सुरवाणी के गायक सुर 'मा' रहिन मचाया धमाल श्रोता जमकर झूमे.मंच प्रस्तोताओं के गीत गाने को लेकर उठ रहे सवाल
रायपुर विगत दिवस मायाराम सुरजन हॉल में सुरवाणी म्यूज़िकल ग्रुप एवं मिशन पॉलिटिक्स मैगज़ीन के संयुक्त तत्वाधान में गीत संगीत का रंगारंग कार्यक्रम और सम्मान अलंकरण  समारोह का कार्यक्रम  संपन्न हुआ जिसमें एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति दी गई साथ ही वर्षों से कला साहित्य क्षेत्र में अपनी जीवन व्यतीत करने वाले विभूतियों का अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया यह प्रथम अवसर था जब किसी म्यूज़िकल संस्था ने ऐसे कलाकारों को सम्मान प्रदान किया इसका श्रेय सुरवाणी म्यूज़िकल ग्रुप के डायरेक्टर सुजीत यादव को जाता है जिन्होंने अपने पारखी नजरों से उन्हें तलाश कर उनकी प्रतिभा का समुचित मूल्यांकन कर जन मानस के सम्मुख प्रस्तुत किया और उन्हें समाजिक सम्मान से नवाजा जो अपने आप मे एक बेहतर प्रयास माना जा रहा है सुरवाणी म्यूज़िकल ग्रुप के इस संयुक्त प्रयास का सर्वत्र सराहना की जा रही है वही इस तारतम्य में गीत संगीत की सुर संध्या का आयोजन में जबरदस्त परफॉर्मेंस देखने और सुनने मिला
 जिसमे नवोदित गायको सहित बहुत से मंझे हुए गायकों ने एक से बढ़कर एक फिल्मी गीत की प्रस्तुति दी जिसे उपस्थित श्रोताओं ने भरपूर तरीके से सराहा सर्व प्रथम माता भजन से सुर संध्या का आगाज़ हुआ जिसे एंकर लक्ष्मी नारायण लाहोटी ने प्रस्तुत किया पश्चात महेंद्र मतेलकर ने हम बेवफा हरगिज न थे गीत से शुरुआत की जिसे उपस्थित श्रोताओं ने पसंद किया वही नवोदित गायक ओ मेरे दिल के चैन गीत के साथ ही डॉ.शशी खिरैय्या ने न तुम हमे जानो ..न हम तुम्हे जाने गीत ..की प्रस्तुति दी जिसे ताली की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया गया अगले क्रम के गायक महेश साहू ने दोस्त दोस्त न रहा गाया तो दीपक देवांगन ने ...फ़िल्म कुली का सारी दुनिया का बोझ हम उठाते है कि जबरदस्त प्रस्तुति दी तो फ़णेन्द्र देवांगन ने प्रेम रोग फ़िल्म का सुपरहिट गीत... अरे कुछ नही कुछ नही... गीत पर श्रोता झूमने लगे तो माही शर्मा के साथ बे खुदी में सनम उठ गए जो कदम गीत से वातावरण नए पुराने गीत संगीत के लय पर झूमने लगा
 वही उत्तम सूरज ने... ऐ ज़िंदगी गले लगा ले... और सलोचना सूची के युगल गीत मिल के न होंगे जुदा आ कसम खा ले... जैसे रूमानी गीत की प्रस्तुति दी तो मनीष राव ने.. हमने तुमको देखा.. गीत पर अस्सी नब्बे दशक के दौर में ले गए वही सी.के.रामटेके ने रफी साहब का गाया गीत..लाखों है निगाह में ...गीत को बहुत ही उम्दा ढंग से प्रस्तुति दी जिसे सभी श्रोताओं ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की जबकि सुरवाणी के डायरेक्टर सुजीत यादव का एक अलहदा रूप इस बार मंच पर दिखाई दिया किशोर कुमार का तेरा पीछा न मैं छोडूंगा ...और पूजा के साथ युगल गीत ओ मेरी जान बोल मेरी जान...मैं हूँ खलनायक..सुन बेलिया... जैसे गीत के अलावा उन्होंने मनहर,विनोद राठौर,कुमार शानू,एस. पी.बालासुब्रमण्यम सहित अन्य गायको की आवाज़  में गाए गीत को प्रस्तुत कर  सब श्रोताओं  को चौकने विवश कर दिया भिन्न भिन्न गायको की आवाज़ को अपने भीतर समेटे बहुमुखी प्रतिभा के धनी सुजीत यादव की गायकी में एक परिपक्वता झलकी तथा सभी  गायको की आवाज़ में उन्होंने प्रस्तुत गीतों के साथ पूरा न्याय करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी सुजीत यादव के इस नए स्वरूप ने उनके कद को ऊंचा किया है यही वजह है कि उनकी गायकी और समर्पण भाव को देखते हुए मिशन पॉलिटिक्स मैगज़ीन द्वारा लीजेंड किशोर के सम्मान से सम्मानित करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट की है वही मनोज मसंद पूजा का युगल गीत...जय जय शिव शंकर.. तेरा पीछा न मैं छोडूंगा सोनिए..जैसे गीत गाकर संपूर्ण माहौल में उत्साह और उमंग भर दिया अतिथि गायक के रूप में अनुराग ठाकुर ने या अली गीत ...के अलावा भी एक अन्य गीत को गाया जिसे कफ पसंद किया गया  वही माही शर्मा, रीना पनिका,पूजा सिंह,सलोचना सूची और वुमैन स्टार अनिता गजभिये ने अन्य गायकों के साथ इतना बेहतरीन तालमेल बैठाते हुए अपने गीतों की प्रस्तुति दी कि किसी भी गीत पर श्रोताओं को किसी प्रकार की टिप्पणी का कोई अवसर नही दिया इनकी युगल गायकी में सभी श्रोताओं ने ताली बजाकर,आनंद उठाया आवाज़ को सराहा वही मंच संचालन के साथ संचालक द्वय द्वारा गीत गाए जाने को लेकर भी स्वर मुखर होने लगे है बहुत से गायको की राय है कि मंच संचालक या तो मंच संचालन करे या फिर गीत ही गा ले मंच संचालन के साथ गीतों की प्रस्तुति से श्रोताओ में सुगबुगाहट बढ़ गई है कि  इस प्रकार की परंपरा से श्रोता यह समझ नही पाते है कि प्रस्तोता मंच संचालक है या गायक है ? इस ओर सभी मंच संचालकों को गंभीरता से विचार करना होगा 



 
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