रविवार, 11 दिसंबर 2022

अब तक बच्चन....अमिताभ के फिल्मी गीत का जादू चला

 अब तक बच्चन....अमिताभ के फिल्मी गीत का जादू चला


अलताफ हुसैन की समीक्षात्मक रपट

रायपुर सदी के महानायक  अमिताभ बच्चन के फ़िल्म और उनके गीतों  का जादू विगत कई वर्षों से लगातार जारी है जिसकी बानगी.. अब तक बच्चन... नामक कार्यक्रम के माध्यम से  आज मायाराम सुरजन हॉल में देखने मिला  जहां उनके प्रशंसकों के द्वारा उनके  फिल्मों के गीतों की प्रस्तुति दी गई  अब तक बच्चन शीर्षक की परिकल्पना श्रीमती कृष्णा शेषगिरी राव ने की और इस परिकल्पना को साकार करने में किसी प्रकार की कोताही नही बरती गई और एक से बढ़कर एक सुपरहिट गीत की प्रस्तुति दी गई कभी कभी मेरे दिल मे ख्याल आता है कि प्रस्तुति इशरत अली ने बड़े ही खूबसूरत अंदाज़ में प्रस्तुत किया वही शेषगिरी राव ने प्यारा सा गीत ...रिमझिम गिरे सावन ...जिसका पार्श्र्व गायन किशोर कुमार ने किया बहुत ही सुंदर ढंग से मंच से जिया जिसे श्रोता शांत चित्त सुनते रहे और तालियों से उनका स्वागत किया पल्लवी राव और जी भूषण राव ने युगल गीत ..बच के रहना रे बाबा,,,के बाद ये कहां आ गए हम ...फ़िल्म सिलसिला का सुप्रसिद्ध गीत को दोनों पति पत्नी ने अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया जी.भूषण राव ... आज रपट जाएं तो हमे न बचाइयों...अपने प्यार के सपने सच हुए ....मंजिले अपनी जगह... रास्ते अपनी जगह...तू मुझे कुबूल मैं तुझे कुबूल...

शीशीया राव और जी भूषण राव के युगल गीत ....इम्तेहान हो गई इंतज़ार की...गीत पर बैठे सभी श्रोता गायकों के साथ ताली बजा कर गाने का लुत्फ उठाया..ज़िंदगी इम्तेहान लेती है....परदेसिया ये सच है पिया...पर श्रोता झूमने और नाचने लगे...अच्छा कहो चाहे बुरा कहो...मैं पल दो पल का शायर हूँ...जैसे लगातार बच्चन साहब के गीत गूँजते रहे औऱ श्रोता भी प्रत्येक गीत का आनंद उठाते रहे वही कार्यक्रम में साउंड सिस्टम की तकनीक खराबी से श्रोताओं का जायका कुछ समय तक बिगड़ा जरूर परन्तु धीरे धीरे उसमे भी सुधार लाया गया वही अब तक बच्चन शीर्षक के सभी गीत केवल शेषगिरी राव,और उनके भ्राता श्री जी. भूषण राव ने अपने  अर्धांगिनीयों  के साथ संपूर्ण कार्यक्रम को अपने कंधों में सम्हाल रखा था अपवाद स्वरूप एक दो गायको को छोड़ दिया जाए तो कार्यक्रम निजी गायकी के प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है लगातार एक ही चेहरा देखने से भी बहुत से श्रोता शीघ्र पलायन कर गए ऐसे बहुत से श्रोता होते है  जिन्हें कार्यक्रम में नयापन होने की अपेक्षा और दरकार होती है जिसका अभाव दिखा फिर भी शेषगिरी राव एंड फैमिली का उक्त अब तक बच्चन कार्यक्रम... बच्चन साहब के फिल्मी जीवन के सिल्वर पर्दे पर अभिनीत सुपरहिट गीतों से श्रोताओं को लंबे समय तक बांधे रखा विशेष कर सिलसिला फ़िल्म में बच्चन की आवाज़ में बोले गए कविता शब्द की अदायगी बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत की गई कार्यक्रम के परिकल्पना कार शेषगिरी राव एवं जी भूषण राव और उनकी टीम ने  की गायकी में दम था तभी तो श्रोता मायाराम सुरजन हॉल में.. अब तक बच्चन ...की संगीतिज्ञ पाठशाला में उनके जीवन दर्शन से जुड़ी एक एक अध्याय का वर्णन  के साथ  गीतों का लुत्फ  देर रात तक उठाते रहे

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