शुक्रवार, 2 जून 2023

डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव भ्रष्ट आचरण के चलते रेंजर की पदोन्नति में वैतरणी कैसे पार लगाएंगे

  डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव भ्रष्ट आचरण के चलते  रेंजर की पदोन्नति में वैतरणी कैसे पार लगाएंगे 


अलताफ हुसैन 

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) छत्तीसगढ़ प्रदेश की वैभवशाली पूज्य विरासत प्रभु श्री राम के भांचा के रूप में चिन्हित है जिसके लिए उनके द्वारा चौदह वर्ष का वनवास का घोर लंबा काल इसी छग क्षेत्र में व्यतीत किया हुआ था इस चिर स्थाई काल को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राम वन गमन पथ परिक्रमा को चिन्हित कर ने के उद्देश्य से प्रदेश का वन परिवर्तक विभाग के सहयोग से संपूर्ण क्षेत्र को हरियाली युक्त क्षेत्र का निर्माण किया था इसके लिए दो वर्ष पूर्व करोड़ों रुपए की राशि लगाने व्यय किए गए थे तीन से पंद्रह फिट ऊंचे पौधों का रोपण कर बांस से निर्मित ट्री गार्ड का लाखों,करोड़ी रुपए की राशि व्यय  किया गया था 


परंतु दो वर्ष पश्चात ही प्रभु श्री राम वन गमन पथ रोपण के नाम से अधिकांश पौधे और ट्री गार्ड का खस्ता हाल प्रदेश भर में नजर आ रहा है प्रभु श्री राम वन गमन परिपथ  करोड़ों की राशि व्यय करने के उद्देश्य के पीछे कोई औचित्य अब नजर नहीं आ रहा है एक प्रकार से आमजन  यह कह ते नही थक रहे कि न तो अब  प्रभु श्री राम में आस्था मिल रहा और न ही प्रदूषण से लगने वाले वृक्षारोपण का अस्तित्व कारगर नजर नहीं आ रहा है

उदाहरण स्वरूप ऐसी  विकराल स्थिति महासमुंद वन मंडल कार्यालय के अलावा रायपुर वन मंडल कार्यालय के विभिन्न परिक्षेत्र में दृष्टि गोचर हो रहा है सिरपुर,लहंगर, पिरदा,सहित आरंग, समोदा, चंपारण मार्ग,एन एच हाइवे के मुख्य मार्ग सहित बहुत से पथ रोपण क्षेत्र के पेड़ पौधे एवं बांस के निर्मित ट्री गार्ड पूर्णता क्षति ग्रस्त हो चुके है प्रदेश भर के सभी वन क्षेत्र मंडलों में निर्मित किए गए रामवन गमन पथ रोपण की यही स्थिति प्रदेश भर में नजर आ रही है सर्वाधिक चर्चा के रूप में रायपुर वन मंडल के आरंग काष्ठागार प्रभारी एवं डिप्टी रेंजर के रूप में सर्वाधिक भ्रष्ट सुर अधिकारी लोकनाथ ध्रुव का नाम खासा  रूप में  चर्चित है सारे भ्रष्ट आचरण उन्होंने अपने नाम कर रखा है अब चाहे ट्री गार्ड निर्माण हो, वृक्षा रोपण प्लांटेशन कार्य हो,काष्ठ माफियाओं से सांठगांठ और संलिप्त  में सहयोग हो या फिर विभागीय निर्माण कार्य हो, यहां तक सरई खांम  काष्ठ सहित क्षेत्र में हरे भरे चिरान चट्टे बट्टों कष्ठों को हरा भरा जलाकर कोयला निर्माण करने की दलाली पर भी इसके आरोप  लग चुके है इसकी पुष्टि हालिया समाचार पत्र में इसका प्रकाशन हो चुका है परंतु इस संदर्भ में विभागीय कार्यवाही अब तक नही हो सकी जबली उनकी  भ्रष्ट आचरण शैली  में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आई  


बल्कि सप्ताह भर पूर्व अपने कृत्यों को छुपाने के उद्देश्य से एक ट्रेक्टर ट्राली अवैध काष्ठ  को राजसात कर कार्यवाही की गई ताकि केवल अपने भ्रष्ट चारिता  कृत्यों को छुपाया जा सके जो उनका  शगल मात्र माना जा रहा है जबकि फरफैद ग्राम सहित आसपास क्षेत्रों में प्रति दिन सैकड़ों टन कष्ठों का परिवहन रायपुर स्थित भानपुरी सहित अन्य क्षेत्रों में अवैध काष्ठ माफियाओं के द्वारा प्रतिदिन सप्लाई होता रहता है जिसकी जानकारी डिप्टी को ज्ञात है पता चला है कि इसके एवज में प्रत्येक ट्रेक्टर ट्राली अथवा उसके माफिया टीम लीडर के द्वारा अच्छी खासी राशि डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव को उनके मातहत के माध्यम से प्राप्त होता है इससे ज्ञात होता है की  आसपास के  सब काष्ठ माफिया इनके गलबहिया  चिर परिचित है तथा परस्पर समन्वय स्थापित करके लंबे वर्षों से  नवा रायपुर वन परिक्षेत्र के आरंग क्षेत्र में चल रहा है यही वजह है कि संपूर्ण कार्योयोनाओं के क्रियान्वयन के पूर्व ही राशि में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आती सारे मैनेज काष्ठ माफियाओं और भ्रष्टाचार से समस्त राशि की पूर्ति होती रहती है यही वजह है कि डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव आरंग सर्किल छोड़ना नहीं चाहते और आरंग हाउसिंग बोर्ड  सहित अन्य स्थानों में चल अचल संपत्ति आकुत संपत्ति अर्जित कर रखे है इस संदर्भ में यह भी उनके संदर्भ में चर्चा भी बताया जाता है कि भ्रष्ट आचरण के चलते उनके गोपनीय चरित्रावली में लाल स्याही चल चुकी है जिसकी वजह से उनका परमोशन लंबे समय से अटका पड़ा हुआ था जानकारी यह भी मिली है कि  गोपनीय चरित्रावली सुधारने के एवज में  उन्होने संबंधित कर्मचारी को गत वर्ष लाखों रुपए देकर प्रकरण को क्लीन चिट करवाया है इसके कितनी सच्चाई है यह अब ज्ञात नही परंतु सत्यता यह भी है की इसी वर्षांत डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव पदोन्नत होकर रेंजर बन जाएंगे इसके लिए अपुष्ट खबर से समाचार मिल रहा है की पदोन्नति पाने के लिए सभी अधिकारियों को मुंह भरकर लाखों की राशि दे रहे है इस संदर्भ में नियम के  जानकारों का मत है कि इस प्रकार भ्रष्ट आचरण वन कर्मियों की गोपनीय  चारित्रावली में स्वच्छ आचरण न होने पर किस माप दंड के तहत पदोन्नत होता है बहुत कठिन होता है भ्रष्ट आचरण शैली में  उसका माप दंड क्या रखा गया है यह स्पष्ट होना अनिवार्य है जिस केटी गिरी में उन्हे (क) श्रेणी में है या  (ग) श्रेणी में माप दंड रखा गया है उसका खुलासा आवश्यक है यदि किसी के द्वारा कोर्ट में चैलेंज कर दिया खासकर ऐसे  लगातार भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की स्थिति में गोपनीय चरित्रा वाली  जैसा की काष्ठ माफियाओं के द्वारा  लगातार उनके क्षेत्र में अनवरत चोरी होना,बांस निर्मित ट्री गार्ड जो आरंग स्थित राजीव भवन के उद्घाटन हेतु  स्वयं कारीगरो से अल्प सामग्री में निर्मित करवाकर 1:70 रुपए में क्रय करना जिसमे लाखों की राशि का घोटाला बताया जाता है वही एक से पांच रुपए के मिलने वाले पौधों को 25 से 100 रु तक विभाग से राशि आहरित करना यही नहीं अन्य विभागीय योजनाओं के मद को जो केवल पैंतीस प्रतिशत राशि को व्यय कर  शेष पैंसठ प्रतिशत राशि  को भले ही कमीशन खोरी और गड़बड़ घोटाला में संलिप्त रह कर अंजाम दिया जाता रहा है, उसका सूचना के अधिकार में सूचना प्राप्त की गई तो बहुत बड़े खुलासे का भंडाफोड़ हो सकता है यहां डिप्टी लोकनाथ ध्रुव के द्वारा चौकीदारों के नाम पर फर्जी बिल बाउचर निकालना बताया जाता है , यदि ईमानदारी से चौकीदारों का नियमित कार्य होता तब  आरंग क्षेत्र में शासन की महात्वाकांछी योजना राम वन गमन पथ योजना का अब तक  बंटाधार नही होना जो आरंग डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव के भ्रष्ट आचरण की पराकाष्ठा ही कहा जा सकता है  अब सवाल उठता है कि ऐसे भ्रष्टासुर  आरंग डिपो के डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव यदि ऐसे  परिक्षेत्राधिकारी के रूप में पदोन्नत होते है तो वन विभाग की नैय्या डूबना तय माना जा रहा है क्योंकि उनके भ्रष्टाचार की फेहरिस्त की सूची हर कार्य की बड़ी है जो एक अध्याय को सिलसिले वार विस्तार पूर्वक बताने का समय अनुसार  उचित होगा !!इति श्री!!  अथ श्री भ्रष्टा चार कथा!!

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