छग में शनि भक्तों का एक ग्राम ऐसा भी जहां के भक्तों ने शनि मंदिर ही बना डाला
अलताफ हुसैन 7869247588
रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़)धार्मिक आस्था से जुड़े व्यक्तियों में अमूमन यह देखने मे मिलता है कि वे अपने इष्ट आराध्य देवता के रूप में भगवान शंकर,माता लक्ष्मी,विष्णु,ब्रह्मा,प्रभु राम सीता, बजरंगबली,कृष्णा भगवान को सर्वाधिक महत्व देते है और इन्ही इष्ट देवताओं, ईश्वर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर पूजा अर्चना भी करते है परन्तु ऐसा बहुत कम दृष्टिगोचर होता है कि जब ऐसे देवता जिनकी वक्र दृष्टि पढ़ने से ही राजा रंक बन जाता है और रंक राजा बन जाता है ऐसे देवता से लोग पूर्व से ही भय खाते है केवल दान पुण्य कर के ही इन्हें प्रसन्न करने एवं समस्त दुख हरने की पूजा, प्रार्थना, अर्चना करते है उनकी वक्र दृष्टि और प्रकोप से बचने यथा संभव प्रयास किया जाता है ऐसे देवता का मंदिर यदाकदा कुछ स्थल में ही देखने मिलता है इसकी वजह प्रत्येक भक्ति भाव रखने वाला व्यक्ति इनके प्रकोप से बचना चाहता है तथा घर में कभी भी ऐसे देवता का छाया चित्र भी लगाने से भय खाता है वह देवता कोई और नही बल्कि सूर्य पुत्र शनि है जिनके नाम से ही प्रत्येक भक्त भयभीत हो जाता है परंतु छग प्रदेश का एक ऐसा भी ग्राम है जहां सभी लोग शनि देव को अपना इष्ट देव के रूप में मानते है और प्रत्येक शनिवार उनकी उपासना आराधना,उपवास, कर सुख समृद्धि की कामना करते है ग्रामीणों के शनि भगवान के प्रगढ़ अटूट श्रद्धा और आस्था को देखते हुए ग्राम प्रधान सरपंच ने ग्राम में एक विशल शनि मन्दिर ही बनवा डाला और इसके लिए बाकायदा तीन दिनों तक अनवरत पूजा,पाठ,प्राण प्रतिष्ठा,धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन रखकर एक उत्सव का वातावरण निर्मित कर दिया ऐसा ग्राम आरंग ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम निसदा है जहां की कुल आबादी अपने इष्ट देव शनि महाराज के मूर्ति स्थापना को लेकर काफी उत्साहित है वह भी शनि मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम जब शनि जयंती के अवसर पर हो तो भक्तों में उत्साह का संचार दोगुना होना स्वभाविक बन जाता है
रायपुर से मात्र चालीस किलोमीटर दूर आरंग ब्लॉक के अंतर्गत स्थित ग्राम निसदा में आठ जून से दस जून के मध्य शनि जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन ग्राम निसदा के सरपंच महेश्वरी देव कुमार साहू के नेतृत्व में संपन्न हुआ जिसमें आठ तारीख को ग्राम में ही कलश यात्रा का आयोजन किया गया अगले दिवस नौ तारीख को मूर्ति प्रतिष्ठा पूर्व धन धान्य,एवं जलाभिषेक,फल,फूल दान कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमे ग्राम वासियों सहित आसपास के मुख्य अतिथियों और प्रबुद्ध नागरिकों की गरिमामयी उपस्थित में संपन्न हुआ उक्त कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ मंत्री चन्द्रशेखर साहू विशेष रूप से उपस्थित होकर मुख्य अतिथी के आसन्दी से संबोधित करते हुए उत्साहित शनि भक्तों को सफल कार्यक्रम की बधाई देते हुए कहा कि अंचल में इस प्रकार का शनि मंदिर की स्थापना वह भी पूरे विधि विधान और भव्यता के साथ क्षेत्र में कहीं भी स्थापित नही किया यह ग्राम वासियों का शनि देव के प्रति श्रद्धा,और अटूट विश्वास का ही परिणाम है कि राजधानी से सटे ग्राम में शनिदेव के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई इससे यह क्षेत्र न केवल आस्था का केंद्र बिंदु बन गया बल्कि क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में भी चिन्हांकित करने का सुअवसर प्राप्त होगा इसके लिए उन्होंने सरपंच प्रतिनिधि देवकुमार साहू एवं समस्त ग्राम वासियों को बधाई दी सरपंच महेश्वरी साहू ने बताया कि प्रभु शनिदेव के मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से वह काफी प्रफुल्लित और आल्हादित है कार्यक्रम में जनभागीदारी से निर्मित मंदिर के लिए समस्त अतिथियों एवं ग्रामवासियों का हृदय से आभार व्यक्त किया वही सरपंच प्रतिनिधि महेश्वरी देवकुमार साहू ने बताया कि संपूर्ण ग्राम वासी संकटमोचक, कष्टनिवारक,धन धान्य,प्रतिष्ठा के देवता छायानन्दन शनिदेव महाराज पर अटूट श्रद्धा रखते है तथा ग्राम की महिलाएं प्रत्येक शनिवार को उपवास एव पूजा करती है जिनके श्रद्धा एवं अटूट विश्वास को ध्यान में रखते हुएग्राम निसदा को धार्मिक केंद्र बिंदु के रूप में शनिदेव महाराज की मूर्ति स्थापना की गई श्री देव साहू ने आगे बताया कि यह सब जन सहयोग से संपन्न हुआ इसमें मूर्ति स्थापना से लेकर भंडारे का आयोजन समाजसेवी श्री लाल चंद्र अग्रवाल सराईपाली वालों के योगदान से संपन्न हुआ उन्होंने ही समस्त व्यवस्था पर अपना अमूल्य योगदान दिया ग्राम निसदा के उक्त सफल कार्यक्रम से अति उत्साहित सरपंच प्रतिनिधि देवकुमार साहू ने बताया कि ग्राम निसदा मे प्रति वर्ष मनाए जाने वाले शनि जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय भव्य जयंती का आयोजन किया जाएगा जिसमे मेला मड़ाई,एवं धार्मिक प्रवचन कार्यक्रम के भव्य आयोजन किए जाएंगे
और यह मंदिर आँचल में केंद्र बिंदु होगा वही उड़ीसा से पधारे पंडित मिश्रा जी ने बताया कि सूर्य पुत्र शनि वास्तव में भगवान शिव की प्रतिरूप है क्योंकि शिव लिंग सदैव काले पत्थर से निर्मित होता है वही रंग शनिदेव का भी है सूर्य देव के प्रतिछाया होने के कारण तम के देवता है इनकी दृष्टि से धन धन्य,प्रतिष्ठा में व्यापक वृद्धि होती है, इसलिए इनके मूर्ति स्थापना के पूर्व भगवान शिव जी की पूजा की गई लंका पति रावण के द्वारा अंधेरे कुंए में वर्षों तक शनिदेव को बंधक बना कर रखा था जिन्हें राम भक्त हनुमान जी ने मुक्त कराया तभी उन्होंने श्री हनुमान जी को वरदान दिया था कि जो भी तुम्हारी पूजा करेगा मैं उस पर से अपनी वक्र दृष्टि हटा लूंगा यही कारण है कि शनि की वक्र दृष्टि वाले भक्तों के कष्टों का निवारण हेतु बजरंगबली की पूजा भी की जाती है परन्तु शनि प्रकोप से यदि उद्धार पाना है तो शनि भगवान की पूजा अर्चना करना प्रत्येक उपासक को अनिवार्य हो जाता है राजनीति,और प्रतिष्ठा,धन,धन्य,वैभव की प्राप्ति केवल और केवल शनि देव के शरण मे आकर ही प्राप्त की जा सकती है इसलिए भी शनिदेव की पूजा का महत्व काफी बढ़ गया है



 
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