मंगलवार, 7 जून 2022

आरंग,मंदिर हसौद क्षेत्र पथ रोपण,ब्लॉक रोपण से हरियाली की सौगात*

 

आरंग,मंदिर हसौद क्षेत्र में पथ रोपण,ब्लॉक रोपण से हरियाली की सौगात*

रायपुर वन मंडल के अंतर्गत आरंग सर्किल तथा मंदिर हसौद के चंदखुरी में जब से प्रभु श्री राम के ननिहाल एवं माता कौशल्या के विशाल मंदिर निर्माण के साथ छत्तीसगढ़ राज्य के कांग्रेस सरकार के यशस्वी मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल,तथा वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा लगातार प्राचीन एवं आस्थावान मंदिरों  के सहेजने की कवायद की जा रही है तब से  विश्व के मानचित्र पर छग प्रदेश की एक अलग ही छबि निखरकर सामने आ रही है स्वभाविक है कि ऐसे धार्मिक स्थलों के प्रत्यक्ष दर्शन लाभ उठाने देश विदेश से श्रद्धालुओं का आगमन भविष्य में चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर  स्थल में होगा  तथा  उपरोक्त धार्मिक स्थल पुरातत्व विभाग के पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो सकते है इन्ही समस्त सँभवनाओं को मद्दे नज़र रखते हुए प्रदेश का वन विभाग भी बड़ी मुस्तैदी से आसपास क्षेत्रों में  हरियाली प्रसार करने बड़ी शिद्दत से अपनी ऊर्जा लगाए हुए है इसका साक्षात उदाहरण पूरे प्रदेश में राम वनगमन अर्थात जहां जहां से प्रभू श्रीराम जी का वनवास काल मे गमन हुआ था उक्त चयनित स्थलों में राम वन गमन पथ रोपण योजनांतर्गत क्षेत्र को हरियाली मय  किया गया है ताकि ऐसे चयनित स्थलों से जब भी कोई श्रद्धालु अथवा पथिक छग के इस पावन धरा में जहां जहां प्रभु श्री राम जी के पावन चरण पड़े या उन मार्ग स्थल से गुजरे उसके दर्शन लाभ कर उनमें भक्ति का भाव उभरे तथा उस काल का काल्पनिक मनोहारी दृश्य मनोभाव में उभरे उनकी कल्पना शील मन स्वतः से यह कह उठे कि जब भी प्रभु श्री राम यहां से गुजरे होंगे तब  उनके आसपास कुछ ऐसी ही हरियाली युक्त परिदृश्य होगा जैसे अब दृष्टिगोचर हो रहा है इसके लिए जगदलपुर से लेकर सरगुजा तक के क्षेत्र में पथ रोपण राम वन गमन के नाम से किया गया है जो भिन्न भिन्न वन मंडलो के अंतर्गत संपादित किए गए है वर्ष 2020-,21 में भी रायपुर वन मंडल अंतर्गत आरंग परिवृत्त सहित मंदिर हसौद  के बहुत से क्षेत्रों में प्रभु राम वन गमन पथ व आसपास क्षेत्रों में पथ रोपण कार्य संपादित किया गया था

जिसकी मॉनिटरिंग के लिए इसी वर्ष मई 2022 में वरिष्ठ अधिकारियों जिनमे आईएफएस अधिकारी रैना मैडम कार्य योजना अधिकारी सहित वन मण्डलाधिकारी विश्वेश झा साहब,सहायक वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी साहब,परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा साहब एवं सहायक परिक्षेत्राधिकारी  लोकनाथ ध्रुव आरंग सहित समस्त वन कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति में मैदानी क्षेत्रों का दौरा कर अवलोकन किया तथा उन्हें इस दिशा में व्यापक दिशा निर्देश देकर पथ रोपण के रख रखाव एवं मृत पौधों के स्थान पर नए पौधे लगाकर उसके बचाने कहा तो दूसरी ओर मंदिर हसौद के नगपुर स्थित सी.ए. आई.टी. परिसर में पांच अगस्त 2021 को वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत पौधे रोपे गए थे जो अब अपनी बढ़त बनाए हुए है इस क्रम में जब नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम  वन मंत्री,कांग्रेस के पदाधिकारियों विभागीय अधिकारियों,सचिवों एवं समस्त वीआईपी अधिकारियों तथा सामाजिक संगठनों  के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति में संपादित हुआ था वृक्षारोपण कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र को हरियाली युक्त बनाना था क्योंकि करीब में ही माता कौशल्या का प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर है साथ ही आसपास क्षेत्र में कल कारखाने भी है जिनका प्रदूषण क्षेत्र में काफी बढ़ा हुआ था इसे ध्यान में रखते हुए 1.7 किलोमीटर परिधि में मिश्रित 1740 नग फलदार,फूलदार,सायादार, पौधे रोपण किए गए साथ ही सी.ए. आई.टी.परिसर में तीन हेक्टेयर भूमि पर ब्लॉक रोपण किया गया जिनमे लगभग तीन हजार मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल वृक्षा रोपण किया गया



 जिनमे आम जाम, जामुन,कटहल,सागौन,पेल्टाफॉर्म,,सरई, सहित अनेक प्रजाति के पौधे शामिल है उक्त वीआईपी वन महोत्सव वृक्षारोपण कार्यक्रम में समस्त वरिष्ठ अधिकारियों सहित सचिव स्तर के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी मौजूद थे जिनके करकमलों द्वारा वन महोत्सव वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ था नवा रायपुर के परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि क्षेत्र में हरियाली प्रसार के उद्देश्य से  वन महोत्सव पर्यावरण वानिकी कोष (ब्लॉक) वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया जिसके रोपण से क्षेत्र के प्रदूषण मुक्त किया जा सके मंदिर हसौद के काष्ठागार प्रभारी  (फॉरेस्टर) श्री शिव कुमार चंद्राकर बताते कि ब्लॉक रोपण एवं पथ रोपण क्षेत्र में लगातार मॉनिटरिंग की जाती है उक्त क्षेत्र की रखवाली तथा लगातार निगरानी के लिए  बकायदा चौकीदार नियुक्त किए गए है जो बराबर रोपण क्षेत्र में रोपित पौधों की सुरक्षा एवं निगरानी करते है साथ ही गाय गरुवा,मवेशी चराई को रोकने मुस्तैद रहते है काष्ठागार प्रभारी  श्री शिव चंद्राकर आगे बताते है कि रोपण क्षेत्र वर्षाधारित सिंचाई पर निर्भर है तथा  अत्यधिक ग्रीष्म ऋतु पड़ने पर आवश्यकता अनुसार अधिकारियों के दिशा निर्देश पर टैंकर इत्यादि से सिंचाई व्यवस्था की जाती  है यही नही समय समय पर रोपण क्षेत्र में रोपित पौधों के उपचार भी किया जाता है जहां पौधों के आसपास गाला,थाला बना कर दवाई छिड़काव एवं समय समय पर ट्रेक्टर द्वारा पानी सिचाई भी की जा रही है यही नही आसपास उग आए खरपतवार की सफाई भी श्रमिकों के द्वारा की जाती है  जिससे नब्बे प्रतिशत पौधे सर्वाइव कर रहे है तथा लगभग एक वर्ष में इनकी ऊंचाई भी डेढ़ से दो फीट  बढ़ गई है शेष दस प्रतिशत पौधे ग्रोथ नही कर पाए है जिन्हें आगामी कैज्युवल्टी में सुधार किया जाएगा मंदिर हसौद क्षेत्र प्रभारी श्री शिव चंद्राकर आगे बताते है कि 1.7 किलोमीटर पथ रोपण क्षेत्र को बकायदा  कटीले तारों से लगभग पांच फीट ऊंचाई में फेंसिंग की गई है ताकि आसपास ग्राम के मवेशी,गाय गरुवा की चराई से सुरक्षित रखा जा सके है उसी प्रकार ब्लॉक रोपण क्षेत्र को भी कटीले तारों की फेंसिंग कर सुरक्षित किया गया था जिससे सभी रोपित पौधे सुरक्षित अवस्था मे है मंदिर हसौद काष्ठागार प्रभारी शिव चंद्राकर का कथन है कि यदि किसी भी रोपण क्षेत्र या प्लांटेशन में सुरक्षा के उपाय कर दिया जाए तो शत प्रतिशत पौधों के सहेजने और उनकी बढ़त के साथ भविष्य में बेहतर सघन हो चुके प्लांटेशन की परिकल्पना की संभवना से इंकार नही किया जा सकता जिसका एक साक्षात उदाहरण मंदिर हसौद क्षेत्र के नगपुरा स्थित प्लांटेशन को लिया जा सकता है प्रभारी शिव चंद्राकर आगे बताते है कि वीआईपी वन महोत्सव कार्यक्रम के लिए अलग से चार सौ नवासी अर्थात लगभग पांच सौ पौधों का पृथक रोपण वन महोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए वन मंत्री सहित उपस्थित अधिकारियों, सिख समाज सेवी संस्थान के आए आगन्तुकों के नाम पट्टिका के साथ  किया गया जो  आज छ से सात फीट ऊंचाई में बढ़त बनाए हुए है इस संदर्भ में नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि ग्रीष्म ऋतु ही में इनके सहेजने एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहती है जिसका पूरा प्रयास विभाग द्वारा किया जाता है कि उसकी हरियाली और ग्रोथ में कोई व्यवधान न पड़े इसके लिए  हर संभव प्रयास करते है जैसे ही प्राकृतिक वर्षा प्रारंभ होती वैसे ही रोपित पौधे दोगुनी बढ़त के साथ सर्वाइव करते है

आरंग परिवृत्त के डिप्टी रेंजर लोकनाथ ध्रुव राम वन गमन के पथ रोपण के संदर्भ में बताते है कि चंपारण से लेकर खरोरा तक के चिन्हित मार्गों पर गत वर्ष पौधा रोपण किया गया था साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए बांस से निर्मित पिंजरे के घेरे से उसे घेरा गया था जिसकी वजह से काफी पौधे सुरक्षित है फिर भी कुछ शरारती तत्वों द्वारा कुछ बांस की लालसा में सुरक्षा  घेरे  को तोड़ दिया गया जिससे कुछ पौधों का नुकसान हुआ है जिसके लिए पुनः रोपण कर उस क्षेत्र में हरियाली लाई जाएगी डिप्टी लोकनाथ ध्रुव का कथन है जब तक पर्यावरण एवं पेड़ पौधों के प्रति आम जन अपनी जिम्मेदारी नही समझेगी तब तक पर्यावरण और हरियाली को नुकसान होता रहेगा हालांकि हमारे  विभाग द्वारा रोपित पौधों की सुरक्षात्मक दृष्टि कोण से चौकीदारों की नियुक्तियों होती है फिर भी असमाजिक तत्वों एवं खानाबदोश,घुमंतू परिवार भोजन तैयार करने  के उद्देश्य पूर्ति हेतु लकड़ी जलाने की लालसा में बांस के निर्मित सुरक्षा घेरे को क्षतिग्रस्त कर देते है जिसका खामियाजा विभाग द्वारा रोपण पौधों के गाय चराई के साथ पौधों के मृत अवस्था के रूप में सामने आता है फिर भी हमारे विभागीय मैदानी कर्मी समय समय पर उसके स्थान पर पुनः रोपण कर उसकी भरपाई करने कोई कोर कसर नही छोड़ते 

 मंदिर हसौद काष्ठागार प्रभारी शिव चंद्राकर  आगे बताते है कि यह उत्सव एक प्रकार से  वीआईपी वन महोत्सव ब्लॉक वृक्षारोपण कार्यक्रम के रूप में  समस्त वरिष्ठ अधिकारियों सहित सचिव स्तर के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी एवं सामाजिक संस्थाओं के सदस्य की उपस्थिति में संपन्न हुआ था नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि क्षेत्र में हरियाली प्रसार के उद्देश्य से  वन महोत्सव पर्यावरण वानिकी कोष (ब्लॉक) वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया जिसके रोपण से क्षेत्र के प्रदूषण मुक्त किया जा सके मंदिर हसौद के काष्ठागार प्रभारी  (फॉरेस्टर) श्री शिव कुमार चंद्राकर बताते कि ब्लॉक रोपण एवं पथ रोपण क्षेत्र में लगातार मॉनिटरिंग की जाती है उक्त क्षेत्र की रखवाली तथा लगातार निगरानी के लिए  बकायदा चौकीदार नियुक्त किए गए है जो बराबर रोपण क्षेत्र में रोपित पौधों की सुरक्षा एवं निगरानी करते है साथ ही गाय गरुवा,मवेशी चराई को रोकने मुस्तैद रहते है श्री शिव चंद्राकर आगे बताते है कि रोपण क्षेत्र वर्षाधारित सिंचाई पर निर्भर है तथा  अत्यधिक ग्रीष्म ऋतु पड़ने पर आवश्यकता अनुसार अधिकारियों के दिशा निर्देश पर टैंकर इत्यादि से सिंचाई व्यवस्था की जाती  है यही नही समय समय पर रोपण क्षेत्र में रोपित पौधों के उपचार भी किया जाता है 



जहां पौधों के आसपास गाला,थाला बना कर दवाई छिड़काव एवं समय समय पर ट्रेक्टर द्वारा पानी सिचाई भी की जा रही है यही नही आसपास उग आए खरपतवार की सफाई भी श्रमिकों के द्वारा की जाती है  जिससे नब्बे प्रतिशत पौधे सर्वाइव कर रहे है तथा लगभग एक वर्ष में इनकी ऊंचाई भी डेढ़ से दो फीट  बढ़ गई है शेष दस प्रतिशत पौधे ग्रोथ नही कर पाए है जिन्हें आगामी कैज्युवल्टी में सुधार किया जाएगा मंदिर हसौद क्षेत्र प्रभारी श्री शिव चंद्राकर आगे बताते है कि 1.7 किलोमीटर पथ रोपण क्षेत्र को बकायदा  कटीले तारों से लगभग पांच फीट ऊंचाई में फेंसिंग की गई है ताकि आसपास ग्राम के मवेशी,गाय गरुवा की चराई से सुरक्षित रखा जा सके उसी प्रकार ब्लॉक रोपण क्षेत्र को भी कटीले तारों की फेंसिंग कर सुरक्षित किया गया था जिससे सभी रोपित पौधे सुरक्षित अवस्था मे है मंदिर हसौद काष्ठागार प्रभारी शिव चंद्राकर का कथन है कि यदि किसी भी रोपण क्षेत्र में सुरक्षा के उपाय कर दिया जाए तो शत प्रतिशत पौधों के सहेजने और उनकी बढ़त के साथ भविष्य में बेहतर सघन हो चुके प्लांटेशन की परिकल्पना की संभवना से इंकार नही किया जा सकता जिसका एक साक्षात उदाहरण मंदिर हसौद क्षेत्र के नगपुरा स्थित प्लांटेशन को लिया जा सकता है प्रभारी शिव चंद्राकर आगे बताते है कि वीआईपी वन महोत्सव कार्यक्रम के लिए अलग से चार सौ नवासी अर्थात लगभग पांच सौ पौधों का पृथक रोपण वन महोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए वन मंत्री सहित उपस्थित अधिकारियों, सिख समाज सेवी संस्थान के आए आगन्तुकों के नाम पट्टिका के साथ  किया गया जो  आज छ से सात फीट ऊंचाई में बढ़त बनाए हुए है इस संदर्भ में नवा रायपुर परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा आगे बताते है कि ग्रीष्म ऋतु ही में इनके सहेजने एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहती है जिसका पूरा प्रयास विभाग द्वारा किया जाता है कि उसकी हरियाली और ग्रोथ में कोई व्यवधान न पड़े इसके लिए  हर संभव प्रयास करते है जैसे ही प्राकृतिक वर्षा प्रारंभ होती वैसे ही रोपित पौधे दोगुनी बढ़त के साथ सर्वाइव करते है एक प्रकार से सामाजिक उत्तरदायित्व निर्वहन के तहत आसपास संचालित औद्योगिक घरानों से भी इनकी सुरक्षा,रख रखाव,एवं व्यवस्था के लिए सहयोग लिया जाता है जो तीन से पांच  वर्षों के विभागीय अनुबंध के आधार पर होता है 



इस दरमियान रोपित पौधों के रखरखाव,उपचार,सुरक्षा,व्यवस्था जैसी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विभाग की होती है अंततः अनुबंध वर्षों के पश्चात इसे संबंधित औद्योगिक संचालन के  हैड ओवर किया जाता है तब तक रोपित पौधे पूर्णतः अपनी ऊंचाई पहुंच चुके होते है तथा उन्हें केवल अवैध कटाई से रोकना और बचाना मुख्य उद्देश्य रह जाता है परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा बताते है कि  बहुत से पड़त भाटा भूमि क्षेत्र चटियल  हो चुके है जिनमे प्लांटेशन एवं पौधरोपण की  विशेष आवश्यकता है इसके लिए विभाग नए कार्ययोजना बना कर हरियाली प्रसार करने का पूरा प्रयास कर रहा है आने वाले समय मे क्षेत्र के बहुत से पड़त भाटा भूमि पर पौधरोपण कर प्लांटेशन  किया जाना है जिससे आसपास क्षेत्र की आबो हवा में बहुत ही स्वच्छता महसूस की जाएगी साथ ही स्वस्थ्य की दृष्टि से भी हरे भरे प्लांटेशन  रामबाण साबित होगी जिसके लिए प्रयास जारी है

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