सोमवार, 27 अक्टूबर 2025

भारत माला की हरियाली कोमा खान में बिखरी

 भारत माला की हरियाली कोमा खान में बिखरी

अलताफ़ हुसैन 

रायपुर, (छत्तीसगढ़ वनोदय) महासमुंद वन मंडल मुख्यालय से  लगभग 32 किलोमीटर दूर स्थित बागबाहरा परिक्षेत्र से महज पन्द्रह किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोमाखान परिवृत क्षेत्र में वैसे तो गगन चुंबी पर्वत माला के मध्य छोटी,बड़ी कल-कल  करते नदी,नाले, के प्रवाहित होती जल धाराएं  वर्षों से हरियाली युक्त सघन वन क्षेत्र मे दूरस्थ प्रकृतिक वातावारण  की एकअलग छटा बिखेर रही है जो अनायास आम लोगों का चित आकर्षित करती है जिसकी वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग समुचित देखरेखा व्यवस्था तथा बिगड़े वनों के सुधार हेतु समय समय पर पुनरुत्पादन कर प्राकृतिक वनों का स्वरूप यथावत स्थापित करने कटिबद्धता प्रदर्शित करती है इसी श्रृखला में कोमाखान परिवृत से मात्र चार किलोमीटर के फासले पर  दरबेकेरा वन ग्राम के समीप स्थित कक्ष क्रमंक 469 के रिक्त पड़त भाटा वन भूमि  जिसका क्षेत्रफल 14. 270 हेक्टेयर है जिसमें कुल रोपण क्षेत्रफल 5.534.हेक्टेयर में वर्ष, 2025 जुलाई को 5534 नग भिन्न भिन्न प्रजाति के फलदार, फूलदार, सायादार, औषधि गुण वाले पौधों का सफल रोपण किया गया जो मात्र चार माह की अल्प अवधि में  जबरदस्त ग्रोथ कर रहा  है प्लांटेशन के संदर्भ में बागबाहरा के कर्मयोगी, समर्पित,निष्ठावान,

लगनशील, कर्तव्यपरायण, व्यक्तित्व के धनी परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यहॉं ग्राम दरबेकेरा में किए गए मिश्रित प्रजाति के प्लांटेशन ओरेंज भूमि में कराया गया है यह वन भूमि क्षेत्र है रिक्त पड़त नारंगी भूमि होनें की वजह से अतिक्रमणकरियों की इस क्षेत्र पर बहुत दिनों से नज़र गड़ी हुई थी गत वर्ष कार्य योजना बना कर प्लांटेशन् हेतु विभाग को दिया गया परिणामतः राज्य कैंपा मद से क्षति पूर्ति सिंचित  मिश्रित वृक्षारोपण कार्य संपादित कराया गया जिसके लिए कठोर बंजर भूमि में  वर्षा ऋतु के पूर्व गड्ढे इत्यादि कार्य करवाए गए  उक्त कार्य हेतु आस पास  ग्राम क्षेत्र से श्रमिकों को मंगवाया गया इसकी एक वजह यह भी थी कि दरबेकेरा वन ग्राम की जनसंख्या बहुत कम थी जिसकी वजह से दस बीस किलोमीटर दूर स्थित श्रमिकों को बुलवाया गया इसके अलावा दरबेकेरा में पखडंडी  रूपी सड़क मार्ग उपर से वर्ष ऋतु एवं जलभराव की स्थिति में आवागमन दुर्लभ होना ही था साथ में अन्य रोपण एवं निर्माण सामाग्री लाने ले जाने अत्यंत जर्जर पखडंडी मार्ग में चलना दुरूह अवस्था में  पहुँच जाता था फिर भी परिस्थिकीय अनुसार प्लांटेशन कराना अत्यंत आवश्यक था जिसे प्रकृति आपदा सहित व्यवस्था से लड़ते हुए कार्य संपादित कराया गया  इसके बावजुद हमारे वन सहकर्मियों ने रात दिन एक कर  औरेंज भूमि में कार्य को संपादित किया बागबाहरा परिक्षेत्राधिकारी श्री लोकनाथ ध्रुव आगे बताते है कि प्लांटेशन् कार्य भारत माला सड़क परियोजना के निर्माण अंतर्गत क्षतिपूर्ति प्लांटेशन के रूप में तत्कालीन महासमुंद के डी.एफ.ओ.पंकज राजपूत एवं  वर्तमान महासमुंद वन मंडलाधिकारी  मयंक पांडे के मार्ग दर्शन एवं नेतृत्व में संपादित कराया गया गौर तलब है महासमुंद वन मंडलाधिकारी आई.एफ. एस.श्री मयंक पांडे एक प्रशासनिक अनुभवी, एवं गंभीर अधिकारी के रूप में पहचाने जाते है वे मैदानी कार्यों से किसी प्रकार का समझौता नही करते यही वजह है कि उन्होंने धमतरी वन मंडल सहित अनेक वन मंडल कार्यालयों में अपनी सफल सेवाएं देकर एक पृथक पह्चान निर्मित की है 


जिसकी वजह से आज भी अधिकारी कर्मचारी उन्हे सम्मान के साथ याद करते है उनके यहाँ आने से महासमुंद वन मंडल क्षेत्रों में एक अलग उत्साह देखा जा रहा है स्थानीय अधिकारी कर्मचरियों में नवीन परियोजनाओं पर उल्लेखनीय कार्य किये जाएंगे ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है वही कार्यों की संपूर्ण व्यवस्था एवं मॉनिटरिंग वर्तमान उप वन मंडलाधिकारी गोविंद सिंह साहेब बेहतर जानते है क्योंकि अपने पूर्व सेवा काल में रेंजर सहित अन्य पदों में कार्य करते हुए उन्हे बलौदा बाजार वन मंडल अंतर्गत कसडोल के सोनाखान परिक्षेत्र का  अच्छा लंबा अनुभव  प्राप्त है उनके द्वारा पलांटेशन सहित फेंसिंग, एवं अनेक वन क्षेत्रों में संपन्न कराए गए निर्माण कार्यों की पूर्ण जानकारी है यही वजह है कि महासमुंद वन मण्डल कार्यालय में आते ही संपूर्ण कार्यों का अवलोकन कर वे दिशा निर्देश देते रहते है जिससे कोमाखान दरबेकेरा के कक्ष क्रमांक 469 का कथित प्लांटेशन  बड़ी तेजी से ग्रोथ कर रहा है जिसकी ऊँचाई लगभग चार से दस फीट पहूच गई है  परिक्षेत्राधिकारी लोकनाथ ध्रुव की जीवट कार्य शैली की बात की जाएं तो वे कार्यों के प्रति काफी संवेदनशील रहे है वे कार्यों के प्रति समर्पित सेवा भाव से सौंपे गए विभागीय दायित्वों का जब तक निर्वहन नही कर लेते  तब तक उन्हे संतुष्टि नही मिलती उनके संदर्भ में यह भी बताया जाता है कि कार्य अवधि समाप्त होने के बावजूद वे अपने सहयोगी (स्टाफ) वन कर्मियों के साथ बैठ कर समस्त कार्यों का निष्पादन  पूर्ण करा कर ही दम लेते है इसके लिए भले रात्रि दस बजे या बारह क्यों न बज जाए उनकी कार्य करने की क्षमता, जुझारूपान उनके विभागीय कार्य शैली को अलहदा बनाता है 


दरबेकेरा पलांटेशन का पुरा श्रेय वे अपने सहयोगी वन कर्मी कोमाखान  डिप्टी रेंजर दुलार सिन्हा जी एवं फॉरेस्ट बीट गार्ड खेमराज साहू एवं समस्त वन सहकर्मी सहयोगीयों को  देते है उनका कथन है कि मै तो केवल जाकर मॉनिटरिंग कर रहा था परंतु सही मायनों में ये जमीनी योद्धा है जो रात दिन एक कर श्रमिकों से कार्य संपादित करवाते है जमीन व्यवस्था से लेकर पौधा रोपण, तक कार्य धूप, गर्मी, वर्षा मे संपन्न कराते है इस संदर्भ में जब कोमखान स्थित डिप्टी साहेब दुलार सिन्हा जी से चर्चा की गई तो उन्होंने प्लांटेशन क्षेत्र में ले जाकर अवलोकन कराया जहाँ आज की तिथि में पौधे लगातार ग्रोथ कर रहे है उन्होंने बताया कि  वन्य प्राणियों एवं पालतू मवेशी चराई रोकने के लिए प्लांटेशन को चारो ओर से मजबूत मोटे तारों से घेरा बंदी की गई है ताकि प्लांटेशन  शत प्रतिशत सुरक्षित, एवं ग्रोथ करता रहे  सिंचित प्लांटेशन के संदर्भ में डिप्टी कोमाखान दुलार सिंह सिन्हा बताते है कि इसके लिए पाइप इत्यादि बिछाए गए है क्योंकि वर्तमान में  वर्षा ऋतु चल रहा है उसके पश्चात,शीत ऋतु में भी सिंचाई की आवश्यकता लगभग होती है फरवरी मार्च आगामी सत्र से ही सिंचाई प्रारंभ होगा इसके लिए बहुत से चयनित स्थान पर बोर खनन कराए गए है जिनमें पंप, वाल्व, पाइप इत्यादि से स्प्रिंकलर से  सिंचाई का उपयोग किया जाएगा यह विधि अमुमन आवासीय, औद्योगिक और कृषि कार्यों के लिए किया  जाता है जो प्लांटेशन क्षेत्र के लिए बहुत लाभकारी एवं कारगर साबित होगा डिप्टी दुलार सिन्हा आगे बताते है कि दरबेकेरा के 14270 वन भूमि क्षेत्र में लगभग साढ़े पांच हजार मिश्रित प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है जिनमे मुख्यतः सागौन दो हजार पौधे, नीम एक हजार, बेल, सात सौ, आँवला पंद्रह सौ, महुआ सात सौ, जामुन दो सौ, शिशु एक सौ चौबीस, करंज एक सौ पचास नग शामिल किए गए है जो चार माह में तेजी से बढ़त बनाए हुए है फलदार फूल दार औषधि युक्त पौधों की प्रचुरता के संदर्भ में पूछे जाने पर कोमाखान  फॉरेस्ट के युवा साहसी बीट गार्ड खेमराज साहू बताते है कि क्षेत्र में भालू की मात्रा लगभग पंद्रह से आधिक होने के कारण वे खाद्य वस्तुएँ प्राप्ति हेतु यत्र तत्र भटकते है फलदार, फुलदार,पौधों के रोपण से उन्हे भविष्य में खाद्य वस्तुएँ फल फूल बड़ी सहजता से प्राप्त होगा

वही जोंक नदी की सहायक कांदाजड़ी नाला के वन क्षेत्र से प्रवाहित होते पानी भी उन्हे बड़ी सुलभता से प्राप्त होगा जिसकी वजह से वे ग्रामीण क्षेत्र की ओर पलायन भी नही करेंगे उन्होंने आगे बताया कि दरबेकेरा वन ग्राम प्रबन्ध समिति द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जाती है वही प्लांटेशन क्षेत्र में चौकीदार नियुक्त किया गया है ताकि सुरक्षा बनी रहे बीट गार्ड खेमराज साहू ने बताया 


कि प्लांटेशन क्षेत्र में प्रारंभिक् स्तर पर गाला थाला निर्माण कर डी. ए. पी. दवा खाद,यूरिया, से उपचार किया जा चुका है वहीं केज्युवल्टी निंदाई गुड़ाई भी किया गया है अब वहाँ प्लांटेशनन क्षेत्र में प्रतिदिन सुरक्षा देखरेख की जा रही है उल्लेखनीय है कि यह प्लांटेशन कार्य भारत माला सड़क निर्माण परियोजना के तहत मार्ग मे अवरोधित  क्षतिग्रस्त पेड़ पौधों की क्षति पूर्ति के रूप में कैंपा मद से वर्ष 2024-2025- से लेकर वर्ष 2033-2034 तक आठ से दस वर्षों के लिए समान्य वन मंडल महासमुंद  अंतर्गत बागबाहरा परिक्षेत्र के कोमाखान परिवृत क्षेत्र मे प्लांटेशन का रोपण किया गया है जो राष्ट्रीय राज मार्ग भारत माला सड़क उन्नयन योजना के साथ वन विभाग से अनुबंध कर कैंपा मद से क्षति पूर्ति राशि प्रदान कर रिक्त वन भूमि में रोपण कार्य संपादित कर  वनों के स्वरूप को सुधार किया जा रहा है जो आने वाले आठ दस वर्षों पश्चात कोमाखान का उक्त क्षेत्र हरियाली के मामले मे एक  अलग ही छटा बिखेरेगी  जिससे वन का रकबा भी बढ़ेगा. 

सोमवार, 13 अक्टूबर 2025

किशोर द के सुपर हिट प्रेम विरह, तकरार, रुमानी, गीतों को सुन कर श्रोता भी कह उठे...गाता रहे मेरा दिल

 किशोर द के सुपर हिट प्रेम विरह, तकरार, रुमानी, गीतों को सुन कर श्रोता भी कह उठे...गाता रहे मेरा दिल



  अलताफ़ हुसैन 

  समीक्षक/ विश्लेषण

एक रास्ता है जिंदगी,,,सांसों मे गर्मी है ,,कल की हंसी मुलाकात के लिए,,,,, और खातून की खिदमत मे सलाम अपुन का... अरे दिवानों मुझे पहचानो,,,,मै हूँ डॉन ,,,जैसे सदाबहार गीतों के गुल दस्तों के साथ रविवार 12 अक्टुबर की शाम छ बजे से मायाराम सुरजन हॉल गुलज़ार हुआ जिसमे किशोर कुमार की पुण्य तिथि पर विशेष रूप से ...गाता रहे मेरा दिल...म्युजिकल् ग्रुप ने उनके द्वारा गाए सदा बहार नग़्मों की प्रस्तुति देकर उन्हे श्रद्धा सुमन अर्पित किया रायपुर सहित बाहर से पधारे स्थानीय कलाकारों ने अपनी बेहतरीन  आवाज़ और अंदाज़ के साथ एक शनदार प्रस्तुति दिया  जिसमे एक से बढ़कर एक आवाज़ के जादूगरो ने ऐसा गीतो का समां बांधा की खचाखच भरे हॉल किशोर मय हो गया तथा प्रत्येक  गीतो पर श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट की आवाज़ से गायक कलाकर दुगने उत्साह के साथ अपने परफॉरमेंस देते गए पचास गीतों के इस फेहरिस्त से लबरेज़ गुलदस्ते में श्रोता  अपनी सीट से टस से मस नही हुए मुंबई से पधारे राजेश पटेल यहाँ आकर माहौल को ऐसा खुशनुमा निर्मित कर दिया कि उनके प्रत्येक गीत पर श्रोताओं ने दिल खोल कर स्वागत किया इसके बाद लगातार...आँखों मे काजल है,,, लावरिस का गीत,,अपनी तो जैसे तैसे जनाबे आली,,,,अब चाहे मां रूठे या बाबा मैंने,,,,, तुमसे बड़ कर दुनिया में,,,,जैसे गीतों का यह कारवां धीरे धीरे बढ़ता चला गया इस दरमियान लगभग बारह गीतों की विशेष प्रस्तुति गाता रहे मेरा दिल के डायरेक्टर नवाब कादिर ने प्रत्येक प्रस्तुत  गीतो में ऐसा ऊर्जा का संचार भर दिया कि सभी प्रस्तोता गायक दोगुना उत्साह से अपनी प्रस्तुति देने लगे...गाता रहे मेरा दिल के डायरेक्टर नवाब कादिर का गीतों का चयन इतना लाजवाब होता है कि वे लीक से हट कर कुछ नया परफॉर्मेंस देनें का प्रयास करते है यही नही डेढ़ से दो माह तक सभी गायकों से भरपूर अभ्यास करवाते है एवं स्वयं गीतों का रिहर्सल भी करते है तभी तो अपने गीतों में जीवन जीने की अद्भुत विशेषता झलकती है ठंडे या सुस्त वातावरण प्रोग्राम में अपनी अद्भुत गायन शैली एवं अंदाज़ से प्रस्तुति दे कर धूमधाम, ताबड़तोड़, खुशनुमा माहौल निर्मित कर देते है उनके इसी गीत संगीत प्रेम की वजह से उनके स्वस्थ मन और काया को ऊर्जावित करती है उन्हे ही नही बल्कि श्रोता गण  भी तीन से चार घंटे के लिए दुनिया के समस्त झंझावत से किनारा करके गीत संगीत में ऐसे तल्लीन हो जाते है जैसे दुनिया मे अन्य कार्य की कोई आवश्यकता ही नही रह गई हो इसलिए सब की संतुष्ट देनें के पुण्य कार्यो के लिए वे पूरी गीत संगीत के तप की साधना कर अपने प्रतिभागी चयनित गायक और गीत की प्रस्तुति मंच पर दिलवाते है यही वजह है कि....गाता रहे मेरा दिल... कार्यक्रम का श्रोता बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करते  है इस बार के कार्यक्रम में उन्होंने सहयोगी गायकों से प्रेम, विरह, तकरार, रूमान, फास्ट सॉन्ग सहित सोलो गीतों को क्रमशः प्रस्तुत करवाया लगभग चार  घंटे अवधि  वाले कार्यक्रम में कोई भी ऐसा श्रोता नही था जिसने उठ कर घर जाने का विचार किया हो वे  सीट में जड़वत हो कर सभी गीत को मंत्र मुग्ध हो कर आनंद उठाते रहे वहीं...गाता रहे मेरा दिल...के संरक्षक तिलक पटेल की आवाज़ और सुर में बहुत अधिक सुधार आ चुका है  या ये कह लें कि प्रस्तुत गीतों के पीछे उन्होंने कसरत से मेहनत किया और प्रत्येक शब्दों को रटने का भरपूर प्रयास किया फिर भी उर्दू शब्द में उनकी कुछ कमी नज़र आती है  वरिष्ठ गायिकाओं में अनुभा जी एवं पूजा मैडम को बेहतर परफॉर्मेंस देने के लिए उन्हे स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया वही निलिमा मैडम एवं उर्मिला मैडम ने अपनी सुमधुर  सुरीले गीतों से ऐसा ताल मेल बिठाया जिसे सुनकर श्रोता झूमने लग गए  गायको में विश्वजीत जी एवं विनोद देवांगन की आवाज़ में संजीदगी के साथ ऐसा अल्हड़ पन था कि हर गीत पर श्रोता वाह वाह कह उठे   शहज़ाद खान ने सोलो एवं फास्ट गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को झूमने विवश कर दिया वही विशन पटेल अख्तर शरीफ ने अपनी आवाज से न्याय किया और वे पूरी मेहनत कर श्रोताओं की  अपेक्षा में खरे उतरने मे कामयाब रहे 

     गाता रहे मेरा दिल म्युजिकल् ग्रुप की इस  किशोर द की पुण्य तिथि पर विशेष पेशकश का आयोजन किया जाना वाकई में बेहद सुखद एवं अविस्मरणीय पल रहा जो  कार्यक्रम के सफल होने की ओर इंगित करता है  इसकी खास वजह यह भी है कि एक ही ढर्रे पर केंद्रित गीतों की प्रस्तुति श्रोताओं में उबाऊपन ला देता है इस वजह से चयन कर्ताओं ने उन गीतों का ही चयन किया जो श्रोताओं की अपेक्षा में नयापन ला सके जबकि अमूमन देखा यही जाता है कि गीत संगीत के कार्यक्रम में उन्ही गीतों को समाहित किया जाता है जो लोगो की जुबान में रचे बसे हो जिसकी वजह से सुर ताल आवाज़ की निरसता श्रोताओं को बोझिल बना देती है तथा श्रोता भी औपचारिकता निभा कर कार्यक्रम की इति श्री मान लेते है परंतु...गाता रहे मेरा दिल...के डायरेक्टर नवाब कादिर गीत संगीत के मामले में कोई समझौता नही करते वे प्रस्तुत गीतों की जम कर कलाकारों से रियाज़ तो करवाते ही है उसके साथ ही संगीत ट्रैक पर भी पैनी नज़र रखते है यही कारण इस दफा स्पेशल ट्रैक बनवाये ताकि श्रोता और गायक दोनों सुन कर झूम जाए और इस प्रयोग पर वे कहीं हद तक सफल भी हुए इसका उदाहरण यह है कि जितने भी श्रोताओं ने उक्त कार्यक्रम को सुना देख उसकी भूरि भूरि प्रशंसा किये बगैर नही थक रहे है .जो उनकी सफलता का माप दंड माना जा सकता है जिसके लिए वे इस का श्रेय अपने म्युजिकल् ग्रुप....गाता रहे मेरा दिल...की पूरी टीम को देते है.सबसे बड़ी बात यह है कि पचास गानों कि लंबी फेहरिस्त को अंजाम तक पहुँचने मे मंच के खेवैया, सेतु साहू का विशेष योगदान रहा जिन्होंने एक या दो सारगर्भित् शेरों शायरी बोलकर सीधे गायकों को मंच पर आमंत्रित करते गए जो समय से आधे घंटे पूर्व तक कार्यक्रम समापन की ओर पहुँच गया था.. 

गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

बिहार चुनाव सब के लिए चुनौती बड़ी

 

              बिहार चुनाव  सब के लिए चुनौती बड़ी



अर्जुन तिवारी

 रायपुर (मिशन पॉलिटिक्स न्यूज़) बिहार चुनाव में इस बार सीट शेयरिंग में सभी मुख्य राजनीतिक पार्टियों का पसीना छूटने लगा है एक ओर भाजपा इस बार भी नीतीश कुमार के चेहरे को सामने रख कर चुनाव पिच में कूदने की घोषणा कर चुके है वही दूसरी ओर संगठन में शामिल चिराग पासवान को मनाने में खूब पसीना बहाने मजबूर दिखाई दे रहा है चिराग पासवान की पहले 4 से 5 सीट देकर लाली पाप थमाने वाले भाजपा को इस समय अपने पार्टी को अधिक से अधिक टिकट मांग रखकर सबको चौका दिया है पिछले चुनाव में पासवान की पार्टी जितने भी सीट मिले थे उसमें सभी सीटों में जीत कर आया था उसी के चलते पासवान अधिक सीट की मांग कर रहे है ताकि पार्टी में बिहार के लिए सर्वाधिक दबाव बना सके वहीं दूसरी ओर कल की टी वी डीवीडी में बीजेपी प्रवक्ता नीतीश कुमार ही संगठन में अगले मुख्य मंत्री होने की बात करके सबको चौका दिया है जबकि केंद्रीय स्तर पर ऐसा सर्वाधिक घोषणा अभी नहीं किया गया है वही हाल कांग्रेस पार्टी की है लालू के लाल तेजस्वी यादव न अपने आपको बिहार के अगले मुख्य मंत्री खुद को घोषणा करके कांग्रेस पार्टी को बेकपुट में लाकर खड़ा कर दिया है जब की कांग्रेस पार्टी जीत के आधार पर मुख्य मंत्री बनाए जाने की बात करते आ रहे है मजेदार बात ये भी है कि इस बार के बिहार चुनाव में लालू पुत्र अलग अलग चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है तेजप्रताप के द्वारा अलग पार्टी बना लेने के बाद तेजस्वी यादव को पसीना पहने में कोई कसर नहीं छोड़ा है अब देखना ये है कि इस बार की बिहार चुनाव में किसका पताका फहराता है और कौन मुख्य मंत्री के आसान में बिराजमान होते है भाजपा इस बार महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए दस दस हजार अपनी रोजगार शुरू करने के लिए रकम देकर चाणक्य नीति खेल जरूर खेल है पर विजय श्री मिल जाए ये कहना परिस्थिति को देखते  हुए कठिन ही लगता है वही बिहार चुनाव घोषणा होते ही राहुल गांधी का बाहर रहना किसी के गले नहीं उतर रहा है

रविवार, 5 अक्टूबर 2025

स्व. श्री मांगे राम शर्मा की पुण्यतिथि पर "निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा शिविर" का आयोजन



स्व. श्री मांगे राम शर्मा की पुण्यतिथि पर "निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा शिविर" का आयोजन  



रायपुर, आज रविवार दिनांक 5 अक्टूबर, 2025 को प्रांतीय कार्यालय, प्रोफेसर कालोनी, रायपुर में वर्ल्ड ब्राह्मण फ़ेडरेशन एवं सर्व युवा ब्राह्मण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द ओझा और महिला अध्यक्ष नमिता शर्मा की अध्यक्षता में प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी जिसमें सर्वसम्मति से वर्ल्ड ब्राह्मण फ़ेडरेशन के संस्थापक एवं पूर्व चेयरमैन स्व. श्री मांगे राम शर्मा जी की पुण्यतिथि पर "निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा शिविर" का आयोजन 6 अक्टूबर, 2025 को एस.के. केयर हास्पिटल, पचपेड़ी नाका, रायपुर में  प्रातः 9 से 3 बजे तक एवं 12 अक्टूबर, 2025 को छत्रपति शिवाजी उ.मा. विद्यालय, प्रोफेसर कालोनी, रायपुर में प्रातः 9 से 12 बजे तक "निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा शिविर" आयोजित करने का निर्णय किया गया. इस शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा परामर्श एवं ब्लडप्रेशर, शुगर, हिमोग्लोबिन, फैटी लिवर आदि की जांच निशुल्क की जाएगी. चिकित्सा जांच एस.के. केयर हास्पिटल के सहयोग से संपन्न की जाएगी.

इस बैठक में प्रमुख रूप प्रदेश महासचिव डाॅ सुनील ओझा, प्रदेश सलाहकार द्वय रज्जन अग्निहोत्री, त्रिभुवन तिवारी, संभागीय अध्यक्ष नितिन झा, महिला महासचिव सुमन मिश्रा, उपाध्यक्ष बबीता मिश्रा, प्रदेश सचिव द्वय वीणा मिश्रा, रामब्रत तिवारी, सांस्कृतिक प्रभारी प्रीति मिश्रा, मीडिया प्रभारी सुमन पाण्डेय, संभीगीय सह सचिव उमेश शर्मा आदि पदाधिकारी उपस्थित थे. बैठक का संचालन नमिता शर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन रज्जन अग्निहोत्री ने किया.


गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025

जंगल का शेर सफारी में बीमार और भी वन्य प्राणियों की हो चुकी मौत

 जंगल का शेर सफारी में बीमार और भी वन्य प्राणियों की हो चुकी मौत


अलताफ़ हुसैन

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) छ्ग प्रदेश के नवा रायपुर मे मानव निर्मित जंगल सफारी वैसे तो पूरे भारत देश, सहित विदेश में  काफी लोकप्रिय हो चुका है लगातार विलुप्त होते वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन कार्य हेतु छ्ग वन विभाग रात दिन जुटा रहता है इश्वरी संरचना की बे मिसाल सजीव तस्वीर से रूबरू होने इनके दर्शन मात्र हेतु जन मानस विशेष रूप से यहाँ पहुँचते है तथा भिन्न भिन्न जीव जंतु वन्य प्राणियों की छ सौ प्रजाति से साक्षात्कर होकर ईश्वरी संरचना की भूरि भूरि प्रशंसा व्यक्त करते है परंतु जब से वन्य प्राणियों का  संपर्क मानव से लगातार होने लगा तब से इनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ने लग गया है  वन क्षेत्रों मे मुक्त एवं स्वच्छ वातावरण में रहने वाले वन्य प्राणियों की स्थिति बड़ी दयनीय अवस्था में पहुँचते जा रही है इनके दाना पानी जो नैसर्गिक हुआ करती थी अब वह रसायनिक,हाई ब्रिड के रुप में परिवर्तित हो चुका है प्राकृतिक रूप से मिलने वाले फल,फूल बीज, माँस सब वहीं से प्राप्त हो जाता था परंतु  जंगल सफारी एवं अन्य मानव निर्मित क्षेत्र में वन कर्मचारी उनके स्वस्थ्य की चिंता करते हुए एंटीबायटिक दवाओं एवं अन्य वस्तुओं का मिश्रण कर उन्हे धीमा जहर दे रहे है जिसकी वजह से अनेक वन्य प्राणी असमय काल के गाल में समा चुके है इसका जीता जागता उदाहरण नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी में देखने मिल रहा है जहां  बंगाल टाईगर विगम कुछ दिनों से गंभीर रूप से अस्वस्थ है तथा उसकी इह लीला कभी भी समाप्त हो सकती है ऐसा बताया जाता हौ



      जंगल सफारी जू के अति विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि बंगाल टायगर जो सफारी का प्रमुख आकर्षण का केंद्र बिंदु है विगत कुछ दिनों से बुरी तरह से अस्वस्थ चल रहा है प्रत्यक्षदर्शीयों का कथन है कि उसने कुछ दिनों से खाना पीना सब छोड़ चुका है उसे ग्लुकोज  ड्रीप्  लगा कर  उसे क्वारनटाईन मे रख कर उसे बचाने की जद्दोजहद की जा रही है तथा वह अचेतन, मरणासन्न स्थिति में पड़ा हुआ है लगातार डॉक्टर उसका इलाज कर रहे है परंतु  स्थानीय कर्मियों का कथन है कि वह कभी भी दम तोड़ सकता है जबकि यह भी ज्ञात हुआ है की  वन्य प्राणियों के खान पान में भारी लापरवाही बरती जाती है किस समय कौन से हिंसक प्राणियों को कौन सा माँस दिया जान है कोई ध्यान नही दिया जाता सफारी में दो  डॉ रहने के बाट उनके द्वारा सप्ताह या महीने में कोई परीक्षण नही किया जाता  इसका खामियाज़ा यह हुआ कि  शेर के ईलाज हेतु  गुजरात के जाम नगर स्थित अंबानी के वनतारा सफारी मे भेजा गया है  ईश्वर की कृपा रही तो वह भविष्य में  व्यधि। ग्रस्त  शेर के दर्शन स्थानीय जंगल सफारी में होंगे  नहीं तो फिर नया शेर आयातित   कर उसकी भरपाई करने योजना बनाई जाएगी   यही वजह है कि वर्ष भर पूर्व में  शेर के शावक सहित अन्य वन्य प्राणियो की मौत हो चुकी है  ज्ञात तो यह भी हुआ है कुछ दिन पूर्व एक काला हिरण की मौत होना  भी बताया गया जिसे जग जाहिर नही किया गया इस संदर्भ में सच्चाई ज्ञात करने जब जंगल सफारी के एस डी ओ शिव डहरिया से पूछा गया तो उन्होंने  किसी भी काला हिरण की मौत न होने की बात कही पश्चात   उन्होंने  किसी भी वन्य प्राणी की मृत्यु होना स्वभाविक,प्रकृति के अनुकूल होने की बात भी कही जबकि करोड़ों का राजस्व देने वाले वन्य प्राणियों को कारावास की स्थिति में पहुंचाने वाले मानव समाज ही है एवं उनकी सेवा सुश्रुषा करने का बीडा वन कर्मियों की ही बनती है फिर उनके खान पान से लेकर वन्य प्राणियों के स्वस्थ्य की चिंता कैसे नही होनी चाहिए परंतु यहाँ ठीक विपरीत स्थिति चल रहा है  ..यहाँ वन्य प्राणियों को चारा नसीब नही...एवं वन्य कर्मी मटन और मछली खा रहे है....ये वही खुराक है जिसे वन्य प्राणियों को परोसा जाता है प्रति वर्ष निकाली गई निविदा के मुताबिक वन्य प्राणियों को दी जाने वाली मटन की मात्रा कम दी जाती है वही  विजय पाटिल डिप्टी द्वारा यहाँ हर चार दिन में मछली मारा जाता है बताते चले की कुछ वर्ष पूर्व शेर के शावक को मछली खिला  दिया गया था जिसकी गले मे कांटा  फंसने  की वजह से बाद  में उसकी मृत्यु भी हो गई थी वही उद बिलाव घड़ियाल, मगर इत्यादि  के लिए मछली मंगवाई जाती है  लेकिन  निविदा कारों से  न लेकर  किस व्यवस्था के तहत  मछली स्थानीय  खंडवा जलाशय से निकाल कर लाखों का खेल कर लिया जाता है विश्वस्त सूत्र यह भी बताते है कि  यदि मछली का टेंडर कुछ लोग से किया गया  तो उन्हे स्थानीय  मछली मारने  का भुगतान किस मद से किया जाता है?  वही जंगल सफारी क्षेत्र में स्थित खंडवा जलाशय से मछली निकालने का फरमान डी एफ ओ द्वारा जारी किया गया वही सी सी एफ वन्य प्राणी के आफिस से मिले सूचना के अधिकार पत्र के अनुसार मछली मारने जैसा   कोई लेटर जारी नही किया गया इस प्रकार के अलग अलग विरोधाभासी पत्र प्राप्त होने  से  यह ज्ञात होता है कि वास्तविकता पर पर्दा डाल कर गड़बड़ी  कर भ्रष्टाचार  का नया इतिहास रचा जा रहा है  इस संदर्भ में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत। किसी भी प्रतिबंधित क्षेत्र, जैसे कि जू या सफारी, में मछली पकड़ना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के उल्लंघन के तहत एक दंडनीय अपराध है। यह गतिविधि जलीय,एवं वन्यजीवों के प्रजनन और उनके आवास को बाधित कर सकती है, और ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।  इन क्षेत्रों में मछली पकड़ने की अनुमति आमतौर पर विभाग को भी नहीं होती है, और ऐसा करने पर कार्रवाई की जा सकती है। 


 उल्लेखनीय है कि जंगल सफारी के सर्वाधिक चर्चित वन कर्मी कन्नौजे का आता है जिनके द्वारा वन प्राणियों के रसद आबंटन की महती जिम्मेदारी है परंतु वे उस पर भी कांटा मार देते है इनके संदर्भ में यह भी बताया जाता है कि गरियाबंद  डिविजन के धवल पूर रेंज के कक्ष क्रमांक 85*  में बहुत से भ्रष्ट कार्यों को अंजाम दिया था जहाँ प्लांटेशन न करते हुए पूरी की पूरी राशि हजम कर दिया गया जिसकी चर्चा आज भी चटकारे लेकर बताई जाती है वही एक अन्य सफारी वन कर्मी तो  बकायदा मछली जो टनों से निकाली गई थी जंगल सफारी के  वन  चौकीदार  चंद्रिका  सिन्हा के  सहयोग से पिछले  रास्ते निकाल कर किसे कब और कहाँ दी गई यह अब भी अबूझ पहेली बनी हुई है  इसकी संपूर्ण जांच की आवश्यकता है यही नही  श्रमिकों के भुगतान,निर्माण एवं अन्य मदों के बिल बाउचर की राशि में गड़बड़ी निकलेगी वह भी जांच का विषय है क्योंकि अब तो सीधे ऑन लाइन कार्य संपादित किया जाता है जिसमें ओवर राईटिंग करने का कोई खेल नही  कर सकता अब सारा खेल ठेकेदार उनसे लेकर भुगतान किये जाने वाले श्रमिकों के आधार कार्ड का सुक्षमता से निरीक्षण से सारा सच सामने आ जाएगा यही नही ठेकेदारों, एवं समिति, एन.जी.ओ.द्वारा संपादित कार्यों की समीक्षा भी मुख्य जांच का विषय है यदि ऐसा किया जाता है तो एक बहुत बड़े फर्जीवाड़ा होने का खुलासा होने की संभावना बताई जाती है

सोमवार, 29 सितंबर 2025

औद्योगिक विकास क्षेत्र मे वैश्विक भागीदारी निभाने छ्ग ने कदम बढ़ाया

 औद्योगिक विकास क्षेत्र मे वैश्विक भागीदारी निभाने छ्ग ने कदम बढ़ाया


अलताफ़ हुसैन

रायपुर (मिशन पॉलिटिक्स न्यूज़) छत्तीसगढ़  25 वर्ष पूर्व जब अविभाजित म.प्र.राज्य मे था तब तक यह पिछड़े  क्षेत्र के रूप में जाना जाता था फिर जब छ्ग राज्य स्थापना दिवस वर्ष 2000 में किया गया तब तक अथवा इसके पूर्व उद्योग के क्षेत्र में कोई  उल्लेखनीय उपलब्धि नही मानी जाती थी गिने चुने उंगलियों में कुछ  औद्योगिक घरानों का दबदबा और नाम पूरे प्रदेश में लिया जाता था परंतु जब से देश भर में भाजपा सरकार के यशस्वी प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शी सोच, एवं विकास परक नीतियों ने छ्ग प्रदेश ही नही अपितु संपूर्ण  देश के नवाचार उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा देने में एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला कर खड़ा कर दिया है नित नवीन  तकनीक  परियोजनाओं एवं स्वदेशी आधुनिक उद्योगों को ऊंचाई  देने के लिए बहुत से औधोगिक घरानों को हर क्षेत्र में आमंत्रित किया जा रहा है  जिसका प्रतिफल यह मिल रहा है कि छ्ग राज्य निर्माण पश्चात 25 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ प्रदेश की वर्तमान  विष्णु देव साय सरकार ने मात्र  डेढ़ से दो वर्ष के  अल्प कालिक कार्यकाल में  साय साय करते हुए दो सौ से उपर  कंपनियां एवं निवेशकों को हरि झंडी दे दी  है जिसमें समस्त सेक्टर में भिन्न भिन्न उत्पाद वस्तुओं का निर्माण, सहित बाजार उपलब्ध किया जाएगा यही नही स्थानीय निवेशकों के अलावा विदेशी जापानी कंपनी भी छग प्रदेश में अपने उत्पाद निर्माण करने में इच्छा जताई है जिनमें कमोबेश सात सौ से उपर कंपनी एवं पूंजी निवेशक अब भी कतार बद्ध में है  यह उदगार (सी एस आई डी सी) छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबन्ध संचालक विश्वेश  झा से खास चर्चा में बताई 


छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबन्ध संचालक विश्वेश झा ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकारों ने औद्योगिक विकास एवं निवेश क्षेत्र मे इस ओर बहुत से सफल कार्यक्रम के मध्यम से कंपनियों को आमंत्रित किया गया था परंतु बहुत सी अव्यवस्थाओं, एवं आसुविधाओं की वजह से कंपनी अपने हाथ पीछे खिचने लगे इसका परिणाम यह हुआ की प्रदेश जहाँ से प्रारंभ हुआ था वहीं वापस आकर खड़ा दिखाई दिया परंतु वर्तमान की विष्णु देव साय सरकार ने नवीन नीति गत योजना के तहत अनेक कंपनियों, पूंजी निवेशकों को आकर्षक सुविधा उपलब्ध कराने का वादा किया जिसका परिणाम यह हुआ की बैंगलुरु, सहित जापान, एवं बस्तर जैसे नक्सला पिछड़े क्षेत्रों में कंपनियों एवं पूंजी निवेशकों ने अभिरुचि व्यक्त करते हुए उद्योग लगाने सहमत हो गए उद्योगों एवं पूंजी निवेशकों को सुविधा उपलब्ध कराने के संदर्भ में पूछे जाने पर उद्योग निगम के एम.डी. विश्वेश झा ने आगे बताया कि किसी भी कंपनी एवं उद्योग निर्माण हेतु भूमि की आवश्यकता पड़ती है जिसे सरकार मुहैया उपलब्ध करानें दृढ़ संकल्पित है इसके लिए  उद्योग विभाग सहित सरकार की उद्योगिक  नीति के तहत अल्प राशि में भूमि वितरण करेगी इसके साथ ही किसी भी कंपनी के उत्पाद निर्माण मे आयातित मटेरियल रॉ मटेरियल के आवागमन की सुविधा हेतु बेहतर सड़क मार्ग निर्माण किया जा रहा है साथ ही उद्योग संचालन हेतु बिजली जल व्यवस्थाओं की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता प्रमुख है जो सरकार बिना व्यवधान के सुविधाएं उपलब्ध कराएगी 


स्थानीय छ्ग निवासियों एवं लधुत्तम,छोटे, मंझोले, उद्योगों, की क्या भूमिका पूछे जाने पर छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक विश्वेश झा आगे बताते है कि उन्हे भी उद्योग नीति के तहत भूमि स्थल से लेकर उपरोक्त समस्त प्रकार की बिजली, पानी, मार्ग, सुविधाएं सरकार प्रदान करेगी इसके लिए किसी बिचोलिये की अवशायक्त नही छ्ग सरकार ने उक्त योजना का लाभ उठाने हेतु ऑन लाइन की व्यवस्था कर दी है जो कोई भी उद्योग लगाने वाले व्यक्ति सीधे  छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के पोर्टल से जानकारी प्राप्त कर सकता है एम. डी.विश्वेश झा आगे बताते है कि किसी भी उद्योग लगाने हेतु स्थानीय व्यक्ति जो छ्ग का मूल निवासी है वह अन्य कंपनी के साथ उप निवेशक सहित सहभागिता सुनिश्चत कर उद्योग को, स्ट्रैबल,एवं ग्रोथ कर सकता है यही नही मैन्यु फैक्चरिंग से लेकर तकनीक, सहायक, कंप्युटर ऑपरेटर सहित दक्ष विधाओं में निपुण कुशल, अकुशल, कर्मचारीयों के कार्य हेतु रोजगार सृजन छ्ग उद्योग नीति में प्रमुखता से अंकित किया गया है ताकि कोई भी युवा बेरोजगार न रहे श्री झा आगे बताते है कि अब तक दो सौ ऊपर उद्योग निवेशक कंपनियों मे जिनमे प्रमुख रूप से , गारर्मेंट,स्टील,इलेक्ट्रनिक, एल्युमिनियम,  औषधि, हॉस्पिटल,होटल, मोटल,जिनमें ताज होटल, विलसन जैसे होटल भी शामिल है जो राज्य के लिए उपलब्धि मानी जा रही है वही आई.टी. सेमी कंडक्टर, हेतु सुविधाऐं दी जा रही है चिप इत्यादि के लिए बहुत बड़ा बाजार है फार्मा  निर्माण क्षेत्र में लोकल ग्रुप का सरलीकरण किया गया है ताकि निवेशक आकर्षित हो वही फूड इंडस्ट्रिज , जो जापान से आई है वह इस क्षेत्र को बढ़ावा देगी, उन्होंने आगे बताया कि अब तक छ्ग के मूल पूंजी निवेश 100 करोड़ रुपये तक लगभग पहुँच चुकी है रायपुर, सहित पाटन क्षेत्र, छोटे एवं लघु मंझोले उद्योग बस्तर में लगाने की योजना तेजी से कार्य कर रही है जहाँ राइस मिल, फूड इनवेस्टर ने रुचि दिखाई है इन्हे समस्त सुविधाए भविष्य में दी जाएगी उद्योग में सबसे बड़ा कार्य यह है कि लैंड ग्रहण, उपयोग, हेतु ऑन लाइन किया गया है 

जिसकी एन. ओ. सी. जिले के कलेक्टर द्वारा जन सुनवाई के मध्यम से संपूर्ण औपचारिकता करने के पश्चात दी जाएगी इसके लिए स्थानीय उधमियों एवं निवासियों में जागरुकता जरूरी है अधिक से अधिक शासन की योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए हालांकि अब तक 32% लोगों ने उद्योग लगाने जुड़ चुके है साथ ही बाहर के उधमी भी लगातार जुड़ रहे है जिसकी मुख्य वजह छ्ग प्रदेश को छ राज्य की सीमाएं जुड़ी हुई है यहाँ के निर्मित उत्पाद हेतु कथित राज्यों के बाजार में व्यापार खुला हुआ है जिसका लाभ भविष्य में नज़र आएगा वर्तमान में अनेक स्थानीय सहित विदेश की कंपनियों से लगातार मीटिंग चल रही है जिसमे अब तक 200 प्लास उद्योग लगाने सहमति बन चुकी है वही 700 सौ उद्योग से निरंतर मीटिंग चल रही है जो छग सरकार के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के कुशन मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में औद्योगिक विकास क्षेत्र में वैश्विक स्तर तक  पहुचाने में बहुत बड़ी भूमिका  साबित होगी  उन्होंने मात्र एक से दो वर्ष के अल्प कालीन कार्यकाल में उद्योगिक क्षेत्र में यह  उल्लेखनीय कार्य कर दिखाया  जो छग प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है

शुक्रवार, 26 सितंबर 2025

रुक्कू खान की अध्यक्षता में दुर्गा पूजा, गणेश पर्व, एवं गौरी गौर विसर्जन दशकों से मनाया जा रहा

 रुक्कू खान की अध्यक्षता में दुर्गा पूजा, गणेश पर्व, एवं  गौरी गौर विसर्जन दशकों से मनाया जा रहा 


अर्जुन तिवारी

 रायपुर (मिशन पॉलिटिक्स न्यूज़) प्रति वर्ष की तरह इस बार भी चौबे कॉलोनी में मां दुर्गा विराजित। की गई है और आज हर्ष उल्लास के साथ पंचमी मनाया गया दशकों से सर्व धर्म संभव के रूप में मां दुर्गा को विराजित किया जाता है 



दशकों से इस दुर्गा समिति में रुक्कू खान ही अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहते है जिसकी पूरी कालोनियों भूरि भूरि प्रशंसा की जाती है चौबे कॉलोनी दुर्गा समिति दशकों से  धार्मिक पर्व मनाते आ रहा है  समिति के युवा और  मां दुर्गा की भक्ति में समर्पित धनंजय तिवारी ने आज बताया कि चौबे कॉलोनी दुर्गा समिति गठन एक दशक पहले किया गया था जिसके अध्यक्ष रुक्कू खान को ही बनाया जाता है और रुक्कू खान अपना कार्य पूरे भक्ति भाव से करते आ रहे है टिक्कू खान मां दुर्गा की आरती में भी समिति के सदस्यों के साथ प्रतिदिन भाग लेते है आगे धनंजय तिवारी ने बताया कि हमारे समितियों के द्वारा हर धार्मिक कार्यों को प्रति वर्ष मानते आ रहे है हमारे समिति द्वारा गणेश उत्सव के समय गणेश जी की भी स्थापना किया जाता है और दिवाली के समय गौरी गौर विसर्जनएवं में भी हर्ष उल्लास से दशकों से भाग लेते आ रहे है 


इस समिति की एक विशेषता ये है कि हर सामाजिक पर्व जैसे गणेश उत्सव और दीपावली के गौरी गौर विसर्जन में समिति के अध्यक्ष रुक्कू खान को ही बनाया जाता है   जिसे रुक्कू खान भी हर्ष उल्लास के साथ स्वीकार कर  पूरी भक्ति एवं निष्ठा के साथ सामाजिक  समरसता, एकता की एक साक्षात उदाहरण प्रस्तुत कर रहे है जिसकी चारो ओर प्रशंसा की जा रही है

बुधवार, 24 सितंबर 2025

वन्य प्राणियों का जंगल राज या अब पुष्पा राज.... शिकार हुए वन्य प्राणियों के अवयव की तस्करी बढ़ी

 वन्य प्राणियों का जंगल राज या अब पुष्पा राज.... शिकार हुए वन्य प्राणियों के अवयव की तस्करी बढ़ी

अलताफ़ हुसैन 

रायपुर (फॉरेस्ट काईम न्यूज़) छ्ग प्रदेश के वन क्षेत्रों में आए दिन बेशकीमती काष्ठ तस्करी का विभाग द्वारा पकड़ना एवं किसी न किसी वन्य प्राणीयों के शिकार होने के समाचार,पत्र पत्रिकाओं के पन्ने एवं सोशल मीडिया के साइट कॉर्नर में सुर्खियां बटोर रहे है इसे देख कर ऐसा ज्ञात होता है कि वनों में वन्य प्राणियों का जंगल राज नही बल्कि चंदन तस्करी पर आधारित ब्लॉक बस्टर फिल्म के नायक पुष्पा राज के जैसा राज यहाँ भी चल रहा है जहाँ पर छग प्रदेश के बेशकीमती साल, सागौन, की जड़ें खोखली होते जा रही है लगातार तेजी से निर्मित होते क्रांकीट के जंगल ने मानों लहलहाती हरियाली लुप्त प्रायः स्थिति में होती जा रही है गगन चुंबी पेड़ पौधों की दैदीपयमान होती प्रकृति आभा को वन क्षेत्रों के चेहरों से मानों  बड़ी निर्दयता पूर्वक कुठाराधात कर के वनों की हरीतिमा युक्त चेहरे को नोच-नोच कर उसको बे नकाब कर दिया है जिसकी वजह से वनों का अस्तित्व नग्न अवस्था मे पहुँच गया है वनांचल क्षेत्र का रकबा इतना अधिक सिकुड़ता जा रहा है कि वन्य प्राणी अन्यंत्र पलायन करने विवश हो गए है  मानव समाज की लगातार उपस्थित से वन्य प्राणियों के रहवास क्षेत्रों में अतिक्रमण तथा गाडी मोटर वाहन की प्रेशर हॉर्न  से चिंघाड़ती चीं चिल्लपो, शोर शराबे की कानफोडू आवाज उनके आमद ओ रफ्त के संसाधनों से वन्य प्राणियों का जीवन दुरूह एवं भयभीत कर चुका है


कंदमूल,दाना चारा पानी की चाह में वे शहर, नगर, गांव,की ओर अन्यंत्र रुख कर जाते है परिणामतः भिन्न भिन्न अस्त्र शास्त्र, बारूद,विधुत, यूरिया खाद इत्यादि व्यवस्थाओं से उनका शिकार हो जाता है परंतु विभाग को उनके शिकार होने के पश्चात  जब जानकारी मिलती है तब तक शिकारी उनके अंग, भंग, अवयव को छिन्न भिन्न कर  आर्थिक लाभ उठाने के अवसर तलाश करते नज़र आते है तथा विभाग अपनी मौलिक जिम्मेदारी से बे खबर कार्यालय एवं मुख्यालय में मस्त रहते है  कथन आशय यह है कि वन्य प्राणियों,एवं वनों के संरक्षण, एवं संवर्धन के उद्देश्य में वर्ष में एक बार हम भले ही पर्यावरण  दिवस एवं वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह,या पखवाड़ा मना कर जन जागरूकता का ढिंढोरा पिटते हुए दंभ भरते है और यह कहते हुए नही थकते कि..ऑल इज वेल..ये कह कर संपूर्ण प्राकृतिक प्रेमियों को संतावना देकर हम अपनी पीठ भले ही थप थपावा लें परंतु क्या सही मायनों में  वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से पालन कर रहे है ? यह पहलू हमें उस समय बहुत अधिक व्यथित करता है जब घटते वनों के बीच किसी वन्य प्राणियों के मारने शिकार होने अथवा दुर्घटना का समाचार पढ़ने को मिलता है 


हाल फिल्हाल की घटना पर एक नज़र डालें तो  पखवाडे भर में पिथौरा वन परिक्षेत्र वन ग्राम गिरना मे एक हिरण के शिकार की मौत हुई थी वही बार नयापारा  अभ्यारणय क्षेत्र में मृत अवस्था में हिरण प्राप्त हुआ था रायपुर सहित अन्य क्षेत्र में जंगली वराह का शिकार या फिर हाल ही में बागबाहरा के वन ग्राम  परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 179 मे आँवरा डबरी के समीप विधुत तरंगित तार से भालू का शिकार किया जा चुका है  यही नही बागबाहरा परिक्षेत्र में छ माह पूर्व बायसन, सहित नर चीता के अलावा दो तीन वर्ष पूर्व प्राकृतिक वन कोठारी  के समीप वन क्षेत्र में दंतेल हाथी के करंट से मृत्यु सहित  हाल मे बलौदाबाजार वन मंडल अंतर्गत अर्जुनी के समीप मादा गर्भवती  गौर, (बायसन) के निर्दयता पूर्वक अंग भंग करना, खरोरा के करीब ग्राम मे जंगली वराह का शिकार सहित अंबिकापुर वन परिक्षेत्र में सड़ी गली अवस्था मे दंतेल हाथी,जैसे अनेक प्रकरण होते रहे है यही नही  मानव निर्मित जंगल सफारी जैसे सुरक्षित क्षेत्र में भी शेर के शावक  खूबसूरत वन्य प्राणी जेब्रा जैसे अनेकानेक वन्य प्राणियों की मौत हो चुकी है इनमे से कुछ वन्य प्राणी वाहन चलित हादसे के शिकार हो जाते है या फिर कुछ तो मानव समाज के रसस्वादन के लिए शिकार हो जाते है जिनमे से बहुत कुछ शिकारी तो पकड़े भी गए परंतु कितने अपराधियों को शिकार करने की सज़ा मिलती है ? कुछ लचीले रटे  रटाये कानूनी धाराओं में  उन्हे दो चार दिन में ही जमानत मिल जाती है जबकि बताया यह जाता रहा है कि मानव समाज द्वारा किसी वन्य प्राणियों का शिकार अथवा ह्त्या  करना किसी मानव हत्त्या से कम नही है इसके बावजूद लचीले कानूनी न्याय प्रक्रिया के चलते शिकारी बाइज्जत बरी हो जाते है जिसका परिणाम यह होता है कि वे फिर बेखौप होकर शिकार की पूनरावृत्ति करने लगते है यह समस्त व्यवस्था को देख कर क्या ऐसा भान नही होता  कि शेड्यूल 1के वन्य प्राणियों की लगातार हो रहे शिकार के पीछे सुनियोजित तरीके से  कार्य किया जा रहा है


क्योंकि अब तक जितने भी  वन्य प्राणियों का शिकार हुआ है उसमें अधिकतम वन्य प्राणियों के नाखून, दांत, जबड़ा, खाल बाल,इत्यादि को निकाल लिया जाता है कहने को तो वन विभाग अपराधी की गिरफ़्तारी से लेकर  सभी  कानूनी प्रक्रिया पूरी करती है  साथ ही जब्त किये जाने वाले माँस, एवं उसके अन्य अवयव रखे जाते है परंतु वर्षों से अपराधियों से शिकार किए गए वन्य प्राणियों से जब्त किए गए वे बेशकीमती अंग अवयव कहां जाते है जिनमें सिंग से लेकर नाखून, दांत,खाल,तक जब्त किए जाते रहे है ? यह अब आम जन के समक्ष एक बहुत बड़ा कौतूहल भरा सवाल खड़ा करता है ? 


क्योंकि बहुत से जागरूक नागरिक बार बार कथित जब्ती के दांत, बाल, खाल, सींग, नाखून, जैसे प्राणियों के अवयव पर सवाल पूछते हुए यह कहते हुए नही थकते  कि वर्षों से जब्त वन्य प्राणियों के अवयव का अब तक तो विशाल भंडारण लग गया होगा ?  न तो कभी इसकी नीलामी होती है एवं न ही इसको कभी डिस्पोज प्रक्रिया के समाचार पत्र में प्रकाशित किया जाता रहा है ? जबकि इस सवाल पर कुछ विभागीय अधिकारियों से चर्चा करने पर यह बताया गया कि जब तक कानूनी, एवं न्यायलायीन प्रक्रिया न हो तब तक शिकार अवशेष को सुरक्षित रखा जाता है पश्चात उसके जबड़े, दांत,सींग, हड्डी, बाल, खाल, इत्यादि को यह निर्णय कि अवशेषों का क्या करना है, मामले की परिस्थितियों, कानूनी आवश्यकताओं, वैज्ञानिक दृष्टि कोण और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के नियमों पर निर्भर करता है कि इसको नष्टीकरण लकड़ी के ईधन से जला कर या विधुत दाह से या जमीन में दफना कर किस विधि से नष्टिकरण किया जाता है यह नियम एवं आदेशों पर निर्भर करता है परंतु वन विभाग की ऐसी कोई प्रतिक्रिया अब तक स्पष्ट नही हो पाई है,
यदि ऐसी प्रक्रिया किया भी गया होगा तो स्थिति...जंगल में मोर नाचा...किसी ने न देखा... वाले गीत  को सार्थकता  जैसी प्रतीत होती है केवल किसी भी वन अधिकारी द्वारा उसका अग्नि दहन से ही नष्ट किया जाना ही बताया जाता है जबकि नियम अनुसार होना यह चाहिए कि नष्टिकरण से पूर्व  समाचार पत्र, अथवा वीडियों ग्राफी के मध्यम से सार्वजनिक तौर पर आम सूचना प्रदाय किया जाना तथा उसका निष्पदन अनिवार्य रहता है परंतु छ्ग प्रदेश में ऐसी कोई भी सींग, बाल, खाल, हड्डी इत्यादि की नष्टिकरण प्रक्रिया वर्षों से सार्वजनिक नही दिखी  न ही किसी समाचार पत्र के पत्रकार प्रतिनिधि के समक्ष पोस्ट मार्टम या वीडियो ग्राफ़ी  दाह संस्कार में उपस्थिति नही दिखा केवल स्वयं के वरिष्ठ अधिकारी एवं स्थानीय ग्रामीण से लिखित में सही हस्ताक्षर लेकर प्रकरण की इति श्री मान लिया जाता है यदि ऐसी कोई नष्टिकरण प्रक्रिया विगत दो पांच वर्षों पूर्व की गई है तो आधुनिक वीडियों ग्राफी, समाचार पत्र,की कटिंग अब भी सर्वजनिक किया जाना चाहिए ? संभवतः जिसका भी कोई स्पष्ट प्रमणीकरण उपलब्ध नही होगा
इसी तारतमय में जब कि  पुलिस विभाग भी वर्ष में कम से कम एक बार जब कोई नशीले मादक पदर्थ, गांजा, शराब का निष्पादन करती है तो बाकायदा उसे समाचार पत्र में प्रकाशित कराती है जिसकी वजह से आम जन के समक्ष पारदर्शिता बनी रहती है जबकि वन विभाग में वर्षों  से किसी प्रकार की ऐसी कोई प्रक्रिया आम जन के सामने नज़र नही आई जो मृत वन्य प्राणी के माँस के साथ उसके अवयव बाल खाल, सींग,दांत इत्यादि का दहन, दफन, या डिस्पोज किया गया होगा या नही अब तक स्पष्ट नही है ? जो जन मानस के समक्ष अनेक संदेह और आशंकाओं को जन्म देता है स्पष्ट करते चले कि वन्य प्राणियों के उक्त अवयव का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करोडो का व्यापार होता है जिसमें  दांत, सींग,हड्डियों से सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुएँ, औषधि निर्माण,चमड़े से कोट, जैकेट, बटन, जूता,एवं चर्म (चमड़े) खाल में भूसा भर कर सजीव (बुत) स्टेचू निर्माण करना सिंग को दीवारों में सजावट इत्यादि कार्य  उपयोग में लिए जाते  है जिसके अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों अरबों का व्यापार होता है अर्थात वन्य प्राणी जिंदा तो लाख का मृत हुआ तो सवा लाख का हो जाता है या यह भी कह लिया जाए वन्य प्राणियों के शिकार के पीछे...आम के आम.. और गुठली के दाम.. वाली उक्ति अक्षरशः सत्य साबित होती दिखाई देती है

इस संदर्भ में कुछ आदतन शिकारियों को टटोला गया तो उनका मत है कि रात्रि में बहुत से वन क्षेत्रों में हिरण, कोटरी, नीलगाय, का शिकार आसानी से कर लिया जाता है पश्चात वन्य प्राणी का शिकार कर तुरंत बाल खाल, सींग एवं अन्य अवशेष को बोरे में रख कर  या तो बेच दिया जाता है या फिर उसे दफन कर दिया जाता है इसे देखकर ऐसा ज्ञात होता है कि प्रदेश में कोई संगठित गिरोह सक्रिय है जो आवश्यकता अनुसार जिस वन्य प्राणी के अवयव की दरकार होती है उसी वन्य प्राणीयों का शिकार कर उस मांग के अनुसार पूर्ति की जाती है विचारणीय पहलू यह भी है कि वन्य प्राणियों की लगातार शिकार प्रकरण से वन क्षेत्रों के अस्तित्व पर भी सवाल उठने लगा है लगातार वन क्षेत्रों की कटाई,विदोहन, से वन क्षेत्र सिमटाता जा रहा है मूल वन्य प्राणियों के जंगल राज को मानव जैसे पुष्पा राज अनेक काष्ठ माफियाओं की नज़र लग गई है  हाल ही दिनों में सिरपुर वविनि परिक्षेत्र में लगभग 65 हरे भरे पेडों की कटाई के जुर्म में 35 लोगों को विभाग ने पकड़ कर नयायालय में प्रस्तुत किया जहाँ सब को जेल भेज दिया गया अब इतने कर्मचारियों के रहने के बावजूद भी इतनी अधिक मात्रा में काष्ठ कैसे निकल गया जानकार सूत्र बताते है कि अनेक वर्षों से वन विकास निगम , एवं वन विभाग रेग्युलर वन कर्मियों की मिलीभगत से सिरपुर महानदी का बहाव बलौदा बाजार, कसडोल, की ओर निकलता है जहाँ प्रति वर्ष कई सौ घन मीटर सागौन की तस्करी हो जाती है तथा इसकी गाज वन कर्मियों पर गिरता है विचारणीय पहलू यह है की वर्षों से पुराने सुशोभित इमारती काष्ठों की तस्करी एवं काष्ठ माफियाओं के  कारण  बहुत से जंगल अपना अस्तित्व खोते जा रहे है बड़ी मात्र में इसका विदोहन कर अन्य राज्यों में खपाया जा रहा है उड़ीसा, महाराष्ट्र, दिल्ली कलकत्ता तक स्थानीय काष्ठों की खेप फर्जी टी. पी. और चालान के मध्यम से निकली जा रही है इस कृत्य के लिए  बड़े काष्ठ माफियाओं से सांठ गांठ कर बहुत से विभागीय पुष्पा राज एक तरफा आर्थिक लाभ उठा रहे है  तथा इसकी भनक तक नही लग पाती काष्ठागार से लेकर डिपो तक भंडारण में बड़ी हेराफेरी होती रहती है यहाँ तक मालिक मकबूजा में की गई कटाई में लाखों के सागौन को प्राप्त कर सांठ गांठ मिलीभगत करके राजकीय व्यापार मद के नाम  विभाग से अतिरिक्त मद की  मांग कर मात्र कुछ हजारों रुपये में उपभोक्ताओं से सागौन एवं इमारती काष्ठ का आंकलन कर लंबी प्रक्रिया के पश्चात चंद रुपये थमा दिया जाता है 


जबकि लंबाई, गोलाई, श्रेणि,नग,घन मीटर,एवं दर में सारा गुणा भाग कर इसकी आड़ में देकर लाखों का खेल हो जाता है एवं उपभोगताओ से इमारती काष्ठ कौड़ियों के दाम पर लेकर लाखों की हेरा फेरी कर लिया जाता है अब ऐसे इमारती काष्ठ किस किस सॉ  मिलार्स के पास पहुँचता है यह बताने की आवश्यकता नही...मुफ्त का चंदन.. घिस मेरे नंदन ... वाली उक्ति यहाँ चरितार्थ होती नजर आती है अब भले ही चंदन लाल हो या सादा पीला हो..खुशबु  तो दोनों से ही निकलती है आज जैसे चंदन मे न ही वो दमक है न ही गमक है वन विभाग में ई कुबेर का हव्वा,ठेकेदारी प्रथा, रिकवरी का भूत से सब कोई दहशत में है परियोजनाओ के नाम पर एक पेड़ मां के नाम, एवं क्षति पूर्ति,बिगड़े वन सुधार वह भी कैंपा मद, औद्योगिक वृक्षारोपण,  पर कब तक वन एवं वानिकी कार्य संपन्न किया जाएगा यह सवालो के दायरे में चर्चा का विषय है जबकि विगत दो वर्षों से प्रदेश में कहीं भी वन क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्लांटेशन नही हुआ काष्ठों और वन्य प्राणियों के आसरे पर ही वन विभाग कब तक टिका रहेगा

रविवार, 21 सितंबर 2025

मेहा भूल गेहॉव रास्ता सब चीज होगे सस्ता मोला हंसी लगे

 

मेहा भूल गेहॉव रास्ता...सब चीज होगे सस्ता. मोला हंसी लगे


अर्जुन तिवारी

मेहा भूल गेहॉव रास्ता सब चीज होगे सस्ता,..को चरितार्थ करते हुए जी एस टी 18 और 5 प्रतिशत होने के बाद जो चीजों का डर कम हुआ है उनसे गरीब आवाम को किसी प्रकार का कोई राहत मिल गया कहना  एकदम बेमानी ही लगता है अब कम दर में मिलने वाली चीज की लिस्ट ही देख लीजिए पनीर आचार बिस्किट चाकलेट सिलाई मशीन थर्मो मीटर ट्रेक्टर ऐसी चश्मा, वाशिंग मशीन कीट नाशक  ग्लूको मीटर, मोटर सायकल, थ्री व्हिलर कार, पान मसाला, सब जी एस टी मे कम हो गया अब सोचने वाली बात यह है क्या ये गरीब लोगो की ये इस्तेमाल होने वाली चीज वास्तविक में है कहना समझ के परे ही लगता है अब दिन भर में चार से पांच सो रुपया कमाने वाले गरीब इंसान की जीवन इन्हीं सब चीज में निर्भर करती है


काश जी एस टी में कम करने के बजाय,चावल दाल नमक मिर्ची पर क्या फोकस किया गया है सब्जी भाजी जो रोजमर्रा की चीज है उसमें फर्क ही क्या पड़ा है आज भी दाल 120से 180 रुपया और चावल 70 से 80 रुपया किलो बिक रहा है अगर सरकार को कम ही करना था तो पेट्रोल और डीजल को जी एस टी के श्रेणी में लाकर 18 प्रतिशत में रख देना था ताकि ट्रांसपोटिंग में आने वाले कमी से कुछ राहत मिलता अब गरीब के बच्चे को पिज्जा बिस्किट से क्या लेना देना है उनको तो आग पर रोटी सेक कर उनके मां बाप खिलाते से ही पेट भरता है रहा बात आचार के सस्ता होने की बात तो गरीब लोग दुकान के आचार कभी खरीदना ही नहीं चाहते उनको तो अपने घर में बनाए गए आचार की स्वाद ही अमृत लगता है अब इनको पान मसाला से क्या लेना देना है जब वो पान खाते ही नहीं है सरकार की मादक पदार्थों में कीमत बढ़ाना यानि 40 प्रतिशत जी एस टी ने लाना सराहनीय कदम है गुटका सिगरेट बीड़ी शराब को महंगा करने से कुछ गरीब इन सब से अलविदा जरूर कर सकते है ताकि स्वस्थ में कुछ तो सुधार आने की उम्मीद जरूर बन सकता है जिसमें भी कम हुआ है वो भी किसी ने 2 रुपया किसी में 5 रुपया अधिकतम वस्तुएं जिसे गरीब आज भी इस्तेमाल नहीं कर पाएगा तो इसे प्रधान मंत्री द्वारा गरीबों को दिवाली का तोहफे कैसे माना जा सकता है

बुधवार, 17 सितंबर 2025

प्रधान मंत्री के जन्मदिवस पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दरगाह में चढ़ाई चादर,

 

प्रधान मंत्री के जन्मदिवस पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दरगाह में चढ़ाई चादर,


रायपुर,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर राजधानी रायपुर में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनुषांगिक संगठन है, ने विशेष आयोजन किया, इस अवसर पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच प्रांत की ओर से दरगाह हजरत सैयद शेर अली आगा बंजारी  वाले बाबा को चादर चढ़ाई गई, मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक एवं वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, मंच के प्रांत संयोजक युनूस कुरैशी सहित मुस्लिम समाज के कई गणमान्य लोग उक्त आयोजन में शामिल हुए, सभी ने मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना की,  प्रधानमंत्री के जन्मदिवस को विशेष बनाते हुए, राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का भी संदेश दिया,


मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि उनका उद्देश्य है कि देश के हर वर्ग को सब का साथ सब का विकास की तर्ज पर साथ लेकर आगे बढ़ा जाए, डाॅ.सलीम राज ने कहा कि, समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे विकास कार्यों को लेकर उत्साह है और आज देश हर क्षेत्र में प्रगति की नई इबारत लिख रहा है, कार्यक्रम में शामिल वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और निर्णयों से समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है, आज मुस्लिम समाज भी विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहा है और नई दिशा में प्रगति कर रहा है, ’’सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’’ का नारा जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने प्रधानमंत्री मोदी की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की दुआओं के साथ मुस्लिम समाज ने इस अवसर पर यह भी संकल्प लिया कि समाज की बेहतरी और देश की प्रगति में सक्रिय भूमिका निभाते रहेंगे, इस कार्यक्रम में कई प्रभावशाली लोग जिसमें दरगाह के सज्जादा नशीन हाजी मो.नईम रिजवी अशरफी, हाफिज व कारी यूसुफ रजा बरकाती, हाफिज व कारी मौलाना रिफत अली, मौलाना हकीम माजिद, हज कमेटी सदस्य गुलाम रहमान, हाजी अब्दुल समद, हाजी तफज्जुल हुसैन, हाजी प्यारे खान, फिरोज मेमन, फैजान अहमद, जीशान सिद्दीकी, रिजवान अली, मोहम्मद यासीन, गुलाम मुस्तफा, मोनिस रजा, बाबर खान, परवेज सलमानी, मोहम्मद इलियान सहित मुस्लिम समाज के अनेको-अनेक लोग उपस्थित रहे। 


मंगलवार, 16 सितंबर 2025

शारदीय नव रात्रि शक्ति महापर्व 22 सितंबर सोमवार से

 शारदीय नव रात्रि शक्ति महापर्व  22 सितंबर  सोमवार से 



अर्जुन तिवारी

शारदीय नवरात्रि शक्ति की आराधना का महापर्व इस बार 22 सितंबर 2025 सोमवार से शुरू होगा और 2 अक्टूबर को विजय दशमी के साथ मनाया जाएगा मां दुर्गाऔर उनके नव रूपों की साधना के लिए मनाया जाने वाला पर्व यह भक्तों के लिए भक्ति और शक्ति का अनोखा संगम है पंडितों के मुताबिक इस बार घट स्थापना 22 सितंबर को सुबह 6 बजकर 9 मिनट से आठ बजे तक शुभ अवधि में की जाएगी यह 1 घंटा 56 मिनट का समय होगा नवरात्रि के पौराणिक कथा के अनुसार मां दुर्गा ने महिषासुर नामक दानव का वध करके धर्म की रक्षा की थी इस लिए 9 दिनों तक मां दुर्गा की 9 सिद्धांतों की पूजा की जाती है इस वर्ष माता रानी की आगमन हाथी पर हो रही है जिसे शुभ समृद्धि  और शुभ संकेत माना जा रहा है।   

रविवार, 14 सितंबर 2025

वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन द्वारा हिन्दी दिवस पर विचार गोष्ठी



वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन द्वारा हिन्दी दिवस पर विचार गोष्ठी 

अर्जुन तिवारी

रायपुर, वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन एवं सर्व युवा ब्राह्मण परिषद के सोशल एक्टीविटी ग्रुप द्वारा विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर रविवार , दिनांक 14, सितम्बर, 2025 को होटल एमराल्ड, रायपुर में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी का विषय "वर्तमान में हिन्दी की दशा व दिशा" रखा गया था जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द ओझा एवं महिला अध्यक्ष नमिता शर्मा द्वारा की गयी. 

इस विचार गोष्ठी में उपस्थित सदस्यों ने अपने विचार प्रकट प्रकट किये एवं डाॅ सुनील कुमार ओझा, नमिता शर्मा ने हिन्दी पर विशेष काव्य पाठ भी किया. गोष्ठी में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु डाॅ सुनील कुमार ओझा, नमिता शर्मा एवं समय पर उपस्थिति हेतु  कनकलता मिश्रा को सम्मानित किया गया. 


इस अवसर विशेष रूप से प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द ओझा, महिला अध्यक्ष नमिता शर्मा, प्रदेश महासचिव अजय अवस्थी, डाॅ सुनील कुमार ओझा, महिला महासचिव सुमन मिश्रा, सलाहकार त्रिभुवन तिवारी, गिरजा शंकर दीक्षित,  सांस्कृतिक सचिव प्रीति मिश्रा, कनकलता मिश्रा, अनिमा शर्मा, लक्ष्मी राव, रामबृत तिवारी, अभिषेक त्रिपाठी, अर्चना तिवारी आदि उपस्थित रहे.

इस कार्यक्रम का संचालन अजय अवस्थी एवं आभार प्रदर्शन सुमन मिश्रा द्वारा किया गया.



शनिवार, 6 सितंबर 2025

जंगली वराह का शिकार,आठ आरोपी पर वन मंडल स्तरीय उड़न दस्ता ने बड़ी कार्यवाही की

 जंगली वराह का शिकार,आठ आरोपी पर  वन मंडल स्तरीय उड़न दस्ता ने बड़ी कार्यवाही की 

अल्ताफ हुसैन 

रायपुर (फॉरेस्ट काइम न्यूज़) छ्ग प्रदेश के वन क्षेत्रों का विदोहन एवं वहाँ के रहने वाले वन्य प्राणियों का शिकार थमने का नाम नही ले रहा है लगातार अवैध कटाई, एवं घटते वन के चलते बहुत से वन्य प्राणी की जान सांसत में रहती है तथा चारा दाना पानी की लालसा में वे खेत खलिहान, ग्राम नगर की ओर कुच करने लगते है परिणामतः  बहुत से वन्य प्राणी शिकारियों के शिकार से असमय काल ग्रास बन जाते है


इसका ताजा उदाहरण नवा रायपुर परिक्षेत्र के धुसेरा वन ग्राम के आश्रित ग्राम देवार भाटा  में देखने मिला जिसमे एक जंगली वराह को विद्युत करंट, अथवा रासायनिक, खाद मिलाकर शिकार किया गया जिसे काट कर विक्रय किया जाता था माँस को देवार भाटा ग्राम के एक मकान में पार्टी मनाने पकाया जा रहा था जिसकी सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी के आदेशानुसार कार्यवाही  करने रायपुर वन मंडल  एस डी ओ, आनंद कुदरिया के निर्देश एवं नेतृत्व मे परिक्षेत्राधिकारी चंद्र प्रकाश महोबिया के मार्गदर्शन पर वन मंडल स्तरीय उड़न दस्ता के सहायक प्रभारी  एस. सामंत राय,  उड़न दस्ता प्रभारी नवा रायपुर ने ग्राम धुसेरा के आश्रित ग्राम देवार भाटा  में  दबिश दी जहाँ पर जंगली वराह का शिकार कर उसको पकाते हुए पकड़ा गया जहाँ उक्त एक स्थान में लगभग छ व्यक्ति तथा दूसरे गन्ने के खेत में दो व्यक्ति कुल आठ व्यक्तियों से तकरीबन दस से पंद्रह किलो वराह का माँस पकाते हुए जब्त किया गया बताया जाता है कि क्षेत्र में जंगली सुअर (वराह) बहुतायात अवस्था में पाए जाते है जो क्षेत्र के खेत खलिहान में कंद मूल, चारा पानी की तलाश में आते है


 जिन्हे मुख्य आरोपी  गोवर्धन निर्मलकर, कीट नाशक यूरिया एवं तरंगित विद्युत तार एवं अन्य संसाधन से उनका शिकार कर बाहरी व्यक्तियों एवं स्थानीय लोगों को उसका मांस विक्रय करता था बताया जाता है यह सिलसिला लगभग छ माह से अनवरत जारी है यही नही मुख्य आरोपी गोवर्धन निर्मलकर् ग्राम देवार के संदर्भ में बताया जाता है कि ग्राम में एक ठेला लगा कर नशीली वस्तुओं का विक्रय कर ग्राम के युवाओं को नशे का आदि बना रहा था जिससे ग्राम वासियों में काफी रोष व्याप्त था यही नही वन्य प्राणियों का शिकार कर स्थानीय एवं बाहरी व्यक्तियों को विक्रय कर अर्थ लाभ उठाता रहता था जिसकी सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने छापा मार  बड़ी कार्यवाही करते हुए लगभग आठ आरोपियों को वराह माँस बेचते और स्वयं पकाते हुए  पकड़ा गया आरोपियों के पास लगभग दस किलो जंगली वराह का कच्चा एवं अधपका माँस बरामद किया तथा एक काली  पॉलीथीन  बैग में लगभग दो किलो से उपर ताजा कटे हुए माँस वराह का सिर, उसके ताजा जबड़े और उसके दांत, वन कर्मियों ने बरामद किया साथ ही पकाने के लिए चूल्हे में लगभग दस किलों का  अधपकाया हुआ माँस बरामद किया गया वही    ग्राम देवार भाटा के कुछ दूरी मे स्थित गन्ने की बाड़ी के खेत में  मुख्य आरोपी गोवर्धन निर्मलकर् एवं कामली नामक व्यक्ति की झोपड़ी में दो से तीन किलों वराह का माँस एवं काटने का तेज औजार बरामद किया गया दोनों स्थानों पर माँस काटने का सतुर चाकू लगभग दस नग, लकड़ी का कुंदा, बड़ी लोहे की कढ़ाही, एक एल्युमुनियम का गंज, दो सिलेंडर, गैस चूल्हा, सहित अन्य वस्तुएँ मौके से बरामद की गई कथित कार्यवाही  करते हुए उड़न दस्ता।सहायक प्रभारी  वन पाल  संतोष सामंत राय ने  वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9,39,50,51, की धारा 52 के तहत जप्ती एवं आरोपीगणों की। गिरफ्तारी कर न्यायलय में प्रस्तुत किया गया पकड़े गए मुख्य आरोपी मे  गोवर्धन निर्मलकर,पिता उदय राम, उम्र 45 उमेश विश्वास पिता विधा सागर उम्र 55 वर्ष, राजेश तारक, पिता  सरोउक राम धींवर्,उम्र 40 वर्ष, गजानंद साहू, पिता धनुष साहू उम्र 32 वर्ष, भुवनेश्वर् पाल पिता रतन पाल, उम्र 48,धनंजय तारक,पिता छबिलाल तारक उम्र 42 वर्ष आशोक कुमार यादव, पिता रामचंद्र यादव उम्र 58  वर्ष, हरक यादव पिता कोदु यादव उम्र 35 वर्ष सभी आरोपी गण ग्राम धुसेरा, देवार भाटा थाना मुजगहन निवासी है 


 जिन्हे माननीय न्यायालय के आदेश पर आज सभी आठ आरोपियों को सेंट्रल जेल रायपुर में दाखिल किया गया

 इस ताबड़तोड  कार्यवाही करने वाले वन कर्मियों में प्रमुख रूप से वन मंडल स्तरीय उड़न दस्ता के सहायक प्रभारी  एस. सामंत राय,  श्रीमती ईलिसबा खेश,सुनील ठाकुर फॉरेस्ट गार्ड, राजीव कुमार सिंह, फॉरेस्ट गार्ड, एवं बृज किशोर बाजपेयी फॉरेस्ट गार्ड,   सावन कुमार साहू , देवेंद्र ठाकुर, खमन लाल  रात्रे , बंजारे व अन्य वन कर्मचारीयों की भूमिक साराहनीय रहा

मंगलवार, 2 सितंबर 2025

व.वि.नि. रवान के डिप्टी रेंजर कृष्ण पटेल को सेवा निवृत होने पर अधिकारी कर्मचारियों ने भावभीनी विदाई दी

 व.वि.नि. रवान के डिप्टी रेंजर कृष्ण पटेल को सेवा निवृत होने पर अधिकारी कर्मचारियों ने भावभीनी विदाई दी 


रायपुर (छत्तीसगढ़ वनोदय न्यूज़)  छ्ग वन विकास निगम बार नयापारा  परियोजना मंडल अंतर्गत नवीन रेस्ट हाउस रवान में  लंबे समय से सेवा देने वाले डिप्टी रेंजर  कृष्ण  कुमार पटेल को रवान  परिक्षेत्र के समस्त वन विकास निगम के अधिकारी कर्मचारियों ने वृहद पैमाने पर कार्यक्रम का आयोजन कर भाव भीनी विदाई दी गई इस अवसर पर वन विकास  निगम कोटा बिलासपुर के डिप्टी डी एम आशुतोष सिंह ने सेवा निवृत डिप्टी रेंजर अधिकारी कृष्ण कुमार के लंबे कार्यकाल उनके कर्तव्य निष्ठा पूर्ण सहयोग एवं योगदान को याद करते हुए उनका स्वागत किया तथा उनकी प्रशंसा करते हुए अग्रिम पंक्ति के भावी युवाओं को उनके अनुभव,कार्य शैली अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया

वहीं सेवा निवृत कार्यक्रम के संयोजक,बार नयापारा परियोजना मंडल रवान के युवा अनुभवी परिक्षेत्राधिकारी एच. आर. पैकरा ने अपने संक्षिप्त संबोधन मे कहा- डिप्टी पद सेवा से वे भले ही निगम से सेवा निवृत हो रहे है परंतु प्रत्येक वविनि कर्मियों के मर्म मस्तिष्क में उनकी कार्यशैली करने की एक अमिट छबि स्थापित की है  रवान रेंज अधिकारी श्री एच.आर.पैकरा ने बताया कि सेवा निवृत कृष्ण कुमार पटेल प्रत्येक निगम कर्मचारियों के समक्ष जीवंत पाठ शाला का उदाहरण है उन्होंने कहा  जितने भी नव आगंतुक निगम वन कर्मी आए उनसे कुछ न कुछ सिखा है वे हम सब के गुरु तुल्य  प्रेरेणा स्त्रोत है जिनके समक्ष हम।सब नत मस्तक हो कर मै उनको कोटि कोटि नमन करता हूँ प्रणाम करता हूँ इस विशेष अवसर पर परिक्षेत्राधिकारी एच. आर. पैकर ने सेवा निवृत डिप्टी कृष्ण कुमार  पटेल को पुष्प गुच्छ भेट कर गुलाल लगाकर उनका स्वागत किया तथा शॉल, श्री फल, सहित स्मृति चिन्ह पत्र का पाठन कर उनके स्वस्थ्य पूर्ण दीर्धायु जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की

व.वि.नि.बार नयापारा परियोजना मंडल के डिप्टी रेंजर लोकेश साहू ने अपने विचार रखते हुए सेवा निवृत डिप्टी साहब के संदर्भ मे उनके कार्यों की सराहना और प्रशंसा किया तथा उनसे  अनुभव का लाभ मिलने की बात कही डिप्टी लोकेश कुमार साहू  ने आगे बताया कि वे बहुत सरल एवं सहज व्यक्तित्व के धनी है उन्होंने उनके स्वस्थ दिर्धायू जीवन की कामना की इनके अलावा पूर्व सेवा निवृत अधिकारी धुव् साहब ने  उनके भी स्वस्थ एवं मस्त जीवन रहने की कामना की गई पूर्व डी डी एम रहे एच आर साहू ने उद् बोधन में  श्री के. के.पटेल के बारे में कहा कि उन्होंने बड़े सरल और सहज जीवन व्यतीत किया 

प्रवीण कुमार सरपंच ने श्री पटेल को श्रीफल शॉल देकर सम्मानित करते हुए कहा वे कर्तव्यपरायण,निष्ठा वान कर्मचारी है तथा दीर्ध कालीन कार्य के प्रति समर्पित भाव से जीवन    व्यतीत किया सेवा निवृत हो रहे डिप्टी कृष्ण कुमार पटेल  ने भावुक होते हुए कहा, आप सब से मिले असीम स्नेह एवं सम्मान पाकर मै अभीभुत हूँ जो मेरे जीवन काल का सर्वाधिक अमूल्य उपहार है जिसकी स्मृति मस्तिष्क पटल में अजीवन सहेज कर रखूँगा मै आप सब का अंतर्मन की गहराई से आभार व्यक्त करता हूँ उन्होंने अपने वरिष्ठ सहयोगी रहे ध्रुव साहब की ओर इशारा करते हुए बताया कि वे मेरे गुरु, मार्गदर्शक रहे है उनसे मिले सम्मान पाकर वे इतना अधिक प्रफुल्लित हो गए कि वे  कह उठे कि मुझमे युवाओ जैसी ऊर्जा का संचार हो रहा है मुझे दो तीन साल और कार्य करने की इच्छा हो रही है ,


अंत में एच. आर.पैकरा जिन्होंने एक लंबे विराम के पश्चात छ्ग व वि नि. रवान परिक्षेत्र मे उक्त भव्य बिदाई समारोह का आयोजन कर एक नई परंपरा की शुरुआत की है उन्होंने श्री कृष्ण कुमार पटेल को प्रशस्ति पत्र देकर उत्कृष्ट कार्य हेतु उन्हे सम्मानित करते हुए उनकी  उपलब्धि का पाठ किया उन्होंने बताया इसी परियोजना मंडल में भिन्न भिन्न कार्य क्षेत्र में रहते हुए 2021 में रेग्युलर् हुए तथा अपनी मेहनत ईमानदारी से डिप्टी पद से सेवा निवृत हो रहे है जो बहुत भावुक क्षण है. अंत मे डिप्टी लोकेश साहू ने सभी उपस्थित जन का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आशुतोष सिंह एस.डी.ओ.कोटा बिलासपुर, व.वि.नि. रवान परिक्षेत्राधिकारी एच आर पैकरा, डिप्टी लोकेश साहू, कोमल मरकाम उसद, दीपक बखला, एच. आर. साहू, (रेंजर रिटायर्ड) ध्रुव (स.प.क्षे.) गणेश ठाकुर, गोलू (सहकारी समिति अध्यक्ष) प्रदीप (सहायक रोजगार), प्रवीण (सरपंच महोदय) धुरंधर (लेखापाल) मिश्रा मैडम,श्वेता साहू मैडम, लोचन साहू (डिप्टी रेंजर) भोला, राजेंद्र, मोहन, बलदेव, समारु, सनत, धनी, दीनदयाल, गिरधारी,सहित बड़ी संख्या में सम्मानित ग्रामीण, जन उपस्थित थे.

काली नगर पंडारी के गली गली में गंजेडियों का जमावड़ा- मुहल्ले वासियों ने अविलंब कार्यवाही की मांग की

 काली नगर पंडरी के गली गली में गंजेडियों का जमावड़ा- मुहल्ले वासियों ने अविलंब कार्यवाही की मांग की 


अर्जुन तिवारी 

रायपुर (मिशन पॉलिटिक्स न्यूज़) कलेक्टर और एस पी द्वारा नशे के विरुद्ध मुहिम चलाते हुए राजधानी रायपुर के बहुत से क्षेत्रों में गांजा  तस्करी एवं  नशा बेचने वाले बहुत से विक्रेता, पैडलर को गिरफ़्तार कर शहर में स्वच्छ वातावरण निर्मित किए जाने का कार्य कर रही है इसके बावजूद शहर के ऐसे बहुत से संवेदन शील क्षेत्र है जहाँ पर नशे का करोबार आज भी चोरी छिपे बादस्तुर् जारी है जिसकी वजह से प्रत्येक रोड सार्वजनिक स्थान गली, चौक चौराहे में गांजा पीने वाले खुले आम कानूनी व्यवस्था को धता बताते हुए गांजा के नशे में चूर होकर प्रत्येक गांजे के कश से धुँआ उडा रहे है इतना सख्त  फरमान जारी होने के बावजुद नशे के कारोबारियों की गिरफ्तारी   किए जाने एवं कार्यवाही होने के बाद भी नशे का द्रुत   गति से नशेड़ियों द्वारा गांजा  सेवन कर धुएं को उडाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि गांजा और नशा पूरी तरह से बंद न हो कर बेखौफ होकर इसके कारोबारी अब भी पुलिस विभाग के नाक के नीचे बेचा और खरीद कर सेवन किया जा रहा है 


इसका साक्षात उदाहरण पंडरी क्षेत्र  के काली नगर में बाकायदा दृष्टिगोचर सहजता से नजर आता है जहाँ सिविल लाइन थाना की चौकी खोला गया है पर पुलिस जान बुझ कर गजेडियो के ऊपर कठोर कार्यवाही नही करती जो आम जन के समझ के परे है बताया जाता है काली नगर में  बाबा जनरल स्टोर्स के  बाजू गली में शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक गंजेडियो का अड्डा बना रहता है तथा पुलिस मूक दर्शक बनी रहती है सब से मजेदार बात ये है कि नशेड़ियों के विरुद्ध कोई शिकायत नहीं करता यदि हिम्मत दिखाकर कोई पुलिस के समक्ष गजेडियो की  शिकायत करता है तो उनके कोप भाजन का शिकार होना पड़ता है   जिसके कारण  शिकायत कर्ता  हिम्मत नहीं जुटा पाते कथित क्षेत्र के एक नामी गंजेड़ी जिसका नाम करण सरकार बताया जाता है वही सभी गंजेडियो को इक्कठा कर  रात्रि दस बजे से  12 से अधिक संख्या में जमावड़ा कर आसपास के वातावरण को गांजे के धुएं से प्रदूषित कर लोगो को परेशान करते हुए परस्पर् लडाई  झगडा कर  विकट परिस्थिति निर्मित करते रहते है जिसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा होने से इंकार नही किया जा सकता स्थानीय मुहल्ले वासी ने पुलिस  प्रशासन से अविलंब कार्यवाही करते हुए मांग की गई है ऐसे असमाजिक तत्वों पर कार्यवाही  कर मुह्ल्ले वासियों को निजात दिलाएँ ताकि क्षेत्र मे किसी गंभीर घटना होने से पूर्व इसे रोका जा सके