रविवार, 21 सितंबर 2025

मेहा भूल गेहॉव रास्ता सब चीज होगे सस्ता मोला हंसी लगे

 

मेहा भूल गेहॉव रास्ता...सब चीज होगे सस्ता. मोला हंसी लगे


अर्जुन तिवारी

मेहा भूल गेहॉव रास्ता सब चीज होगे सस्ता,..को चरितार्थ करते हुए जी एस टी 18 और 5 प्रतिशत होने के बाद जो चीजों का डर कम हुआ है उनसे गरीब आवाम को किसी प्रकार का कोई राहत मिल गया कहना  एकदम बेमानी ही लगता है अब कम दर में मिलने वाली चीज की लिस्ट ही देख लीजिए पनीर आचार बिस्किट चाकलेट सिलाई मशीन थर्मो मीटर ट्रेक्टर ऐसी चश्मा, वाशिंग मशीन कीट नाशक  ग्लूको मीटर, मोटर सायकल, थ्री व्हिलर कार, पान मसाला, सब जी एस टी मे कम हो गया अब सोचने वाली बात यह है क्या ये गरीब लोगो की ये इस्तेमाल होने वाली चीज वास्तविक में है कहना समझ के परे ही लगता है अब दिन भर में चार से पांच सो रुपया कमाने वाले गरीब इंसान की जीवन इन्हीं सब चीज में निर्भर करती है


काश जी एस टी में कम करने के बजाय,चावल दाल नमक मिर्ची पर क्या फोकस किया गया है सब्जी भाजी जो रोजमर्रा की चीज है उसमें फर्क ही क्या पड़ा है आज भी दाल 120से 180 रुपया और चावल 70 से 80 रुपया किलो बिक रहा है अगर सरकार को कम ही करना था तो पेट्रोल और डीजल को जी एस टी के श्रेणी में लाकर 18 प्रतिशत में रख देना था ताकि ट्रांसपोटिंग में आने वाले कमी से कुछ राहत मिलता अब गरीब के बच्चे को पिज्जा बिस्किट से क्या लेना देना है उनको तो आग पर रोटी सेक कर उनके मां बाप खिलाते से ही पेट भरता है रहा बात आचार के सस्ता होने की बात तो गरीब लोग दुकान के आचार कभी खरीदना ही नहीं चाहते उनको तो अपने घर में बनाए गए आचार की स्वाद ही अमृत लगता है अब इनको पान मसाला से क्या लेना देना है जब वो पान खाते ही नहीं है सरकार की मादक पदार्थों में कीमत बढ़ाना यानि 40 प्रतिशत जी एस टी ने लाना सराहनीय कदम है गुटका सिगरेट बीड़ी शराब को महंगा करने से कुछ गरीब इन सब से अलविदा जरूर कर सकते है ताकि स्वस्थ में कुछ तो सुधार आने की उम्मीद जरूर बन सकता है जिसमें भी कम हुआ है वो भी किसी ने 2 रुपया किसी में 5 रुपया अधिकतम वस्तुएं जिसे गरीब आज भी इस्तेमाल नहीं कर पाएगा तो इसे प्रधान मंत्री द्वारा गरीबों को दिवाली का तोहफे कैसे माना जा सकता है

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