शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024

आरंग तामासिवनी नवीन शाला मे शिक्षकों के अभाव में ताला बंदी*

 *आरंग तामासिवनी नवीन शाला मे शिक्षकों के अभाव में ताला बंदी*

आरंग.... ग्राम तामासिवनी के नवीन प्राथमिक शाला मे विगत कई वर्ष से शिक्षकों की कमी थी इस शाला मे सिर्फ दो शिक्षक कार्यरत है। नवीन प्राथमिक शाला मे कक्षा एक से कक्षा पांच तक की पढ़ाई लगभग नगण्य है। जिससे विद्यार्थियों के भविष्य अंधकारमय लग रहा है। शासन प्रशासन से विगत तीन वर्ष से शिक्षकों की मांग जनप्रतिनिधि एवं पालकों द्वारा मांग किया जाता रहा है मगर सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा है।

थक हार कर आज पालको द्वारा स्कूल मे ताला बंदी कर स्कूल के सामने धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। धरना प्रदर्शन मे शामिल महिलाओं मे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंताये साफ देखने को मिल रहा है। 

ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि हेमलाल जांगड़े उपसरपंच हुलास साहू बबलू वैष्णव चितरंजन साहू संतोष साहू स्कूल पहुंचकर पालको के साथ धरना प्रदर्शन मे शामिल हुए। उच्च अधिकारियो को यथास्तिथि से अवगत कराया गया। अभनपुर beo श्रीमती धनेश्वरी साहू नायब तहसीलदार गोबरा नवापारा अशोक कुमार जंघेल abo श्री राजेश साहू brcc श्री राकेश साहू नोडल प्रतिनिधि श्री मयंक धर दिवान समन्वयक श्री भाष्कर साहू नवीन शाला पहुंचकर पालको एवं बच्चों से समस्याओं को जाना एवं जल्द ही हल करने का आश्वासन दिया गया।*

गुरुवार, 7 नवंबर 2024

छत्तीसगढ़ वनोदय पत्रिका का प्रकाशन

 छत्तीसगढ़ वनोदय पत्रिका का प्रकाशन 

रयपुर  छ्ग प्रदेश के वन बाहुल क्षेत्र एवं वन विकास निगम पर केंद्रित विकास पूर्ण तथ्य एवं सत्य परक योजनाओं पर केंद्रित एक मात्र बहुरंगी पत्रिका  छत्तीसगढ़ वनोदय का आज नियमित प्रकाशन किया गया जिसमे वन क्षेत्रों के समसायियक विषय को लेकर प्रकाशन किया गया जिनमे मुख्यतः हाल ही संपादित हुए 27वीं खेल कूद प्रतियोगिता के अलावा अव्वल दर्जे का बागबाहरा खुर्द नर्सरी महासमुंद वन मंडल का हाईटेक नर्सरी,बार अभ्यरणय मे वन भैसें के रहवास, कोंडागाँव परिक्षेत्र एवं माना परिवृत् का कृष्ण कुंज, सहित खैरागढ़ वन वृत क्षेत्र का मृदा भु जल  संरक्षण, वन विकास निगम द्वारा कराए गए प्लांटेशन सहित बहुत से अन्य बहुरंगी पठनीय सामाग्री का प्रमुखता के साथ समावेश कर प्रकाशन किया गया


ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ वनोदय त्रैमासिक पत्रिका वन एवं वन विकास निगम  का एक मात्र पत्रिका है जो विगत चौथे वर्ष मे सफलता पूर्वक पदार्पंण करने जा रहा है   छत्तीसगढ़ वनोदय पत्रिका का संपादन,एवं प्रकाशन अलताफ हुसैन द्वारा अनवरत किया जा रहा है उक्त त्रैमासिक पत्रिका छ्ग वनोदय पत्रिका के संपादन एवं प्रकाशन कार्य मे उप संपादक दानिश आफताब  द्वारा विशेष सहयोग किया गया हम वन विभाग, वन विकास निगम के उन सभी अधिकारियों कर्मचारियों, मैदानी अमले, सुधि पठाको का  हृदय की अथाह गहराई से धन्यवाद प्रेषित करते है जिन्होंने हमे प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से दूरस्थ जिलों मे पहुंचने पर अपना कीमती समय देकर  समाचार संकलन करने मे पूर्ण सहयोग प्रदान किया 

सोमवार से छत्तीसगढ़ वनोदय का वितरण किया जाएगा

शनिवार, 2 नवंबर 2024

फर्जी शिकायत की आड़ में वन विकास निगम के अधिकारियों का भय दोहन

 फर्जी शिकायत की आड़ में वन विकास निगम के अधिकारियों का भय दोहन



अलताफ़ हुसैन द्वारा

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़)  सूचना का अधिकार शासकीय विभागीय कार्यों की पारदर्शी समीक्षात्मक मध्यम है जो आम जन के कर के रूप मे प्राप्त राशियों का शासन कर्मियों द्वारा  कार्यों का कितना सफल क्रियानव्यन किया गया उसका सटीक अवलोकन किया जा सके  परंतु देखा यह जा रहा है कि सूचना के अधिकार के रूप मे कुछ लोग द्वारा गलत उपयोग किया जा रहा था जिसकी वजह से कोई भी सूचना के अधिकार लगाने वाले कई व्यक्तियों  की छबि  धूमिल हो चुकी है  वही अब कुछ लोग द्वारा सूचना के अधिकार से इतर अब पी. एम. सी.एम.एवं  वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर ब्लैकमैल जैसा नया फार्मुला ईजाद कर आर्थिक स्त्रोत का सशक्त मध्यम प्रारंभ कर दिए है जिसकी वजह से कोई भी विभागीय कार्यशैली मे व्यवधान उत्पन्न तो होता ही है साथ ही विभाग सहित पूरा सिस्टम संदेह के दायरे जैसे कटघरे मे खड़ा हो जाता है शिकायत की आड़ मे कुछ लोग द्वारा किसी विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के उपर एक ही विषय कार्यों  को लेकर भ्रष्टाचार,अनीयमितता, की दर्जनों शिकायत अलग अलग क्षेत्रों में लगाकर अपना  आर्थिक सुदृढ़ता का मार्ग प्रशस्त कर रहे है  यह भी ज्ञात हो रहा है कि संबंधित विभाग कर्मचारियों द्वारा ऐसी शिकायतों का निराकरण हेतु जब किसी आवेदक कर्ता को भौतिक सत्यापन  हेतु बुलाया जाता है तब वह उल्टे ही जांच अधिकारियों को ही शिकायत का निराकरण का हवाला दे कर हाथ उठा देता है यानी अपूर्ण जानकारी के अभाव मे लगातार आवेदक व्यक्ति के इस हरकत से वहाँ के विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों को खासा परेशान होना पड़ रहा है  विश्वस्त सूत्रों से यह  ज्ञात हुआ है कि मध्य प्रदेश सरकार की ही तरह छग सरकार भी ऐसे शिकायत करने वाले आवेदक कर्ताओ की लिस्ट तैयार कर नाम सार्वजनिक कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने शासन स्तर पर कार्य कर रही है 



     ताजातरीन संपूर्ण मामला बिलासपुर छग वन विकास निगम का बताया जाता है हमारे समाचार पत्र कार्यालय से अज्ञात रूप से प्राप्त पत्रों के आधार पर  जैसे हमें  जानकारी प्राप्त हो रही है उसके अनुसार शिकायत कर्ता बिलासपुर निवासी संजय अग्रवाल द्वारा छ्ग वन विकास निगम के प्रदेश भर के भिन्न भिन्न परियोजना मंडल कार्यालय मे एक ही समानता पूर्ण शिकायत को पृथक रूप से दर्ज करवा कर समस्त वविनि  कर्मचरियों को परेशान कर भय दोहन किया जा रहा है डाक बंगला चौक करगी रोड कोटा निवासी संजय अग्रवाल नामक व्यक्ति जो वर्ष 2020 से आज पर्यत 2024 तक एक ही विषय वस्तु जैसे एन.पी.टी.सी.पी. सिपत में कराए गए गड्ढा खुदाई,तेंदुआ परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 140/एवं 164 मे कराए गए सागौन प्लांटेशन के पौधों के मृत होने की शिकायत कथित संजय अग्रवाल द्वारा मुख्य मंत्री से लेकर वन मंत्री पी सी सी एफ तक की गई थी जिसका निराकरण हेतु जांच अधिकारी की उपस्थिति मे आवेदक को कथित  क्षेत्र मे अवलोकन पश्चात दिखाया गया था जिसे   संतुष्ट होने पर उससे लिखित मे ले लिया गया वन कर्मियों द्वारा आगे बताया जाता है कि आवेदक संजय अग्रवाल द्वारा वविनि कार्यालय मे पहले शिकायत करता है पश्चात जांच के समय सैटलमेंट कर लेता है फिर लिखित मे संतुष्ट पत्र लिख कर आवेदन वापस कर लेता है फिर वही शिकायत को पुनः अन्य वन विकास निगम परियोजना मंडल कार्यालय मे किसी और अधिकारी कर्मचारी के नाम से शिकायत का आवेदन लगा देता है तथा विभागीय कार्यालय या थाना मे स्पष्टीकरण देकर दबाव पूर्ण आवेदन देकर  कर्मियों को अप्रत्यक्ष रूप से धमकी देता है कि मुझे दबाव डाल कर शिकायत वापस लिया गया है एक प्रकार से अधिकारियों को आरोप लगाकर उन्हे मानसिक, आर्थिक, और शरीरिक रूप सें प्रताड़ित करता है एक प्रकार से उसके संतुष्ट होने के बावजूद संजय अग्रवाल द्वारा उक्त शिकायत वविनि के  विभागीय अधिकारी के नाम से लगातार शिकायत करता रहा  जिसे लेकर कोटा परियोजना मंडल कार्यालय द्वारा मण्डल प्रबन्धक ने वविनि के पत्र क्रमांक 1243/दिनांक 26/07/2023/ को कोटा थाना प्रभारी को भी पत्र लिखा जा चुका है उसके बावजूद  दर्जनों शिकायत उसके द्वारा उसी विषय को लेकर किया गया कर्मचारियों द्वारा लिखित पत्र मे यह भी उल्लेखित किया गया है कि शिकायत करने के पीछे उसकी मंशा ब्लैकमेलिंग है जिसकी हम अर्थात समाचार पत्र इसकी पुष्टि नही करता है            


          




        वन विकास निगम बिलासपुर कोटा से प्राप्त पत्र अनुसार वर्तमान मे संजय अग्रवाल ने लगभग पांच से अधिक वन विकास निगम के डिविजन मे लगातार शिकायत दर्ज की जा चुकी है पड़ताल करने पर नाम न छापने की शर्त पर कुछ वन विकास निगम कर्मियों द्वारा बताया गया है कि संजय अग्रवाल नामक व्यक्ति द्वारा पूर्व मे केवल वन विकास निगम बिलासपुर के कोटा पंडरिया डिविजन मे ही आर टी आई. (सूचना के अधिकार) लगा कर वहाँ के सहायक लेखापाल से लेकर रेंजर सहित डी.एम. तक सूचना के अधिकार के मध्यम से उनका भय दोहन करता था परंतु वहाँ की एक महिला रेंजर अधिकारी ने जब उसके विरुद्ध कोटा थाना क्षेत्र एवं महिला आयोग मे शिकायत दर्ज की पुलिस थाना, एवं महिला आयोग द्वारा कानूनी कार्यवाही होने से  बचने की दशा मे स्वतः  उसके द्वारा मान मनुव्वल कर  आर. टी. आई. लगाना बंद कर दिया उसकी एक वजह यह भी बताई जाती है कि सूचना के अधिकार की तीस दिन  पश्चात मिलने वाली जानकारी और सूचना आयोग मे दो वर्षों की लंबी प्रक्रिया से बचने  उसके द्वारा  अपनी कार्य शैली मे परिवर्तन करते हुए अपना दायरा वन विकास निगम छत्तीसगढ़ के लगभग पांच से उपर सभी डिविजन मे  शिकायत दर्ज करने वाला  खेल प्रारंभ कर दिया शिकायत कर्ता संजय अग्रवाल द्वारा आई एफ एस अधिकारी से लेकर लेखापाल, कर्मचरियों की शिकायत दर्ज की जिनमे मुख्य पीड़ित अधिकारियों मे सर्व श्री मनोज पांडे  आर जी एम. बिलासपुर, बच्चन साहेब रायगढ़, होम लाल साहू, डिविजनल मैनेजर,मोहला पाना बरस, गजेंद्र पांडे, डी एम. कांकेर, ऋषि शर्मा, एस डी ओ बार नवापारा परियोजना मंडल, रुस्तम मंडल डी एम. जगदलपुर, विनीत सिंह अंबिकापुर, पीयूष बजाज बिलासपुर रेंजर के अलावा लेखापाल जैसे पदों पर बैठे अधिकारियों कर्मचारियों पर इनकी शिकायत पी एम ओ. प्रधान मंत्री कार्यालय, छग,के राज्यपाल, मुख्य मंत्री, वन मंत्री, लोक आयोग, ए सी बी, मुख्य सचिव, पी सी सी एफ. मे शिकायत किया जा चुका है


जिसके जवाब मे उसे जांच अधिकारी द्वारा नीयत तिथि में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने संबंधित परियोजना मंडल मे तलब किया गया तथा उसके द्वारा संबंधित लिखित पत्र, दस्तावेज, या लिखित साक्ष्य प्रस्तुत करने कहा जाता रहा तब आवेदक संजय अग्रवाल द्वारा मूक, बधिर बनकर शांत बैठा रहता तथा न ही  वह किए  गए शिकायत के प्रमणक,दस्तावेज, या अन्य कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नही करता उसके द्वारा बारंबार यही शिकायत अन्य परियोजना मंडल कार्यालय मे पुनः लगाकर वहाँ के अधिकारी कर्मचारियों को भी लगातार परेशान एवं प्रताड़ित करता वविनि कर्मियों ने बताया है कि जांच अधिकारी द्वारा आवेदक संजय अग्रवाल से जब त्रस्त हो गए तब उच्च स्तर पर उसकी शिकायत मे बताया गया जिसमे उसके द्वारा लगातार गंभीर भ्रष्टाचार, अनीयमितता, का आरोप पूर्व जांच अधिकारी द्वारा  स्पष्ट निराधार, मिथ्या साबित हो चुका है फिर भी संजय अग्रवाल द्वारा उसी एक  विषय को केंद्र बिंदु बना कर भिन्न भिन्न परियोजना मंडल कार्यालय मे शिकायत दर्ज कर अधिकारियों कर्मचरियों को प्रताड़ित कर भय दोहन कर उस पर ब्लैक मेलिंग जैसा गंभीर आरोप भी लगाए जा चुके है जबकि हमे मिले प्राप्त शासन के पत्र मे भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही या एफ.आईर. दर्ज किया जाए


परंतु यह विचारणीय पहलू है कि वन विकास निगम के उच्च अधिकारी लगातार  शिकायत का पुलिंदा भेजने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने मे अब तक आँख बन्द कर क्यों टाल मटोल कर रहे है? क्यों नही उस पर एफ. आई. आर. दर्ज की जा रही है यह अब चिंता का विषय बन चुका है

       उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश शासन मे इस प्रकार की हजारों शिकायत से त्रस्त हो कर मध्य प्रदेश मे एक बड़ी सूची तैयार की जा रही है जिसमे बारबार उसी शिकायत को लगाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी वहाँ पर एक व्यक्ति ने लगभग आठ सौ शिकायत दर्ज की है जिसका नाम सार्वजनिक किया जाएगा ऐसा भी बताया गया है ठीक छ्ग सरकार मे भी अपुष्ट समाचार मिल रहे है कि उसी प्रकार मिलते जुलते  शिकायत करने वाले  आवेदकों की कुंडली तैयार की जाएगी  तथा उनका नाम सार्वजनिक कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी

मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024

महासमुंद कौन्दकेरा उच्च तकनीक नर्सरी के पौधे हरियाली बिखेर रहे

 महासमुंद कौन्दकेरा उच्च तकनीक नर्सरी के पौधे  हरियाली बिखेर रहे 

अलताफ़ हुसैन

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय) शाश्वत एवं  स्थापत्य दो पृथक शब्द है शाश्वत जो सदैव किसी भी काल,युग मे अजर , अमर रहने वाला कहलाता है जबकि स्थापत्य परिवर्तन शील तकनीक रुचि अनुसार मानव द्वारा निर्माण,इच्छाओ की आपूर्ति कहलाता है उदाहरण स्वरूप जब से युगों का वर्चस्व प्रारंभ हुआ तब से जल, थल, वायु,, पेड़ पौधे शाश्वत के श्रेणि मे आते है वही परिवर्तित युग मे स्थापत्य जिसकी स्थापना, अविष्कार, निर्माण, ईजाद किया जाए वह स्थापत्य कहलाता है ऐसे अनेक तकनीक का ईजाद कर मानव ने  अवश्यक्ताओ विनिर्माण की पूर्ति किया है जो प्रायः विलुप्तता के कगार पर पहुँच चुके थे जिनमे जीवन दायिनी अमरत्व प्रदान करने वाली प्राकृतिक पेड़ पौधों का लगातार हास  हुआ है जिसके स्थापत्य के लिए इनमे ऐसे भी प्रजाति के पौधे है जो पर्यावरण के दृष्टि कोण से संपूर्ण वाता वरण के लिए अमृत तुल्य माना जाता है लगातार  विलुप्तता के जड़ पर पहुँच चुका था ऐसे पौधों के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए वन जल वायु एवं परिवर्तन विभाग ने आधुनिक तकनीक अविष्कार का प्रश्रय लेकर उनके अस्तित्व बचाने लगातार प्रयास कर रही है इसी तारत्म्य मे फलदार औषधि युक्त फुलदार पौधों को आधुनिक तकनीक, हाईटेक पद्धति से उसका अस्तित्व बचाने लगातार प्रयास किया जा रहा है जिसके सार्थक परिणाम अब परिलक्षित हो रहे है 


        महासमुंद जिला वन वृत मुख्यालय से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर ग्राम कौंदकेरा जो गाडाघाट  सेतु के समीप स्थित पथरीली चट्टानी भूमि मे लगभग 15 हेक्टेयर  विस्तृत भू भाग मे हाई टेक नर्सरी का सफल निर्माण वर्ष 2024 मे प्रारंभ किया गया जहाँ भिन्न भिन्न प्रजाति के सभी फलदार, फूलदार,औषधि युक्त पौधों के अलावा अनेक विलुप्त प्रजाति  पौधों को उच्च तकनीक  मध्यम से समायोजित कर नर्सरी निर्माण एवं रोपण कर उनके अस्तित्व को बचाने  युद्ध स्तर पर कवायद किया जा रहा है इस संदर्भ मे महासमुंद वन मंडल मे 2014 बैच  के भावसे अधिकारी पंकज राजपूत  जो युवा के साथ नई सोच,नई उमंग  कर्मठता,विस्तारित सोच, नई उड़ान की परिकल्पनाओं को साकार करने मे विश्वास करते है यही कारण है कि वन वृत महासमुंद क्षेत्र के समस्त परिक्षेत्र एवं परिवृत मे नई उन्नत तकनीक, आधुनिक विचारधारा के साथ क्षेत्र मे हरियाली और अद्भुत उन्नत कार्यशैली की वजह से उन्हे अन्य समकक्ष अधिकारियों से अलहदा बनाती है 


उन्होंने अपनी सेवा काल मे जशपुर, राजनांदगंव, जैव विविधता बोर्ड मे पदस्थ रहते हुए अनेक उपलब्धि युक्त कार्यों को संपादित किया महासमुंद वन वृत मे लगातार चार वर्षों से उपर रहते हुए अपनी वर्तमान आधुनिक कार्य शैली सेवाओं के साथ उल्लेखनीय विचार धाराओं  को अंजाम दिया जिनमे कोड़ार जलाशय के समीप स्थित पर्यटन स्थल कोडार वन चेतना केंद्र नाम से  विकसित किया जो आज भी आम जन एवं विभाग के लिए उपलब्धि मानी जाती है जहाँ परिवरिक स्वस्थ्य वातावरण मे नौका विहार एवं पर्यटन हेतु लोग पहुँचते है यही नही  बागबाहरा एवं अन्य परिक्षेत्र सहित परिवृतों मे अनेक नर्सरी का सफल संपादन निष्पादन कर आज की कार्यशैली की बेमिसाल उपलब्धियों मे जारी है इसके अलावा शासन द्वारा जारी अनेक कृषकों के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं का सफल संपादन भी इन्ही के कार्यकाल मे सुनहरे पन्नों मे अंकित किया जा चुका है 


इसके लिए उनके कंधे से कांधा मिलाकर चलने वाले महासमुंद उप वन मंडलाधिकारी वाहिद खान  का महत्वपूर्ण योगदान भी उल्लेखनीय माना जाता रहा है महासमुंद एस डी ओ. वाहिद खान कार्यों के प्रति सदैव स्टिक और मुखर रहे है उन्होंने वर्ष 1984 से सामाजिक वानिकी, से अपनी सेवा काल प्रारंभ किया था तथा नर्सरी, वानिकी तकनीक का उन्हे अच्छा लंबा अनुभव रहा है बीजों के अंकुरण से लेकर गुणवत्ता पूर्ण पौधे तैयार करने जैसा दक्षता उनके कार्य शैली मे सम्मिलित है एक प्रकार से बीज अंकुरण से लेकर गुणवत्ता युक्त पौधे तैयार करने मे ईश्वर की उन पर विशेष कृपा रही है जगदलपुर से कार्य योजना से लेकर राजनांद गाँव, कवर्धा, बालोद, खैरागढ़, पश्चात महासमुंद वन मंडल मे एस डी ओ पद मे रहते हुए अभी भी अपने अंतिम वर्ष के सेवा काल मे युवा और ऊर्जावान की भाँति अपनी सेवाएं दे रहे है 40 वर्षों से अधिक सेवा काल मे वृक्षों पेड़ पौधों और भिन्न भिन्न परिक्षेत्रों के वनों का उनका लगातार साथ रहा और पेड़ पौधे भी अपने इस जनक को ठीक वैसे ही पहचान कर हवा के झोके मे  ऐसे झूम कर लहलहा उठते है जैसे एक पुत्र अपने पिता के आगमन पर मचल कर झूम उठता हो

उप वन मंडलाधिकारी  वाहिद खान  के  कार्य शैली के संदर्भ मे यह बात प्रचलित है कि वे कार्यों और नियम से कोई समझौता नही करते तथा ईमानदारी से  वानिकी कार्यों का कुशल संपादन समय समय पर मॉनिटरिंग कर अधिनस्थो को सदैव दिशा निर्देश देते रहते है  जिसके लिए वे हमेशा जाने पहचाने जाते रहते है उनके दक्ष एवं अनुभव का लाभ अनेक विभागीय जांच मे भी अपनी अद्भुत बौद्धिक कार्य शैली की भूमिका का निर्वहन कुशल दक्षता का निष्पादन भी कार्य अनुभव के आधार पर अल्प कालिक अवसर पर निपटारा  किया  अपने अनुभव के बारे मे वे बताते है कि महासमुंद कौन्दकेरा  उच्च तकनीक नर्सरी पूर्व मे एक छोटा नर्सरी के रूप मे संचालित हुआ करता था परंतु विगत दो वर्षों की कड़ी मेहनत लगन का परिणाम है कि  इसका पुनरुद्धार कर उच्च तकनीक नर्सरी के रूप मे विकसित किया गया उन्होंने बताया कि नर्सरी मे आधुनिक कक्ष, कमरों के  अलावा ग्रीन और व्हाइट पॉली हाउस का निर्माण किया गया जिसमे अनुकूल वतावरण,तापमान और  आद्रता को समान्य रखने के लिए वायु, जल इत्यादि का छिड़काव् (स्प्रे)कर पौधों को संरक्षित कर सुरक्षित रखा जाता है पॉली हाउस मे कीट,फंगस, इत्यादि के बचाव किया जाता है साथ ही कीट नाशक औषधि छिड़काव् से सुरक्षा किया जाता है
ग्रीन पॉली हाउस मे भी कूलिंग, एडजास्ट, कूलर के मध्यम से तापमान नियंत्रित कर सुरक्षित किया जाता है पश्चात पौधों को पॉलिथिन बैग मे दवा खाद मिट्टी मे रोपित कर समान्य  आबो हवा मे रख जाता है तथा लगातार उसकी नियमित सिंचाई की जाती है एस डी ओ वाहिद खान  आगे बताते है कि मदर प्लांट का भी निर्माण किया गया टेशू कल्चर से शिड तैयार किया जाता है शिड टीटमेंट के लिए स्टैंड सहित समस्त उच्च तकनीक, व्यवस्था उपलब्ध कर लिए गए है उन्होंने बताया की वर्ष 2023 -24 मे रोपित पौधों को मनरेगा सहित सभी क्षेत्र स्थलों मे साढ़े छ लाख पौधों का वितरण  किया गया जो बहुत बड़ी उपलब्धि है महासमुंद एस डी ओ वाहिद खान बताते है कि औषधि युक्त पौधों मे मुख्यतः आँवला, हर्रा, बेहड़ा, अर्जुन, शतावर, जामुन, अमलताश, फलदार पौधों मे अमरूद, आम, गंगा इमली,बेल,चार, 

पपीता, चिकु,मूंगा, खमहार, करंज, सागौन, गुलमुहर, पेल्टा फार्म,रैनट्री, कपोक, शिशु, सिंदूरी, सहित अनेक प्रजाति के पौधे रोपित किए गए है इस संदर्भ मे महासमुंद परिक्षेत्राधिकारी सियाराम ताम्रकार बताते है कि कौन्दकेरा हाईटेक  नर्सरी मे सभी सुविधाएं उपलब्ध किए गए है तथा उन्नत तकनीक  से पौधों का रोपण किया जा रहा है जिसके सारगर्भित परिणाम सामने आ रहे है महासमुंद रेंजर सियाराम ताम्रकर बताते है कि कौन्दकेरा  हाईटेक नर्सरी मे सिंचाई कि माकुल व्यवस्था है ट्यूबवेल के अलावा  कोड़ार नाला, एनिकट से बारहमासी सिंचाई व्यवस्था हो जाती है तथा पॉली हाउस मे भी सिंचाई एवं आद्रता नियंत्रित करने संग्रहित प्लास्टिक ड्रम मे नल के मध्यम से जल की व्यवस्था की गई है उन्होंने बताया कि सभी रोपण से लेकर वर्मी कामपोज़ खाद तथा पॉलीथीन बैग मे उपज तक कार्यों के निष्पादन हेतु आसपास के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है जिन्हे कलेक्टर दर पर राशि प्रदाय किया जाता है यही नही सुरक्षा की दृष्टि कोण से नर्सरी के चारो ओर तारों से फेंसिंग की गई है महासमुंद परिक्षेत्राधिकारी सियाराम  ताम्रकर का कथन है कि नर्सरी अर्थात बीजारोपण से लेकर कोमल शिशु का लालन पालन करना होता है इसके लिए विभाग के सभी कर्मचारी अधिकारी पूरी तन्मयता से उसकी सुरक्षा देखरेख, उपचार कर जब उन्हे रोपण हेतु वितरण किया जाता है मगर  हितग्राहियों द्वारा ले जाए गए पौधों की समुचित देख रेखा, सुरक्षा के अभाव मे  जब उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है तब मन बोझिल हो जाता है यदि प्रत्येक नागरिक अपनी पूर्ण जिम्मेदारी और  ईमानदारी से कुछ वर्ष तक रोपित पौधों की देखभाल सुरक्षा इत्यादि कर ले तो प्रदेश की स्थिति मे कथनी और करनी मे बहुत बड़ा अंतर दिखाई देगा

(Box) 


*एक पेड़ मां के नाम*

विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम

वन परिक्षेत्र महासमुंद में उपवनमंडल अधिकारी अब्दुल वहीद खान  की उपस्थिति में ग्राम पंचायत कौंदकेरा की सरपंच अन्नू लेखराम चन्द्राकर के मुख्य आतिथ्य में "एक पेड़ मां के नाम"  अभियान के तहत एक दिवसीय "विशेष वृक्षारोपण" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सरपंच महोदया एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा फलदार प्रजाति के पौधों का वृक्षारोपण किया गया।महासमुंद परिक्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री सियाराम कर्माकर एवं परिक्षेत्र सहायक महासमुंद, नर्सरी प्रभारी कौंदकेरा एवं अन्य वन कर्मचारियों की उपस्थिति में उक्त कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 


रविवार, 22 सितंबर 2024

आरंग नदी तट रोपण से पर्यावरण व्यवस्था मे सुधार

 आरंग नदी तट रोपण से पर्यावरण व्यवस्था मे सुधार 


अलताफ़ हुसैन द्वारा

(छत्तीसगढ़ वनोदय)  छत्तीसगढ़ के प्रमुख नदियों मे से एक महानदी जो किसी भाग्य रेखा के समान खींची हुई जल रेखा से कम नही दिखती है यह जब अनेक स्थलों से होते हुए किसी सर्पिणी के समान घुमाव दार अविरल जल धारा  के रूप में चलती है तब ऐसा प्रतीत होता है कि  प्रदेश की प्रकृति, पर्यावरण,एवं वन्य प्राणियों सहित आम जन  जीवन के लिए उनका भविष्य तय कर रही है आसपास एवं वन क्षेत्रों,की नमी,बनाए रखने मानव और प्रत्येक वन्य प्राणियों जलीय पशु पक्षी, के पेयजल की निजात के अलावा भी यह महानदी प्राकृतिक, सौंदर्यता, पर्यावरण व्यवस्था सहित अनेक  संसाधनों की आपूर्ति प्रदान करते हुए सदाबहार वरदान साबित हुई है अनेक प्रकार के लौह, ताम्र, स्वर्ण कण से मिश्रित महीन गौण खनिज के रेतीली एवं कठोर चट्टानी  क्षेत्र मे वर्षा ऋतु पश्चात  यह कल-कल करती हुई  इठलाते हुए जब किसी असमतलीय उबड़ खाबड़ क्षेत्र से गुजरती है 


तब  धूप के चमकते, दमकते, दैदिप्यमान  ओजस्वी जल धारा किसी नव यौवना के अल्हड़पन के समान  मद मस्त  होकर प्रकृति सरगम के सप्त सुर ताल की अदृश्य नाद संपूर्ण वायु मंडल में अलौकिक उदघृत लय को परिभाषित करते हुए शांत वातावरण मे जैसे प्रेम गीत को गुनगुनाते हुए अपने  गंतव्य की ओर अठखेली करते हुए निकली जा रही हो  तो अनायास अवागमन करते लोगों का मन उस ओर स्वतः आकर्षित कर  नदी के ऊँचे पुल के मुहाने मे खड़े होकर प्रकृति की बेजोड़ कृति को अपलक घंटों निहारते स्वयं की जिज्ञासा को रोक नही पाता ईश्वर की ऐसी बे मिसाल मनोहारी अविस्मरणीय कृति  लाभ  से कोई भी वंचित रहना नही चाहता और आधुनिक मोबाइल मे सेल्फी लेकर उस अविस्मरणीय प्राकृतिक पल को कैद कर लेना चाहता है 


    रायपुर वन वृत अंतर्गत आरंग परिवृत् के महानदी तट पर ऐसा नयनाभिराम दृश्य प्रायः देखने मिल जाता है हरियाली और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से वन विभाग द्वारा आरंग से लगभग  आठ से दस किलोमीटर की दूरी  पर स्थित ग्राम पंचायत अमेठी के आश्रित ग्राम गुदगुदा मे दो अलग अलग भू भागों में क्रमशः 08 हेक्टेयर मे 8800 पौधों तथा दूसरे क्षेत्र में 13 हेक्टेयर भू भाग मे 14 हजार 300 पौधों का वर्ष 2022 मे मिश्रित  प्रजाति का सफल रोपण कर प्लांटेशन  किया गया था जिसमे शिशु नीम, काला सिरसा, पीला बांस, अर्जुन, अकेशिया, बोहार, केजुरीना, पीपल, सहित भिन्न भिन्न प्रजाति के पौधे किए गए जो लगभग आज वर्ष 2024 मे शत प्रतिशत सफल देखा गया है


 इस संदर्भ मे आरंग परिवृत् के डिप्टी प्रभारी संतोष कुमार सामंत राय  से उनके साथ ग्राम पंचायत अमेठी के कथित आश्रित  क्षेत्र  ग्राम गुदगुदा प्लांटेशन पहुँच कर रूबरू प्लांटेशन क्षेत्र का अवलोकान किया गया जहाँ द्वितीय वर्ष मे पौधे आठ से दस फीट ऊँचाई मे ग्रोथ कर रहे थे आरंग डिप्टी प्रभारी  संतोष सामंत राय बताते है कि वन सदृश्य परिलक्षित होने वाला कथित प्लांटेशन का श्रेय रायपुर वृत के वरिष्ठ वन मंडलाधिकारी अधिकारी लोकनाथ पटेल के कुशल निर्देशन मे 


उप वनमंडलाधिकारी विश्व नाथ मुखर्जी के मार्ग दर्शन तथा परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू  के सफल नेतृत्व मे द्वितीय वर्ष का केजयुवल्टी निंदाई गूढाई, उपचार आदि कार्य संपादित किए गए लगातार रोपण क्षेत्र की मॉनिटरिंग स्वयं डिप्टी संतोष सामंत राय एवं उनके मैदानी अमले की टीम पूरी तरह से चाक चौबंद तरीके से कर रही है तथा इसके लिए प्लांटेशन क्षेत्र मे चौकीदारों की नियुक्त किए गए है सुरक्षा की दृष्टि कोण से रोपण क्षेत्र मे चारो और से बारबेट कटिले तारों की फेंसिंग किया गया है ताकि गाय गरुवा मवेशी चराई  से रोपण क्षेत्र की सुरक्षा की जा सके आरंग परिवृत् के डिप्टी प्रभारी संतोष सामंत राय से नदी तट रोपण ही क्यों पूछे जाने पर वे बताते है कि नदी की प्रबल जल प्रवाह की वजह से तट क्षेत्र का लगातार भूस्खलन, क्षरण और मिट्टी का कटाव होते रहता है जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र मे भावी विकट परिस्थिति निर्मित हो सकती है इसके रोकथाम और सुरक्षा के मद्दे नज़र रखते हुए वन जलवायु एवं परिवर्तन विभाग  तट रोपण कार्यों को प्रमुखता से संपादित करता है वही प्राकृतिक रूप से भी वन निर्मित होते रहता है जिससे  नदी का बहाव संतुलित तो रहता ही है साथ ही पेड़ पौधे की वजह से जल के स्त्रोत भी बना रहता है और पर्यावरण संतुलन जलवायु मे वृद्धि बनी रहती है


उन्होंने आगे बताया कि ग्राम गुदगुदा के सरपंच और वहाँ के समस्त ग्रामीणों द्वारा प्लांटेशन क्षेत्र की सुरक्षा और सहयोग करते है आरंग डिप्टी सामंत राय ने आगे बताया कि क्षेत्र के सुप्रसिद्ध समाजसेवी  विनय गुप्ता जो पर्यावरण प्रेमी है ग्रीष्म कालीन मे जल अभाव सूखे एवं जल स्तर कम होने की परिस्थिति मे उनके द्वारा स्वयं की राशि वहन कर टैंकर से सिंचाई व्यवस्था कर सहयोग किया जाता है इसकि वजह यह बताया जाता है कि नदी तट पर रोपण होने की वजह से उसको माकुल सिचाई प्राप्त होती है जबकि अल्प बजट के अभाव मे सिंचाई व्यवस्था तनिक दुरूह हो जाता है तब ऐसे भीषण ग्रीष्म मे नदी नाले पोखर सब सुख जाते है ऐसी परिस्थिति मे विनय गुप्ता जैसे समाज सेवी, एवं ग्रामीणों के सहयोग से प्लांटेशन  के अस्तित्व बचाने विभाग के मैदानी अमला स्वयं को तपा कर देड से दो तीन, माह अपने को झोंक देता है  जिसका परिणाम है कि आरंग तट रोपण क्षेत्र का शत प्रतिशत रिजल्ट सामने आया है


 आरंग परिवृत् डिप्टी संतोष सामंत राय बताते है कि दो भाग मे रोपित ग्राम गुदगुदा का प्लांटेशन को शत प्रतिशत सफल करने मे आरंग परिवृत  के सभी मैदानी अमले का पूर्ण सहयोग मिला है विशेष रूप से (बीएफओ) पंकज वर्मा ने पूरी लगन से द्वितीय वर्ष की निंदाई, गूढाई, संपूर्ण पौधों मे गोल आकार् का गाला थाला,निर्मित कर डी.ए. वी.पी. और जैविक खाद , काली मिट्टी, से उपचार, व्यवस्था, केजयुवल्टी  इत्यादि को बड़ी तन्मयता से संपादित करवाया  जिसकी वजह से असमतलीय ऊँची नीची पहाडी क्षेत्र मे रोपे गए प्लांटेशन  आज वन सदृश्य नज़र आ रहा है 

शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

मातृत्व की छाँव मे पनपता एक पेड़ माँ के नाम

 मातृत्व की छाँव मे पनपता एक पेड़ माँ के नाम 

अलताफ़ हुसैन की कलम से

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय)  मां अर्थात जनक जननी होती है लाखों दुख,विपदा, आफत, कष्ट सहने के बाद भी वह अपने पूत को अपने स्नेह के आँचल मे समेट कर रखती है यह आदर्श मात्र मानव  समाज मे ही  देखने नहीं मिलता बल्कि धरती मां भी अपने असंख्य सपूतों के लिए भी सदैव वरदान साबित होते आई है जब से नभ, थल, जल की उत्पति ब्रह्मांड मे हुई है तब से ही वसुंधरा को मां स्वरूपा का स्थान प्राप्त हुआ है और मानव जब भी किसी पुण्य कर्म का शुभारंभ करता है तब वह धरती मां के चरणों मे पूजा अर्चना कर नत मस्तक श्रद्धानवत हो कर उसका आशीर्वाद प्राप्त करता है धरती मां को अनेक रूप मे पूजा जाता रहा है अब चाहे हलषष्ठी पूजा जो इसी धरती मां की कोख से संपूर्ण मानव जीवन को अन्न जल देता है या फिर मकान भवन, इमारत की नीव का निर्माण हो सब धरती मां अपने गर्भ मे ही सब को निवास स्थान प्रदान करती है यही नही हरे भरे पेड़ पौधों, की विशाल श्रृंखला का प्राकृतिक निर्माण कर जल जंगल जमीन की, वैभवत मे चार चांद लगा देती है प्राकृतिक के इस मनोहरी दृश्य को सहेजने के उद्देश्य से 5 जून 2024 को भारत देश के यशस्वी प्रधान मंत्री माननीय  श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक पेड़ मां के नाम की देश व्यापी अभियान योजना का प्रारंभ किया 


जो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश मे हर खास व आम लोगों ने हर्षोल्लास के साथ मनाया छत्तीसगढ़ प्रदेश सहित राजधानी रायपुर मे 11 जुलाई 2024 को प्रमुखता के साथ एक पेड़ मां के नाम से लाखों की संख्या मे मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण किया गया जो इतिहास के सुनहरे पन्ने मे यह संख्या दर्ज की गई छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्य मंत्री माननीय विष्णु देव साय वन मंत्री केदार कश्यप सहित वरिष्ठ अधिकारी, स्कूली बच्चे, सेना के जवान एवं गणमान्य नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति मे एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम का शुभारंभ नवा रायपुर अटल नगर स्थित जैव विविधता पार्क मे किया गया और पूरे प्रदेश मे अब तक करोड़ों की संख्या मे पौधा रोपण कार्यक्रम मे आमजन ने स्वस्फुर्त होकर सहभागिता सुनिश्चित की रायपुर वन मंडल के अंतर्गत एक  पेड़ मां के नाम की योजना से सफल रोपण से फलीभूत हो कर नवा रायपुर वन मंडल के अधिकारी,कर्मचारी,और मैदानी अमला खासे उत्साहित और गदगद है इस संदर्भ मे  वन मंडलाधिकारी लोकनाथ पटेल बताते है कि इस महा वृक्षा रोपण कार्यक्रम मे रायपुर डिविजन मे ही वन महोत्सव अंतर्गत छ लाख से अधिक पौधों का वृक्षा  रोपण महा अभियान कार्यक्रम संपादित  किया गया जिसमे फलदार, सायादर्, फुलदार, औषधि युक्त पौधों का रोपण किया गया नवा रायपुर जैव विविधता पार्क मे संपूर्ण पौधे 20 हेक्टेयर भू भाग  मे 22 हजार पौधे रोपे गए 


रायपुर वन मंडलाधिकारी  लोकनाथ पटेल आगे बताते है कि वृक्षारोपण महा अभियान संपूर्ण राष्ट्र व्यापी अभियान है जिसमे देश सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश मे हरित क्रांति युग का  सूत्रपात प्रारंभ हुआ है इस हरित महा अभियान के रोपण से प्रदेश के बंजर पड़त भाटा भूमि क्षेत्र मे वन सदृश्य स्थिति भविष्य मे निर्मित होगी साथ ही प्रदूषण मुक्त स्वस्थ्य वातावरण से मानव जीवन सहित पशु, पक्षियों, वन्य प्राणियों जैसे गिलहरी, वानर,सरीसृप इत्यादि को इसका लाभ प्राप्त होगा नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू जो पीसीसीजी (पी.एस.सी) 2019 से हल्दवानी में वन सेवा मे ट्रेनिंग पश्चात विगत पांच वर्षों से  छ्ग प्रदेश के विभिन्न वन क्षेत्र मे अपनी सेवाएं दे रहे है उन्हे व्यापक वन एवं वानिकी का अनुभव प्राप्त हो रहा है नवा रायपुर स्थित जैव विविधता पार्क उनके ही मार्ग दर्शन मे संपादित हुआ है उन्होंने एक पेड़ मां के नाम महाअभियान वृक्षारोपण कार्यक्रम के विस्तार एवं उसके संदर्भ मे पूछने पर बताया कि उक्त अभियान से जलवायु हरियाली मे वृद्धि तो होगी ही साथ ही वन क्षेत्रों का रकबा बढ़ेगा क्योंकि लगातार ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहे ऋतु परिवर्तन एवं फसल चक्र मे भी आंशिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है


जो संपूर्ण मानव जगत के लिए अच्छे संकेत नही है वन विभाग भिन्न भिन्न योजनाओं के मध्यम से अनेक पडत भाटा भूमि मैदानी क्षेत्र पथ रोपण मार्ग मे पेड़ पौधे, प्लांटेशन कर पर्यावरण और जलवायु को संतुलित करने का यथा संभव प्रयास कर रहा है नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी तीरथ साहू आगे बताते है कि एक पेड़ मां के नाम से वृक्षारोपण महाअभियान राष्ट्र व्यापी अभियान है जिसमे देश के प्रधान मंत्री  माननीय श्री नरेंद्र मोदी  ने धरती मां और प्रत्येक देश वासीयों की मां का भावनात्मक संदेश दिया है कि वृक्षों और पेड़ पौधों का विदोहन मत करो क्योंकि धरती मे उगा हुआ एक पेड़ मां के सम तुल्य है हमे हरियाली की चादर के साथ, सुकून की ठंडी छाँव की आँचल पसार कर देती है वह हम मानव जगत एवं समस्त प्राणियों की जीवन दायिनी है वह वायु मंडल मे अदृश्य महिन धूल धुसरित, लौह कण को अवशोषित कर शुद्ध वायु ऑक्सिजन प्रदाय करती ही है साथ ही  प्रदूषण मुक्त वातावरण निर्मित करने में कारगर साबित हुई है एक पेड़ मां के नाम यही संदेश देने का प्रयास है


 नवा रायपुर वन मंडल परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू आगे बताते है कि उक्त योजना मे किसी प्रकार की कोताही नही बरती जा रही है क्योंकि कार्यक्रम विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी मे संपादित किया गया था जिनमे मुख्यतः प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, श्री केदार कश्यप, वन मंत्री,विशिष्ट अतिथि अरुण साव जी, विजय शर्मा जी, उप मुख्य मंत्री छ्ग शासन, श्री राम विचार नेताम जी दयाल दास बघेल जी,श्री ओ.पी.चौधरी जी, वित्त मंत्री, श्री टंक राम वर्मा, इंद्र कुमार साहू विधायक अभनपुर वन बल प्रमुख श्री निवास राव सहित सभी वन अधिकारी कर्मचारियों एन. आर.डी.ए. चेयरमैन श्री बजाज, भारतीय सेना के जवान, स्कूली छात्राओं, की उपस्थिति मे भिन्न भिन्न प्रजाति के मिश्रित पौधों का सफल रोपण संपन्न हुआ था जिसकी देख रेखा सुरक्षा व्यवस्था हेतु रात दिन प्लांटेशन  क्षेत्र जैव विविधता पार्क मे  चौकीदारी की नियुक्ति की गई है वही नवा रायपुर वन मण्डल के उप परिक्षेत्राधिकारी  मैडम लीना कश्यप बताती है कि प्रति दिन स्थानीय ग्राम क्षेत्र के महिला पुरुष ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है जिन्हे जैव विविधता पार्क क्षेत्र में पौधे रोपण कार्य के अलावा उसकी सुरक्षा के उपाय, गाला, घाला , दवा खाद उपचार के अलावा प्राकृतिक वर्षा न होने की स्थिति मे नियमित सिंचाई  खरपतवार इत्यादि की सफाई, लगातार की जा रही है डिप्टी रेंजर लीना कश्यप आगे बताती है कि संपूर्ण जैव विविधता पार्क मे आस्थावान धार्मिक पौधों के साथ ही फल दार, सायादार औषधि युक्त, लुप्त प्रायः वानिकी पौधों का रोपण किया गया है जिनमे मुख्यतः बरगद, पीपल, सागौन, कदंब, नीम, हर्रा, बेहड़ा, करंज, आम, जाम,नींबू, जामुन,चार, कटहल, शिशु, आँवला, तथा पेल्टाफार्म जैसे आधुनिक पौधों का सफल रोपण किया गया है डिप्टी लीना मैडम बताती है कि संपूर्ण रोपण क्षेत्र की व्यवस्था और सुरक्षा हेतु चाक चौबंद तरीके से की जा रही है गाय गरुआ मवेशी की सुरक्षा की दृष्टि कोण से चारो ओर तारो की वॉल फैसींग, और मुख्य मार्ग मे गेट लगाया गया है ताकि रोपण क्षेत्र सुरक्षित रह सके नवा रायपुर डिप्टी रेंजर लीना कश्यप बताती है कि रोपण एक पेड़ मां के नाम से किया गया है उसकी यह उक्ति यथा नाम  तथा गुण को चरितार्थ करते हुए एक मां के समान ही लालन पालन करने का संपूर्ण प्रयास किया जा रहा है


 जैसे मानव अपनी एक मां की सुरक्षा देखरेख उनके सपूतों द्वारा की जाती है रोपित किए गए एक एक पेड़ की पूरी सुरक्षा देखरेख उपचार पूरी तंमयता सतर्कता पूर्वक की जा रही है क्योंकि  एक पेड़ मां नाम के लिए संपूर्ण अधिकारी, डीएफओ साहब से लेकर उप वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी साहब, परिक्षेत्राधिकारी तीरथ साहू साहब सहित मैदानी अमला, लगातार मॉनिटरिंग, सुरक्षा, की दृष्टि से दिशा निर्देश देते रहते है जिसका प्रतिसाद निकट भविष्य मे देखने मिलेगा क्योंकि जो क्षेत्र कभी हरियाली के बिना उजडा हुआ निरस नज़र आता था वहाँ हरा भरा एक पेड़ मां के रूप मे  लहलहाता हुआ प्राकृतिक पर्यावर्णीय ईश्वरीय वरदान हर मानव को मिली सौगात किसी स्वर्ग से कम  साबित नही होगा


 ऐसी हरीतिमा मनमोहक जन्नत  या स्वर्ग जैसी प्रकृति संरचना को देख कर भला कोई कवि या शायर अपने कलम को विराम कैसे दे सकता है वह भी जब एक पेड़ का स्वरूप मां के रूप मे हों तब मुनव्वर राणा की चन्द पंक्तिया याद आ रही है जो  कहते है -चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है

मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

मंगलवार, 3 सितंबर 2024

नवा रायपुर पी. जामगाँव के मुरुमी क्षेत्र मे मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण

 नवा रायपुर पी. जामगाँव के

मुरुमी क्षेत्र मे मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण


रायपुर वन मंडल अंतर्गत नवापारा परिवृत के ग्राम (पी.) जामगाँव  मे वित्तीय वर्ष 2022-2023 मे हरियार छ्ग योजना के तहत 6.5 हेक्टेयर भू भाग राजस्व भूमि मे 7150 , पौधों का मिश्रित प्रजाति का सफल प्लांटेशन विभाग द्वारा किया गया है जिससे क्षेत्र की अलग हरीतिमा युक्त फ़िज़ा परिलक्षित हो रही है तथा आम जन की गुजर जब वहां से करते है तब हरे  भरे शुद्ध वातावरण स्वतः लोगो को आकर्षित करता है क्षेत्र को हरा भरा बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य लगातार परिवर्तित होते ऋतु वातावरण, प्रदूषण और लगातार बढ़ती गर्मी  की अधिकता को संतुलित करना है रायपुर वन मंडल के डी. एफ. ओ. विश्वेश झा साहब का कसा हुआ प्रशासनिक व्यवस्था का दूरगामी परिणाम है कि रायपुर वन मंडल के भिन्न भिन्न क्षेत्रों मे कई वर्षो से उजड़ा चमन क्षेत्र  नज़र आ रहा था अपने सेवा काल मे आते ही उन्होंने लगातार पेड पौधों और प्लांटेशन को अधिक तरजीह दिया यही कारण है कि अब रायपुर के बहुत से असमतलीय भूमि उजाड़ दिखने वाले क्षेत्र  हरियाली से हरा भरा  दिखाई दे रहे है 


तत्कालिक वन मंडलाधिकारी विश्वेश झा के संदर्भ मे अधिनस्थ वन कर्मचारियों का कथन है कि उनके रायपुर वन मंडल क्षेत्र मे सेवा देने और  कार्यों की विशेष अलहदा शैली है जो उनके व्यक्तित्व मे निखार लाता है कनिष्ठ से लेकर वरिष्ठ कर्मचारियों उनके कार्य शैली से खासे प्रभावित रहते है वे कार्यों मे तनिक भी कोताही बर्दाश्त नही करते तथा समय समय पर स्वयं मॉनिटरिंग और उप वन मंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी से करवाते रहते है इससे कार्यों मे पारदर्शित बनी रहती है तथा कार्य भी सुचारु और नियमित ढंग से पूर्ण होता है


एस.डी. ओ.विश्वनाथ मुखर्जी साहब भी एक परिपक्व,अनुभवी अधिकारी के रूप मे जाने जाते है प्लांटेशन और रोपण का अच्छा लंबा अनुभव रहा है गड्ढो से लेकर खाद तथा रोपे जाने वाले पौधों की ऊँचाई, लंबाई, से भली भाँति परिचित है इसके पश्चात होने वाले देखरेख, सुरक्षा पर वन कर्मियों से विशेष ध्यान देने आदेशित करते है परिणामतः साल भर के अंतराल मे ही पौधे ग्रोथ करने लगते है यही कारण है कि पी. जामगांव अपने द्वितीय वर्ष की आयु मे ही सघन वन क्षेत्र के रूप मे परिलक्षित हो रहा है रायपुर वन मंडल के ग्राम पी. जामगांव को जो मुख्य सड़क मार्ग मे सटा हुआ प्लांटेशन है सही मायनों मे उक्त क्षेत्र मे प्लांटेशन साकार और आकार देने का कार्य तत्कालिक नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा को जाता है जिन्होंने मुरुमी लैट्रेचर पथरीली क्षेत्र  मे हरियाली की परिकल्पना को साकार करने का बीडा उठाया और अपने मार्ग दर्शन मे संपूर्ण कार्यों को पूर्ण करवाया वर्ष 2022-2023 मे 08 हेक्टेयर भू भाग मे  मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण पश्चात सर्व प्रथम सुरक्षात्मक दृष्टि कोण से चैन लिंक कार्य करवाये गए ताकि गाय, गरुव, मवेशी, और आम उपद्रवियों से प्लांटेशन की सुरक्षा के मद्दे नज़र रखते हुए गेट निर्माण करवाया  गया ताकि प्लांटेशन सुरक्षित रह सके


यही नही तत्कालिक परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि प्लांटेशन मे बाकायदा चौकीदारों की नियुक्ति भी की गई जिसका परिणाम है कि रोपण क्षेत्र शत प्रतिशत सफल हुआ है 


वही नवा रायपुर वन मंडल के नवापारा परीवृत के वर्तमान परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू बताते है कि ग्राम क्षेत्र पी. जामगांव का उक्त प्लांटेशन बहुत तेजी से ग्रोथ कर रहा है और शनैः शनैः युवा अवस्था को पहुँच चुका है प्लांटेशन पश्चात छ माह और वर्ष मे बकायदा निंदाई, गुड़ाई, उपचार किया जाता है जो तीन वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक के लिए किया जाता है  इसके लिए पौधों के जड़ पर गाला थाला बना कर डी.ए.वी.पी. या जैविक खाद इत्यादि डालकर् संपूर्ण पौधों का उपचार किया जाता है इस प्रक्रिया के लिए किश्तों मे राशि विभाग द्वारा जारी की जाती है जिसमे द्वितीय निंदाई गुड़ाई, मे आधी राशि शेष उपचार मे पाव हिस्सा राशि वहन विभाग द्वारा आपूर्ति की जाती है इसके अलावा ग्रीष्म  ऋतु मे पानी की व्यवस्था टैंकर, अन्य संसाधनों के माध्यम से किया जाता है जिससे इसकी हरियाली बरकरार बनी रहती है तथा पौधे लगातार सर्वाईव करते हुए स्वस्थयता  बनाए रखे हुए है मैदानी क्षेत्र मे अपना पसीना से सींचने वाले वन कर्मियों की महत्व पूर्ण भूमिका रहती है जिनमे फॉरेस्टर (वनपाल) से लेकर फॉरेस्ट गार्ड की भूमिका महती रहती है



नावापरा परिवृत के फॉरेस्टर  गिरीश रजक ने अल्हादित् होते हुए बताते है कि पी. जामगाँव का यह पलांटेशन आसपास के ग्रामीणों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है इसमें पीछे की मेहनत वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर तत्कालिक परिक्षेत्राधिकारी, फॉरेस्ट गार्ड से लेकर वन चौकीदार तक की मेहनत रहती है तभी तो अधिकारियों के मार्ग दर्शन मे हरियाली पूर्ण वातावरण संपादित हो पाता है तत्कालिक नवापारा  परिवृत् के फॉरेस्टार गिरीश रजक आगे बताते है कि वहाँ आज फलदार, फुलदार, सायादार्, औषधि युक्त पौधों का रोपण किया गया है जिनमे मुख्यतः कटहल,आम, जाम, जामुन, अमरुद्, बेल, बादाम, शहतूत, औषधि युक्त पौधों मे हर्रा,बेहड़ा,अशोका,आँवला महुआ, कुसुम, जोहार, कदम, जैसे अनेक प्रजाति के पौधे युवा अवस्था मे पहुँच कर लहलहा रहे है अब यह क्षेत्र वन सदृश्य नज़र आता है वर्तमान नवापारा परिवृत् के डिप्टी झुमुक् लाल देवांगन् बताते है कि पी. जामगांव की स्थिति बेहतर है और पौधे लगभग पांच फीट से उपर पहुँच चुके है वे बताते है कि ग्रीष्म ऋतु लगते ही  लगातार सिंचाई और पानी की व्यवस्था की जाती है इसके लिए  ग्रीषम ऋतु मे पानी की माकुल व्यवस्था की जाती है


नवापारा परिवृत् के डिप्टी झुमुक् देवांगन् बताते है कि कुछ वर्ष देख रेख सुरक्षा,व्यवस्था की दरकार है जिसे विभागीय कर्मचारी पूरी निष्ठा पूर्वक ईमान दरी से निर्वहन कर रहे है यह क्षेत्र स्वतः किसी वन क्षेत्र से इतर  नज़र आएगा हमारी और से सभी व्यवस्था सुरक्षा देखरेख उपचार मे कोई कमी नही की जा रही है नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी तीरथ राम साहू  बताते है कि पी. जामगाँव मुरुमी क्षेत्र के बावजूद भी वहां पलांटेशन करना एक बहुत बड़ी चुनौती थी मगर हमारे मैदानी अमले के कर्मचारियों  ने उसे सार्थक कर दिखाया जिसकी वजह से क्षेत्र मे हरियाली नज़र आ रही है

सोमवार, 2 सितंबर 2024

चट्टानी गौण खनिज संपदा,के बीच हरियली की सौगात

 चट्टानी गौण खनिज संपदा,के बीच हरियली की सौगात






रायपुर छत्तीसगढ़ की रत्न गर्भा धरती में आकृत खजाना जिनमे लौह अयस्क, चूना,मैग्नेशियम,सहित अनेक संपदा का भंडार अटा पड़ा हुआ है यही नही  प्राकृतिक की हरियाली युक्त वन संपदा भी इन क्षेत्रों के वैभवशाली मनोहारी परिदृश्य भी  प्रदेश की पृथक पहचान को स्वर्ग  सा महौल निर्मित कर  संपूर्ण वातावरण को खुशनुमा,रमणीक मनमोहक, आकर्षक  निर्मित करता है जिससे चहुओर एक प्राकृतिक नैसर्गिक  वातावरण निर्मित होता है ऐसे स्थिति निर्मित करने के पीछे वन विभाग और उस से संबंधित अनुषागिक धड़ा छ्ग वन विकास निगम अपने कार्य कर्तव्यों के प्रति सदैव कटिबद्ध रहते है जहां छग वन  एवं जल वायु परिवर्तन विभाग अन्य  राष्ट्रीय,कैंपा मद से राजकीय आर्थिकी मद  संसाधनों और योजनाओं के माध्यम से संरचनाओ से बहुत सी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन करता है जबकि इसके इतर छग राज्य वन विकास निगम ऐसी योजनाएं जिनमें वन ग्राम समितियों के माध्यम से वन क्षेत्रों में तालाब ,सड़क,फायर वॉच वनोपज, संधारण,इत्यादि जैसे सामाजिक रोज़गार मूलक योजनाओं का कभी भी सफल  क्रियान्वयन नही करता और न ही राज्य शासन से छ्ग वन विकास निगम को पृथक बजट अथवा कैम्पा मद से कार्य नहीं करता केवल छग वन विकास निगम  औद्योगिक घरानों के द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से  आईपीडी योजना के तहत रिक्त पड़त भाटा भूमि के चयनित स्थलों शहरी क्षेत्रों में रिक्त भूभाग मे प्लांटेंशन पथ रोपण या शासन से वन क्षेत्रों में प्रदत लीज में प्रदाय भूभाग में हजारों लाखों की संख्या में सागौन और इमारती कष्ठों का सफल रोपण करता  है जिसके पश्चात दस,बीस,तीस,चालीस, पचास परिपक्व सालाना वर्षीय सागौन का थिनिंग, विदोहान कर  वन विकास निगम अपनी कंपनी का सुचारू ढंग से क्रियान्वयन करता है एक प्रकार से यह स्व पोषित संस्था के रूप में कार्य करता है प्रशासनिक विभागीय व्यवस्था के साथ राज्य सरकार को भी लीज के रूप में रोपे गए सागौन की आय से प्रति वर्ष लाभांश राशि भी प्रदान करता है छग राज्य वन विकास निगम केवल इंडस्ट्रियल संस्थानों रेल्वे की भूमि सहित शासकीय विभाग नगर निगम सहित अन्य क्षेत्रों में  (एम ओ यू) के आधार पर अनुबंध कर पड़त भाटा मैदानी भूमि में प्लांटेशन कर हरियाली प्रसार करता है जिसके एवज में इंडस्ट्रेलियल(कंपनी ) आई पी डी योजना के तहत छग राज्य वन विकास निगम को राशि प्राप्त करती है तथा मूल कार्य प्रति वर्ष परिपक्व सागौन थिनिंग,जो फरवरी पश्चात कटाई कर काष्ठागार डिपो के माध्यम संचय कर  नीलामी की जाती है जो मूल स्त्रोत का माध्यम होता है  छ्ग वन विकास निगम के लिए यह रीढ़ की हड्डी मानी जाती है इसे अपना मुख्य आय का श्रोत बनाया हुआ है वन क्षेत्रों के रख रखाव, व्यवस्था, वन विकास निगम करती है वन क्षेत्रों मे सागौन प्लांटेशन कर कम से कम तीन अथवा पांच वर्षों की सतत निगरानी में केज्युवलटी, दवा,खाद,उपचार और  सुरक्षा कर उसकी व्यवस्था की जाती है  तथा काष्ठागार मे वार्षिकी नीलामी निविदा प्रकाशन कर आम उपभोगताओं को प्रदाय कर आर्थिक संसाधन संकलित कर छग राज्य वन विकास निगम का सूचारु रूप से क्रियनवयन किया जाता है



    इसी  परिपेक्षा मे वित्तीय वर्ष 2021व 22 को मोहला मानपुर के छ ग. राज्य मे नए जिला के अस्तित्व मे आते ही आयरन युक्त क्षेत्र मोहला, मानपुर, के भिन्न भिन्न ग्राम क्षेत्रों मे सागौन पौधों का सफल प्लांटेशन ग्राम बोदाल, तारमटोल, हिदद्ड, मे किया गया था इस संदर्भ मे राजनांद गाँव पाना बरस परियोजना मंडल के डीविजनल मैनेजर(डी एफ ओ) होम लाल साहू बताते है कि देववाणवी परिक्षेत्र स्थित बोदाल क्षेत्र मे वित्तीय वर्ष 2021-22 मे  सागौन प्लांटेशन का सफल रोपण 16 हेक्टेयर भूभाग मे किया गया था पानाबरस परि योजना मंडल के डी.एम.  होमलाल साहू का कथन है कि ऊँची पहाड़ी चट्टानी क्षेत्र होने के साथ ही लौह अयस्क मैग्निशायम जैसे गौण खनिज प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है जहाँ की जलवायु, मिट्टी प्रकृति रूप से पेड़ पौधे शीघ्र ग्रोथ  करने मे वर्षों बरस लग जाता है परंतु हमारे निगम अधिकारी  कर्मचारीयों ने चट्टानी खनिज युक्त क्षेत्र मे तीन वर्ष के लगतार  मॉनिटरिंग देखरेख उपचार इत्यादि कर सफल सागौन प्लांटेशन रोपण कर अविश्वसनिय कार्य कर दिखाया जो बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है वही मोहला परिक्षेत्रा अधिकारी जागेश गौड़  सागौन प्लांटेशन के  शत प्रतिशत सफल होने से अल्हादित और काफी हर्षित है मोहला मुख्यालय से बारह किलो मीटर की दूरी स्थित ग्राम बोदाल, ग्राम तारमटोला, ग्राम हिददड, मे दो स्थलों पर सागौन प्लांटेशन ग्राम बोदाल मे क्रमशः 16 हेक्टेयर पौधे जिसकी संख्या 40 हजार टी. पी. वर्ष 2021-22 मे रोपित किया गया जिसकी तीन वर्ष मे ऊंचाई लगभग दस से बारह फिट हो चुकी है वही तारमटोला मे 18 हेकटेयर भूभाग मे 45 हजार पौधे वर्ष 2023 मे रोपित किए गए



 रेन्जर जगेश गौड़ बताते है कि उक्त प्लांटेशन तीन वर्ष के लिए किया गया है प्लांटेशन क्षेत्र मे मौका स्थल पर जाकर जब इसका अवलोकन किया गया तब वहाँ सभी पौधे स्वस्थ्य और सर्वाईव करते दिखे इस संदर्भ मे मोहला परिक्षेत्राधिकरी जागेश गौड़ बताते है कि ग्राम बोदाल जो वित्तीय वर्ष 2021-22 मे रोपण किया गया था तीन वर्ष मार्च माह मे इसकी अवधि समाप्त हो जाएगी उन्होंने बताया कक्ष क्रमाँक 472 मे विगत तीन वर्षों के कार्य आवधि मे इसके उपचार सहित निंदाई, गुडाई, दवा खाद, जो वर्ष मे दो बार दवा खाद उपचार, लगभग 15 ग्राम प्रथम बीटिंग मे किया जाता है इनकी सुरक्षा देख रेख हेतु बकायदा स्थानीय चौकीदार की नियुक्ती की जाती है इसके अलावा सिंगलिका कार्य किया गया जिसमे सागौन पौधे मे दो शाखा या दो कॉपी निकल आए अतिरिक्त शाखा निकाल दिया जाता है  जिससे सागौन पौधे सीधी अवस्था मे ग्रोथ करते है  समीपस्थ ही ग्राम तारमटोला के संदर्भ मे मोहला परिक्षेत्राधिकरी जागेश गौड़ आगे बताते है कि वर्ष 2023 मे क्षेत्र मे सागौन प्लांटेशन 18 हेकाटेयर भू भाग मे 45 हजार सागौन प्रजाति के पौधे रोपण किया गया है यह दो भू भाग पहाड़ी और ढलानी क्षेत्र मे रोपण किया गया है ताकि वर्षा ऋतु के जल से रोपण क्षेत्र को भरपूर पानी प्राप्त हो सके तथा लंबे समय तक नमी बरकरार रहे उन्होंनेआगे बताया द्वितिय वर्ष मे केज्युव्लटी किया गया है सभी पौधे स्वस्थ्य और ग्रोथ कर रहे है चराई की रोकथाम के लिए स्थानीय चौकीदार नियुक्त किया गया है


 छग राज्य वन विकास निगम के पानाबरस परियोजना मंडल के अन्तर्गत मोहला परिक्षेत्राधिकरी जागेश गौड़ आगे बताते है कि बहुत सी वन भूमि क्षेत्र अतिक्रमण की भेंट चढ़ जाती है जिसके रोकथाम के लिए रिक्त भूमि को वन का स्वरूप बनाए रखने और सुरक्षा अति अवश्यक हो गया है इसके लिए वन विकास निगम के वरिष्ठ पी.सी.सी.एफ.तपेश झा ने ऐसे चयनित वन क्षेत्र मे सागौन रोपण कराने की जो पहल की है वह काबिले तारिफ है प्रशंसनीय है आखिर वन विकास निगम के जल जमीन जंगल को चीर स्थाई बचने मे अपनी महती भूमिका का निर्वाहन पूरी ईमानदारी तन्मयता से कर रहा है

शनिवार, 24 अगस्त 2024

शहीदे आज़म इमाम हुसैन के चालिसवें का जुलूस कल

 शहीदे आज़म इमाम हुसैन के चालिसवें का जुलूस कल



सफदर हुसैन की रिपोर्ट 

रायपुर इराक करबाला की तपती ज़मीन मे तीन दिन के भूखे प्यासे शहीद हुए हज़रत इमाम हुसैन और उनके बहत्तर  साथियों के साथ  छ माह के नन्हे मुजाहिद अली असगर की शहादत की याद मे  चालीसवे का जुलूस हज़रत बाकर्  इमाम बारगाह पंडरी से निकाला जाएगा यह जानकरी अंजुमन के  सदर यावर अली ने बताया कि प्रति वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी इमाम हुसैन की याद मे अंजुमने अलमदारे हुसैनी ईरानी जमात रायपुर द्वारा कल दिनाक 26/8/2024 सोमवार को जुलूस निकाला जाएगा  जो पंडरी बस स्टैंड ,खालसा स्कूल ,शास्त्री चौक ,बंजारी बाबा औलिया चौक, नल घर चौक ,से होता हुआ बैरन बाजार स्थित बारगाहे अलविया मे पहुंचेगा जहाँ ईरानी जमात के महिलाएं,बच्चे युवा और बुजुर्ग अंजुमन द्वारा मातमदारी और नौहाख्वानी पेश की जाएगी  जिसमे शायर अहलेबैत जनाब मरहूम हाजी सुलेमान अली ईरानी,अली सज्जाद रुस्वा, फरमान अली , डॉक्टर हाजी मोहसिन अली सुहैल  ,और युवा शायर सरफराज़ अली फ़राज़ का हृदय स्पर्शी नौहा, मरसीया कलाम पेश किए जाएंगे 

जिसे उस्ताद ए नौहा खवां सर्व श्री सलाम हुसैन ,गुलाम अब्बास ,सफदर हुसैन, ज़हीर अब्बास,सरफ़राज़ अली ,समीर हुसैन ,इरफान अली, अज़मत अली, ज़ुबैर अली और दीगर        नौहा ख्वां अपनी दिलसोज़ आवाज़ में कलाम पेश कर शोहदाए करबला को पुरनम आँखों से   श्रद्धांजलि प्रस्तुत करेंगे जुलूस  ए हुसैनी का नेतृत्व जनाब बाबर अली, यावर अली, सरताज अली, नासिर अली करेंगे

सोमवार, 19 अगस्त 2024

वसुंधरा की हरित श्रृंगार करता वन विकास निगम

 वसुंधरा की हरित श्रृंगार करता वन विकास निगम

   

(अलताफ़ हुसैन की कलम से) 

रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय)  प्रदेश भर मे हरियाली की सौगात लाने के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और उसका अनुषांगिक धडा छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम प्रा. लि. द्वारा प्रदेश के विभिन्न परियोजना मंडलों मे रिक्त अनेक पड़त भाटा भूमि मे प्लांटेशन कर एक नया ऐतिहासिक इबारत सुनहरे पन्ने मे अंकित कर चुका है क्योंकि ऐसे अनेक पथरीले भूमि पर आज जो हरियाली दृष्टि गोचर हो रही है सही मायनों मे छ्ग राज्य वन विकास निगम के मेहनती, कर्तव्य निष्ठ अधिकारी कर्मचारियों और मैदानी अमलों की कड़ी मेहनत,और लगन का परिणाम कहा जा सकता है विगत वर्ष 2022-2023 एवं 2024 मे रोपण किए गए प्लांटेशन की स्थिति को देख कर कथित क्षेत्र से अवागमन करते राहगीरो का मन अनायास रोपण क्षेत्र की ओर आकर्षित करता है


और अंतरमन से वन सदृश्य प्लांटेशन की हरियाली देख कर मन ही मन मुक्त कंठ से उसकी प्रशंसा किए बगैर नही थकता  रीजनल कार्यालय राजधानी रायपुर  बारनवापारा परियोजना मंडल से मात्र तीस किलो मीटर की दूरी पर स्थित नवीन जिला बेमेतरा के पूर्व  पर स्थित ग्राम पिरदा एवं ग्राम खमतराई मे क्रमशः दस हेक्टेयर पड़त भाटा भूमि मे वर्ष 2023-24 मे लगभग 11000 तथा नौ हेक्टेयर भूमि मे 10,000 के करीब मिश्रित प्रजाति के अधिकृत पौधों का सफल रोपण किया गया  छ्ग वन विकास निगम के मुखिया एवं वरिष्ठ पी सी सी एफ.अधिकारी, प्रबन्ध संचालक तपेश झा के दिशा निर्देश अनुसार ऐसे रिक्त पड़त, भाटा भूभाग मे आई पी डी.योजना के तहत प्रदेश के बहुत से परियोजना मंडलों के क्षेत्रों मे प्लांटेशन संपादित किए गए  इसके अंतर्गत बार परियोजना मंडल के अनुभवी दक्ष कर्मठ  तत्कालिक परिक्षेत्राधिकारी ऋषि शर्मा के कुशला मार्ग दर्शन और नेतृत्व मे रायपुर से तीस किलोमीटर के तहत ग्राम पिरदा, एवं ग्राम खमतराई मे ऐसे दो क्षेत्रों मे प्लांटेशन छ्ग राज्य वन विकास निगम  के बार परियोजना मंडल के तहत  कराए गए है जो द्वितीय वर्ष मे युवा अवस्था मे पहुँच कर लगातार ग्रोथ कर रहे है 


इस संदर्भ मे बार नवापारा परियोजना मंडल के आर.जी.एम. मर्सीबेला मैडम जो आई.एफ.एस. अधिकारी है वर्तमान मे मूलतः वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मे सी.एफ. पद का दायित्व का निर्वहन कर रही है  जबकि इसके पूर्व वे सी. सी. एफ. पद मे रहते हुए मानव निर्मित जंगल सफारी मे संचालक डायरेक्टर के पद पर रही तथा लंबे अवधि तक उक्त पद का बखूबी निर्वहन किया एक प्रकार से मानव निर्मित जंगल सफारी की वैश्विक पहचान और आज उसकी जो चकाचौंध परिलक्षित हो रही है वह सब उनके ही कार्यकाल और दिशा निर्देशन में किए जाने वाली देन है सफेद बंगाल टायगर से लेकर स्नैक पार्क, रंग बिरंगी  तितली पार्क, से लेकर विदेशी डॉग,यहाँ तक वन भैंसा लाए जाने का श्रेय भी उन्ही के कार्य काल मे संपादित किए गए है जिनका लाभ और उनके लंबे सेवा काल का अनुभव अब छ्ग राज्य वन विकास निगम को मिल रहा है

तथा वे  वर्तमान मे वे बार नवापारा परियोजना मंडल, पाना बरस परियोजना मंडल,सहित कवर्धा जैसे अन्य परियोजना मंडल मे आर जी एम. के महती दायित्व पद मे रहते हुए नियमित उपरोक्त क्षेत्रों का सघन दौरा कर प्लांटेशन, काष्ठागार  कार्यों मे पारदर्शित और कसावट लाते हुए वन विकास निगम मे आर्थिक सुदृढ़ता को बल दे रही है उल्लेखनीय है कि छ्ग राज्य वन विकास निगम का मूल कार्यों स्व पोषित संस्था के रूप में प्लांटेशन करना बहुत महत्व पूर्ण कार्य है जिसका शुभारंभ वित्तीय वर्ष मई, जून में प्रारंभ कर लिया जाता है जहां मृदा भूमि परीक्षण सहित उपजाऊ, पथरीली भूमि मे किस प्रकार का प्लांटेशन किया जाना उसका प्राकल्लन की रूप रेखा प्रायोजन किया जाता है पश्चात उसकी तैयारी की जाती है इसके लिए जिससे पड़त भाटा मैदानी भूमि मे व्यवस्था कर दो बाई दो से लेकर तीन बाई तीन के गड्ढे उत्खनन कर पॉलिथिन बेग के पौधों का सफल रोपण किया जाता है जिससे प्रदेश भर के वसुंधरा मे भिन्न भिन्न प्रजाति के हरे भरे रोपित पौधों का हरित श्रृंगार कर हरियाली प्रसार किया जाता है वहीं उक्त ग्राम क्षेत्र पिरदा, एवं ग्राम खमतराई प्लांटेशन के संदर्भ मे बार नवापारा अभ्यारण के वर्तमान अधीक्षक आनंद कुदरिया जो वन विकास निगम बार नवापारा  परियोजना मंडल के डी. एम. (डी.एफ.ओ.) पद का दोहरा प्रभार दायित्व का निर्वहन कर रहे है उनका कथन है कि  छ्ग प्रदेश के अधिकांश प्लांटेशन आई पी डी योजना के तहत किए जाते है जिसमे औद्योगिक घराने के द्वारा (सी एस आर) कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कंपनियां अपने व्यापार संचालन और अपने हितधारकों के साथ सामाजिक समरस्ता और पर्यावरणीय चिंताओं को एकीकृत करती हैं ताकि प्रदूषण मुक्त स्वच्छ वातावरण निर्मित किया जा सके इसके तहत ही बहुत से  क्षेत्रों मे प्लांटेशन छ्ग राज्य वन निगम से अनुबंध के आधार पर किए जाते है जिसका अवधि तीन वर्ष तक अनुबंधित होता है उपरोक्त अनुबंधित वर्ष तक उसकी, केज्युवल्टी, निंदाई गुड़ाई,देखरेख, सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी का व्यय छ्ग वन विकास निगम के द्वारा वहन करना पड़ता है 


बार परियोजना मंडल के डी.एम.आनंद कुदरिया इसके आगे बताते है कि   प्रति वर्ष केज्युवल्टी निंदाई गुड़ाई के संपादित कार्यों के लिए अनुबंधित किश्तों मे राशि जारी की जाती है जो प्रथम वर्ष रोपण काल अवधि मे साठ प्रतिशत राशि जारी होता है पश्चात द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष मे क्रमशः पच्चीस एवं पंद्रह प्रतिशत, राशि जारी होता है श्री आनंद कुदरिया आगे बताते है कि अनुबंधित अंतिम वर्ष की अवधि मे कॉर्पेरेट धराने कंपनी और वन विकास निगम तीन वर्ष से अधिक वर्ष के लिए अतिरिक्त अवधि के लिए अनुबंध बढ़ा सकती है 

बार नवापारा परियोजना मंडल के वर्तमान डिप्टी डिवीजनल मैनेजर (एस.डी.ओ.) ऋषि शर्मा जो पूर्व मे उक्त योजना के परिक्षेत्राधिकारी थे उनके ही कार्यकाल मे दोनों स्थानों पर प्लांटेशन  किया गया था उनसे पूछने पर वे बताते है कि  ग्राम पिरदा एवं खमतराई ग्राम के आसपास क्षेत्र मे काफी कल कारखाने मौजूद है तथा एक बड़ा भू भाग की रिक्त भूमि पड़ी थी जिसे अनुबंध के आधार पर मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल रोपण किया गया है तथा रोपण क्षेत्र एक वर्ष मे ही वन सदृश्य गोचर हो रहा है रोपण होने से आसपास का वातवरण स्वच्छ सुंदर प्रदूषण मुक्त हो गया है बार नवापारा परियोजना मंडल के एस. डी.ओ. ऋषि शर्म  बताते है कि लगातार वरिष्ठ अधिकारी मॉनिटरिंग कर समय समय पर उसका अवलोकन  कर दिशा निर्देश देते है उसके अनुसार इस वर्ष 2024 मे केज्युवल्टी एवं निंदाई गुड़ाई  संपादित किए गए है और उनकी स्थित स्वस्थ्य एवं बेहतर है साथ ही लगातार बढ़त बनाए हुए है वर्तमान मे इनकी ऊँचाई आठ से दस फीट हो चुकी है तथा वर्षा ऋतु मे प्राकृतिक जल स्त्रोत और वर्षा के महीन बारीक बूंदों के जल से चहुंओर हरियाली बिखेर रही है जो अनायास लोगों के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है छ्ग राज्य वन विकास निगम बारनवापारा परियोजना मंडल के एस. डी. ओ. ऋषि शर्म आगे बताते है कि दस हेक्टेयर और नौ हेक्टेयर  भूभाग मे भिन्न भिन्न प्रजाति के पौधों का  सफल रोपण किया गया जिनमे मुख्यतः करंज, शिशु नीम, पेल्टाफाम, गुलमोहर, सहित अनेक सायादार फलदार, औषधि युक्त प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है उक्त रोपण कार्य हेतु स्थानीय ग्राम वासियों को रोजगार मूलक कार्य उपलब्ध कराए गए सभी पौधे जोरा नर्सरी, और बिलासपुर नर्सरी से मंगाएं गए थे  वन विकास निगम बार परियोजना मंडल द्वारा दोनों क्षेत्रों  मे कराए गए प्लांटेशन की सुरक्षा के सवाल पर डिप्टी डी एम. ऋषि शर्मा बताते है कि रोपण क्षेत्र मे फैन्सिंग लगाई गई है तथा गाय गरुआ मवेशी चराई,तथा उपद्रवी तत्वों से सुरक्षा हेतु चौकीदार नियुक्त किए गए  है जो लगातार निगरानी रखे हुए रहते है उन्होंने आगे बताया कि समय समय पर केज्युवल्टी, कर पुनः रोपण किया जा रहा है निंदाई, गुड़ाई, दवा खाद से उपचारित किया गया है जो वर्तमान  मे स्वस्थ्य पूर्ण और बढ़त बनाएं हुए है दो वर्ष पश्चात शत प्रतिशत पौधे जीवित स्थिति मे आनुबंधित फर्म, संस्था, कंपनी, को हस्तांतरित किया जाने की बात भी कही है बार प्रोजेक्ट के डिप्टी, डी.एम.ऋषि शर्मा कहते है कि मानव जीवन को बचाना है तो पेड़,पौधों और वनों की सुरक्षा करना सभी मानव जाती का धर्म और कर्म कर्तव्य है तभी मानव समाज का कल्याण संभव होगा.