मंगलवार, 31 अगस्त 2021

जंगल सफारी से दो लोमड़ी फरार-अधिकारी मामले को दबाए बैठे है

 जंगल सफारी से दो लोमड़ी फरार-अधिकारी मामले को दबाए बैठे है


अलताफ हुसैन 

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़)  नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी जैसे अतिसंवेदन शील क्षेत्र  से दो लोमड़ी फरार हो गए जिसकी वजह से विभाग में हड़कंप मच गया गायब दोनों लोमड़ीयो को ढूंढने में पूरा अमला आसपास के ग्राम  क्षेत्र की सघन तलाशी में जुट गया है परन्तु अभी तक दोनों लोमड़ीयो का कोई आता पता नही मिल पाया है 

   विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जंगल सफारी के खुले बाड़े में बहुत से वन्य प्राणियों को रखा जाता है जिनमे ही कुछ लोमडी भी रखे गए थे घटना सोमवार की बताई जाती है जब दोपहर पश्चात फॉरेस्ट गार्ड सहित अन्य कर्मचारी भोजनावकाश पर चले गए थे जब वापस आकर देखा गया तब दो लोमड़ी कंटीले तारों के सुरक्षा घेरा को फांद कर फरार हो चुके थे जब इसकी सूचना जंगल सफारी रेंजर  नदीम कृष्ण बारिहा तथा डिप्टी रेंजर सुनील कुमार खोपरागड़े को मिली तो उनके होश उड़ गए तत्काल गायब लोमड़ियों की तलाश शुरू की गई परन्तु दोनों लोमड़ी का कोई अब तक पता नही चल सका गौर तलब है कि वन्य प्राणियों के फरारी वाली उक्त घटना से यह ज्ञात होता है कि  जंगल सफारी सहित वन क्षेत्र में निवासरत वन्य प्राणीयों के सुरक्षा के लिए विभाग द्वारा क्या  उपाय किया गया है जबकि बड़ी संख्या में कर्मचारी जंगल सफारी में कार्यरत है फिर भी उनकी नज़रों के समक्ष से दो वन प्राणी फरार हो गए जिससे उनकी कार्यशैली और सुरक्षा पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है वन्य  प्राणियों के फरार होने वाली घटना के  संबध में जब रेंजर बरिहा सहित डिप्टी रेंजर सुनील कुमार से संपर्क साधकर वास्तविकता की जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा मोबाइल नही उठाया गया  वही जंगल सफारी के कर्मचारी अपनी ड्यूटी के प्रति कितने संवेदनशील एवं सजग है यह उक्त घटना से साफ हो गया है जबकि अधिकांश सफारी कर्मचारीयों का छुट्टी एवं रविवार के दिन  देर रात तक महिला सहकर्मी के।साथ उपस्थित रहना भी अनेक सन्देहास्पद गतिविधियों को जन्म देता है   फिर भी   देर रात तक इनकी उपस्थिति एवं चाक चौबंद सुरक्षा के बावजूद जंगल सफारी में रखें गए वन्य प्राणी किस तरह फरार हो रहे है यह उसका एक साक्षात उदाहरण है यह तो गनीमत है कि इसमें कई खूंखार हिंसक प्राणी भी मौजूद है यदि सुरक्षा और देखरेख के आभाव मे  बाडा और सुरक्षा घेरा तोड़कर फरार होने की यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नही जब जंगल सफारी में रखे गए ऐसे खतरनाक वन्य प्राणी भी सुरक्षा घेरा तोड़ कर जान माल को बड़ी हानि पहुंचा सकते है जबकि यह भी ज्ञात हुआ है कि जंगल सफारी का दौरा डी.एफ.ओ. मर्सिबेला मैडम एवं एस.डी.ओ.अभय पांडे साहब का अनवरत जारी है बावजूद  इसके वन्य प्राणियों का फरारी घटना होना सुरक्षा को लेकर प्रश्न चिन्ह ल्गा रहा है जबकि ज्ञात यह भी हुआ है कि उच्च अधिकारी वास्तविक घटना से वाकिफ है परन्तु  अधिकारी वस्तविकता बताने एवं  विभागीय गाज गिरने के भय से  से बच रहे है तथा लंबी खामोशी की चादर ओढ़ लिए है फिर भी समाचार बाहर आ गया फिलहाल इन पर क्या विभागीय कार्यवाही होती है यह बाद का विषय है  फिलहाल फरार लोमड़ियों की सघन तलाशी की जा रही है नवा रायपुर के आसपास ग्राम क्षेत्र में इसकी तत्काल मुनादी की जानी चाहिए क्योंकि भूख प्यास से व्यथित वन्य प्राणी लोमड़ी हिंसक भी हो सकती है या इन पर कुते इत्यादि हमला कर इन्हें घायल कर  नुकसान पहुंचा सकते है

रविवार, 29 अगस्त 2021

सात साल बाद आखिर क्यों युवती ने बीईओ पर लगाए दैहिक शोषण का आरोप

 सात साल बाद आखिर क्यों  युवती ने बीईओ पर लगाए दैहिक शोषण का आरोप 



    बिलासपुर।

 छत्तीसगढ़ राज्य में किस हद तक महिला कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है ,इनका कई उदाहरण देखने को मिल ही जाती है पर कानून के रखवाले मजबूर होकर महिला कानून की प्रकरण में एक तरफा एफआईआर दर्ज कर युवकों, पुरुषों का जीना मुश्किल कर दे रही है। इसी तरह का मामला बिलासपुर जिले के एक बीईओ पर उनके ही गांव की 25 वर्षीय युवती ने आरोप लगाए है। 

 बिलासपुर मुख्यालय से लगे मुंगेली जिले के जरहागांव थाना अंर्तगत एक गांव की रहने वाली युवती ने अपने ही गांव के रहवासी बिलासपुर जिले के एक खंड शिक्षा अधिकारी पर जिनकी उम्र 54 साल है,  इस पर बीते सात साल से दैहिक शोषण करने का आरोप लगाते हुए थाना पहुंच कर शिकायत की है। जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी ने 2 सितंबर तक विवाह करने की की कथन देकर मामले को शांत किया है । लेकिन हमे जो कथन की प्रति मिली है उसमें बीईओ की हस्ताक्षर नजर नहीं आ रही है क्योंकि बीईओ द्वारा अपने कार्यालयीन पत्रों में अलग हस्ताक्षर है जबकि थाने में दी गई कथन में हस्ताक्षर अलग है । ऐसे में यह जांच का विषय है कि बीईओ सच में दैहिक शोषण कर इस युवती को 6 माह का गर्भवती बना दिए है।

 वहीं बिलासपुर जिले के एक बीईओ पर इस तरह के आरोप लगने से शिक्षा जगत पूरी तरह से शर्मसार हुआ है लेकिन यह भी सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर सात साल तक 25 वर्षीय युवती इस मामले पर पूरी तरह मौन क्यों थी और आज एकाएक बीईओ पर दैहिक शोषण का आरोप लगाना समझ से परे है। जबकि बीईओ खुद 54 साल का शादीशुदा अधिकारी है । वहीं इस मामले की पुष्टि जरहागांव थाना प्रभारी ने की है।  इस मामले की विस्तृत खबर हम जल्द ही अपने पाठकों तक पहुंचाएंगे...

बहला फुसला कर 14 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाला आरोपी गिरफ्तार

 


 बहला फुसला कर 14 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाला आरोपी गिरफ्तार


शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

डी डी नगर थाना अंतर्गत अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली

 डी डी नगर थाना अंतर्गत अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली 


रायपुर (फारेस्ट क्राइम न्यूज़) इंद्रप्रस्थ कॉलोनी रायपुरा वंडरलैंड के पीछे स्थित नाला में एक अज्ञात व्यक्ति का मृत शरीर पड़ा हुआ मिला है पुलिस को  सूचना  मिलने पर मौका स्थल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया गया जहां नाला में एक व्यक्ति का मृत शरीर मिला जिसके एक तरफ हाथ में गोदना से जोहन नाम लिखा हुआ है एवं एक तरफ के हाथ में पटेल लिखा हुआ है उम्र करीबन 30 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य लगती है सर में बाल कम है जो केवल अंडरवियर पहना हुआ है यदि किसी भी थाना क्षेत्र अंतर्गत थाना में गुम इंसान की कायमी  रिपोर्ट दर्ज कराई गई  हो तो  थाना डीडी नगर रायपुर को सूचित करे

गांजा तस्करी करते महिला एवं पुरूष सहित 02 अंतर्राज्यीय गांजा तस्कर गिरफ्त

 

*गांजा तस्करी करते महिला एवं पुरूष सहित 02 अंतर्राज्यीय गांजा तस्कर गिरफ्त


*आरोपियों के कब्जे से 20 किलो 300 ग्राम गांजा कीमती लगभग 1,50,000/- रूपये एवं 02 नग मोबाईल फोन किया गया जप्त


रायपुर फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़- पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय श्री अजय कुमार यादव द्वारा रायपुर पुलिस के समस्त पुलिस राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को नशे का काला कारोबार करने वाले लोगों के विरूद्ध विशेष अभियान चलाकर इस पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये है। जिस पर समस्त थाना प्रभारियों द्वारा अपने - अपने थाना क्षेत्र में मुखबीर लगाकर लगातार पेट्रोलिंग व सूचना संकलन कर नशे का काला कारोबार करने वाले कारोबारियों के संबंध में सूचना एकत्रित की जा रही है। इसी तारतम्य में कल सूचना प्राप्त हुई कि थाना देवेन्द्र नगर क्षेत्रांतर्गत बस स्टैण्ड स्थित यातायात थाना पास एक महिला तथा एक व्यक्ति बैग में  गांजा रखें है तथा कहीं जाने हेतु बस का इंतजार कर रहे है। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा थाना प्रभारी देवेन्द्र नगर श्री राजेश देवदास को आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने निर्देशित किया गया। जिस थाना प्रभारी देवेन्द्र नगर के नेतृत्व में थाना देवेन्द्र नगर पुलिस की टीम द्वारा उक्त स्थान पर जाकर मुखबीर द्वारा बताये हुलिये के महिला एवं पुरूष की पतासाजी कर चिन्हांकित कर पकड़ा गया। टीम के सदस्यों द्वारा पूछताछ करने पर अपना नाम रफीक एवं तबस्सूम खातून उर्फ महक निवासी बांदा (उ.प्र.) का होना बताया। टीम द्वारा उनके पास रखें बैग की तलाशी लेने पर बैग मंे गांजा रखा होना पाया गया। जिस पर आरोपियों के कब्जे से अलग - अलग बैग में रखें कुल 20 किलो 300 ग्राम गांजा कीमती लगभग 1,50,000/- रूपये एवं 02 नग मोबाईल फोन जप्त किया जाकर आरोपियों के विरूद्ध थाना देवेन्द्र नगर में अपराध क्रमांक 104/21 धारा 20बी (ii) (C) नारकोटिक्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया जाकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्यवाही किया गया। *नशे का काला कारोबार करने वाले कारोबारियों के विरूद्ध रायपुर पुलिस का अभियान ‘‘आॅपरेशन क्लीन‘‘ लगातार जारी है।*  


*गिरफ्तार आरोपी*

*01. रफीक पिता इस्तखार खान उम्र 40 वर्ष सा0 ग्राम पो0 पैलानी थाना पैलानी जिला बांदा (उ0प्र0)।*

*02. तबस्सूम खातून उर्फ महक पति इकबाल खान उम्र 28 वर्ष सा0 मानिकपुर खाईपारा थाना व जिला बांदा (उ0प्र0)।*

गुरुवार, 26 अगस्त 2021

बलौदाबाजार वन मंडलधिकारी ने सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों कि वरियता सुची भेजने का दिया आश्वासन

 बलौदाबाजार वन मंडलधिकारी ने सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों कि वरियता सुची भेजने का दिया आश्वासन


रायपुर फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़

छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ पं. क्र. 548 के प्रान्ताध्यक्ष श्री कमलनारायण साहू व प्रदेश महामंत्री श्री रामकुमार सिन्हा  ने बलौदाबाजार वन मंडल के अंतर्गत कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, वाहन चालक, कम्प्युटर आपरेटर, एवं  दैनिक श्रमिकों का वरियता सूची बलौदाबाजार वन मण्डलाधिकारी द्वारा  तैयार कर नही भेजा जा रहा था,जिसकी वजह से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी  संघ ने उनसे मुलाकात कर केवल 12 दैनिक वेतन भोगी  कर्मचारी का नाम भेजे जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज की तथा समस्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारोयों के नाम को समायोजन करने आग्रह किया जिसे ,बलौदाबाजार वन मंडल  अधिकारी ने संवेदन शीलता का परिचय देते हुए संपूर्ण नाम की फेहरिस्त भेजने का आश्वासन दिया ज्ञात  हुआ था कि वन मण्डलाधिकारी द्वारा गिनती के  दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों के नाम सूचीबद्ध कर भेजा जा रहा था जिसकी वजह से कर्मचारी खासे परेशान थे, और अपने भविष्य को लेकर सब चिंतित थे, उक्त समस्या के बारे में प्रदेश महामंत्री राम कुमार सिन्हा  को अवगत कराया गया ,प्रदेश महामंत्री श्री रामकुमार सिन्हा द्वारा वन मंडलाधिकारी से दुरभाष के माध्यम से चर्चा कर वरियता सूची भेजने हेतु निवेदन किया  तत्पश्चात  वन मंडलाधिकारी बलौदाबाजार से सौजन्य मुलाकात कर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के भविष्य के बारे में चर्चा किया गया और समस्त दैनिक वेतन भोगी का वरियता सूची तैयार कर उच्च कार्यालय भेजने हेतु  कहा गया  जिस पर संवेदनशीलता का परिचय देते हुए वन मंडलाधिकारी बलौदाबाजार द्वारा पूर्ण रुप से आश्वासन दिया कि जल्द ही वरियता सुची तैयार कर संबंधित कार्यालय भेजने की बात कही, उक्त चर्चा के पश्चात बलौदाबाजार वन मंडल के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों केे चेहरे पर रौनक आई, और प्रदेश पदाधिकारीयों ने वन मंडलाधिकारी बलौदाबाजार का धन्यवाद  ज्ञापित किया वन मंडलाधिकारी बलौदाबाजार  से चर्चा के दौरान संभागाध्यक्ष सुधीर राव, जिलाध्यक्ष श्यामलाल नेताम, कार्यकारी जिलाध्यक्ष किशोर जायसवाल, गांधी राम वर्मा, श्याम लाल डड़सेना, सावन पटेल, उमेश साहु, अरविंद कोसरें, नितिश शर्मा, प्रीतम मानिकपुरी, दीपक यादव, परमेश्वर पटेल आदि उपस्थित रहें!

मंगलवार, 24 अगस्त 2021

वविनि में भ्रष्टासुरों की संविदा नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवाल- भ्रष्टाचार हुआ तो जिम्मेदार कौन ?

 वविनि में भ्रष्टासुरों की संविदा नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवाल- भ्रष्टाचार हुआ तो जिम्मेदार कौन ?

अलताफ हुसैन 

रायपुर (फॉरेस्टक्राइम  न्यूज़) छग राज्य वन विकास निगम में संविदा नियुक्ति के खेल में पूर्व वित्त प्रबन्धक भोजराज जैन ,कोठारे साहब,एच. आर.नेताम एवं कोरबा से पिल्लई ,को निगम में सेवानिवृत्त होने के पूर्व  विभागीय डीपीसी में उनके  संविदा नियुक्ति पर मुहर लगा दी गई जिसका समाचार वायरल होते ही संपूर्ण प्रदेश के परियोजना मंडल कार्यालय में गर्मागर्म  चर्चा और बहस का विषय बन गया और अधिकारी कर्मचारियों ने उक्त संविदा नियुक्ति को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे नियम विरुद्ध बताया तथा ऐसी संविदा नियुक्ति को तत्काल रद्द करने जैसे शब्द भी मुखर होने लगे है सोशल मीडिया में ऐतिहासिक रूप से दावानल की भांति तेजी से वायरल हुई उक्त समाचार को लेकर विभागीय जानकारों ने बताया कि वित्त लेखा प्रबन्धक के रूप में संविदा देने के पीछे कोई औचित्य नही है क्योंकि छग राज्य वन विकास निगम में ऐसे बहुत से प्रतिभाशाली, अनुभवी, सर्वगुण संपन्न अधिकारी मौजूद है जो उपरोक्त पद का सफल संपादन एवं क्रियान्वयन कर सकते है परन्तु केवल एक ही व्यक्ति भोजराज जैन के ऊपर अपना विश्वास व्यक्त करना छग वन विकास निगम के अध्यक्ष और मुखिया श्री पी सी पांडे साहब का क्या मंतव्य है

यह तो ज्ञात नही परन्तु वित्त प्रबन्धक के पद पर  पदस्थ संविदा अधिकारी भोजराज जैन एवं अन्य पदस्थ पिल्लई,कोठारे,के संदर्भ में यह ज्ञात हुआ है कि वे केवल अधिकारी कर्मचारियों से पोस्टिंग एवं नियुक्ति के नाम पर,परियोजना अंतर्गत कार्य संपादन हेतु जारी शासकीय राशि की कमीशन सहित अन्य कर्मचारियों का भयादोहन कर एक सूत्रीय कार्यक्रम के तहत केवल राशि वसूली करते है जिसके चलते संपूर्ण परियोजना मंडल कार्यालयों के अधिकारी कर्मचारी उनसे खासे  नाराज बताए गए है उनकी सेवानिवृत्त पश्चात संविदा नियुक्ति के पीछे भी यही कारण बताया जा रहा है कि वे पूर्व से ही समस्त वसूली कार्यों में जिनमे  स्थानांतरण, मन मुताबिक पोस्टिंग, सहित परियोजना मंडलों में क्रियान्वित प्लांटेशनो, वानिकी कार्यों के राशि से कमीशन सहित अन्य कार्यों में उपरोक्त अधिकारी पारंगत है तथा नए वित्त प्रबन्धक अधिकारी की नियुक्ति पर ऊपर बैठे अधिकारियों को इसके लाभ से वंचित होना पड़ता अतएव उन अधिकारियों की संविदा नियुक्ति इन्ही कार्यों हेतु किया गया है ताकि कमीशनखोरी सहित अन्य राशि की वसूली निर्बाध गति से जारी रहे बताते चले कि संविदा नियुक्ति के उक्त खेल पर छग राज्य वन विकास निगम के पूर्व प्रबन्ध संचालक श्री राजेश गोवर्धन के कार्यकाल में कोठारे बाबू एवं पिल्लई मैडम के संविदा नियुक्ति को लेकर फॉरेस्ट क्राइम समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार पश्चात  लगभग संविदा नियुक्ति पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा दिया गया था परन्तु अपनी संविदा नियुक्ति को लेकर वित्त प्रबन्धक भोजराज जैन ने सुनियोजित तरीके से पहले पिल्लई कोरबा एवं कोठारे बाबू की  संविदा नियुक्ति हेतु प्रयास किया जब उन्हें संविदा नियुक्ति की हरी झंडी  प्राप्त हो गई तब उन्होंने अपने नाम को भी इनके साथ प्रस्तुत कर दिया इस प्रकार उन्होंने अपनी संविदा नियुक्ति करवा ली तथा शासन द्वारा समस्त सुविधाओं का लाभ उठा रहे है जिनमे वेतन से लेकर गाड़ी एवं समस्त विभागीय लाभ प्राप्त कर रहे है जबकि वही भिन्न भिन्न परियोजना मंडल कार्यालयों  में कार्यरत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को गाड़ी तक नसीब नही और न ही उन्हें  इस का  लाभ प्रदान  किया जा रहा है  दोयम दर्जे के उक्त व्यवहार से निश्चित तौर पर वरिष्ठों का क्षुब्ध होना लाजिमी है जबकि सर्वाधिक आश्चर्य का विषय यह बताया जाता है कि कोरबा से पिल्लई  का एक बार नही बल्कि तीसरी मर्तबा संविदा नियुक्ति हुई है तथा वर्तमान में उनकी आयु ही लगभग 70 वर्ष पार कर चुकी है यानी एक प्रकार से वयोवृद्ध हो चुके पिल्लई भी अपनी संविदा नियुक्ति की  तीसरी पारी खेल रहे है कार्यालयीन कर्मचारियों में उनकी नियुक्ति को लेकर चर्चा गरम है कि ऐसा कौन सा कार्य है जो वन विकास निगम का उनके न रहने पर अटका रहता है ? वही  यह भी चर्चा आम है कि उनकी पूर्व से ही सत्ता के गलियारे एवं नौकरशाह के मध्य बेहतर तालमेल है  जिससे बहुत से कार्य बड़ी सहजता से  वे कर लेते है इसके एवज में बड़ी राशि वसूल करते है  वही छग राज्य वन विकास  निगम के परियोजना मंडल कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों से राशि एकत्रित कर ऊपर तक पहुंचाने में भी वे माहिर है यही वजह है कि आराम करने की उम्र में भी उन्हें हैट्रिक संविदा प्रदान की गई वही कोठारे बाबू भी अपनी संविदा नियुक्ति दूसरी बार करवा रहे है फॉरेस्ट क्राइम समाचार पत्र के पूर्व अंक में प्रकाशित समाचार पश्चात ऐसा ज्ञात हुआ था कि उनकी संविदा नियुक्ति रद्द कर दी गई थी परन्तु पुनः उन्हें संविदा नियुक्ति  किसी सोची समझी  प्लान के तहत किया जाना बताया जा रहा है जबकि यह भी ज्ञात हुआ है कि वित्त प्रबन्धक भोजराज जैन को संविदा नियुक्ति केवल नाम के लिए किया गया है उन्हें वित्तीय पॉवर नही दिया गया अब सवाल उठता है कि जब उन्हें केवल वित्तीय कार्यों के देख रेख एवं दिशा निर्देश देने के लिए संविदा नियुक्ति दी गई तो यह बात कुछ गले नही उतरती क्योंकि केवल वित्तीय देख रेख और दिशा निर्देश हेतु ही किसी व्यक्ति को शासकीय सुविधाओं के साथ बड़ा वेतन देकर क्यों रखा जा सकता है ? वह भी समस्त शासकीय सुविधाओं के साथ, वैसे भी कहा जा रहा है कि यदि किसी भी आर्थिकी धनादेश  परिपत्रों में आदेश,निर्देश,इत्यादि लिखित मे अथवा संविदा नियुक्त भोजराज जैन हस्ताक्षर कर दे तो समस्त पॉवर स्वतः  उन्हें प्राप्त हो जाता है तो फिर संविदा नियुक्ति का ढकोसला का कोई औचित्य नही ? जबकि वित्त प्रबन्धक की नियुक्ति को लेकर अनेक अनुभवी, पारंगत ,प्रतिभाशाली समकक्ष अधिकारी भी मौजूद है जो श्री जैन से बेहतर कार्य के जानकार है जिनमे एक नाम सरगुजा परियोजना मंडल  के सी.ए. मैनेजर एकाउंट सुभाष सिंह का नाम भी शामिल है जो विगत दो वर्षों से प्रबन्धक लेखा  पद हेतु मुख्यालय रायपुर में  आवेदन दे रहे है पश्चात उन्हें दरकिनार कर भोजराज जैन को ही संविदा नियुक्ति दे दी गई जबकि श्री सिंह के सन्दर्भ में यह बात प्रचलित है कि उनकी वरिष्ठता एवं योग्यता के अनुसार उनका पद  परियोजना मंडल मे नही है बल्कि उन्हें मुख्यालय में होना चाहिए था परन्तु सारे नियम कायदे को ठेंगा दिखाते हुए  बोर्ड ऑफ डायरेक्टर सहित उच्च अधिकारियों की मिली भगत के चलते भोजराज जैन को ही अंगद के पांव की भांति मुख्यालय में पैर जमाए रखने संविदा नियुक्ति दे दी गई  अब यह बात की चर्चा भी है कि श्री जैन पूर्व रिटायर्ड सहायक प्रबन्धक लेखा अधिकारियों की संविदा नियुक्ति कराने प्रयासरत है जिससे वर्तमान सहायक लेखा अधिकारी खासे नाराज है उनका मत है कि छग मे पूरे  वन विकास निगम परियोजना मंडल कार्यालयों में विगत दस वर्षों से ऊपर कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियमितीकरण हेतु नियुक्ति नही किया गया

जबकि राज्य शासन के वन जलवायु परिवर्तन विभाग मुख्यालय के पत्र क्रमांक/1210/2021/ के दिनांक 30/07/2021/10-1/में मुख्यालय अरण्य भवन  द्वारा नई भर्ती को लेकर भी लेटर जारी किया जा चुका है एक अन्य पत्र क्रमांक 243/2166//2017/10-1/ में दिनांक 29/01/2021 को जारी पत्र के अनुसार सीधी भर्ती हेतु पत्र मुख्यालय अरण्य भवन नवा रायपुर से जारी किया गया था मगर भर्ती आज तक नही हुई समस्त लेटर भी श्री जैन द्वारा दबा दिया जाता है जिसके कारण न नई भर्ती होती है और न ही दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियमितीकरण हो पा रहा है  दैनिक वेतन भोगी कर्मचारोयों के द्वारा अधिकार की लड़ाई में नई भर्ती पर रोक लगाने न्यायालय की शरण लेना पड़ा है जिसकी वजह से नई भर्ती पर भी रोक लगा दी गई है उल्लेखनीय है कि संपूर्ण वन विकास निगम में लगभग 600 से ऊपर कर्मियों का सैटअप है जिसमे दस वर्षों से अधिक समय तक अपनी सेवाकाल वन विकास निगम के भिन्न भिन्न परियोजना मंडल कार्यालयों में आधे से अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मी  इसका सफल संचालन सुचारू रूप से कर रहे है फिर इन्ही कर्मियों को लेकर पूरा सैटअप क्यों नही बिठाया जा सकता है ?  नई भर्ती का औचित्य भी समाप्त हो जाता है मगर वन विकास निगम में ऊपर बैठे घाघ अधिकारियों के सोची समझी साजिश के चलते दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित नही किया जा रहा है जिसकी वजह से इनका मानसिक,शारीरिक एवं आर्थिक शोषण विगत कई वर्षों से नियमित रूप से निर्बाध गति से जारी है  इनमें अनेक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी तो बगैर नियमित हुए सेवानिवृत्त भी हो चुके है फिर भी छग वन विकास निगम में भर्राशाही के चलते अब तक इनके पक्ष में कोई भी सारगर्भित कदम नही उठाया गया बताते चले कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के घोषणा पत्र में अनियमित दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमितीकरण  किए जाने की  घोषणा की गई थी परन्तु ढाई वर्ष से ऊपर समय व्यतीत होने के बावजूद सरकार की तरफ से भी इन्हें नियमित नही किया गया केवल एक पर्यवेक्षक कमेटी का गठन कर अपने कार्यों एवं कर्तव्यों की इतिश्री मान ली गई वही मैदानी क्षेत्रों में वरिष्ठों को अनदेखा कर जूनियर कर्मियों को प्रभार दिए जाने वाले खेल में भी काफी विसंगतियां बताई जा रही है इसमें वरिष्ठ अनुभवी अधिकारियों के कार्यो के प्रति, उनके कर्तव्य निष्ठा पर सवाल तो उठता ही है वही जूनियर को उनके ऊपर बैठाकर एक तरह से वरिष्ठों पर अन्याय पूर्ण कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है इसके पीछे का मंतव्य केवल भ्रष्टाचार, गबन,गड़बड़,घोटाला,के माध्यम से अधिक राशि प्राप्त करना बताया जा रहा है यही वजह है कि डिप्टी रेंजर जैसे छोटे पद से ऊपर डिविजन मैनेजर के पद तक पहुंचने वाले हलाल राम नेताम को मुख्यालय की ज़ीनत बनाकर बैठा दिया गया वह भी एक डमी के रूप में उन्हें वहां पाला जा रहा है अब उन्हें उक्त पद पाने के लिए कितनी बड़ी कुर्बानी और त्याग देना पड़ा होगा यह तो वही जाने परन्तु काना फुसी हो रही है कि  संविदा नियुक्ति प्राप्त डी एम.हलालराम नेताम जो अल्प शिक्षित सहित किसी भी प्रकार की कोई ट्रेनिंग नही लिए है  उन्हें डी एम जैसे गरिमामयी पद में प्रतिष्ठित कर उनसे केवल हस्ताक्षर,कर राशि आहरित की जाएगी तथा नाम,हस्ताक्षर, उनका  कार्य  होगा तथा आहरित राशि ऊपर बैठे अधिकारी अपना उल्लू सीधा करेंगे कर्मियों में चर्चा यह भी हो रही है कि संविदा के नाम पर की गई संधि एवं संविदा नियुक्ति किए जाने के तहत उन्हें प्राप्त होने वाला समस्त वेतन ऊपर बैठे अधिकारी लेंगे जबकिं छग वन विकास निगम में पांच से छ आई एफ एस .अधिकारी जो 2018 के फ्रेशर अधिकारी है अपनी सेवाएं दे रहे है बाकी परियोजना मंडल कार्यालयों में भी ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति निकट भविष्य में हो सकता है तो फिर केवल मुख्यालय में एच आर नेताम को बैठाने के पीछे और क्या वजह हो सकती है ? वही संविदा नियुक्त  वित्त प्रबन्धक श्री जैन के संदर्भ में यह कहा जा रहा है कि  छग वन विकास निगम की रग में किस जगह राशि बह  रहा है उन्हें ज्ञात है तथा वे उनसे उगाही तो करेंगे ही साथ ही वन अधिनियम के तहत यह हवाला भी दिया जा रहा है कि अपनी सेवाकाल समापन होने के पूर्व  ही वित्त प्रबंधक रहते हुए उन्होंने अपना समस्त ग्रेच्युटी फंड सहित संबंधित मिलने वाली राशि को आहरण कर लिया होगा अब उन्हें वन विकास निगम से कुछ भी लेना नही है बल्कि अब अपनी वविनि में संविदा नियुक्ति करवाकर  उन्हें यहां से केवल लेना ही लेना है यानी खोने के लिए उनके पास कुछ नही है परन्तु पाने के लिए वविनि का  खजाना खुला हुआ है जिसका वे भरपूर लाभ यहां से उठाएंगे सवाल उठाया जा रहा है कि यदि मान लो  कोई बड़ा गड़बड़ घोटाला,भ्रष्टाचार,कर यहां लाखों करोड़ों की राशि  वे गबन कर लेते है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ? क्योंकि संविदा  नियुक्त हुए भोजराज जैन तो अपनी संविदा नियुक्ति एवं पॉवर विहीन होने की बात कह कर अपनी जिम्मेदारी से बच जाएंगे लेकिन  वविनि में हुए भ्रष्टाचार गड़बड़,घोटाला का पूरा ठीकरा तो  प्रबन्ध संचालक पी. सी. पांडे साहब के सर फूटेगा  तथा वे उनसे राशि रिकवरी भी नही कर पाऐंगे क्योंकि  श्री जैन तो पूर्व से ही अपना समस्त ग्रेच्युटी फंड को आहरित कर चुके है ? कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी चर्चा है कि क्या ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रबन्धक वन विकास निगम द्वारा वित्त प्रबन्धक के रूप में संविदा नियुक्त हुए भोजराज जैन से कोई अमानत राशि ली गई है अथवा  रखी गई है जिससे भावी गड़बड़ी,घोटाला,भ्रष्टाचार जैसे विपत्तियों  से सहजता के साथ निपटा जा सके अथवा उसका  समाधान निकाला जा सके ?  यदि नही तो एम.डी. पांडे साहब को  इतना पॉवर तो है ही कि वे  संपूर्ण वन विकास निगम  कर्मचारियों के मध्य चर्चित हो चुके चारों की विवादित संविदा नियुक्ति को लेकर  हो रहे गर्मा गरम  चर्चा और विरोध को ध्यान में रखते हुए ऐसे विवादित संविदा  नियुक्ति को तत्काल रद्द कर सके जैसा कि सेवानिवृत्त पूर्व एम.डी. राजेश गोवर्धन साहब ने कोठारे बाबू की नियुक्ति को रद्द कर एक बहुत बड़ा  साहस दिखाया था ? क्या ऐसा साहस वर्तमान एम.डी. पी.सी.पांडे साहब दिखाएंगे ?यह सवाल सुरसा की भांति मुंह फाडे... अब वविनि के  समस्त परियोजना मंडल कर्मियों के मन मे कौतूहल बन कर खड़ा हुआ है ?

सोमवार, 23 अगस्त 2021

डाईट में आईएएस अफसर की बहन की तूती बोलती है, प्राचार्य बना कठपुतली*

 *डाईट में आईएएस अफसर की बहन की तूती बोलती है, प्राचार्य बना कठपुतली*



  रायपुर ब्यूरो 

छत्तीसगढ़  स्कूल शिक्षा विभाग का हाल बदत्तर हो चुकी है। जिसे प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला सुधारने में पूरी तरह से नाकामी हाथ लगी है। शिक्षा विभाग के अधीन विद्यालय से लेकर डाईट तक में दबाव पूर्ण कार्य किया जा रहा है । जिनके कई उदाहरण है लेकिन ताजा उदाहरण रायपुर के डाईट है, जहां पर वर्तमान प्राचार्य आर.के. वर्मा पूरी तरह से दबावपूर्ण कार्य कर रहे है। बलौदाबाजार मे डीईओ रहते हुए इन्होंने नियम कायदों की बात करते रहे है परंतु जब से डाईट रायपुर का प्राचार्य बने है तब से यहां पर वर्मा कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने लगे है । विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि रायपुर के शंकर नगर स्थित डाईट में एक शिक्षक पदस्थ है जिनके रिस्तेदार मंत्रालय में पदस्थ है जो एक सेक्शन आफिसर है । इस शिक्षिका अपने भाई को  आईएएस अफसर होने का रौब जमाकर प्राचार्य पर दबाव पूर्ण कार्य करा रहे है और दूसरे महिला शिक्षकों को काम के एवज में प्राचार्य वर्मा को कठपुतली बनाकर कार्य करा रही हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि यहां पर पदस्थ एक लिपिक को सरकारी क्वार्टर भी लेनदेन कर आबंटन कराई है , जबकि यहां पर कई ऐसे शिक्षक है जो किराए के मकान में रहते है और आवेदन पत्र देने के बाद भी सरकारी क्वार्टर रिक्त नहीं होने की बात कहकर खुद को आईएएस अफसर की बहन बताने वाली शिक्षिका की तूती बोलती है और प्राचार्य आर. के. वर्मा दबाव में काम करके अपनी छवि धूमिल करने में लगे हुए है। वहीं सूत्रों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री के एक करीबी रिस्तेदार की पत्नी यहां पर पदस्थ है जो अपने पहुंच न बताकर कार्य कर रही है । जबकि कार्य में लापरवाही बरतने वाली शिक्षिका अपने भाई को आईएएस होने का रौब जमाकर मंत्रालय में पदस्थ अधिकारी की छवि को धूमिल करने में लगी है।  इस पूरे मामले की खबर पाठकों को पूरी विस्तार के साथ जल्द ही प्रस्तुत करेंगे।

रविवार, 22 अगस्त 2021

छत्तीसगढ़ में निष्पक्ष- खोजी पत्रकारिता को त्रिवेदी जी ने रखा कायम*

 *छत्तीसगढ़ में निष्पक्ष- खोजी पत्रकारिता को त्रिवेदी जी ने रखा कायम*



*छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ,डिसेंट रायपुर के संपादक सी.के.त्रिवेदी की प्रथम पुण्यतिथि पर तरुण कौशिक की विशेष आलेख*

छत्तीसगढ़ राज्य में अगिनत साप्ताहिक समाचार पत्रों का प्रकाशन होते आ रहा है , इसमें से 'डिसेंट रायपुर' अखबार भी एक मुख्य साप्ताहिक समाचार पत्र रहे है । जिसमें मैंने अखबार के संस्थापक व प्रधान संपादक सी.के. त्रिवेदी जी के कुशल मार्गदर्शन में  बीते 19 साल तक ग्रामीण पत्रकार से लेकर डिसेंट रायपुर के कार्यकारी संपादक के पद पर कार्य करने का सौभाग्य मिला। बीते 23 अगस्त 2020 को मेरे पत्रकारिता के गुरु परम आदरणीय सी.के. त्रिवेदी जी का परलोक गमन कर गए जो मेरे लिए व्यक्तिगत रुप से क्षति रही। इनके आशिर्वाद से मैंने सर्वव्यापी अखबार का पंजीयन कराकर डिसेंट रायपुर की भांति नियमित रुप से अखबार का प्रकाशन करते आ रहे है और छत्तीसगढ़ राज्य में निष्पक्ष, खोजी और निर्भीक पत्रकारिता करने की सीख देने वाले गुरुदेव दिवगंत सी.के.त्रिवेदी जी के अनुरुप पत्रकारिता कर रहे है । 

 छत्तीसगढ़ राज्य में खोजी, निष्पक्ष पत्रकारिता को कायम रखने वाले छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष ,डिसेंट रायपुर के संस्थापक, प्रधान संपादक सी. के. त्रिवेदी जी हमारे बीच नहीं रहे मगर उनके आदर्शों को अपनाते हुए हम आज भी खोजी,निर्भीक ,निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे है ।बीते 23 अगस्त 2020 को  पत्रकारिता को एक मिशन मनाने वाले सी.के. त्रिवेदी जी लंबी बीमारी से संघर्ष करते हुए हम सबको छोड़कर चले गए लेकिन आज इनके आशिर्वाद से हम  निष्पक्ष पत्रकारिता करते आ रहे है । छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के बाद अगिनत साप्ताहिक ,पाक्षिक और मासिक के साथ ही दैनिक समाचार पत्रों का प्रकाशन हो रहा है जो पत्रकारिता की मूल मंत्र, अर्थ को भूल व्यवसाय कख रुप ले चुकी है लेकिन सी.के. त्रिवेदी जी ने संघर्ष और हिम्मत के साथ पत्रकारिता को पत्रकारिता ही बनाकर रखा और किया । आज भी पत्रकारिता जगत में त्रिवेदी जी को याद किए जाते है । मैं खुद को धन्य समझता हूं कि मैं ने सी.के.त्रिवेदी जी कुशल नेतृत्व और  मार्ग दर्शन में पत्रकारिता की और आज खुद का साप्ताहिक समाचार पत्र 'सर्वव्यापी' का बीते 21 सितंबर 2020 से अब तक नियमित रुप से प्रकाशन करते आ रहा हूँ। जिस तरह से मुझे त्रिवेदी जी ने पत्रकारिता का महत्व बताया ,आज उनके ही आशिर्वाद का फल है कि हमने कोरोना महामारी कॉल में भी बड़े संघर्ष कर निष्पक्ष, खोजी पत्रकारिता को कायम रखे हुए है । वहीं आज छत्तीसगढ़ राज्य में ही नहीं बल्कि दूसरे प्रांत में भी सर्वव्यापी ने एक अलग पहचान बनाई और मेरे पत्रकारिता के गुरु स्वर्गीय त्रिवेदी जी अखबार डिसेंट रायपुर की भांति सर्वव्यापी का प्रकाशित की जा रही है। त्रिवेदी जी निष्पक्ष, बेबाकी पत्रकारिता के लिए हमेशा पत्रकारिता जगत में याद रहेंगे। आज पुण्यतिथि के अवसर पर मेरे पत्रकारिता के गुरू देव स्वर्गीय सी.के.त्रिवेदी जी को शत्-शत् नमन, महाकाल आपकी पुण्य आत्मा को हमेशा शांति और हमें अपने तरह ही पत्रकारिता करने आपका आशीर्वाद मिलता रहे... आपको मेरे ओर से विनम्र श्रद्धांजलि...🙏🙏

रविवार, 15 अगस्त 2021

टी. टी.आई. विश्राम गृह लोको कॉलोनी में स्वतन्त्रता दिवस की 75 वीं वर्ष गांठ हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया

 टी. टी.आई. विश्राम गृह लोको कॉलोनी में स्वतन्त्रता दिवस की 75 वीं वर्ष गांठ हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया  

रायपुर स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगाँठ  के अवसर पर रेलवे स्टेशन के समीप लोको कॉलोनी स्थित टी टी आई विश्राम गृह के समक्ष ध्वजारोहण का कार्यक्रम हर्षोउल्लास के साथ सम्पन्न हुआ ध्वजारोहण कार्यक्रम शेख अफराज़  के द्वारा किया गया कार्यक्रम के आयोजन कर्ता शेख अनवर ने बताया कि  रेलवे लोको कॉलोनी टी.टी.आई विश्राम गृह के समक्ष  में स्वतंत्रता दिवस का उक्त आयोजन विगत पांच वर्षों से अनवरत मनाया जा रहा है 

श्री अनवर ने बताया कि ध्वजारोहण कार्यक्रम प्रातः काल 9 बजे सम्पन्न हुआ तथा स्थानीय स्कूल के विद्यार्थी एवं  टी टी आई अधिकारियों के गरिमामयी उपस्थिति में ध्वजारोहण शेख अफराज़ 5 वर्ष ने किया पश्चात राष्ट्रीय गान जनगण मन.. गीत  गाया गया  पश्चात स्कूल के छात्र छात्राओं को पेन कॉपी एवं स्वल्पाहार वितरण किया गया राष्ट्रीय एवं धार्मिक एकता की भावना से  चल रहे सावन माह में  दोपहर में आम भंडारे का आयोजन भी किया गया 

जिसका समस्त वर्ग धर्म के लोगों द्वारा लाभ उठाया  गया स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर  रेलवे अधिकारी,कर्मचारी भी उपस्थित रहे



 जिनमें प्रमुख रूप से मलिक दादा  ,शेख अनवर, मो.तबरेज़ उर्फ तब्बू भाई विक्की गोस्वामी, दीपांकन मजूमदार, मोहम्मद शाकिर, अनिल राव,हफ़ीज़ भाई,सोलिया अन्ना, मनोज फिलिप (मल्ली भाई) की उपस्थिति उल्लेखनीय रही

बुधवार, 11 अगस्त 2021

ग्राम पारागांव को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने प्रयासरत सरपंच दिपेश्वरी नारायण पाल

 ग्राम पारागांव को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने प्रयासरत- सरपंच दिपेश्वरी नारायण पाल

    श्रीमती दिपेश्वरी नारायण पाल सरपंच पारागांव

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी जन कल्याणकारी योजना नरवा गरुवा,घुरूवा,बाड़ी, के सफल क्रियान्वयन के परिणाम अब सामने नज़र आ रहे है वही  ग्रामीण क्षेत्रों के गौठान सहित अनेक रोजगार मूलक कार्यों के अनवरत निष्पादन के कारण ग्रामीण क्षेत्र के पुरुष श्रमिक आर्थिक सुदृढ़ता की ओर बढ़ रहे है तो वही ग्रामीण महिलाएं भी उक्त महती योजना अंतर्गत बाड़ी में साग सब्जी पशु पालन सहित अन्य  निर्माण सामग्रियों का अनवरत उत्पाद कर आर्थिक लाभ अर्जित कर आत्मनिर्भर बन रही है जहां उपरोक्त शासन की योजना का लाभ संबंधित ग्राम पंचायत के ग्रामीण वर्ग उठा रहा है तो कुछ ग्राम पंचायतों में  नरवा गरुवा घुरूवा बाड़ी योजना को लेकर विसंगतियां भी सामने आ रही है जिसके चलते ग्राम प्रतिनिधियों के स्वर मुखर होते जा रहे है उन्ही ऐसे मुखरित ग्राम पंचायतों में आरंग विकास खंड से लगे ग्राम पंचायत पारा गांव का नाम  भी प्रमुखता से आता है जहां पर शासन के महत्वकांक्षी योजना नरवा गरुवा,घुरूवा बाड़ी का प्रमुखता के साथ सफल क्रियान्वयन तो किया जा रहा है परन्तु शासन के द्वारा संचालित विकासखण्ड में बैठे अधिकारी कर्मचारियों द्वारा समय पर राशि जारी नही की जाती जिसके चलते जन प्रतिनिधियों को ग्रामीणों के कोप भाजन का शिकार होना पड़ता है


   श्री नारायण पाल प्रतिनिधि पारागांव पंचायत

 समय पर राशि न मिलने पर योजनाओं पर भी विपरीत प्रभाव अलग  पड़ता है  पारागांव सरपंच दिपेश्वरी नारायण पाल ने बताया कि नरवा गरुवा घुरूवा बाड़ी योजना के तहत ग्राम की लगभग ग्यारह महिला स्व सहायता समूह कार्यरत है तथा उनके माध्यम से ही मुर्गी बकरी पशुपालन सहित 11 एकड़ वृह्द भूभाग के चार एकड़ में बाड़ी संचालित कर मौसमी सब्जियों की फसल ली जा रही है जिनमे मुख्यतः लौकी टमाटर कद्दू, केला तोरई, मिर्ची बरबट्टी,भाटा, गंवार फल्ली सहित अन्य छत्तीसगढ़ के पारंपरिक साग खट्टा भाजी इत्यादि की फसल ली जा रही है तथा उससे अतिरिक्त आय अर्जित कर स्वावलंबन बनकर आत्मनिर्भर बन रही है वही ग्राम पंचायत पारागांव के गौठान में अतिरिक्त चार एकड़ में संपादित फसल एवं कुक्कुट पालन में कार्यरत सफ़रा मां महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती आशमति बंजारे एवं सचिव मालती कोसले ने बताया कि सरपंच दिपेश्वरी नारायण पाल के द्वारा  कुक्कट पालन तथा बकरी शेड निर्माण कराया गया है 

यहां देशी मुर्गी,बकरी का पालन किया जा रहा है उसके आय से ही बाड़ी की व्यवस्था तथा महिला समूह को पारिश्रमिक प्राप्त हो रहा है उन्होंने बताया कि  मौसमी फसल भी समय पर ली जा रही है  फिर भी उत्पाद का उतना लाभ नही मिल पा रहा है जितना समिति को प्राप्त होना चाहिए इसके लिए शासन द्वारा अतिरिक्त राशि  प्रदान किया जाना चाहिए ताकि इसे और विस्तार कर आर्थिक लाभ अर्जित किया जा सके ग्राम पंचायत पारागांव  के सरपंच प्रतिनिधि नारायण पाल ने बताया कि शासन द्वारा  गौठान के रख रखाव एवं व्यवस्था हेतु प्रदाय की जाने वाली दस हजार रुपये की राशि से गौठान की व्यवस्था असंभव है क्योंकि दो चरवाहे को ही उनके वेतन  देने में राशि  समाप्त हो जाती है प्रतिनिधि नारायण पाल आगे बताते है कि उपरोक्त दस हजार की राशि भी तीन से चार महीने में एक बार प्रदान की जाती है वही रोका छेका,तथा ग्राम क्षेत्र में स्थित  खेत,फसल सुरक्षा की दृष्टि कोण से गौठान के माध्यम से  चराई हेतु रखे जाने वाली  गाय गरुवा के प्राकृतिक आपदा वर्षा  अथवा बीमारी के कारण मृत होने पर इसका  संपूर्ण दोषारोपण ग्राम पंचायत अथवा सरपंच के सर में मढ दिया जाता है 

जिसके निराकरण   हेतु सरपंच प्रतिनिधि नारायण पाल द्वारा गौठान क्षेत्र में ही अतिरिक्त टीन शेड निर्माण की अनुमति दी उन्होंने कहा कि  वर्षा तथा मौसमी जनित बीमारी से गौ सुरक्षा हेतु उक्त शेड निर्माण का निर्णय लिया उनका मत था कि शासन द्वारा निर्माण कराए गए  घास फूस से निर्मित शेड हर छह माह में क्षतिग्रस्त हो रहे है  उसके पुनः निर्माण अथवा जीर्णोद्धार से पंचायत की अतिरिक्त राशि वहन करना पड़ ता है जो शासन वहन नही करती अतएव ऐसा टीन का मजबूत शेड निर्माण किया जाए कि गौ रक्षा सुनिश्चित की जा सके वही सरपंच दीपेश्वरी नारायण पाल ने महिला स्व सहायता समूह  के द्वारा आय की विस्तृत जानकारी ग्राम सभा मे ली जहां पर गौठान व्यवस्था में व्यय राशि के साथ ही शेष राशि का बचत बताया गया जिसे अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं में समाहित करनें का निर्देश दिया ग्राम पंचायत पारा गांव की सरपंच श्रीमती दिपेश्वरी नारायण पाल के संबध में ग्राम वासियों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि वे सहज सरल,एवं मिलनसार सरपंच है तथा शासन की समस्त योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिलाने सदैव तत्पर रहती है 

विशेषकर  ग्रामीण महिलाओ के सशक्तिकरण,एवं आर्थिक, सामाजिक मुख्यधारा से जोड़ने उनका मुख्य प्रयास रहता है  यही कारण है कि लगभग 13 महिला स्व सहायता समूह को आत्मनिर्भर बनाने उन्हें बाड़ी में साग सब्जी एवं मौसमी फसल उत्पाद सहित शासन द्वारा संचालित विभिन्न रोजगार के तहत अवसर मुहैया कराती है यही नही ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना जैसे संकट काल मे भी सभी प्रकार की सुविधाएं राशन से लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई शासन द्वारा वैक्सिनेशन शिविर लगवाकर  कोरोना रोधक टीके कार्यक्रम संपादित करवाए ग्रामीणों ने  सरपंच श्रीमती दिपेश्वरी नारायण पाल के संदर्भ में  बताया कि रोजगार ग्यारंटी के तहत ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाए गए 14वे 15 वें वित्त की राशि से भी अनेक कार्य हुए जिसमे स्वस्थ एवं साफ सफाई हेतु सुखा गीला कचरा निष्पादन हेतु अतिरिक्त शेड निर्माण,ग्राम क्षेत्र में साफ सफाई आदि सम्मिलित है

ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष सोहन शर्मा एवं सन्तुपाल नेहरुद्दीन कुरैशी ने बताया कि गौठान में नियमित गौधन क्रय किया जा रहा है साथ ही वर्मीकम्पोस्ट खाद का उत्पाद किया जा रहा है मछली पालन हेतु गौठान के बगल में स्थित तालाब में व्यवस्था की गई है तथा अन्य योजना का सफल कार्य संपादित हो रहे है  सरपंच प्रतिनिधि श्री नारायण पाल का उक्त सन्दर्भ में मत है कि शासन की योजना का लाभ प्रत्येक ग्रामीणों को मिले इसका  पूरा ध्यान रखा जाता है कोई भी नई योजना के संदर्भ में जब ग्राम पंचायत अधिकारियों से मिलकर कार्य योजना को वास्तविक धरा पर जल्द क्रियान्वयन हेतु आवेदन दिया जाता है तो उनके द्वारा दोयम दर्जे का व्यवहार करते हुए अंतिम समय मे अनुमति दी जाती है जिसकी वजह से अनेक योजनाओं का  समय पर सफल क्रियान्वयन होने में विलंब होता है 



वही यदि योजनाओं के जल्द अनुमति दिए जाने हेतु विकासखण्ड अधिकारियों से निवेदन किया जाता है तब अधिकारियों का दो टूक जवाब  कि यदि आपके पास राशि हो तो करवा लें नही तो योजना का धरा पर प्रारंभ की अनुमति समयनुसार प्रदान की जाएगी श्री पाल ने आगे बताया कि यदि योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कर भी दिया जाए तो शासकीय राशि प्रदान में विलंब किया जाता है इस नीति से श्रमिक वर्ग नाराज तो होता ही है साथ ही ग्राम पंचायत की योजनाएं भी बाधित होती है  जबकि वही योजनाएं एवं राशि अन्य ग्राम पंचायतों  के सरपंचों को शीघ्र  प्रदान कर दी जाती है तथा ग्राम पारागांव को जनकल्याणकारी योजनाओं के समय पर सफल क्रियान्वयन हेतु विलंब कर दिया जाता है जिससे भान होता है कि ग्राम पारागांव पंचायत के साथ ही दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है जो अनुचित है इससे ग्राम पंचायत सरपंच एवं पंचायत की छबि धूमिल तो होती ही है साथ ही शासन के द्वारा संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन न होने से सरकार की भी किरकिरी होती है जिसे विकास खंड में बैठे अधिकारियों को विचार करना होगा  ग्राम पंचायत पारा गांव के  ग्राम सभा में ग्राम सरपंच श्रीमती दिपेश्वरी नारायण पाल,सरपंच प्रतिनिधि नारायण पाल,गौठान समिति के सन्तुपाल,नेहरुद्दीन कुरैशी, ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष सोहन शर्मा सहित ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक सहित बड़ी संख्या में महिला स्व सहायता समूह की सदस्य एवं ग्रामीण उपस्थित थे 

सोमवार, 9 अगस्त 2021

छग वन विकास निगम में थम नही रहा संविदा नियुक्ति का खेल

छग वन विकास निगम मुख्यालय में थम नही रहा संविदा नियुक्ति का खेल 

अलताफ हुसैन

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) एक कहावत बहुत ज्यादा मशहूर है,,,कहां राजा भोज ..कहां गंगू तेली.. यहां किसी वर्ग समुदाय की भावना को आहत करने उक्त शब्द का प्रयोग नही किया गया बल्कि.प्रासंगिक वश शब्द को अक्षरशः सत्य साबित कर दिया प्रदेश के छग राज्य वन विकास निगम के वित्तीय प्रबंधक भोजराज जैन ने जो छग राज्य वन विकास निगम में लंबे  सेवाकाल से सेवानिवृत्त होने के पश्चात भी अपनी संविदा नियुक्ति करवा कर अतिरिक्त लाभ अर्जित कर रहे है यथा नाम तथा गुण वाली उक्ति को चरितार्थ करते हुए न एक छोटे से कर्मचारी पद से सेवा परंभ करने वाले जैन साहब आज  वस्तुतः गंगू तेली से भोजराज बन गए  तथा संपूर्ण छग वन विकास निगम मुख्यालय सहित प्रदेश की वित्तीय बागडोर अपने हाथों में संभाले हुए है उनके द्वारा इस सेवाकाल में अनेक उपलब्धि प्राप्त की है राजेन्द्र नगर के पाश कालोनी में दो बंगले के अलावा अन्य क्षेत्रों में आलीशान बंगले तैयार करवाए है यह बात अलग है कि उसे अपने भ्राता श्री के होने की बात  सार्वजनिक किया हुआ है यही नही इसके अलावा भी अनेक अचल संपतियां उन्होंने बनाई है ऐसी चर्चा विभाग कर्मचारियों के मध्य प्रचलित है फिर चल अचल संपति कितनी होगी यह तो अभी स्पष्ट नही है उल्लेखनीय है मध्यप्रदेश शासन काल से एक छोटे से पद से अपनी सेवा प्रारंभ करने वाले श्री भोजराज जैन आज छग राज्य वन विकास निगम के वित्तीय आर्थिक प्रबन्धन का मूल स्तंभ है जिनके सेवा काल मे अनेक गड़बड़,घोटाले और भ्रष्टाचार हुए है अब चाहे वह ऑक्सिजोन निर्माण हो या प्रदेश भर के प्लांटेशन लगने वाली सामग्री,दवा खाद, क्रय अथवा निर्माण कार्य ही क्यों न हो बगैर उनके राशि वितरण के कोई भी निगम का कार्य संपादित नही होता यही वजह है कि दूध देने वाली कामधेनु गाय को कोई छोड़ना नही चाहता और उनके सेवा निवृत्त पश्चात भी उन्हें पुनः संविदा नियुक्ति देकर उन्हें फिर से वितीय प्रबन्धन का दायित्व सौंपा दिया गया आज  वे समस्त शासकीय लाभ उठा रहे है जिसका अधिकार उन अधिकारियों का बनता है जो अपने प्रमोशन की उम्मीद लगाए सेवारत जूनियर अधिकारी है  गौर तलब है  कि छग राज्य वन विकास निगम में बहुत से ऐसे जूनियर अधिकारी भी अपनी वरिष्ठता क्रमोन्नति की लाइन में लगे हुए है मगर उन सब को केवल निराशा ही हाथ लग रही है तथा वित्तीय प्रबंधन का संपूर्ण दायित्व उन्हें है सौंप दिया गया अब इसके पीछे क्या कारण है छानबीन करने पर ज्ञात हुआ कि सेवानिवृत होने के पूर्व ही इसी वर्ष किए गए  विभागीय  डीपीसी में छग राज्य वन विकास निगम के माननीय अध्यक्ष देवेंद्र बहादुर सिंह एवं छग राज्य वन विकास निगम के प्रबंध संचालक पी सी पांडे साहब  ने बड़ी चतूराई से वित्त प्रबन्धक भोजराज जैन, कोठारे साहब एवं कोरबा में पिल्लई साहब सहित एच. आर नेताम जो मंडल प्रबन्धक पद पर नियुक्त किए गए है उन्हें  सेवा निवृत्त के पूर्व पुनः संविदा हेतु नाम प्रस्तावित कर दिया  जबकि  बताया जाता है कि मंडल प्रबन्धक पद हेतु दो वर्ष की ट्रेनिंग एवं अन्य जानकारी आवश्यक होता है फिर भी उनकी नियुक्ति कर दी गई तथा उन्हें मुख्यालय ही अटैच कर दिया गया इस सिलसिले में कार्यालय में वर्षों से अपनी क्रमोन्नति की बाट जोहने वाले अधिकारी भी मौजूद है परन्तु उन्हें किसी प्रकार की क्रमोन्नति न देना इसके पीछे एक बहुत बड़े लेनदेन सहित कमीशन खोरी की बू आ रही है वही छग राज्य वन विकास निगम से पूर्व अनुभवी कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार  सेवानिवृत अधिकारी भी मौजूद है जो संविदा हेतु आवेदन दिए हुए है परन्तु उन सब को अनदेखा कर वित्तीय  प्रबन्धक भोजराज जैन  तथा कोठारे साहब,एवं कोरबा से पिल्लई एवं एच. आर. नेताम जैसे अधिकारीयों की नियुक्ति करना एक बहुत बड़े  षड्यंत्र रचने के समान माना जा रहा है छग राज्य वन विकास निगम के प्रबन्ध संचालक पी सी पांडे साहब की छग राज्य वन विकास निगम मे  नियुक्ति के समय  कर्मचारी यह कयास लगा रहे थे कि उनकी नियुक्ति से छग राज्य वन विकास निगम की बदतर होती आर्थिक दिशा और दशा में  कुछ सुधार होगा तथा  कर्मचारियों के विसंगतियां दूर कर उन्हें राहत पहुंचाई जाएगी

परन्तु उनके पदस्थ होते ही अल्प वर्षों में ही छग राज्य वन विकास निगम की  आर्थिक दशा में सुधार तो दूर वह और अत्यंत  दयनीय स्थिति में पहुंच गया  पूर्व अधिकारियों की अनवरत भ्रष्ट कार्यशैली की वजह से बताया तो यह जा रहा था कि वर्तमान में  निगम मुख्यालय आर्थिक कमी के चलते निगम में वर्षों से संचित की गई राशि (एफ डी) तोड़कर राशि की व्यवस्था किया गया तथा व्यवस्था को संभाला गया अर्थात जमा पूंजी भी निवेश कर दिया गया अब उसकी भरपाई कहां तक होती है यह अब देखना होगा आर्थिक विपन्नता की ऐसी परिस्थिति में भी  छग राज्य वन विकास निगम मुख्यालय द्वारा कंपनी सिकरेट्री (चीफ सिकरेट्री रेवेन्यू) की नियुक्ति अब तक नही की गई  इसके पीछे का कारण यही माना जा रहा है कि यदि कंपनी सिकरेट्री की नियुक्ति होने से संपूर्ण वित्तीय अधिकार उपरोक्त पदस्थ अधिकारियों से छीन जाएंगे तथा  निगम में गड़बड़ घोटाला एवं भ्रष्टाचार करने के समस्त मार्ग अवरुद्ध हो जाएंगे यही वजह है कि मुख्यालय वन विकास निगम में किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति न करके  संविदा नियुक्ति का यह खेल खेला गया तथा अपने चहेतों को ही पुनः अवसर प्रदान कर भ्रष्टाचार घोटाले का मार्ग प्रशस्त किया गया है  चर्चा यह भी आम है कि  संविदा नियुक्ति प्राप्त अधिकारियों कर्मचारियों को वे समस्त पूरी वेतन सहित अन्य  सुविधाएं,दिया जा रहा है जो एक सेवारत अधिकारियों को उक्त पोस्ट में रहते हुए  दिया जाता है जबकि वन विकास निगम में  लंबे समय से अधिकारियों और कर्मचारियों का टोटा होना भी बताया जा रहा है इसके बावजूद नवीन भर्ती भी नही किया जाता  केवल छोटे अनुभव हीन,कर्मचारियों,अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार नियुक्ति देकर सीनियर अधिकारियों को अपने जूनियर के हाथ के नीचे कार्य करने विवश होना पड़ रहा है यह स्थिति सिर्फ वन विकास निगम मुख्यालय में ही नही बल्कि प्रदेश भर के आठ से नौ परियोजना मंडल कार्यालयों में सहजता से देखी जा सकती है जहां जूनियर फॉरेस्ट गार्ड को रेंजर का अतिरिक्त प्रभार देकर अपने मन मुताबिक गड़बड़ घोटाला और भ्रष्टाचार करने  का अवसर दिया जा रहा है एक प्रकार से डमी अधिकारियों के रूप में इनका उपयोग केवल सही हस्ताक्षर हेतु किया जाता है बाकी समस्त दूध मलाई ऊपर बैठे अधिकारियों को प्राप्त होता है तथा इन्हें तो छाछ भी नसीब नही होता  रेंजर को उप वन मंडल प्रबन्धक तथा जूनियर लेखा अधिकारी को प्रबन्धक लेखापाल के पद सौंप कर दस्तावेजों में कूटरचना कर मनमाने तरीके से खुलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसका कोई पुरसाने हाल नही है तथा स्थिति ...सईंया भयो कोतवाल तो फिर डर काहे का... वाली निर्मित हो गई है न ही गड़बड़ घोटाला भ्रष्टाचार करने पर इन्हें कोई बोलने वाला और न ही कोई इन्हें रोकने वाला वही नियुक्ति के नाम पर दोहरा लाभ सो अलग मिल जाता है ज्ञातव्य हो कि  सब संविदा,  और अतिरिक्त प्रभारी नियुक्तियां एक बड़ी राशि लेकर की जाती है जो ऐसे पैसों की सीढ़ी से ऊंचे पद में पहुंचते है वे अपने ऊपर बैठे आका की हुक्म बरदारी,और तीमारदारी में समर्पित भाव से सेवा करता है और अधिकारियों को अर्थ लाभ पहुंचाते रहता है जिसका ही परिणाम है कि छग राज्य वन विकास निगम के कोष खाली होते जा रहे है और ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों के पेट और वेट दोनों बढ़ रहे है तथा खाली कोष होने की वजह से योजनाओं पर विपरीत असर तो दिखता ही है साथ ही प्रदेश सरकार को भी लाभांश राशि देने में अगलबगल देखना पड़ता है यही नही कोषालय में आर्थिक निम्नता के चलते दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को  वेतन के नाम पर प्रताड़ित किया जाता रहा है वही दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा  जब इस संदर्भ में  आक्रोश व्यक्त करते हुए कहते है कि संविदा सहित अन्य  अतिरिक्त प्रभारी नियुक्तियों के लिए छग राज्य वन विकास निगम के पास पैसे है तथा दैनिक वेतन भोगियों को वेतन सहित अन्य बड़ी हुई राशि देने में  निगम को परेशानी है इसका आशय स्पष्ट है कि संविदा नियुक्ति एवं प्रभारी नियुक्ति खेल में ऊपर बैठे अधिकारियों कर्मचारियों के आर्थिक लाभ मिलता है तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को राशि देना पड़ता है इसलिए भी दैनिक वेतन भोगी जो अपने जीवन का आधा समय व्यतीत कर चुके है इनमें  कुछ तो रिटायरमेंट होने के कागार पर है उन्हें आज पर्यंत नियमित नही किया गया है केवल इसी आशा पर शेष सेवाकाल व्यतीत कर रहे है कि आज नही तो कल वे अवश्य नियमित होंगे उल्लेखनीय है कि नियमितीकरण के संबन्ध में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने  दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से वादा किया था कि उनकी सरकार आते ही उन्हें नियमितीकरण किया जाएगा परन्तु ढाई वर्ष व्यतीत होने के बावजूद सरकार अपना वायदा नही निभा रही है केवल औपचारिक रूप से जांच कमेटी बना दिया गया जो अब तक निष्क्रिय है वही प्रदेश दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के महामंत्री ने नियमितीकरण को लेकर माननीय वन मंत्री से लेकर अध्यक्ष वन विकास निगम,एवं प्रबंध संचालक को ज्ञापन सौंप कर चर्चा  और अन्य  संबंधित विभागों में पत्राचार कर वस्तुस्थिति से अवगत किया जाने की बात कही  उन्हें प्रबन्ध संचालक,एवं अध्यक्ष वन विकास निगम द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि इस विषय को मीटिंग में प्रस्तावित करेंगे परन्तु दैनिक वेतनभोगी कर्मियों की समस्या को रखना तो दूर उसे एक किनारे रख केवल संविदा नियुक्तियो पर  ही अधिक ध्यान दिया गया तथा श्री भोजराज जैन, कोठारे , पिल्लई एवं एच. आर. नेताम के नामों को हरी झंडी दे दी गई जबकि अन्य प्रस्तावित दस्तावेजों के लिफाफे तक नही खोले गए  इस बात को लेकर भी मुख्यालय एवं कार्यालयों में कर्मचारियों के मध्य  कानाफूसी जोरो पर है कि  नेताम साहब को मंडल प्रबंधक पद पर नियुक्ति दी गई   परन्तु उन्हें मुख्यलय में ही पदस्थ कर सेवा ली जा रही है जो समझ से परे है जबकि उन्हें गाड़ी से लेकर  अन्य सुविधाओं से पूरा लाभ दिया जा रहा है बताया यह भी जा रहा है कि कोरबा से डिप्टी रेंजर से सफर तय करने वाले नेताम साहब बिलासपुर में डीडीएम फिर वही  आज मुख्यालय की ड्योढ़ी पहुंच गए कोरबा में रहते हुए इन्होंने भी बहुत राशि गबन घोटाला कर अर्जित की है उन्ही पैसों की सीढ़ी पर आज यहां तक पहुंचे है  यही नही पूर्व सेवानिवृत्त एम डी. राजेश गोवर्धन साहब  आज भी  विभागीय लाभ अब तक उठा रहे है उनके यहां ऐसे भी कर्मचारी कार्यरत है जो वेतन तो  छग राज्य वन विकास निगम मुख्यालय से लेते है परन्तु चाकरी सेवानिवृत्त अधिकारियों के यहां करते है जिनमे पूर्व अधिकारी राजेश गोवर्धन,दास साहब सहित अन्य अधिकारियों के नाम प्रमुखता से सामने आए है अब वर्तमान प्रबन्ध संचालक पी सी पांडे साहब बताए कि यह राशि  तथा ड्राइव्हर का वेतन किस अधिकार से सेवा निवृत्त अधिकारियों के यहां कार्य करने वाले कर्मचारियों को दिया जाता है बार नवापारा मंडल के रेंजर ऋषि शर्मा द्वारा ऐसे अनेक बिल बाउचर के माध्यम से इसका भुगतान अनवरत करते आ रहे है कर्मचारियों को प्रदाय की जाने वाली राशि क्या वे  सेवानिवृत अधिकारी अपनी जेब से करते है या रेंजर ऋषि शर्मा द्वारा बिल बाउचर के माध्यम से सरकारी राशि मे यह एडजस्ट किया जा रहा है जो नियम विरुद्ध है  संविदा और अतिरिक्त प्रभार नियुक्ति का यह खेल बहुत वर्षों से चल रहा है जिसका मास्टर माइंड भोजराज जैन को माना जा रहा है बताया जाता है कि उनकी वर्तमान आवक प्रति माह लाखों रुपये है वही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में अपनी पहुंच रखने  वाले श्री जैन अभी कुछ  सहायक लेखाधिकारी की संविदा नियुक्ति में लगे हुए है  उन्हें संपूर्ण ज्ञान पूर्व आई एफ एस अधिकारी राजेश गोवर्धन से प्राप्त हो रहा है तभी तो सेवा निवृत्त अधिकारी की सेवा सुश्रुषा सरकारी पैसे और कर्मचारियों से अनवरत जारी है लेकिन सरकारी राशि का यह दुरुपयोग  पर भी अंकुश लगाना अनिवार्य है अब सवाल यह उठता है कि ऐसी अनियमितताओ पर प्रतिबंध लगाए तो कौन लगाए क्योंकि छग राज्य वन विकास निगम की इस काजल की काली कोठरी में जो भी अधिकारी कर्मचारी आता है उसके सफेद दामन में दाग तो लगना स्वभाविक है फिर भ्रष्टासुरों की चौकड़ी केवल निगम मुख्यालय में ही नही बल्कि प्रदेश भर के समस्त परियोजना मंडल कार्यालय में संविदा,अतिरिक्त प्रभारी नियुक्ति के खेल  हो रहे है इससे न ही  वन विकास निगम का मूल कार्य ठीक से संपादित हो रहा है बल्कि ऐसे भ्रष्टासुरों की नियुक्ति कर वन विकास निगम को पूरी तरह खोखला करने में जुटे है जो शनैः शनैः छग वन विकास निगम को  दीमक की भांति पूरी तरह खोखला कर चट करने में लगे है पूर्व अधिकारियों और जानकारों का मत है कि यदि वन विकास निगम में यही स्थिति चलती रही तो एक दिन छग राज्य वन विकास निगम में कहीं ताला न लग जाए .

शुक्रवार, 6 अगस्त 2021

ग्राम पंधी के शासकीय प्राथमिक शाला में प्रवेश उत्सव संपन्न

 


ग्राम पंधी के शासकीय प्राथमिक शाला में प्रवेश उत्सव संपन्न

रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़)आरंग विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंधी में शासकीय  प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला में शासन के निर्देशानुसार साप्ताहिक शाला प्रवेशोत्सव का कार्यक्रम संपन्न किया गया



 इस अवसर पर ग्राम पंधी के स्तपंच प्रेमलाल निर्मलकर ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में  कोरोना काल पश्चात शाला में प्रवेश रत विधायर्थियों का स्वागत किया तथा उन्हें वर्तमान कोरोना संक्रमण  स्थिति के अनुसार संपूर्ण गाइड लाइन का अक्षरशः पालन करने कहा उन्होंने आए विद्यार्थोयों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यदि हम मास्क सेनेटाइजर सहित दो गज की दूरी का पालन करते है तो हम भयावह कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से लड़ सकते है ग्राम पंधी के शासकीय शाला प्रवेश उत्सव में विशिष्ट अतिथि के आसंदी से नोडल प्राचार्य जी आर टन्डन ने उपस्थित समस्त शिक्षको को आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना काल की विशेष परिस्थिति में बहुत से लोग,बच्चे काल कलवित हो गए थे अब परिस्थिति अनुसार छात्र छात्राओं के शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य की सुरक्षा भी हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है अतएव उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पठन पाठन कार्य कराया जाए सी. ए. सी.अमित अग्रवाल ने भी अपने संक्षिप्त विचार रख विध्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया साथ ही छात्र छात्रओं को उनके  कार्यों की प्रशंसा कर पुरुस्कृत भी किया गया  ग्राम पंधी के शाला प्रवेश उत्सव में ग्राम पंधी के सरपंच प्रेमलाल निर्मलकर,नोडल प्राचार्य श्री जी आर टन्डन,शाला प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष प्रहलाद साहू, उमेन्द्र चन्द्राकर संकुल प्रधान पाठक,श्रीमती प्रमिला चन्द्राकर संकुल सहायक प्रधान पाठिका सहित समस्त शिक्षक गण एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे 

बुधवार, 4 अगस्त 2021

ऑरेंज भूमि में हरियाली की सौगात -मुख्यमंत्री के हरियाली प्रसार योजना को मिल रहा बेहतर प्रतिसाद

 ऑरेंज भूमि में हरियाली की सौगात -मुख्यमंत्री के हरियाली प्रसार योजना को मिल रहा बेहतर प्रतिसाद

अलताफ हुसैन

रायपुर (छग वनोदय,फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) किसी कवि ने क्या खूब कहा है ..  गर देखना चाहते हो मेरी उड़ान को .....जाओ ऊंचा करो ज़रा आसमान को...... यह पंक्ति प्रत्येक उस इंसान का हौसला बुलंद करती है जो वस्तुतः अप्रत्याशित कार्य को भी बड़ी सहजता से पूरा करने की अद्भुत  क्षमता रखता हो लेकिन उलझे जीवन के  सुलझाने में ही जीवन कब व्यतीत हो जाता है ज्ञात नही होता परन्तु कहते है प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर एक ऐसा अवसर अवश्य देता है जो उसके जीवन की दशा,दिशा,तक़दीर, और तस्वीर बदल देता है  बस अवसर मिलना चाहिए कर्म  लक्ष्य के साथ साथ कठिन परिश्रम,विपरीत परिस्थियों,के मध्य जीवटता एवं,जुझारू पन,व्यक्तित्व के निखारने के मूलमंत्र साबित हो जाता है तथा ऐसा व्यक्ति अपने परिश्रम लगन, कर्तव्यनिष्ठा,से ज़मीन से उठ कर आसमान का प्रकाशमान सितारा बन जाता है ऐसी ही कुछ विकासपूर्ण कार्य वन अनुसंधान विस्तार केंद्र रायपुर वन मंडल के अंतर्गत भी हो रहे है  जिसकी प्रशंसा प्रत्येक उस पर्यावरण और प्राकृतिक प्रेमी को करने विवश होना पढ़ रहा है जो प्राकृतिक रूप से  हरित चादर ओढ़े वसुंधरा के रचयता और महान ईश्वरीय परिकल्पना का भक्त है उसके मुख से पड़त,भाटा ऑरेंज मुरुमी,पथरीली भूमि मे हरियाली प्रसार कर्ता के कृत्यों के मुक्त कंठ से प्रशंसा स्वमेव निकलना प्रारंभ हो जाएगी यही कारण है कि हमारी कलम भी ऐसे व्यक्तित्व के कार्यों के प्रति प्रासंगिक वश  यश शब्द लिखने में कोई कोताही नही बरत रही है तथा ऐसे टीम और उनके द्वारा संपादित किए जा रहे हरियाली प्रसार के माध्यम से निर्मित प्राकृतिक वातावरण के  उक्त प्रयास को जन मानस के समक्ष लाने का एक तुच्छ सा प्रयास है इस नैसर्गिक एवं प्राकृतिक वातावरण निर्मित करने में प्रशंसनीय एवं सराहनीय कार्य को अंजाम देने में महती भूमिका निभाने वाली डीएफओ (वनमंडलाधिकारी)सलमा फारुखी मैडम है जो अनुसंधान, विस्तार वन मंडल रायपुर  की कमान सम्हाले हुए है उनके ही अथक प्रयास से बंजर पड़त मुरुमी पथरीली भाटा भूमि में लगभग 35 हजार से ऊपर फलदार,फूलदार,छायादार,ईमारती काष्ठों वाली मिश्रित प्रजाति के पौधों का सफल प्लांटेशन रायपुर से मात्र 40 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम छतौद में करवाकर हरितक्रांति युग की शुरुआत की है ग्राम छतौद के उक्त प्लांटेशन और हरियाली प्रसार से वे इतनी प्रसन्न एवं प्रभावित हुई कि अपने उक्त बेमिसाल कार्य हेतु उसे कव्हर करने की अनुमति दी डीएफओ फारुखी मैडम ने बताया कि संपूर्ण प्रदेश के ग्राम पंचायतों के माध्यम से पड़त भाटा बंजर भूमि पर मुख्यमंत्री  हरियाली प्रसार  योजना के तहत कैंपा मद से कार्य संपादित हो रहे है  जिसमे  प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा उक्त  योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रदेश भर के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों की संख्या में पौधा रोपण का कार्यक्रम प्रारंभ किया था जो शनैः शनैः सफलता की ओर जा रहा है डीएफओ फारुखी मैडम ने उक्त योजना की सराहना एवं प्रशंसा व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री भूपेश बघेल,वनमंत्री मो.अकबर सहित पीसीसीएफ श्री राकेश चतुर्वेदी साहब वनबल प्रमुख के मुख्यमंत्री हरियाली प्रसार योजना के प्रारंभ किए जाने की मुक्त कंठ से प्रशंसा व्यक्त कर साधुवाद देते हुए बताया कि जिन वनों के अनवरत विदोहन से उसका रकबा घटते हुए 45 प्रतिशत तक पहुंच गया था मुख्यमंत्री हरियाली प्रसार योजना के माध्यम से हमारे प्रदेश के वनों में और उसके क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होगी साथ ही प्रदेश भर के असन्तुलित जलवायु,वातावरण में आंशिक परिवर्तन देखने मिलेगा विगत वर्षों की कोरोना  महामारी के चलते ऑक्सीजन की महत्वता से  प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति अवगत हो चुका है तथा वनों और पेड़ पौधों से मिलने वाली ऑक्सीजन  हमारे जीवन मे कितना महत्व रखते है उसका भान भी हो चुका है  डीएफओ मैडम फारुखी ने आगे कहा कि प्रदेश भर में चलाए जा रहे मुख्यमंत्री हरियाली प्रसार योजना का लाभ तभी संभव है जब इसकी सुरक्षा एवं व्यवस्था में क्षेत्र के ग्रामीण निवासी सहयोग करे  एक बड़े भूभाग में रोपण स्थल का मुआयना जब टीम ने  किया तो एक बरगी खुली आंखों से देखने मे  यह विश्वास करना दुरूह हो गया कि ऐसे ड्राय और मुरुमी ऑरेंज स्थल पर कैसे प्लांटेशन संभव है 

इस संदर्भ में जब अनुभवी  उपवन मंडलअधिकारी जे जे आचार्य साहब से संपर्क कर जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि यह एक बहुत ही चुनौती पूर्ण कार्य था फिर भी हमने मैदानी अमले को निर्देश दिया कि एक बाई एक के गड्ढे कर उसमें उपजाऊ खाद मिश्रित काली मिट्टी को डाले जिससे रोपित पौधों के जड़ें मजबूती से अपना स्थान बनाएगी और पौधे  सर्वाइव करेंगे श्री आचार्य साहब ने बताया कि पौधे अनेक प्रकार के होते है जिनमे कुछ बहुत अधिक कोमल तो कुछ सामान्य होते है परन्तु हमने उन्ही पौधों का चयन कर रोपण कार्य करवाया गया जो निश्चित ही क्षेत्र में मुख्यमंत्री हरियाली प्रसार योजना में सहायक सिद्ध हो वही समय समय पर जाकर रोपण कार्य का मुआयना एव दिशा निर्देश भी देते है ताकि पौधे सफल और कैसे सुरक्षित रहे इसके लिए भी उपवन मण्डलाधिकारी श्री जयजीत आचार्या साहब ने बताया कि पौधों की देखरेख,सुरक्षा व्यवस्था हेतु संपूर्ण रोपण क्षेत्र में हमने सीमेंट पोल के साथ फेंसिंग वायर से घेराबंदी करवाई है ताकि पौधों को चराई कटाई अथवा नुकसान से संरक्षित किया जा सके जिसका ही परिणाम है कि पौधे अब शनैः शनैः अपनी जड़ें मजबूत कर रहे है और सर्वाइव भी कर रहे है श्री आचार्या साहब ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण हरियाली प्रसार योजना के सफल होने के लिए आम व्यक्ति से लेकर ग्रामीण पंचायतें, कृषक एवं वन समितियों को मुख्यमंत्री द्वारा  दस हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से तीन वर्षों के लिए प्रदाय किया जाएगा इससे आम व्यक्तियों में वृक्षारोपण सहित उसके संरक्षण संवर्धन में जागरूकता आएगी तथा क्षेत्र हरीतिमा युक्त रहेगा. मैदानी वृक्षारोपण क्षेत्र में सफल हरियाली प्रसार में कंधा से कंधा मिलाकर कदमताल करने वाले फेहरिस्त में सबसे पहला नाम यदि किसी का होता है तो वह परिक्षेत्राधिकारी का होता है क्योंकि उसके मजबूत कांधे पर ही प्लांटेशन रोपण के सफल अथवा असफल होने की जिम्मेदारी होती है तीन बाई तीन के अंतराल में लगाए जाने वाले पौधों से उसके सुरक्षा,उपचार,देखरेख तक समस्त जिम्मेदारी होती है

यह बड़े सौभाग्य का विषय रहा कि रोपण कार्य के लिए अनुभवी दक्ष एव रोपण कार्य मे अपनी लंबी सेवाकाल व्यतीत करने वाले कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार,एवं मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी  पी.आर.लसेल साहब को अवसर प्राप्त हुआ लगभग 37 वर्षों से वे वानिकी और रोपण कार्य कराते आ रहे है प्रारंभिक सेवाकाल उन्होंने वन रक्षक के तौर पर की थी पश्चात उनके जीवटता,जुझारूपन, लंबा अनुभव और कर्तव्यनिष्ठा का परिणाम रहा कि वे वन अनुसंधान विस्तार केंद्र वन मंडल रायपुर के अंतर्गत परिक्षेत्राधिकारी के रूप में अपना शेष सेवाकाल व्यतीत कर रहे है पी.आर.लसेल साहब ने बताया कि ग्राम छतौद के तीस हैक्टेयर विस्तृत भूभाग में लगभग 33 हजार भिन्न भिन्न मिश्रित प्रजाति के,फलदार,फूलदार,छायादार,औषधियुक्त ,ईमारती काष्ठ  के मिश्रित पौधों का सफल रोपण किया गया है जो पृथक तीन आसपास क्षेत्रों का चयन कर किया गया जिसमें ग्राम छतौद के सरपंच एवं ग्रामीणों का पूरा सहयोग प्राप्त हुआ चयनित रोपण क्षेत्र में हमने नीम, कचनार,आम,जाम,जामुन,शिशु,पेल्टाफाम,आंवला,बांस बेहड़ा,सागौन रूटशूट,कटहल,महुआ,गुलमोहर,इमली,पीपल,बरगद इत्यादि का रोपण कार्य किया तथा पौधे ग्राम गोढ़ी नर्सरी से ही क्रय किए गए रोपण स्थल में रोपित पौधों की पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है तथा मृत सूखे पौधों के स्थान पर नए पौधे लगाए जा रहे है तथा पौधों में गाला बनाकर दवा,खाद से उन्हें उपचारित किया जा रहा है परिक्षेत्राधिकारी पी.आर.लसेल साहब ने आगे बताया कि वर्षा ऋतु का लाभ अभी रोपित पौधों को प्राप्त हो रहा है  वही सिंचाई व्यवस्था के बारे में उन्होंने बताया कि एक 426 फीट गहरा बोर खनन  करवाया गया है जिससे वर्षा पश्चात सिंचाई की जाएगी इतने बड़े प्लांटेशन  भूभाग में एक बोर से कैसे सिंचाई व्यवस्था हो पाएगी पूछने पर श्री लसेल साहब ने आगे बताया कि प्रत्येक रोपण क्षेत्र  भूभाग के मध्य में जल संचय की विशेष व्यवस्था की जाएगी जहां से पाइप द्वारा जल प्रवाहित कर स्ट्रिंकलर पद्धति से सुचारू ढंग से सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी वही ग्रीष्म ऋतु में जल स्तर गिरने पर पौधों की देखरेख व्यवस्था के विषय पर उन्होंने बताया कि मुरुमी ऑरेंज भूमि होने के कारण रोपण स्थल के समीप  में ही तालाब निर्मित है जहाँ से पंप द्वारा सिंचाई या टैंकर के माध्यम से सिंचाई व्यवस्था की जाएगी



 वही मैदानी अमले के वन रक्षक सूर्यकांत भू आर्य जो ग्राम छतौद प्लांटेशन के प्रभारी भी है उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण रोपण कार्य उनकी ही देखरेख एवं श्रमिक व्यवस्था से संपन्न हुआ है रोपण कार्य के लिए तिल्दा विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम छतौद के ही ग्रामीण श्रमिकों का चयन कर कार्य संपादित किया गया इसके लिए ग्राम सरपंच एवं ग्रामीणों  का भी पूरा सहयोग प्राप्त हुआ है वन रक्षक सूर्यकांत भूआर्य ने बताया कि श्रमिकों को मुरुमी ऑरेंज ड्राई भूमि होने के कारण गड्ढे खनन में थोड़ी परेशानी उठानी पड़ी परन्तु हरियाली प्रसार के जुनून में मैंने अपने नाम के अनुरूप  सूर्य के समान कांति युक्त चमक की भांति इस  पड़त भाटा ऑरेंज मुरुमी भू भाग में हरियाली की आभायुक्त छटा बिखेरने में आर्य पुत्र की भूमिका का बखूबी निर्वहन किया तथा अधिकारियों के आदेश एवं दिशा निर्देशों का अक्षरशः सौपे गए दायित्वों का ईमानदारी से  पालन किया है वन रक्षक सूर्यकांत भूआर्य ने आगे कहा कि ईश्वरीय निर्मित अनमोल प्राकृतिक को सुधारने एवं जलवायु,पर्यावरण,और मानव वातावरण के सुरक्षा की दृष्टिकोण से  लेशमात्र योगदान दे कर हमने बिगड़े पर्यावरण को संतुलित कर मानव जीवन के  उद्धार उसकी आयु में वृद्धि के लिए हरित क्रांति लाने एक लक्ष्य प्राप्ति कर सुधार  कार्य किया है अब यह मानव के ही हाथ मे है कि पर्यावरण एवं बिगड़े वनों के सुधार के लिए किए गए सराहनीय प्रयास के लिए रोपित पौधों की सुरक्षा की जाए या फिर इसे समूल नष्ट कर नेस्त नाबूत किया जाए ?वही बिगड़े वनों के सुधार और पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्रदेश के वन मंत्री मो.अकबर एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुखिया पीसीसीएफ एव वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी साहब के कुशल प्रशासनिक नेतृत्व का उल्लेख न करना नाइंसाफी होगी जिनके ही प्रयास एवं आर्थिक योगदान से जो कैम्पा मद से बिगड़े वनों के सुधार पड़त भाटा बंजर भूमि में प्लांटेशन, राम वन गमन पथ योजना तथा वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के माध्यम से प्रदेश भर में हरियाली प्रसार की हरित क्रांति युग की एक नई शुरुआत हुई है वही वन अनुसंधान एवं विस्तार केंद्र रायपुर वन मंडल के परिक्षेत्राधिकारी पी.आर.लसेल का पर्यावरण की दृष्टिकोण से लगाए जाने वाले प्लांटेशनो के संदर्भ में अपना अनुभव साझा करते हुए तनिक विचलित भी हो जाते है और कहते है  कि हमारे द्वारा लगाए जाने वाले पेड़ पौधों के वास्तविक शत्रु  कोई और नही बल्कि स्वयं मानव ही है इसकी सुरक्षा हेतु प्लांटेशन क्षेत्र में चौकीदारों की नियुक्ति भी की गई है शीघ्र ही प्लांटेशन क्षेत्र वन समतुल्य नज़र आएगा तथा पक्षियों वन्य प्राणियों के रहवास का क्षेत्र भी निर्मित होगा साथ ही भविष्य में मानव जीवन के लिए भी जीवनदायिनी साबित होगा उनके द्वारा कराए गए प्लांटेशन तथा विभाग के उच्च अधिकारियों के चेहरे से झलकती प्रसन्नता,एवं अति उत्साह देखते हर  किसी कवि की उक्त दो लाइन में कही गई  यह बात अक्षरशः सत्य साबित होती प्रतीत होती नजर आती है कि ...कौन कहता है कि आसमान में सुराख हो नही सकता ....एक पत्थर तो ज़रा तबियत से उछालो यारों ...,उपरोक्त कथन को ग्राम छतौद के पड़त भाटा बंजर  मुरुमी ऑरेंज भूमि स्थल में सफल रोपण कर वन अनुसंधान विस्तार केंद्र के अधिकारियों और मैदानी कर्मचारियों ने वास्तविकता की धरा पर उपरोक्त शब्दों के भावार्थ को सार्थक  कर दिखाया  

मंगलवार, 3 अगस्त 2021

सरकार द्वारा गठित समिति ने सार्थक निर्णय नही लिया -रामकुमार सिन्हा*

 

*सरकार द्वारा गठित समिति ने सार्थक निर्णय नही लिया -रामकुमार सिन्हा*
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छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रामकुमार सिन्हा ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र दिये गये वादा को अमल में लाने के लिये विभिन्न संगठनों के मांग पर परिक्षण करने एवं निर्णय लेने हेतु प्रमुख सचिव छ. ग. शासन वाणिज्य एवं उधोग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग कि अध्यक्षता में समिति गठित किया गया है, उक्त समिति ने विधि एवं विधाय़ी विभाग से परामर्श व अभिमत चाहा है, विधि विभाग ने भी अंतिम अभिमत हेतु उच्च न्यायालय बिलासपुर महाधिवक्ता के पास भेजा दिया गया है,छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी  के प्रदेश पदाधिकारीयों ने महाधिवक्ता से मिलने गया था, जहां पता चला कि अभी तक अभिमत प्रदाय करने के संबंध में कोई निर्णय नही लिया गया है,
माननीय मुख्यमंत्री जी के अंतिम विचारों पर अपनी अभिमत दी जायेगी, जब सारे अधिकार माननीय मुख्यमंत्री महोदय के उपर है तो दुनिया भर गोल गोल घूमाने से कोई मतलब नही है, मुख्यमंत्री महोदय छत्तीसगढ़ीया दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हित में सार्थक निर्णय लें और घोषणा करें, यह जो जानकारी समिति द्वारा जो चाही जा रही है केवल औपचारिकता के लिये है! औपचारिक्ता वश जानकारी मांग मांगकर हमारे भावनाओं के साथ न खेलें विगत दो सालों से केवल शांत करने के लिये जानकारी चाही जा रही है किन्तु इस बात को संगठन समझ चुका है, जानकारी मांग में स्पष्ट वर्ष उल्लेख क्यों नही किया जा रहा है कौन से कौन से अवधि तक का लिया जाना है!
*सिधी भर्ती पर रोक लगाते हुये,दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों /श्रमिकों को समायोजन करें*

धनेली को स्मार्ट ग्राम बनाने का संकल्प--सरपंच संदीप वर्मा

 धनेली को स्मार्ट ग्राम बनाने का संकल्प--सरपंच संदीप वर्मा  


रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) पंचायती राज देश भर की रीढ़ मानी जाती है कहा जाता है यदि सही भारत के दर्शन करना है तो देश के ग्रामीण क्षेत्र में चले जाओ वहां हमारे देश की प्रचलित छोटी से छोटी और बड़े से बडे तीज, त्योहार ,धर्म,अध्यात्म,सम्मान संस्कार,परंपराएं,संस्कृति के साक्षात दर्शन हो जाएंगे, यही वजह है कि देश की लोक तांत्रिक पंचायती राज को  विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से केंद्र सरकार भिन्न भिन्न योजनाओं के माध्यम से उसके निरंतर प्रगति में आर्थिक सहयोग करती है तथा स्वस्थ,शिक्षा सहित मूलभूत समस्याओं का निराकरण करती है इसके लिए ग्राम प्रधान अथवा सरपंच का चुनाव वैधानिक लोकतांत्रिक  तरीके से मतदान के माध्यम से करवा कर ग्राम प्रतिनिधि  का चयन करती है ताकि ग्राम विकास निरंतर होता रहे तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जाने वाली विभिन्न जनहित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ  अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके इसके अनेक सुखद परिणाम भी परिलक्षित हो रहे है 

आज ग्रामीण क्षेत्र भी नवीन टेक्नोलॉजी से लेंस होते जा रहे है  शिक्षा स्वास्थ्य एवं मूलभूत समस्याओं का निराकरण भी शनैः शनैः हो रहा है जिन ग्रामीण क्षेत्रों  में कीचड़ से लथपथ मार्ग होते थे उसके स्थान पर सीसी सड़क अथवा डामरीकरण मार्ग ने ले लिया है लालटेन की मद्धम रौशनी ने अब एलईडी बल्ब की  तेज रौशनी ने ले लिया है  ग्रामीण क्षेत्रों में सदैव  फैले रहने वाली काली अंधियार को चीरती अब नवा अंजोर में परिवर्तित होकर प्रकाशमान हो गए है जिसकी रौशनी में पठन पाठन कार्य कर प्रतिभाशाली बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों से निकल रहे है छोटे छोटे नीम हकीम के स्थान पर बेहतर स्वास्थ्य केंद्र खुल चूके है जहां पर मौसम के संक्रमण बीमारी से लेकर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था हो गई यह सब पंचायती राज के सुराजी ग्राम का एक मात्र उदाहरण है  जहां के पूर्व चयनित सरपंचों द्वारा  विकास के कार्यों का ईमानदारी से क्रियान्वयन कर ग्राम विकास में अपना महती योगदान दिया जो अनवरत जारी है प्रदेश के अनेक  जनपद,विकासखंड भ्रमण से यह ज्ञात हुआ कि   नवयुग के भावी युवा पीढ़ी भी ग्राम विकास चाहती है 

यही कारण है कि धरसींवा विकास खंड के ग्राम धनेली  में इस बार मतदाताओं ने भरोसा जताते हुए समस्त युवा पीढ़ी को ग्राम  विकास की बागडोर सौंपी है मजबूत युवा कांधों ने इस बार  कर्मठ,जुझारू, सरपंच संदीप वर्मा के टीम की कप्तानी में कुल तेरह पंच भी है जो समस्त युवा सुशिक्षित है सरपंच संदीप वर्मा का कथन है कि ग्राम धनेली जो राजधानी रायपुर से मात्र बारह किलोमीटर की  दूरी में स्थित है उक्त ग्राम को हाईटेक आधुनिक बनाना है इसके लिए उन्हों ने सर्वप्रथम ग्राम पंचायत का जीर्णोद्धार कर भी दिया है इंटरनेट सुविधा के माध्यम से नवीन भवन में ग्राम सभा को आधुनिक ढंग से टेबल कुर्सी से सुसज्जित किया है प्रथम दृष्टया भान होता है कि यह किसी ऑफिस अथवा नगर पालिका का सभा कक्ष भवन हो उनकी कार्य शैली से यह ज्ञात होता है कि आधुनिक विचारधारा ही ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति बेहतर बना सकती है यही नही नवीन पंचायत भवन में शिक्षा क्षेत्र में योगदान देते हुए ग्राम पंचायत में अतिरिक्त लायब्रेरी बनाया गया है इसके लिए ग्राम के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के कॉम्पिटिशन एक्जाम  पठन पाठन हेतु सीजी यूपीएससी,पटवारी,एनडीए, सहित रोजगार पत्रिकाओं का समावेश किया गया है

धनेली सरपंच संदीप वर्मा ने आगे बताया कि ग्राम धनेली में कोरोना काल के कारण बहुत से विकास कार्य लंबित है जिन कार्यों की स्वीकृति अब तक मिल चुकी है उनमें मेला बाजार,तालाब में पचरी निर्माण, लायब्रेरी, सहित अनेक कार्य  है वही पर्यावरण प्रेमी धनेली उपसरपंच मोहनलाल चक्रधारी ने बताया कि ग्राम के मुक्तिधाम क्षेत्र में हरियाली प्रसार किया गया है जहां लगभग 2500 भिन्न भिन्न प्रजाति के फलदार फूलदार सायादार पेड़ लगाए गए है इस तारतम्य में  उन्होंने  छग की कांग्रेस सरकार को साधुवाद दिया कि बंजर पड़त भाटा भूमि में हरियाली प्रसार कर प्रदूषण से मुक्त शुद्ध ऑक्सीजन के लिए मानव हित मे पौधे रोपण जैसे महती कदम उठाया एवं मानव जीवन के लिए प्राणवायु की व्यवस्था हेतु ग्रामीण क्षेत्रों का चयन किया इससे क्षेत्र पूरी तरह हरियाली युक्त बन जाएंगे तथा असन्तुलित  तापमान,जलवायु में आंशिक परिवर्तन होगा इसके लिए उत्साही युवा मनीष कुमार रात्रे जो ग्राम पंचायत धनेली के पंच  शाला प्रबन्धन के उपाध्यक्ष  तथा समाज सेवक भी है उनके द्वारा अब तक अनेक मर्तबा ब्लड डोनेशन किया जा चुका है जिनके अथक प्रयास के माध्यम से  एक पूरा टीम उक्त ब्लड डोनेशन जैसे  सराहनीय कार्य मे संलग्न है उन्होंने बताया कि पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए उसके व्यापक प्रचार प्रसार के लिए एक छत्तीसगढ़ी गीत ..पेड़ लगाबो,जिनगी बचाबो शीर्षक से रचना की है जिसका वीडियो निर्माण कर यूट्यूब के माध्यम से प्रचार किया जाएगा..उन्होंने बताया कि ग्राम के मार्ग में 200 पेड़ अतिरिक्त लगाए जाएंगे तथा हरियाली प्रसार किया जाएगा पंच मनीष कुमार रात्रे ने बताया कि शिक्षा के अधिकार के तहत प्रत्येक बच्चे को शिक्षित बनाना है यदि देश को सुदृढ़ बनाना है तो प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करना अनिवार्य है इसके लिए हमारा प्रयास है कि ग्राम शाला का जीर्णोद्धार कर उसे आधुनिक हाईटेक स्कूल का रूप दिया जाए क्योंकि प्रायवेट एवं अन्य स्कूल में अधिक फीस होने के कारण अनेक ग्रामीण बच्चे इंग्लिश एवं अन्य आधुनिक टेक्नोलॉजी से वंचित रह जाते है जिसकी वजह से प्रतिभाशाली मेघावी बच्चे की प्रतिभा निखर नही पाती और वे पिछड़ जाते है हमारा उद्देशय यह है कि ग्राम के प्रत्येक बच्चों को बैठने की सुव्यवस्थित टेबल बेंच हो प्रत्येक कक्षाओं में  एलईडी टीवी लगी हो तथा उनके शारीरिक मानसिक,बौद्धिक विकास के समस्त व्यवस्था सुनिश्चित हो तभी ग्राम सही मायनों में विकास के मुख्यधारा से जुड़ेगा

वही पंच एव शाला प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न मानिकपुरी ने बताया कि दो अगस्त को शाला प्रवेश उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया शाला दो पाली में लगाई गई विधायर्थियों में उत्साह था तथा कोरोना प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखा गया उन्होंने बताया कि अधिक बच्चे आने पर उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया गया  तथा मास्क अनिवार्य रखा गया शाला प्रबन्धन समिति अध्यक्ष शत्रुघ्न मानिकपुरी ने आगे बताया कि शाला काफी पुराना तथा जीर्णशीर्ण अवस्था मे है जिसमे बाउंड्रीवॉल फेंसिंग सहित शौचालय,सहित अनेक कक्ष का निर्माण अति आवश्यक है इसके लिए योजना प्रस्तावित है शीघ्र ही इस संबन्ध में कारगर कदम उठाया जाएगा एवं स्मार्ट स्कूल निर्माण की परिकल्पना साकार की जाएगी वही ग्राम सचिव सन्तोष कुमार सार्वा ने बताया कि युवा सरपंच और पंच साथियों की वजह से ग्राम धनेली क्षेत्र में अनेक कार्य किए जाने प्रस्तावित है ग्राम में 16 महिला समूह सक्रिय है तथा उन्हें रोजगरउन्मुखी कार्यों में संलग्न किया गया है मनरेगा के तहत 200 ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराया गया प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल की सरकार की महत्वांकाक्षी योजना नरवा गरुवा घुरूवा बाड़ी योजना के तहत गौठान में गौधन खरीदी से लेकर बर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण किया जा रहा है बकरी एवं कुक्कुट पालन हेतु अतिरिक्त शेड निर्माण हो चुके है स्वच्छ भारत मिशन के तहत अतिरिक्त सूखा गीला कचरा निष्पादन हेतु शेड निर्माण किया है तथा बाड़ी कार्य अभी शिथिल है वही उप सरपंच मोहन लाल चक्रधारी ने बताया कि ग्राम की महिला समूह द्वारा मछली पालन कार्य किया जा रहा है उसकी सुरक्षा देखरेख एवं व्यवस्था समूह द्वारा संचालित है  ग्राम धनेली के उप सरपंच मोहन लाल चक्रधारी ने बताया कि ग्राम में नवसृजित रोजगार उन्मुखी कार्यों के लिए युवा पीढ़ी कटिबद्ध है तथा ग्राम में कोई बेरोजगार न रहे इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पूर्व में दो सौ परिवारों को प्राप्त हो चुका है वही नवीन सत्र में लगभग सौ आवास योजना का लाभ दिलाने स्वीकृत परिवार का नाम सार्वजनिक बोर्ड मे कर दिया गया है उपसरपंच चक्रधारी ने बताया कि युवा सरपंच संदीप वर्मा के कुशल मार्गदर्शन में आधुनिक विचारधारा के साथ ग्राम में निरंतर छग शासन की विभिन्न जनोन्मुखी कार्यों को करने कृत संकल्पित है तथा शेष कार्यकाल में यथा संभव जनहित कार्यों को संपन्न किया जाएगा उन्होंने कहा . सुघ्घर गांव, सुघ्घर गौठान ...केवल एक स्लोगन या नारा बन कर न रह जाए हमारी सोच वास्तविक धरा पर उपरोक्त शब्दो को उतार कर सार्थक करना है अर्थात जो कथनी है वही करनी होगी यही हमारा मूलमंत्र है अब इसमें हम कहां तक खरे उतरते यह समय बताएगा .