वनों के संरक्षण के साथ ग्रामीणों के रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करता गरियाबंद वन मंडल का वन क्षेत्र परसूली
श्री मयंक अग्रवाल वनमण्डलाधिकारी गरियाबंद
अलताफ हुसैन
(छत्तीसगढ़ वनोदय में शीघ्र प्रकाशन)
छत्तीसगढ़ प्रदेश की रत्न गर्भा धरती में भिन्न भिन्न स्थलों पर लौह अयस्क ,गौण खनिज सहित अनेक प्रकार के प्रकृति संपदाओं का आकूत खजाना है यही नही यहां की सोंधी मिट्टी की खुशबू के साथ प्राचीन सभ्यताएं, धार्मिक आस्थाएं,संस्कृति,के विभिन्न लोकरंग की अद्भुत समागम स्थल भी मजूद है इन्ही के मध्य ऊंचे पर्वत शिखर में यहां साल सागौन और शीशम,जैसी अनेक विशेष मिश्रित प्रजाति के कीमती इमारती काष्ठों वाले पेड़ पौधों के वन क्षेत्र भी मौजूद है जहां चारो ओर हरियाली अच्छादित होने के साथ ही रमणीय,मनमोहक प्राकृतिक वन क्षेत्र अनायास लोगों का मन अपनी ओर आकर्षित करता है ऐसे वन क्षेत्र जिनके मध्य से निकले आड़े तिरछे काले डामर और उंसके मध्य सफेद लाइनिंग से उकेरे निर्मित मार्ग मानो हरीतिमा प्राकृतिक वातावरण के मध्य किसी काले चित्तीदार नागिन के मदमस्त होकर आड़े तिरछे घुमावदार गमन का अहसास कराता है यहां के प्राकृतिक सौंदर्यता में इजाफा तब और बढ़ जाता है जब गगन चुंबी पर्वत माला और सघन प्राकृतिक वनक्षेत्र में हरियाली के मध्य जब कोई महानदी अपने कटाव से राह बनाते हुए गुजरती हो और वन क्षेत्र की वैभवता को चार चांद लगाता हो ऐसी सुंदर मनोहारी दृश्य का यदि पर्यावरण प्रेमी लुत्फ उठाना चाहते हो तो वे गरियाबंद वन मंडल क्षेत्र के सब डिवीजन फिंगेश्वर के अंतर्गत ग्राम सड़क परसूली परिक्षेत्र में ऐसे दृश्य को बड़ी सहजता से दृष्टव्य हो जाते है जिसकी प्राकृतिक सौंदर्यता का बखान करने शब्द भी कम पड़ जाएंगे और ऐसे प्राकृतिक सौंदर्यता का बखान कभी समाप्त नही होगा गरियाबंद वन मंडल का सब डिवीजन फिंगेश्वर के अंतर्गत ग्राम सड़क परसूली जहां हजारों वर्षो से सीना ताने साल वृक्षों के वृह्द भूभाग क्षेत्र के बड़े पैमाने पर विस्तृत वन क्षेत्र अपने गौरव शाली इतिहास की वैभव गाथा के साक्ष्य बने हुए है समूचा साल वनों से आच्छादित गरियाबंद वन मंडल के सब डिवीजन फिंगेश्वर के अंतर्गत आने वाले ग्राम सड़क परसूली को मानों ईश्वर ने विशेष काल मे प्राकृतिक की हरीतिमा चादर का आशीर्वाद ओढ़ा कर स्वर्ग सदृश्य निर्माण के उद्देश्य से क्षेत्र की संरचना किया और अपनी लेश मात्र इस विरासत के संरक्षण,संवर्धन, सुरक्षा,रखरखाव, हेतु अपने उन चयनित सेवादार,भक्तों को दायित्व सौंपा जो कहने को तो वे छत्तीसगढ़ वन जलवायु,परिवर्तन विभाग में कार्यरत है परन्तु उसकी प्राकृतिक संरचना का मान सम्मान रखते हुए उंसके वर्चस्व को अक्षुण्य बनाए रखने वनों के विस्तार में अपना जुझारू और जीवटतापूर्ण जीवन का सर्वस्व न्योछावर कर दिया तथा सैकड़ों वर्षों से नियति के इस चयनित व्यक्तित्वों में कई ऐसे बांके सूरमाओं ने सैकड़ों वर्षों से ग्राम सड़क परसूली के कथित साल वृक्षों से अटे पड़े वन क्षेत्र के संरक्षण संवर्धन में अपना गरिमामयी सेवाकाल व्यतित कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया परन्तु आज भी साल वृक्ष का यह वन क्षेत्र मानों अपने स्थान पर किसी अटल चट्टान की भांति खड़ा हुआ है एवं आम लोगों के चित्त आकर्षण का केंद्र बिंदु बना हुआ है वर्तमान में कथित ग्राम सड़क परसूली के बेशकीमती ऐतिहासिक साल वृक्षों वाले वन क्षेत्र की सुरक्षा का दायित्व कर्तव्य निष्ठ,निडर, जुझारू प्रवृत्ति के धनी व्यक्तित्व परिक्षेत्राधिकारी श्री अशोक भट्ट को मिला है जो विगत अनेक वर्षों से गरियाबंद वन मंडल अंतर्गत सब डिवीजन फिंगेश्वर के ग्राम सड़क परसूली में अपनी सेवाएं दे रहे है और पूरी चाक चौबंद के साथ ग्राम सड़क परसूली के इस साल अच्छादित वन क्षेत्र के संरक्षण,संवर्धन,और सुरक्षा में अनवरत लगे हुए है यह श्री अशोक भट्ट का सौभाग्य कहा जाए कि उनके पूर्व उनके पिताश्री भी वन विभाग में रहते हुए प्राकृतिक वनों को सहेजने उंसके संरक्षण संवर्धन में अपना समूचा जीवनकाल अर्पण कर रखा था एक प्रकार से देखा जाए उनके खून में ही वनों की सेवा करना शामिल है यही वजह है कि कर्तव्य के प्रति समर्पित श्री अशोक भट्ट प्रतिदिन निर्भय होकर वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा, एवं वनों के मैदानी क्षेत्रों में कराए जाने वाले नरवा प्रोजेक्ट के तहत नाला,चेक डेम, खनकी,सहित प्लांटेशन,वृक्षारोपण जैसे अनेक विभागीय कार्यों के संपादन हेतु स्वयं उपस्थित रहते है इसके लिए वे कभी कभी अकेले ही अपनी मोटर साइकिल से वनक्षेत्र में प्रवेश कर जाते है उनकी मोटर सायकिल की आवाज़ ही काष्ठ माफियाओं और वन्य प्राणियों के ''नौ दो ग्यारह'' होने के लिए पर्याप्त है और वन्य प्राणी भी अपने इस प्रहरी को भली भांति पहचानने लग गए है इसलिए वे उन्हें किसी प्रकार की क्षति भी नही पहुंचाते तथा वे भी निर्भय होकर निरंतर अपने वन क्षेत्र का दौरा कर पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करते रहे है जिसकी वजह से क्षेत्र आज भी विशालता,एवं सघनता लिए हुए है तथा क्षेत्र में वन्य प्राणी भी निर्भय होकर स्वच्छंद विचरण करते है परसूली परिक्षेत्राधिकारी श्री अशोक भट्ट का व्यवहार मानवीय दृष्टिकोण से सदैव मानवहित में रहा है वे आसपास ग्रामीणों के सुखदुख में सदैव खड़े रहते है इसके पीछे उनका मंतव्य स्पष्ट है कि वनों की सुरक्षा के साथ आसपास के निवासरत वनवासी,वनादिवासियों को वन प्रबंधन समिति,वन सुरक्षा समिति,महिला स्वसहायता समूह जैसे दल निर्मित कर उनकी सहभागिता से वनों की सुरक्षा और उंसका विस्तार कैसा किया जाए साथ ही ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं में संलग्न कर उन्हें रोजगार मुलक कार्यों में उनकी सहभागिता सुनिश्चित कर उनके सामाजिक आर्थिक रूप को कैसे सुदृढ बनाया जाए इस ओर सदैव प्रयासरत रहते है ताकि वे सशक्त बन सके इसी क्रम में उन्होंने परसूली वन क्षेत्र के वनवासी,वनादिवासियों एवं ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित कर उनके आर्थिक सामाजिक उत्थान के लिए भी अनेक जनहित कार्य संपादित करवाए है जो उनके कार्यों के प्रति निष्ठा, प्रतिबद्धता को दर्शाता है परसूली
परिक्षेत्राधिकारी श्री अशोक भट्ट ने अपने कर्तव्यों से कभी विमुख नही रहते हुए बड़ी शिद्दत से कर्तव्यों का निर्वहन किया इसका जीता जागता उदाहरण वर्ष 2003-04 में सब डिवीजन फिंगेश्वर के सरगी नाला के समीप स्थित सागौन और बांस के प्लांटेशन है जो लगभग बीस वर्ष पूर्व उनके द्वारा संपादित किए गए थे जो आज के वन कर्मियों के लिए प्रेरणादायक और प्रसंगिक है आज भी कथित सरगी नाला क्षेत्र में शीतलता बरसता रहता है वानिकी का एक लंबा अनुभव होने के कारण वे हमेशा पेड़ पौधों के संरक्षण संवर्धन में अग्रणीय रहे परसूली के साल अच्छादित वनों की सुरक्षा के साथ साथ वनवासियों की आर्थिक समाजिक उत्थान के लिए वे सदैव नित नई नई योजनाओं के माध्यम से प्रयासरत रहते है हाल ही उन्होंने ग्राम सड़क परसूली के साढ़े तीन हेक्टेयर में स्थित नर्सरी में मनरेगा के तहत अनेक ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाया ग्राम पंचायतों के मांग अनुरूप गत वर्ष 2020 में उनके मार्गदर्शन मे लगभग दो लाख पौधों का जिनमे एक लाख बांस रायजुम तथा एक लाख सागौन रूट सूट के माध्यम से परसूली नर्सरी में उत्पाद कर ग्राम पंचायतों में वितरण करवाया था उनके द्वारा परसूली नर्सरी में उक्त उत्पाद से आसपास के अनेक ग्रामीण पुरुष महिलाओं को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करवाया पश्चात उत्पादित पौधों को आसपास ग्राम पंचायतों के माध्यम से वितरित किया उन्होंने बताया कि लगभग पचहत्तर प्रतिशत पौधों का वितरण छग शासन की महत्वाकांक्षी योजना ''पौधा तुंहर द्वार'' योजना के तहत निशुल्क वितरण किया गया पौधों की सुरक्षा एवं देखरेख के संबन्ध में परिक्षेत्राधिकारी श्री अशोक भट्ट ने बताया कि पौधों का रोपण, संरक्षण और सुरक्षा स्वेच्छाचारिता एवं अराधनीय है यह कार्य ठीक उस ईश्वरीय स्तुति और प्रार्थना के समान है जो किसी से बलात नही कराया जा सकता यह तो मानव के जीवन मे पेड़ पौधों और पर्यावरण,प्राकृतिक के प्रति प्रेम,भाव से ही जागृत हो सकता है फिर भी यथा संभव उन्हें जन जागरूकता लाने विशेष प्रयास किए जाते रहे है जिनमे यदि सत्तर प्रतिशत भी इसकी सुरक्षा,देखरेख,व्यवस्था हो गई तो वही पौधा पेड़ बन समस्त मानव जीवन के लिए जीवन दायिनी साबित होता है ग्राम परसूली नर्सरी से वितरित किए जाने वाले पेड़ पौधों के संदर्भ में श्री अशोक भट्ट ने बताया कि यह सब वरिष्ठ मण्डलाधिकारी श्री मयंक अग्रवाल के दिशा निर्देश उप वन मण्डलाधिकारी श्री यू एस ठाकुर साहब के कुशल नेतृत्व और मेरे मार्गदर्शन में संपादित हुआ पौधे वितरण कार्य आश्रित ग्राम तरियापारा,झालखार,अमलझोला सहित अनेक ग्राम पंचायतों में निशुल्क वितरण किया गया श्री अशोक भट्ट आगे बताते है कि ग्राम सड़क परसूली स्थित परसूली नर्सरी मे इस वर्ष हेतु भी पौधा रोपण के तहत कार्य योजना बनाई गई है जिसे शीघ्र धरातल पर लाया जाएगा यही नही स्थानीय परसुली ग्राम महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से अन्य रोजगारोन्मुखी योजनाओं पर कार्य योजनाए बनाई गई है जिसमे मशरूम उत्पाद सहित अन्य हस्तकला वस्तुओं का निर्माण कर महिलाओं के आर्थिकी ,सामाजिक सशक्तिकरण से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने व्यापक कदम उठाए जाएंगे परिक्षेत्राधिकारी श्री अशोक भट्ट आगे बताते है कि वृह्द भूभाग में फैले साल वन के संरक्षण में सड़क क्षेत्र के वनों को चराई रोकने हमने सड़क मार्ग के समक्ष खनकी निर्माण कर अतिक्रमण सहित चराई पर प्रतिबंधित कर वनों के संरक्षण में एक कारगर कदम उठाया है अब आसपास ग्राम क्षेत्र के मवेशी चराई में भी रोक लगी है तथा वनों को क्षति पहुंचाने की नीयत से घुसने वाले काष्ठ माफियाओं के लिए भी यह खनकी एक बहुत बड़ी बाधा बन गई है ग्राम के मवेशियों को पर्याप्त चारा, एवं पेयजल उपलब्ध कराने के एवज में गरियाबंद वन मंडल द्वारा ग्राम पंचायत से समझौता कर रिक्त पड़त साढ़े पांच हेक्टेयर खुले भूभाग में वनों के साल वृक्षों को बगैर क्षति पहुंचाए एक मॉडल गौठान निर्माण किया गया है जो आम लोगों के लिए उदाहरण साबित हो रहा है उन्होंने बताया कि वन मार्ग सड़क पर खनकी निर्माण से एक तो मवेशी चराई से होने वाली क्षति को रोका जाएगा वही दूसरी ओर अतिक्रमण से भी वनों की सुरक्षा होगी इसके अलावा खनकी निर्माण से वर्षा ऋतु में जलभराव से जल संरक्षण के साथ साथ वन क्षेत्र की नमी बराबर बनी रहेगी तथा जल स्तर भी बना रहेगा जिससे स्थानीय कृषकों के काश्तकारी में भी मदद मिलेगी श्री भट्ट आगे बताते है कि वनों के आसपास रिक्त भूमि पर औषधि पौधे जिसमे तिखुर,तुलसी,जैसे औषधि पेड़ पौधे लगाने की योजना है जिसके उत्पाद एवं उसके विक्रय से भी ग्राम वासी आर्थिक रूप से सुदृढ हो सके मैदानी स्तर पर सदैव कंधा से कांधा मिलकर कर चलने वाले
सहायक परिक्षेत्राधिकारी श्री दुर्गा प्रसाद दीक्षित बताते है कि ग्राम पंचायत के निर्मित गौठान में गोबर खरीदी सहित वर्मी कंपोस्ट जैविक खाद का उत्पाद किया जा रहा है साथ ही एक बोर खनन करवाया गया जिसके संचालन हेतु सौर ऊर्जा पैनल लगाया गया जिससे एक स्थल पर ताल,डबरी निर्माण कर उसमें जल संग्रहित किया जाएगा जिससे पशुओं के पेयजल समस्या दूर की गई है गोबर खरीदी से वर्मीकम्पोस्ट खाद निर्माण किया जा रहा है जिससे ग्राम पंचायत की महिला स्वसहायता समूह एवं अन्य समूह इसमें कार्यरत है साथ ही एक बड़ा क्षेत्र में तालाब निर्माण किया गया है जिसमें मछली पालन योजना महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से की जाएगी इसके अलावा भी महिलाओं एवं ग्रामीणों के रोजगार सृजन कर आत्मलंबी बनाने अनेक योजनाओं का समय समय पर क्रियान्वयन किया जाएगा बताते चले कि परसूली परिक्षेत्राधिकारी श्री अशोक भट्ट की मंशा हमेशा से ही जियो और जीने दो की तर्ज पर निर्भर रहा है यही वजह है कि वनों को बगैर क्षति पहुंचाए उंसके संरक्षण,संवर्धन,विस्तार, के लिए नए नए योजनाओं को धरा पर लाते है जिसकी वजह से स्थानीय ग्रामीण वनवासियों को रोजगार मिलता है साथ ही वनों के विस्तार में भी चहुमुखी विकास होता है इससे उन्हें दोहरा आशीष मिलता है एक तो रोजगार सृजन से ग्रामीण उन्हें अपना आशीष देते है तो दूसरी ओर प्राकृतिक भी उन्हें अपनी सुरक्षा के एवज में हवा के शीतल लहर के साथ झूम झूम कर उन्हें मुक्त वातावरण के साथ खुलकर आशीष प्रदान करते है अभिनन्दन करते है जो उनके लिए जीवन का सर्वोत्तम आनंद का समय होता होगा क्योंकि प्रकृति उन्हें ही अपना आशीष देती है जो उनसे स्नेह करते है.. उनके संरक्षण,संवर्धन,और सुरक्षा में सदैव सेवा देने निष्ठा पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते है जो विशेषता परिक्षेत्राधिकारी श्री अशोक भट्ट में कूट कूट कर भरी है
 
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