शनिवार, 27 जुलाई 2024

छ्ग प्रदेश का अव्वल दर्जे का बागबाहरा खुर्द नर्सरी

 छ्ग प्रदेश का अव्वल दर्जे का बागबाहरा खुर्द नर्सरी


अलताफ़ हुसैन द्वारा 

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय)  नर्सरी अर्थात वह स्थान जहाँ बीज, से पेड़-पौधों को अंकुरित कर उसके विकास और ग्रोथ के लिए जलवायु, मिट्टी, आधुनिक,खाद, से उनके सघन देखरेख करना एवं लाखों की संख्या मे अबोध शिशु की भाँति उन पौधों का लालन,पालन करने की जगह ही नर्सरी कहलाता है वैसे तो छग वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मे अनेक भिन्न भिन्न 29 से अधिक वन मंडल कार्यालय स्थलों मे एक से बढ़कर एक आधुनिक नर्सरी का सफल संचालन एवं संपादित हो रहा है जिनमे हाइटेक नर्सरी के अलावा ग्रीन हाउस, जिसमे समान्य तापमान के साथ नर्सरी भी संचालित है परंतु महासमुंद वन मंडल क्षेत्रफल के हिसाब से सर्वाधिक बड़ा बागबाहरा परिक्षेत्र अपनी अनेक जैव विविधता,विस्तृत संसाधन,वन क्षेत्र के चारो ओर धार्मिक आस्था का केंद्र होने से इसकी पृथक पहचान निर्मित किए हुए है जो बागबाहरा परिक्षेत्र कार्यालय से मात्र पांच किलोमीटर के दूरी पर बागबाहरा खुर्द नर्सरी का सफल संचालन, एवं संपादान विगत कुछ वर्षों से किया जा रहा है जहाँ की नर्सरी के पौधे संपूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश मे बहुत ज्यादा लोकप्रिय माने जाते है एक प्रकार से बागबाहरा खुर्द नर्सरी छोटे भू भाग मे बड़ा धमाका के साथ बड़ा कार्य कर रहा है यह कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति वाली बात नही है        


  इस संदर्भ मे महासमुंद वन मण्डलाधिकारी पंकज राजपूत से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश मे बागबाहरा खुर्द जैसी ऐसी नर्सरी देखने को नही मिलेगा जहाँ पर दस से पंद्रह फीट ऊँचाई वाले भिन्न भिन्न प्रजाति के स्वस्थ्य पूर्ण पौधे दृष्टिगोचर होते हुए एक ही स्थान में नही दिखाई देंगे एक प्रकार से बागबाह्ररा खुर्द  नर्सरी के पौधे संपूर्ण प्रदेश के नर्सरी मे एक अलग ही पहचान निर्मित किए हुए है महासमुंद वन मंडलाधिकारी पंकज राजपूत आगे बताते है कि वर्ष 2017-2018 से उक्त नर्सरी का प्रारंभ तत्कालिक अधिकारियों द्वारा  किया गया था परंतु पांच छ वर्षों मे ही यहाँ के पौधे प्रदेश भर के वन क्षेत्रों, सहित पथ रोपण, खेत खलिहान, शाला कॉलेज परिसर, हाट बाजार, नगर पालिका, ग्राम पंचायतों के बंजर भूमि मैदानी भाग मे लहलहा रहे है और प्राकृतिक हरियाली का संदेश दे रहे है महासमुंद डीएफओ पंकज राजपूत आगे बताते है कि इस वर्ष बागबाहरा खुर्द नर्सरी मे त्रिवर्षीय पौधों का रोपण वर्ष 2021-2022 मे लगभग 5 हेक्टेयर भूमि मे एक लाख मिश्रित प्रजाति के पौधों का रोपण मनरेगा के तहत किया गया था जहा पर आसपास के तीस से उपर श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया तथा समय अनुसार श्रमिकों की संख्या मे कम ज्यादा किया जाता रहा है बागबाहरा खुर्द के उक्त नर्सरी मे त्रिवर्षीय नर्सरी निर्माण के पीछे महासमुंद वन मंडलाधिकारी पंकज राजपूत का कथन है कि छोटे मंझोले पौधों के  वितरण रोपण  स्थल मे बहुत सी समस्या खड़ी हो जाती है पश्चात रोपण से उनके ग्रोथ मे समय लगता है तथा प्रकृति आपदा जैसे असमय  की हवा, तूफान, या आम जन के रोपण की सुरक्षा मे कोताही अथवा चूक की वजह से पशुओं की चराई से उनके क्षतिग्रस्त होने पर इनके अस्तित्व पर खतरा मंडराता रहता है  इससे अनेक पौधे बढ़ने से  पूर्व ही ज़मींदोज होकर समाप्त हो जाते है इससे प्रकृति, एवं पर्यावरण का विस्तार नही हो पाता और प्रति वर्ष पर्यावरण, हरियाली प्रसार के लिए शासन द्वारा करोडो रुपये लगाकर विभाग द्वारा आम जन को निःशुक्ल पौधे वितरण कर  रोपे जाने वाले लाखों पौधे असुरक्षा, देखरेख के अभाव मे खरपतवार के मानिंद प्रायः लुप्त हो जाते है उन्होंने बताया बागबाहरा खुर्द नर्सरी का यह त्रैवार्षिकी नर्सरी जिसकी औसतन ऊँचाई दस से पंद्रह फीट पौधे स्वस्थ्य पूर्ण ऊँचाई लिए हुए है जो हमारे महासमुंद वन मंडल के अंतर्गत बागबाहरा परिक्षेत्रा के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है तथा  निः शुल्क वितरण वाले ऐसे ऊँचाई वाले स्वस्थ्य पौधे के रोपण से भी यहां का आब ओ हवा वातावरण हरीतिमा युक्त  निर्मित होगा श्री पंकज राजपूत आगे बताते है कि सर्वहारा वर्ग जिनमे ग्रामीण, ग्राम पंचायत के सदस्य, जन प्रतिनिधि, स्कूल कॉलेज के प्रतिनिधि, एवं सामाजिक सस्थानो द्वारा निः शुल्क पौधे लेकर एक पौधा मां के नाम योजना का भरपूर लाभ उठा रहे है जिस तरह सुबह से संध्या तक से बाग बाहरा नर्सरी मे पौधा लेने के लिए मेला समान आम जन की भीड़ लगी रहती है उसे देखते हुए शीघ्र ही नर्सरी के पौधे समाप्त न हो जाए ऐसा प्रतीत होता दिखाई पड़ रहा है मगर इसके बावजूद भी नर्सरी मे नव पुलकित पौधों का रोपण जारी है जो चार से पांच फीट पौधे ग्रोथ कर चुके है श्री राजपूत ने आगे बताया कि संपूर्ण बीज का चयन वे स्वयं उनके द्वारा किया जाता है


 वही उपवन मंडलाधिकारी वहिद खान बताते है कि नर्सरी का निरंतर मॉनिटरिंग की जाती है तथा किसी भी प्रकार की कमोबेश होने पर तत्काल उन कमियों को दूर किया जाता है किसी भी नर्सरी का सर्वाधिक आवश्यकता पर्याप्त जल माना जाता है इसके लिए बागबाहरा खुर्द नर्सरी लक्की माना जाता है यहां का जल स्त्रोत इतना अधिक है कि 47 डिग्री सेल्सियस भीषण गर्मी मे भी जल की कमी नही हो पाती और संपूर्ण नर्सरी की भरपूर जल पिपासा उसी ट्यूब वेल के मध्यम से आपूर्ति की जाती है कहने को पांच हेक्टेयर भू भाग नर्सरी मे तीन ट्यूब वेल लगाएं गए है जो एक बड़े टंकी मे संग्रहित किया जाता है उसमे ही पाइप के मध्यम से  सड़क के अगल बगल दोनों स्थानों के नर्सरी मे जल सप्लाई से सिंचाई की जाती है महासमुंद उप वन मण्डलाधिकारी वहिद खान आगे बताते है कि नर्सरी मे लगे पौधे अब सघन वन सदृश्य दिखाई पड़ रहे है तथा लगातार मांग के अनुरूप पौधों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है हमारे यहाँ सभी मिश्रित प्रजाति के पौधे यहाँ उपलब्ध है उनका दावा है कि जो पौधे प्रदेश भर के नर्सरी में कहीं नही मिल सकता वह बागबाहरा खुर्द नर्सरी मे बड़ी सहजता से प्राप्त हो सकता है  महासमुंद एसडीओ वाहिद खान का कथन है कि लगातार पौधे समाप्त होने की स्थिति मे मदर बेड मे पुनः रोपण कार्य बारहमासी द्रुत गति से जारी रहता है एक फीट की ऊँचाई आने तक उन्हे काले प्लास्टिक बैग मे काली  मिट्टी और दवा खाद मे उपचारित कर उसका रोपण किया जाता है पश्चात पृथक बेड मे पॉलीथीन बैग वाले पौधों को रख कर नियमित सुरक्षा देखरेख मे प्रतिदिन सिंचाई की जाती है दो से तीन माह पश्चात किशोर से युवा अवस्था मे पौधे ग्रोथ करने लगते है तथा अन्यंत्र स्थल मे उनका रोपण किया जा सकता है 


 इसके लिए परिक्षेत्राधिकारी समय समय पर मॉनिटरिंग कर नर्सरी की व्यवस्था पर नज़र जमाए रखते है बागबाहरा खुर्द नर्सरी मे वर्ष 2021-2022 मे रोपे गए पौधे इस वर्ष 2024 मे समय सीमा पर त्रि वर्षीय पौधों की हरियाली देख कर  बागबाहरा परिक्षेत्र के परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव काफी अल्हादित और गदगद है तथा दस से पंद्रह फीट ऊँचाई वाले पौधे देख कर समस्त क्षेत्र से जबरदस्त मांग बड़ी है बागबाहरा परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव बताते है कि नर्सरी का लालन पालन करने मे एक शिशु की भाँति देखरेख करना पड़ता है समय पर मदर बेड से शिफ्टिंग करना निंदाई गुड़ाई, दवा,खाद, उपचार, जिनमे यूरिया, डी.ए.पी. खाद काली मिट्टी, रेती, गोबर खाद, का मिश्रण कर पॉलीथीन बैग में पौधा प्रति रोपण कर हस्तांतरित किया जाता है 


तथा नियमित सिंचाई व्यवस्थ किया जाता है इसके लिए आस पास के तीन ग्राम के श्रमिकों द्वारा नियमित वानिकी कार्य संपादित किया जाता है जिसका एवज मे उन्हे कलेक्टर दर पर 243 रुपये का पारिश्रमिक  भुगतान मनरेगा के तहत प्रदाय किया जाता है बागबाहरा परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव आगे बताते है कि सिंचाई व्यवस्था हेतु  टंकी नुमा साढे सात मीटर मे तलघर निर्मित किया गया है जहाँ तीन  बोर का पर्याप्त जल संग्रहित किया जाता है पश्चात टिल्लू पंप के मध्यम से सभी वानिकी नर्सरी क्षेत्र मे  पाइप लाइन से सिंचाई की जाती है बागबाहरा परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव ने आगे बताया कि पांच हेक्टेयर  क्षेत्र मे अनेक नर्सरी मे परंपरागत वानिकी वाले पौधों का रोपण किया गया है


 परंतु खास बात यह है कि बागबाहरा खुर्द नर्सरी मे विलुप्त हो रहे अनेक प्रजाति के पौधों का रोपण जिनमे फलदार, फुलदार, सायादार, औषधि युक्त पौधे रोपे गए है  इनमें मुख्यतः आम, जाम, जामुन,चार, कुलियार,आँवला, बादाम, काजू,अनार, कुसुम,मदार, कुल्लू, मूंगा, रीठा, हर्रा, बेहड़ा,नीम, इमली, गंगा इमली, कटहल, नींबू,अर्जुन,पपीता, रक्त चंदन, सफेद चंदन,स्पेथोडीया,अकोल,बरगद, पीपल, प्रमुख रूप से उपलब्ध है


 बागबाहरा रेंजर लोकनाथ  ध्रुव आगे बताते है कि यहाँ नर्सरी मे वे पौधे जो कही अन्य नर्सरी मे नही मिलते वे यहां सहजता से उपलब्ध मिल जाते है उन्होंने बताया कि एक प्रकार से पांच हेक्टेयर छोटे भूभाग स्थान पर यहां बड़ा धमाका है इसके लिए भविष्य मे और विस्तार किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है यहाँ की समुचित व्यवस्था का प्रभार डिप्टी रेंजर मोती लाल साहू द्वारा किया जाता है साथ ही वन रक्षक तुलेश्वर् यादव का महत्व पूर्ण योगदान है जिनके देख रेखा मे नन्हे कोमल पौधे आकार लेकर फल फूल रहे है जो बागबाहरा पारिक्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है

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