कानन पेंडारी में पदस्थ डिप्टी रेंजर रमेश ताण्डे कर रहे है दादागिरी - दै. वे. भोगी कर्म. संघ ने कार्यवाही की मांग की
रायपुर (मिशन पॉलिटिक्स न्यूज़) छत्तीसगढ़ वन विभाग के बिलासपुर वन वृत्त के कानन पेंडारी जूं में विगत 15-16 वर्षों से एक ही जगह में पदस्थ डिप्टी कर्मचारी रमेश ताण्डे लगातार निचले स्तर के कर्मचारियों पर अपमान जनक व अश्लील शब्दो का प्रयोग कर मान मर्दन कर रहे है जिसकी तीव्र निंदा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कुमार सिन्हा ने की है तथा उन्होंने सी सी एफ से उक्त संदर्भ में त्वरित कार्यवाही करने की मांग की है बताया जाता है कि रमेश तांडे कानन पेंडारी में वनपाल के पद पर रहते हुए पदोन्नति पश्चात डिप्टी रेंजर पद पर भी कानन पेन्डारी जू में लगभग पंद्रह वर्षों से उपर उसी स्थान में जमे हुए है तथा उपर बैठे वरिष्ठ अधिकारी भी दुधारू गाय की भाँति रमेश तांडे पर किसी प्रकार का स्थानान्तरण नीति लागू नही करते हुए आँख का तारा बनाए हुए है जिसकी वजह से बेलगाम होकर निचले स्तर के वन कर्मियों पर लगातार गाली गलौच अपमान दुर्व्यवहार किया जा रहा है इस संदर्भ में अनेक भुक्त भोगी कर्मियों ने इसकी शिकायत वन मंडलाधिकारी,एसडीओ रेंजर से पूर्व में किया जा चुका है किन्तु अब तक कोई कार्यवाही नही किया गया है।
उपवन क्षेत्रपाल कानन पेंडारी रमेश ताण्डे द्वारा स्पष्ट कहा जाता है कि रेंजर डीएफओ,सीसीएफ सब से मेरी सैटिंग है यही नही स्थानीय कानन पेंडारी में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी चंद्र प्रकाश वस्त्रकार जो जूं कीपर है उसके साथ भी उप वन क्षेत्रपाल रमेश ताण्डे ने गाली गलौज करते हुए कार्य से पृथक कर दिया। गया यही नही कुछ महिला कर्मियों के साथ भी गाली गलौज अमर्यादित अशोभनीय व्यवहार किया गया था जिसके संबंध में पूर्व में सीसीएफ कार्यालय का घेराव किये जाने का अल्टीमेटम दिया गया था!
तृतिय वन कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने आकर उपवन क्षेत्रपाल रमेश ताण्डे को समझाया और माफी मंगवाया, रमेश ताण्डे ने दैनिक वेतनभोगियों से मांफी मांग कर आपसी सहमति से घेराव निरस्त किया गया था
किन्तु डिप्टी रेंजर रमेश ताण्डे ने श्रीमति उमा वस्त्रकार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को अश्लील शब्दों का प्रयोग करते हुए पुनःवृत्ति की गई न्याय की गुहार लगाने डीएफओ, एसडीओ,रेंजर को लिखित पत्र दिया गया लेकिन फिर भी कोई कार्यवाही नही की गई जिसकी वजह से उप वन क्षेत्रपाल रमेश ताण्डे के हौसले बुलंद है पीड़ित वन कर्मियों का कथन है कि उप वन क्षेत्रपाल रमेश तांडे खुले आम सीसीएफ प्रभात मिश्रा के सेवा काल तक उनका वरदहस्त प्राप्त होना बताया जाता है तथा मेरा और मेरे जैसे अनेक वन कर्मियों का बाल बांका कोई भी नही कर सकता दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कुमार सिन्हा ने
सीसीएफ प्रभात मिश्रा के कार्यशैली को लेकर सवाल खड़ा किया है
बारंबार वन कर्मचारियों को इतनी स्वतंत्रता क्यों दी गई है जो अपने पद पावर का गलत इस्तेमाल कर विभाग की छबि धूमिल करते है उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि रमेश ताण्डे उप वन क्षेत्रपाल सहित अनेको ऐसे मामला है जिन्हे बिलासपुर सीसीएफ प्रभात मिश्रा ने संरक्षण दिये हुए है, स्थानान्तरण नीतियों को बलाए ताक में रखकर कार्य कर रहे है उन्होंने बताया कि रमेश ताण्डे उप वन क्षेत्रपाल 15-16 वर्षों से एक ही जगह कानन पेंडारी में जमें है वही रामजी मिश्रा सहायक ग्रेड 02 ने 15-16 वर्षो से कोरबा वन मंडल कार्यालय में जमें हुए है, शिव वस्त्रकार नियमित डाटा एन्ट्री आपरेटर 12-13 वर्षो से कटघोरा वन मंडल कार्यालय में एक ही जगह जमें हुए हैं।
यादराम देवांगन सहायक ग्रेड 02 शक्ति परिक्षेत्र वन मंडल चांपा में लंबे समय से जमे हुए हैं। विजय कुमार निकोशे सहायक ग्रेड 02 विगत 15-16 वर्षों से धरमजयगढ़ वन मंडल कार्यालय में जमें हुए है!
इन सब पर बिलासपुर सीसीएफ क्यों मेहरबान है उनके ढुलमूल कार्य प्रणाली के कारण स्थानान्तरण नीति को प्रभावित कर एक ही स्थान पर वर्षों से जमे वन कर्मियों से क्या लाभ उठाना चाहते है समझ के परे है बताते चले कि प्रशासकीय स्थानांतरण किसी भी वन कर्मचरियों अधिकरियों को तीन से पांच वर्ष की अवधि में अनिवार्य स्थानंतरण किया जाना सु निश्चित रहता है परंतु उपरोक्त कर्मियों को लंबे समय तक भिन्न भिन्न एक ही वन, मंडल परिक्षेत्र कार्यालय में बिठाये हुए है। इसके पीछे उनकी क्या मंशा और लाभ है यह अब तक समझ के परे है
बिलासपुर सीसीएफ प्रभात मिश्रा का अगले माह रिटायरमेंट है क्या वे इस तरतमय में कोई सारगर्भित ठोस कदम उठाकर उचित कार्यवाही करेंगे या अपने उपर लगे आरोपो के साथ सेवा निवृत्त होने का दाग लगा कर जाएंगे यह विचारणीय पहलू है ?


 
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