शुक्रवार, 4 जून 2021

नवा रायपुर के ग्राम डोमा स्थित प्राकृतिक वन क्षेत्र में एक करोड़ अड़तालीस लाख रुपये का स्तरहीन निर्माण कार्य

 नवा रायपुर के ग्राम डोमा स्थित प्राकृतिक वन क्षेत्र में एक करोड़ अड़तालीस लाख रुपये का स्तरहीन निर्माण कार्य 

अलताफ हुसैन 7869247588

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़)वैसे तो प्रदेश का वन विभाग प्रदेश भर के वनों के संरक्षण संवर्धन हेतु कटिबद्ध है  इसके लिए विभाग द्वारा अनेक योजनाओं के माध्यम से नए नए जतन करता है कभी बिगड़े वनों में पुनः वृक्षारोपण कर उसे प्राकृतिक स्वरूप प्रदान किया जाता है कभी वन्य प्राणियों के सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से वनों के भीतरी क्षेत्रों में तालाब खनन कर ग्रीष्म ऋतु में उनकी जल पिपासा को राहत प्रदान किया जाता है वही वनवासियों के सहज सुलभ आवागमन हेतु कच्चे मुरुमी मार्ग,रपटा, पुलिया एवं अग्नि वॉच टॉवर का निर्माण किया जाता है ताकि वनों को आग से बचाया जा सके इन सब के बावजूद वनों के संरक्षण हेतु कराए जाने वाले निर्माण  कार्यों की गुणवत्ता में कहीं न कहीं खामियां और कमी बनी रहती है कमीशनखोरी,के चलते औरअधिकारियों द्वारा  गड़बड़ घोटाले के साथ भ्रष्टाचार को अंजाम देने के कारण करोड़ो की राशि व्यय करने के बाद भी  निर्माण कार्य की गुणवत्ता लगभग समाप्त हो जाती है   

ताज़ा प्रकरण नवा रायपुर के ग्राम घोरभट्टी,डोमा,ऊगेतेरा के मध्य प्राकृतिक वनों के संरक्षण से जुड़ा हुआ है  जहां पर लगभग आठ किलोमीटर के वृहद भूभाग परिधि में जहां प्राकृतिक वन का विस्तार था जिसके संरक्षण हेतु उसके चारों ओर ब्रिक्स ईट की जुड़ाई कर लोहे के एंगल में फेंसिंग की जा रही है प्राकृतिक वन परिक्षेत्र के फेंसिंग में किए जाने वाले सीमेंट जुड़ाई इतनी घटिया है कि यह कभी भी भरभरा कर ढह सकती है क्योंकि जुड़ाई निर्माण कार्य मे न ही सही ढंग से सीमेंट मिलाया जा रहा है और न ही बेस को मजबूती प्रदान की जा रही है जिससे इसकी गुणवत्ता सन्देह जनक हो गई है इस संदर्भ में वहां उपस्थित ठेकेदार कर्मचारी अश्वन केशरवानी से चर्चा किया गया तो उसने ठेकेदार का नाम  वी आई पी रोड  स्थित ग्राम फुंडहर निवासी  सुनील कुमार सिंह  बताया जिसके ठेके में उक्त निर्माण कार्य का होना बताया जबकि इसकी निविदा प्रकाशन को लेकर भी संशय की स्थिति निर्मित है कि किसी राजनीतिक एप्रोच के माध्यम से निर्माण कार्य प्राप्त किया गया जबकिं नवा रायपुर के प्रभारी साधेलाल बंजारे ने इसके निविदा प्रकाशन पश्चात ठेकेदार सुनील कुमार सिंह को ठेका प्राप्त होना बताया 

बहरहाल, ठेका पद्धति जिस प्रकार भी किया गया परन्तु निर्माण स्थल में जब इसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया गया तब निम्न स्तर के रेती सीमेंट के मसाले से ब्रिक्स ईट की जुड़ाई करते पाया गया स्थिति यह थी कि जब जुड़ाई किए गए सीमेंट मसाले को हाथ से कुरेदा गया तब वह भरभरा कर गिरने लगा इस तारतम्य में जब उपस्थित मुंशी अश्वन केशरवानी से पूछा गया तब उसने एक बोरी सीमेंट  में बीस धमेला रेती मिलाने की बात बताई जबकिं इतने रेती सीमेंट  की जुड़ाई  में काफी मजबूती आ जाती है वही साढ़े तीन फीट ऊंचे ब्रिक्स जुड़ाई दीवार में उसका बेस ही एक से डेढ़ फीट से लिया गया जिसमें जमीन के भीतर नाममात्र गिट्टी,रेती सीमेंट का मसाला मिलाकर  औपचारिकता निभाए जैसा प्रतीत होता है बेस के लिए किए गए गड्ढे में बेस गिट्टी डालने के पश्चात एक ईट लगाने पर वह बाहर दिखाई देने लग गया बता दे कि जब किसी भी निर्माण की नींव ही मजबूत नही होगी तब उसके मजबूती  की क्या गुणवत्ता होगी इसका अनुमान सहजता से लगाया जा सकता है मजदूरों द्वारा भी रोजी के संदर्भ में डेढ़ सौ रुपये तो मिस्त्री को 250 रुपये देने की बात बताई  जबकि कलेक्टर दर पर कुशल अकुशल श्रमिक का पारिश्रमिक भुगतान भी यहां होता दिखाई नही दे रहा है  वही चार फीट के लोहे के एंगल में तार फेंसिंग किया गया है  जिसे  एंगल में मात्र तारों से बांध दिया गया है जबकिं वही उपस्थित एक अन्य कर्मचारी ने बताया कि गुणवत्ता विहीन दीवार में लगाए गए लोहे के चार एंगल को ईट दीवार, तोड़कर चोरों ने उड़ा दिया है सवाल उठता है कि निर्माण कार्य के समय ही जब चोरों ने दीवार तोड़कर एंगल चोरी कर लिए तब भविष्य में स्तरहीन गुणवत्ता वाले दीवार मर इसकी पुनरावृत्ति नही होगी इसकी क्या ग्यारंटी ? उपस्थित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी देवकुमार ने बताया कि ग्राम डोमा में यह एक प्राकृतिक वन क्षेत्र है अवैध कटाई एव वन्य प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से वॉल निर्माण कर फेंसिंग कराई जा रही है वनक्षेत्र में हिरण,बारहसिंघा, जंगली बराह,सरीसृप जीव जंतु के अलावा अनेक पक्षियों का वास  है विशेष कर जंगली मादा वराह, अमूमन भूमि को अपने पैने  दांतो से खोद कर बड़ा गड्ढा करती है जहां वह प्रजनन प्रक्रिया पूर्ण करती है वह भी नवजात बच्चों की सुरक्षा हेतु ऐसे दीवार के समीप गड्ढा कर गुफा नुमा बनाती है जिसकी वजह से भी दीवार के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है   ज्ञात हुआ है

कि वन विभाग द्वारा क्षेत्र को संरक्षित कर पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की योजना बनाई  है परन्तु प्रारंभिक निर्माण कार्य मे ही जब स्तरहीन गुणवत्ता के निर्माण किए जाएंगे तो इसके सुरक्षा संरक्षण और संवर्धन की क्या अपेक्षा की जा सकती  जब  कि वन विभाग इस प्रोजेक्ट में इसकी लागत के बारे में ज्ञात हुआ है कि लगभग एक करोड़ अड़तालीस (1करोड़ 48 रुपये) लाख रुपये की लागत से आठ किलोमीटर लंबे वन परिधि क्षेत्र में सुरक्षा घेरा का निर्माण करवा  रही है वही सुरक्षा परिधि और गुणवत्ता की चर्चा की जाए तो खरोरा के समीप स्व  इंदिरा गांधी मोहरेंगा पर्यटन स्थल में भी लगभग 16 किलोमीटर परिधि में वॉल निर्माण कर लोहे के एंगल में तारों की फेंसिंग की जा रही है वहां डी एफ ओ विश्वेश कुमार झा साहब के कुशल नेतृत्व और मार्ग दर्शन में रायपुर रेंजर मिर्जा फिरोज बेग, के  दिशा निर्देश पर प्रभारी दीपक तिवारी के द्वारा निर्माण स्थल पर पूर्ण निगरानी और गुणवत्ता पर किसी प्रकार का समझौता न करते हुए संपूर्ण कार्य संपादित करवाया जा रहा है जिसका परिणाम यह होगा कि एक मजबूत टिकाऊ वॉल के साथ मजबूत तार फेंसिंग से वर्षों तक वन एवं वन प्राणियों की सुरक्षा बनी रहेगी जबकिं नवा रायपुर के नव पदस्थ रेंजर सतीश मिश्रा  ने बताया कि एस डी ओ साहब एव वे स्वयं निर्माण स्थल का भौतिक परीक्षण करके आए है जिसमे कुछ कमियां दिख रही है उस पर सुधार करने दिशा निर्देश दिए गए है जबकिं गुणवत्ता को लेकर भी उन्होंने किसी प्रकार का समझौता न करने की बात कही है यदि गुणवत्ता और टिकाऊपन ही नही होगा तो शासन द्वारा करोड़ों की लागत लगाने का कोई औचित्य ही नही ग्राम डोमा में आठ किलोमीटर दायरे में प्राकृतिक वन के संरक्षण हेतु किए जा रहे निर्माण के स्तरहीन गुणवत्ता को लेकर रायपुर डी एफ ओ साहब से मिल कर चर्चा करने का प्रयास किया गया परन्तु  उपस्थित न होने के कारण उनसे चर्चा नही हो पाई शीघ्र ही इस विषय पर उनसे चर्चा  पश्चात संपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला जाएगा

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