भारत माला की हरियाली कोमा खान में बिखरी
अलताफ़ हुसैन
रायपुर, (छत्तीसगढ़ वनोदय) महासमुंद वन मंडल मुख्यालय से लगभग 32 किलोमीटर दूर स्थित बागबाहरा परिक्षेत्र से महज पन्द्रह किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोमाखान परिवृत क्षेत्र में वैसे तो गगन चुंबी पर्वत माला के मध्य छोटी,बड़ी कल-कल करते नदी,नाले, के प्रवाहित होती जल धाराएं वर्षों से हरियाली युक्त सघन वन क्षेत्र मे दूरस्थ प्रकृतिक वातावारण की एकअलग छटा बिखेर रही है जो अनायास आम लोगों का चित आकर्षित करती है जिसकी वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग समुचित देखरेखा व्यवस्था तथा बिगड़े वनों के सुधार हेतु समय समय पर पुनरुत्पादन कर प्राकृतिक वनों का स्वरूप यथावत स्थापित करने कटिबद्धता प्रदर्शित करती है इसी श्रृखला में कोमाखान परिवृत से मात्र चार किलोमीटर के फासले पर दरबेकेरा वन ग्राम के समीप स्थित कक्ष क्रमंक 469 के रिक्त पड़त भाटा वन भूमि जिसका क्षेत्रफल 14. 270 हेक्टेयर है जिसमें कुल रोपण क्षेत्रफल 5.534.हेक्टेयर में वर्ष, 2025 जुलाई को 5534 नग भिन्न भिन्न प्रजाति के फलदार, फूलदार, सायादार, औषधि गुण वाले पौधों का सफल रोपण किया गया जो मात्र चार माह की अल्प अवधि में जबरदस्त ग्रोथ कर रहा है प्लांटेशन के संदर्भ में बागबाहरा के कर्मयोगी, समर्पित,निष्ठावान,
लगनशील, कर्तव्यपरायण, व्यक्तित्व के धनी परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यहॉं ग्राम दरबेकेरा में किए गए मिश्रित प्रजाति के प्लांटेशन ओरेंज भूमि में कराया गया है यह वन भूमि क्षेत्र है रिक्त पड़त नारंगी भूमि होनें की वजह से अतिक्रमणकरियों की इस क्षेत्र पर बहुत दिनों से नज़र गड़ी हुई थी गत वर्ष कार्य योजना बना कर प्लांटेशन् हेतु विभाग को दिया गया परिणामतः राज्य कैंपा मद से क्षति पूर्ति सिंचित मिश्रित वृक्षारोपण कार्य संपादित कराया गया जिसके लिए कठोर बंजर भूमि में वर्षा ऋतु के पूर्व गड्ढे इत्यादि कार्य करवाए गए उक्त कार्य हेतु आस पास ग्राम क्षेत्र से श्रमिकों को मंगवाया गया इसकी एक वजह यह भी थी कि दरबेकेरा वन ग्राम की जनसंख्या बहुत कम थी जिसकी वजह से दस बीस किलोमीटर दूर स्थित श्रमिकों को बुलवाया गया इसके अलावा दरबेकेरा में पखडंडी रूपी सड़क मार्ग उपर से वर्ष ऋतु एवं जलभराव की स्थिति में आवागमन दुर्लभ होना ही था साथ में अन्य रोपण एवं निर्माण सामाग्री लाने ले जाने अत्यंत जर्जर पखडंडी मार्ग में चलना दुरूह अवस्था में पहुँच जाता था फिर भी परिस्थिकीय अनुसार प्लांटेशन कराना अत्यंत आवश्यक था जिसे प्रकृति आपदा सहित व्यवस्था से लड़ते हुए कार्य संपादित कराया गया इसके बावजुद हमारे वन सहकर्मियों ने रात दिन एक कर औरेंज भूमि में कार्य को संपादित किया बागबाहरा परिक्षेत्राधिकारी श्री लोकनाथ ध्रुव आगे बताते है कि प्लांटेशन् कार्य भारत माला सड़क परियोजना के निर्माण अंतर्गत क्षतिपूर्ति प्लांटेशन के रूप में तत्कालीन महासमुंद के डी.एफ.ओ.पंकज राजपूत एवं वर्तमान महासमुंद वन मंडलाधिकारी मयंक पांडे के मार्ग दर्शन एवं नेतृत्व में संपादित कराया गया गौर तलब है महासमुंद वन मंडलाधिकारी आई.एफ. एस.श्री मयंक पांडे एक प्रशासनिक अनुभवी, एवं गंभीर अधिकारी के रूप में पहचाने जाते है वे मैदानी कार्यों से किसी प्रकार का समझौता नही करते यही वजह है कि उन्होंने धमतरी वन मंडल सहित अनेक वन मंडल कार्यालयों में अपनी सफल सेवाएं देकर एक पृथक पह्चान निर्मित की है
जिसकी वजह से आज भी अधिकारी कर्मचारी उन्हे सम्मान के साथ याद करते है उनके यहाँ आने से महासमुंद वन मंडल क्षेत्रों में एक अलग उत्साह देखा जा रहा है स्थानीय अधिकारी कर्मचरियों में नवीन परियोजनाओं पर उल्लेखनीय कार्य किये जाएंगे ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है वही कार्यों की संपूर्ण व्यवस्था एवं मॉनिटरिंग वर्तमान उप वन मंडलाधिकारी गोविंद सिंह साहेब बेहतर जानते है क्योंकि अपने पूर्व सेवा काल में रेंजर सहित अन्य पदों में कार्य करते हुए उन्हे बलौदा बाजार वन मंडल अंतर्गत कसडोल के सोनाखान परिक्षेत्र का अच्छा लंबा अनुभव प्राप्त है उनके द्वारा पलांटेशन सहित फेंसिंग, एवं अनेक वन क्षेत्रों में संपन्न कराए गए निर्माण कार्यों की पूर्ण जानकारी है यही वजह है कि महासमुंद वन मण्डल कार्यालय में आते ही संपूर्ण कार्यों का अवलोकन कर वे दिशा निर्देश देते रहते है जिससे कोमाखान दरबेकेरा के कक्ष क्रमांक 469 का कथित प्लांटेशन बड़ी तेजी से ग्रोथ कर रहा है जिसकी ऊँचाई लगभग चार से दस फीट पहूच गई है परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव की जीवट कार्य शैली की बात की जाएं तो वे कार्यों के प्रति काफी संवेदनशील रहे है वे कार्यों के प्रति समर्पित सेवा भाव से सौंपे गए विभागीय दायित्वों का जब तक निर्वहन नही कर लेते तब तक उन्हे संतुष्टि नही मिलती उनके संदर्भ में यह भी बताया जाता है कि कार्य अवधि समाप्त होने के बावजूद वे अपने सहयोगी (स्टाफ) वन कर्मियों के साथ बैठ कर समस्त कार्यों का निष्पादन पूर्ण करा कर ही दम लेते है इसके लिए भले रात्रि दस बजे या बारह क्यों न बज जाए उनकी कार्य करने की क्षमता, जुझारूपान उनके विभागीय कार्य शैली को अलहदा बनाता है
दरबेकेरा पलांटेशन का पुरा श्रेय वे अपने सहयोगी वन कर्मी कोमाखान डिप्टी रेंजर दुलार सिन्हा जी एवं फॉरेस्ट बीट गार्ड खेमराज साहू एवं समस्त वन सहकर्मी सहयोगीयों को देते है उनका कथन है कि मै तो केवल जाकर मॉनिटरिंग कर रहा था परंतु सही मायनों में ये जमीनी योद्धा है जो रात दिन एक कर श्रमिकों से कार्य संपादित करवाते है जमीन व्यवस्था से लेकर पौधा रोपण, तक कार्य धूप, गर्मी, वर्षा मे संपन्न कराते है इस संदर्भ में जब कोमखान स्थित डिप्टी साहेब दुलार सिन्हा जी से चर्चा की गई तो उन्होंने प्लांटेशन क्षेत्र में ले जाकर अवलोकन कराया जहाँ आज की तिथि में पौधे लगातार ग्रोथ कर रहे है उन्होंने बताया कि वन्य प्राणियों एवं पालतू मवेशी चराई रोकने के लिए प्लांटेशन को चारो ओर से मजबूत मोटे तारों से घेरा बंदी की गई है ताकि प्लांटेशन शत प्रतिशत सुरक्षित, एवं ग्रोथ करता रहे सिंचित प्लांटेशन के संदर्भ में डिप्टी कोमाखान दुलार सिंह सिन्हा बताते है कि इसके लिए पाइप इत्यादि बिछाए गए है क्योंकि वर्तमान में वर्षा ऋतु चल रहा है उसके पश्चात,शीत ऋतु में भी सिंचाई की आवश्यकता लगभग होती है फरवरी मार्च आगामी सत्र से ही सिंचाई प्रारंभ होगा इसके लिए बहुत से चयनित स्थान पर बोर खनन कराए गए है जिनमें पंप, वाल्व, पाइप इत्यादि से स्प्रिंकलर से सिंचाई का उपयोग किया जाएगा यह विधि अमुमन आवासीय, औद्योगिक और कृषि कार्यों के लिए किया जाता है जो प्लांटेशन क्षेत्र के लिए बहुत लाभकारी एवं कारगर साबित होगा डिप्टी दुलार सिन्हा आगे बताते है कि दरबेकेरा के 14270 वन भूमि क्षेत्र में लगभग साढ़े पांच हजार मिश्रित प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है जिनमे मुख्यतः सागौन दो हजार पौधे, नीम एक हजार, बेल, सात सौ, आँवला पंद्रह सौ, महुआ सात सौ, जामुन दो सौ, शिशु एक सौ चौबीस, करंज एक सौ पचास नग शामिल किए गए है जो चार माह में तेजी से बढ़त बनाए हुए है फलदार फूल दार औषधि युक्त पौधों की प्रचुरता के संदर्भ में पूछे जाने पर कोमाखान फॉरेस्ट के युवा साहसी बीट गार्ड खेमराज साहू बताते है कि क्षेत्र में भालू की मात्रा लगभग पंद्रह से आधिक होने के कारण वे खाद्य वस्तुएँ प्राप्ति हेतु यत्र तत्र भटकते है फलदार, फुलदार,पौधों के रोपण से उन्हे भविष्य में खाद्य वस्तुएँ फल फूल बड़ी सहजता से प्राप्त होगा
वही जोंक नदी की सहायक कांदाजड़ी नाला के वन क्षेत्र से प्रवाहित होते पानी भी उन्हे बड़ी सुलभता से प्राप्त होगा जिसकी वजह से वे ग्रामीण क्षेत्र की ओर पलायन भी नही करेंगे उन्होंने आगे बताया कि दरबेकेरा वन ग्राम प्रबन्ध समिति द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जाती है वही प्लांटेशन क्षेत्र में चौकीदार नियुक्त किया गया है ताकि सुरक्षा बनी रहे बीट गार्ड खेमराज साहू ने बताया
कि प्लांटेशन क्षेत्र में प्रारंभिक् स्तर पर गाला थाला निर्माण कर डी. ए. पी. दवा खाद,यूरिया, से उपचार किया जा चुका है वहीं केज्युवल्टी निंदाई गुड़ाई भी किया गया है अब वहाँ प्लांटेशनन क्षेत्र में प्रतिदिन सुरक्षा देखरेख की जा रही है उल्लेखनीय है कि यह प्लांटेशन कार्य भारत माला सड़क निर्माण परियोजना के तहत मार्ग मे अवरोधित क्षतिग्रस्त पेड़ पौधों की क्षति पूर्ति के रूप में कैंपा मद से वर्ष 2024-2025- से लेकर वर्ष 2033-2034 तक आठ से दस वर्षों के लिए समान्य वन मंडल महासमुंद अंतर्गत बागबाहरा परिक्षेत्र के कोमाखान परिवृत क्षेत्र मे प्लांटेशन का रोपण किया गया है जो राष्ट्रीय राज मार्ग भारत माला सड़क उन्नयन योजना के साथ वन विभाग से अनुबंध कर कैंपा मद से क्षति पूर्ति राशि प्रदान कर रिक्त वन भूमि में रोपण कार्य संपादित कर वनों के स्वरूप को सुधार किया जा रहा है जो आने वाले आठ दस वर्षों पश्चात कोमाखान का उक्त क्षेत्र हरियाली के मामले मे एक अलग ही छटा बिखेरेगी जिससे वन का रकबा भी बढ़ेगा.






 

































