चट्टानी गौण खनिज संपदा,के बीच हरियली की सौगात


रायपुर छत्तीसगढ़ की रत्न गर्भा धरती में आकृत खजाना जिनमे लौह अयस्क, चूना,मैग्नेशियम,सहित अनेक संपदा का भंडार अटा पड़ा हुआ है यही नही  प्राकृतिक की हरियाली युक्त वन संपदा भी इन क्षेत्रों के वैभवशाली मनोहारी परिदृश्य भी  प्रदेश की पृथक पहचान को स्वर्ग  सा महौल निर्मित कर  संपूर्ण वातावरण को खुशनुमा,रमणीक मनमोहक, आकर्षक  निर्मित करता है जिससे चहुओर एक प्राकृतिक नैसर्गिक  वातावरण निर्मित होता है ऐसे स्थिति निर्मित करने के पीछे वन विभाग और उस से संबंधित अनुषागिक धड़ा छ्ग वन विकास निगम अपने कार्य कर्तव्यों के प्रति सदैव कटिबद्ध रहते है जहां छग वन  एवं जल वायु परिवर्तन विभाग अन्य  राष्ट्रीय,कैंपा मद से राजकीय आर्थिकी मद  संसाधनों और योजनाओं के माध्यम से संरचनाओ से बहुत सी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन करता है जबकि इसके इतर छग राज्य वन विकास निगम ऐसी योजनाएं जिनमें वन ग्राम समितियों के माध्यम से वन क्षेत्रों में तालाब ,सड़क,फायर वॉच वनोपज, संधारण,इत्यादि जैसे सामाजिक रोज़गार मूलक योजनाओं का कभी भी सफल  क्रियान्वयन नही करता और न ही राज्य शासन से छ्ग वन विकास निगम को पृथक बजट अथवा कैम्पा मद से कार्य नहीं करता केवल छग वन विकास निगम  औद्योगिक घरानों के द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से  आईपीडी योजना के तहत रिक्त पड़त भाटा भूमि के चयनित स्थलों शहरी क्षेत्रों में रिक्त भूभाग मे प्लांटेंशन पथ रोपण या शासन से वन क्षेत्रों में प्रदत लीज में प्रदाय भूभाग में हजारों लाखों की संख्या में सागौन और इमारती कष्ठों का सफल रोपण करता  है जिसके पश्चात दस,बीस,तीस,चालीस, पचास परिपक्व सालाना वर्षीय सागौन का थिनिंग, विदोहान कर  वन विकास निगम अपनी कंपनी का सुचारू ढंग से क्रियान्वयन करता है एक प्रकार से यह स्व पोषित संस्था के रूप में कार्य करता है प्रशासनिक विभागीय व्यवस्था के साथ राज्य सरकार को भी लीज के रूप में रोपे गए सागौन की आय से प्रति वर्ष लाभांश राशि भी प्रदान करता है छग राज्य वन विकास निगम केवल इंडस्ट्रियल संस्थानों रेल्वे की भूमि सहित शासकीय विभाग नगर निगम सहित अन्य क्षेत्रों में  (एम ओ यू) के आधार पर अनुबंध कर पड़त भाटा मैदानी भूमि में प्लांटेशन कर हरियाली प्रसार करता है जिसके एवज में इंडस्ट्रेलियल(कंपनी ) आई पी डी योजना के तहत छग राज्य वन विकास निगम को राशि प्राप्त करती है तथा मूल कार्य प्रति वर्ष परिपक्व सागौन थिनिंग,जो फरवरी पश्चात कटाई कर काष्ठागार डिपो के माध्यम संचय कर  नीलामी की जाती है जो मूल स्त्रोत का माध्यम होता है  छ्ग वन विकास निगम के लिए यह रीढ़ की हड्डी मानी जाती है इसे अपना मुख्य आय का श्रोत बनाया हुआ है वन क्षेत्रों के रख रखाव, व्यवस्था, वन विकास निगम करती है वन क्षेत्रों मे सागौन प्लांटेशन कर कम से कम तीन अथवा पांच वर्षों की सतत निगरानी में केज्युवलटी, दवा,खाद,उपचार और  सुरक्षा कर उसकी व्यवस्था की जाती है  तथा काष्ठागार मे वार्षिकी नीलामी निविदा प्रकाशन कर आम उपभोगताओं को प्रदाय कर आर्थिक संसाधन संकलित कर छग राज्य वन विकास निगम का सूचारु रूप से क्रियनवयन किया जाता है

    इसी  परिपेक्षा मे वित्तीय वर्ष 2021व 22 को मोहला मानपुर के छ ग. राज्य मे नए जिला के अस्तित्व मे आते ही आयरन युक्त क्षेत्र मोहला, मानपुर, के भिन्न भिन्न ग्राम क्षेत्रों मे सागौन पौधों का सफल प्लांटेशन ग्राम बोदाल, तारमटोल, हिदद्ड, मे किया गया था इस संदर्भ मे राजनांद गाँव पाना बरस परियोजना मंडल के डीविजनल मैनेजर(डी एफ ओ) होम लाल साहू बताते है कि देववाणवी परिक्षेत्र स्थित बोदाल क्षेत्र मे वित्तीय वर्ष 2021-22 मे  सागौन प्लांटेशन का सफल रोपण 16 हेक्टेयर भूभाग मे किया गया था पानाबरस परि योजना मंडल के डी.एम.  होमलाल साहू का कथन है कि ऊँची पहाड़ी चट्टानी क्षेत्र होने के साथ ही लौह अयस्क मैग्निशायम जैसे गौण खनिज प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है जहाँ की जलवायु, मिट्टी प्रकृति रूप से पेड़ पौधे शीघ्र ग्रोथ  करने मे वर्षों बरस लग जाता है परंतु हमारे निगम अधिकारी  कर्मचारीयों ने चट्टानी खनिज युक्त क्षेत्र मे तीन वर्ष के लगतार  मॉनिटरिंग देखरेख उपचार इत्यादि कर सफल सागौन प्लांटेशन रोपण कर अविश्वसनिय कार्य कर दिखाया जो बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है वही मोहला परिक्षेत्रा अधिकारी जागेश गौड़  सागौन प्लांटेशन के  शत प्रतिशत सफल होने से अल्हादित और काफी हर्षित है मोहला मुख्यालय से बारह किलो मीटर की दूरी स्थित ग्राम बोदाल, ग्राम तारमटोला, ग्राम हिददड, मे दो स्थलों पर सागौन प्लांटेशन ग्राम बोदाल मे क्रमशः 16 हेक्टेयर पौधे जिसकी संख्या 40 हजार टी. पी. वर्ष 2021-22 मे रोपित किया गया जिसकी तीन वर्ष मे ऊंचाई लगभग दस से बारह फिट हो चुकी है वही तारमटोला मे 18 हेकटेयर भूभाग मे 45 हजार पौधे वर्ष 2023 मे रोपित किए गए

 रेन्जर जगेश गौड़ बताते है कि उक्त प्लांटेशन तीन वर्ष के लिए किया गया है प्लांटेशन क्षेत्र मे मौका स्थल पर जाकर जब इसका अवलोकन किया गया तब वहाँ सभी पौधे स्वस्थ्य और सर्वाईव करते दिखे इस संदर्भ मे मोहला परिक्षेत्राधिकरी जागेश गौड़ बताते है कि ग्राम बोदाल जो वित्तीय वर्ष 2021-22 मे रोपण किया गया था तीन वर्ष मार्च माह मे इसकी अवधि समाप्त हो जाएगी उन्होंने बताया कक्ष क्रमाँक 472 मे विगत तीन वर्षों के कार्य आवधि मे इसके उपचार सहित निंदाई, गुडाई, दवा खाद, जो वर्ष मे दो बार दवा खाद उपचार, लगभग 15 ग्राम प्रथम बीटिंग मे किया जाता है इनकी सुरक्षा देख रेख हेतु बकायदा स्थानीय चौकीदार की नियुक्ती की जाती है इसके अलावा सिंगलिका कार्य किया गया जिसमे सागौन पौधे मे दो शाखा या दो कॉपी निकल आए अतिरिक्त शाखा निकाल दिया जाता है  जिससे सागौन पौधे सीधी अवस्था मे ग्रोथ करते है  समीपस्थ ही ग्राम तारमटोला के संदर्भ मे मोहला परिक्षेत्राधिकरी जागेश गौड़ आगे बताते है कि वर्ष 2023 मे क्षेत्र मे सागौन प्लांटेशन 18 हेकाटेयर भू भाग मे 45 हजार सागौन प्रजाति के पौधे रोपण किया गया है यह दो भू भाग पहाड़ी और ढलानी क्षेत्र मे रोपण किया गया है ताकि वर्षा ऋतु के जल से रोपण क्षेत्र को भरपूर पानी प्राप्त हो सके तथा लंबे समय तक नमी बरकरार रहे उन्होंनेआगे बताया द्वितिय वर्ष मे केज्युव्लटी किया गया है सभी पौधे स्वस्थ्य और ग्रोथ कर रहे है चराई की रोकथाम के लिए स्थानीय चौकीदार नियुक्त किया गया है

 छग राज्य वन विकास निगम के पानाबरस परियोजना मंडल के अन्तर्गत मोहला परिक्षेत्राधिकरी जागेश गौड़ आगे बताते है कि बहुत सी वन भूमि क्षेत्र अतिक्रमण की भेंट चढ़ जाती है जिसके रोकथाम के लिए रिक्त भूमि को वन का स्वरूप बनाए रखने और सुरक्षा अति अवश्यक हो गया है इसके लिए वन विकास निगम के वरिष्ठ पी.सी.सी.एफ.तपेश झा ने ऐसे चयनित वन क्षेत्र मे सागौन रोपण कराने की जो पहल की है वह काबिले तारिफ है प्रशंसनीय है आखिर वन विकास निगम के जल जमीन जंगल को चीर स्थाई बचने मे अपनी महती भूमिका का निर्वाहन पूरी ईमानदारी तन्मयता से कर रहा है