षा और  खानपान चारा पानी की व्यवस्था में नई योजनाओं के माध्यम से एक नई इबारत लिख रहे है प्रदेश के बलौदाबाजार वन मंडल के अंतर्गत वृहद भूभाग में विस्तृत बार नवापारा अभ्यारण्य परिक्षेत्र मे एक ऐसा अद्भुत विरला वन अधिकारी भी रहा है जो उनके सुरक्षा रहवास को लेकर सदैव चिंतित रहता था उन्हें मुक्त वातावरण अभ्यारण्य मे कुलांचे भरते देख  किसी भी पर्यटक,आम जन का मन देखकर किसी मासूम बच्चे की तरह  खिल उठता है नित वन्यप्राणियों के हित मे और क्या बेहतर किया जा सकता है उस विषय पर लगातार वह अधिकारी  नई योजनाओं के प्रति मनन करने की सोच हमेशा बनी रहती थी  इसी वन क्षेत्रों के श्रृंगारित करने की सोच ने  देश के बाहरी राज्यों  से आयातीत वन्य प्राणियों के संरक्षण,संवर्धन में अपनी पूरी ऊर्जा लगाकर उनके कुनबे में लगातार वृद्धि जैसे प्रयास कर हमेशा सुर्खियों और चर्चा में बने रहे थे ऐसे वन अधिकारी का परिचय स्वतः उसका कार्य करने का ढंग बता देता है 


यह वन अधिकारी कोई और नही बल्कि बार नयापारा के युवा ऊर्जावान, कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार,कर्मठ,कर्मयोगी,जुझारू तथा वनों एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण संवर्धन में सदैव तत्पर रहने वाले युवा ऊर्जावान रहे तात्कालिक बार अभ्यारण्य परिक्षेत्राधिकारी एवं वर्तमान गोमार्डा वन क्षेत्र के पदोन्नत एस डी ओ कृषालु चंद्राकर है जिनके बार विभागीय सेवा कार्यकाल में उन्होंने बहुत से ऐसे कार्यों को अंजाम दिया कि उनके नाम की वैभवता का डंका प्रदेश भर के वन विभाग में होने लगा था प्रदेश भर में विलुप्त होते काले हिरण की कमी को दूर करते हुए बलौदाबाजार वन मंडल के वरिष्ठ तत्कालीन वन मंडला अधिकारी कृष्ण कुमार बढ़ई साहब के दिशा निर्देश पर बार नवापारा अभ्यारण्य के  अधीक्षक आनंद कुदरिया साहब के मार्ग दर्शन में देश के अन्य राज्य से सत्तर काले हिरणों को आयात कर  उनकी मेहमान नवाजी करते हुए तात्कालिक परिक्षेत्राधिकारी वर्तमान एस डी ओ. कृषालु चंद्राकर ने विपरीत जलवायु,और वातावरण में उनके रहवास हेतु एक बड़े भूभाग स्थल का चयन कर लगातार परिक्षेत्र के वन कर्मियों की निगरानी में रखवाया परिणामतः  कुनबे में 150 से ऊपर काले हिरण संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि से आज बार नवापारा  अभ्यारण्य के जंगल उनके कुलांचे और धमाचौकड़ी से आबाद हो गया है पर्यटक भी काले हिरण को अपने आसपास होने पर रोमांच और हर्षित होकर स्वंय प्रफुल्लित हो रहे  है बार अधीक्षक आनंद कुदरिया जो पूर्व में भी जंगल सफारी जैसे मानव निर्मित वन क्षेत्र में अपनी लंबी सेवाएं दी है जिसकी वजह से वन्य प्राणीयों के रहवास उनके खानपान पर विशेष ध्यान देने की चिंता सदैव बनी रहती तब उनके निर्देश पर ऐसे शाकाहारी दुब घास की उपलब्धता और आवश्यकता पर कार्य योजना बनाने पर जोर दिया जिससे विलुप्त काले हिरण सहित अन्य शाकाहारी वन्य प्राणी अन्यंत्र न भटक सके


और उन्हें एक ही स्थल पर हरे भरे दुब घास जैसी खुराक मिल सके तथा उनकी जान माल की सुरक्षा भी बनी रहे इसके लिए बार नवापारा के तात्कालिक परिक्षेत्राधिकारी गोमार्डा एस डी ओ. कृषालु चंद्राकर ने बार के सघन वनक्षेत्र स्थित रामपुर ग्राम से लगे लगभग 50 हेक्टेयर भूभाग में दुब घास रोपण हेतु चयन किया तथा लगभग 35 प्रकार के उत्तम क्वालिटी के घास का रोपण करवाकर बार नवापारा अभ्यारण्य में विचरण करते शाकाहारी वन्यप्राणियों के लिए चारागाह का निर्माण करवाया जो संपूर्ण देश के वन विभाग के लिए एक मिसाल और प्रासंगिक हो चुका है आज बार नवापारा अधीक्षक आनंद कुदरिया तथा तात्कालिक बार रेंजर कृषालु चंद्राकर के बार के शाकाहारी वन्यप्राणीयों के लिए 50 हेक्टेयर भूभाग में चारागाह विस्तार निर्माण किए जाने की सर्वत्र प्रशंसा और सराहना मिल रही है तथा उनसे मोबाइल,सोशल मीडिया के माध्यम से उनके द्वारा स्वास्थ्य वर्धक घास,दुब उपज की विधि पूछी जा रही है इस संदर्भ में बलौदाबाजार वन मंडल के वर्तमान डीएफओ मयंक अग्रवाल ने जब बार अभ्यारण्य के कथित रामपुर ग्राम के समीप 50 हेक्टेयर में निर्मित चारागाह विस्तार का अवलोकन किया तब वे भी स्तब्ध रह गए तथा मुक्त कंठ से बार अधीक्षक आनंद कुदरिया एवं बार रेंजर कृषालु चंद्राकर की प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक असंभावित कार्य था जिसे आप लोगों की लगन और जुझारू प्रवृत्ति ने पूर्ण कर दिया जिसकी वजह से बार के शाकाहारी वन्य प्राणियों के खान पान की व्यवस्था दुरुस्त हो गई जो सराहनीय कार्य है शाकाहारी वन्यप्राणियों के चारागाह  विस्तार  निर्माण की योजना के संदर्भ में वर्तमान बार रेंजर  प्रभारी  जीवन लाल साहू  जो लंबे समय से कोठरी रेंज के आर ओ.है  तथा  बड़ी कर्तव्यनिष्ठा,ईमानदारी के साथ दायित्वों का निर्वहन कर रहे है वन्य प्राणियों के संरक्षण सुरक्षा हेतु अधीनस्थ कर्मियों को दिशा निर्देश देते है  ताकि बार अभ्यारण्य में  इनके रहवास और उपस्थिति से वनों का श्रृंगार  बना रहे तथा पर्यटक अभ्यारण विचरण का अधिक से अधिक लाभ उठा सके उन्होंने 

बताया कि लेंटाना जैसे खरपतवार बार मे भी बहुतायत स्थिति में है जिसके लिए वन विभाग उसके उन्मूलन हेतु करोड़ों रुपये का व्यय करता है परन्तु कुछ समय पश्चात पुनः लेंटाना खरपतवार उग जाता है जिसकी वजह से शाकाहारी वन्यप्राणियों को चारा नही  मिल पाता तथा वे अन्यत्र भटकते है और घटना,दुर्घटना हो कर असमय काल ग्रास बन जाते थे  बार अभ्यारण्य परिक्षेत्र अधिकारी प्रभारी जीवन लाल साहू आगे बताते है कि उनके संरक्षण संवर्धन, सुरक्षा,रहवास,और खाद्य चारा हेतु योजना तैयार कर 50 हेक्टेयर भूभाग से लैंटाना खरपतवार को साफ किया गया तथा




चयनित स्थल में लेंटाना खरपतवार घास फूस को खुले भूभाग में  एकत्र कर नष्टीकरण किया गया पहले संपूर्ण भूमि को उपज के हिसाब से समतलीकरण किया गया  35 प्रजातियों के घास का चयन किया गया जो हिरन कोटरी,नीलगाय,बारहसिंघा, जैसे वन्यप्राणियों को अतिप्रिय  ग्रास होते है उन्हें वर्षा ऋतु के पूर्व माह जून में रोपण कर दिया इसके रोपण में एक खुरपी से जमीन में गड्ढा कर उन्हें रोप दिया गया वर्षा होने पर इसके आशातीत परिणाम सामने आए और स्वमेव घास ग्रोथ करने लगे  रेंजर प्रभारी जीवनलाल साहू साहब आगे बताया कि एक घास जिसका नाम पैस पेलम घास है उसके एक जड़ पौधे में लगभग 100 शाखाएं रेशे की निकली होती है जिसकी एक एक रेशे को निकाल कर रोपण कर दिया जाता है यह एक मुलायम,सुपाच्य,दुब है मजे की बात है कि यह छांव में भी उग जाती है यह वर्षाधारित घास नही है तथा बारहमासी इसकी उपज हरियाली बनी रहती है तथा शाकाहार वन्यप्राणी भी हरियाली देखकर आकर्षित होते है इस चारागाह  विस्तार निर्माण कार्य के लिए रेंजर कृषालु चंद्राकर और  डिप्टी रेंजर गोपाल प्रसाद वर्मा की दूरदर्शी सोच रही है कि उन्होंने शाकाहार वन्यप्राणियों के चारागाह निर्माण की सोच रखते हुए कार्ययोजना तैयार की गई और  बीट फॉरेस्ट ऑफिसर धनेश्वर साहू,मिथलेश ठाकुर,के साथ चारागाह विस्तार निर्माण प्रारंभ किया गया रेंजर जीवनलाल साहू साहब

 ने आगे बताया कि वनों के पौष्टिक घास के संदर्भ में तात्कालिक रेंजर कृपालू चंद्राकर साहब की जानकारी और मार्गदर्शन  से प्राप्त करते हुए  उसकी गुणवत्ता जिसमे प्रकृति घास जो शाकाहारी वन्य प्राणियों को अति प्रिय होता है  इसके लिए अलग अलग मैदानी, वन्य क्षेत्र में गहन निगरानी पड़ताल  कर उन 35  घासों का चयन किया गया जिनमे   जंगली नेवरी,बीज घास,बनकोदो,बेर घास,बड़ा सिक्का,छोटा सिक्का, नाम के घास का रोपण किया गया है गोंड घास,पेस पेलम, दुब, जैसे घास को प्रचुर मात्रा में उपज किया गया प्रभारी रेंजर साहू साहब  ने आगे बताया उन्होंने जिनमे कई घास के  बीज भी होते है  जिन्हें नवंबर के अंत से लेकर दिसंबर,जनवरी तक इसके बीजों का संग्रहण किया जाता है जिसे मार्च की तपिश में सुखाकर जून माह वर्षा के पूर्व में खुरपी नुमा लौह औजार से गड्ढा खनन कर इनका रोपण कर दिया जाता है


जो वर्षा में पूरी तरह हरियाली युक्त हो जाते है बार परिक्षेत्राधिकारी जीवन लाल साहू  ने आगे बताया कि 50 हेक्टेयर वृहद भूभाग में मानव निर्मित ग्रासलैंड) चारागाह विस्तार के प्रति शाकाहारी वन्यप्राणी कितने आकर्षित है यह ज्ञात करने हमने दो मीटर बाई दो मीटर का चैन लिंक बना कर बढ़त घास से अनुमान लगाया कि खुले 50 हेक्टेयर स्थल के ग्रास चराई की वजह से छोटे है 


तथा दो मीटर में लगे घास की ऊंचाई लगभग तीन से चार फीट की बढ़त बनाए हुए है यही नही वन्यप्राणियों के चराई पश्चात पुनः घास ग्रोथ करते रहते है जिससे शाकाहारी वन्यप्राणियों को बारहमासी हरे घास उपलब्ध हो रहे है बार रेंजर जीवनलाल साहू साहबने आगे बताया कि वही करीब में ही एक तालाब है 


तथा ढलानी क्षेत्र में जल संग्रहण हेतु लूज बोल्डर लगाकर चेक डेम निर्माण भी किया गया है इसके निर्माण के लिए भी  लेंटाना खरपतवार साफ कर  उक्त स्थल में जल संग्रहण हेतु प्रयास किए गए है ताकि खानपान के साथ वन्य प्राणियों को सहजता से पेयजल प्राप्ति हो सके बार रेंजर जीवनलाल साहू साहब का वन्य प्राणियों के हितार्थ उठाए गए उक्त कार्य वस्तुतः प्रशंसनीय है जिसकी वजह से अभ्यारण्य क्षेत्र में खरपतवार से ढंके वन स्थल अब खुले मैदानी घास  क्षेत्र में परिवर्तित हो गया उस के साथ ही भू संरक्षण,जल संरक्षण भी हो गया है वही घास उपज से जल संरक्षण के साथ उसका स्तर भी बढ़ गया है जहां स्वच्छंद विचरण करते चीतल, नीलगाय,सांभर, काला हिरन, खरगोश  को एक स्थल में देखकर वह स्लोगन सार्थक लगता है कि वन्य प्राणी वनों के शृंगार है जिनकी एक स्थल पर उपस्थिति अभ्यारण्य की वैभवता में चार चांद लगा रहे है

शुक्रवार, 2 जून 2023

डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव भ्रष्ट आचरण के चलते रेंजर की पदोन्नति में वैतरणी कैसे पार लगाएंगे

  डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव भ्रष्ट आचरण के चलते  रेंजर की पदोन्नति में वैतरणी कैसे पार लगाएंगे 


अलताफ हुसैन 

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) छत्तीसगढ़ प्रदेश की वैभवशाली पूज्य विरासत प्रभु श्री राम के भांचा के रूप में चिन्हित है जिसके लिए उनके द्वारा चौदह वर्ष का वनवास का घोर लंबा काल इसी छग क्षेत्र में व्यतीत किया हुआ था इस चिर स्थाई काल को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राम वन गमन पथ परिक्रमा को चिन्हित कर ने के उद्देश्य से प्रदेश का वन परिवर्तक विभाग के सहयोग से संपूर्ण क्षेत्र को हरियाली युक्त क्षेत्र का निर्माण किया था इसके लिए दो वर्ष पूर्व करोड़ों रुपए की राशि लगाने व्यय किए गए थे तीन से पंद्रह फिट ऊंचे पौधों का रोपण कर बांस से निर्मित ट्री गार्ड का लाखों,करोड़ी रुपए की राशि व्यय  किया गया था 


परंतु दो वर्ष पश्चात ही प्रभु श्री राम वन गमन पथ रोपण के नाम से अधिकांश पौधे और ट्री गार्ड का खस्ता हाल प्रदेश भर में नजर आ रहा है प्रभु श्री राम वन गमन परिपथ  करोड़ों की राशि व्यय करने के उद्देश्य के पीछे कोई औचित्य अब नजर नहीं आ रहा है एक प्रकार से आमजन  यह कह ते नही थक रहे कि न तो अब  प्रभु श्री राम में आस्था मिल रहा और न ही प्रदूषण से लगने वाले वृक्षारोपण का अस्तित्व कारगर नजर नहीं आ रहा है

उदाहरण स्वरूप ऐसी  विकराल स्थिति महासमुंद वन मंडल कार्यालय के अलावा रायपुर वन मंडल कार्यालय के विभिन्न परिक्षेत्र में दृष्टि गोचर हो रहा है सिरपुर,लहंगर, पिरदा,सहित आरंग, समोदा, चंपारण मार्ग,एन एच हाइवे के मुख्य मार्ग सहित बहुत से पथ रोपण क्षेत्र के पेड़ पौधे एवं बांस के निर्मित ट्री गार्ड पूर्णता क्षति ग्रस्त हो चुके है प्रदेश भर के सभी वन क्षेत्र मंडलों में निर्मित किए गए रामवन गमन पथ रोपण की यही स्थिति प्रदेश भर में नजर आ रही है सर्वाधिक चर्चा के रूप में रायपुर वन मंडल के आरंग काष्ठागार प्रभारी एवं डिप्टी रेंजर के रूप में सर्वाधिक भ्रष्ट सुर अधिकारी लोकनाथ ध्रुव का नाम खासा  रूप में  चर्चित है सारे भ्रष्ट आचरण उन्होंने अपने नाम कर रखा है अब चाहे ट्री गार्ड निर्माण हो, वृक्षा रोपण प्लांटेशन कार्य हो,काष्ठ माफियाओं से सांठगांठ और संलिप्त  में सहयोग हो या फिर विभागीय निर्माण कार्य हो, यहां तक सरई खांम  काष्ठ सहित क्षेत्र में हरे भरे चिरान चट्टे बट्टों कष्ठों को हरा भरा जलाकर कोयला निर्माण करने की दलाली पर भी इसके आरोप  लग चुके है इसकी पुष्टि हालिया समाचार पत्र में इसका प्रकाशन हो चुका है परंतु इस संदर्भ में विभागीय कार्यवाही अब तक नही हो सकी जबली उनकी  भ्रष्ट आचरण शैली  में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आई  


बल्कि सप्ताह भर पूर्व अपने कृत्यों को छुपाने के उद्देश्य से एक ट्रेक्टर ट्राली अवैध काष्ठ  को राजसात कर कार्यवाही की गई ताकि केवल अपने भ्रष्ट चारिता  कृत्यों को छुपाया जा सके जो उनका  शगल मात्र माना जा रहा है जबकि फरफैद ग्राम सहित आसपास क्षेत्रों में प्रति दिन सैकड़ों टन कष्ठों का परिवहन रायपुर स्थित भानपुरी सहित अन्य क्षेत्रों में अवैध काष्ठ माफियाओं के द्वारा प्रतिदिन सप्लाई होता रहता है जिसकी जानकारी डिप्टी को ज्ञात है पता चला है कि इसके एवज में प्रत्येक ट्रेक्टर ट्राली अथवा उसके माफिया टीम लीडर के द्वारा अच्छी खासी राशि डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव को उनके मातहत के माध्यम से प्राप्त होता है इससे ज्ञात होता है की  आसपास के  सब काष्ठ माफिया इनके गलबहिया  चिर परिचित है तथा परस्पर समन्वय स्थापित करके लंबे वर्षों से  नवा रायपुर वन परिक्षेत्र के आरंग क्षेत्र में चल रहा है यही वजह है कि संपूर्ण कार्योयोनाओं के क्रियान्वयन के पूर्व ही राशि में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आती सारे मैनेज काष्ठ माफियाओं और भ्रष्टाचार से समस्त राशि की पूर्ति होती रहती है यही वजह है कि डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव आरंग सर्किल छोड़ना नहीं चाहते और आरंग हाउसिंग बोर्ड  सहित अन्य स्थानों में चल अचल संपत्ति आकुत संपत्ति अर्जित कर रखे है इस संदर्भ में यह भी उनके संदर्भ में चर्चा भी बताया जाता है कि भ्रष्ट आचरण के चलते उनके गोपनीय चरित्रावली में लाल स्याही चल चुकी है जिसकी वजह से उनका परमोशन लंबे समय से अटका पड़ा हुआ था जानकारी यह भी मिली है कि  गोपनीय चरित्रावली सुधारने के एवज में  उन्होने संबंधित कर्मचारी को गत वर्ष लाखों रुपए देकर प्रकरण को क्लीन चिट करवाया है इसके कितनी सच्चाई है यह अब ज्ञात नही परंतु सत्यता यह भी है की इसी वर्षांत डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव पदोन्नत होकर रेंजर बन जाएंगे इसके लिए अपुष्ट खबर से समाचार मिल रहा है की पदोन्नति पाने के लिए सभी अधिकारियों को मुंह भरकर लाखों की राशि दे रहे है इस संदर्भ में नियम के  जानकारों का मत है कि इस प्रकार भ्रष्ट आचरण वन कर्मियों की गोपनीय  चारित्रावली में स्वच्छ आचरण न होने पर किस माप दंड के तहत पदोन्नत होता है बहुत कठिन होता है भ्रष्ट आचरण शैली में  उसका माप दंड क्या रखा गया है यह स्पष्ट होना अनिवार्य है जिस केटी गिरी में उन्हे (क) श्रेणी में है या  (ग) श्रेणी में माप दंड रखा गया है उसका खुलासा आवश्यक है यदि किसी के द्वारा कोर्ट में चैलेंज कर दिया खासकर ऐसे  लगातार भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की स्थिति में गोपनीय चरित्रा वाली  जैसा की काष्ठ माफियाओं के द्वारा  लगातार उनके क्षेत्र में अनवरत चोरी होना,बांस निर्मित ट्री गार्ड जो आरंग स्थित राजीव भवन के उद्घाटन हेतु  स्वयं कारीगरो से अल्प सामग्री में निर्मित करवाकर 1:70 रुपए में क्रय करना जिसमे लाखों की राशि का घोटाला बताया जाता है वही एक से पांच रुपए के मिलने वाले पौधों को 25 से 100 रु तक विभाग से राशि आहरित करना यही नहीं अन्य विभागीय योजनाओं के मद को जो केवल पैंतीस प्रतिशत राशि को व्यय कर  शेष पैंसठ प्रतिशत राशि  को भले ही कमीशन खोरी और गड़बड़ घोटाला में संलिप्त रह कर अंजाम दिया जाता रहा है, उसका सूचना के अधिकार में सूचना प्राप्त की गई तो बहुत बड़े खुलासे का भंडाफोड़ हो सकता है यहां डिप्टी लोकनाथ ध्रुव के द्वारा चौकीदारों के नाम पर फर्जी बिल बाउचर निकालना बताया जाता है , यदि ईमानदारी से चौकीदारों का नियमित कार्य होता तब  आरंग क्षेत्र में शासन की महात्वाकांछी योजना राम वन गमन पथ योजना का अब तक  बंटाधार नही होना जो आरंग डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव के भ्रष्ट आचरण की पराकाष्ठा ही कहा जा सकता है  अब सवाल उठता है कि ऐसे भ्रष्टासुर  आरंग डिपो के डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव यदि ऐसे  परिक्षेत्राधिकारी के रूप में पदोन्नत होते है तो वन विभाग की नैय्या डूबना तय माना जा रहा है क्योंकि उनके भ्रष्टाचार की फेहरिस्त की सूची हर कार्य की बड़ी है जो एक अध्याय को सिलसिले वार विस्तार पूर्वक बताने का समय अनुसार  उचित होगा !!इति श्री!!  अथ श्री भ्रष्टा चार कथा!!