स्वामी आत्मानंद बी.पी.पुजारी स्कूल में अब गरीब के बच्चे नही अमीर के बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश बोलेंगे
रायपुर शिक्षा का अधिकार प्रत्येक बच्चों का मौलिक अधिकार है जिसके लिए राज्य शासन नित नई योजनाओं के माध्यम से शिक्षा के स्तर को सुधार कर आधुनिक शिक्षा से छात्र छात्राओं को संलग्न कर रही है इसके लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने भी बहुत से शासकीय शालाओं का जीर्णोद्धार कर हिंदी सहित इंग्लिश। स्कूलों का निर्माण किया है जिसे आत्मानन्द इंग्लिश स्कूलों का नाम दिया तथा यह प्रचार किया कि अब गरीब मजदूरों के बच्चे भी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलेंगे परंतु चंद वर्षों में ही आम जनता की यह भ्रांति चकनाचूर हो गई क्योंकि ऐसे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधरते ही अब प्रायवेट स्कूलों की फाइव स्टार सुविधा के साथ लाखों रुपये व्यय करने वाले उद्योगपतियों ने गरीबों के लिए बनाए गए स्वामी आत्मानंद सरकारी इंग्लिश स्कूलों पर भी अपना कब्जा जमाना प्रारंभ कर दिया परिणामतः जो गरीब, मध्यम वर्ग मजदूरों की सुविधा के लिए सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधार कर उन्हें अंग्रेजी स्कूल में परिवर्तित किया था
वही गरीब मध्यम वर्ग के बच्चे और उनके पालक अब स्कूलों के बाहर धक्के खा रहे है तथा साधन संपन्न बच्चे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश माध्यम स्कूलों में अतिक्रमण कर उन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित कर सरकारी व्यवस्था का खुले आम धज्जियां उड़ा रहे है तथा मन मुताबिक पीछे के दरवाजे से साधन संपन्न बच्चों एवं राजनीति पहुंच वालों को ही शाला में प्रवेश दिया जा रहा है यहां तक प्रायवेट स्कूलों के नुमाइंदे भी सरकारी स्कूलों का तवाफ़ करना शुरू कर अपनी सरगर्मियां शुरू कर दिए है जो स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों एवं प्रायवेट स्कूलों के बीच सांठ गांठ सहित अनेक सन्देह को जन्म देता है तथा आम जनता केवल सरकारी व्यवस्था,एवं शाला प्रबंधन के दो पाटों के मध्य आटे के मानिंद पीस रही है ऐसे गरीब मध्यम वर्ग के बच्चों को न तो शाला में प्रवेश दिया जा रहा है और न ही उन्हें स्कूलों में बैठाया जा रहा है कई छात्र ऐसे भी है जिन्होंने गत वर्ष परीक्षा उतीर्ण कर अगली कक्षा में पसंदीदा सब्जेक्ट लेकर बैठने को लेकर उत्साहित होकर पहुंचे मगर उन्हें भी मनपसंद सब्जेक्ट वाली कक्षा में न बैठाकर तुगलकी फरमान निकाल कर बलात अन्य सब्जेक्ट वाली कक्षा में बैठने कहा जा रहा है ऐसे न करने पर उन्हें टीसी निकालने दबाव बनाया जा रहा है जिससे पलकों की चिंता बढ़ चुकी है अब शाला प्रबंधन की ऐसे तुगलकी फरमान एवं परिस्थिति में बच्चे जाएं तो कहां जाए वाली स्थिति निर्मित हो चुकी है
यह परिस्थिति राजातालाब स्थित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश बीपी पुजारी स्कूल में अधिक देखने मिल रही है जहां बहुत से पालक भटकते हुए निराश मिले है उनमें बहुत से पालक निम्न एवं मध्यम वर्ग के आम व्यक्ति थे जिन्होंने बताया कि बच्चों के प्रवेश को लेकर जिन्होंने ऑन लाइन फार्म भरा था परन्तु दो वर्षों से उनके बच्चों का दाखिला ही नही हो पा रहा है उसी प्रकार बहुत से पालक स्कूल परिसर से रोते हुए निकले जो स्थानीय रवि शंकर शुक्ल के ही वार्ड वासी थे उनसे पूछने पर उन्होंने बताया कि शाला की प्रिंसिपल श्रीमती सूद का व्यवहार किसी भी पालक से शालीनता पूर्वक नही है उन्हें वह हीन भावना से व्यवहार करती है तथा बाहरी वार्डों के वीआईपी कहे जाने वाले सभ्य एवं साधन संपन्न व्यक्तियों के बच्चों को शाला प्रवेश दे दिया गया जबकि स्थानीय वार्ड के पालकों का कथन है कि उनके बच्चों को अब तक प्रवेश नही दिया गया बताते चले कि सरकार ने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल प्रारंभ किया था तब यह कहा था कि ''अब गरीब के बच्चे भी फर्राटे दार अंग्रेजी बोलेंगे '' परन्तु यहां ठीक उलट हो रहा है यहां गरीब मध्यम वर्गीय स्कूल के छात्र फर्राटे दार इंग्लिश नही बोल रहे बल्कि अमीर के बच्चे जो पूर्व से ही इंग्लिश स्कूल में पढ़ रहे थे तथा वे ही फर्राटेदार इंग्लिश बोल रहे है क्योंकि प्रायवेट स्कूल जो फाइव स्टार होटल के समान थी तथा यहां कि फीस भी लाखों रुपये की होती थी सरकार द्वारा शिक्षा का व्यवसायीकरण करते हुए ऐसे शाला जो उजाड़ हो चुके थे तथा जिसका कोई पुरसाने हाल नही था उसे रंग रोगन और जीर्णोद्धार कर आधुनिक शाला के रूप में विकसित किया गया तथा जन विरोध मुखर न हो इसके लिए उन्होंने गरीबो और मध्यम वर्गीय छात्र छात्राओं के इंग्लिश पढ़ने का सुअवसर वाला लॉलीपॉप दिखाया ताकि कोई विरोध न हो परन्तु जैसे ही स्कूल की पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार आया समस्त वीआईपी साधन संपन्न वर्ग के छात्र छात्राओं ने यहां कब्जा करना प्रारंभ कर दिया अब जो पूर्व में संचालित बीपी पुजारी हिंदी मीडियम स्कूल थी वह भी इंग्लिश मीडियम वाली नवीनीकरण की भेंट चढ़ गई अब वे गरीब माध्यम वर्ग के छात्र अब तो हिंदी वाली पढ़ाई से भी वंचित हो गए है जबकी शिक्षा विभाग ने यह गाईड लाइन भी जारी कर रखा था कि जिस वार्ड में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश माध्यम स्कूल खुले है वहां के वार्ड के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी परन्तु पं. रवि शंकर शुक्ल वार्ड का स्वामी आत्मानंद बीपी पुजारी इंग्लिश स्कूल पहला एकलौता ऐसा वार्ड है जहां स्थानीय बच्चों को नाममात्र लेकर अन्य क्षेत्र के साधन संपन्न वीआईपी छात्रों को प्रवेश अधिक दिया गया है इस संदर्भ में राजातालाब नूरानी चौक के कांग्रेस नेता मुमताज हुसैन ने स्थानीय रवि शंकर शुक्ल वार्ड के पार्षद आकाश तिवारी पर यह आरोप लगाया है कि उनके शह पर स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती सूद द्वारा स्थानीय वार्ड वासियों के छात्रों को अनदेखा कर प्रवेश नही दे रही है तथा उन्हें किसी भी रूप से प्रताड़ित कर बाहर का रास्ता दिखा रही है ताकि बाहरी वार्डों के रसूखदार,साधन संपन्न छात्रों को लिया जा सके ऐसे पिछले दरवाजे से आने वाले छात्रों से कितनी राशि लेकर प्रवेश दिया जा रहा है यह जांच का विषय है श्री हुसैन ने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी यहां अध्यनरत जितने भी बच्चे है उनसे उनका पता पिता का व्यवसाय एवं उनके सामाजिक स्तर की जांच कर सकते है जिसमे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा प्रिंसिपल सूद की भूमिका काफी संदिग्ध है तथा वे पालकों को नाना प्रकार से प्रताड़ित कर पुराने छात्रों को निकालने कुचक्र रच रही है यही वजह है कि उनका छात्र छात्राओं के पालको से इतना बुरा व्यवहार है कि पालकगण स्कूल से रोते हुए निकल रहे है ज्ञात हुआ है कि उनके इसी व्यवहार के चलते एक पालक लियाकत अली एवं उनकी पुत्री नफीसा अली ने उनके दुर्व्यवहार का वीडियो बनाना चाहा जिसका भान होने पर उन्हें पुलिस इत्यादि की धमकी देकर धमकाया गया तथा लिखित में ऐसा न करने की बात लिखवाकर रखा गया जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का स्पष्ट आदेश है कि कोई भी शासकीय कर्मचारी आम जनता से दुर्व्यवहार या अपमान जनक तरीके से पेश आता है उसका वीडियो बना कर उन्हें भेजे संलिप्त कर्मचारी पर कार्यवाही की जाएगी परन्तु छत्तीसगढ़ में इस प्रकार की दुर्व्यवहार करने की छूट दी गई है संभावना यह भी जताई जा रही है कि शायद उन्हें राजनीति संरक्षण दिया जा रहा है तभी तो प्रिंसिपल का हौसला इतना अधिक बुलंद है यही नही वीडियोग्राफी किए जाने वाली इसी बात का प्रतिशोध में प्रिंसिपल मैडम द्वारा लियाकत अली के पुत्र वसीम अली को मैथ्स में कम नम्बर आने की बात कहकर मैथ्स सब्जेक्ट वाली क्लास में बैठने नही दिया जा रहा है पालक लियाकत अली का कथन है कि प्रिंसिपल रूम में लगे समस्त स्कूल खुलने से लेकर आज तक कि रिकार्डिंग की छानबीन होनी चाहिए जिससे सच सामने आ सके खुलेआम प्रिंसिपल का कथन है कि मुझे ऊपर से यानी मुख्यमंत्री की तरफ से बैठाया गया है मुझे कोई हटा नही सकता मगर मैं वसीम अली को मैथ्स क्लास में नही बैठने दूंगी ? जबकि ऊपरी पहुंच की आड़ में गरीब मध्यम वर्ग के बच्चों को इस प्रकार प्रताड़ित कर अन्य स्थानों के बच्चों को रख लिया गया बल्कि उन्हें कम नम्बरों को आधार बनाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया यहां तक उन्हें टीसी देने की बात भी कही जा चुकी है लियाकत अली के पुत्र वसीम अली जो गत वर्ष कक्षा दसवीं में सेकेंड डिवीजन आया है उसे प्रिंसिपल द्वारा कॉमर्स में न बैठने का तुगलकी फरमान निकाल दिया जबकि छात्र वसीम अली मैथ्स सब्जेक्ट पढ़ना चाहता है इस संदर्भ में वार्ड पार्षद आकाश तिवारी से बात करने पर उनका मत है कि मैथ्स में पैंतालीस नम्बर आने पर उसे देश का राष्ट्रपति भी मैथ्स में नही बिठा सकता कथन आशय यह है कि अपत्यक्ष रूप से भी वार्ड पार्षद आकाश तिवारी प्रिंसिपल की ही भाषा मे बात कर रहे हैं यानी अब प्रिंसिपल ही तय करेगी की किस बच्चे को कौन से सब्जेक्ट वाली कक्षा में बैठाना है यह तो मानव अधिकारों का सीधा हनन है कुछ पालक यह भी आरोप लगा रहे है कि साधन संपन्न छात्रों के पालकों से बड़ी रकम लेकर उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है तभी तो स्थानीय छात्रों को प्रताड़ित कर छंटनी की जा रही है ताकि लाखों रुपये लेकर संपन्न छात्रों को लिया जा सके जबकि रिपोर्ट लेने गए पत्रकारों के समक्ष ही सेरीखेड़ी स्थित एक प्राइवेट स्कूल के संचालक गाड़ी से उतर कर प्रिंसिपल सूद मैडम से चर्चा कर रवाना हो गए किसी प्रायवेट स्कूल कर्मी का इस तरह आकर चर्चा करना वह भी अनेक सन्देह को जन्म देता है इसकी पूर्ण पड़ताल कर आगामी अंक में प्रकाशित किया जाएगा परन्तु इससे यह अनुमान तो लगाया जा सकता है कि स्वामी आत्मानंद बीपी पुजारी स्कूल गरीब मध्यम वर्गीय छात्र छात्राओं के लिए नही बल्कि रसूखदार साधन संपन्न लोगों के लिए निर्माण किया है तथा एक प्रकार से शिक्षा के अधिकार से गरीब मध्यम वर्गीय बच्चों को सुनियोजित तरीके से वंचित करने की एक साजिश रची गई है अब ऐसे निम्न वर्गीय छात्र छात्राओं के समक्ष पठन पाठन की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है अब वार्ड में न सरकारी स्कूल है और प्राइवेट स्कूल में बडी फीस देकर पढाने की हिम्मत किसी भी गरीब माध्यम वर्गीय व्यक्ति के बस में नही रवि शंकर शुक्ल वार्ड के ही मुन्ना भाई उर्फ मो.हनीफ,,शानू टेलर्स जैसे अनेक पालकगण है जिनके समक्ष अपने बच्चों के शिक्षा के लिए माथे पर चिंता की लकीर उभर आई है


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