ग्राम पारागांव को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने प्रयासरत- सरपंच दिपेश्वरी नारायण पाल
श्रीमती दिपेश्वरी नारायण पाल सरपंच पारागांव
रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी जन कल्याणकारी योजना नरवा गरुवा,घुरूवा,बाड़ी, के सफल क्रियान्वयन के परिणाम अब सामने नज़र आ रहे है वही ग्रामीण क्षेत्रों के गौठान सहित अनेक रोजगार मूलक कार्यों के अनवरत निष्पादन के कारण ग्रामीण क्षेत्र के पुरुष श्रमिक आर्थिक सुदृढ़ता की ओर बढ़ रहे है तो वही ग्रामीण महिलाएं भी उक्त महती योजना अंतर्गत बाड़ी में साग सब्जी पशु पालन सहित अन्य निर्माण सामग्रियों का अनवरत उत्पाद कर आर्थिक लाभ अर्जित कर आत्मनिर्भर बन रही है जहां उपरोक्त शासन की योजना का लाभ संबंधित ग्राम पंचायत के ग्रामीण वर्ग उठा रहा है तो कुछ ग्राम पंचायतों में नरवा गरुवा घुरूवा बाड़ी योजना को लेकर विसंगतियां भी सामने आ रही है जिसके चलते ग्राम प्रतिनिधियों के स्वर मुखर होते जा रहे है उन्ही ऐसे मुखरित ग्राम पंचायतों में आरंग विकास खंड से लगे ग्राम पंचायत पारा गांव का नाम भी प्रमुखता से आता है जहां पर शासन के महत्वकांक्षी योजना नरवा गरुवा,घुरूवा बाड़ी का प्रमुखता के साथ सफल क्रियान्वयन तो किया जा रहा है परन्तु शासन के द्वारा संचालित विकासखण्ड में बैठे अधिकारी कर्मचारियों द्वारा समय पर राशि जारी नही की जाती जिसके चलते जन प्रतिनिधियों को ग्रामीणों के कोप भाजन का शिकार होना पड़ता है
श्री नारायण पाल प्रतिनिधि पारागांव पंचायत
समय पर राशि न मिलने पर योजनाओं पर भी विपरीत प्रभाव अलग पड़ता है पारागांव सरपंच दिपेश्वरी नारायण पाल ने बताया कि नरवा गरुवा घुरूवा बाड़ी योजना के तहत ग्राम की लगभग ग्यारह महिला स्व सहायता समूह कार्यरत है तथा उनके माध्यम से ही मुर्गी बकरी पशुपालन सहित 11 एकड़ वृह्द भूभाग के चार एकड़ में बाड़ी संचालित कर मौसमी सब्जियों की फसल ली जा रही है जिनमे मुख्यतः लौकी टमाटर कद्दू, केला तोरई, मिर्ची बरबट्टी,भाटा, गंवार फल्ली सहित अन्य छत्तीसगढ़ के पारंपरिक साग खट्टा भाजी इत्यादि की फसल ली जा रही है तथा उससे अतिरिक्त आय अर्जित कर स्वावलंबन बनकर आत्मनिर्भर बन रही है वही ग्राम पंचायत पारागांव के गौठान में अतिरिक्त चार एकड़ में संपादित फसल एवं कुक्कुट पालन में कार्यरत सफ़रा मां महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती आशमति बंजारे एवं सचिव मालती कोसले ने बताया कि सरपंच दिपेश्वरी नारायण पाल के द्वारा कुक्कट पालन तथा बकरी शेड निर्माण कराया गया है
यहां देशी मुर्गी,बकरी का पालन किया जा रहा है उसके आय से ही बाड़ी की व्यवस्था तथा महिला समूह को पारिश्रमिक प्राप्त हो रहा है उन्होंने बताया कि मौसमी फसल भी समय पर ली जा रही है फिर भी उत्पाद का उतना लाभ नही मिल पा रहा है जितना समिति को प्राप्त होना चाहिए इसके लिए शासन द्वारा अतिरिक्त राशि प्रदान किया जाना चाहिए ताकि इसे और विस्तार कर आर्थिक लाभ अर्जित किया जा सके ग्राम पंचायत पारागांव के सरपंच प्रतिनिधि नारायण पाल ने बताया कि शासन द्वारा गौठान के रख रखाव एवं व्यवस्था हेतु प्रदाय की जाने वाली दस हजार रुपये की राशि से गौठान की व्यवस्था असंभव है क्योंकि दो चरवाहे को ही उनके वेतन देने में राशि समाप्त हो जाती है प्रतिनिधि नारायण पाल आगे बताते है कि उपरोक्त दस हजार की राशि भी तीन से चार महीने में एक बार प्रदान की जाती है वही रोका छेका,तथा ग्राम क्षेत्र में स्थित खेत,फसल सुरक्षा की दृष्टि कोण से गौठान के माध्यम से चराई हेतु रखे जाने वाली गाय गरुवा के प्राकृतिक आपदा वर्षा अथवा बीमारी के कारण मृत होने पर इसका संपूर्ण दोषारोपण ग्राम पंचायत अथवा सरपंच के सर में मढ दिया जाता है
जिसके निराकरण हेतु सरपंच प्रतिनिधि नारायण पाल द्वारा गौठान क्षेत्र में ही अतिरिक्त टीन शेड निर्माण की अनुमति दी उन्होंने कहा कि वर्षा तथा मौसमी जनित बीमारी से गौ सुरक्षा हेतु उक्त शेड निर्माण का निर्णय लिया उनका मत था कि शासन द्वारा निर्माण कराए गए घास फूस से निर्मित शेड हर छह माह में क्षतिग्रस्त हो रहे है उसके पुनः निर्माण अथवा जीर्णोद्धार से पंचायत की अतिरिक्त राशि वहन करना पड़ ता है जो शासन वहन नही करती अतएव ऐसा टीन का मजबूत शेड निर्माण किया जाए कि गौ रक्षा सुनिश्चित की जा सके वही सरपंच दीपेश्वरी नारायण पाल ने महिला स्व सहायता समूह के द्वारा आय की विस्तृत जानकारी ग्राम सभा मे ली जहां पर गौठान व्यवस्था में व्यय राशि के साथ ही शेष राशि का बचत बताया गया जिसे अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं में समाहित करनें का निर्देश दिया ग्राम पंचायत पारा गांव की सरपंच श्रीमती दिपेश्वरी नारायण पाल के संबध में ग्राम वासियों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि वे सहज सरल,एवं मिलनसार सरपंच है तथा शासन की समस्त योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिलाने सदैव तत्पर रहती है
विशेषकर ग्रामीण महिलाओ के सशक्तिकरण,एवं आर्थिक, सामाजिक मुख्यधारा से जोड़ने उनका मुख्य प्रयास रहता है यही कारण है कि लगभग 13 महिला स्व सहायता समूह को आत्मनिर्भर बनाने उन्हें बाड़ी में साग सब्जी एवं मौसमी फसल उत्पाद सहित शासन द्वारा संचालित विभिन्न रोजगार के तहत अवसर मुहैया कराती है यही नही ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना जैसे संकट काल मे भी सभी प्रकार की सुविधाएं राशन से लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई शासन द्वारा वैक्सिनेशन शिविर लगवाकर कोरोना रोधक टीके कार्यक्रम संपादित करवाए ग्रामीणों ने सरपंच श्रीमती दिपेश्वरी नारायण पाल के संदर्भ में बताया कि रोजगार ग्यारंटी के तहत ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाए गए 14वे 15 वें वित्त की राशि से भी अनेक कार्य हुए जिसमे स्वस्थ एवं साफ सफाई हेतु सुखा गीला कचरा निष्पादन हेतु अतिरिक्त शेड निर्माण,ग्राम क्षेत्र में साफ सफाई आदि सम्मिलित है
ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष सोहन शर्मा एवं सन्तुपाल नेहरुद्दीन कुरैशी ने बताया कि गौठान में नियमित गौधन क्रय किया जा रहा है साथ ही वर्मीकम्पोस्ट खाद का उत्पाद किया जा रहा है मछली पालन हेतु गौठान के बगल में स्थित तालाब में व्यवस्था की गई है तथा अन्य योजना का सफल कार्य संपादित हो रहे है सरपंच प्रतिनिधि श्री नारायण पाल का उक्त सन्दर्भ में मत है कि शासन की योजना का लाभ प्रत्येक ग्रामीणों को मिले इसका पूरा ध्यान रखा जाता है कोई भी नई योजना के संदर्भ में जब ग्राम पंचायत अधिकारियों से मिलकर कार्य योजना को वास्तविक धरा पर जल्द क्रियान्वयन हेतु आवेदन दिया जाता है तो उनके द्वारा दोयम दर्जे का व्यवहार करते हुए अंतिम समय मे अनुमति दी जाती है जिसकी वजह से अनेक योजनाओं का समय पर सफल क्रियान्वयन होने में विलंब होता है
वही यदि योजनाओं के जल्द अनुमति दिए जाने हेतु विकासखण्ड अधिकारियों से निवेदन किया जाता है तब अधिकारियों का दो टूक जवाब कि यदि आपके पास राशि हो तो करवा लें नही तो योजना का धरा पर प्रारंभ की अनुमति समयनुसार प्रदान की जाएगी श्री पाल ने आगे बताया कि यदि योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कर भी दिया जाए तो शासकीय राशि प्रदान में विलंब किया जाता है इस नीति से श्रमिक वर्ग नाराज तो होता ही है साथ ही ग्राम पंचायत की योजनाएं भी बाधित होती है जबकि वही योजनाएं एवं राशि अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंचों को शीघ्र प्रदान कर दी जाती है तथा ग्राम पारागांव को जनकल्याणकारी योजनाओं के समय पर सफल क्रियान्वयन हेतु विलंब कर दिया जाता है जिससे भान होता है कि ग्राम पारागांव पंचायत के साथ ही दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है जो अनुचित है इससे ग्राम पंचायत सरपंच एवं पंचायत की छबि धूमिल तो होती ही है साथ ही शासन के द्वारा संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन न होने से सरकार की भी किरकिरी होती है जिसे विकास खंड में बैठे अधिकारियों को विचार करना होगा ग्राम पंचायत पारा गांव के ग्राम सभा में ग्राम सरपंच श्रीमती दिपेश्वरी नारायण पाल,सरपंच प्रतिनिधि नारायण पाल,गौठान समिति के सन्तुपाल,नेहरुद्दीन कुरैशी, ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष सोहन शर्मा सहित ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक सहित बड़ी संख्या में महिला स्व सहायता समूह की सदस्य एवं ग्रामीण उपस्थित थे







 
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