शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2021

रायपुर वन मंडल के द्वारा प्राकृतिक वन रोपण कार्य में जापानी पद्धति वरदान साबित हो रही

  रायपुर वन मंडल के द्वारा प्राकृतिक वन रोपण कार्य में जापानी पद्धति वरदान साबित हो रही 

रायपुर (छग वनोदय) प्राचीन काल से ही संपूर्ण पृथ्वी पर  वनों की एक विशाल श्रृंखला  थी जिसमें समस्त जलवायु का आनंद मानव जीवन एवं वन्य प्राणी वर्षों से लेता रहा था परन्तु बढ़ते अनियंत्रित जनसंख्या, अतिक्रमण कर वन क्षेत्रों में कांक्रीटीकरण तथा लगातार वनों पर मानव का दखल,उसके विदोहन से वनों के अस्तित्व पर भी संकट  बढ़ता गया परिणामतः प्रदेश में वनों का दायरा एवं क्षेत्रफल सिमट कर   40 प्रतिशत तक पहुंच गया वनों के संरक्षण, संवर्धन में प्रदेश का वन विभाग अनेक योजनाओं के माध्यम से उसे संरक्षित करने के प्रयास एवं इसके संवर्धन हेतु नए प्रयोग भी करता रहा है  तथा आज भी वनों के अस्तित्व को  अक्षुण्य बनाए रखने में छग प्रदेश का वन जलवायु परिवर्तन विभाग देशी,विदेशी आधुनिक तकनीक से किए जा रहे वृक्षारोपण की वजह से अब चटियल एवं पड़त भाटा भूमि भी हरीतिमा चादर ओढ़े वनों सदृश्य लगने लगे है रायपुर वन मण्डल के अंतर्गत आने वाले ऐसे अनेक चटियल मैदानी और पड़त भाटा भूमि थे जहां  रायपुर वन मण्डल अधिकारियों और मैदानी कर्मियों के लगातार अथकप्रयास,दृढ़ इच्छा शक्ति और विश्वास से क्षेत्र को हरीतिमा चादर ओढ़ाकर हरियाली प्रसार के विस्तार में अपनी कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण पेश किया है अब उसके सारगर्भित परिणाम भी सामने दिखने लगे है आधुनिक तकनीक के प्रयोग के वन क्षेत्रों की दिशा और दशा  में हरियाली की ऐसी प्राकृतिक छटा बिखेर रहा है कि आवागमन करते राहगीर , आम व्यक्ति मंत्रमुग्ध होकर प्राकृतिक  हरियाली छटा को निहारने स्वयं उसके पैर ठिठक रहे है तथा  नैसर्गिक वातावरण दर्शन में  लीन हो  रहे है चटियल मैदान में सफल हरियाली युक्त वतावरण निर्मित करने का प्रथम महती दायित्व एवं उसका श्रेय  रायपुर वन मंडल  अटल नगर को जाता है जहां ग्राम खंडवा के समीप स्थित क़ुर्रू  जल संधारण शुद्धिकरण केंद्र के समीप स्थित  लगभग 10 हेक्टेयर पडत भाटा मुरुमी भूमि  जहां सदैव वातावरण शुष्क रहता था तथा गर्मी एवं उमस से समीप स्थित ग्राम खंडवा के ग्रामीण एवं राहगीर सदैव परेशान रहते थे  रायपुर वन मंडल अतर्गत व्यर्थ पड़त भाटा भूमि के 10 हेक्टेयर विस्तृत भूभाग में वन  जैसी हरियाली विस्तार एवं प्रसार की योजना को अमली जामा पहनाने  वर्ष 2019-20 को एक आधुनिक प्रयोग के माध्यम से किए जाने का बीड़ा उठाया तथा एक वर्ष पश्चात उसके सार्थक,सफल वन के रूप मे दूरगामी  परिणाम भी परिदृश्य हो रहे है ग्राम खंडवा का उपेक्षित पड़त भाटा भूमि आज वन की भांति समदृष्य हो रहा है जहां  प्रदेश का रायपुर वन मंडल अंतर्गत आधुनिक पद्धति से कराए गए प्लांटेशन अब आम व्यक्ति को ही अपनी ओर आकर्षित नही कर रहे है  अपितु देशी,विदेशी पशु पक्षी को भी अपनी ओर आकर्षित कर उनके ठौर,ठिकाना के केंद्र बिंदु बनते जा  रहे है छग शासन के पर्यावरण प्रेमी वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा सत्ता में आते ही ऐसे बिगड़े वन क्षेत्र,पड़त भाटा भूमि  की दिशा में सुधार कार्यों को गति प्रदान की है जिसके सार्थक परिणाम अब जन मानस के समक्ष आ रहे है हरीतिमा युक्त क्षेत्र की दशा दिशा में व्यापक बदलाव कार्य कर नए प्लांटेशन,एवं आधुनिक तकनीक से वनों का विस्तार किया जा रहा है जिसके सफल क्रियान्वयन में वरिष्ठ पीसीसीएफ अधिकारी राकेश चतुर्वेदी  साहब वन बल प्रमुख के दिशा निर्देश एवं युवा ऊर्जावान डीएफओ विश्वेश कुमार झा साहब एवं चुनौती पूर्ण कार्यों का लंबा अनुभव रखने वाले अनुभवी कर्तव्यपरायण अधिकारी एसडीओ विश्वनाथ मुखर्जी के सफल मार्गदर्शन सहित परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा साहब के कुशल नेतृत्व  में बिगड़े वनों ,पड़त भाटा भूमि में हरियाली के विस्तार,हेतु आधुनिक पद्धति से नए प्लांटेशन का  सफल  निष्पादन किया गया  

नवा रायपुर अटल नगर के ग्राम खंडवा में कथित क्षेत्र में कराए गए सफल जापानी पद्धति का प्रयोग कर वनों का प्लांटेशन जिसे देखने के पश्चात यह कतई नही लगता कि इसे आधुनिक पद्धति से इसका विस्तार किया गया बल्कि ऐसा ज्ञात होता है कि प्राकृतिक ने स्वयं वन का निर्माण कर दिया हो  इस संदर्भ में वन मण्डलाधिकारी श्री विश्वेश कुमार झा साहब ने बताया कि मानव जीवन मे पेड़ पौधों की अति महत्वता का भान  हाल ही वैश्विक महामारी में महसूस किया गया था जिसके माध्यम से व्यक्ति को शुद्ध ऑक्सिजन कि अल्पता ने उनकी आंखें खोल दी परन्तु वैश्विक संक्रमण बीमारी प्रसार होने  के पूर्व से ही विभाग द्वारा कार्ययोजना बना कर इसे वास्तविक धरा पर  सफल रोपण कर प्रयोग प्रारंभ कर दिया था  औधौगिक घरानों के सामाजिक उत्तरदायित्व (सी.एस. आर.) के अंतर्गत वृक्षारोपण  कार्य  एन. टी. पी.सी.कोरबा एवं वृक्ष कटाई से प्राप्त मद के संयुक्त रूप से ग्राम खंडवा के क़ुर्रू जल संधारण शुद्धिकरण केंद्र के समीप पड़त भाटा भूमि पर वर्ष 2019-20में सफल आधुनिक जापानी पद्धति से  प्लांटेशन किया गया जैसा कि उपरोक्त वैश्विक महामारी में शुद्ध आक्सीजन की महत्वता का भान जिस प्रकार आम व्यक्तियों को हुआ उसे देखते हुए अब आम व्यक्ति पूरी तरह जागृत हो यह समझ चुका है कि  केवल पेड़ पौधों से ही शुद्ध आक्सीजन प्राप्त किया जा सकता है  इस दिशा में वन विभाग  ने पहल करते हुए रायपुर वन मण्डल परिक्षेत्रों में वृह्द स्तर पर पेड़ पौधों का प्लांटेशन कर हरियाली बिखेरने का प्रयास किया जो सफल भी हुआ  विशेषकर पड़त भाटा भूमि एवं पथरीले भूभाग, में  वर्ष 2019-20  में कराए गए प्लांटेशन अब अपने वास्तविक स्वरूप में आकार ले चुके है अब ऐसे प्लांटेशन युवा अवस्था में पहुंच चुके हैं  जिसकी हरियाली देखकर  ही आम व्यक्ति मंत्र मुग्घ हो रहा है

श्री विश्वनाथ मुखर्जी 
उप वन मण्डलाधिकारी
रायपुर वन मंडल

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इस रोपण के संबन्ध मे उप वन मण्डलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी ने वनों के विस्तार में लगातार प्रयास किए जा रहे है और अब उसके सारगर्भित परिणाम भी परिलक्षित हो रहे है  श्री मुखर्जी ने बताया कि ग्राम खंडवा के मुरुमी चट्टानी भूमि में प्लांटेशन करवाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी फिर भी उस चुनौती को स्वीकार कर नए आधुनिक जापानी तकनीक मियां अकिरा कोकी (वाकी) पद्धति से इसका विस्तार करने की सोची इसके लिए 1.2 हेक्टेयर भूभाग में लगभग तीन फीट गहरा मैदानी क्षेत्र को खनन करवाया गया तथा उसमें नारियल के छिलके, वर्मी कंपोस्ट  खाद सहित अन्य खाद,काली मिट्टी मिश्रण कर बिछाया गया पश्चात मिट्टी को पाटने के पूर्व ही उन गड्ढो में 28 प्रजाति के  वनों से लाए गए  वन पौधे को नियम अनुसार  रोपित कर दिया गया इसके आश्चर्य जनक परिणाम दिखे लगातार पौधे बड़ी   तृवता  से सर्वाइव करने लगे तथा माकूल आधुनिक खाद काली मिट्टी के मिश्रण से इनका  ग्रोथ भी आशाजनक रहा पश्चात इस आधुनिक पद्धति से 1.2 हेक्टेयर मे निर्मित वन को हमने प्राकृतिक को सौप दिया जिसके नैसर्गिक ऊर्जा, हवा पानी, एवं आहार से लगभग डेढ़ वर्ष में ही यह क्षेत्र जंगल समतुल्य हो गया श्री मुखर्जी साहब बताते है कि यह आधुनिक जापानी पद्धति डॉ. अकिरा मियां कोको  पद्धति के सफल परीक्षण और आए परिणाम से समूचा विभाग आल्हादित एवं गदगद  है तथा ऐसे और प्रयोग भविष्य में किए जाने पर विचार किया जा रहा है 


                   श्री सतीश मिश्रा 

           रायपुर वन मण्डल परिक्षेत्राधिकारी

            नवा रायपुर अटलनगर रायपुर

-----------------------------------------------------------रायपुर वन मंडल क्षेत्र के परिक्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा साहब कहते है कि किसी भी सफल प्लांटेशन का मूल मंत्र उसकी सुरक्षा है यदि सुरक्षा चाक चौबंद हो तो प्लांटेशन निश्चित रूप से सर्वाइव के साथ ग्रोथ भी करेंगे साथ ही मवेशियों,एवं दोहन कर्ताओं से भी  वनों के संरक्षण एवं पेड़ पौधों के संवर्धन में  सुरक्षा मिलेगी जिससे वनों के विस्तार को कोइ नही रोक सकता परिक्षेत्र अधिकारी श्री सतीश मिश्रा साहब ने आधुनिक जापानी पद्धति के संदर्भ में बताया कि जापान के डॉ. अकिरा मियां  वाकी के नाम पर ही उक्त पद्धति के नाम पड़ने की वजह बताई  जिनके द्वारा व्यर्थ नारियल अपशिष्ट के कवच,गौमूत्र,वर्मी कंपोस्ट, गोबर खाद काली मिट्टी,को उपयोगी बनाने के सफल अध्ययन एवं देहरादून से आए प्रशिक्षित अधिकारी के मार्गदर्शन पश्चात इसका प्रदेश में सर्व प्रथम प्रयोग रायपुर वन मण्डल के अंतर्गत नवा रायपुर अटल नगर  स्थित ग्राम खंडवा के क़ुर्रू जल फिल्टर प्लांट के बगल स्थल में  किया गया साथ ही प्रदेश के अनेक रोपण स्थलों पर अब इस आधुनिक पद्धति से रोपण  किया जा रहा है जिसके आशाजनक परिणाम सामने आ रहे है  उक्त पद्धति के माध्यम से कठोर भूमि पर रोपण व्यर्थ भू बस्थल के रेती, मृदा,चट्टानी,पथरीली,मुरुमी भूमि पर  उर्वरा क्षमता के बढाने के साथ रोपण के सफल परिणाम परिलक्षित हो रहे है जिसका उदाहरण नवा रायपुर के ग्राम खंडवा स्थित 1.2 हेक्टेयर में प्रयोग के रूप में कराए गए रोपण से अनुमान लगाया जा रहा है श्री सतीश मिश्रा साहब ने आगे बताया कि इस आधुनिक पद्धति से प्रदेश के बहुत से जिलों के अन्य वन मंडल में भी रोपण कार्यों में इस पद्धति से प्रयोग  किए जाने  की प्रेरणा मिली है तथा वे इस प्रयोग  को अंगीकार कर रहे है 


                   डिप्टी रेंजर ललित साहू 

           रायपुर वन मंडल नवा रायपुर अटल नगर 

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 डिप्टी रेंजर ललित साहू  नवा रायपुर ने बताया कि  वरिष्ठ अधिकारियों के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में यहां मिश्रित प्रजाति के लगभग 28 हजार मिश्रित जाति के पौधे लगाए गए है जिनमें कुल बेड संख्या क्रमशः 45से.मि. बाई 45 से.मि.के अंतराल मे रोपित 30मीटर 2.40 के  क्रमशः 18 बेड एवं 60 मीटर 2.40 के  36  बेड है जिनमे मिश्रित प्रजाति के 27हजार 750 पौधों का शत प्रतिशत सफल रोपण किया गया यही नही 8 हेक्टेयर भूभाग  में 3x3 के अंतराल में भिन्न भिन्न प्रजाति के पौधे रोपण  किए गए जो वर्तमान में वन सदृश्य प्रतीत हो रहा है शेष 8 हेक्टेयर  रोपण स्थल में शीशम,नीम, मुंडी,आंवला बेहड़ा, बांस,पेल्टाफाम अर्जुन,गुलमोहर,हर्रा,इमली, कटहल, सहित,अनेक फलदार,फूलदार,छायादार,पेड़ रोपित किए गए है जो अपने वास्तविक स्वरूप में आ गए है  डिप्टी रेंजर ललित साहू ने आगे बताया कि सघन वन के रूप में ग्राम खंडवा में रोपण पौधों  को एक मॉडल के रूप में प्लांटेशन किया गया है उन्होंने बताया  मानव दबाव एवं चराई से  सुरक्षा ही वनों के विस्तार में सबसे बड़ा मूलमंत्र है वही श्री सतीश मिश्रा का कथन है कि यदि मानव प्राकृतिक वनों की सुरक्षा कर ले तो उसे कभी कोरोना संक्रमण एवं अन्य संक्रमण व्याधियों से  मुक्त रहेगा उन्हें बताया कि कोरोना काल की आपात स्थिति में लोगों को  ऑक्सीजन एवं पेड़ पौधों की उपयोगिता समझ आ गई थी  जिसके चलते याब मानव को पर्यावरण एवं वनों का संरक्षण में अपना महती योगदान देना आवश्यक हो गया  है  रायपुर वन मण्डल द्वारा समीप स्थित ग्राम थनौद  में मुख्य मार्ग के बगल में स्थित वन महोत्सव के अवसर पर लगभग 3000 हजार पौधों का सफल पौधा रोपण कार्य किया गया था जो अब क्षेत्र में सघन वन क्षेत्र के रूप में विकसित हो रहा है उक्त क्षेत्र में मिश्रित प्रजाति के पौधा रोपण किया गया था जिनमे बांस बेहड़ा, अर्जुन,जामुन,आम,शिशु , आदि प्रमुख पौधे भी सम्मिलित थे जो अब  युवा अवस्था मे पहुंच गए है इनके सुरक्षा के भी व्यापक कदम उठाए गए थे जहां रोपण क्षेत्र के चारों ओर फेंसिंग चैन लिंक के द्वारा किया गया था तथा निरन्तर क्षेत्र में चौकीदार निगरानी करता रहता है ताकि पशु एवं कटाई से रोपण क्षेत्र को सुरक्षित रखा है सके वहां उपस्थित फॉरेस्ट गार्ड भूपेंद्र यादव से जब पौधों के संदर्भ में पूछा गया तब उसने बताया कि क्षेत्र में वन महोत्सव के समय वर्ष 2019-20 में पांच हजार तथा वर्ष 2021 में 3000 पौधे कुल आठ हजार पौधे यहां अपनी हरीतिमा छटा बिखेर रहे है तथा मुरुमी एवं काली मिट्टी युक्त क्षेत्र होने के कारण शात प्रतिशत रोपण सफल है वह रक्षक भूपेंद्र यादव ने बताया कि फलदार पेड़ों में अब फल और फूल निकलने प्रारंभ हो गए है ग्राम थनौद चौक के समीप क्षेत्र पूर्व की स्थिति से बेहतर हरा,भरा, घना क्षेत्र के रूप में विकसित हो चुका है 

इसके अलावा तर्रा नर्सरी के पृष्ठ मुरुमी भूभाग कक्ष क्रमांक 71 में भी बलॉक स्तर पर बांस 500 नीम 2500,बेल 2500,पेलटा फाम 900 गुलमोहर 2000 पौधों का रोपण किया गया जो लगभग 17 हेक्टेयर भूभाग में किया गया उक्त प्लांटेशन क्षेत्र को अतिक्रमण से सुरक्षा के साथ साथ हरियाली प्रसार के तहत किया जाना बताया 

ग्राम थनौद से लगे ग्राम के सुन्दरकेरा में भी साढ़े आठ हेक्टेयर भूभाग में असिंचित इमली,बांस,कचनार,नीम, जामुन,कहवा,गुलमोहर करन इत्यादि के मिश्रित पौधों का कैम्प मद से  वर्ष 2021 चालू वित्त वर्ष में सफल रोपण कार्य संपादित होना बताया गया यही नही ग्राम सुन्दरकेरा के मंडी क्षेत्र में भी वृक्षारोपण किया गया है जो अब अपनी बढ़त बनाए हुए है एवं क्षेत्र में हरियाली बिखेर रहे है इनकी सुरक्षा हेतु भी सीमेंट पोल के साथ चैन लिंक फेंसिंग की गई है  क्षेत्र में लगातार सुरक्षा श्रमिक के अलावा अधिकारी कर्मचारी निगरानी बनाए हुए है  जो भविष्य में इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे . 

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