बुधवार, 2 दिसंबर 2020

नवापारा परिवृत में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को दीपावली भुगतान नही.... छूटभैया नेता पर भयादोहन कर आर्थिक लाभ उठाने का आरोप

 नवापारा परिवृत में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को दीपावली भुगतान नही.... छूटभैया नेता पर भयादोहन कर आर्थिक लाभ उठाने का आरोप






अलताफ हुसैन

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) वन विभाग में कार्यरत लगभग आधा दर्जन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों चौकीदारों को विगत डेढ़ माह से वेतन भुगतान नही हुआ है जिसकी वजह से श्रमिकों के समक्ष खाने पीने के लाले पढ़े हुए है बताया जाता है कि क्षेत्र में एक राजनीति क्षेत्र से संलग्न  व्यक्ति द्वारा  कर्मचारियों के विरुद्ध  द्वेष पूर्ण भावना से लिखित शिकायत कर पांच छ चौकीदार,कर्मचारियों का वेतन रुकवाने का आरोप भी पीड़ित दैनिक वेतन भोगीयों श्रमिकों द्वारा लगाया जा रहा है 

  वेतन संबन्धी विसंगतियों को लेकर समस्त चौकीदारों श्रमिकों ने ग्राम डोमा निवासी एक  तथा कथित राजनीतिक व्यक्ति के विरुद्ध पत्र लिख कर,प्रदेश वन मंत्री मोहम्मद अकबर, विभाग के मुखिया वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी,सी सी एफ़ सहित वन मण्डलाधिकारी को अवगत कराया है जिसकी प्रति फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़ को प्रेषित कर अवगत होते हुए  बताया कि हेमलाल साहू जो कि  वन विभाग  रायपुर मंडल कार्यालय अंतर्गत में न तो कार्यरत है और न ही वह किसी प्रकार के पद में है परन्तु विगत कई वर्षों से  नवापारा परिवृत  क्षेत्र के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों सहित क्षेत्र के अधिकारियों पर अपने आप को देश के प्रधान मंत्री का समर्थक बता कर तथा समस्त केंद्र सरकार से जारी कैम्पा मद से संपादित होने वाले कार्यों का बजट लाने की बात कह कर श्रमिकों सहित वन अधिकारी, कर्मचारियों का भयादोहन कर आर्थिक शोषण करने की बात भी सामने आ रही है  लगाए गए आरोप में अब  कितनी सत्यता है यह तो ज्ञात नही परन्तु  सोशल मीडिया पर ही तथाकथित  हेमलाल साहू द्वारा लिखित  एक लेटर हेड जिसमे भाजपा का कमल लोगो अंकित कर देश के प्रधानमंत्री माननीय  नरेंद्र मोदी का समर्थक लिखा हुआ है समर्थक होना अच्छी बात है परन्तु उसकी आड़ में विभागीय कर्मचारियों का भयादोहन करना कहां तक उचित है उसके द्वारा सोशल मीडिया में प्रेषित किए गए पत्र मे लाखों की राशि से रायपुर वन मण्डल के अंतर्गत संपादित वृक्षारोपण कार्य, निर्माण कार्य का स्पष्ट उल्लेख करते हुए   रायपुर वन मण्डल क्षेत्र के भिन्न भिन्न क्षेत्रों ग्रामों के नाम सहित पौधा रोपण कार्यों की जानकारी वाला पत्र  दिल्ली पी एम,एवं अन्य  पते पर प्रेषित किए जाने के सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आए है अब इसमें कितनी सत्यता है यह तो ज्ञात नही परन्तु बताया गया है कि उसके द्वारा रायपुर वन मंडल कार्यालय सहित नवापारा परिवृत में काफी दखल है तथा उसके द्वारा अपने शिकायत पत्र में स्पष्ट उल्लेख करते हुए पीड़ित पक्ष ने  कतिपय लोगों के नाम जिनमे मुख्यतः  तिरिथ साहू,गेंदलाल साहू जो विभाग में कार्यरत नही है उनको फर्जी बाउचर के माध्यम से भुगतान  करवाए जाने के आरोप है जबकि पत्र में केवल दो नाम उल्लेखित है आशंका व्यक्त की जा रही है कि कथित प्रधान मंत्री समर्थक द्वारा अन्य नाम से भी फर्जी वाउचर के नाम से भुगतान करवाया गया होगा जो जांच में सामने आ सकता है वही सोशल मीडिया पर डाले गए पत्र में हेमलाल साहू पर यह भी आरोप लगाया गया  है कि माननीय प्रधानमंत्री का समर्थक बता कर स्वयं  प्रदेश के 36 वन मण्डल कार्यालयों के निरीक्षण करने की पात्रता बताता है वही  शिकायत पत्र में यह बात भी लिखी गई है कि ग्राम डोमा एवं आसपास के वृक्षारोपण,प्लांटेशन क्षेत्रों  में आगजनी करने  के आरोप भी पीड़ित पक्ष द्वारा उस पर लगाए गए है यही नही प्रति सप्ताह क्षेत्र में भ्रमण कर श्रमिकों को डराना धमकाने  जैसे कृत्य की बात भी कही जा रही है जबकि सर्वाधिक संगीन आरोप यह भी लगाया गया है कि हेमलाल साहू की पत्नी राजेश्वरी साहू जो स्वयं दैनिक वेतन भोगी है उसके द्वारा भी ग्राम क्षेत्र के आसपास निवासरत बेरोजगार युवकों से वन विभाग में कार्य दिलवाने के नाम पर रुपये लिए जाने की बात लिखी गई है इससे यह तो स्पष्ट होता है कि हेमलाल साहू नामक कथित  समर्थक ग्राम डोमा सहित नवापारा परिवृत में सक्रियता के साथ भयादोहन कर आर्थिक लाभ अर्जित कर रहा है जबकि पीड़ित कर्मचारी जो लगभग 10 वर्षों से ऊपर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत है उनका विगत माह का वेतन हेमलाल साहू के लिखने पर रोक दिया गया अब सवाल यह उठता है कि दीपावली पूर्व माह अक्टूबर से ही जब मुख्यालय से यह आदेश जारी किया जा चुका है   दीपावली में समस्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का पारिश्रमिक भुगतान कर दिया जाए तो जब सभी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का भुगतान किया गया परन्तु  पीड़ित श्रमिको का भुगतान ही क्यों रोक दिया गया ? परिवृत के रेंजर अथवा प्रभारी द्वारा इनके भुगतान में विलंब क्यो किया गया ? इससे यह भान होता है कि या तो परिक्षेत्राधिकारी अथवा प्रभारी भी हेमलाल साहू के राजनीतिक कद से प्रभावित होकर उनसे भय खाते है तथा वे वन विभाग की नही बल्कि कथित समर्थक हेमलाल साहू की नौकरी करते है तभी उनके कथनानुसार उनके राजनीतिक प्रभाव से प्रभावित होकर मुख्यालय के आदेश की धज्जियां और अवहेलना कर उनके कहे अनुसार चल रहे है  और उनके शिकायत पर श्रमिकों का पारिश्रमिक भुगतान रोक दिया गया  ऐसा लगता है कि नवापारा परिवृत वन विभाग को वन विभाग अधिकारी, कर्मचारी नही बल्कि हेमलाल साहू जैसे छूट भैया नेता संचालन कर रहे है और कर्मचारी ऐसे  नेताओं की जी हुजूरी में लगे हुए है जबकि पीड़ित पक्षों का कथन है कि वे विगत दस वर्षों से दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के रूप में वन विभाग में कार्यरत है तथा उनके द्वारा आरोप है कि हेमलाल साहू द्वारा कई वर्षों से तथाकथित नेतागिरी की आड़ में फर्जी मानवदिवस अंकित करवा तथा वाउचर बनवाकर अपने कृपा पात्र लोगों को लाभ दिलवा रहा है यही नही उसकी पत्नी राजेश्वरी साहू जो स्वयं विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी है उसके द्वारा विभाग की गोपनीय जानकारी भंग कर अपने पति के माध्यम से सूचना के अधिकार लगवाकर या स्वयं हेमलाल साहू द्वारा विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के साथ गलबहियां दोस्ती बनाकर अनेक महत्वपूर्ण जानकारी निकलवा मैदानी और विभागीय कर्मचारियों से आर्थिक लाभ उठाता है पीड़ितों का कथन है कि शीघ्र हेमलाल साहू पर एफ़ आई आर दर्ज करने की बात भी कही जा रही है जबकि पीड़ित पक्ष का कहना है कि जो व्यक्ति कभी वन विभाग में कार्य नही किया वही हमारे ऊपर दोषारोपण कर हमें फर्जी कर्मचारी बता लिखित में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष पत्र लिख कर उन्हें गुमराह कर हमारे विरुद्ध जाकर वेतन को रुकवाया है उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत पत्र लिख कर दी है और  इसकी पड़ताल कर दोषीयों पर कार्यवाही करने की मांग की है यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि यदि इसकी सूक्ष्मता से जांच की जाती है तो अनेक फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश होगा तथा इसमे कई अधिकारी पर गाज गिर सकती है तथा दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है

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