ग्राम आकोली कला में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना पर वविनि अधिकारी लगा रहे पलीता - और दोषारोपण कर रहे सुरक्षा श्रमिकों पर
अलताफ हुसैन
रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) छग प्रदेश में हरियाली प्रसार हेतु मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत समस्त ग्राम प्रंचायतों में बड़े भूभाग पर वृक्षारोपण कार्य किए जा रहे है जिसके तहत प्रति वर्ष प्रति एकड़ भूभाग में प्रोत्साहन राशि भी राज्य शासन द्वारा दिया जाएगा परन्तु उक्त योजना पर भी विभागीय कर्मचारी भ्रष्टाचार का पलीता लगाने से नही चूक रहे है ऐसा ही एक मामला ग्राम आकोली कला लिंगाडीह जनपद पंचायत आरंग में भी देखने आया है जहां पर वृक्षारोपण कार्य तो विगत माह कर दिया गया है परन्तु वहां भी कार्यों में केवल खानापूर्ति की गई थी जब इसे लेकर अधिकारी से संपर्क कर शिकायत की गई तब सारा ठीकरा उपस्थित सुरक्षा श्रमिक चौकीदारों के सिर फोड़ दिया गया जिन्हें हटाने विभागीय अधिकारी द्वारा नोटिस भी जारी कर दिया गया जबकि रोपण क्षेत्र में पौधा रोपण को लेकर काफी खामियां सामने आ चुकी थी तथा पौधा रोपण भी ऐसा किया गया था कि केवल पॉलीथिन में लगे पौधों को डेढ़ बाई डेढ़ के गड्ढे भी नही किए गए तथा पॉलीथिन सहित पौधे बगैर गड्ढे किए मिट्टी का माउंट बनाकर रोपण कर दिया गया ऐसे लीपापोती कार्यों को जब रोपण स्थल में जाकर मुआयना किया गया तब मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की ग्राम पंचायत आकोली कला में धज्जियां उड़ती नज़र आई क्योंकि बताया जा रहा है कि ग्राम आकोली कला मे वृक्षारोपण कार्य चयनित खुले बड़े भूभाग में किया जाना तय था तथा इसके लिए ग्राम आकोली कला के सरपंच ललित ढ़ीढ़ी तथा उपसरपंच रिकेश्वर कोसले द्वारा गौठान क्षेत्र के आसपास लगभग बारह हजार तीन सौ पौधा रोपण कार्य खुले विस्तृत भूभाग में कराए जाने का आवेदन संबंधित वन विकास निगम को दिया था जिसे लेकर स्थानीय श्रमिकों की सेवाएं ली गई तथा निर्धारित पौधे रोपण करने का लक्ष्य गत माह पूर्ण किया गया परन्तु स्थानीय श्रमिक केवल काम चलाऊ रोपण कार्य संपादित कर चले गए जिसमे बगैर गड्ढे किए ही पौधों को पॉलीथिन सहित ज़मीन की बाहरी सतह पर रख मिट्टी के माउंट बना कर ढंक दिया गया जब इसका निरीक्षण किया गया तब ऐसी स्तरहीन कार्य सामने आए इसकी शिकायत जब वन विकास निगम के रेंजर ऋषि शर्मा से की गई तब इसे संज्ञान में लेकर उसी रोपित पौधों का पुनः रोपण कार्य करवाया जा रहा है यानी एक कार्य मे दोगुना व्यय हो रहा है जबकि इसकी संपूर्ण जवाबदेही डिप्टी रेंजर रूपेश टण्डन की बनती थी परन्तु अपनी जवाबदेही से बे खौफ होकर इसकी समस्त जिम्मेदार तुलसी महिलांग नामक सुरक्षा श्रमिक को सौंप दी गई जो न कोई पद में है और न ही कोई पोस्ट में है फिर भी वह डिप्टी रेंजर की भूमिका निभा रहा है क्योंकि सुरक्षा श्रमिक तुलसी की देखरेख में ही समस्त क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्य संपादित कराया गया था जबकि डिप्टी रेंजर रोपण स्थल में बहुत ही कम उपस्थित रहते थे जिसके चलते ग्राम पंचायत के उपसरपंच रिकेश्वर कोसले द्वारा खुले स्थल में रोपण कार्य करवा दिया गया यहां तक काश्त भूमि एवं आवासीय परिसर के आंगन,उसके आसपास क्षेत्र में भी पौधा रोपण करवा दिया जिसकी वजह से ग्रामीणों को आवागमन सहित निस्तारी में परेशानी होने लगी जबकि यह भी ज्ञात हुआ है कि बहुत से स्थल अतिक्रमण कर लिया गया था जिसे ध्यान में रखते हुए वृक्षारोपण कराया गया इस संबन्ध में तहसीलदार को भी शिकायत मिली थी जिस पर कार्यवाही होना बताया गया जबकि अनेक ग्रामीणों द्वारा अपने आवासीय अधिकार क्षेत्र एवं परिसर से पौधे निकालकर उसे वन विकास निगम द्वारा एक स्थल पर रखे गए पौधों के समूह में रख दिया जिसे लेकर कुछ ग्रामीण युवक लामबंद होकर चौकीदारों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया तथा बार नवापारा परियोजना मंडल कार्यालय में लिखित शिकायत पत्र लिखा कि चौकीदार निष्ठा पूर्वक कार्य नही कर रहे है तथा इसकी समुचित देखरेख, रखरखाव के आभव में रोपित पौधे क्षतिग्रस्त हो रहे है अतएव ग्राम के युवको द्वारा ही सुरक्षा एवं रोपण स्थल की देखरेख किया जाएगा शिजयत पर जब जांच हेतु निगम के रेंजर मौका स्थल पहुंचे मगर सैकड़ों ग्रामीणों के कथन के बावजूद कि रोपण क्षेत्र के किसी भी पौधों को नुकसान नही पहुंचाया गया सुरक्षा श्रमिकों को न हटाया जाए तथा हटाए गए पौधों को सुविधा के साथ निकालकर निगम द्वारा रखे गए पौधों स्थल में रख दिया गया इसके बावजूद श्रमिक भुगतान सहित कामचलाऊ रोपण जैसी अपनी गलती छुपाने के उद्देश्य से दोनों चौकीदारों क्रमशः चन्द्रशेखर ध्रुव,एवं मुरारी साहू को हटाने उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा यहां तक कुछ ग्रामीण युवक प्रातःकाल पहुंच कर भी दोनों सुरक्षा श्रमिक को धमकाने लगे कि यहां तुम लोग चौकीदारी मत करो जब इस बात की पुष्टि की गई तब दोनों सुरक्षा श्रमिक ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा आवागमन एवं निस्तारी सुविधा के लिए पौधे उखाड़ने से लेकर ग्रामीणों द्वारा धमकाने जैसी घटना की शिकायत रेंजर ऋषि शर्मा एवं डिप्टी रेंजर से मौखिक कहीं गई थी परन्तु वे उक्त बातों से मुकर गए तथा उन्हें कार्य से पृथक करने की नोटिस थमा दी गई यहां तक दोनों सुरक्षा श्रमिकों ने लिखित में भी ग्रामीणो के हस्ताक्षर युक्त पत्र देने की बात कही परन्तु डिप्टी रेंजर रूपेश टंडन द्वारा भी उक्त पत्र को दबा दिया गया ज्ञात हुआ है कि डिप्टी रेंजर रूपेश टंडन भ्रष्टाचार करने के मामले में उसका पहले भी नाम आ चुका है तथा वह श्रमिकों के नाम पर फर्जी वाउचर भरकर लाखों रुपये की अफरा तफरी कर चुका है तथा आशंका व्यक्त की जा रही है कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना में भी उसके द्वारा गड़बड़ झाला कर लाखों रुपये दबा लिया गया है क्योंकि ज्ञात हुआ है कि वृक्षारोपण करने के पूर्व डेढ़ बाई डेढ़ के गड्ढे किया जाना अनिवार्य होता है परन्तु उसके द्वारा मौका स्थल पर बगैर गड्ढे किए ही वृक्षारोपण करवा दिया गया तथा लाखों रुपये इसमें ही बचा लिया गया जबकि ग्रामीणों एवं उप सरपंच रिकेश्वर कोसले के द्वारा बताया गया था कि रोपण कार्य मे लगभग अधिकतम 65 से 75 श्रमिक ही लगाए गए थे परन्तु डिप्टी रेंजर रूपेश टन्डन द्वारा लगभग डेढ़ सौ श्रमिकों का बिल बाउचर बनाकर राशि आहरित करने की बात सामने आ रही है इसके लिए बाकायदा उसके द्वारा तुलसी राम महिलांग नामक सुरक्षा श्रमिक को नियुक्त किया गया है जो कहां चौकीदारी करता है यह आज तक किसी को ज्ञात नही सुरक्षा श्रमिक तुलसी राम के बारे में यह भी ज्ञात हुआ है कि वह अपने ही परिवार रिश्तेदार एवं मित्रों के फर्जी हाजिरी डालकर चेक द्वारा फर्जी राशि आहरित करता है तथा उसका स्वयं का भुगतान भी उसे समय पर जारी कर दिया जाता है जिससे,सुरक्षा श्रमिक तुलसीराम महिलांग, रूपेश टंडन सहित अनेक अधिकारियों को इसका आर्थिक लाभ प्राप्त होता है यह वास्तविकता ग्राम आकोली कला के श्रमिक भुगतान से स्पष्ट हो जाता है जहां पर ही 65 से 75 श्रमिकों द्वारा रोपण कार्य संपन्न किया गया वही लगभग डेढ़ सौ श्रमिकों का भुगतान चेक द्वारा किया जा रहा है चेक द्वारा भुगतान के पीछे भी बहुत बड़ा खेल खेलने की बात सामने आ रही है क्योंकि भुगतान सीधे श्रमिकों के खाते में डालने की व्यवस्था शासन द्वारा निर्धारित की गई है इससे किसी प्रकार के फर्जीवाड़ा होने की संभावना क्षीण हो जाती है परन्तु चेक द्वारा भुगतान करने से किसी भी व्यक्ति के खाता संख्या भरकर उसे श्रमिक घोषित कर राशि निकाली जा सकती है जो डिप्टी रेंजर रूपेश टंडन द्वारा किया जा रहा है यदि इसकी सूक्ष्मता से जांच की जाए तो बहुत बड़े फर्जीवाड़े और घोटाले का पर्दाफ़ाश हो सकता है यही नही खाद की अफरातफरी भी उसके द्वारा किए जाने की बात सामने आई है क्योंकि विभाग लाखों के खाद मंगवाती है परन्तु मंडल कार्यालय अंतर्गत आबंटित किए जाने के पश्चात शेष खाद बेच दिया जाता है जो सीधे इनकी जेब भारी करता है बहरहाल, वृक्षारोपण कार्य मे बरती गई ढिलाई की वजह से अब पुनः उसका रोपण कार्य कर सुधार किया जा रहा है तथा इसके लिए बीच बीच मे चार से पांच श्रमिकों को लगाया जा रहा है अब देखना होगा कि ऐसे अल्प श्रमिकों का भुगतान और संख्या कितनी भरी और बनाई जाती है परन्तु ज्ञात तो यह भी हुआ है कि इसे प्रति पौधा पुनः रोपण हेतु दो रुपए ठेके से दिया गया है वही ग्राम मानिक चौरी में ढाई रुपये की दर से ठेका दिया गया है यदि ऐसी स्थिति है तो प्रति श्रमिक लगभग पचास से अधिकतम सौ पौधे रोपण कर सकता है इस हिसाब से मजदूरों को प्रति दिन दो सौ रुपये ही मजदूरी प्राप्त होगी जबकि कलेक्टर दर के हिसाब से यह भुगतान बहुत कम है तथा श्रमिकों का शोषण किया जाना दिखाई पड़ता है यदि मनरेगा के तहत भी श्रमिक भुगतान किया जाता तो लगभग 190 रुपये दिया जाता परन्तु यहां डेढ़ सौ रुपये किस आधार पर दिया जा रहा है यह तो कर्मचारी ही बता सकते है जब इसकी पुष्टि की गई तो उपस्थित श्रमिक ने कार्य न छूटने के डर से कई तीन सौ रुपये देने की बात कही जो कुशल श्रमिक का भुगतान माना जाता है डिप्टी रेंजर रूपेश टण्डन से प्रताड़ित पीड़ित सुरक्षा श्रमिकों जो लगभग बारह से पंद्रह वर्षों तक वन विकास निगम में अपनी सेवाएं देते आ रहे है चन्द्र शेखर ध्रुव,मुरारी लाल साहू ने बताया कि यदि उन्हें यहां कार्य नही दिया जाता तो उन्हें स्थानीय किसी अन्य क्षेत्र मानिकचौरी, जौन्दी, ऑक्सिजोन,अथवा अन्य स्थान पर उन्हें सेवा दिया जाए उन्होंने यह भी बताया कि पुनः रोपण कार्य जिसमे हजारों पौधे उनके द्वारा गाला बनाकर व्यवस्थित किया गया उनसे ही करवाया गया जिसका पारिश्रमिक भुगतान भी रूपेश टण्डन द्वारा लिया जाएगा यहां तक मानसिक परेशानी देने के उद्देश्य से उन्हें दिन और रात यही चौकीदारी कर सुरक्षा की बात कही गई जिसका निर्वहन भी चन्द्रशेखर ध्रुव,एवं मुरारी लाल साहू द्वारा किया गया परन्तु रूपेश टंडन द्वारा कार्य करना है तो करो नही तो नौकरी छोड़ दो जैसे सीधे धमकी चमकी देकर कार्य छोड़ने का अधिकार डिप्टी को नही है उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी संघ में भी रखी गई है क्योंकि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी होने के कारण तथा नियमितीकरण न होने के कारण ही इस प्रकार के शारीरिक मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना हमारे जैसे सैकड़ों कर्मचारोयों को भुगतना पड़ता है
 
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