महापौर ने .. होटों से छू लो तुम.. के लिए जैसे ही सुर छेड़ा तो सैकड़ों श्रोताओं ने ताली से स्वागत किया
फ्रेंड्स म्यूजिकल ग्रुप की सूफियाना महफिल में श्रोता झूमे
अल्ताफ हुसैन
रायपुर फ्रेंड्स म्यूजिकल ग्रुप द्वारा शहीद स्मारक भवन में आयोजित सूफियाना गीत संगीत की सुरीली शाम संपन्न हुआ लाइव बैंड द्वारा उक्त कार्यक्रम में अधिकांश सूफी गायकी को महत्व दिया गया मध्य में कुछ फिल्मी गीतों का तड़का भी लगाया गया ताकि श्रोताओं को बराबर गीत और कव्वाली का जायका मिलता रहे कार्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रीय गान....जन गण मन....से प्रारंभ किया गया पश्चात हिट कव्वाली अल्लाहु अल्लाहू...के साथ मंच पर नरेंद्र पाल सिंह उर्फ निंदर जी ने कार्यक्रम की बेहतरीन शुरुआत की इसके पश्चात जैनुल हक, द्वारा ताजदारे हरम,,को पॉप वर्जन के साथ प्रस्तुत किया गया जिसे सभी श्रोताओं ने पसंद किया वही गायक तरुण शर्मा ने सुरेश वाडेकर के द्वारा परदे पर गाया गीत ..और इस दिल में क्या रखा है ..की शानदार प्रस्तुति के बाद.हर्षिता ने स्व.लता जी के द्वारा फिल्म आशा में गाए गीत ..., शीशा हो या दिल हो आखिर टूट जाता है...एक प्रशंसनीय प्रयास रहा जिसे उपस्थित श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया अगला गीत शौर्य शर्मा ने वर्तमान फिल्मी पर्दे पर उभर चुके गायक अभिजीत द्वारा गाया गीत..तेरी याद साथ है...,को भी पसंद किया गया अगले गीत के रूप में पंजाबी लहजे में लता मंगेशकर के द्वारा गाया गीत को मंच पर रूबी मसीह,, जिंद ले गया वो दिल का जानी...प्रस्तुत किया जिस पर युवाओं की प्रशंसनीय और अच्छी प्रतिक्रिया रही वही ... बीते ज़माने की ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म श्री 420 में रफी और लता का गाया सुपरहिट गीत...रमैया वस्ता वैय्या पर जैनुल हक, मंजू राव के द्वारा दी गई प्रस्तुति पर श्रोता झूम उठे फिल्मी गीत और सूफियाना महफिल में अपनी पृथक छबि बना चुके शहर के जाने माने युवा फनकार सैफ सुहैल द्वारा उस्ताद नुसरत फतेह अली खान द्वारा गाया सूफियाना अंदाज का गीत... खंजर है तेरी आंखें,,तलवार है तेरी आंखे...और एक नज़्म ... ओ माने या न माने दिलदारा... जैसा फास्ट रेंज वाले पंजाबी लहजे में गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने विवश कर दिया और संपूर्ण हॉल झूमने लगा इस संदर्भ में ढोलक,और तबले पर थिरकती उंगलियों और थाप सहित अन्य आधुनिक वाद्य यंत्रों में गायकों और मयुजिशन की जुगलबंदी इतनी सटीक थी कि प्रत्येक निकलने वाली धुन पर श्रोता स्वयं को झूमने रोक नही पा रहे थे वही सिद्धिक बैंड पार्टी के सलीम सिद्दीकी और अयान सिद्धिक ने सेक्सोफोन एवं अन्य स्टूमेंट ... में ख्वाजा मेरे ख्वाजा को बजाकर दर्शकों का दिल जीत लिया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे महापौर एजाज ढेबर द्वारा बहुत से उपस्थित सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया तथा लोगों की विशेष मांग पर एक गीत .. होटों से छू लो तुम... मेरा गीत अमर कर दो... गाने के लिए जैसे ही सुर छेड़ा उपस्थित सैकड़ों श्रोताओं ने दिल खोलकर ताली से उनका स्वागत किया अपने प्रथम नागरिक को पहली बार मंच पर साक्षात फिल्मी गाना गाते सुन कर श्रोता अकल्पनीय भाव से तटस्थ होकर उन्हे सुनते रहे और महापौर एजाज ढेबर भी ऐसे सधे हुए अंदाज में गीत को सुंदर ढंग से प्रस्तुति दी जिसे सुनकर उपस्थित श्रोताओं के कल्पना के विपरीत आश्चर्य मिश्रित प्रतिक्रिया देखने और सुनने मिली इसके पश्चात गायिका,विभूति कर्मकार,और धैर्य शर्मा,,,पहला पहला इश्क हुआ है,,, गाया इसमें आश्चर्य वाली बात यह थी कि धैर्य शर्मा केवल ग्यारह वर्ष की अल्प आयु में अपनी गायकी की प्रस्तुति दे रहे थे जो अभी स र ग म का सुर सिख रहे है तथा अपनी मंचीय गायकी प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं को मुक्त कंठ से प्रशंसा करने विवश कर दिया अगली प्रस्तुति अमीर खुसरो की नज़्म पूर्वा श्रीवास्तव,,, नैना मिलाइके..छाप तिलक...को गाया जिसपर बहुत से श्रोता झूमने लगे ग्यारह साल के राजिक ने पुष्पा का ...तेरी झलक श्री वल्ली गाया ..वही फिरोज अली द्वारा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जाएगा,,,जैसी इमोशनल कव्वाली जो जीवन दर्शन कराती है उसे सुन कर श्रोता मस्त हो गए फिर,,, दमा दम मस्त कलंदर,, अली का पहला नंबर ...सहित बहुत से कव्वाली और फिल्मी गीतों का समावेश किया गया था फ्रेंड्स ग्रुप की यह प्रस्तुति के पीछे बाबा भाई,फिरोज अली,इमरान भाई,,सहित बहुत से लोगों ने मेहनत की वर्ष में एक प्रोग्राम देने के रूप में पहचाने जाने वाले फ्रेंड्स ग्रुप की यह प्रस्तुति बड़ी जबर्दस्त थी और यह प्रथम अवसर भी कहा जा सकता है कि शाहीद स्मारक सांस्कृतिक मंच पूरी तरह से खचाखच भरा हुआ था वही श्रृंखला बद्ध सूफी कव्वाली और फिल्मी गीतों की यह प्रस्तुति देर रात तक लोगों का मनोरंजन करने में बेहद सफल रही

 
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