वन विकास निगम द्वारा किए गए वृक्षारोपण से तीन ग्राम में बही हरियाली की बयार
जिनमे मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना भी एक है इसके अंतर्गत ऐसे हितग्राही जिनमे ग्राम पंचायते,संयुक्त वन प्रबंधन समिति,वन अधिकार पट्टे वितरण किए भूमि या धान की खेती वाले किसानों को सम्मिलित किया गया जिनकी भूमि पर वृक्षरोपण कार्यक्रम का त्वरित क्रियान्वयन कर प्रदेश को हरा भरा बनाने के उद्देश्य से द्रुत गति से कार्य किए जा रहे प्रदेश भर में वृक्षारोपण कार्यक्रम के माध्यम से अल्प काल मे ही चहुओर हरित क्रांति ला दी गई है अब इस योजना के दूरगामी परिणाम यह सामने आने लगे है कि प्रदेश के घटते वन रकबे को संयुक्त जनभागीदारी से वनों के संरक्षण सहित संवर्धित किए जाने को बल मिल रहा है साथ ही वन क्षेत्रों का विस्तार भी हो रहा है विभाग एवं जनभागीदारी के संयुक्त और संतुलित प्रयास से चहुंओर हरियाली का विस्तार भी हो चुका है तथा घोषणा अनुरूप मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन राशि से वनों के सहेजने,उनके संरक्षण सहित वृक्षों एवं पर्यावरण के प्रति आम लोगो मे जन जागरूकता का संचार हुआ है
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के माध्यम से जन जागृति का सीधा उदाहरण यह देखने मे आ रहा है कि कल तक वनों एवं अन्य स्थलों पर अंधाधुंध पातन कार्य होते थे उस पर भी अब ब्रेक लग चुका है तथा जन जगृति के चलते स्वयं आमजन कराए गए रोपण की सुरक्षा के लिए स्वयं तत्पर दिख रहे है उक्त योजना के ग्राम पंचायतों सहित सार्वजनिक अन्य स्थलों पर विभाग द्वारा कराए गए वृक्षारोपण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन वास्तव में काबिले तारीफ है जिसकी सभी वर्ग भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे है इसी कड़ी में रायपुर परिक्षेत्र के भिन्न भिन्न ग्राम पंचायतो के पड़त बंजर भाटा भूमि में हरियाली लाने सुखद कोशिश के परिणाम परिलक्षित हो रहे है ग्राम पंचायतों के माध्यम से क्षेत्रों में किए जा रहे वृह्द पैमाने पर अलग अलग प्रकार के मिश्रित प्रजाति के सफल रोपण अब जनता के साथ साथ अन्य विभाग के लिए प्रेणास्त्रोत भी बन रहे है छग वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के आनुषंगिक धड़ा छग राज्य वन विकास निगम बारनवापारा परियोजना मंडल रायपुर द्वारा भी रायपुर के लगभग तीन ग्रामों क्रमशः मानिकचौरी,जौंदी एवं आकोली कला क्षेत्र के ग्राम पंचायतो से मिले पत्र के अनुसार पड़त भाटा बंजर भूमि पर सफल वृक्षारोपण कार्य संपादित किया गया मात्र पांच माह के अंतराल में ही उसके बेहतर परिणाम अब देखने मिल रहे है इस संदर्भ में छग राज्य वन विकास निगम के बार परियोजना मंडल कार्यालय के परियोजना अधिकारी श्री ऋषि शर्मा ने बताया कि बार नवापारा परियोजना मंडल वन विकास निगम क्षेत्र के तीन ग्राम क्षेत्रों के माध्यम से पड़त बंजर भाटा भूमि मे सफल वृक्षा रोपण कार्य संपादित करने पत्र प्राप्त हुआ था जिसे शासन द्वारा प्राप्त राशि से संपादित कर बारनवापारा परियोजना मंडल कार्यालय के मैदानी कर्मचारीयों ने सौंपे गए दायित्वों का सफलता पूर्वक निर्वहन किया वही किस मद से रोपण किए पूछे जाने के संदर्भ में उन्होंने इसका निष्पादन शासकीय राशि से कार्य किया जाना बताया जबकि रोपण कार्य में संभावना जताई जा रही है कि वृक्षा रोपण कार्य औद्योगिक समाजिक उत्तरदायित्व के तहत आईपीडी योजना से शासन के माध्यम से प्राप्त राशि से उक्त तीनो ग्राम क्षेत्र मानिकचौरी,जौंदी, एवं आकोली कला के ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण किय गया है परिक्षेत्राधिकारी श्री ऋषि शर्मा का कथन है कि उक्त संपूर्ण योजना में छग राज्य वन विकास निगम के प्रबंध संचालक पी.सी.पांडे साहब एवं आर.जी.एम
मनोज पांडे साहब, डी. एम. शशि कुमार के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपादित हुआ है उन्होंने बताया कि बार नवापारा परियोजना के डी. एम. शशि कुमार आईएफएस 2018 बेच के अधिकारी है तथा युवा होने के साथ आधुनिक विचार धारा तथा कार्यों के प्रति संवेदनशील एवं निष्ठावान है ऊर्जावान अधिकारी शशि कुमार की सोच हमेशा कुछ नया करने की रही है तथा वे स्वयं रोपण क्षेत्र में पहुंचकर बारीकी से मॉनिटरिंग करते है एक प्रकार से नई लहर और नए उमंग के साथ अपने कार्यों को बखूबी अंजाम दे रहे है उन्होंने बताया कि वन भूमि में कार्य करना कोई व्यवधान नही होता परन्तु ग्रामीण क्षेत्र की राजस्व भूमि पर रोपण कार्य वह भी किसी विपरीत परिस्थितियों में हो तो कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है उन्होंने बताया इसके लिए परिक्षेत्राधिकारी एवं मैदानी अमले को ग्राम पंचायत एवं ग्रामीणों में परस्पर समन्वय स्थापित कर कार्यों को पूर्ण करवाना किसी चुनौती से कम नही होता परिक्षेत्राधिकारी श्री ऋषि शर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायतों में कार्य संपादित करवाना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है इसके लिए ग्रामवासियों को रोजगार के तहत श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर कार्यों पर संलग्न करना पड़ता है जिससे स्थिति उस वक्त विस्फोटक हो जाती है जब सभी आयु वर्ग के श्रमिक कार्यो में संलिप्त होना चाहते है जो संभव नही होता तब ग्राम पंचायत के सरपंच सहित समस्त पंचों एव जन प्रतिनिधि के द्वारा चयनित श्रमिको को कार्य देना पड़ता है तथा उनसे समन्वय स्थापित करना पड़ता है जो दुरूह एवं कठिन कार्य होता है ऐसी स्थिति अनेकों बार निर्मित हो चुकी फिर भी ग्राम पंचायत के सरपंच सहित पंचगण,जन प्रतिनिधि के परस्पर तालमेल एवं सहयोगात्मक रूप से कार्यों को संपादित कराया गया क्योंकि पूरे रोपण कार्यों में स्थानीय स्तर पर समस्त ग्रामवासियों को रोजगार ग्यारंटी के तहत कार्य देना असंभव था जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्रामीण श्रमिकों का चयन प्रक्रिया कर कार्यों को पूर्ण करवाया गया प्रतिदिन उन्हें कार्यों में संलग्नीकरण कर तीन बाई तीन के दूरी पर डेढ़
फीट गहरे गड्ढे खनन करवाए गए तथा मिश्रित प्रजाति के लगभग 40 हजार पौधों का सफल रोपण कार्य संपूर्ण तीनों ग्राम क्षेत्रों में संपादित किया गया तीनो ही ग्राम क्षेत्रों में क्रमशः ग्राम जौंदी में 11 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 14 हजार 300 पौधे जिनमे सात सौ पौधे केज्यूवल्टी के लिए रखे गए कुल संख्या 15000 से ऊपर रही ग्राम मानिकचौरी 13 हेक्टेयर भूमि पर 12 हजार 700 पौधे तथा 300 पौधे अतिरिक्त गिरने,मरने,अथवा ध्वस्त होने की स्थिति के सुधार हेतु रखे गए कुल 13000 हजार पौधे एवं आरंग स्थित ग्राम आकोली कला में 12 हेक्टेयर भूमि पर 13200 पौधों का रोपण किया गया जिसके सुधार कार्य हेतु पृथक 700 पौधे रखे गए कुल 14000 पौधों का रोपण कार्य किया गया रेंजर ऋषि शर्मा ने बताया कि अतिरिक्त पौधे इसलिए रखे जाते है कि रोपण कार्य वर्षा ऋतु में किया जाता है उक्त मौसम में अधिक वर्षा या अत्यधिक पानी ठहराव की वजह से रोपित पौधे क्षतिग्रस्त हो जाते है या मर जाते है उनके पुनः रोपण हेतु अतिरिक्त पौधे रखे जाते है ताकि रोपण शत प्रतिशत सफल हो परिक्षेत्राधिकारी ऋषि शर्मा ने आगे बताया कि प्लांटेशन पश्चात रोपण क्षेत्रों में उसकी सुरक्षा सबसे महती जिम्मेदारी होती है गाय गरूआ,मवेशी चराई एवं अज्ञात वाहनों के द्वारा गाड़ी ट्रेक्टर द्वारा उसको क्षति या ग्रामीणों के अनवरत आवागमन के रोकथाम हेतु विभाग द्वारा चारों ओर चैन लिंक,अथवा कांटेदार तारों से सीमेंट पोल के माध्यम से मजबूती के साथ फेंसिंग की जाती है ताकि रोपण क्षेत्र को क्षति ग्रस्त होने से बचाया जा सके पौधों के निरंतर सर्वाइव,एवं ग्रोथ के लिए समय समय पर डीएवीपी खाद सहित वर्मी कम्पोस्ट खाद दिए गए है लगातार सुरक्षा श्रमिको को नियुक्त किया गया ताकि रोपण क्षेत्र की निगरानी अनवरत होते रहे यही नही वास्तविक धरा पर रोपण स्थल का समय समय पर निरक्षण भी उच्च अधिकारियों के द्वारा की जाती है वन विकास निगम के अधिकारी प्रबंध संचालक पी.सी.पांडे.आर.जी.एम.मनोज पांडे साहब नए डी.एम.की कमान सम्हाले 2018 बेच के फ्रेशर आई. एफ.एस. अधिकारी शशि कुमार द्वारा कार्यों की समीक्षा एवं मॉनिटरिंग की जाती है
 
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