नरवा योजना से बदली नागिनबहरा के किसानों की किस्मत,दो फ़सलों से आई ज़िंदगी में खुशहाली
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छग वनोदय पत्रिका में प्रकाशनार्थरायपुर /गरियाबंद (छग वनोदय )छग प्रदेश गौण खनिज सहित वन संपदा की प्रचुर मात्रा से लबरेज है इसके विभिन्न योजनाओं के माध्यम से न केवल इन्हें संरक्षण कर संवर्धित किया जा सकता है बल्कि जन हित से जुड़ी अनेक समस्याओं का निराकरण भी संभव है इसके लिए छग शासन द्वारा वन विभाग के भिन्न भिन्न मंडल कार्यालयों में जल संरक्षण के उद्देश्य से नरवा प्रोजेक्ट का सफल कार्य कैम्पा मद से संपादित किया जा रहा है
वर्तमान परसूली परिक्षेत्राधिकारी गरियाबंद वन मंडल
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वनों के ढलानी वन भूमि में प्रवाहित जल को एकत्रित कर उसका लाभ वन वासीयों के फसल उपज सहित वन्यप्राणीयों के पेयजल समस्या का निराकरण की संभावनाएं बढ़ गई है इसी नरवा प्रोजेक्ट के तहत जब प्राकृतिक संपदा से भरपूर गरियाबंद वन मंडल कार्यालय जो चारो ओर गगनचुंबी पर्वत श्रृंखला एवं सघन वन क्षेत्र से अटा पड़ा हुआ है वहां पहुंचने पर नरवा प्रोजेक्ट के तहत किए गए निर्माण कार्यों की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदली हुई नजर आई
इस संदर्भ में जब वन मंडल अधिकारी श्री मयंक अग्रवाल साहब से मुलाकात कर योजना के संदर्भ में जानकारी ली तब उन्होंने मुस्कुराते हुए योजना के बारे में बताया कि एक सही कदम से मानव की किस्मत बदल सकती है,इस कहावत को अक्षरशः सत्य साबित कर दिखाया गरियाबंद वन मंडल के छुरा परिक्षेत्र में विभाग द्वारा कराए गए नरवा विकास योजना के तहत नरवा निर्माण से वन क्षेत्रों में अतिरिक्त बहाव एवं कटाव को संरक्षित करने के उद्देश्य से वहां चेकडेम निर्माण कर जल बहाव के स्त्रोत का संचयन किया गया वन मण्डलाधिकारी श्री मयंक पांडे साहब जो ऊर्जावान के साथ बड़ी कर्तव्य निष्ठा से छग शासन की उक्त महती योजना नरवा योजना को मूल स्वरूप में पहुंचाने किसी प्रकार का कोई समझौता नही किया है जबकि कथित निर्माण क्षेत्र में वन्यप्राणी गजदल के अलावा हिंसक प्राणी भी बहुतायात संख्या में है फिर भी मैदानी अमले के जुझारू अधिकारी कर्मचारी अपने दायित्वों का बखूबी निर्वाहन करते हुए आज कथित क्षेत्र में वहां नरवा योजना के तहत निर्माण संपन्न कर योजना को मूर्त रूप प्रदान किया गया
जिस का लाभ आसपास ग्रामीणों को प्राप्त हो रहा है उन्होंने बताया कि गरियाबंद वन मण्डल अंतर्गत नरवा योजना का लाभ अब स्थानीय वनवासियों एवं ग्राम नागिनबहरा के किसानों को मिल रहा है जिससे वे गदगद है उन्होंने आगे बताया कि नागिन बहरा के ग्रामीण किसान जो पहले प्राकृतिक स्त्रोत वर्षा पर निर्भर रहते हुए बमुश्किल एक ही खरीफ़ फसल अपनी खेती पर कर पाते थे वो आज खरीफ़ ही नहीं बल्कि रबी फसल और साथ में साग-सब्जी भी उगा रहें हैं एक प्रकार से वे दोहरा तिहरा लाभ उठा कर आत्म निर्भर हो स्वावलंबी बन रहे है उन्होंने आगे बताया कि यह सब संभव हो सका है भूपेश सरकार के नरवा विकास योजना की वजह से,जिसके सही समय में सफल क्रियान्वयन से नागिनबहरा के किसानों की ज़िंदगी में खुशहाली आई है श्री मयंक अग्रवाल आगे बताते है कि नरवा निर्माण के समय स्थानीय ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया जिसका उन्हें अतिरिक्त लाभ प्राप्त हुआ
वही परिक्षेत्राधिकारी श्री अशोक भट्ट साहब जो एक परिपक्व, अनुभवी,एवं सुलझे हुए अधिकारी है उन्होंने बताया कि गरियाबंद वन मंडल के अंतर्गत छुरा वन परिक्षेत्र के गांव नागिनबहरा में दो नाले ताराझार और मुड़गा कटेल में नरवा विकास योजना के तहत बनाए गए चेकडेम,लूज बोल्डर चेकडेम जैसे 16855 संरचनाओं से यहां के 42 किसानों के 165 एकड़ कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो रहा है। इस संदर्भ में नागिनबहरा के किसान नीलकंठ बिंझवार से नरवा विकास योजना के संदर्भ तथा उससे मिल रहे लाभ के बारे में पूछा गया तब किसान नीलकंठ बिंझवार ने उत्साहित होकर बताया कि नाला बंधान और निर्माण से पूर्व दो साल पहले जब वो 4 एकड़ जमीन पर रबी फसल उगाए थे तब पानी की कमी की वजह से डेढ़ एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी पर इस साल साढ़े चार एकड़ जमीन में रबी फसल शुरू किया
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