मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

हम पैसा देकर मंच नही करते - दीपक हटवार

 हम पैसा देकर मंच नही करते - दीपक हटवार 

रायपुर हम पैसा देकर मंच नही कर सकते उक्त वक्तव्य सुप्रसिद्ध उद्धोषक दीपक हटवार जी ने मायाराम सुरजन हॉल में चल रहे श्री शिवाय म्यूज़िकल गीत संगीत कार्यक्रम में कही जिसकी व्यापक प्रतिक्रिया हॉल ही में होने लगी किसी ने उनके कथन के समर्थन में ताली बजाई तो किसी ने हतप्रभ होकर प्रतिक्रिया व्यक्त की ऐसा कह कर दीपक हटवार जी ने  एक नया विवाद खड़ा कर दिया 

   श्री शिवाय ग्रुप द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में जब ..बिशन चाचा कुछ गाओ न... गीत के पश्चात दीपक हटवार जी को मंच आसंदी से दो शब्द कहने कहा गया तब उन्होंने  किसी  का नाम लिए बगैर ...मैं पैसा देकर मंच में नही आ सकता.. बल्कि दक्षिण लेकर काम करता हूँ क्योंकि यह कलाकार का हक़ है जैसे शब्दों का प्रयोग किया वही उन्होंने यह भी कहा कि मैं ने जीवन मे बड़े बड़े सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं के मंच संचालन किया मगर किसी भी मंच संचालन के लिए पैसा नही दिया  बल्कि दक्षिणा लेकर कार्यक्रम किया हूँ उन्होंने आगे कहा कि आज का दौर बड़ा अजीब दौर चल रहा है कार्यक्रम में क्वालिटी का ध्यान रखे अच्छे कलाकरों को ले तभी कार्यक्रम सफल होगा  जिस पर उपस्थित कुछ श्रोताओं ने ताली बजाकर उनके कथन का समर्थन और स्वागत किया तो कुछ ने प्रतिक्रिया स्वरूप बगैर सहयोग के कार्यक्रम असंभव की बात कही है अब यह पैसा देकर मंच संचालन जैसी विवादास्पद बयान को लेकर अलग नजरिए से देखा जा रहा है वही इस संदर्भ मे प्रसिद्ध मंच संचालक लक्ष्मी नारायण लाहोटी से चर्चा करने पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंच संचालन करना एक सारथी का कार्य है जो कार्यक्रम को उसके गंतव्य तक पहुंचाता है कोई भी कार्यक्रम बगैर सहयोग लिए दिए चाहे वह कोई भी सामाजिक,धार्मिक स्तर का कार्यक्रम क्यों न हो परस्पर सहयोग,चंदे के नही किया जा सकता है वैसे भी आज के गीत संगीत कराओके कार्यक्रम पन्द्रह  से बीस हजार रुपये से कम में नही होता जो सब के सहयोग से संपन्न होता है इसमें परिवारिक सदस्य होने के नाते  सहयोग राशि देना कोई गलत नही है वही कुछ लोग अधिक राशि देकर मंच संचालन करने की बात पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह जिसकी जैसी इच्छा वह वैसा कर सकता है परंतु दीपक जी के इस बयान को लेकर हॉल में बैठे लोग कानाफूसी करते दिखे वही पैसा लेकर कलाकार लिए जाने की बात को लेकर भी काना फुसी हो रही थी कि कुछ कलाकार पैसा लेकर  मंच को अपनी बपौती मान लेते है और व्यवहारिक शिष्ट भाषा शैली भले सरल और सहजता पूर्ण हो परंतु उनका शब्दो से नियंत्रण लगभग समाप्त हो जाता है  तथा अनर्गल शब्द कहने से भी नही चूकते पूर्व मे सोशल मीडिया में समाचार प्रसारित किए गए चाय पानी बिस्कुट को लेकर पुनः मंच से वही बात कह दी जाती है बताते चले कि कार्यक्रम में उक्त कमी को  लेकर स्वयं म्यूज़िकल ग्रुप संचालको के द्वारा क्षमा मांग ली गई थी परंतु यहां  सम्मान के समय उपरोक्त बात का पुनः  चर्चा में लाने के पीछे क्या मंतव्य था ज्ञात नही वही कुछ दिन पूर्व भी एक एंकर द्वारा तो फ्री मंच संचालन सीखने कार्यशाला ही लगा दिया गया अब उक्त कार्यशाला में कितने मंच संचालक पैदा हुए ज्ञात नही  परंतु यह जरूर आभास हो रहा है कि बगैर दक्षिणा  लिए मंच संचालन जैसे वक्तव्य ने संपूर्ण कराओके कलाकारों के बीच एक चर्चा अवश्य छेड़ दी है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें