रविवार, 26 जून 2022

इमरान सुपर मेलोडी वॉइस संस्था का सिल्वर जुबली कार्यक्रम में दर्शक झूमे

इमरान सुपर मेलोडी वॉइस संस्था का सिल्वर जुबली कार्यक्रम में दर्शक झूमे
रायपुर रविवार को नए पुराने गीतों की क्रम बद्ध श्रृंखला के तहत गीत संगीत प्रेमियों को इमरान सुपर मेलोडी वॉइस ग्रुप के माध्यम से बेहतरीन सदाबहार नए पुराने फिल्मी गीतों को सुनने का अवसर मिला जिसे सुन कर दर्शक लगभग पांच घण्टे तक देवेंद्र नगर स्थित बालाजी स्कूल में जमे रहे 
और हर गीतों में झूम कर लुत्फ उठाया लगभग उन्तीस गायकों की लंबी फेहरिस्त में एक से बढ़कर एक गायकों ने अपने अंदाज में रफी,लता मुकेश,किशोर,मन्ना डे,बालसुब्रमण्यम, अनुराधा पौडवाल,कविता कृष्णमूर्ति, कैलाश खेर,पंकज उधास,सहित सुप्रसिद्ध फिल्मी गायक,गायिकाओं की आवाज़ को सुजीत यादव,अन्नू धवले, सानिया अली,कमल बड़वानी,शकील खान,मोहम्मद अली,आस्था भट्ट,जितेंद्र भाई, सहित अन्य प्रतिभागियों ने अपनी दिलकश आवाज़ में गीतों को गाया संगीत संध्या के प्रायोजक एवं इमरान सुपर मेलोडी वॉइस के डॉयरेक्टर इमरान खान ने बताया कि लगभग उनतीस कलाकारों का चयन फ्री ऑन लाइन के माध्यम से किया गया जिनमे प्रतिभाशाली गायक कलाकारों का अवसर दिया गया डॉयरेक्टर इमरान खान ने बताया कि यह सिल्वर जुबली, कार्यक्रम था जिसमे बहुत सी नई प्रतिभाओं को अवसर दिया गया जिन्होंने अपनी गायकी से श्रोताओं का भरपूर  मनोरंजन कर झूमने विवश कर दिया कार्यक्रम में कलाकारों का उत्साह वर्धन हेतु,कराओके, गीत संगीत प्रेमी  विशेष रूप से बड़ी संख्या में उपस्थित थे

मंगलवार, 14 जून 2022

मौत को ठेंगा दिखा वापिस आया राहुल जाको राखे सइयां मार सके न कोय

*मौत को ठेंगा दिखा वापिस आया राहुल 

जाको राखे सइयां मार सके न कोय

रायपुर राहुल साहू अब जांजगीर नहीं, छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के मोबाइल,अख़बार, टीवी, रेडियो देखने, पढ़ने, सुनने वालों के लिए यह नाम विगत 5 दिनों से जुबान पर है. होगा भी क्यों नहीं.

छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के मालखरौदा से लगे ग्राम पिहरीद निवासी लाला साहू के बड़े बेटा और ऋषभ के बड़े भाई राहुल साहू उम्र महज 11 वर्ष बोलने, सुनने में सक्षम नहीं है साथ ही वे मानसिक रूप से दिव्यांग भी है.

तारीख़ 10 जून 2022 दिन शुक्रवार और समय करीब अपरान्ह 3 बजे ज़ब राहुल और उसके भाई ऋषभ अपनी बाड़ी में खेल रहे थे तभी खुले बोर में राहुल गिर गया. करीब 70-80 फिट गहरे बोर में गिरने की खबर घर से लेकर गांव तक और गांव से लेकर कलेक्टर जांजगीर तक पहुंच गया. कलेक्टर जीतेन्द्र शुक्ल, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल,  जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी, कर्मचारी राहुल को बचाने ग्राम पिहरीद पहुंचे. इस बात की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्काल कलेक्टर को मोबाइल पर निर्देश जारी किया कि राहुल को बचाने हर सम्भव प्रयास किया जाए. कलेक्टर ने तत्काल तमाम सुरक्षा व्यवस्था के लिए राज्य आपदा मोचन से लेकर सेना के जवान सहित सभी प्रकार के संसाधन जुटाने के निर्देश अपने अधीनस्थ लोगों को दिया. कोरबा, बिलासपुर, भिलाई सहित अनेक शहरों व राज्यों से मदद ली गई.

 *पल पल की जानकारी लेते रहे मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री बघेल लगातार राहुल के परिजनों से औऱ कलेक्टर से बातचीत करते रहे. कलेक्टर को हर उपाय करने के निर्देश देते रहे तो परिजनों को आश्वासत किया कि बेटा राहुल को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. सबसे पहले ऑक्सीजन की व्यवस्था कर तत्काल राहुल तक पहुचाई गई। विशेष कैमरे लगाकर राहुल की हर गतिविधियों पर नज़र रखी गई और  उसे खाने पीने के सामान भी दिए गए। यह घटना कोई सामान्य घटना नहीं थी। जिला प्रशासन द्वारा बच्चे को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित आवश्यकता अनुसार सभी से संपर्क बनाया गया। आसपास की भीड़ हटाने पुलिस फोर्स लगाकर बेरिकेडिंग की गई। समय रहते बच्चे को ऊपर लाने का भी प्रयास किया गया। जिला प्रशासन की मांग पर रेस्कयू के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों के साथ एक्सपर्ट भी बुलाए गए। भिलाई,कटक,कोरबा, झारखण्ड,रायगढ़,बिलासपुर सहित अन्य स्थानों से भी राहत एवं बचाव के लिए मशीनें तथा वाहन मांगी गई।  एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के पहुचने के बाद सैकड़ो कोशिशें की गई कि राहुल किसी तरह रस्सी, हुक को पकड़ ले।   गुजरात से रोबोट बुलाकर भी निकालने की कोशिशें जारी रही। एक तरफ बोर के गहराई में गिरे राहुल के समानांतर गड्ढा कर सुरंग बनाकर राहुल तक पहुँचने की रणनीति बनी और अमल में लाया गया, वही दूसरी ओर कभी मैनुअल क्रेन में रस्सी के सहारे राहुल को ऊपर खीचने का प्रयास किया गया।

 *जाको राखे साइंया मार सकय न कोय* 

यह मुहावरा मासूम राहुल के लिए ही बना है. बोरवेल में फंसे राहुल को आखिरकार 105 घण्टे रेस्क्यू के पश्चात सकुशल बाहर निकाल लिया गया। "ऑपरेशन राहुल" की चुनौती यही थीं कि राहुल न सुन सकता है, न बोल सकता है वे मानसिक रूप से दिव्यांग भी है ऐसे में लगभग 65-70 फीट नीचे गड्ढे में उतरी रेस्क्यू दल ने कड़ी मशक्कत के बाद राहुल को सुरक्षित बाहर निकाला। राहुल जहाँ फसे थे उसके आसपास सांप भी था लेकिन कहते है न *ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं.* 

प्रदेश के करीब 3 करोड़ आबादी के प्रार्थना ने राहुल को नया जीवन दिया तो इस आबादी के मुखिया संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के ऊपर भरोसा भी था कि राहुल को बचाने जिला से लेकर राज्य औऱ राष्ट्रीय स्तर तक व्यवस्था में भी कोई कम नहीं था.


 *मौत को ठेंगा दिख  वापिस आया राहुल  *

रेस्कयु टीम के 105 घंटे के कड़ी मशक्क्त के बाद सुरंग से बाहर आते ही राहुल का आँख खुला था. वे अपने गांव पिहरीद की खुले जगहों से सांस लेने को आतुर था. जिला प्रशासन ने पहले से ही डॉक्टर, नर्स से लेकर राहुल के तमाम  सुरक्षा व्यवस्था कर ली गई थीं. ज़ब राहुल सुरंग से बाहर आया तो रेस्कयु टीम में जो उत्साह औऱ उमंग दिखाई दिया वह पिहरीद औऱ जिला जांजगीर के इतिहास में दर्ज हो गया. हजारों ग्रामीणो को बेसब्री से राहुल का इंतजार था. पूरे गाँव में खुशी के आँसू देखने को मिला, क्योंकि बेटा राहुल **मौत को मात दे दिया.* राहुल को बेहतर इलाज के लिए अपोलो अस्पताल बिलासपुर में भर्ती कराया गया है  इस घटना ने सभी लोगो को सोचने को मजबूर किया है. छोटी से लापरवाही से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है, इसलिए बोर को खुला न छोड़े. स्वयं औऱ बच्चों का विशेष ध्यान रखें. राहुल बहुत जल्द स्वस्थ होकर घर लौटेगा, इसी उम्मीद के साथ "ऑपरेशन राहुल" में जुड़े जिला प्रशासन, राज्य शासन तमाम अधिकारी, कर्मचारीगण रेस्कयु टीम के सभी सदस्यों, ग्राम पिहरीद के प्रत्येक नागरिक औऱ मीडिया के अभूतपूर्व योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.

एक तरफ नशे पर शिकंजा तो दूसरी तरफ उरला चौक,कबीर नगर हीरापुर,जरवाय के समीप गांजा,सट्टा का कारोबार


 एक तरफ नशे पर शिकंजा तो दूसरी तरफ उरला चौक कबीर नगर हीरापुर जरवाय के समीप गांजा,सट्टा का अवैध कारोबार 

रायपुर पुलिस प्रशासन द्वारा जितनी सख्ती के साथ नशे के कारोबारियों को धड़पकड़ कर अपनी पीठ थपथपवा रही ठीक  उतनी ही तेजी के साथ नशे के कारोबारियों के हौसले भी बुलंद है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण गुढ़ियारी,आज़ाद चौक थाना क्षेत्र अंतर्गतहीरापुर जरवाय,कबीर नगर उरला,गोगांव चौक के  झाबक पेट्रोल के समीप, स्थित बार के खाली मैदान में आसानी से नाबालिग लड़को को गांजा बेचते हुए  देखा जा सकता है 

मिली जानकारी के अनुसार विगत कुछ माह से कबीर नगर,हीरापुर,जरवाय,उरला गोगांव चौक के मध्य स्थित रायपुर भनपुरी,भिलाई बायपास हाइवे रोड में झाबक पेट्रोल पंप के समीप  बार के बगल स्थित मैदान में कुछ अवयस्क युवकों द्वारा अवैध गांजा बिक्री की शिकायतें सामने आ रही थी जिसका स्थल मुआयना एवं जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि कथित पेट्रोल पंप के बगल स्थित सुनसान मैदान में कुछ माह पूर्व से गोलू वर्मा,दिलखुश,एवं वरुण उर्फ मामा के नेतृत्व,एवं मार्गदर्शन मे छोटे अवयस्क युवकों द्वारा जिनकी उम्र 14 से 16 वर्ष होगी उनसे लगातार प्रतिबंधित मादक पदार्थ गांजा की बिक्री  करवाया जा रहा है साथ ही सट्टा भी लिखा जा रहा है फिर भी क्षेत्र की पुलिस एवं पेट्रोलिंग के द्वारा  आंख बंद कर उन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जा रही है जिससे इनके हौसले काफी बुलंद है यही नही आसपास क्षेत्र जिनमे अंकल ढाबा, एवं प्रिंस ढाबा के क्षेत्र,हीरापुर टर्निंग एरिया जरवाय  मे भी इनके गुर्गों  के माध्यम से घूमघूम कर सट्टा पट्टी एवं गांजा की अवैध बिक्री की जा रही है तथा इन पर क्षेत्र की पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कोई वैधानिक कार्यवाही नही की जा रही है जबकि मालूम करने पर ज्ञात हुआ है कि इसके पीछे का मास्टर माइंड  क्षेत्र के निगरानी गांजा तस्कर पारस साह के द्वारा उक्त अवैध गांजा,सट्टा, कारोबार का संचालन पर्दे के पीछे रहकर किया जा रहा है बताते चले कि ये वही गांजा तस्कर है जिससे विगत कुछ माह पूर्व पुलिस द्वारा लाखों का अवैध गांजा चार पहिया वाहन में परिवहन कर तस्करी  करते हुए गिरफ्तार किया गया था हाल फिलहाल  जेल से छूटते ही पारस साह के  द्वारा अपने पूर्व परिचित लोगों के माध्यम से पुनः हीरापुर जरवाय में रोशन वर्मा के नाम पर सट्टा पट्टी एवं उरला चौक के झाबक पेट्रोल पंप स्थित बार के बगल खुले प्लाट में नाबालिग युवकों के माध्यम से गांजा बिक्री करवाया जा रहा है इसमें मुख्यतः रौशन वर्मा, वरुण,गोलू,एवं दिलखुश जैसे अलग अलग युवकों के नाम से ठेक चलाया जा रहा है जो पारस साह के द्वारा ही संचालित है सूत्रों द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि पारस साह का स्पष्ट कथन है कि पुलिस प्रशासन जिसमे आज़ाद चौक थाना,गुढ़ियारी थाना से पूरी सैटिंग है जब वे मेरे साथ है तो मुझे कोई भय नही यही वजह है कि उपरोक्त क्षेत्र में अलग अलग नाम से गांजा सट्टा पट्टी का अवैध कारोबार संचालित किया जा रहा है  ताकि  पुलिस को भी गुमराह किया जा सके अवैध सट्टा पट्टी एवं गांजा बिक्री से  आसपास के दुकानदार भी काफी परेशान हो चुके है जब वहां की स्थिति का जायज़ा लिया गया तो वहां चार से पांच नाबालिक  युवक गांजा बिक्री में लिप्त देखे गए इस संदर्भ में जब आसपास लोगों से पूछताछ की गई तो उपरोक्त जानकारी छनकर सामने आई इस संदर्भ में सट्टा पट्टी और गांजा बिक्री क्षेत्र गुढियारी थाना,एवं आज़ाद चौक थाना क्षेत्र के अंतर्गत संचालित होना बताया गया है जब गुढ़ियारी थाना के टी आई से उक्त संबन्ध में जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल कव्हरेज एरिया से बाहर बताया

 ज्ञातव्य हो कि वरिष्ठ अधिकारियों ने समस्त थाना क्षेत्रों के टी आई को सख्त दिशा निर्देश भी दिए गए है कि किसी भी क्षेत्र में अवैध रूप से गांजा, नशीली टेबलेट,एवं अन्य मादक पदार्थों की बिक्री हेतु कड़ी कार्यवाही किए जाएं  परन्तु जिस प्रकार कबीर नगर  हीरापुर जरवाय में गांजा सट्टा और उरला चौक झाबक पेट्रोल पंप के समीप खुलेआम गांजा जैसे  नशे  का अवैध कारोबार किया जा रहा है उससे पुलिस की कथनी और करनी में साफ अंतर दिखाई पड़ रहा है खबर तो यह भी है कि उरला क्षेत्र में  बाहरी प्रदेशों से बड़ी संख्या में ट्रक कारोबारियों का अनवरत आवागमन होता रहता है जिनके द्वारा भारी मात्रा में  चरस,गांजा,ढोढा,गर्द,नशीले टेबलेट का अवैध कारोबार कई वर्षों से धड़ल्ले से अनवरत जारी है जिस पर आज तक अंकुश नही लग पाया तथा सड़को पर संचालित अधिकांश ढाबों में नशे का अवैध कारोबार निर्बाध गति से अब भी बेधड़क बेखौफ होकर अनवरत किया जा रहा है अब इसके पीछे की क्या वजह हो सकती है ये तो संबधित थाना क्षेत्र की पुलिस ही बता सकती है कि अब तक ऐसे कारोबारियों पर कार्यवाही क्यों नही किया गया ?

सोमवार, 13 जून 2022

मुखिया को नींद कैसी आएगी छत्तीसगढ़ का सम्भवतः सबसे बड़ा रेस्कयु, "ऑपरेशन राहुल"

 मुखिया को नींद कैसी आएगी

छत्तीसगढ़ का सम्भवतः सबसे बड़ा रेस्कयु, "ऑपरेशन राहुल"




जांजगीर-चाम्पा जिले के ग्राम पिहरीद (मालखरौदा) में बोरवेल में 60 घण्टे से भी अधिक समय से फसे राहुल साहू को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू हो चुका है.

 कलेक्टर श्री जितेंद्र कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल सहित सेना के अफसर,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पूरी टीम छत्तीसगढ़ की सम्भवतः सबसे बड़े रेस्क्यू की जा रही है। सभी प्रकार की तैयारियों और व्यवस्थाओं के साथ रेस्कयू दल 60 फीट नीचे गहराई में उतरने जा रहा है।  छत्तीसगढ़ के मुखिया यानी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को इस घटना ने स्तब्ध करके रख दिया है. उन्होंने प्रदेश के सभी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि कहीं भी खुला हुआ बोर न रखा जाए, तत्काल प्रशासन ने गांव-घर-खेत-बाड़ी को जाँच कर रहे हैं ताकि किसी प्रकार की कोई घटना न हो और लोगों से अपील भी किए हैँ कि खुला बोर न छोड़ा जाए तत्काल ढक्क्न लगाया जाए. राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश में जिला प्रशासन की टीम मुस्तैद होकर इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है.


राहुल साहू को बाहर निकालने में सेना के अफसर,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पूरी टीम जुटी हुई है. सभी प्रकार की तैयारियों और बोरवेल में फंसे राहुल को किसी भी हालत में सकुशल निकालने के लिए 

लगभग 60 से 64 घण्टे से पोकलेन,जेसीबी,ड्रिल मशीन से भारी मशक्कत के बाद बोरवेल के समीप गहराई किया गया है। नीचे सुरंग बनाकर राहुल तक पहुचने का प्रयास किया जा रहा है.

 प्रदेश के मासूम राहुल बोर में फंसे हों, तो मुखिया को नींद कैसी आएगी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार राहुल के परिजन, जिला प्रशासन के आला अधिकारियो से सतत सम्पर्क में है. पल-पल की घटनाओ की जानकारी ले रहे हैँ. जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को हर सम्भव मदद करने के निर्देश दे रहे हैँ. राहुल सकुशल अपने परिजन के पास लौट आए इसलिए मुख्यमंत्री बघेल भगवान से प्रार्थना भी कर रहे हैँ, देर रात तक राहुल के बारे लगातार जानकारी ले रहे है.

शुक्रवार, 10 जून 2022

ग्राम कनकी स्थित भाटिया सॉ मिल से औषधि काष्ठ अर्जुन बड़ी मात्रा में जप्त - रायपुर वन मंडल की कार्यवाही

  ग्राम कनकी स्थित भाटिया सॉ मिल से औषधि काष्ठ अर्जुन  बड़ी मात्रा में जप्त - रायपुर वन मंडल की कार्यवाही


रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) रायपुर वन मंडल अंतर्गत खरोरा परिवृत्त के ग्राम कनकी में भाटिया सॉ मिल में बड़ी संख्या में औषधि काष्ठ अर्जुनी एवं कहवा लकड़ी पकड़ी गई जिस पर वन अधिनियम के तहत उचित कार्यवाही कर मिल को सील कर दिया गया 


गौर तलब है कि विगत कुछ दिनों से मुखबिर से खबर मिल रही थी कि खरोरा परिवृत्त के ग्राम कनकी स्थित भाटिया सॉ मिल में अवैध रूप से औषधि गुण वाले अर्जुनी पेड़ के कटे हुए गोले आ रहे है जिसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारीयो को दी गई इसे सीसीएफ जनक राम नायक ने संज्ञान में लेकर तत्काल डीएफओ विश्वेश झा एवं उप वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी को दिशा निर्देश देकर कार्यवाही के आदेश दिए रायपुर वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा एवं एस.डीओ विश्वनाथ मुखर्जी के मार्गदर्शन में परिक्षेत्राधिकारी साधे राम बंजारे के नेतृत्व में डिप्टी रेंजर दीपक तिवारी एवं उनकी टीम द्वारा ताबड़तोड़ कार्यवाह कर बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित औषधियुक्त पेड़ अर्जुनी के लट्ठे एवं गोले काष्ठ भारी मात्रा मे बरामद किए गए जिसकी अनुमानित कीमत लाखों में बताई गई है अर्जुनी के अलावा कहवा एवं मिश्रित प्रजाति के गोले भी सॉ मिल से बरामद किए गए ग्राम कनकी स्थित भाटिया सॉ मिल के मालिक एवं संचालक चावला से इस सन्दर्भ में पूछताछ की गई 

तथा मिल में मौजूद अर्जुन,कहवा, काष्ठों के कागजात दिखाने कहा गया परन्तु उसके द्वारा किसी प्रकार की कोई वैधानिक प्रपत्र,दस्तावेज  प्रस्तुत नही किया जिसे विवेचना अधिकारी डिप्टी रेंजर दीपक तिवारी द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 16 के तहत कार्यवाही कर पंचनामा बनाया गया तथा मिल को सील बंध कर मोटर एवं मशीन व्हील को जब्त कर कार्यवाही की गई बताते चले कि इसके कुछ दिन पूर्व  भी औषधि युक्त अर्जुन काष्ठ से लदे हुए एक ट्रक को डिप्टी रेंजर दीपक तिवारी एवं उनकी टीम के द्वारा जप्त कर वन अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई थी  
इन सब कार्यवाही में  रायपुर परिक्षेत्राधिकारी साधे राम बंजारे के नेतृत्व में डिप्टी रेंजर दीपक तिवारी,इंद्र सिंह,यदुराम,दीपक वर्मा, सनत,राधे,राजू,एवं रामेश्वर साहू एवं टीम के द्वारा संपूर्ण कार्यवाही की गई  सॉ मिल में ताबड़तोड़ छापामार कार्यवाही से आसपास क्षेत्र के सॉ मिल में हड़कंप मच गया तथा मिल मालिक अपने सॉ मिल में ताला लगाकर गायब हो गए 

छग प्रदेश में नरवा विकास के नाम पर मोहरेंगा नेचर सफारी का कोई विकल्प।नही*

 *छग प्रदेश में नरवा विकास के नाम पर 

मोहरेंगा नेचर सफारी का कोई विकल्प नही*


रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय) छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार की चार चिन्हारी एवं महत्वाकांक्षी योजना नरवा,गरुवा,घुरूवा,बाड़ी,योजना के तहत उसके  सफल क्रियान्वयन हेतु सरकार पूर्णतः कटिबद्ध है विभागवार एवं ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीणों के साथ मिल कर  नित नए नए परियोजनाओं  के माध्यम से  उक्त योजना का सफल क्रियान्वयन कर स्थानीय निवासियों को रोजगार उपलब्धि के साथ आत्म स्वावलंबी बनाने का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है साथ ही ग्रामीणों श्रमिकों के अतिरिक्त आय का स्रोत भी बना हुआ है जिससे वे अब आत्मनिर्भरता की ओर अपने कदम बढ़ा रहे है विशेष कर प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक विभागों के मैदानी अमले के द्वारा वास्तविक धरा पर एक ईमानदारी पहल के साथ  योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कर आम ग्रामीण जनों के अतिरिक्त आय का साधन बनकर सामाजिक मुख्य धारा से जोड़ने का जन हितैषी कार्य भी छग सरकार कर रही है जिसका ही परिणाम है कि आज प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के महिला पुरुष आर्थिक सुदृढ़ता की ओर अपने कदम बढ़ा रहे है नरवा,गरुवा,घुरूवा बाड़ी के सफल क्रियान्वयन में वन विभाग भी ऐसे वन क्षेत्रों में नरवा परियोजना का सफल क्रियान्वयन कर रहा है जिसकी मात्र  कल्पना ही की जा सकती है इसी क्रम में रायपुर से चालीस किलोमीटर दूर खरोरा के समीप स्थित स्व.इंदिरा गांधी  नेचर सफारी अर्थात मोहरेंगा वन क्षेत्र के  साथ साथ बिलाड़ी वन क्षेत्र में भी इन दिनों नरवा परियोजना का सफल क्रियान्वयन द्रुत गति से किया जा रहा है जहां दोनों ही स्थानों  पर लगभग पचास लाख रुपये की लागत से महत्वांकाक्षी नरवा योजना के तहत कार्य संपादित किए जा रहे है  मोहरेंगा,बिलाड़ी के वृहद भूभाग में फैले क्षेत्र में नरवा विकास संरचना के कार्यों का सफल संपादन हो रहा है 

मोहरेंगा नेचर सफारी के वन क्षेत्र में ही नरवा प्रोजेक्ट के तहत गोबियन, छ नग गली प्लग,तीन नग, स्टोन बाइंडिंग,तीन नग,ब्रश वुड,एक सौ चौबीस स्थान सहित पेर एक सौ छप्पन और डबरी पांच नग शामिल है वही बिलाड़ी नरवा विकास कार्य के सागौन प्लांटेशन वाले वनक्षेत्र मे गोबियन 3 नग पेर 54 नग,स्टोन बाइंडिंग,10 नग,ब्रश वुड 89 नग,डबरी 05 नग,गली प्लग,71 नग,के साथ 30-40 मॉडल,449 नग कंटूर स्टोन बंड 1 नग जो प्रगति पर है शेष अन्य कार्य अपने अंतिम चरण में है जो वर्षा पूर्व पूर्ण कर लिए जाएंगे इस संदर्भ में रायपुर वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा से चर्चा की गई तब उन्होंने इसके सन्दर्भ में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नरवा योजना सरकार की ऐसी महत्वाकांक्षी  योजना है जिसका लाभ सभी को प्राप्त होगा पेड़ पौधों से लेकर मानव जीवन वन्य प्राणी भी इससे लाभान्वित होंगे क्योंकि जिस प्रकार वन विभाग का नाम  वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग किया गया है उसी नाम के अनुरूप जल संरक्षण हेतु कैम्पा मद से नरवा प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाया जा रहा है जिसके भविष्य में सारगर्भित परिणाम यह आएंगे कि जो वर्षा का जल  बह जाता था नरवा योजना के माध्यम से जगह जगह चेक डेम,खनकी,सहित स्टोन बाइंडिंग,ब्रश वुड,डबरी,गली प्लग इत्यादि के निर्माण से जल का संरक्षण किया जाएगा

जिससे वन क्षेत्रों में बराबर नमी बनी रहेगी तथा प्राणियों के प्यास भी बुझेगी डीएफओ विश्वेश झा आगे बताते है कि नरवा योजना से जल संरक्षण के साथ साथ धरती का वाटर लेबल में आंशिक वृद्धि होगी जिससे कृषि एवं पेयजल की समस्या भी दूर होगी तथा वन क्षेत्र में हरियाली भी बढ़ेगी रायपुर वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा साहब आगे बताते है कि नरवा योजना अधो संरचना के लिए  कार्य स्थल में केवल औपचारिकता ही नही निभाई गई है बल्कि इसके लिए वर्ष भर पूर्व से कार्य योजना बनाई गई है इसके लिए बाकायदा वर्ष भर पूर्व से विभाग द्वारा अधिकृत  आर.एन. एम.इंजीनियर द्वारा बड़ी बारीकी से स्व.इंदिरा गांधी नेचर सफारी मोहरेंगा एवं बिलाड़ी, क्षेत्र के समस्त भूभाग में सर्वे कार्य किया गया पश्चात  के.एम.एल.फाइल तैयार कर नक्शा निर्माण कर कार्य योजना बनाई गई तब उक्त  नरवा योजना का क्रियान्वयन वर्षा पूर्व प्रारंभ किया गया जिसका कार्य अब अपने अंतिम चरण में शनैः शनैः पहुंच चुका है समस्त कार्य विभाग के अधिकृत एन.आर.एम.इंजीनियर की देखरेख में नरवा कार्य को संपादित कराया गया है वही रायपुर वन मण्डल के सहायक वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी ने बताया कि  स्व.इंदिरा गांधी नेचर सफारी में नरवा योजना का निर्माण भविष्य को ध्यान में रख कर कराया जा रहा है क्योंकि भविष्य में वहां बायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण भी प्रस्तावित है जिसका कार्य भी प्रारंभ किया जा चुका है इसके लिए अन्य राज्यों के पर्यटन स्थल,पार्कों का अवलोकन कर उसके अनुरूप यहाँ आकर्षक गार्डन में फलदार,फूलदार,पौधों सहित पगोडे एवं मनोरंजन के उपकरण इत्यादि भी लगाए जाएंगे जिसको ध्यान में रखकर ही मोहरेंगा में भिन्न भिन्न स्थलों का चयन कर नरवा योजना के तहत कार्य निर्माण कुशल इंजीनियर रोमन सोनवानी के मार्गदर्शन में संपादित किए जा रहे है जो लगातार कार्य स्थल पर मुस्तैद रहकर गुणवत्ता एवं मजबूती को ध्यान में रखकर स्टॉप डेम की दीवार सहित ढलानी स्थल पर गेबियन एवं स्टोन बाइंडिंग,गली प्लग,ब्रश वुड, के माध्यम से प्रवाहित जल को संरक्षित किया जाएगा जिससे संपूर्ण क्षेत्र में बारहमासी नमी बनी रहेगी यह समस्त कार्य रायपुर सीसीएफ जनक राम नायक साहब के दिशा निर्देश एवं मंशानुरूप किया जा रहा है जिसके भावी परिणाम मोहरेंगा  वन क्षेत्रों की हरियाली सहित वन प्राणियों एवं मानव जीवन के लिए सुखद एवं हितकारी होंगे रायपुर वन मण्डल के उप वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी आगे बताते है कि नरवा योजना का क्रियान्वयन 200 हेक्टेयर भूमि के केवल एक हिस्से में ही संपादित किए जा रहे है इसके लिए आसपास ग्राम के ग्रामीणों को रोजगार ग्यारंटी के तहत रोजगार  उपलब्ध कराया गया है  जिसका सैकड़ों ग्रामीण श्रमिकों को लाभ प्राप्त  हुआ है इसमें मुख्यतः गेबियन,तालाब डबरी निर्माण ब्रश वुड,गली प्लग, निर्माण प्रमुख है श्री मुखर्जी ने आगे बताया कि संपूर्ण कार्य कैम्पा मद से प्राप्त  पचास लाख राशि में संपादित किया जा रहा है जिसकी मॉनिटरिंग सीसीएफ जनकराम नायक साहब वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा साहब वरिष्ठ कैम्पा अधिकारी  पी.वी. नरसिम्हाराव साहब, द्वारा समय समय पर किया गया तथा मोहरेंगा नेचर सफारी में  संपादित हो रहे नरवा निर्माण एवं उसकी गुणवत्ता, मजबूती जैसे कार्यों को लेकर प्रशंसा व्यक्त करते हुए   उत्साह वर्धन किए है प्रशंसा का सर्वाधिक अधिकार मोहरेंगा 

 नेचर सफारी के प्रभारी  दीपक तिवारी के द्वारा लगातार कुशल नेतृत्व, देखरेख में नरवा विकास कार्यों के सफल संपादन एवं हो रहे नरवा निर्माण के उत्कृष्ट कार्य को लेकर उनकी पीठ भी थपथपाई जा चुकी है तथा उनके कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की गई  है बताते चले कि मोहरेंगा नेचर सफारी के फॉरेस्टर प्रभारी (डिप्टी रेंजर मोहरेंगा) दीपक तिवारी को विभाग द्वारा निर्माण कार्यों सहित वानिकी एवं विकासपूर्ण विभागीय कार्यों का एक लंबा अनुभव है बहुमुखी प्रतिभा के धनी  मोहरेंगा नेचर सफारी के प्रभारी अधिकारी दीपक तिवारी ने  विभाग में रहते हुए अपने लंबी सेवा काल मे बहुत से स्थानों में रहते हुए कार्यों का लंबा अनुभव प्राप्त किया है तात्कालिक अधिकारियों के सान्निध्य में रहते हुए कार्यों की बारीकियों को सीखा और समझा है उसी अनुभव का लाभ अब खरोरा के समीप स्थित स्व.इंदिरा गांधी नेचर सफारी मोहरेंगा में  कार्यों के प्रति समर्पण भाव, कर्तव्य निष्ठा एवं पूर्ण ईमानदारी के साथ अधिकारी द्वय से लेकर अधीनस्थ वन कर्मियों,यहां तक कार्यो में संलिप्त श्रमिकों  के मध्य बेहतर तालमेल के साथ अनुभव को साझा कर रहे है

तथा निर्माण कार्य हो अथवा वानिकी कार्य हो उसकी गुणवत्ता मजबूती,टिकाऊपन में किसी प्रकार का समझौता नही करते यही वजह रही कि जब वरिष्ठ अधिकारियों का दौरा मोहरेंगा क्षेत्र में होता है तो वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यों को देखकर गदगद हो जाते है तथा गुणवत्ता परक कार्यों की प्रशंसा किए बगैर नही रहते ज्ञात हुआ है कि स्व.इंदिरा गांधी नेचर सफारी के वन क्षेत्र मे छग शासन की महत्वाकांक्षी  योजना नरवा संरचना विकास योजना के तहत नेचर सफारी में संपादित हो रहे कार्यों का भैतिक निरीक्षण के लिए जब वहां पी.वी. नरसिम्हा राव कैम्पा अधिकारी पहुंचे तो वहां पर सुनियोजित ढंग से कराए जा रहे कार्य उसकी ,गुणवत्ता,एवं टिकाऊपन को देखकर  प्रसन्नता व्यक्त करते हुए काफी संतुष्ट हुए  तथा वही छग वनोदय टीम वास्तविकता देखने स्व.इंदिरा गांधी मोहरेंगा नेचर सफारी पहुंच कार्यों का निरीक्षण किया तब एक बारगी विश्वास ही नही हुआ

कि जेठ की इस नौ तपा भीषण गर्मी के बीच नेचर सफारी मोहरेंगा के प्रभारी दीपक तिवारी अपने सिर और  कानों में गमछा लपेटे कराए जा रहे निर्माण कार्यों  स्थल में डटे हुए है तथा श्रमिको एवं कर्मियों को दिशा निर्देश देकर अपने कर्तव्यों को पूरा कर रहे है जब उनसे नव निर्मित नरवा योजना के तहत  सवाल पूछा गया तब उन्होंने निर्माण स्थल के एक एक स्थान ले जाकर संपादित कार्यों का विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की उन्होंने सर्व प्रथम गेबियन के सन्दर्भ में बताया कि निर्माण गेबियन के पीछे स्थल में एक बहुत बड़ा भूभाग गहरा और ढलानी है जिसका  वर्षा पश्चात सम्पूर्ण जल प्रवाहित हो जाता था इसे रोकने के लिए सीमेंटीकरण एवं सरिया के माध्यम से लगभग 6 से आठ फीट ऊंचा स्टॉप डेम बनाया जा रहा  है जिससे संपूर्ण जल एक ही स्थान में संचय होगा तथा भविष्य में संचित जल किसी बांध नुमा स्थल के रूप में दृष्टि गोचर होगा उसी स्थल में जब जल अधिक लबरेज होने की स्थिति में वहां का  जल प्रवाहित होने पर छ स्थानों पर सीढ़ी नुमा जालीदार चेक डेम निर्माण किया गया है

ढलानी क्षेत्र में होने पर हर कुछ स्थान में चेकडैम निर्माण से प्रवाहित जल  थम जाएगा तथा धरती उस जल को अवशोषित कर नमी निर्माण करेगी जिससे क्षेत्र का जल स्तर सुधरेगा ही साथ ही जमा हुआ जल वन्य प्राणियों के पीने में काम आएगा मोहरेंगा प्रभारी दीपक तिवारी आगे बताते है कि गेबियन की चौड़ाई लगभग 15 मीटर है तथा डेम में 4 एम एम के लोहे की जाली में 2 इंच बाई 2इंच का छिद्र है जो 5 मीटर 80 सेंटीमीटर अतरिक्त भूभाग में निर्मित किया गया है उंसके लिए पहले लोहे की जाली को भूमि  गहरी करण कर उसे बिछाया गया पश्चात उंसके ऊपर पत्थर के समान आकर वाले स्टोन को बिछाया गया उसके पश्चात पुनः लोहे की जाली से उसे बांध दिया गया जो स्टोन बाइंडिंग कहलाता है नव निर्मित स्टोन बाइंडिंग  वर्षों तक टिकाऊ एवं मजबूत रहेगी यह सब विभागीय इंजीनियर की देखरेख में निर्मित किया गया है मोहरेंगा प्रभारी दीपक तिवारी आगे बताते है कि यह डेम एवं गेबियन लगभग 10 से 25 मीटर ऊंचाई वाले भूभाग क्षेत्र में निर्माण  किया जा रहा है जिसका परिणाम भावी वर्षा ऋतु में देखने मिल जाएगा उन्होंने आगे बताया कि उसी प्रकार गली प्लग 3 नग जिसमे संचित होने वाले स्थान पर पत्थर एवं मिट्टी को जमा कर निर्मित किया जाता है जो गली नुमा स्थल जैसी आकृति निर्मित करता है इसके मध्य ही वर्षा  जल का ठहराव लंबे समय तक रहता है  जिससे जल व्यर्थ नही बह सकता इस प्रकार के तीन चयनित स्थलों में गली प्लग का निर्माण किया गया है स्टोन बाइंडिंग नाम के अनुरूप ही   लोहे के जालीदार तार में समान आकार वाले पत्थरों को बांधा जाता है  जिससे जल ओवर फ्लो होने की स्थिति में रुक रुक कर प्रवाहित होता है जिसकी संख्या 6 बताई है ब्रश वुड खनकी नुमा लगभग चार से पांच फीट गहराई वाले गड्ढे किए जाते है तथा लकड़ी से प्रत्येक पच्चीस से तीस मीटर की दूरी पर जाली निर्माण कर जल प्रवाह को रोका जाता है जिससे जल लंबे समय तक स्थिर अवस्था मे रहता है 

इससे आसपास के पेड़ पौधों की जड़ों को जल प्राप्ति सहजता से प्राप्त होता है ऐसा ब्रश वुड निर्माण लगभग 124 स्थानों में किया गया है श्री तिवारी ने आगे बताया कि बहुत ही अल्प काल में स्थानीय ग्रामीण श्रमिकों के माध्यम से 60 बाई 60 मीटर का एक तालाब निर्माण किया गया है जिसकी गहराई लगभग तीन मीटर के करीब है तालाब के निर्माण के पीछे की वजह पुछने पर मोहरेंगा  प्रभारी दीपक तिवारी बताते है कि नेचर सफारी में निवासरत समस्त वन्यप्राणी हिरण से लेकर जंगली वरह तथा प्रवासी अप्रवासी पक्षियों को सहजता से पेयजल उपलब्ध करवाना है तालाब संरचना से नेचर सफारी का नैसर्गिक वातावरण निर्मित होगा तो आसपास प्राकृतिक पेड़ पौधों को भी जल के रूप में आहार तथा सूखे पत्ते जल में सड़कर खाद रूपी हो जाएंगे जिसका लाभ आसपास के पेड़ पौधों को प्राप्त होगा नव निर्मित तालाब के मध्य में स्थित स्वस्थ पेड़ को छेड़ा भी नही गया यही नही वर्षा प्रवाहित जल जो ढलानी क्षेत्र से होते हुए नव निर्मित तालाब में दो स्थानों से प्रवेश कर जमा होंगे तथा भविष्य में यह तालाब लबालब भरा रहेगा तालाब के निर्माण से पर्यटन स्थल मोहरेंगा में एक अलग ही प्राकृतिक छटा निर्मित होगी वर्षा ऋतु में अन्य स्त्रोत  से व्यर्थ  प्रवाहित हो रहे जल को डबरी,इत्यादि निर्माण कर उसे संग्रह किया जाएगा जो बारह माह मोहरेंगा वन क्षेत्र में नमी बनाएगा  श्री तिवारी आगे बताते है कि छग शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना नरवा संरचना के निर्माण में वरिष्ठ अधिकारी द्वय सीसीएफ जनक राम नायक साहब वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा साहब, उप वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी साहब,परिक्षेत्राधिकारी साधे लाल बंजारे का समय समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा है नरवा परियोजना के नव निर्माण में उन्होंने मैदानी वन कर्मियों के विशेष योगदान मिलने की बात भी कही जिनमे मुख्यतःनंदकुमार साहू वन रक्षक मोहरेंगा, राधे श्याम वर्मा,दैवेभो,सौरभ वर्मा,दैवेभो,धर्मेंद्र साहू दैवेभो,प्रशांत यादव दैवेभो,ने संपूर्ण कार्यों में अपना सहयोग दिया रायपुर परिक्षेत्राधिकारी साधे लाल बंजारे से नरवा परियोजना के संदर्भ मे पूछने पर उन्होंने बताया कि नरवा योजना पर मोहरेंगा में कार्य हो रहे है तथा इसके अलावा बिलाड़ी में भी उक्त योजना का सफल क्रियान्वयन हो रहा है शीघ्र ही कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे इसके लिए मोहरेंगा नेचर सफारी के प्रभारी अधिकारी दीपक तिवारी पूरी तन्मयता से कार्यों को अंजाम दे रहे है तथा समय समय पर मॉनिटरिंग भी की जाती है उल्लेखनीय है कि प्रदेश के बहुत से  वन क्षेत्र स्थलों पर छग शासन की नरवा योजना का क्रियान्वयन देर सबेर से ही सही मगर बढ़ी मजबूती और गुणवत्ता परक निर्माण किया जा रहा है फिर भी ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश के भिन्न भिन्न वन मंडलों के अंतर्गत नरवा विकास संरचनाओं का निर्माण कार्य वहां के मैदानी अमला अपने अपने स्तर पर संपादित कर  
 रहे है  परन्तु जिस गुणवत्ता परक नरवा विकास निर्माण कार्य मोहरेंगा स्थित नेचर सफारी में  रायपुर वन मंडल के अंतर्गत कराए जा रहे है वह प्रशंसनीय ही नही बल्कि प्रेरणा दायक भी है क्योंकि भिन्न भिन्न वन मंडलों के अंतर्गत उच्च अधिकारी के दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन देकर मैदानी अमले के भरोसे ही  संपूर्ण कार्य निष्पादित किए जाते है परन्तु छग प्रदेश का यह पहला एकलौता रायपुर वन मंडल का मोहरेंगा नेचर सफारी क्षेत्र होगा जहां विभागीय इंजीनियर के समक्ष नरवा योजना का पूर्ण सर्वेक्षण पश्चात कार्ययोजना बनाई गई तथा वर्ष भर पश्चात उसे वास्तविक धरा पर सफल क्रियान्वयन हेतु उसी इंजीनियर के देखरेख में निर्माण सामग्रियों में बगैर समझौता किए  गुणवत्ता युक्त संरचना पूर्ण किया जा रहा है यही नही समय समय पर  कैम्पा अधिकारी  पी वी नरसिम्हा राव जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी मोहरेंगा स्थित संपादित हो रहे नरवा निर्माण स्थल पहुंच संपादित कार्यों की गुणवत्ता का  निरिक्षण कर जब संतुष्ट हो नव निर्मित नरवा से वन्य प्राणियों,प्राकृतिक,एवं मानव जीवन को मिलने वाले भावी लाभ की परिकल्पना मात्र से ही प्रसन्न हो रहे है

जो एक प्रकार से अपने कर्मों के प्रति  किसी आराधना से कम नही होता यही नही रायपुर वन मंडल अधिकारी विश्वेश झा साहब की अपनी कार्य करने की अलग शैली है वे सुनी सुनाई बातों में नही बल्कि वास्तविकता पर ज्यादा भरोसा करते है तथा समय समय पर निर्माण कार्य स्थल जाकर स्वयं निरीक्षण कर संतुष्ट होते है उसी प्रकार वानिकी,अथवा निर्माण कार्यों के मामले में उप वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी साहब को एक परिपक्व एवं अनुभवी अधिकारी के रूप में  विभाग में पहचान मिली है विभागीय कर्मी उन्हें कर्मयोगी डॉक्टर के रूप में भी बुलाते है क्योंकि जिस प्रकार डॉक्टर नब्ज देखकर रोग बता देता है वैसा ही उप वन मण्डलाधिकारी  विश्वनाथ मुखर्जी साहब के बारे में चर्चा की जाती है कि केवल बिल अथवा दस्तावेज एवं कार्यों के प्रारूप देखकर ही वे कार्यों का  मूल्यांकन कर लेते है  तथा स्व.इंदिरा गांधी नेचर सफारी मोहरेंगा के प्रभारी दीपक तिवारी भी कार्यों के प्रति समर्पित एवं प्राकृतिक के पुजारी है तथा ईश्वरीय संरचना वन के प्रति आस्थावान एवं श्रद्धा का भाव रखते है यही वजह है कि मोहरेंगा नेचर सफारी के भीतर वर्षो पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार भी उनके द्वारा    करवा दिया गया उनका कथन है कि मंदिर वन के रक्षक का है एवं वन्य प्राणी यहां के परिवार उनके खानपान,रहवास एवं समस्त सुरक्षा का दायित्व जब ईश्वर ने मुझे सौपा है तब उनके सारी सुविधाओ का निरन्तर ध्यान रखना मेरा कर्तव्य बनता है जिनका मुझे स्नेह भी मिलता है और साथ मे आशीर्वाद भी मिलता है  जब विभाग में ऐसे परिपक्व एवं अनुभवी अधिकारियों का सान्निध्य हो तब इस बीच गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्यों की बात करना ही बेमायनी हो जाती है इसलिए ही तो मोहरेंगा नेचर सफारी में संपादित हो रहे नरवा विकास कार्यों को लेकर केवल यही कहा जा सकता है कि '' छग प्रदेश में नरवा विकास के नाम पर मोहरेंगा नेचर सफारी का कोई विकल्प नही "

मंगलवार, 7 जून 2022

आरंग,मंदिर हसौद क्षेत्र पथ रोपण,ब्लॉक रोपण से हरियाली की सौगात*

 

आरंग,मंदिर हसौद क्षेत्र में पथ रोपण,ब्लॉक रोपण से हरियाली की सौगात*

रायपुर वन मंडल के अंतर्गत आरंग सर्किल तथा मंदिर हसौद के चंदखुरी में जब से प्रभु श्री राम के ननिहाल एवं माता कौशल्या के विशाल मंदिर निर्माण के साथ छत्तीसगढ़ राज्य के कांग्रेस सरकार के यशस्वी मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल,तथा वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा लगातार प्राचीन एवं आस्थावान मंदिरों  के सहेजने की कवायद की जा रही है तब से  विश्व के मानचित्र पर छग प्रदेश की एक अलग ही छबि निखरकर सामने आ रही है स्वभाविक है कि ऐसे धार्मिक स्थलों के प्रत्यक्ष दर्शन लाभ उठाने देश विदेश से श्रद्धालुओं का आगमन भविष्य में चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर  स्थल में होगा  तथा  उपरोक्त धार्मिक स्थल पुरातत्व विभाग के पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो सकते है इन्ही समस्त सँभवनाओं को मद्दे नज़र रखते हुए प्रदेश का वन विभाग भी बड़ी मुस्तैदी से आसपास क्षेत्रों में  हरियाली प्रसार करने बड़ी शिद्दत से अपनी ऊर्जा लगाए हुए है इसका साक्षात उदाहरण पूरे प्रदेश में राम वनगमन अर्थात जहां जहां से प्रभू श्रीराम जी का वनवास काल मे गमन हुआ था उक्त चयनित स्थलों में राम वन गमन पथ रोपण योजनांतर्गत क्षेत्र को हरियाली मय  किया गया है ताकि ऐसे चयनित स्थलों से जब भी कोई श्रद्धालु अथवा पथिक छग के इस पावन धरा में जहां जहां प्रभु श्री राम जी के पावन चरण पड़े या उन मार्ग स्थल से गुजरे उसके दर्शन लाभ कर उनमें भक्ति का भाव उभरे तथा उस काल का काल्पनिक मनोहारी दृश्य मनोभाव में उभरे उनकी कल्पना शील मन स्वतः से यह कह उठे कि जब भी प्रभु श्री राम यहां से गुजरे होंगे तब  उनके आसपास कुछ ऐसी ही हरियाली युक्त परिदृश्य होगा जैसे अब दृष्टिगोचर हो रहा है इसके लिए जगदलपुर से लेकर सरगुजा तक के क्षेत्र में पथ रोपण राम वन गमन के नाम से किया गया है जो भिन्न भिन्न वन मंडलो के अंतर्गत संपादित किए गए है वर्ष 2020-,21 में भी रायपुर वन मंडल अंतर्गत आरंग परिवृत्त सहित मंदिर हसौद  के बहुत से क्षेत्रों में प्रभु राम वन गमन पथ व आसपास क्षेत्रों में पथ रोपण कार्य संपादित किया गया था

जिसकी मॉनिटरिंग के लिए इसी वर्ष मई 2022 में वरिष्ठ अधिकारियों जिनमे आईएफएस अधिकारी रैना मैडम कार्य योजना अधिकारी सहित वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा साहब,सहायक वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी साहब,परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा साहब एवं सहायक परिक्षेत्राधिकारी  लोकनाथ ध्रुव आरंग सहित समस्त वन कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति में मैदानी क्षेत्रों का दौरा कर अवलोकन किया तथा उन्हें इस दिशा में व्यापक दिशा निर्देश देकर पथ रोपण के रख रखाव एवं मृत पौधों के स्थान पर नए पौधे लगाकर उसके बचाने कहा तो दूसरी ओर मंदिर हसौद के नगपुर स्थित सी.ए. आई.टी. परिसर में पांच अगस्त 2021 को वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत पौधे रोपे गए थे जो अब अपनी बढ़त बनाए हुए है इस क्रम में जब नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम  वन मंत्री,कांग्रेस के पदाधिकारियों विभागीय अधिकारियों,सचिवों एवं समस्त वीआईपी अधिकारियों तथा सामाजिक संगठनों  के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति में संपादित हुआ था वृक्षारोपण कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र को हरियाली युक्त बनाना था क्योंकि करीब में ही माता कौशल्या का प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर है साथ ही आसपास क्षेत्र में कल कारखाने भी है जिनका प्रदूषण क्षेत्र में काफी बढ़ा हुआ था इसे ध्यान में रखते हुए 1.7 किलोमीटर परिधि में मिश्रित 1740 नग फलदार,फूलदार,सायादार, पौधे रोपण किए गए साथ ही सी.ए. आई.टी.परिसर में तीन हेक्टेयर भूमि पर ब्लॉक रोपण किया गया जिनमे लगभग तीन हजार मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल वृक्षा रोपण किया गया



 जिनमे आम जाम, जामुन,कटहल,सागौन,पेल्टाफॉर्म,,सरई, सहित अनेक प्रजाति के पौधे शामिल है उक्त वीआईपी वन महोत्सव वृक्षारोपण कार्यक्रम में समस्त वरिष्ठ अधिकारियों सहित सचिव स्तर के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी मौजूद थे जिनके करकमलों द्वारा वन महोत्सव वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ था नवा रायपुर के परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि क्षेत्र में हरियाली प्रसार के उद्देश्य से  वन महोत्सव पर्यावरण वानिकी कोष (ब्लॉक) वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया जिसके रोपण से क्षेत्र के प्रदूषण मुक्त किया जा सके मंदिर हसौद के काष्ठागार प्रभारी  (फॉरेस्टर) श्री शिव कुमार चंद्राकर बताते कि ब्लॉक रोपण एवं पथ रोपण क्षेत्र में लगातार मॉनिटरिंग की जाती है उक्त क्षेत्र की रखवाली तथा लगातार निगरानी के लिए  बकायदा चौकीदार नियुक्त किए गए है जो बराबर रोपण क्षेत्र में रोपित पौधों की सुरक्षा एवं निगरानी करते है साथ ही गाय गरुवा,मवेशी चराई को रोकने मुस्तैद रहते है काष्ठागार प्रभारी  श्री शिव चंद्राकर आगे बताते है कि रोपण क्षेत्र वर्षाधारित सिंचाई पर निर्भर है तथा  अत्यधिक ग्रीष्म ऋतु पड़ने पर आवश्यकता अनुसार अधिकारियों के दिशा निर्देश पर टैंकर इत्यादि से सिंचाई व्यवस्था की जाती  है यही नही समय समय पर रोपण क्षेत्र में रोपित पौधों के उपचार भी किया जाता है जहां पौधों के आसपास गाला,थाला बना कर दवाई छिड़काव एवं समय समय पर ट्रेक्टर द्वारा पानी सिचाई भी की जा रही है यही नही आसपास उग आए खरपतवार की सफाई भी श्रमिकों के द्वारा की जाती है  जिससे नब्बे प्रतिशत पौधे सर्वाइव कर रहे है तथा लगभग एक वर्ष में इनकी ऊंचाई भी डेढ़ से दो फीट  बढ़ गई है शेष दस प्रतिशत पौधे ग्रोथ नही कर पाए है जिन्हें आगामी कैज्युवल्टी में सुधार किया जाएगा मंदिर हसौद क्षेत्र प्रभारी श्री शिव चंद्राकर आगे बताते है कि 1.7 किलोमीटर पथ रोपण क्षेत्र को बकायदा  कटीले तारों से लगभग पांच फीट ऊंचाई में फेंसिंग की गई है ताकि आसपास ग्राम के मवेशी,गाय गरुवा की चराई से सुरक्षित रखा जा सके है उसी प्रकार ब्लॉक रोपण क्षेत्र को भी कटीले तारों की फेंसिंग कर सुरक्षित किया गया था जिससे सभी रोपित पौधे सुरक्षित अवस्था मे है मंदिर हसौद काष्ठागार प्रभारी शिव चंद्राकर का कथन है कि यदि किसी भी रोपण क्षेत्र या प्लांटेशन में सुरक्षा के उपाय कर दिया जाए तो शत प्रतिशत पौधों के सहेजने और उनकी बढ़त के साथ भविष्य में बेहतर सघन हो चुके प्लांटेशन की परिकल्पना की संभवना से इंकार नही किया जा सकता जिसका एक साक्षात उदाहरण मंदिर हसौद क्षेत्र के नगपुरा स्थित प्लांटेशन को लिया जा सकता है प्रभारी शिव चंद्राकर आगे बताते है कि वीआईपी वन महोत्सव कार्यक्रम के लिए अलग से चार सौ नवासी अर्थात लगभग पांच सौ पौधों का पृथक रोपण वन महोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए वन मंत्री सहित उपस्थित अधिकारियों, सिख समाज सेवी संस्थान के आए आगन्तुकों के नाम पट्टिका के साथ  किया गया जो  आज छ से सात फीट ऊंचाई में बढ़त बनाए हुए है इस संदर्भ में नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि ग्रीष्म ऋतु ही में इनके सहेजने एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहती है जिसका पूरा प्रयास विभाग द्वारा किया जाता है कि उसकी हरियाली और ग्रोथ में कोई व्यवधान न पड़े इसके लिए  हर संभव प्रयास करते है जैसे ही प्राकृतिक वर्षा प्रारंभ होती वैसे ही रोपित पौधे दोगुनी बढ़त के साथ सर्वाइव करते है

आरंग परिवृत्त के डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव राम वन गमन के पथ रोपण के संदर्भ में बताते है कि चंपारण से लेकर खरोरा तक के चिन्हित मार्गों पर गत वर्ष पौधा रोपण किया गया था साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए बांस से निर्मित पिंजरे के घेरे से उसे घेरा गया था जिसकी वजह से काफी पौधे सुरक्षित है फिर भी कुछ शरारती तत्वों द्वारा कुछ बांस की लालसा में सुरक्षा  घेरे  को तोड़ दिया गया जिससे कुछ पौधों का नुकसान हुआ है जिसके लिए पुनः रोपण कर उस क्षेत्र में हरियाली लाई जाएगी डिप्टी लोकनाथ ध्रुव का कथन है जब तक पर्यावरण एवं पेड़ पौधों के प्रति आम जन अपनी जिम्मेदारी नही समझेगी तब तक पर्यावरण और हरियाली को नुकसान होता रहेगा हालांकि हमारे  विभाग द्वारा रोपित पौधों की सुरक्षात्मक दृष्टि कोण से चौकीदारों की नियुक्तियों होती है फिर भी असमाजिक तत्वों एवं खानाबदोश,घुमंतू परिवार भोजन तैयार करने  के उद्देश्य पूर्ति हेतु लकड़ी जलाने की लालसा में बांस के निर्मित सुरक्षा घेरे को क्षतिग्रस्त कर देते है जिसका खामियाजा विभाग द्वारा रोपण पौधों के गाय चराई के साथ पौधों के मृत अवस्था के रूप में सामने आता है फिर भी हमारे विभागीय मैदानी कर्मी समय समय पर उसके स्थान पर पुनः रोपण कर उसकी भरपाई करने कोई कोर कसर नही छोड़ते 

 मंदिर हसौद काष्ठागार प्रभारी शिव चंद्राकर  आगे बताते है कि यह उत्सव एक प्रकार से  वीआईपी वन महोत्सव ब्लॉक वृक्षारोपण कार्यक्रम के रूप में  समस्त वरिष्ठ अधिकारियों सहित सचिव स्तर के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी एवं सामाजिक संस्थाओं के सदस्य की उपस्थिति में संपन्न हुआ था नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि क्षेत्र में हरियाली प्रसार के उद्देश्य से  वन महोत्सव पर्यावरण वानिकी कोष (ब्लॉक) वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया जिसके रोपण से क्षेत्र के प्रदूषण मुक्त किया जा सके मंदिर हसौद के काष्ठागार प्रभारी  (फॉरेस्टर) श्री शिव कुमार चंद्राकर बताते कि ब्लॉक रोपण एवं पथ रोपण क्षेत्र में लगातार मॉनिटरिंग की जाती है उक्त क्षेत्र की रखवाली तथा लगातार निगरानी के लिए  बकायदा चौकीदार नियुक्त किए गए है जो बराबर रोपण क्षेत्र में रोपित पौधों की सुरक्षा एवं निगरानी करते है साथ ही गाय गरुवा,मवेशी चराई को रोकने मुस्तैद रहते है श्री शिव चंद्राकर आगे बताते है कि रोपण क्षेत्र वर्षाधारित सिंचाई पर निर्भर है तथा  अत्यधिक ग्रीष्म ऋतु पड़ने पर आवश्यकता अनुसार अधिकारियों के दिशा निर्देश पर टैंकर इत्यादि से सिंचाई व्यवस्था की जाती  है यही नही समय समय पर रोपण क्षेत्र में रोपित पौधों के उपचार भी किया जाता है 



जहां पौधों के आसपास गाला,थाला बना कर दवाई छिड़काव एवं समय समय पर ट्रेक्टर द्वारा पानी सिचाई भी की जा रही है यही नही आसपास उग आए खरपतवार की सफाई भी श्रमिकों के द्वारा की जाती है  जिससे नब्बे प्रतिशत पौधे सर्वाइव कर रहे है तथा लगभग एक वर्ष में इनकी ऊंचाई भी डेढ़ से दो फीट  बढ़ गई है शेष दस प्रतिशत पौधे ग्रोथ नही कर पाए है जिन्हें आगामी कैज्युवल्टी में सुधार किया जाएगा मंदिर हसौद क्षेत्र प्रभारी श्री शिव चंद्राकर आगे बताते है कि 1.7 किलोमीटर पथ रोपण क्षेत्र को बकायदा  कटीले तारों से लगभग पांच फीट ऊंचाई में फेंसिंग की गई है ताकि आसपास ग्राम के मवेशी,गाय गरुवा की चराई से सुरक्षित रखा जा सके उसी प्रकार ब्लॉक रोपण क्षेत्र को भी कटीले तारों की फेंसिंग कर सुरक्षित किया गया था जिससे सभी रोपित पौधे सुरक्षित अवस्था मे है मंदिर हसौद काष्ठागार प्रभारी शिव चंद्राकर का कथन है कि यदि किसी भी रोपण क्षेत्र में सुरक्षा के उपाय कर दिया जाए तो शत प्रतिशत पौधों के सहेजने और उनकी बढ़त के साथ भविष्य में बेहतर सघन हो चुके प्लांटेशन की परिकल्पना की संभवना से इंकार नही किया जा सकता जिसका एक साक्षात उदाहरण मंदिर हसौद क्षेत्र के नगपुरा स्थित प्लांटेशन को लिया जा सकता है प्रभारी शिव चंद्राकर आगे बताते है कि वीआईपी वन महोत्सव कार्यक्रम के लिए अलग से चार सौ नवासी अर्थात लगभग पांच सौ पौधों का पृथक रोपण वन महोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए वन मंत्री सहित उपस्थित अधिकारियों, सिख समाज सेवी संस्थान के आए आगन्तुकों के नाम पट्टिका के साथ  किया गया जो  आज छ से सात फीट ऊंचाई में बढ़त बनाए हुए है इस संदर्भ में नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि ग्रीष्म ऋतु ही में इनके सहेजने एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहती है जिसका पूरा प्रयास विभाग द्वारा किया जाता है कि उसकी हरियाली और ग्रोथ में कोई व्यवधान न पड़े इसके लिए  हर संभव प्रयास करते है जैसे ही प्राकृतिक वर्षा प्रारंभ होती वैसे ही रोपित पौधे दोगुनी बढ़त के साथ सर्वाइव करते है एक प्रकार से सामाजिक उत्तरदायित्व निर्वहन के तहत आसपास संचालित औद्योगिक घरानों से भी इनकी सुरक्षा,रख रखाव,एवं व्यवस्था के लिए सहयोग लिया जाता है जो तीन से पांच  वर्षों के विभागीय अनुबंध के आधार पर होता है 



इस दरमियान रोपित पौधों के रखरखाव,उपचार,सुरक्षा,व्यवस्था जैसी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विभाग की होती है अंततः अनुबंध वर्षों के पश्चात इसे संबंधित औद्योगिक संचालन के  हैड ओवर किया जाता है तब तक रोपित पौधे पूर्णतः अपनी ऊंचाई पहुंच चुके होते है तथा उन्हें केवल अवैध कटाई से रोकना और बचाना मुख्य उद्देश्य रह जाता है परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा बताते है कि  बहुत से पड़त भाटा भूमि क्षेत्र चटियल  हो चुके है जिनमे प्लांटेशन एवं पौधरोपण की  विशेष आवश्यकता है इसके लिए विभाग नए कार्ययोजना बना कर हरियाली प्रसार करने का पूरा प्रयास कर रहा है आने वाले समय मे क्षेत्र के बहुत से पड़त भाटा भूमि पर पौधरोपण कर प्लांटेशन  किया जाना है जिससे आसपास क्षेत्र की आबो हवा में बहुत ही स्वच्छता महसूस की जाएगी साथ ही स्वस्थ्य की दृष्टि से भी हरे भरे प्लांटेशन  रामबाण साबित होगी जिसके लिए प्रयास जारी है

शुक्रवार, 3 जून 2022

कैम्पा मद से आरंग,अभनपुर, काष्ठागर, में आवासीय निर्माण से बदली तस्वीर

 कैम्पा मद से आरंग,अभनपुर, काष्ठागर, में आवासीय निर्माण से बदली तस्वीर

रायपुर (छग वनोदय) छग शासन के वन मंत्री मोहम्मद अकबर के दिशा निर्देश अनुरूप वर्ष 2018-19एवं 2020-21 के लिए कैम्पा मद से दो हजार दो सौ उनतीस करोड़ के 27 हजार 69 कार्यों की स्वीकृति दी गई थी जिसके अंतर्गत उन्होंने समस्त  निर्माण जिनमे विभागीय आवासीय भवनों,कार्यालयों के तत्परता के साथ कार्यों के पूर्ण करने गत वर्ष एक समीक्षा बैठक में  दिशा निर्देश दिए थे जिसमे उन्होंने यह भी कहा था कि संबन्धित वन मण्डलाधिकारी निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग एवं समीक्षा कर ऐसे निर्माण कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण कराएं जिसका परिणाम ही कहा जा सकता है कि प्रदेश के बहुत से वन मंडल स्थलों में जर्जर कार्यालयों एवं आवासीय परिसरों का जीर्णोध्दार,एवं उन्नयन निर्माण कार्य को गुणवत्ता पूर्ण तरीके से संपादित किया गया जिनमे रायपुर वन मंडल अंतर्गत आरंग परिवृत्त एवं अभनपुर परिवृत्त के काष्ठागर भी शामिल है जहां के कार्यालय एवं आवासीय परिसर का आधुनिक रूपरेखा के साथ आवासीय भवन के उन्नयन  निर्माण कर दोनों क्षेत्रों की कायाकल्प कर दी गई है अब लोगों को अपनी आंखों पर यकीन नही होता है कि यह वही जर्जर स्थिति में परिलक्षित होने वाले काष्ठागर कार्यालय  परिसर है जिसकी तरफ देखना भी कोई पसंद नही करता था 

निर्माण कार्यों की महती जिम्मेदारी उठाने और कार्यों के प्रति समर्पित,ऊर्जावान,गुणवत्ता में किसी प्रकार का कोई समझौता न करने वाले कर्तव्यनिष्ठ, रायपुर  परिक्षेत्राधिकारी श्री सतीश मिश्रा का कथन है कि भले ही कोरोना काल के विकट परिस्थिति काल मे निर्माण कार्य संपादन का अवसर मिला परन्तु हमारे द्वारा उसके निर्माण,मजबूती और गुणवत्ता से किसी प्रकार का कोई समझौता नही किया इस संदर्भ में रायपुर डीएफओ विश्वेश कुमार झा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना काल मे बढ़ते संक्रमण दर की भांति निर्माण सामग्रियों का महंगाई दर भी बढ़ गया जिससे निर्माण में काफी दिक्कत आयी ठेकेदारों को जारी पूर्व निविदा दर से अधिक दर पर सामग्री सप्लाई करने विवश होना पड़ा  उनके द्वारा लगातार रेत सरिया सीमेंट एवं अन्य निर्माण सामग्री दोगुने दर से निर्माण सामग्री क्रय किए गए जिससे विभाग के साथ साथ उन्हें भी नुकसान उठाना पड़ा अब निर्माण सामग्री सप्लायर ठेकेदारों द्वार  अपेक्षाकृत अधिक बजट बढ़ जाने से आगे अन्य कार्यो के निर्माण हेतु विभागीय द्वारा निर्धारित पूर्व दर से नही बल्कि नवीन दरों पर कार्य कराए जाने की मांग पर अड़े है फिर भी विपरीत परिस्थिति  वश  पूर्व शासकीय दर पर ली गई निविदा एवं निर्माण सामग्री सप्लाय कर नव निर्मित आवासीय भवन  पूर्ण करना एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई थी रायपुर डीएफओ विश्ववेश झा साहेब इस संदर्भ में आगे कहते है कि फिर भी  अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मियों ने उक्त चुनौतियों का बड़ी सहजता से सामना किया


तथा वरिष्ठ अधिकारी सीसीएफ जे आर नायक साहब के दिशा निर्देश का पालन अक्षरशः करते हुए निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लिया गया जो अपने आप मे एक मिसाल है इसका श्रेय उन्होंने परिक्षेत्राधिकारी एवं मैदानी अमले को दिया वही रायपुर सहायक उप वन मण्डलाधिकारी श्री विश्वनाथ मुखर्जी साहब  इस संदर्भ में कहते है कि कोरोना काल के पश्चात संपूर्ण निर्माण कार्यों का बजट गड़बड़ा गया था क्योंकि वर्षों से शासन द्वारा पूर्व निर्धारित दर की राशि के ही दर पर भवन निर्माण सामग्री सप्लाय का टेंडर जारी किया गया था लेकिन तय दर से अधिक लोहे के सरिया से लेकर सीमेंट और रेत,गिट्टी  के आसमान छूते भाव ने निर्धारित जारी बजट के विपरीत लाखों रुपये की बढ़ोतरी हुई जिसे हमारे अधिकारियों एवं वन कर्मियों द्वारा अन्य कार्यों के बजट से मैनेज किया गया इसके लिए पुनः नया प्रस्ताव बना कर अतिरिक्त शेष राशि की मांग कर लंबित राशि वितरित कर अन्य कार्यों को पूर्ण किया जाएगा रायपुर एसडीओ श्री विश्वनाथ मुखर्जी साहब ने आगे बताया कि गड़बड़ाए बजट की वजह से हो चुके क्षतिपूर्ति राशि के लिए बहुत से ठेकेदार प्रदेश के वन मंत्री सहित मुख्यमंत्री से इसके निराकरण एवं बढ़ी हुई नवीन शासकीय दर हेतु  सामग्री सप्लायर ठेकेदार प्रतिनिधि मंडल मिल चुका है अब इसके आगे क्या परिणाम निकलते है देखना होगा उसके ही आधार पर कार्य किए जाएंगे उन्होंने आरंग,अभनपुर काष्ठागार के नव निर्मित आवासीय भवनों के लोकार्पण हेतु  लिखित में पत्र शासन को दी है समय मिलते ही दोनों क्षेत्र आरंग,अभनपुर, परिवृत्त के भवनों का लोकार्पण मुख्यमंत्री या वन मंत्री के करकमलों के द्वारा किए जाने की बात कही है नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा बताते है कि अभनपुर परिवृत्त में वन पाल आवास का निर्माण लगभग 790 स्क्वायर फीट भूभाग में आधुनिक सुसज्जित भवन निर्माण किया गया जिसकी निर्माण लागत ही 8.05 लाख रुपये आई है जिसमे दो कमरे हॉल, किचन लेटबॉथ अटैच किया गया है
 कमरों में स्वच्छ हवा हेतु झरोखे निर्माण किए गए है खिड़कियों को मजबूत लोहे की जाली निर्माण किया गया तथा बीजा और सरई काष्ठ से उसके खिड़की के पल्ले, दरवाजे  बनवाए गए है सभी कमरों में विद्युत की माकूल व्यवस्था की गई है फर्श अथवा सीमेंट फ्लोरिंग की बजाए बेहतरीन आकर्षक टाइल्स लगाए गए है जो भावी निवासरत वन कर्मियों को अपनी ओर आकर्षित करते है रूम और हॉल में पंखे इत्यादि लगाए गए है लेटबाथ में  टाइल्स एवं पानी की पूर्ण व्यवस्था की गई है बाहरी हिस्से में वाश बेसिन लगे है नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है अभनपुर काष्ठागर में सहायक वनपाल एवं  वन रक्षक के 490 वर्ग फीट 5लाख 47 हजार रुपये लागत से आवासीय परिसर का निर्माण किया गया है जिसके निर्माण में भी किसी प्रकार का समझौता नही किया गया है क्योंकि काष्ठागार परिसर में नव निर्मित दोनोँ मकान में वे समस्त बुनियादी  सुविधाएं के तहत ढांचा तैयार किया गया है वनरक्षक  भवन में भी वही टाइल्स,,सरई बीजा के दरवाजों खिड़की निर्माण किए गए है जो सहायक वन पाल के मकान में लगाया गया है दो रूम, हॉल, लेटबाथ किचन,वाश बेसिन,पेयजल सुविधा सहित डिस्टेम्पर रंगाई के साथ इसे आधुनिक दृष्टिकोण से निर्माण किया गया नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि आरंग में भी इसी प्रकार के क्रमशः 790 वर्गफीट,एवं 490 वर्गफीट में सहायक वन पाल एवं वन रक्षक के रहवास हेतु भवन निर्माण किया गया जैसा कि पूर्व में ही उल्लेख किया जा चुका है 
कि दोनों ही क्षेत्रों में नव निर्मित आवासीय परिसर की बजट लगभग 8.05 लाख एवं 05 लाख 47 हजार रुपये लागत बताई गई है परन्तु बढ़ते दामों से निर्माण सामग्री सप्लायर ठेकेदार और परिक्षेत्र अधिकारियों के बीच बढ़ी हुई लागत को लेकर ठनी हुई है  जिसका समाधान उच्च अधिकारियों के हाथ मे है क्योंकि ठेकेदार बढ़ी हुई दरों पर भुगतान को लेकर अड़े हए है तो वही अधिकारी पूर्व निर्धारित दर पर ही भुगतान की बात कह रहे है फिलहाल मामला लंबित है फिर भी किसी प्रकार तो भवन निर्माण करवा लिया गया है इस संदर्भ में आरंग के सहायक परिक्षेत्राधिकारी श्री लोकनाथ ध्रुव जो एक कर्तव्यनिष्ठ एवं जुझारु प्रवृति के अधिकारी है उन  का कथन है कि आरंग काष्ठागार जो असमतलीय भूभाग में था यहां का कार्यालय एक झोपड़ी नुमा स्थान में वर्षों से संचालित होता था जहां पर ठीक से बैठना भी दुरूह था ऊपर से सर्दी,गर्मी,वर्षा जैसी मौसमी मार अलग झेलनी पड़ती थी इसके लिए अनेकों बार कार्य योजना बना कर दिया गया परन्तु हमेशा परिणाम सिफर रहा फिर भी हार न मानते हुए गत वित्त वर्ष 2020-21 में इसके निर्माण उन्नयन हेतु कार्य योजना भेजी गई परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा साहब ने हमारी व्यथा को बड़ी संवेदनशीलता से महसूस किया तथा वरिष्ठ अधिकारियों को उक्त होने वाली असुविधा एवं परेशानी से अवगत  कराते हुए कैम्पा मद से आवासीय भवनों के निर्माण की अनुमति लेकर आदेश जारी किया
 जिसके त्वरित अमल में लाते हुए आवासीय भवनों के निर्माण,उन्नयन एवं विस्तार कार्य प्रारंभ कर दिया गया परन्तु कुछ ही समय पश्चात लगातार सीमेंट रेत,सरिया के दामों में अप्रत्याशित रूप से उछाल मारी जिससे निर्माण सामग्री सप्लायरों ने बढ़ी दर पर निर्माण सामग्री सप्लाय की बात पर अड़ गए फिर भी विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे द्वारा अन्य बजट की राशि को इसमें समाहित कर किसी तरह आवासीय भवनों के निर्माण को पूर्ण करवाया सहायक परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव ने आगे बताया कि आरंग काष्ठागार जो असमतलीय भूभाग में था उसमें कई ट्रेक्टर मलबा लाकर पूरे परिसर को समतलीय करण करवाया गया इसके लिए ट्रेक्टर भाड़ा सहित मलबा लाने वाले श्रमिक ,मलबा जैसी अन्य राशि का भुगतान अपनी जेब से करना पड़ा है जिसका भुगतान भी अब तक लंबित है सहायक परिक्षेत्राधिकारी श्री लोकनाथ ध्रुव आगे बताते है कि आवासीय परिसर को पूरी गुणवत्ता एवं आकर्षक स्वरुप में नव निर्माण किया गया वही भवनों के भीतर के पिछले हिस्से में कुछ स्थल में बर्तन सफाई सहित अन्य कार्य हेतु पृथक निर्माण किया गया है वही वन रक्षक आवास में सामने के हिस्से को लोहे की जाली इत्यादि लगाकर उसे बैठक अथवा किसी मेहमान के आने पर उसके सोने के कार्य आने की बात उन्होंने कही है यह सब अतिरिक्त कार्य किए गए है
श्री ध्रुव ने आगे बताया कि वर्षा पश्चात जब परिसर में डाले गए मलबे की मिट्टी बैठेगी तब  सामने के कुछ हिस्से में फ्लोरिंग कराने की योजना है जबकि अभनपुर काष्ठागार में परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा ने आवासीय भवन के सामने अतिरिक्त लंबे भूभाग को ऊंचा करवाकर बरामदा निर्माण करवा दिया जिससे काष्ठागार की अलग तस्वीर ही परिलक्षित हो रही है अभनपुर काष्ठागार के आवासीय निर्माण में वन कर्मियों की विशेष योगदान बताया जिनमे मुख्यतः गिरीश रजक वनपाल, सत्य प्रकाश कुर्रे,वन रक्षक, खम्हन लाल रात्रे ने  योगदान देकर कार्यों को सफल किया

आरंग काष्ठागार में परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा के कुशल नेतृत्व एवं मार्ग दर्शन में सहायक परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव,चंदूलाल कसेर, वन रक्षक,रमाकांत बंजारे वन रक्षक,दिलीप परमार,वन रक्षक, तथा नीलकंठ दिवान वन रक्षक के विशेष योगदान से  आरंग काष्ठागार में वन कर्मियों के आवासीय भवन का निर्माण समयावधि में पूर्ण किया गया इस  निर्माण अवसर पर  वन मण्डलाधिकारी श्री विश्वेश झा साहब एवं सहायक उप वन मंडला धिकारी विश्वनाथ मुखर्जी साहब समय समय पर मॉनिटरिंग भी करते रहे अभी हाल ही में अभनपुर स्थित काष्ठागार में नव निर्मित आवासीय परिसर का निरिक्षण सीसीएफ जे.आर.नायक,वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा,सहायक वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी ,परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा , सहायक परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव सहित समस्त मैदानी वन कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति में किया तथा  आधुनिक स्तर पर निर्मित आवासीय परिसर की गुणवत्ता एवं मजबूती देखकर अधिकारी द्वय ने नव निर्मित भवनों की मुक्त कंठ से प्रशंसा व्यक्त की

 इस मौके पर सीसीएफ नायक साहब,वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा साहब को बढ़ी हुई दर एवं अतिरिक्त राशि लगने की जानकारी परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा द्वारा दी गई जिसे सुनकर उसके शीध्र निराकरण की बात अधिकारियों के द्वारा कही गई तथा विभागीय आवश्यक दिशा निर्देश देकर उन्होंने स्वयं यह महसूस किया कि जो आरंग,अभनपुर काष्ठागार में स्थित कार्यालय किसी समय एक खंडहर जैसे बदहाली झोपड़ीनुमा स्थान के रूप में संचालित हो रहा था वहां मैदानी अमले ने पूर्ण ईमानदारी,कर्तव्यनिष्ठा, एवं तन्मयता से उपरोक्त क्षेत्र में  आवासीय भवन निर्माण कर दोनों क्षेत्रों की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदल कर रख दी इसके लिए केवल इतना कहा जा सकता है नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी श्री सतीश मिश्रा सहित सहायक परिक्षेत्राधिकारी श्री लोकनाथ ध्रुव एवं उनकी समस्त टीम ने वर्षों से लंबित एवं खंडहर रूपी स्थल की कायाकल्प कर एक आधुनिक आवासीय एवं कार्यालय के रूप में परिवर्तित कर दिया जिसके लिए  भावी पीढ़ी वर्षो वर्ष तक उन्हें स्मरण करती रहेगी जो इन अधिकारियों के लिए सेवाकाल का सर्वोत्तम उपहार है तथा उनके बेहतर कार्यों के लिस्ट में एक मील का पत्थर भी साबित हुआ है जिसके लिए समस्त वन कर्मी बधाई के पात्र है