शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

एक ग्राम ऐसा भी जहां 51 वर्षों से एक मुस्लिम की बरसी में रामायण और भजन पढ़कर ग्रामीण उन्हें स्मरण करते है

 

छग में एक ग्राम ऐसा भी जहां  51 वर्षों से एक मुस्लिम की बरसी में रामायण और भजन पढ़कर ग्रामीण उन्हें स्मरण करते है


रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़)कभी कभी इंसान के कर्म इंसान को भगवान का दर्जा दिला देते है और कर्मों की वजह से इंसान अजय अमर हो जाता है अजय अमर होने का मतलब जीवित शरीर का होना ही आवश्यक नही बल्कि जो हमेशा लोगो के दिलों में जिंदा रहे वह इंसान अजय अमर होता है ऐसा ही एक मामला महासमुंद के  ग्राम अनवरपुर का भी है जहां  गुलाम रसूल नामक शख्स का देहांत हुए  लगभग 50 वर्षों से ऊपर हो गए मगर आज भी हिन्दू बहुल क्षेत्र के ग्रामवासी उनकी बरसी में उन्हें वर्षों से स्मरण कर धार्मिक अनुष्ठान करवाते है और ग्राम की सुख समृद्धि के लिए  उनका आशीर्वाद लेते है इस संदर्भ में उनके प्रपौत्र शाहजान खान पाशा ने बताया कि  उनके दादा गुलाम रसूल खान पाशा मिलिट्री में थे तथा उन्हें शासन से हजारों एकड़ ज़मीन शासन द्वारा दिया गया था जिसपर उन्होंने निशुल्क  आम लोगों को बसाना प्रारंभ कर दिया तथा अपने बड़े भ्राता स्व. अनवर खान पाशा के नाम पर ही ग्राम अनवरपुर बसाया जहां वर्षों से रहने वाले ग्रामवासी 



उन्हें भगवान तुल्य समझते है तथा किसी भी शुभ कार्य करने से पूर्व उनके समाधि में जाकर उनसे आशीर्वाद लेते है  सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि ग्रामवासी एक मुस्लिम व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने रामायण पाठ करवा रहे है तथा उनके द्वारा ग्राम हित मे उठाए गए कदम को लेकर उन्हें स्मरण कर रामायण पाठ का आयोजन कर रहे है बताया जाता है कि गुलाम रसूल खान पाशा का निधन 28 जनवरी को  ग्राम अनवरपुर में आज से पचास वर्ष पूर्व हो गया था  जहां प्रति वर्ष स्व.  गुलाम रसूल खान पाशा  जिन्हें ग्राम वासी (बुढ़वा मालिक) के नाम सेे भी बुलाते है उनके समाधि स्थल पर वर्षों से  रामायण पाठ का आयोजन किया जाता रहा है ।जो 51 वर्षो से अनवरत चला आ रहा है। इस आयोजन में पूरे ग्रामवासी पूरी श्रद्धा से उनकी समाधि पर रामायण पाठ व अन्य भजन गा कर बड़े गौटिया( *बुढ़वा मालिक*)को याद करते हैं! बताते चले कि ग्राम में

98%गैर मुस्लिम आबादी है तथा दो प्रतिशत मुस्लिम आबादी है फिर भी ग्रामवासी   गांव में एक मुस्लिम को भगवान का दर्जा दिया जाता है जो काफी चर्चा का बिषय है

सोमवार, 25 जनवरी 2021

रेलवे स्टेशन टी टी विश्राम गृह में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर नन्हे शेख अफराज़ ने तिरंगा फहराया

 रेलवे स्टेशन टी टी विश्राम गृह में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर नन्हे शेख अफराज़ ने तिरंगा फहराया 



रायपुर रेलवे स्टेशन के समीप स्थित टी टी विश्राम भवन में आज गणतंत्र दिवस की धूम रही इस पावन  अवसर पर रेलवे कर्मचारियों और नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति में राष्ट्रीय प्रतीक तिरंगा झंडा ध्वजारोहण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ  टी टी विश्राम भवन के प्रभारी शेख अनवर के प्रपौत्र शेख अफराज़ फातिमा बेगम पांच वर्षीय  के नन्हे करकमलों  के द्वारा ध्वजारोहण किया गया पश्चात राष्ट्रीय गान  स्कूल के छात्र छात्राओं एवं उपस्थित अतिथियों द्वारा गाया गया  



इस अवसर पर नन्हे शेख अफराज़ के द्वारा मेघावी छात्र, छात्राओं को पेन कॉपी,वितरित किया गया पश्चात उपस्थित समस्त गणमान्य नागरिकों को  स्वल्पाहार प्रदान किया गया  देशभक्त नागरिकों ने देशभक्ति गीत गा कर रंगारंग कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया कुल मिलाकर वातावरण राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत रहा बताते चले कि  रेलवे स्टेशन के समीप राष्ट्रीय पर्व  गणतंत्र दिवस मनाने का यह पांचवा वर्ष था जहां हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय पर्व मनाया गया 



 गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने समस्त टी टी स्टाफ एव उत्साही नवयुवकों का योगदान रह जिसमे मुख्यतः शेख अनवर, देवेंद्र साई,अमीर भाई,राजेश डोंगरे,विक्की गोस्वामी, दीपांकर मजूमदार,संजय विश्वास,अमित पटेल,रजत नायडू,हाफ़िज़ भाई,तब्बू भाई,सोलिया अन्नू, बंटी पटेल, दीपक मुदलियार,राजू गोस्वामी,बूटी, राधे भाई,भरत रक्सेल,शाहरुख भाई,सुमित भाई, चंदन भाई, प्रहलाद भाई, 



अंजू भाई, योगेश कुमार, दीपज वर्मा, कासिम भाई, मनोज मल्ली, तुलसी भाई खान साहब, विजय अन्ना, छोटू जगत, शिवा, मुक्कू,अक्कू यादव, टी टी आई गोपाल, टी टी आई एम आर साहू, मिंटू सरदार, कल्लू यादव, दास कुमार, पी के कश्यप, पप्पू बंगाली, तरुण भाई, देव राव, संजय रक्सेल, ओम भाई, नरेंद्र वर्मा, अन्नू भाई, सन्नी सरदार, कालू गौलिकर, शेख सलीम भाई, अब्बास भाई, नीरज भाई, शादाब, जुनैद,अशरफ,अप्पू साहू, रौशन भाई, नवाब भाई, गब्बर खान, बाबर खान, शेख अकरम, शेख इमरान, शेख इरफान, ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महती योगदान दिया

शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

छग वन विभाग में नियम विरुद्धअनुकंपा और दैनिक वेतन भोगी का दोहरा लाभ उठा रहे कई लोग - इस पर अंकुश लगाने की जरूरत

 छग वन विभाग में नियम विरुद्धअनुकंपा और दैनिक वेतन भोगी का दोहरा लाभ उठा रहे कई लोग - इस पर अंकुश लगाने की जरूरत 



अलताफ हुसैन 

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़)  वन विभाग में वैसे तो कर्मचारियों का बड़ा टोटा है लेकिन दैनिक वेतन भोगियों के असंख्य  कर्मचारी होने के कारण भर्ती प्रक्रिया भी ठीक से नही हो पाती एक प्रकार से  भर्ती के नाम पर केवल खाना पूर्ति होती है साथ ही दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के अतिरिक्त वेतन संबंधि विसंगतियां उत्पन्न होती है और विभागीय  बजट भी गड़बड़ा जाता है क्षमता से कई गुना अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के कारण समस्त प्रशासकीय व्यवस्था भी ध्वस्त होती है आधुनिक उपकरण व्यवस्था के चलते न चाहते हुए भी कई कर्मचारियों को निकालने के बजाए उनका पालनहार विभाग बना हुआ है प्रारंभ से ही छंटनी न कर वर्षों से उन्हें विभाग में पदस्थी बनाए रखने के कारण वर्तमान में अब उन्हें कार्यभार से मुक्त करना भी एक बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है यही नही  हजारों लाखों की संख्या में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए  बजट के अभाव में उनके वेतन विसंगति भी समय समय पर खुलकर सामने आती रही है अब यदि पन्द्रह बीस वर्षों के पश्चात  उन्हे कार्य भार से पृथक किया जाता है तो यह उनके जीवन के साथ साथ उनके परिवार के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ करना होगा उक्त सन्दर्भ में वन विभाग के उच्च अधिकारी करें भी तो क्या करें ?क्योंकि पूर्व में किए गए  गड़बड़ी अब  सामने आ रही है इस संदर्भ बताया जा रहा है जब किसी कार्यालयीन कर्मचारियों के ड्यूटी के दौरान होने वाली घटना,दुर्घटना के एवज में उनके  परिवार के किसी एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान दिया जाता है जिसकी वजह से परिवार के  एक सदस्य को विभाग अनुकंपा नियुक्ति के तौर पर  नौकरी प्रदान करता है इससे यहां हमारा लिखने का उद्देश्य कतई यह नही कि अनुकंपा नौकरी,अथवा दैनिक वेतन भोगी कार्य किसी भी पीड़ित परिवार,व्यक्ति को न मिले जहां तक वन विभाग अपने कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति रखते हुए अपने सामाजिक और नैतिक दायित्वों का निर्वहन बखूबी करता है वही कुछ ऐसे भी परिवार के सदस्य जो वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में एक नही बल्कि दो सदस्य दैनिक वेतन भोगी, अनुकंपा नियुक्ति पर नौकरी कर रहे है इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि जब किसी दुर्घटना में  कोई कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तब उसके वारिसान के रूप में उसकी पत्नी पुत्र अथवा परिवारिक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान  है क्योंकि अनुकंपा नियुक्ति देने में अनेक कार्यालयीन लिखित कार्यवाही से गुजरना पड़ता है  इसमे काफी समय लग जाता है तब वैकल्पिक व्यवस्था के चलते विभाग पारिवारिक किसी अनामांकित सदस्य को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में  इस शर्त पर रख लेता है कि यह नियुक्ति केवल  परिवार के आर्थिक सुदृढ़ता को ध्यान में रख कर दैनिक वेतन भोगी के रूप में  अस्थायी,अनियमित नौकरी किसी एक सदस्य को दिया जा रहा है उक्त प्रक्रिया विभागीय स्तर पर अनुकंपा नियुक्ति में देर होने के कारण अपनाई जाती है परंतु देखा यह जा रहा है कि दुर्घटना में मृत कर्मचारी के पारिवारिक सदस्य जिसे अस्थायी रूप से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में रखा जाता है उसे तो तत्काल प्रभाव से तो नही हटाया जाता अलबत्ता ऐसे परिवार के दूसरे नामांकित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दे दी जाती है  जिसकी वजह से एक ही परिवार से दो सदस्य शासकीय नौकरी का  दोहरा लाभ वर्षों से उठाते आ रहे है इसके विरुद्ध अब अंदर खाने से विरोध के स्वर मुखर हो रहे है बताया जाता है कि रायपुर डिवीजन में ही कम से कम चार,से पांच ऐसे ही परिवार के दो सदस्यों द्वारा दैनिक वेतन भोगी एवं अनुकंपा नियुक्ति में सरकारी नौकरी कर  वन विभाग का दोहरा लाभ उठा रहे है यह लाभ केवल वन विभाग ही नही अपितु प्रदेश भर के अन्य विभाग में भी देखा जा सकता है  वही दूसरी ओर प्रदेश भर में दैमिक वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि बताई जा रही है और वेतन के नाम पर  विभाग का बजट भी गड़बड़ा गया है  जिसके कारण वर्षों से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की एक बहुत बड़ी जमात खड़ी हो गई है जो विभाग के लिए किसी चुनौती के साथ साथ बड़ी समस्या से कम नही है कि अब प्रदेश भर में  वृहद स्तर पर कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का क्या करें ? दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी जो लगभग अपना आधा जीवन  स्थायित्व,एवं नियमित्ताओं के आशा दीप में व्यतीत कर दिए है उनके समक्ष भी अब कोई  दूसरा विकल्प भी नही रह गया कि उम्र के ढलते पड़ाव में नौकरी देखे या कुछ और कार्य करें छग शासन ने अपने चुनावी एजेंडे में ऐसे वर्षों से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण करने की घोषणा की थी जो इनके बोझिल होते जीवन के अंधेरे में आशा की दीप जला दी है यदि छग शासन अपने कथनी करनी में खरी उतरती है तो हजारों  की संख्या में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए यह एक बहुत बड़ा सौगात होगा वही अधिकारियों कर्मचारियों के होने वाली पदोन्नति में  भी बड़ा खेल खेले जाने की जानकारी आम हो रही है वह  भी छोटे स्तर पर नही बल्कि बहुत बड़े पैमाने पर यह खेल चल रहा है एक तरह से पदोन्नति प्राप्त करने वाले ऐसे पीड़ित कर्मचारी अब शासन द्वारा किए जाने वाले पदोन्नति प्रक्रिया को प्रशासकीय  जिहाद के नाम से बुलाने लगे है इसके अतंर्गत पात्र अपात्र और जूनियर सीनियर के समस्त मापदंड समाप्त हो गए है यहां केवल पैसा बोलता है कि तर्ज़ पर खेल होना बताया जा रहा है तथा दागी और खराब सी आर वाले कर्मचारी भी पैसे के बलबूते पर अपने सीनियर के सिर पर बैठ कर तांडव कर रहे है और ईमानदार,कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी अपनी  सीनियरिटी के आधार पर अपनी बारी आने की राह देखते देखते सेवानिवृत्त हो  जाते है नाम न छापने की शर्त पर अनेक कर्मचारी अधिकारी यह कहने से नही थक रहे कि विभाग में  यह कैसे उल्टी गंगा बहने लग गई जहां सारा का सारा  सिस्टम ही भ्रष्टाचार की राह में निकल पड़ा इस संदर्भ में यह ज्ञात हुआ है कि  समय समय पर होने वाली विभागीय डीपीसी में पात्र और सीनियर अधिकारी जो पूरी तरह से पदोन्नति पाने का अधिकारी है उसके कम अंक वाले जूनियर अधिकारी द्वारा एक बड़ी राशि देकर अपना विगत दो वर्षों का सीआर में क की जगह क प्लस करवा कर अपनी पदोन्नति करवा लेता है जबकि बताया यह भी गया है कि यह अधिकार डीपीसी में बैठे अध्यक्ष अधिकारी को भी नही कि वह प्रथम स्थान प्राप्त वाले व्यक्ति को उसकी वरिष्ठता,वरीयता को घटाना बढ़ाना सुनिश्चित करे क्योंकि साठ अथवा पचहत्तर अंक वाला व्यक्ति प्रथम ही रहेगा उसे पदोन्नत करना विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए परन्तु यहां खराब सीआर और जूनियर अधिकारियों से बड़ा लेनदेन कर अपात्र अधिकारी को वरीयता सूची में डाल कर पात्र एवं सीनियर अधिकारी के अधिकारों का खुलेआम हनन किया जा रहा है ऐसे प्रदेश भर में पीड़ित अधिकारी है जो आज भी पदोन्नति के लिए लड़ाई लड़ रहे है इससे भी एक बहुत बड़ा तबका प्रभावित होता है साथ ही शासकीय गति में भी बाधा उत्पन्न हो रहा है ज्ञात हुआ है कि डीपीसी में होने वाली उक्त प्रक्रिया के विरुद्ध  विभाग के  कई अधिकारी,कर्मचारी न्यायलय का दरवाजा खटखटा चूके है परन्तु डीपीसी में होने वाले ऐसे भ्रष्टाचार,अराजकता की नाक  में कोई नकेल डाले भी तो कैसे ? क्योंकि विभाग का सारा सिस्टम ही भ्रष्टाचार के नींव पर खड़ा है यदि कोई ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की क्रमोन्नति,पदोन्नति होती है तो सारा विभागीय सिस्टम ही डगमगा जाएगा,क्योंकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों,कर्मचारियों को भ्रष्टाचार करने का अवसर नही मिलेगा इस स्थिति में  दुधारू गाय किसे प्यारी नही   ऊपर बैठे अधिकारी खूंटे से बंधी गाय नही बल्कि दूध देने वाली दुधारू गाय चाहते है जो इन्हें दूध,मलाई,छाज, सब कुछ दे सके यही कारण  पात्र सीनियर अधिकारी के पदोन्नति का सबसे बड़ा रोड़ा माना जा रहा है वही सेवानिवृत्त होने के पूर्व ही संविदा नियुक्ति को लेकर भी बड़े बड़े खेल हो रहे है पदोन्नत होने वाले अधिकारी,कर्मचारी अपने पदोन्नति का इंतज़ार करते रहता है और  बाला-बाला ऐसे भ्रष्ट अधिकारी बड़ी राशि लेनदेन कर अपने सेवाकाल दो से तीन वर्ष बढ़वा लेते है तथा एक पात्र अधिकारी अपनी पदोन्नति के बाट जोहते जोहते ही सेवानिवृत्त हो जाता है ऐसे भी अधिकारियों के नाम सामने आ रहे है जिन्हें अभी सेवानिवृत्त होने में दो से तीन माह शेष है परन्तु उनके संविदा की मुहर पूर्व से ही लग गई है जो पीछे बैठे अधिकारियों कर्मचारियों के लिए मानसिक,शारीरिक,और आर्थिक क्षति का सबब बनता जा रहा है और प्रशासन पर बैठे ऊंचे पद के अधिकारी है कि इस ओर कोई सार्थक कदम उठाने की बजाए केवल मूक दर्शक बने बैठे है और अपनी मूक सहमति प्रदान किए हुए है समस्त पीड़ित अधिकारी कर्मचारियों की ओर से यह सवाल उठाया जा रहा है कि  क्या पीड़ितों को कभी न्याय मिलेगा या भ्रष्टचारियों के भरोसे ही सारा विभाग यूं ही चलता रहेगा ?

ग्राम तामासिवनी में नशा मुक्ति कार्यक्रम सम्पन्न

 ग्राम तामासिवनी में नशा मुक्ति कार्यक्रम सम्पन्न

आरंग (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़ )ग्राम पंचायत तामसिवनी में एक दिवसीय नशा मुक्ति  कार्यक्रम रखा गया है, जहां नशा न करने के लिए ग्रामवासियों को जागरूक किया गया इस अवसर पर ग्राम पंचायत तामासिवनी की सरपंच श्रीमती दीपिका हेमलाल जांगड़े ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि नशा से परिवार की शांति चली जाती है तथा परिवारिक कलह बढ़ जाता है इसलिए नशा को तिलांजलि देकर सुखी जीवन व्यतीत करें 



  मुख्य अतिथि की आसन्दी से श्री लेखधर दीवान जी ने नव युवकों में विशेष रूप से बढ़ती नशे की प्रवृति के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी समाज के भविष्य है उन्हें सबसे ज्यादा जागरूक रहने की आवश्यकता है यदि वे स्वस्थ्य रहेंगे तभी हम एक स्वस्थ्य भारत के निर्माण में सहभागी बन पाएंगे 



इस अवसर पर  (टी.आई.) थाना आरंग, ग्राम पंचायत सरपंच तामसिवनी श्रीमती दीपिका हेमलाल जांगड़े, उप सरपंच श्री हुलास साहू, जनपद सदस्य श्रीमती एम कुमारी मिथलेश सिन्हा, सरपंच प्रतिनिधि हेमलाल जांगड़े, पूर्व जनपद सभापति आशुतोष तिवारी एवं गांव के सम्माननीय पंच टेकेश्वर वैष्णव, चितरंजन साहू, जमुना देवी साहू,सुमित्रा तारक, एवं सभी ग्राम के सम्माननीय गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। अंत मे 


थाना टी आई दीवान जी ने अपने उद्बोधन में गांव के लोगो को नशा से दूर रहने के लिए समय समय पर ऐसे कार्यक्रम निर्धारित कर ग्रामीण क्षेत्र में जनजागरण करने हेतु प्रेरित किया तथा ऐसे जागरूक अभियान में पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग करने का वादा किया   

रविवार, 17 जनवरी 2021

बारनवापारा परियोजना मण्डल के दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ का बैठक संपन्न

 


बारनवापारा परियोजना मण्डल के दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ का बैठक संपन्न



महासमुंद।(फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ पं. क्रमांक 548  का बैठक कोडार कार्डन में रविवार को आहूत किया गया। जिसमें नियमितीकरण एवम स्थायीकरण करने की माँग को लेकर चर्चा किया गया। जिसमें महासमुंद जिला के दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी बैठक में शामिल हुये।सभी दैनिक वेतन भोगीयों ने सरकार के सुस्त रवैये के प्रति चिंता जताया ,वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण करने संबंधी वादा किया था।  किन्तु ढाई साल व्यतीत हो जाने के बाद भी नियमितीकरण के संबंध में आज तक किसी प्रकार की कार्यवाही नही किया गया है, चर्चा मे यह बात भी सामने आई कि  नियमितीकरण करने हेतु शासन द्वारा एक समिति गठीत दो वर्ष पूर्व आदेश जारी किया गया था। किन्तुआज दिवस तक निर्णय नहीं लिया गया है, शासन के जिम्मेदार मंत्रीयों के पास जाने पर समिति बना दिया गया है, कह टालने का काम किया जाता रहा है, किन्तु सामान्य प्रशासन विभाग में संघ के पदाधिकारीयों ने मिलकर जानकारी लिया तो पता चला कि, दो बार समिति बन चुकी है किन्तु समिति के द्वारा आज तक किसी भी प्रकार कि चर्चा नही हुआ है  बैठक में बारनवापारा परियोजना मण्डल के अधयक्ष जनक लाल साहू, उपाध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर, सचिव डिहूराम साहू, कोषाध्यक्ष पूनमचंद साहू, कार्यकारणी सदस्य गोविंद प्रसाद कुर्रे, पवन साहू ,संदीप पांडेय, नेहरू विश्राम पटेल, माखन कड़िया, दीनदयाल यादव एवम समस्त वाहन चालक और समस्त दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारीयों ने उपस्थिति दर्ज कराई।उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी लक्ष्मीनारायन साहू ने दी।

शनिवार, 16 जनवरी 2021

मनरेगा महासंघ गरियाबंद ने नियमितिकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन*

 *मनरेगा महासंघ गरियाबंद ने नियमितिकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन* 

  


मनरेगा महासंघ छत्तीसगढ के आह्वान पर तहसील मुख्यालय गरियाबंद में मुख्यमंत्री के नाम सात सुत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन मुख्य कार्यपालन अधिकारी शीतल बंसल गरियाबंद एंव तहसीलदार  वसीम सिद्दकी को सौंपा गया। ज्ञापन में प्रमुख मांग जन घोषणा पत्र के अनुरूप नियमितिकरण किया गया।



 दो वर्ष पूर्ण कर चुके कर्मचारी का प्रतिवर्ष सेवा वृध्दि प्रावधान को बंद कर एकमुश्त योजना पर्यन्त तक मध्यप्रदेश के तर्ज पर 62 वर्ष की सेवा सुनिश्चित किया जाए।



इस दौरान ज्ञापन सौंपने वाले में प्रमुख रूप से मनरेगा अधिकारी एवं जिला अध्यक्ष सुश्री रीना धुर्वे, सहायक प्रोग्रामर त्रिवेणी साहू, मनरेगा महासंघ ब्लाॅक अध्यक्ष सिराज खान, कंचन भगत, पुनीत सिन्हा, दीपक राजपूत, गूंजा सिन्हा ,अनामिका देवांगन , टिकेश तारक, माखन, भूनेश्वर आदि उपस्थित थे ।

वन विकास निगम में एक भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नही - निगम की कार्यशैली से कर्मचारी क्षुब्ध...

 वन विकास निगम  में एक भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नही - निगम की कार्यशैली से कर्मचारी क्षुब्ध.....



रायपुर(फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) छग वन विकास निगम के अनियमित एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के सामने अब भविष्य की चिंता सताने लगा  है क्योंकि राज्य सरकार द्वारा मांगे गए अनियमित,दैनिक वेतन भोगी  कर्मचारियों की लिस्ट में वन विकास निगम मुख्यालय द्वारा किसी भी अनियमित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नाम संख्या के स्थान पर   कर्मचारियों का एक भी नाम नही लिखा गया है तथा उसके स्थान पर निरंक लिख दिया गया जिसकी वजह से उनके समक्ष  नौकरी की समस्या  तो खड़ी  है साथ साथ परिवार के भविष्य में जीवन यापन के लिए भी उनके माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है 

       बताते चले कि छग शासन के अधीन कार्यरत समस्त दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण प्रक्रिया तेज करते हुए प्रदेश के समस्त विभाग निगम मंडल आयोग में कार्यरत संविदा अनियमित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई थी  समस्त विभाग द्वारा अपने स्तर पर विभागीय कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों की संख्या दर्ज कर प्रेषित कर दिया गया था परन्तु छग राज्य वन विकास निगम ही एक ऐसा विभाग है जहां विगत 20 वर्षों से ऊपर कार्यरत हजारों  अनियमित दैनिक वेतन भोगियों की संख्या के स्थान पर निरंक दर्शा कर प्रेषित कर दिया गया जिसकी वजह से लगभग दो हजार से ऊपर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के समक्ष नौकरी के साथ साथ अपने परिवार के जीवन यापन करने की चिंता सताने लगी है इस संदर्भ में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संगठन के पूर्व मंडल अध्यक्ष राजकुमार शर्मा  ने बताया कि छग वन विकास निगम दुर्भावना पूर्वक कार्य करते हुए लगभग दो से ढाई हजार दैनिक वेतन भोगियों के नाम न डाल कर द्वेष पूर्ण कार्य करने का  उन्होंने आरोप लगाया है  इस संदर्भ में भविष्य की नीति तैयार करने के उद्देश्य से  वन विकास निगम के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सहित अन्य विभाग के दैनिक वेतन भोगी लामबंद हो कर आगे की रणनीति तय करते हुए अधिकारों की लड़ाई लड़ी जाने के संकेत दिए है पूर्व मंडल अध्यक्ष कर्मचारी नेता  ने बताया कि इस प्रकार की पुनरावृत्ति   वर्ष 2010-11में  वन विभाग के तात्कालिक पी सी सी एफ़ धीरेंद्र शर्मा साहब द्वारा वन विभाग मे कोई भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत  नही है की जानकारी विधान सभा मे दी थी तथा किसी कर्मचारी का  नाम अंकित न कर निरंक दर्शा कर विधान सभा मे पत्र भेज दिया  था तब विधान सभा अधिकारियों ने वन विभाग के प्रमुख  अधिकारी से यह जानकारी मांगी थी  कि जब आपके वन विभाग में  कोई अनियमित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत नही है तो इस स्थिति में वन विभाग  द्वारा प्रति माह छः से दस लाख का भुगतान किसे,क्यों और किस कार्य हेतु किया जाता था ? तब वन विभाग के तात्कालिक पी सी सी एफ़ धीरेंद्र शर्मा  साहब  द्वारा त्रुटि सुधार कर आनन फानन कुछ कर्मचारियों का नाम भेजा गया वही प्रक्रिया की पुनः वृत्ति इस बार छग वन विकास निगम के पूर्व प्रबन्ध संचालक राजेश गोवर्धन द्वारा भी कर दिया गया वही  ज्ञात तो यह भी हुआ है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघठन द्वारा सूचना के अधिकार में यह भी जानकारी निकलवाने की चर्चा है कि 2001 से 2020 तक कितने कर्मचारियों को अब  तक कितना भुगतान किस आधार पर किया गया तथा भुगतान आकस्मिक श्रमिक के नाम पर दिया गया है तो निगम यह बताए कि किस श्रमिक को कब रखा गया है ,और कब निकाला गया ? यदि यह प्रमाण निकल गया तो इसमें बहुत बड़ा संकट अधिकारियों के समक्ष खड़ा हो सकता है क्योंकि पन्द्रह से बीस वर्षों से श्रमिको को छब्बीस दिन का कलेक्टर दर पर भुगतान क्यो किया जा रहा है ?  यहां तक यह बात भी कही जा रही है कि कहीं लाखों,करोड़ों के श्रमिक भुगतान जो उपरोक्त वर्षों में श्रमिकों को किया गया तथा वर्षों से नियमित रूप से निगम में कार्यरत रहे है फिर भी राज्य शासन द्वारा मांगे गए पत्र में  अनियमित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नाम संख्या के स्थान पर निरंक दर्शाया गया है उसके एवज  में कहीं राज्य शासन निगम अधिकारियों से  रिकवरी न निकाल ले वही वन विकास निगम में संविदा नियुक्ति में भी बड़ा खेल होने की जानकारी निगम से आ रही है जिसमे अधिकारी सेवानिवृत्त हुआ नही और उनके संविदा का प्रस्ताव पूर्व से ही पास हो गया है जिन्हें गाड़ी से लेकर समस्त सुविधाए प्राप्त होगी  इसे लेकर निगम कर्मियों में रोष व्याप्त है उनका कथन है श्रमिक भुगतान के लिए निगम में राशि नही दूसरी ओर ऐसे अधिकारियों को जो सेवा के पूर्व और बाद भी समस्त लाभ दिया जा रहा है निगम का यह दोहरा मापदंड क्यो? वही दैनिक वेतन भोगी  कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर कवर्धा ने बताया कि छग वन विकास निगम के दोहरे नीति के विरुद्ध कवर्धा में आकर्षण रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा तथा ज्ञापन सौंप कर दैनिक वेतन भोगियों के समस्या का समाधान निकालने एक पत्र एस डी एम तथा वन मंत्री को दिया जाएगा 

 

शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

सचिव रोजगार सहायक संघ का क्रमिक भूख हड़ताल का समर्थन हेतु धरनास्थल पहुंचने की अपील

 

सचिव रोजगार सहायक संघ का क्रमिक भूख हड़ताल का  समर्थन हेतु धरनास्थल पहुंचने की अपील



आरंग प्रदेश पंचायत सचिव संघ व प्रदेश रोजगार सहायक संघ के सयुक्त रुप से प्रान्तीय आव्हान पर सचिव रोजगार सहायक संघ का उग्र आन्दोलन 21 वा दिन भी जारी रहा। ज्ञात हो की पंचायत सचिव संघ व रोजगार सहायको का विगत दिनों माननीय टी एस सिहदेव मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ बातचीत में सकारात्मक परिणाम नहीं आने के कारण सचिव व रोजगार सहायक आन्दोलन को और उग्र करते हुये क्रमिक भूख हड़ताल करने हेतु विवस है यदि शासन माँग को जल्द पुरा नहीं करती तो दोनों संगठन 25 जनवरी को प्रान्त स्तरीय परिवार सहित रायपुर के धरना स्थल पर प्रदर्शन करेंगे एवं 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन माननीय मुख्यमंत्री जी के निवास का घेराव किया जावेगा।




*सरपंच का जिला रायपुर का पूर्ण समर्थन*

सरपंच संघ रायपुर के जिला अध्यक्ष श्री गोपाल धीवर जी व नवा रायपुर के सरपंच संघ के अध्यक्ष श्री सुजीत गिधौड़े ने सचिव रोजगार सहायक के शासकीयकरण व रोजगार सहायक के ग्रेट पे निर्धारण नियमिती करण के माँग को जायज बताते हुये सरकार को जल्द पुरा करने की निवेदन किया एवं सरकार पर पुर्ण भरोशा व विश्वास है जल्द माँग पूरी होगा, सरपंच सचिव रोजगार सहायक एक दुसर की पूरक है इनमे से एक कड़ी नहीं रहने से पंचायती व्यवस्था में पंचायत का समाजिक आर्थिक व सांस्कृतिक विकास व निर्माण कर पाना संभव नहीं है यदि गांधी जी के ग्राम स्वराज के सपना को सकार करना है तो सरपंच सचिव रोजगार सहायक को सम्मान जनक वेतन देना होगा तीनो कड़ी को ताकतवर बनाना होगा तभी पंचायतीराज व्यवस्था मजबुत हो पायेगा। उक्त समर्थन हेतु सरपंच संघ के समस्त कार्यकारणी सद्स्य सहित बड़ी संख्या में महिला सरपंच उपस्थित रहीं एवं सचिव संघ के उपाध्यक्ष गोवर्धन साहू, सचिव कल्याण डहरिया, कोषाध्यक्ष शोभा ध्रुव, उपकोषाध्यक्ष रेणुका वर्मा, प्रवक्ता लवी गुप्ता, हरमोहन बांधे, रोहित साहू रामाधार रात्रे, जोहत धीवर, कौशल साहू, विश्वनाथ वर्मा, मेनका साहू, पुनेश्वरि साहू, गायत्री शर्मा राकेश बंजारे, सुरेन्द्र साहू अनिता टण्डन , अनोज बांधे,आभा चन्द्राकर, दिनेश निषाद, अश्वनी साहू, रवि बंजारे सचिव संघ को हरमोहन बांधे ने सबोधन किया , रोहित साहू द्वारा सरपंच महोदयो का आभार ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम का संचालन कल्याण डहरिया द्वारा किया गया हड़ताल में बड़ी संख्या में सचिव रोजगार सहायक उपस्थित रहे।

*पुर्व विधायक व पुर्व जनपद अध्यक्षो का समर्थन मिला*



विगत दिनों सचिव संघ के धरना स्थल आरंग मे पुर्व विधायक एवं अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष माननीय नवीन मार्कंडेय, पुर्व विधायक सँजय ढ़िढ़ि, श्री दिनेश ठाकुर पुर्व कार्यकारी अध्यक्ष जनपद पंचायत आरंग , श्री वेदराम मनहरे पुर्व अध्यक्ष जनपद पंचायत तिल्दा सहित क्षेत्रिय नेता व जनप्रतिनिधि आरंग विकास खण्ड के समस्त सरपंचगणों द्वारा सचिव रोजगार सहायक के जायज मांगों का पुर्ण समर्थन किया ।

मंगलवार, 12 जनवरी 2021

वन विकास निगम कर्मचारियों का कारनामा... बगैर बजट स्वीकृत राशि के तीन लाख से ऊपर का भोजन पानी डकार गए-जांच हुई तो करोड़ों के फर्जीवाड़ा का होगा भंडाफोड़

 वन विकास निगम कर्मचारियों का कारनामा... बगैर बजट स्वीकृत राशि के तीन लाख से ऊपर  का भोजन पानी  डकार गए-जांच हुई तो करोड़ों के फर्जीवाड़ा का होगा भंडाफोड़ 

अलताफ हुसैन की रिपोर्ट

रायपुर ( फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) विचित्र किंतु सत्य वाली यह अजीबो गरीब दास्तान  जिसने भी सुना पढ़ा दांतो तले अपनी उंगली दबा कर आश्चर्य मिश्रित प्रतिक्रिया देने से किंचित संकोच नही किया तथा छग वन विकास निगम कर्मचारियों की हैरान कर देने वाली करतूत की अपने अपने शब्दों में भर्त्सना,लानत मलामत, करने से भी नही चुका क्योंकि प्रकरण ही कुछ ऐसा है जिसमे छग राज्य वन विकास निगम के कर्मचारियों ने शासकीय राशि को अपनी बपौती समझ कर लाखों रुपये की राशि न केवल नाश्ता,भोजन,पानी और डीजल में उड़ा दिया,बल्कि फर्जी बिल के माध्यम से लाखों रुपये भी आहरित कर लिए  यह नाकाबिले बर्दाश्त कार्य छग राज्य वन विकास निगम के पाना बरस परियोजना मंडल अतंर्गत आने वाले मोहला काष्ठागार के भ्रष्टासुर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मिलीभगत से किया गया और यह फर्जीवाड़ा,गबन घोटाला कर यह साबित कर दिया कि शासकीय राशि का किस प्रकार दुरुपयोग कर विभाग की लाखों की राशि ठीक वैसे ही सफाचट कर गए जैसे एक बिल्ली पतीले में रखा दूध चट कर जाती है  यही नही वन विकास निगम मंडल कार्यालय राजनांदगांव  के द्वारा भी क्रय किए गए सामानों के जरिए फर्जी बिल के माध्यम से लाखों के गड़बड़ घोटाला को अंजाम दिया गया जिसकी वजह से अब ऐसे भ्रष्टासुरों को सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी का उन्हें जवाब देते नही बन रहा है तथा वे अब  बगले झांकने लगे है यही वजह है कि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी के एवज में मंडल कार्यालय के अधिकारी उलजुलूल दिग्भ्रमित जानकारियां देकर आवेदक को गुमराह कर रहे है तथा अपना दामन पाक साफ बचाने का प्रयास कर रहे है इस संदर्भ में आवेदक फॉरेस्ट क्राइम के द्वारा राज्य सूचना आयोग में अपील लगाने के साथ पाना बरस परियोजना मंडल द्वारा प्रदत्त  फर्जी बिल  जॉब प्रमाणकों को जिनकी कोई भी स्वीकृत दर की कॉपी नही दी गई है समस्त दस्तावेज को सरकारी एजेंसी आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो के माध्यम से भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध नकेल कसने लिखित आवेदन देने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी तथा पाना बरस परियोजना मंडल कार्यालय राजनांदगांव में पुनः नया आवेदन लगा कर   मंडल कार्यालय से वांछित जानकारी लेकर विगत पांच वर्षों में किए गए निर्माण कार्य सामग्री क्रय, तथा प्लांटेशन इत्यादि में हुए बहुत बड़े भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया जाएगा  


   संपूर्ण प्रकरण  कुछ इस तरह से सामने आया है है कि फॉरेस्ट क्राइम समाचार पत्र द्वारा 17 नवंबर 2020 को पानाबरस परियोजना मंडल कार्यालय में पत्र क्रमांक 261 के माध्यम से सूचना के अधिकार 2005 के अतंर्गत वर्ष 2016 से वर्ष अगस्त 2020 तक एक निर्धारित राशि से ऊपर  किए गए नगद भुगतान की सत्यापित छाया प्रति मांगी गई थी परन्तु तीस दिन व्यतीत होने के बावजूद भी आवेदक को किसी प्रकार की जानकारी प्रदान नही किया गया तब आवेदक द्वारा अपील की गई जिस पर भी विभागीय अधिकारियों द्वारा जानकारी देने में आनाकानी की जाती रही तथा अतिरिक्त समय मांग कर दिनांक 30 दिसंबर 2020 को आधी अधूरी जानकारी दिया गया जिसमे पारदर्शिता पूर्ण वांछित जानकारी की बजाए नाश्ता,भोजन,पानी,पेट्रोल बिजली बिल,सहित रस्सी क्रय इत्यादि की जानकारी आवेदक को थमा दी गई जबकि मंडल कार्यालय के अंतर्गत कराए गए नवीन कार्यालय भवन निर्माण प्लांटेशन कार्यों में श्रमिक भुगतान,कार्यालय हेतु उपयोग में लाए जाने वाली वस्तुएं,भंडारण इत्यादि की जानकारी में निर्धारित व्यय से अधिक किए गए नगद भुगतान राशि के संदर्भ में जानकारी मांगी गई थी परन्तु मंडल अधिकारियों द्वारा नाश्ता भोजन पानी बोतल,विधुत बिल पेट्रोल के 260 पृष्ठों की जानकारी थमा दी गई आवेदक को प्रदाय की गई जानकारी के संदर्भ में जिसने भी सुना,देखा हतप्रभ हो कर अपनी हंसी नही रोक पाया फिर भी प्रदाय की गई जानकारी भ्रष्टासुरों के लिए कहीं जी का जंजाल न बन जाए ? खैर, अधिकारियों के  द्वारा दिग्भ्रमित करने वाली आधी अधूरी जानकारी  को लेकर अपनी मिश्रित प्रतिक्रिया दिए बगैर कोई भी नही रह सका तथा भ्रष्टाचार किए जाने की आशंका को त्वरित टिप्पणी में अपने उदगार भी अवश्य किया प्रदत जानकारी में विदोहन कार्य हेतु जोगा रस्सी हेतु पत्र क्रमांक 4133/66 जॉब प्रमाणक में स्वीकृत दर 194-70 पैसे दर्शाया गया है परन्तु उसका बिल भुगतान  204 रुपये 43 पैसे स्वीकृत करवा भुगतान लिया गया जिसकी कोई  स्वीकृत दर की प्रति आवेदक को नही दी गई जिसे मेसर्स आर.के.ट्रेडर्स,मेसर्स खंडेलवाल मोहला नामक  संस्थान के बिल पर एम. एल. लोनहारे (ए पी आर) के द्वारा राशि भुगतान कराया जाना बताया गया इसी प्रकार पत्र जॉब क्रमांक  4806/69 में वर्ष 2014 का भुगतान वर्ष 2016 में किया गया दो वर्ष की लंबी अवधि पश्चात भुगतान करने का कोई स्पष्टीकरण नही है जबकि माना यह जा रहा है कि विलंब से भुगतान करने के पीछे कूट रचना कर फर्जी बिल के माध्यम से राशि आहरित करना  रहा है जिसका  किसी को भान भी नही होगा  अन्य जॉब प्रमाणकों में काष्ठागार  मोहला के ए पी आर श्री वी के श्रीवास्तव द्वारा लगभग तीन लाख 218 रुपये के भोजन,पानी बोतल,नाश्ता, हेतु  राशि आहरित की जा चुकी है अब सवाल यह उठाया जा रहा है कि इतनी बडी राशि केवल खान पान के लिए क्या विभाग अथवा निगम से कोई अतिरिक्त बजट जारी किया गया था ? या इसके लिए कोई राशि स्वीकृत कराई गई थी ? एक अन्य कर्मचारी डी. एल.नागोरे प्रभारी द्वारा ऐसे भी बिल प्रस्तुत किए गए है जिसमे सिंचाई हेतु डीजल ऑयल का क्रय किया गया है तब भी यह सन्देह उत्पन्न हो रहा है कि फरवरी मार्च से ही सिंचाई हेतु टेंडर कॉल किए जाते है जिसमे पानी टैंकर के माध्यम से सिंचाई की जाती है तथा निगम इसके लिए एक बहुत बड़ी राशि सिंचाई व्यवस्था के लिए वहन करती है फिर भी कर्मचारियों की मिली भगत के चलते सिंचाई में भी बहुत बड़ा खेल हो जाता है फिर कौन से रोपणी, अथवा प्लांटेशन में बोर अथवा सिंचाई हेतु डीजल पंप लगाया गया है यह तो अभी तक कही दृष्टिगोचर नही हुआ जो अनेक फर्जीवाड़े सन्देह को उत्पन्न करता है

 बताते चलें कि पाना बरस परियोजना मंडल कार्यालय में विभागीय चार पहिया ट्रक मौजूद है उसके बावजूद दल्ली राजहरा में मृत पौधों (कैज्युवल्टी)के पुनः रोपण हेतु प्रायवेट वाहन से पौधे परिवहन किया गया जिसमें भी हजारों रुपये का बिल से राशि आहरित की गई इसी प्रकार गेरू,चुना,डामर,इत्यादि में भी बड़ी राशि मे खेल हुआ है जिसका कोई स्वीकृति दर पत्र मुख्यालय या वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी नही किया गया उल्लेखनीय है कि किसी भी प्रोजेक्ट में क्रय किए जाने वाली निर्माण सामग्री,पौधे क्रय हेतु राशि का स्वीकृति दर हेतु एक प्रति वरिष्ठ क्षेत्रीय महाप्रबंधक  कार्यालय में प्रस्तुत करना होता है जब वरिष्ठ अधिकारी या क्षेत्रीय महाप्रबंधक द्वारा उक्त प्रस्तुत पत्र तथा व्यय की जाने वाली राशि मुख्यालय कार्यालय से स्वीकृत करता है तब उसका क्रियान्वयन मैदानी स्तर पर किया जाता है परन्तु यहां न स्वीकृत दर की कॉपी उपलब्ध है और न ही किसी प्रकार का विभागीय आदेश जारी किया गया  जॉब प्रमाणक पर ही नाश्ता भोजन पानी बोतल दर्शा कर लाखों रुपये निकाल लिए गए  इस संदर्भ में आवेदक को सूचना के अधिकार में प्राप्त कोई भी विभागीय तौर पर स्वीकृत दर की कॉपी आवेदक को प्रदान नही की गई इससे तो यह स्पष्ट हो जाता है कि पाना बरस परियोजना मंडल कार्यालय के अतंर्गत वर्ष 2016 से लेकर वर्ष अगस्त 2020 तक अनेक कार्यों में फर्जी बिल के माध्यम से करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया यह तो आवेदक को संतुष्ट करने नाश्ता, भोजन,पानी,डीजल,गेरू, चूना,पौधे क्रय, कर परिवहन आदि के दस्तावेज दे दिया गया जो मंडल कार्यालय में और भी बड़े फर्जीवाड़े कार्य होने की पुष्टि करता है तथा ऐसे फर्जी बिल के माध्यम से बड़े बड़े निर्माण कार्यों सामग्री क्रय, श्रमिक भुगतान में  फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया है जिसकी प्रतियां आवेदक को उपलब्ध नही कराई गई




  सूचना के अधिकार से प्राप्त एक अन्य पत्र क्रमांक व वि नि /03/2019/ 2485 / में प्रबन्ध संचालक द्वारा लगभग 35 कुर्सियां क्रय संबंधित विषयक पत्र जारी करते हुए 94 हजार पांच सौ रुपये राशि की स्वीकृति जारी की गई थी ये बात अलग है कि पाना बरस परियोजना मंडल कार्यालय में उतनी कुर्सियां तो नही थी अलबत्ता विगत वर्ष डेढ़ दर्जन कुर्सियां अवश्य  मुख्यालय मंगवा ली गई अब यह सवाल बनता है कि 35 कुर्सियां क्रय की गई थी तो वे कहां है ? क्योंकि अब भी मंडल कार्यालय में कुर्सी का टोटा बना हुआ है और कर्मचारी टूटी फूटी कुर्सियों में बैठ कर कार्य संपादित कर रहे है  और टेबल भी नवीन मंडल कार्यालय में उपलब्ध नही है वही पाना बरस मंडल कार्यालय के पत्र क्रमांक /3329दिनांक 07/12/2018 के द्वारा क्रय हेतु स्टील अलमारी,एवं कैनवास बैग के लिए अनुमति मांगी गई थी जिस पर कार्यवाही हेतु मुख्यालय के पत्र क्रमांक वविनि/03/2019/3622/ के अनुसार फूल साइज़ 6 नग स्टील अलमारी एव 40 नग केनवास बैग  की स्वीकृति प्रदान की गई थी जिसका क्रय राजनांदगांव मंडल कार्यालय द्वारा रायपुर के मणि इंटरप्राइसेस जीवन बीमा मार्ग पंडरी रायपुर से 72 हजार रुपये में छः स्टील अलमारी क्रय किया जाना बताया गया दर्शाए गए संस्थान के पते पर जब पड़ताल करने पर दुकान का कोई पता ज्ञात नही हुआ यानी फर्जी बिल के आधार पर सामग्री क्रय में भी गबन और भ्रष्टाचार हुआ है सवाल इस बात को लेकर उठाया जा रहा है कि क्या राजनांदगांव में स्टील अलमारी क्रय हेतु कोई दुकान नही थी जो रायपुर से स्टील अलमारी क्रय कर उसका परिवहन चार्ज पृथक दिया गया  ? 



इस प्रकार की क्रय प्रक्रिया भी पानाबरस कर्मचारियों के द्वारा सामग्री क्रय पर सवाल खड़ा करता है  ज्ञात हुआ है कि वर्तमान में मंडल कार्यालय में सुशोभित स्टील अलमारी के नाम पर पूर्व में ही रखे हुए स्टील अलमारी को डेंटिंग पेंटिंग कर दिया गया उसे ही नवीन स्टील अलमारी दर्शा कर हजारों रुपये का फर्जीवाड़ा कर दिया गया जबकि कैनवास बैग भी क्रय किया जाना बताया गया है परन्तु इसका क्रय हुआ है अथवा नही यह अब भी सन्देह के दायरे में है कथन आशय यह है कि जब  मंडल प्रबंधक या क्षेत्रीय महा प्रबंधक द्वारा सामग्री भंडारण क्रय हेतु मुख्यालय से स्वीकृत राशि जारी करने हेतु पत्र प्रेषित करता है तथा मुख्यालय से स्वीकृति राशि पत्र मिलने के पश्चात आदेश जारी होता है कि इतनी राशि मे  सामग्री क्रय किया जाए  तब किसी सामग्री का क्रय कार्यालय द्वारा नियमानुसार किया जाता है परन्तु यहां नाश्ता भोजन,पानी डीजल के लिए लाखों की राशि व्यय कर दी गई परन्तु किसी प्रकार की अनुमति,स्वीकृति राशि पत्र,या पृथक बजट पारित नही किया गया था फिर भी मनमाने रूप से वर्ष 2016 से वर्ष अगस्त 2020 तक लाखो नही बल्कि करोड़ों की शासकीय राशि का खुलकर दुरुपयोग किया जाता रहा   और संपूर्ण दस्तावेज आवेदक को प्रदान नही किया गया संपूर्ण दस्तावेज न देने के पीछे एक वजह यह भी मानी जा रही है कि कहीं करोड़ों के गड़बड़ घोटाला, फर्जीवाड़े,और भ्रष्टाचार को अंजाम देने की जानकारी सार्वजनिक न हो जाए! इसलिए आवेदक को संपूर्ण दस्तावेज प्रदान नही किए गए  इस फर्जीवाड़े में नीचे से लेकर ऊपर तक एक लंबी चैन बनी हुई है जिसकी ज़द में बहुत से चेहरे बेनकाब हो सकते है अब इसकी जांच तो  उच्च स्तरीय होना चाहिए और बड़ी  सूक्ष्मता के साथ जांच कराना चाहिए तथा शासकीय राशि को खुदबुर्द कर गबन करने वालों से  निगम द्वारा राशि वसूली की जानी चाहिए  वही आवेदक द्वारा अन्य महत्वपूर्ण सप्रमाण जानकारी प्राप्त करने हेतु  राज्य सूचना आयोग,में अपील कर आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो में भी इसकी लिखित शिकायत दर्ज की जाएगी ताकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों,कर्मचारियों पर  वैधानिक कार्यवाही हो सके

रविवार, 3 जनवरी 2021

महंगा पड़ गया बंदर से मजाक करना -देखे वीडियो

 महंगा पड़ गया बंदर से मजाक करना -देखे वीडियो



(वायरल वीडियो से फॉरेस्ट क्राइम की न्यूज़)

रायपुर कभी कभी मूक प्राणी से अपनत्व भी इंसान के लिए भारी पड़ जाता है और थोड़ा सा अपनत्व,स्नेह उसके अपनी जान पर बात आ सकती है  ऐसा ही एक वीडियो व्हाट्सएप के सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे मंदिर के बाहर वृक्ष के छांव में एक इंसान वानर से कुछ वार्तालाप करते दिख रहा है परन्तु यकायक वानर राज क्रोधित होकर उसके सर पर अपने पैने दांत गढा देते है और एक झटके  में ही मानव के सिर के बाल सहित हड्डी का टुकड़ा सिर से अलग कर गायब हो जाते  है 



यह तो ईश्वर की कृपा कहे कि वीडियों में दिख रहे व्यक्ति को इसका क्षणिक आभास नही होता और वह अपना गमछा उठा कर खड़े हो जाता है गनीमत है कि यदि वानर राज के पैने दांत मस्तिष्क के झिल्ली में चले जाते तो व्यक्ति की तत्काल मृत्यु भी संभव थी



 मगर उसे अपनी खोपड़ी खुलने का तनिक आभास नही हुआ और वह खड़े हो जाता है परन्तु  वीडियो लेने वाले प्रत्यक्ष दर्शी जब करीब जा कर निकले टुकड़े को देखते है तो   सब सन्न रह जाते है क्योंकि वहां व्यक्ति के बाल सहित हड्डी का टुकड़ा होता है उसे उठा कर बाद में घायल व्यक्ति को उपचार हेतु अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी स्थित के बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नही मिली सारा मामला दक्षिण भारत राज्य क्षेत्र का किसी मंदिर प्रांगण क्षेत्र का बताया गया है